Class 10, Science (Hindi)

Class 10 : Science (In Hindi) – Lesson 13. हमारा पर्यावरन

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔵 प्रस्तावना
हमारा पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व और विकास का आधार है। “पर्यावरण” शब्द का अर्थ है – हमारे चारों ओर मौजूद सभी जैविक (जीवधारी) और अजैविक (निर्जीव) घटक, जो मिलकर एक प्रणाली (system) बनाते हैं। पर्यावरण के घटक न केवल एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं, बल्कि वे ऊर्जा और पदार्थ का निरंतर आदान–प्रदान करते रहते हैं।
आज के समय में पर्यावरण का अध्ययन और संरक्षण और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि मानवीय गतिविधियाँ जैसे – वनों की कटाई, औद्योगिक प्रदूषण, रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग, प्लास्टिक कचरा, ओजोन परत का क्षय और जलवायु परिवर्तन – ने पारिस्थितिक संतुलन को खतरे में डाल दिया है।

🟡 पारितंत्र

परिभाषा
➡️ पारितंत्र एक ऐसा सुव्यवस्थित तंत्र है जिसमें जीवधारी (जैविक घटक) और उनका भौतिक परिवेश (अजैविक घटक) परस्पर क्रियाएँ करते हैं और इस प्रक्रिया में ऊर्जा तथा पोषक तत्त्वों का आदान–प्रदान होता है।
मुख्य घटक


🔵 अजैविक घटक – सूर्य का प्रकाश, जल, मिट्टी, वायु, तापमान


🟢 जैविक घटक –
उत्पादक (पौधे, शैवाल)
उपभोक्ता (शाकाहारी, मांसाहारी, सर्वाहारी)
अपघटक (जीवाणु, फफूंद, केंचुए)
उदाहरण
वन पारितंत्र – वृक्ष, झाड़ियाँ, जंगली जानवर, मिट्टी, नदियाँ
तालाब पारितंत्र – शैवाल, मछलियाँ, जल, पौधे, अपघटक

🟣 खाद्य शृंखला (Food Chain)
परिभाषा
➡️ जीवधारियों की वह क्रमबद्ध शृंखला जिसमें प्रत्येक जीव दूसरे जीव को खाकर ऊर्जा प्राप्त करता है, खाद्य शृंखला कहलाती है।


उदाहरण
घास → हिरण → शेर


विशेषताएँ
ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है।
सामान्यतः 3–4 पोषी स्तर तक सीमित रहती है।
प्रत्येक अगले स्तर पर ऊर्जा की मात्रा घटती है।

🔴 खाद्य जाल (Food Web)
वास्तविक जीवन में कोई भी जीव केवल एक ही प्रकार का भोजन नहीं करता। कई खाद्य शृंखलाएँ आपस में जुड़कर खाद्य जाल का निर्माण करती हैं।


👉 खाद्य जाल पारितंत्र को स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि यदि एक शृंखला टूट जाए तो अन्य शृंखलाएँ उस कमी की पूर्ति कर देती हैं।

🌿 ऊर्जा प्रवाह और 10% नियम
सूर्य → उत्पादक (प्रकाश संश्लेषण) → उपभोक्ता
ऊर्जा का प्रवाह हमेशा एकदिश होता है।
प्रत्येक पोषी स्तर पर केवल 10% ऊर्जा अगले स्तर तक पहुँचती है और शेष 90% ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है।
इसी कारण खाद्य शृंखला बहुत लंबी नहीं हो सकती।

🟢 पारितंत्र के प्रकार
प्राकृतिक पारितंत्र – जैसे वन, झील, नदी, समुद्र
कृत्रिम पारितंत्र – जैसे बगीचा, कृषि क्षेत्र, मत्स्य तालाब

