Class 9 : Social Science (In Hindi) – Lesson 8. अपवाह तंत्र
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔵 विस्तृत व्याख्या (~900 शब्द)
🔴 परिचय और परिभाषा
🌾 अपवाह किसी क्षेत्र के जल प्रवाह का प्राकृतिक तंत्र है, जिसमें नदियाँ, सहायक नदियाँ, धाराएँ, झीलें, जलाशय और भूमिगत जल का प्रवाह शामिल होता है। यह तंत्र वर्षा जल, हिमनद पिघलने या अन्य स्रोतों से जल को समुद्र, झील या किसी अन्य जल निकाय तक पहुँचाता है।
🍚 भारत का अपवाह तंत्र विविध स्थलरूपों, जलवायु परिस्थितियों और भूवैज्ञानिक संरचनाओं से प्रभावित है। यह नदियाँ कृषि, पेयजल, उद्योग, मत्स्य पालन, जलविद्युत और सांस्कृतिक जीवन का आधार प्रदान करती हैं।
🔴 भारत के अपवाह तंत्र का वर्गीकरण
🌾 भारत का अपवाह मुख्यतः दो प्रमुख जल अपवाह क्षेत्रों में बाँटा जाता है—
1️⃣ बंगाल की खाड़ी अपवाह क्षेत्र: अधिकांश नदियाँ इसी में गिरती हैं।
2️⃣ अरब सागर अपवाह क्षेत्र: शेष नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं।
📊 इसके अतिरिक्त कुछ अंतर्देशीय अपवाह क्षेत्र भी हैं, जहाँ नदियाँ समुद्र तक नहीं पहुँचतीं।
🔴 हिमालयी नदियाँ — विशेषताएँ
🌾 हिमालयी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु हिमानी व हिमालय के झरनों से निकलती हैं।
🍚 ये नदियाँ बारहमासी हैं—साल भर जल प्रवाह बनाए रखती हैं।
🏭 इनका प्रवाह लंबा और स्थिर होता है, जिससे यह सिंचाई, नौपरिवहन और जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं।
📦 इनके डेल्टा क्षेत्र उपजाऊ भूमि और घनी जनसंख्या के कारण आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
🔴 प्रायद्वीपीय नदियाँ — विशेषताएँ
🌾 गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा और तापी प्रायद्वीपीय नदियों के उदाहरण हैं।
🍚 ये नदियाँ प्राचीन कठोर चट्टानों पर बहती हैं और इनका प्रवाह मार्ग छोटा व तीव्र ढाल वाला होता है।
🏭 अधिकांश प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा आधारित होती हैं, अतः मौसमी परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं।
📊 नर्मदा और तापी पश्चिम की ओर अरब सागर में गिरती हैं, जबकि शेष नदियाँ बंगाल की खाड़ी की ओर।
🔴 बंगाल की खाड़ी अपवाह क्षेत्र
🌾 लगभग 77% नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
🍚 गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना तंत्र विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा बनाता है—सुंदरबन डेल्टा।
🏭 महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी जैसी प्रायद्वीपीय नदियाँ भी इसी क्षेत्र में शामिल हैं।
📦 यह क्षेत्र घनी कृषि, मत्स्य पालन, आर्द्रभूमियों और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
🔴 अरब सागर अपवाह क्षेत्र
🌾 लगभग 23% नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं।
🍚 नर्मदा और तापी पश्चिम की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं, जो संकीर्ण घाटियों से होकर गुजरती हैं।
🏭 छोटी पश्चिमी तटीय नदियाँ तीव्र प्रवाह और गहरे घाटी स्वरूप बनाती हैं।
📊 अरब सागर अपवाह क्षेत्र समुद्री व्यापार मार्गों और तटीय पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्त्वपूर्ण है।
🔴 अंतर्देशीय अपवाह
🌾 कुछ नदियाँ जैसे लूनी समुद्र तक नहीं पहुँचतीं।
