Class 9, Social Science (Hindi)

Class 9 : Social Science (In Hindi) – Lesson 20. भारत में खाद्य सुरक्षा

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔸 परिचय:
भारत जैसे विशाल और विविध देश में खाद्य सुरक्षा का अर्थ केवल भोजन की उपलब्धता नहीं, बल्कि सभी नागरिकों को पर्याप्त, पौष्टिक और सुरक्षित भोजन हर समय सुलभ होना भी है। यह आर्थिक स्थिरता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकार का एक आवश्यक हिस्सा है।


🔸 खाद्य सुरक्षा की परिभाषा:
खाद्य सुरक्षा तब सुनिश्चित मानी जाती है जब हर व्यक्ति को भूख से मुक्त, संतुलित आहार और आवश्यक कैलोरी प्राप्त हो सके। इसमें तीन मुख्य पहलू शामिल हैं—
1️⃣ उपलब्धता – अनाज उत्पादन और भंडारण।
2️⃣ सुलभता – समाज के हर वर्ग तक भोजन पहुँचना।
3️⃣ सततता – आपदा, युद्ध या आर्थिक संकट में भी भोजन की व्यवस्था।


🔸 भारत में खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता:
भारत की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि पर निर्भर है।
गरीबी, बेरोज़गारी और प्राकृतिक आपदाएँ अक्सर भोजन तक पहुँच को बाधित करती हैं।
1943 के बंगाल अकाल जैसी ऐतिहासिक घटनाओं ने दिखाया कि असमान वितरण भूखमरी को जन्म दे सकता है।


🔸 हरित क्रांति और खाद्य उत्पादन:
1960 के दशक में हरित क्रांति ने उच्च उपज बीज, रासायनिक उर्वरक और सिंचाई तकनीकों के प्रयोग से अनाज उत्पादन में भारी वृद्धि की। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मुख्य भंडार बने। इससे भारत ने अनाज आयात पर निर्भरता घटाई और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया।


🔸 बफर स्टॉक नीति:
भारतीय खाद्य निगम (FCI) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से गेहूँ व चावल खरीदता है।
इन अनाजों को गोदामों में भंडारित कर संकट के समय उपयोग किया जाता है।
यह नीति मूल्य स्थिरता, किसानों को आश्वासन और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर भोजन दिलाने में मदद करती है।


🔸 सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS):
उद्देश्य: गरीब परिवारों तक सब्सिडी वाला भोजन पहुँचाना।
संरचना: राज्य सरकारें उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से गेहूँ, चावल, चीनी, केरोसिन आदि वितरित करती हैं।
सुधार: लक्षित PDS (TPDS) से प्राथमिकता व अंत्योदय परिवारों को अलग-अलग दरें तय की गईं।


🔸 पोषण आधारित योजनाएँ:
मिड-डे मील योजना: सरकारी विद्यालयों में बच्चों को नि:शुल्क पका भोजन, जिससे उपस्थिति और पोषण सुधरे।
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS): छोटे बच्चों और माताओं के लिए पूरक पोषण।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013): दो-तिहाई आबादी को सस्ती दरों पर अनाज देने का अधिकार।’


🔸 खाद्य सुरक्षा के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:
गरीब परिवारों में भूख और कुपोषण में कमी।
बच्चों की स्कूली उपस्थिति और स्वास्थ्य में सुधार।
किसानों के लिए स्थिर बाजार और न्यूनतम मूल्य की गारंटी।
ग्रामीण रोजगार व आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा।


🔸 चुनौतियाँ:
PDS में रिसाव और भ्रष्टाचार।
भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज का क्षरण।
क्षेत्रीय असमानताएँ—कुछ राज्यों में अधिक, कुछ में कम वितरण।
जलवायु परिवर्तन से उत्पादन में उतार-चढ़ाव।