🟡 अपशिष्ट और उनका प्रबंधन
अपशिष्ट के प्रकार


🔵 अपघट्य (Biodegradable) – कागज़, लकड़ी, कपड़ा, सब्ज़ी–फलों के छिलके


🟢 अनपघट्य (Non-biodegradable) – प्लास्टिक, काँच, धातु
प्रबंधन के उपाय – 3R सिद्धांत


♻️ Reduce – उपयोग कम करना
♻️ Reuse – पुनः प्रयोग करना
♻️ Recycle – पुनर्चक्रण करना
✔️ यदि हम 3R सिद्धांत अपनाएँ तो पर्यावरणीय समस्याएँ काफी हद तक कम हो सकती हैं।

🔴 ओजोन परत का क्षय


भूमिका
ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है।
यह किरणें यदि सीधे पहुँचें तो त्वचा कैंसर, नेत्र रोग और पौधों की क्षति कर सकती हैं।


क्षय का कारण
क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) गैसें
एरोसोल, रेफ्रिजरेटर, एयर–कंडीशनर से निकलने वाली गैसें


प्रभाव
स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
कृषि उत्पादन में कमी
जैव विविधता पर खतरा

🟣 मानव गतिविधियों के दुष्परिणाम
🔵 वनों की कटाई – मिट्टी का कटाव, जलवायु परिवर्तन
🟢 औद्योगिक प्रदूषण – वायु और जल प्रदूषण
🔴 प्लास्टिक कचरा – समुद्री जीवन पर विपरीत प्रभाव
🟠 रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक – मिट्टी की उर्वरता में कमी

🌿 अन्य पर्यावरणीय समस्याएँ
वैश्विक ऊष्मीकरण (Global Warming)
ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।


अम्ल वर्षा (Acid Rain)
कारखानों से निकलने वाली गैसें वायुमंडल में मिलकर अम्लीय वर्षा कराती हैं।


जैव विविधता का ह्रास
कई जीव–प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।

🟡 संरक्षण उपाय
🔵 वृक्षारोपण करना
🟢 जैविक खेती अपनाना
🔴 प्लास्टिक का उपयोग घटाना
🟠 नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन) का उपयोग
🟣 अपशिष्ट का पृथक्करण

🟠 संक्षेप (~200 शब्द)
“हमारा पर्यावरण” अध्याय में पर्यावरण की संरचना, पारितंत्र, खाद्य शृंखला–जाल और ऊर्जा प्रवाह का विस्तृत अध्ययन किया गया। पारितंत्र जीवधारियों और अजैविक परिवेश का संयुक्त तंत्र है जिसमें उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक प्रमुख घटक होते हैं। खाद्य शृंखला से ऊर्जा का प्रवाह एक दिशा में होता है, लेकिन केवल 10% ऊर्जा अगले स्तर तक पहुँचती है।


मानव की गतिविधियों – जैसे वनों की कटाई, औद्योगीकरण, रासायनिक पदार्थों का अत्यधिक प्रयोग और प्लास्टिक कचरे के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। अपशिष्ट को 3R सिद्धांत (कम करना, पुनः प्रयोग और पुनर्चक्रण) से नियंत्रित किया जा सकता है। ओजोन परत का क्षय और वैश्विक ऊष्मीकरण मानव अस्तित्व के लिए गंभीर खतरे हैं।
इसलिए, पर्यावरण का संरक्षण, संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रयोग और सतत विकास की अवधारणा अपनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

📝 त्वरित दोहरान
🔵 पारितंत्र = जीव + अजैविक घटक
🟢 खाद्य शृंखला = ऊर्जा का एकदिश प्रवाह
🔴 खाद्य जाल = स्थिरता
🟡 10% नियम = शेष ऊर्जा ऊष्मा में नष्ट
🟣 अपशिष्ट = अपघट्य व अनपघट्य
🌿 ओजोन परत = पराबैंगनी से सुरक्षा
⚡ पर्यावरणीय समस्याएँ = ग्लोबल वार्मिंग, अम्ल वर्षा, जैव विविधता का ह्रास