🍚 वे शुष्क व अर्ध-शुष्क क्षेत्रों (जैसे थार मरुस्थल) में लुप्त हो जाती हैं या लवणीय झीलों में समाप्त हो जाती हैं।
🏭 यह क्षेत्र सीमित जल संसाधनों वाला है, जहाँ भूमिगत जल और कृत्रिम जलाशयों का महत्व अधिक है।
🔴 नदियों का आर्थिक महत्व
🌾 नदियाँ सिंचाई प्रदान करती हैं जिससे खाद्यान्न उत्पादन बढ़ता है।
🍚 जलविद्युत बाँध ऊर्जा उत्पादन का स्रोत हैं।
🏭 नदियों पर आधारित मत्स्य पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देता है।
📦 ऐतिहासिक नगर और व्यापार मार्ग नदियों के किनारे विकसित हुए—जैसे वाराणसी, कोलकाता।
📊 पर्यटन और धार्मिक मेलों में भी नदियाँ केंद्रीय भूमिका निभाती हैं।
🔴 पर्यावरणीय और सांस्कृतिक भूमिका
🌾 नदियाँ पारिस्थितिकी तंत्र को पोषण देती हैं—दलदली क्षेत्र, वनस्पति, पशु-पक्षी इनसे जुड़े हैं।
🍚 गंगा, यमुना, गोदावरी जैसी नदियाँ धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र हैं।
🏭 अपवाह तंत्र जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक है।
📊 प्रदूषण और अति दोहन से इनकी सुरक्षा अत्यावश्यक है।
🔴 चुनौतियाँ और संरक्षण
🌾 नदी प्रदूषण, अवैध रेत खनन, बाँधों से प्रवाह अवरोध, और जलवायु परिवर्तन प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
🍚 जल संसाधनों का सतत उपयोग, नदी पुनर्जीवन परियोजनाएँ और सामुदायिक सहभागिता से अपवाह तंत्र का संरक्षण संभव है।
🏭 एकीकृत जल प्रबंधन और वर्षा जल संचयन भी आवश्यक उपाय हैं।
📦 नदी-तट वनों का पुनर्वास बाढ़ नियंत्रण और पारिस्थितिक संतुलन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
📝 सारांश (~200 शब्द)
🌾 अपवाह वह प्राकृतिक तंत्र है, जिससे नदियाँ और धाराएँ जल को समुद्र या झीलों तक ले जाती हैं।
🍚 भारत का अपवाह तंत्र दो बड़े भागों में बाँटा जाता है—बंगाल की खाड़ी अपवाह (लगभग 77%) और अरब सागर अपवाह (लगभग 23%)। कुछ नदियाँ जैसे लूनी अंतर्देशीय अपवाह क्षेत्रों में लुप्त हो जाती हैं।
🏭 हिमालयी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र बारहमासी हैं और डेल्टा बनाती हैं। प्रायद्वीपीय नदियाँ जैसे गोदावरी, कृष्णा वर्षा आधारित और अपेक्षाकृत छोटी हैं।
📊 अपवाह तंत्र सिंचाई, पेयजल, मत्स्य पालन, जलविद्युत, परिवहन और धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का आधार है।
📦 नदियों का संरक्षण और सतत प्रबंधन भारत की आर्थिक और पारिस्थितिक स्थिरता के लिए अनिवार्य है।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🌾 अपवाह = जल प्रवाह का प्राकृतिक नेटवर्क।
🍚 दो मुख्य क्षेत्र – बंगाल की खाड़ी (77%), अरब सागर (23%)।
🏭 हिमालयी नदियाँ बारहमासी, प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी।
📊 लूनी जैसी नदियाँ अंतर्देशीय अपवाह।
📦 आर्थिक, पारिस्थितिक, सांस्कृतिक महत्त्व – सिंचाई, जलविद्युत, मत्स्य पालन, पर्यटन।
🛑 संरक्षण जरूरी – प्रदूषण नियंत्रण, सतत जल प्रबंधन।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1: दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
(i) बूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
🟠 (a) राजस्थान
🟡 (b) पंजाब
🟢 (c) जम्मू-कश्मीर
🔴 (d) उत्तर प्रदेश
✅ उत्तर: 🌾 (c) जम्मू-कश्मीर
(ii) नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से है?
