Class 9, Social Science (Hindi)

Class 9 : Social Science (In Hindi) – Lesson 18. संसाधन के रूप में लोग

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🔴 विस्तृत व्याख्या (~900 शब्द)
🔵 परिचय
🌾 किसी भी देश की सबसे मूल्यवान संपत्ति उसके लोग होते हैं। प्राकृतिक संसाधन और पूँजी तभी उपयोगी हैं जब उन्हें संचालित करने के लिए शिक्षित, कुशल और स्वस्थ जनसंख्या हो। इस अध्याय में बताया गया है कि कैसे भारत जैसे देश में जनसंख्या को बोझ से बदलकर एक शक्तिशाली संसाधन बनाया जा सकता है।


🔵 मानव संसाधन का महत्व
🌾 प्राकृतिक संसाधन निष्क्रिय होते हैं; इन्हें सक्रिय करने के लिए मानवीय कौशल चाहिए। मानव संसाधन विकास से उत्पादकता बढ़ती है और अर्थव्यवस्था सशक्त होती है। यदि लोग शिक्षित और स्वस्थ हों, तो वे नवीन तकनीकें अपनाते हैं, उद्योगों को गति देते हैं और सामाजिक सुधारों को आगे बढ़ाते हैं।
🍚 दूसरी ओर, अशिक्षित और अस्वस्थ जनसंख्या गरीबी, बेरोज़गारी और सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।


🔵 मानव पूँजी निर्माण
🌾 जब किसी देश के लोग शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करते हैं, तो यह व्यय मानव पूँजी निर्माण कहलाता है। जैसे—एक डॉक्टर की पढ़ाई पर किया गया खर्च समाज को वर्षों तक स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में लाभ देता है। इसी प्रकार शिक्षक, इंजीनियर या उद्यमी का प्रशिक्षण लंबे समय तक विकास में योगदान करता है।


🔵 भारत की जनसंख्या: अवसर और चुनौती
🌾 भारत की बड़ी जनसंख्या कभी बोझ मानी जाती थी, लेकिन आज यह “जनसांख्यिकीय लाभांश” के रूप में अवसर है। यहाँ युवाओं की संख्या अधिक है। यदि इन्हें कौशल और रोजगार के अवसर मिलें, तो वे अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
🍚 परन्तु यदि यही जनसंख्या शिक्षित या स्वस्थ न हो, तो यह बेरोज़गारी और गरीबी को बढ़ा सकती है।


🔵 शिक्षा की भूमिका
🌾 शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान, कौशल और जागरूकता प्रदान करती है। यह नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक सुधारों को प्रोत्साहित करती है। साक्षरता बढ़ने से बाल विवाह, जनसंख्या वृद्धि और भेदभाव जैसी समस्याओं में कमी आती है।
🍚 कौशल विकास योजनाएँ युवाओं को उद्योग, सेवा क्षेत्र और कृषि में बेहतर अवसर देती हैं।


🔵 स्वास्थ्य की भूमिका
🌾 स्वस्थ लोग अधिक समय तक और बेहतर गुणवत्ता के साथ काम कर सकते हैं। बीमारी और कुपोषण से मुक्त जनसंख्या उच्च उत्पादन क्षमता दिखाती है। भारत में आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाएँ स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार कर रही हैं।
🍚 स्वास्थ्य पर निवेश सीधे तौर पर कार्यक्षमता, शिक्षा के लाभ और जीवन प्रत्याशा को बढ़ाता है।


🔵 महिला सशक्तिकरण और समान अवसर
🌾 महिलाएँ देश की आधी आबादी हैं। यदि उन्हें शिक्षा और रोजगार में समान अवसर मिले, तो परिवार और समाज दोनों समृद्ध होंगे।
🍚 महिला साक्षरता दर में सुधार से स्वास्थ्य सूचकांक, बच्चों की शिक्षा और घरेलू आय सभी में वृद्धि होती है।


🔵 जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग
🌾 भारत की युवा जनसंख्या को कुशल बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा, उद्यमिता प्रशिक्षण और नवाचार को प्रोत्साहन आवश्यक है। इससे उद्योग और सेवाओं के क्षेत्र को कुशल श्रमिक मिलेंगे और आर्थिक वृद्धि तेज़ होगी।
🍚 यदि इन युवाओं को अवसर न मिले, तो यह बेरोज़गारी और सामाजिक अशांति का कारण भी बन सकता है।