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पाठ्यपुस्त के प्रश्न



प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-से समूह में केवल जैव अपघट्य (Biodegradable) पदार्थ हैं—
(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलो के छिलके, कपड़े तथा नींबू का रस
(d) काँच, लकड़ी तथा घास
उत्तर 1.
✔️ जैव अपघट्य पदार्थ वे होते हैं जिन्हें अपघटक जीवाणु व फफूंद विघटित कर सकते हैं।
🔵 विकल्प (a): घास, पुष्प, चमड़ा — सभी प्राकृतिक रूप से सड़कर मिट्टी में मिल जाते हैं।
🟢 अतः सही उत्तर = (a)

प्रश्न 2. निम्नलिखित से कौन आहार शृंखला का निर्माण करते हैं—
(a) घास, बकरी तथा अमरूद
(b) घास, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, बकरी तथा बकरी
उत्तर 2.
✔️ आहार शृंखला में उत्पादक → प्राथमिक उपभोक्ता → द्वितीयक उपभोक्ता का क्रम होता है।
🔵 घास (उत्पादक) → बकरी (प्राथमिक उपभोक्ता) → मानव (द्वितीयक उपभोक्ता)
🟢 अतः सही उत्तर = (b)

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं—
(a) बाजार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना
(b) भोजन सामग्री को जला कर नष्ट करना तथा प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग करना
(c) माँ द्वारा स्कूल से विद्यालय छोड़ने के बाद तुरन्त विद्यालय बस पकड़ लेना
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर 3.
✔️ पर्यावरण-मित्र व्यवहार वह है जिससे प्रदूषण न फैले और संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रयोग हो।
🔵 (a) कपड़े का थैला ले जाना = अच्छा व्यवहार
🔵 (c) सार्वजनिक परिवहन/बस का प्रयोग = अच्छा व्यवहार
🟢 (b) प्रदूषण फैलाता है, अतः गलत है
➡️ सही उत्तर = (a) व (c)

प्रश्न 4. यदि हमारे द्वारा एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें) तो उसका अन्य पोषी स्तरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर 4.
🔵 यदि किसी स्तर के सभी जीव नष्ट हो जाएँ तो—
नीचे के स्तर पर अत्यधिक वृद्धि होगी (जैसे घास बढ़ेगी यदि हिरण नष्ट हो जाएँ)।
ऊपर के स्तर पर भोजन की कमी से जीव मरने लगेंगे।
✔️ इससे पूरी खाद्य शृंखला असंतुलित हो जाएगी।

प्रश्न 5. यदि किसी जीव को उसके प्राकृतिक शत्रुओं से बचाने के लिए उस जीव के सभी शत्रुओं को समाप्त कर दिया जाए, तो क्या होगा?
उत्तर 5.
🔵 ऐसा करने से शत्रु तो समाप्त हो जाएँगे परन्तु—
अन्य जीवों की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ेगी।
संतुलन बिगड़कर पारितंत्र का विनाश होगा।
✔️ इसलिए यह उपाय अव्यावहारिक है।

प्रश्न 6. जैविक आवर्धन (Biological Magnification) क्या है? क्या पारितंत्र की विभिन्न श्रेणियों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव पड़ता है और किस–किस प्रकार?
उत्तर 6.
🔵 परिभाषा – हानिकारक रसायनों (जैसे DDT, कीटनाशक) का सान्द्रण खाद्य शृंखला में ऊपर जाते–जाते बढ़ता जाता है।
🟢 प्रभाव –
पौधों में कम मात्रा → शाकाहारियों में अधिक
मांसाहारियों में और अधिक
शीर्ष उपभोक्ता (मानव) में सबसे अधिक
✔️ यह स्वास्थ्य व पारितंत्र दोनों के लिए हानिकारक है।