🔸 सुधार के उपाय:
डिजिटल राशन कार्ड और बायोमेट्रिक सत्यापन से पारदर्शिता।
स्थानीय स्तर पर सामुदायिक निगरानी।
पोषण विविधता बढ़ाने के लिए दालें, मोटे अनाज और तेल भी शामिल करना।
सतत कृषि पद्धतियों और सिंचाई सुधारों से उत्पादन स्थिर रखना।


🔸 निष्कर्ष:
भारत में खाद्य सुरक्षा केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है। बफर स्टॉक, PDS, और पोषण योजनाओं के सतत सुधार से हम भूखमुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

🟡 सारांश (≈200 शब्द)
भारत में खाद्य सुरक्षा का अर्थ है हर नागरिक को पर्याप्त, पौष्टिक और सुरक्षित भोजन हर समय उपलब्ध होना। हरित क्रांति के बाद भारत अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ। FCI बफर स्टॉक नीति के माध्यम से अनाज भंडारण करता है और संकट में उसका वितरण करता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) सस्ती दरों पर गरीबों को भोजन पहुँचाती है। लक्षित PDS व अंत्योदय योजना ने जरूरतमंदों पर अधिक ध्यान दिया। मिड-डे मील और ICDS जैसे कार्यक्रम पोषण सुधारते हैं, जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 ने खाद्य को कानूनी अधिकार का दर्जा दिया। इन प्रयासों से भूख व कुपोषण घटा और किसानों को स्थिर बाजार मिला। फिर भी भ्रष्टाचार, रिसाव, भंडारण की कमी और क्षेत्रीय असमानताओं जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। डिजिटल सुधार, सामुदायिक निगरानी और पोषण विविधता से खाद्य सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है।

🔴 क्विक रिकैप (≈100 शब्द)
खाद्य सुरक्षा = सभी को पर्याप्त, पौष्टिक, सुरक्षित भोजन।
हरित क्रांति → अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता।
FCI बफर स्टॉक व MSP से किसानों व उपभोक्ताओं को सहारा।
PDS, TPDS व अंत्योदय से गरीबों को सस्ता भोजन।
मिड-डे मील, ICDS, NFSA 2013 → पोषण व अधिकार आधारित सुरक्षा।
चुनौतियाँ = PDS रिसाव, भ्रष्टाचार, भंडारण की कमी, असमान वितरण।
समाधान = डिजिटल कार्ड, निगरानी, पोषण विविधता, सतत कृषि।
लक्ष्य = भूखमुक्त और स्वस्थ भारत।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🔴 प्रश्न 1. भारत में खाद्य सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?
🟢 उत्तर:
भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति से अनाज उत्पादन बढ़ाया गया, जिससे देश अनाज में आत्मनिर्भर हुआ।
भारतीय खाद्य निगम बफर स्टॉक बनाता है, जो आपदा या अकाल की स्थिति में उपयोग होता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) उचित मूल्य दुकानों से सस्ते अनाज उपलब्ध कराती है।
मिड-डे मील, एकीकृत बाल विकास सेवा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 गरीबों को सस्ती दर पर अनाज और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते हैं।
डिजिटल राशन कार्ड, जैवमेट्रिक प्रमाणीकरण और सामुदायिक निगरानी से पारदर्शिता बनाए रखी जाती है।

🔴 प्रश्न 2. कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं?
🟢 उत्तर:
भूमिहीन कृषि श्रमिक, सीमांत किसान और असंगठित क्षेत्र के कामगार।
आदिवासी समुदाय, ग्रामीण गरीब और पलायन करने वाले मज़दूर।
बाढ़, सूखा या प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र की आबादी।
शहरी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग तथा कम आय वाले परिवार।

🔴 प्रश्न 3. भारत में कौन से राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं?
🟢 उत्तर:
झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग तथा मध्य प्रदेश।
इन राज्यों में गरीबी, कम कृषि उत्पादकता और अपर्याप्त अवसंरचना के कारण खाद्य असुरक्षा अधिक है।