🔵 नीतियाँ और निवेश
🌾 सरकार को शिक्षा व स्वास्थ्य पर अधिक बजट आवंटित करना चाहिए।
📊 ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता सुधारनी चाहिए।
🏭 निजी क्षेत्र को भी कौशल विकास कार्यक्रमों और स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन देना चाहिए।
🍚 रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा उपाय मानव संसाधन को मज़बूत करेंगे।


🔵 अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
🌾 सशक्त मानव संसाधन नई तकनीकें अपनाते हैं, उत्पादकता बढ़ाते हैं और सामाजिक समस्याओं को घटाते हैं। यह लोकतंत्र को भी सशक्त करता है क्योंकि जागरूक नागरिक अच्छे शासन की माँग करते हैं।
🍚 शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता और सतत विकास के लिए दीर्घकालिक लाभ देता है।


🔵 निष्कर्ष
🌾 लोग ही किसी देश की वास्तविक संपत्ति हैं। उचित नीतियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों के माध्यम से जनसंख्या को मूल्यवान मानव संसाधन में परिवर्तित कर समग्र विकास प्राप्त किया जा सकता है।

📝 सारांश (~200 शब्द)
🌾 “संसाधन के रूप में लोग” अध्याय बताता है कि केवल प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त नहीं हैं—उन्हें उपयोगी बनाने के लिए कुशल, शिक्षित और स्वस्थ लोग आवश्यक हैं।
🍚 शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर निवेश मानव पूँजी का निर्माण करता है। इससे उत्पादन क्षमता, नवाचार और आर्थिक प्रगति संभव होती है।
🏭 भारत की विशाल युवा आबादी अवसर भी है और चुनौती भी। जनसांख्यिकीय लाभांश को उपयोगी बनाने के लिए कौशल विकास, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार अनिवार्य है।
📊 महिला सशक्तिकरण, सामाजिक समानता और ग्रामीण–शहरी अंतर कम करना भी ज़रूरी है।
💡 निष्कर्षतः लोग किसी देश का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन हैं; उनकी क्षमताओं का विकास ही वास्तविक समृद्धि का मार्ग है।

⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🌾 लोग = देश की सबसे बड़ी संपत्ति।
🍚 शिक्षा + स्वास्थ्य = मानव पूँजी।
🏭 जनसांख्यिकीय लाभांश = युवा अवसर।
📊 महिला सशक्तिकरण व समान अवसर ज़रूरी।
💡 निवेश + नीतियाँ = जनसंख्या → संसाधन।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🔴 प्रश्न 1. ‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं?
🟢 उत्तर : संसाधन के रूप में लोग का अर्थ है कि देश की जनसंख्या केवल उपभोक्ता नहीं बल्कि विकास की शक्ति भी है। शिक्षित, स्वस्थ और कुशल लोग प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करके आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक प्रगति को दिशा देते हैं। यदि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण मिले तो वे उद्योग, कृषि और सेवाओं में नई तकनीक अपनाते हैं, नवाचार करते हैं और उत्पादकता बढ़ाते हैं। इस प्रकार जनसंख्या बोझ न बनकर पूँजी में बदलती है।

🔴 प्रश्न 2. मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है?
🟢 उत्तर : भूमि और भौतिक पूँजी स्थिर व निर्जीव संसाधन हैं जिन्हें सक्रिय करने के लिए श्रम व कौशल चाहिए, जबकि मानव संसाधन जीवंत है—यह योजना बना सकता है, नवाचार कर सकता है और संसाधनों को प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है। भूमि को जोतने, मशीनों को चलाने, उद्योगों को संगठित करने और सेवाओं को विकसित करने के लिए प्रशिक्षित मानव शक्ति आवश्यक है। अतः मानव संसाधन सभी अन्य संसाधनों को उत्पादक बनाता है और स्वयं को भी लगातार विकसित कर सकता है।

🔴 प्रश्न 3. मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
🟢 उत्तर : शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान, कौशल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण देती है। यह व्यक्ति को नई तकनीकें सीखने, उत्पादकता बढ़ाने और सामाजिक सुधारों में भाग लेने योग्य बनाती है। शिक्षित व्यक्ति बेहतर रोजगार पाता है, अधिक आय अर्जित करता है और समाज के लिए उपयोगी निर्णय लेता है। शिक्षा सामाजिक बुराइयों को घटाती है, बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव और अशिक्षा को कम करती है। इसके परिणामस्वरूप मानव पूँजी निर्माण मजबूत होता है और आर्थिक वृद्धि होती है।