प्रश्न 7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव अपघट्य अपशिष्ट करने से कौन–सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर 7.
🔵 मुख्य समस्याएँ –
मिट्टी, जल व वायु प्रदूषण
भूमि की उर्वरता घटती है
प्लास्टिक जानवरों द्वारा खाने पर मौत का कारण
नालियों का अवरुद्ध होना
✔️ ये अपशिष्ट लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं।

प्रश्न 8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव अपघट्य होता तो क्या इसका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ता?
उत्तर 8.
✔️ यदि सारा कचरा जैव अपघट्य होता तो—
अपघटक उसे विघटित कर मिट्टी में मिला देते।
मिट्टी की उर्वरता बढ़ती।
प्रदूषण लगभग समाप्त हो जाता।
➡️ अतः पर्यावरणीय समस्याएँ कम हो जातीं।

प्रश्न 9. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर 9.
🔵 ओजोन परत की क्षति = पराबैंगनी किरणों का सीधा प्रभाव
त्वचा कैंसर, नेत्र रोग, प्रतिरक्षा तंत्र पर असर
पौधों की वृद्धि बाधित
जलीय जीवन पर हानि
🟢 रोकथाम हेतु कदम –
CFC का प्रयोग रोकना
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल लागू करना
वैकल्पिक शीतलन गैसों का प्रयोग
✔️ इन उपायों से ओजोन परत का क्षय कम किया जा सकता है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


प्रश्न 1. कौन–सा पदार्थ जैव अपघट्य है?
काँच
प्लास्टिक
चमड़ा
टिन
उत्तर: 3


प्रश्न 2. अपघटक कौन–सा है?
शेर
बैक्टीरिया
हिरण
मानव
उत्तर: 2


प्रश्न 3. खाद्य शृंखला में ऊर्जा का प्रवाह किस दिशा में होता है?
उत्पादक से उपभोक्ता की ओर
उपभोक्ता से उत्पादक की ओर
उपभोक्ता से अपघटक की ओर
दोनों दिशा में
उत्तर: 1


प्रश्न 4. ओजोन परत हमें किससे बचाती है?
अवरक्त किरणें
पराबैंगनी किरणें
दृश्यमान प्रकाश
एक्स–किरणें
उत्तर: 2


प्रश्न 5. 3R सिद्धांत में “Reuse” का अर्थ है—
प्रयोग कम करना
पुनः प्रयोग करना
पुनर्चक्रण करना
ऊर्जा का नाश करना
उत्तर: 2


प्रश्न 6. खाद्य जाल क्या है?
केवल एक शृंखला
कई शृंखलाओं का नेटवर्क
केवल उत्पादक व उपभोक्ता का संबंध
कोई नहीं
उत्तर: 2


प्रश्न 7. कौन–सा अपशिष्ट अनपघट्य है?
सब्ज़ी का छिलका
फल का रस
प्लास्टिक
कपड़ा
उत्तर: 3


प्रश्न 8. ऊर्जा प्रवाह का “10% नियम” किसने दिया?
चार्ल्स डार्विन
लिंडेमन
मेंडल
न्यूटन
उत्तर: 2


प्रश्न 9. पारितंत्र में शीर्ष उपभोक्ता कौन होते हैं?
शाकाहारी
शेर जैसे मांसाहारी
पौधे
कवक
उत्तर: 2


प्रश्न 10. “जैविक आवर्धन” का प्रभाव किस पर सबसे अधिक पड़ता है?
उत्पादक
शाकाहारी
शीर्ष उपभोक्ता
अपघटक
उत्तर: 3

कथन–कारण प्रश्न (Q11–Q20)
प्रश्न 11.
कथन (A): अपशिष्ट का पृथक्करण पर्यावरण संरक्षण हेतु आवश्यक है।
कारण (R): अपघट्य व अनपघट्य अपशिष्ट का प्रबंधन भिन्न–भिन्न तरीके से किया जाता है।
दोनों A और R सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है।
दोनों A और R सत्य हैं पर R सही व्याख्या नहीं है।
A सत्य है, R असत्य है।
A असत्य है, R सत्य है।
उत्तर: 1