🟠 (a) सतपुड़ा
🟡 (b) अमरकंटक
🟢 (c) हिमालय
🔴 (d) अरावली
✅ उत्तर: 🍚 (b) अमरकंटक
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी तटीय जलवाली झील है?
🟠 (a) सांभर
🟡 (b) कूलर
🟢 (c) चिल्का
🔴 (d) गोविंद सागर
✅ उत्तर: 🏭 (c) चिल्का
(iv) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी नहीं है?
🟠 (a) नर्मदा
🟡 (b) गोदावरी
🟢 (c) महानदी
🔴 (d) कृष्णा
✅ उत्तर: 📦 (a) नर्मदा
(v) निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी नदी प्रशांत से होकर बहती है?
🟠 (a) महानदी
🟡 (b) कृष्णा
🟢 (c) तुंगभद्रा
🔴 (d) तापी
✅ उत्तर: 🌾 (d) तापी
🔵 प्रश्न 2: संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
(i) जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 जल विभाजक वह ऊँचा स्थलरूप या पर्वत श्रृंखला है जो नदी घाटियों को अलग करता है और जल प्रवाह की दिशा निर्धारित करता है। उदाहरण: अमरकंटक की पहाड़ियाँ नर्मदा और सोन नदियों का जल विभाजक हैं।
(ii) भारत में सबसे विशाल नदी प्रणाली कौन-सी है?
🟢 उत्तर: 🍚 गंगा नदी प्रणाली सबसे विशाल है। इसकी सहायक नदियाँ—यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी—मिलकर गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा का निर्माण करती हैं, जो विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है।
(iii) सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से मिलती हैं?
🟢 उत्तर: 🏭 सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के पास से निकलती है और पाकिस्तान से होकर बहती है। गंगा नदी हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। दोनों का संगम प्रत्यक्ष रूप से नहीं होता, लेकिन ऐतिहासिक दृष्टि से दोनों सभ्यताओं के विकास में महत्त्वपूर्ण रहीं।
(iv) गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। यह कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं?
🟢 उत्तर: 📦 भागीरथी और अलकनंदा गंगा की मुख्य धाराएँ हैं। ये दोनों उत्तराखंड के देवप्रयाग में मिलकर गंगा का निर्माण करती हैं।
(v) तटीय धारा होने के बावजूद दिबांग के क्षेत्रों में कम गाद (सिल्ट) क्यों है?
🟢 उत्तर: 🌾 दिबांग नदी हिमालय की ढलानों से होकर बहती है जहाँ वर्षा अधिक है, परंतु इसका प्रवाह तीव्र है। तेज प्रवाह गाद को समुद्र तक ले जाता है, इसलिए इसके डेल्टा क्षेत्र में कम गाद जमती है।
(vi) कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ सीधे होकर बहती हैं? समुद्र में प्रवेश करने से पहले वे किस प्रकार का आकृतिनिर्माण करती हैं?