🔴 प्रश्न 4. मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
🟢 उत्तर : स्वस्थ व्यक्ति अधिक समय तक, बेहतर गुणवत्ता के साथ काम कर सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं पर निवेश करने से बीमारियाँ कम होती हैं, कार्यक्षमता व उत्पादकता बढ़ती है। कुपोषण और रोग से मुक्त जनसंख्या शिक्षा व कौशल विकास का पूर्ण लाभ उठा सकती है। स्वास्थ्य सुविधाएँ जीवन प्रत्याशा बढ़ाती हैं और श्रमिकों को सशक्त बनाती हैं। इस प्रकार स्वास्थ्य मानव पूँजी को स्थायी और प्रभावी बनाता है।

🔴 प्रश्न 5. किसी व्यक्ति के कामकाजी जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
🟢 उत्तर : कामकाजी जीवन में स्वास्थ्य ऊर्जा, ध्यान और सहनशक्ति प्रदान करता है। स्वस्थ व्यक्ति नियमित रूप से काम पर उपस्थित रहता है, कम अवकाश लेता है और लंबे समय तक योगदान दे सकता है। बीमारी के कारण अनुपस्थिति या अकाल मृत्यु से उत्पादन घटता है। बेहतर स्वास्थ्य से मानसिक संतुलन और टीमवर्क भी सुधारता है। इसलिए स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत कल्याण ही नहीं बल्कि कार्यस्थल की दक्षता और आर्थिक वृद्धि के लिए भी आवश्यक है।

🔴 प्रश्न 6. प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ कैसे संचालित की जाती हैं?
🟢 उत्तर : प्राथमिक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है, जैसे–कृषि, खनन, मत्स्य पालन। द्वितीयक क्षेत्र में कच्चे माल को प्रसंस्कृत करके उद्योगों में वस्तुएँ बनती हैं, जैसे–कपड़ा, इस्पात, वाहन निर्माण। तृतीयक क्षेत्र सेवा आधारित है, जैसे–परिवहन, संचार, बैंकिंग, स्वास्थ्य व शिक्षा। ये तीनों क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े हैं—कृषि उद्योगों को कच्चा माल देती है, उद्योग सेवाओं पर निर्भर रहते हैं और सेवाएँ दोनों को जोड़ती हैं।

🔴 प्रश्न 7. आर्थिक और गैर-आर्थिक क्रियाओं में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर : आर्थिक क्रियाएँ वे हैं जिनसे आय या उत्पादन होता है, जैसे–कृषि, व्यापार, उद्योग। गैर-आर्थिक क्रियाएँ वे हैं जो आय नहीं देतीं परंतु समाज के लिए उपयोगी होती हैं, जैसे–घर का काम, स्वयंसेवी सेवा, परोपकार। उदाहरणतः एक किसान का खेत में काम आर्थिक क्रिया है, लेकिन कोई व्यक्ति बिना वेतन के सामुदायिक सफाई करता है तो वह गैर-आर्थिक क्रिया है।

🔴 प्रश्न 8. महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं?
🟢 उत्तर : महिलाओं को अक्सर शिक्षा, प्रशिक्षण और अवसरों की कमी रहती है। सामाजिक परंपराएँ व लैंगिक भेदभाव उन्हें उच्च पदों तक पहुँचने से रोकते हैं। वे लचीले समय वाले कार्य या घर के पास के छोटे काम चुनती हैं जिससे पारिवारिक जिम्मेदारियाँ निभा सकें। इसके कारण उन्हें कम वेतन वाले कृषि, असंगठित क्षेत्र या घरेलू कार्यों में काम करना पड़ता है।

🔴 प्रश्न 9. ‘बेरोज़गारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे?
🟢 उत्तर : बेरोज़गारी वह स्थिति है जब काम करने की योग्यता व इच्छा रखने वाले लोग भी उपयुक्त काम न पाते हों। यह स्थिति देश के संसाधनों का पूर्ण उपयोग रोकती है और आर्थिक प्रगति धीमी करती है।

🔴 प्रश्न 10. खुल्लम और मौसमी बेरोज़गारी में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर : खुल्लम बेरोज़गारी में व्यक्ति को बिल्कुल भी काम नहीं मिलता, जबकि मौसमी बेरोज़गारी में काम केवल कुछ मौसमों तक रहता है—जैसे कृषि में बुआई और कटाई के बीच का समय।

🔴 प्रश्न 11. शिक्षित बेरोज़गारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
🟢 उत्तर : भारत में शिक्षित युवाओं की संख्या बहुत अधिक है, परंतु उद्योग और सेवाओं में उनकी योग्यताओं के अनुसार पर्याप्त अवसर नहीं हैं। कौशल प्रशिक्षण व उद्योगों का विकास कम होने से डिग्रीधारी युवा भी रोजगार के बिना रह जाते हैं। इससे सामाजिक असंतोष और संसाधनों की बर्बादी होती है।