🔴 प्रश्न 4. क्या आप मानते हैं कि हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया है? कैसे?
🟢 उत्तर:
हाँ, हरित क्रांति ने उच्च उपज बीज, रासायनिक उर्वरक और सिंचाई तकनीक से अनाज उत्पादन कई गुना बढ़ाया।
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश अनाज के भंडार बने।
भारत ने अनाज आयात पर निर्भरता घटाकर आत्मनिर्भरता प्राप्त की।

🔴 प्रश्न 5. भारत में लोगों का एक वर्ग अब भी खाद्य से वंचित है? व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर:
भूमिहीन मज़दूर, आदिवासी, ग्रामीण गरीब और असंगठित कामगार अब भी पर्याप्त भोजन से वंचित हैं।
गरीबी, बेरोज़गारी, असमान वितरण और भंडारण रिसाव इसके मुख्य कारण हैं।

🔴 प्रश्न 6. जब कोई आपदा आती है तो खाद्य पूर्ति पर क्या प्रभाव होता है?
🟢 उत्तर:
बाढ़, सूखा या भूकंप जैसी आपदाएँ फसल नष्ट कर देती हैं।
परिवहन बाधित होने से वितरण प्रभावित होता है।
कीमतें बढ़ती हैं और गरीब वर्ग को भोजन नहीं मिलता।
ऐसे समय में बफर स्टॉक और PDS महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

🔴 प्रश्न 7. मौसमी भुखमरी और दीर्घकालिक भुखमरी में भेद कीजिए।
🟢 उत्तर:
मौसमी भुखमरी: फसल कटाई से पहले या बेरोज़गारी के मौसम में अस्थायी रूप से भोजन की कमी।
दीर्घकालिक भुखमरी: गरीबी, भूमि-विहीनता और लगातार कम आय के कारण स्थायी भोजन की कमी।

🔴 प्रश्न 8. गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए सरकार ने क्या किया? सरकार की दो योजनाओं की चर्चा कीजिए।
🟢 उत्तर:
सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा उचित मूल्य दुकानों से सस्ते अनाज उपलब्ध कराए।
अंत्योदय अन्न योजना ने सबसे गरीब परिवारों को न्यूनतम दर पर भोजन दिया।
मिड-डे मील योजना ने बच्चों को स्कूल में पौष्टिक भोजन देकर उपस्थिति व पोषण सुधारा।

🔴 प्रश्न 9. सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है?
🟢 उत्तर:
अकाल, बाढ़, सूखा या आपदा के समय अनाज उपलब्ध कराने हेतु।
मूल्य स्थिर रखने और किसानों को MSP की गारंटी देने के लिए।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नियमित आपूर्ति हेतु।

🔴 प्रश्न 10. टिप्पणी लिखिए—
(क) न्यूनतम समर्थन मूल्य: यह वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदने की गारंटी देती है।
(ख) बफर स्टॉक: सरकार द्वारा खरीदा और भंडारित अनाज जो संकट में उपयोग होता है।
(ग) निर्मित कीमत: सरकार या बाजार द्वारा तय की गई स्थिर दर।
(घ) उचित मूल्य की दुकान: PDS की वह दुकान जहाँ गरीबों को सब्सिडी वाला भोजन मिलता है।

🔴 प्रश्न 11. राशन की दुकानों के संचालन में क्या समस्याएँ हैं?
🟢 उत्तर:
भ्रष्टाचार और अनाज का रिसाव।
गलत लाभार्थियों को राशन देना।
ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य दुकानों की कमी।
कम गुणवत्ता का अनाज और माप-तौल में गड़बड़ी।