🟢 उत्तर: 🍚 नर्मदा और तापी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर सीधे बहती हैं। समुद्र में प्रवेश करने से पहले ये गहरे खड्डों (गॉर्ज) और संकीर्ण घाटियों का निर्माण करती हैं।
(vii) नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्त्व बताइए।
🟢 उत्तर: 🏭 नदियाँ सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, पेयजल और परिवहन के लिए आवश्यक हैं। झीलें बाढ़ नियंत्रण, पर्यटन, नौकायन, मत्स्य पालन और भूजल पुनर्भरण में योगदान देती हैं। गोविंद सागर व हीराकुंड जैसे बाँध उद्योगों और कृषि को सहारा देते हैं।
🔵 प्रश्न 3: दीर्घ उत्तर
(i) नीचे भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बाँटिए।
बूलर, डल, नैनीताल, भीमताल, गोविंद सागर, लोकटक, बैरामसागर, दिल्का, सांभर, राणा प्रताप सागर, नियाम सागर, पुलिकट, चिल्का, हीराकुंड
🟢 उत्तर: 🌾
प्राकृतिक झीलें: बूलर, डल, नैनीताल, भीमताल, लोकटक, सांभर, चिल्का, पुलिकट।
मानव निर्मित झीलें: गोविंद सागर, बैरामसागर, दिल्का, राणा प्रताप सागर, नियाम सागर, हीराकुंड।
(ii) हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतरों को स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर: 🍚
स्रोत: हिमालयी नदियाँ हिमानी स्रोतों से निकलती हैं, प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा आधारित हैं।
प्रवाह: हिमालयी नदियाँ बारहमासी, प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी।
लंबाई व डेल्टा: हिमालयी नदियाँ लंबी और बड़े डेल्टा बनाती हैं, प्रायद्वीपीय नदियाँ छोटी और खड्ड बनाती हैं।
घाटियाँ: हिमालयी नदियाँ गहरी व चौड़ी घाटियाँ बनाती हैं, प्रायद्वीपीय नदियाँ संकीर्ण घाटियाँ बनाती हैं।
(iii) प्रायद्वीपीय पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए।
🟢 उत्तर: 🏭
पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ: नर्मदा, तापी — संकीर्ण घाटियाँ, छोटे डेल्टा, तीव्र प्रवाह।
पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा, महानदी, कावेरी — चौड़े डेल्टा, उपजाऊ मैदान, कृषि व सिंचाई के लिए महत्त्वपूर्ण।
(iv) किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
🟢 उत्तर: 📦 नदियाँ सिंचाई, जलविद्युत, मत्स्य पालन, परिवहन, पर्यटन और पेयजल आपूर्ति के लिए आवश्यक हैं। ऐतिहासिक नगर, उद्योग और व्यापार मार्ग नदियों के किनारे विकसित हुए। नदियाँ बाढ़ नियंत्रण और जल पुनर्भरण में सहायक होती हैं तथा सांस्कृतिक-धार्मिक जीवन को समृद्ध बनाती हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🌟 खंड A — बहुविकल्पी प्रश्न (1 अंक)
🔵 प्रश्न 1: बूलर झील किस राज्य में है?
🟠 (a) राजस्थान
🟡 (b) पंजाब
🟢 (c) जम्मू-कश्मीर
🔴 (d) उत्तर प्रदेश
✅ उत्तर: 🌾 (c) जम्मू-कश्मीर
🔵 प्रश्न 2: नर्मदा नदी का उद्गम स्थल –
🟠 (a) सतपुड़ा
🟡 (b) अमरकंटक
🟢 (c) हिमालय
🔴 (d) अरावली
✅ उत्तर: 🍚 (b) अमरकंटक
🔵 प्रश्न 3: भारत की सबसे विशाल नदी प्रणाली –
🟠 (a) गोदावरी
🟡 (b) गंगा
🟢 (c) ब्रह्मपुत्र
🔴 (d) नर्मदा
✅ उत्तर: 🏭 (b) गंगा
🔵 प्रश्न 4: चिल्का झील कहाँ स्थित है?
🟠 (a) गुजरात
🟡 (b) ओडिशा
🟢 (c) केरल
🔴 (d) राजस्थान
✅ उत्तर: 📦 (b) ओडिशा
🔵 प्रश्न 5: पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ –
🟠 (a) नर्मदा और तापी
🟡 (b) गोदावरी और कृष्णा
🟢 (c) महानदी और कावेरी
🔴 (d) गंगा और ब्रह्मपुत्र
✅ उत्तर: 🌾 (a) नर्मदा और तापी
🔵 प्रश्न 6: गंगा की दो प्रमुख धाराएँ –
🟠 (a) भागीरथी और अलकनंदा
🟡 (b) यमुना और गोमती
🟢 (c) कोसी और गंडक
🔴 (d) गंगा और गोदावरी
✅ उत्तर: 🍚 (a) भागीरथी और अलकनंदा
🔵 प्रश्न 7: कौन-सी झील खारे पानी की है?