प्रश्न 12.
कथन (A): ओजोन परत पृथ्वी को अवरक्त किरणों से बचाती है।
कारण (R): ओजोन परत पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है।
उत्तर: 3


प्रश्न 13.
कथन (A): ऊर्जा प्रवाह बहुदिशीय होता है।
कारण (R): प्रत्येक स्तर पर 10% ऊर्जा अगले स्तर तक जाती है।
उत्तर: 3


प्रश्न 14.
कथन (A): अपघटक पदार्थों को पुनः मिट्टी में मिलाते हैं।
कारण (R): अपघटक प्रकाश संश्लेषण करते हैं।
उत्तर: 3


प्रश्न 15.
कथन (A): खाद्य शृंखला बहुत लंबी हो सकती है।
कारण (R): ऊर्जा प्रत्येक स्तर पर समान रूप से स्थानांतरित होती है।
उत्तर: 4


प्रश्न 16.
कथन (A): 3R सिद्धांत पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान है।
कारण (R): यह अपशिष्ट की मात्रा को घटाता है।
उत्तर: 1


प्रश्न 17.
कथन (A): जैविक आवर्धन से शीर्ष उपभोक्ता सबसे कम प्रभावित होते हैं।
कारण (R): वे बहुत कम मात्रा में भोजन करते हैं।
उत्तर: 4


प्रश्न 18.
कथन (A): प्राकृतिक पारितंत्र में ऊर्जा का स्रोत सूर्य है।
कारण (R): पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलते हैं।
उत्तर: 1


प्रश्न 19.
कथन (A): अपशिष्ट जल को बिना उपचारित छोड़ा जाना पर्यावरण–मित्र कार्य है।
कारण (R): इससे जल प्रदूषण नहीं होता।
उत्तर: 4


प्रश्न 20.
कथन (A): प्लास्टिक अपशिष्ट लंबे समय तक पर्यावरण में बना रहता है।
कारण (R): यह अनपघट्य पदार्थ है।
उत्तर: 1

Section B (Q21–Q26, 2 अंक वाले)
प्रश्न 21. खाद्य शृंखला की परिभाषा दीजिए।
उत्तर 21.
✔️ जीवों की वह श्रृंखला जिसमें एक जीव दूसरे पर भोजन हेतु निर्भर करता है, खाद्य शृंखला कहलाती है।


प्रश्न 22. 3R सिद्धांत समझाइए।
उत्तर 22.
🔵 Reduce = प्रयोग घटाना
🟢 Reuse = पुनः प्रयोग
🔴 Recycle = पुनर्चक्रण


प्रश्न 23. ओजोन परत की क्षति का एक कारण लिखिए।
उत्तर 23.
✔️ क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) गैसें


प्रश्न 24. खाद्य जाल का महत्त्व बताइए।
उत्तर 24.
✔️ यह पारितंत्र को स्थिरता देता है क्योंकि यदि एक शृंखला टूटे तो अन्य उसे पूरा कर देती हैं।


प्रश्न 25. अपशिष्ट के प्रकार बताएँ।
उत्तर 25.
🔵 अपघट्य
🟢 अनपघट्य


प्रश्न 26. जैव विविधता का ह्रास क्यों हो रहा है?
उत्तर 26.
✔️ वनों की कटाई, प्रदूषण, औद्योगीकरण और शिकार के कारण।

Section C (Q27–Q33, 3 अंक वाले)
प्रश्न 27. पारितंत्र के घटकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर 27.
🔵 अजैविक घटक – मिट्टी, जल, वायु, तापमान
🟢 जैविक घटक – उत्पादक, उपभोक्ता, अपघटक


प्रश्न 28. ऊर्जा प्रवाह का 10% नियम स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 28.
✔️ प्रत्येक पोषी स्तर पर 90% ऊर्जा ऊष्मा में नष्ट होती है, केवल 10% अगले स्तर तक पहुँचती है।