🔴 प्रश्न 12. खाद्य और संतुलित वस्तुओं की उपलब्ध कराने में सहकारी समितियों की भूमिका पर टिप्पणी लिखें।
🟢 उत्तर:
सहकारी समितियाँ उचित दर पर अच्छी गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध कराती हैं।
ये छोटे दुकानदारों को प्रतिस्पर्धा देती हैं और उपभोक्ताओं को सस्ता सामान दिलाती हैं।
आपदा के समय सहकारी समितियाँ राहत पहुँचाने में मददगार होती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी दुकानों ने PDS को मजबूत बनाया है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🔵 प्रश्न 1. भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे मुख्य आधार क्या है?
(क) हरित क्रांति
(ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
(ग) न्यूनतम समर्थन मूल्य
(घ) केवल निजी व्यापार
➡️ उत्तर: (ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) — क्योंकि PDS के माध्यम से सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे आमजन को बुनियादी खाद्यान्न मिलता है।


🟢 प्रश्न 2. निम्न में से कौन खाद्य असुरक्षा के प्रति सबसे संवेदनशील हैं?
(क) शहरी मध्यम वर्ग
(ख) भूमिहीन कृषि मजदूर व गरीब जनजातियाँ
(ग) सरकारी कर्मचारी
(घ) बड़े किसान
➡️ उत्तर: (ख) भूमिहीन कृषि मजदूर व गरीब जनजातियाँ — क्योंकि इनकी आय अस्थिर होती है और प्राकृतिक आपदाओं या मूल्य वृद्धि से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।


🔴 प्रश्न 3. हरित क्रांति का प्रमुख लाभ क्या था?
(क) आयातित अनाज की आवश्यकता बढ़ी
(ख) भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना
(ग) अनाज की कीमतें अत्यधिक बढ़ीं
(घ) किसानों की संख्या घटी
➡️ उत्तर: (ख) भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना — हरित क्रांति के कारण गेहूँ और चावल का उत्पादन बढ़ा और आयात पर निर्भरता कम हुई।


🟡 प्रश्न 4. कौन-सा राज्य खाद्य असुरक्षा से सबसे अधिक प्रभावित माना गया है?
(क) बिहार
(ख) हरियाणा
(ग) पंजाब
(घ) केरल
➡️ उत्तर: (क) बिहार — क्योंकि यहाँ गरीबी, बेरोज़गारी और बुनियादी ढाँचे की कमी के कारण खाद्य असुरक्षा का स्तर ऊँचा है।


🔵 प्रश्न 5. खाद्य निगम (FCI) की मुख्य भूमिका क्या है?
(क) कर संग्रह
(ख) अनाज की खरीद और भंडारण
(ग) बैंक ऋण देना
(घ) निर्यात नीति बनाना
➡️ उत्तर: (ख) अनाज की खरीद और भंडारण — FCI किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदकर भंडारण और वितरण करता है।


🟢 प्रश्न 6. एंटीओदय अन्न योजना कब प्रारंभ की गई?
(क) 1992
(ख) 2000
(ग) 2005
(घ) 2012
➡️ उत्तर: (ख) 2000 — सबसे गरीब परिवारों को कम दर पर अनाज देने के लिए यह योजना शुरू की गई।


🔴 प्रश्न 7. बफ़र स्टॉक क्यों बनाया जाता है?
(क) विदेशी व्यापार बढ़ाने के लिए
(ख) आपदा के समय आपूर्ति बनाए रखने के लिए
(ग) मूल्य घटाने के लिए
(घ) खेती घटाने के लिए
➡️ उत्तर: (ख) आपदा के समय आपूर्ति बनाए रखने के लिए — बफ़र स्टॉक आपदा या कमी के समय स्थिर आपूर्ति व कीमतें सुनिश्चित करता है।


🟡 प्रश्न 8. मध्याह्न भोजन योजना का उद्देश्य क्या है?
(क) किसानों को ऋण देना
(ख) स्कूल जाने वाले बच्चों को पोषण व उपस्थिति बढ़ाना
(ग) सरकारी कर्मचारियों को बोनस देना
(घ) खाद्य निर्यात बढ़ाना
➡️ उत्तर: (ख) स्कूल जाने वाले बच्चों को पोषण व उपस्थिति बढ़ाना — यह योजना शिक्षा व पोषण दोनों को प्रोत्साहित करती है।