🟠 (a) डल
🟡 (b) सांभर
🟢 (c) नैनीताल
🔴 (d) लोकटक
✅ उत्तर: 🏭 (b) सांभर
🔵 प्रश्न 8: गोदावरी नदी किस दिशा में बहती है?
🟠 (a) पश्चिम
🟡 (b) पूर्व
🟢 (c) उत्तर
🔴 (d) दक्षिण
✅ उत्तर: 📦 (b) पूर्व
🔵 प्रश्न 9: प्रवाल निर्मित द्वीप कौन-से हैं?
🟠 (a) लक्षद्वीप
🟡 (b) अंडमान
🟢 (c) निकोबार
🔴 (d) डल
✅ उत्तर: 🌾 (a) लक्षद्वीप
🔵 प्रश्न 10: सिंधु नदी कहाँ से निकलती है?
🟠 (a) अमरकंटक
🟡 (b) मानसरोवर
🟢 (c) हिमाद्री
🔴 (d) गोदावरी
✅ उत्तर: 🍚 (b) मानसरोवर
🌟 खंड B — अति संक्षिप्त उत्तर (2 अंक)
🔵 प्रश्न 11: जल विभाजक क्या होता है? एक उदाहरण दें।
🟢 उत्तर: 🌾 जल विभाजक वह ऊँचा स्थलरूप है जो नदी घाटियों को अलग करता है और जल प्रवाह की दिशा तय करता है। उदाहरण – अमरकंटक की पहाड़ियाँ नर्मदा और सोन का जल विभाजन करती हैं।
🔵 प्रश्न 12: भारत की दो विशाल नदी प्रणालियाँ बताइए।
🟢 उत्तर: 🍚 गंगा नदी प्रणाली और ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली।
🔵 प्रश्न 13: नर्मदा और तापी किस सागर में गिरती हैं?
🟢 उत्तर: 🏭 ये दोनों पश्चिम की ओर बहती हैं और अरब सागर में गिरती हैं।
🔵 प्रश्न 14: गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा को क्या कहा जाता है और क्यों?
🟢 उत्तर: 📦 इसे सुंदरबन डेल्टा कहते हैं क्योंकि यहाँ घने सुंदरबन वन हैं और यह विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है।
🔵 प्रश्न 15: भारत की दो प्रमुख झीलों के नाम और उनका प्रकार बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 डल झील (प्राकृतिक, मीठा पानी), हीराकुंड झील (मानव निर्मित, बाँध से बनी)।
🔵 प्रश्न 16: नदियों का आर्थिक महत्व संक्षेप में बताइए।
🟢 उत्तर: 🍚 नदियाँ सिंचाई, जलविद्युत, मत्स्य पालन, पेयजल, परिवहन, पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
🔵 प्रश्न 17: लूनी नदी कहाँ बहती है और उसका अपवाह कहाँ समाप्त होता है?
🟢 उत्तर: 🏭 लूनी नदी राजस्थान के थार मरुस्थल में बहती है और अंतर्देशीय अपवाह बनाकर खारे तालाबों में लुप्त हो जाती है।
🔵 प्रश्न 18: झीलें बाढ़ नियंत्रण में कैसे सहायक हैं?