प्रश्न 29. अपघटक की भूमिका क्या है?
उत्तर 29.
✔️ वे मृत जीवों के अवशेषों को विघटित करके पोषक तत्व मिट्टी में लौटाते हैं।


प्रश्न 30. ग्लोबल वार्मिंग क्या है और इसके प्रभाव लिखिए।
उत्तर 30.
🔵 परिभाषा: ग्रीनहाउस गैसों की वृद्धि से पृथ्वी का तापमान बढ़ना।
🟢 प्रभाव: हिमनद पिघलना, समुद्र–स्तर वृद्धि, जलवायु असंतुलन।


प्रश्न 31. अम्ल वर्षा कैसे होती है?
उत्तर 31.
✔️ कारखानों से निकली SO2 व NO2 गैसें वर्षा जल में मिलकर H2SO4 और HNO3 बनाती हैं।


प्रश्न 32. ओजोन परत के क्षय के दो दुष्प्रभाव लिखिए।
उत्तर 32.
त्वचा कैंसर
नेत्र रोग


प्रश्न 33. अपशिष्ट प्रबंधन के उपाय लिखिए।
उत्तर 33.
✔️ 3R सिद्धांत अपनाना, पृथक्करण करना, जैविक खाद बनाना।

Section D (Q34–Q36, 5 अंक वाले)
प्रश्न 34. “पारितंत्र” की संरचना और कार्यप्रणाली का विवेचन कीजिए।
उत्तर 34.
परिभाषा: जीव + अजैविक घटक
घटक: उत्पादक, उपभोक्ता, अपघटक
ऊर्जा प्रवाह: सूर्य से शुरू होकर उपभोक्ता स्तरों तक
पदार्थ चक्रण: जल, कार्बन, नाइट्रोजन चक्र


प्रश्न 35. जैविक आवर्धन (Biological Magnification) का वर्णन कीजिए।
उत्तर 35.
परिभाषा: हानिकारक रसायनों का सान्द्रण ऊपर के स्तरों पर अधिक होना
उदाहरण: DDT
प्रभाव: शीर्ष उपभोक्ता सबसे अधिक प्रभावित


प्रश्न 36. “ओजोन परत का क्षय मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 36.
UV किरणें सीधे धरती पर आने लगती हैं
त्वचा रोग व कैंसर
नेत्र–दृष्टि पर असर
फसलों व समुद्री जीवन को हानि

Section E (Q37–Q39, 4 अंक प्रत्येक, केस–आधारित)
प्रश्न 37. निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
“किसी नगर में प्लास्टिक का अत्यधिक प्रयोग हो रहा था। नालियाँ बंद हो गईं और पशु प्लास्टिक खाकर मरने लगे।”
(i) यह समस्या किस प्रकार के अपशिष्ट से जुड़ी है?
(ii) इसके दो समाधान लिखिए।
उत्तर 37.
(i) अनपघट्य अपशिष्ट
(ii) प्लास्टिक निषेध, पुनर्चक्रण

प्रश्न 38. “एक गाँव में सभी किसानों ने रासायनिक कीटनाशकों का अधिक प्रयोग शुरू किया। कुछ वर्षों बाद देखा गया कि कई पक्षी और मछलियाँ विलुप्त हो गईं।”
(i) यह स्थिति किस प्रक्रिया को दर्शाती है?
(ii) इसके प्रभाव क्या हैं?
उत्तर 38.
(i) जैविक आवर्धन
(ii) जैव विविधता की हानि, खाद्य जाल असंतुलित

प्रश्न 39. “एक क्षेत्र में वनों की कटाई कर दी गई। वहाँ की मिट्टी बंजर हो गई और वर्षा का जल बहकर चला गया।”
(i) यह स्थिति किस कारण से उत्पन्न हुई?
(ii) दो निवारण उपाय लिखिए।
उत्तर 39.
(i) वनों की कटाई
(ii) वृक्षारोपण, मृदा संरक्षण उपाय

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