🔵 प्रश्न 9. खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का एक प्रमुख प्रावधान क्या है?
(क) केवल उद्योगों को सब्सिडी देना
(ख) गरीबों को अनाज की गारंटी देना
(ग) केवल शहरी क्षेत्रों में मदद
(घ) निजी व्यापार को प्रोत्साहन
➡️ उत्तर: (ख) गरीबों को अनाज की गारंटी देना — इस अधिनियम के तहत योग्य परिवारों को सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है।


🟢 प्रश्न 10. PDS के अंतर्गत अनाज किसके माध्यम से वितरित होता है?
(क) निजी सुपरमार्केट
(ख) उचित मूल्य की दुकानें
(ग) केवल रेलवे
(घ) पंचायत भवन
➡️ उत्तर: (ख) उचित मूल्य की दुकानें — जिन्हें आमतौर पर राशन की दुकानें कहा जाता है।


🔴 प्रश्न 11. कौन-सा तत्व खाद्य सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं है?
(क) उत्पादन
(ख) बफ़र स्टॉक
(ग) वितरण
(घ) औद्योगिक निर्यात
➡️ उत्तर: (घ) औद्योगिक निर्यात — क्योंकि यह घरेलू खाद्य सुरक्षा प्रणाली का भाग नहीं है।


🟡 प्रश्न 12. उचित मूल्य की दुकानों की एक प्रमुख समस्या क्या है?
(क) अधिक भंडारण क्षमता
(ख) अनियमित आपूर्ति और भ्रष्टाचार
(ग) अतिरिक्त अनाज वितरण
(घ) मूल्य स्थिरता
➡️ उत्तर: (ख) अनियमित आपूर्ति और भ्रष्टाचार — कई बार पात्र परिवारों को पूरा अनाज नहीं मिलता।


🔵 प्रश्न 13. कौन-सी संस्था खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु नीति बनाती है?
(क) भारतीय खाद्य निगम
(ख) उपभोक्ता मामले मंत्रालय
(ग) योजना आयोग
(घ) भारतीय रिज़र्व बैंक
➡️ उत्तर: (ख) उपभोक्ता मामले मंत्रालय — यह मंत्रालय खाद्य सुरक्षा नीतियों की ज़िम्मेदारी संभालता है।


🟢 प्रश्न 14. गरीबी और खाद्य असुरक्षा के बीच क्या संबंध है?
➡️ उत्तर: गरीबी के कारण लोगों की क्रय-शक्ति घटती है, जिससे वे पर्याप्त भोजन नहीं खरीद पाते। इससे खाद्य असुरक्षा सीधे प्रभावित होती है।


🔴 प्रश्न 15. हरित क्रांति के बावजूद कुछ क्षेत्र खाद्य असुरक्षा से क्यों ग्रस्त हैं?
➡️ उत्तर: हरित क्रांति मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित रही। पूर्वी राज्यों व सूखा-ग्रस्त क्षेत्रों में निवेश व सिंचाई का अभाव रहा।


🟡 प्रश्न 16. खाद्य सुरक्षा के तीन आयाम कौन-कौन से हैं?
➡️ उत्तर: (1) पर्याप्त खाद्य उत्पादन। (2) बफ़र स्टॉक व वितरण। (3) प्रत्येक व्यक्ति तक सस्ती व समय पर आपूर्ति।


🔵 प्रश्न 17. सहकारी समितियों की क्या भूमिका है?
➡️ उत्तर: सहकारी समितियाँ जैसे अमूल व मदर डेयरी दूध, अनाज व आवश्यक वस्तुएँ सस्ते दाम पर उपलब्ध कराकर खाद्य सुरक्षा को मज़बूती देती हैं।