🟢 उत्तर: 📦 झीलें अतिरिक्त वर्षा जल को अस्थायी रूप से रोककर बाढ़ के खतरे को कम करती हैं और निचले इलाकों को बचाती हैं।
🔵 प्रश्न 19: जल विभाजक और अंतर्देशीय अपवाह के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 जल विभाजक ऊँचे स्थलरूप या पर्वतीय रेखाएँ हैं जो नदी घाटियों को अलग करती हैं और जल प्रवाह की दिशा तय करती हैं, जैसे अमरकंटक। 🍚 अंतर्देशीय अपवाह वह है जहाँ नदियाँ समुद्र तक न पहुँचकर शुष्क क्षेत्रों या लवणीय झीलों में समाप्त हो जाती हैं, जैसे लूनी नदी। 🏭 अंतर यह है कि जल विभाजक दिशा नियंत्रित करता है जबकि अंतर्देशीय अपवाह जल को समुद्र तक नहीं ले जाता।
🔵 प्रश्न 20: नदियों के तीन प्रमुख आर्थिक महत्त्व बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) सिंचाई व कृषि उत्पादन: नदियाँ खेतों को जल देती हैं और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाती हैं। 🍚 (2) जलविद्युत उत्पादन व उद्योग: बाँधों से ऊर्जा पैदा होती है, उद्योगों को जल और बिजली मिलती है। 🏭 (3) परिवहन व मत्स्य पालन: नदियाँ माल व यात्री परिवहन और मछली पालन का आधार हैं।
🔵 प्रश्न 21: तटीय नदियों की विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 ये नदियाँ छोटी होती हैं, तीव्र ढालों पर बहती हैं और डेल्टा कम बनाती हैं। 🍚 इनका प्रवाह मौसमी वर्षा पर निर्भर है। 🏭 ये संकीर्ण घाटियाँ और खाड़ी तट बनाती हैं, जैसे पश्चिमी तट की मंदर व माही।
🌟 खंड D — मध्यम उत्तर (4–5 अंक)
🔵 प्रश्न 22: गंगा नदी प्रणाली के मुख्य सहायक नदियों के नाम और उनका महत्त्व बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ—यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी (उत्तर से) और सोन, दामोदर (दक्षिण से)। 🍚 यमुना उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है और दिल्ली व आगरा को जल व उपजाऊ मिट्टी देती है। 🏭 घाघरा व गंडक नेपाल की पहाड़ियों से आती हैं, बाढ़ व गाद लाती हैं, जिससे मैदान उपजाऊ बनते हैं। 📦 सोन नदी दक्कन पठार से निकलकर गंगा में मिलती है और जलविद्युत व सिंचाई के लिए महत्त्वपूर्ण है।
🔵 प्रश्न 23: हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदियों में कोई चार अंतर लिखिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) स्रोत: हिमालयी नदियाँ हिमानी व झरनों से, प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा पर आधारित। 🍚 (2) प्रवाह: हिमालयी नदियाँ बारहमासी, प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी। 🏭 (3) लंबाई व डेल्टा: हिमालयी नदियाँ लंबी, बड़े डेल्टा बनाती हैं; प्रायद्वीपीय नदियाँ छोटी, खड्ड बनाती हैं। 📦 (4) घाटियाँ: हिमालयी नदियाँ चौड़ी घाटियाँ, प्रायद्वीपीय नदियाँ संकीर्ण घाटियाँ बनाती हैं।
🔵 प्रश्न 24: नदियों पर निर्मित मानव निर्मित झीलों के लाभ बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) जलविद्युत उत्पादन: बाँध ऊर्जा पैदा करते हैं। 🍚 (2) सिंचाई: कृषि के लिए जल संग्रहित। 🏭 (3) मत्स्य पालन व पर्यटन: झीलें आजीविका व मनोरंजन के केंद्र। 📦 (4) बाढ़ नियंत्रण: अतिरिक्त जल को रोककर निचले क्षेत्रों की रक्षा।
🔵 प्रश्न 25: नदियों का सांस्कृतिक महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 नदियाँ भारतीय संस्कृति और धर्म का अभिन्न अंग हैं। 🍚 गंगा, यमुना और गोदावरी जैसी नदियाँ तीर्थस्थल और धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र हैं। 🏭 कुंभ मेला, छठ पूजा जैसी परंपराएँ नदियों पर आधारित हैं। 📦 प्राचीन नगर व सभ्यताएँ नदियों के किनारे विकसित हुईं।