🟢 प्रश्न 18. प्राकृतिक आपदा आने पर खाद्य आपूर्ति क्यों प्रभावित होती है?
➡️ उत्तर: आपदा से फसल नष्ट होती है, परिवहन बाधित होता है और बाज़ारों में कमी आती है। इससे कीमतें बढ़ती हैं व गरीबों पर संकट गहराता है।



🔵 प्रश्न 19. बफ़र स्टॉक का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
➡️ उत्तर:
बफ़र स्टॉक का उद्देश्य आपदा, सूखा या अकाल जैसी परिस्थितियों में खाद्य आपूर्ति स्थिर रखना है।
सरकार FCI के माध्यम से अनाज खरीदकर भंडारण करती है ताकि कमी के समय वितरण किया जा सके और कीमतों में अचानक वृद्धि रोकी जा सके।


🟢 प्रश्न 20. एंटीओदय अन्न योजना और अन्नपूर्णा योजना में अंतर बताइए।
➡️ उत्तर:
एंटीओदय अन्न योजना सबसे गरीब परिवारों को कम दाम पर अनाज देती है।
अन्नपूर्णा योजना वृद्ध व अत्यंत गरीब व्यक्तियों को मुफ्त या रियायती अनाज उपलब्ध कराती है।


🔴 प्रश्न 21. खाद्य निगम (FCI) की भूमिका क्या है?
➡️ उत्तर:
FCI किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदता है।
यह भंडारण व परिवहन कर PDS और बफ़र स्टॉक के माध्यम से अनाज वितरित करता है।


🟡 प्रश्न 22. मध्याह्न भोजन योजना के दो लाभ लिखिए।
➡️ उत्तर:
बच्चों को पौष्टिक भोजन देकर कुपोषण कम होता है।
विद्यालयों में उपस्थिति व शिक्षा का स्तर बढ़ता है।


🔵 प्रश्न 23. खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की एक प्रमुख विशेषता बताइए।
➡️ उत्तर:
अधिनियम के तहत पात्र परिवारों को रियायती दरों पर प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज देने की गारंटी है।

🌟 सेक्शन C — मध्यम उत्तरीय प्रश्न (3 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 24. भारत में खाद्य असुरक्षा के दो मुख्य कारण समझाइए।
➡️ उत्तर:
गरीबी और बेरोज़गारी से क्रय-शक्ति कम होती है, जिससे पर्याप्त भोजन नहीं मिलता।
प्राकृतिक आपदाएँ, बाढ़-सूखा जैसी परिस्थितियाँ उत्पादन घटाकर आपूर्ति बाधित करती हैं।


🔴 प्रश्न 25. हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर कैसे बनाया?
➡️ उत्तर:
उच्च उत्पादक किस्म के बीज, उर्वरक, सिंचाई व आधुनिक तकनीक से गेहूँ-चावल का उत्पादन तेजी से बढ़ा।
पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिशेष अनाज ने आयात पर निर्भरता कम की।
इससे बफ़र स्टॉक मजबूत हुआ और खाद्य सुरक्षा को स्थिरता मिली।


🟡 प्रश्न 26. उचित मूल्य की दुकानों के संचालन में कौन-कौन सी समस्याएँ आती हैं?
➡️ उत्तर:
अनाज की अनियमित आपूर्ति व भ्रष्टाचार।
पात्र परिवारों को पूरा अनाज न मिलना और अपात्र लोगों को कार्ड मिलना।
कभी-कभी गुणवत्ता में कमी और दुकानों के समय पर न खुलने की शिकायतें।


🔵 प्रश्न 27. सहकारी समितियों का खाद्य सुरक्षा में योगदान लिखिए।
➡️ उत्तर:
अमूल, मदर डेयरी जैसी समितियाँ दूध व वस्तुएँ सस्ते दाम पर उपलब्ध कराती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियाँ सस्ता अनाज वितरित कर PDS को पूरक बनाती हैं।
संकट के समय गरीब वर्ग को तुरंत राहत देने में ये महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