🌟 खंड E — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
🔵 प्रश्न 26: भारत के प्रमुख झील प्रकारों के उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) प्राकृतिक झीलें: हिमानी झीलें (डल, नैनीताल), लवणीय झीलें (सांभर), तटीय झीलें (चिल्का, पुलिकट)। 🍚 (2) मानव निर्मित झीलें: बाँधों से बनी (हीराकुंड, गोविंद सागर)। 🏭 प्राकृतिक झीलें पर्यटन, मत्स्य पालन, भूजल पुनर्भरण और बाढ़ नियंत्रण में सहायक हैं। 📦 मानव निर्मित झीलें ऊर्जा उत्पादन, सिंचाई और उद्योग के लिए उपयोगी हैं।
🔵 प्रश्न 27: नदियों के अपवाह तंत्र का आर्थिक विकास में योगदान स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) सिंचाई व कृषि: उपजाऊ भूमि व फसल विविधता। 🍚 (2) जलविद्युत: बाँधों से ऊर्जा उत्पादन। 🏭 (3) परिवहन: अंतर्देशीय जलमार्ग से माल व यात्री परिवहन। 📦 (4) उद्योग: जल आपूर्ति और मत्स्य पालन। 📊 (5) पर्यटन व संस्कृति: घाट, तीर्थ और मेलों से आय व रोजगार।
🔵 प्रश्न 28: हिमालयी नदियों द्वारा बनाए गए स्थलरूपों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) गहरी घाटियाँ और खड्ड (गॉर्ज)। 🍚 (2) पंखाकार पंखे (एल्यूवियल फैन) और तराई क्षेत्र। 🏭 (3) बाढ़ मैदान और मेन्डर (घुमावदार मोड़)। 📦 (4) डेल्टा, जैसे गंगा-ब्रह्मपुत्र सुंदरबन डेल्टा।
🔵 प्रश्न 29: प्रायद्वीपीय नदियों की विशेषताएँ और उनका उपयोग बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 प्रायद्वीपीय नदियाँ पुरानी भूमि पर बहती हैं, छोटी और मौसमी प्रवाह वाली हैं। 🍚 अधिकांश पूर्व की ओर बहती हैं और चौड़े डेल्टा बनाती हैं। 🏭 सिंचाई, जलविद्युत, मत्स्य पालन और पेयजल आपूर्ति इनके प्रमुख उपयोग हैं। 📦 पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ (नर्मदा, तापी) गहरी घाटियाँ बनाती हैं और समुद्र में छोटे मुहाने से गिरती हैं।
🔵 प्रश्न 30: नदियों के प्रदूषण के कारण और निवारण उपाय बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 कारण—औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू सीवेज, कृषि रसायन, रेत खनन और पूजा सामग्री। 🍚 उपाय—अपशिष्ट उपचार संयंत्र, वर्षा जल संचयन, सामुदायिक जागरूकता, कानूनी नियंत्रण। 🏭 नदी तट वृक्षारोपण और औद्योगिक निगरानी भी आवश्यक हैं।
🌟 खंड F — केस/स्रोत आधारित व मानचित्र प्रश्न (4–5 अंक)
🔵 प्रश्न 31: केस: मानचित्र पर नर्मदा और गोदावरी नदियों की दिशा दर्शाइए और उनके मुहानों के पास बनने वाले स्थलरूपों का उल्लेख कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 नर्मदा पश्चिम की ओर बहकर अरब सागर में गिरती है, खड्ड बनाती है। 🍚 गोदावरी पूर्व की ओर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है और डेल्टा बनाती है।
🔵 प्रश्न 32: केस: सुंदरबन डेल्टा क्यों प्रसिद्ध है?
🟢 उत्तर: 🏭 यह गंगा-ब्रह्मपुत्र का संगम डेल्टा है, विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा। 📦 यहाँ सुंदरबन के मैंग्रोव वन हैं, बाघ व जैव विविधता प्रसिद्ध हैं।
🔵 प्रश्न 33: नदियों की रक्षा हेतु कोई चार उपाय बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) अपशिष्ट उपचार संयंत्र। 🍚 (2) रेत खनन पर नियंत्रण। 🏭 (3) नदी तट वृक्षारोपण। 📦 (4) सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता।
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