🟢 प्रश्न 28. मौसमी व दीर्घकालिक भुखमरी में अंतर बताइए।
➡️ उत्तर:
मौसमी भुखमरी बुआई या कटाई के समय अस्थायी बेरोज़गारी से जुड़ी होती है।
दीर्घकालिक भुखमरी लंबे समय तक गरीबी, बेरोज़गारी व असमानता के कारण बनी रहती है।
मौसमी समस्या अल्पकालिक होती है, जबकि दीर्घकालिक समस्या गहरी व स्थायी होती है।

🌟 सेक्शन D — दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 29. भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की मुख्य नीतियाँ और कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
➡️ उत्तर:
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) द्वारा सस्ते अनाज उपलब्ध कराना।
FCI द्वारा बफ़र स्टॉक बनाए रखना।
एंटीओदय अन्न योजना, अन्नपूर्णा योजना, मध्याह्न भोजन योजना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013।
हरित क्रांति व उच्च उपज तकनीक से उत्पादन बढ़ाना।
सहकारी समितियों व उचित मूल्य की दुकानों को मजबूत कर वितरण में पारदर्शिता लाना।


🟡 प्रश्न 30. खाद्य असुरक्षा के सामाजिक-आर्थिक परिणामों का विश्लेषण करें।
➡️ उत्तर:
कुपोषण व स्वास्थ्य समस्याओं से उत्पादकता घटती है।
बच्चों की शिक्षा बाधित होती है और गरीबी का चक्र गहरा होता है।
सामाजिक असमानता बढ़ती है व अपराध दरों में वृद्धि की संभावना रहती है।
अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
राजनीतिक अस्थिरता व असंतोष की स्थिति बन सकती है।


🔵 प्रश्न 31. खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का विस्तार से वर्णन कीजिए।
➡️ उत्तर:
75% ग्रामीण व 50% शहरी आबादी को कवर करने का लक्ष्य।
प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किग्रा अनाज सस्ते दाम पर देने का प्रावधान।
गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पोषण सहायता।
राज्यों पर पारदर्शी वितरण की ज़िम्मेदारी।
खाद्य असुरक्षा कम करने व पोषण सुधारने में यह अधिनियम ऐतिहासिक कदम है।

🌟 सेक्शन E — केस/आवेदन आधारित प्रश्न (5 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 32. मान लीजिए किसी राज्य में अचानक बाढ़ आ जाती है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए कौन-से कदम उठाए जाने चाहिए?
➡️ उत्तर:
बफ़र स्टॉक से आपूर्ति कर प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत अनाज पहुँचाना।
उचित मूल्य की दुकानों को अतिरिक्त कोटा देना।
सहकारी समितियों व NGOs के माध्यम से राहत पहुँचाना।
परिवहन व भंडारण व्यवस्था तेज़ करना।
कीमतों पर नियंत्रण कर जमाखोरी रोकना।


🔴 प्रश्न 33. केस अध्ययन: एक गाँव में लगातार सूखा पड़ा है और लोग पलायन कर रहे हैं। इस स्थिति में खाद्य सुरक्षा बनाए रखने हेतु कौन-से उपाय किए जाएँ?
➡️ उत्तर:
रोजगार गारंटी योजनाओं से स्थानीय स्तर पर काम देना।
बफ़र स्टॉक से अनाज वितरण व रियायती मूल्य पर सहायता।
किसानों के लिए सिंचाई व बीज सहायता।
सहकारी समितियों व पंचायतों को राहत कार्य सौंपना।
दीर्घकालिक रूप से जल संरक्षण व वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देना।

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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति

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स्मृति संकेत

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भ्रांति /वास्तविकता

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मजा भी , ज्ञान भी

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मस्तिष्क मानचित्र

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