🔴 प्रश्न 12. भारत किस क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर सृजित कर सकता है?
🟢 उत्तर : कृषि आधारित उद्योग, ग्रामीण कुटीर उद्योग, सेवा क्षेत्र (शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन), नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी और स्टार्टअप क्षेत्र में अधिक अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे बेरोज़गारी घटेगी और ग्रामीण–शहरी संतुलन बनेगा।

🔴 प्रश्न 13. शिक्षा प्रणाली में संशोधन कर बेरोज़गारी की समस्या कैसे दूर की जा सकती है?
🟢 उत्तर : शिक्षा को व्यावहारिक और कौशल उन्मुख बनाना चाहिए। व्यावसायिक शिक्षा, उद्यमिता प्रशिक्षण, डिजिटल कौशल, और स्थानीय उद्योगों से जुड़ा पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार योग्य बनाता है।

🔴 प्रश्न 14. ऐसे गाँवों की कल्पना करें जहाँ पहले रोजगार नहीं था, लेकिन बाद में बहुआयामी अवसर बढ़े—उदाहरण दें।
🟢 उत्तर : जैसे—एक गाँव में सड़क और बिजली आने के बाद वहाँ छोटे उद्योग, दुकानें और पर्यटन से संबंधित सेवाएँ शुरू हुईं। पहले बेरोज़गार लोग अब परिवहन, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण या होमस्टे चलाकर आय अर्जित कर रहे हैं।

🔴 प्रश्न 15. किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं—भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी या मानव पूँजी? क्यों?
🟢 उत्तर : मानव पूँजी सबसे मूल्यवान है क्योंकि भूमि, श्रम और भौतिक पूँजी तभी उपयोगी हैं जब उन्हें सही दिशा में प्रयोग करने वाले शिक्षित, स्वस्थ और कुशल लोग हों। मानव पूँजी नवाचार, प्रबंधन और संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर सकती है, जिससे दीर्घकालीन विकास संभव होता है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🔵 प्रश्न 1: ‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं?
(क) केवल प्राकृतिक साधन
(ख) केवल श्रमशक्ति
(ग) मानव पूँजी एवं उनकी कौशलता
(घ) केवल वित्तीय पूँजी
✔️ उत्तर: (ग) मानव पूँजी एवं उनकी कौशलता


🟢 प्रश्न 2: मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे साधनों से किस प्रकार भिन्न है?
(क) इसमें शिक्षा और कौशल शामिल हैं
(ख) यह नवीकरणीय नहीं है
(ग) यह उत्पादन में योगदान नहीं देता
(घ) यह केवल प्राकृतिक साधनों पर निर्भर है
✔️ उत्तर: (क) इसमें शिक्षा और कौशल शामिल हैं


🟡 प्रश्न 3: मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
(क) केवल डिग्री प्रदान करना
(ख) कार्यकुशलता एवं उत्पादन क्षमता बढ़ाना
(ग) मजदूरी घटाना
(घ) केवल सरकारी आँकड़े सुधारना
✔️ उत्तर: (ख) कार्यकुशलता एवं उत्पादन क्षमता बढ़ाना


🔴 प्रश्न 4: स्वास्थ्य मानव पूँजी निर्माण में क्यों महत्त्वपूर्ण है?
(क) यह कार्यकुशलता व उत्पादन घटाता है
(ख) यह श्रमिकों की उत्पादकता व जीवन स्तर बढ़ाता है
(ग) इसका कोई विशेष योगदान नहीं
(घ) केवल जनगणना के लिए आवश्यक
✔️ उत्तर: (ख) यह श्रमिकों की उत्पादकता व जीवन स्तर बढ़ाता है


🟢 प्रश्न 5: आर्थिक गतिविधियों के कितने मुख्य क्षेत्र हैं?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5
✔️ उत्तर: (ख) 3


🟡 प्रश्न 6: प्राथमिक क्षेत्र में कौन सी गतिविधि आती है?
(क) बैंकिंग
(ख) खनन
(ग) बीमा
(घ) सूचना प्रौद्योगिकी
✔️ उत्तर: (ख) खनन


🔵 प्रश्न 7: तृतीयक क्षेत्र का उदाहरण है—
(क) मत्स्य पालन
(ख) वनीकरण
(ग) परिवहन सेवा
(घ) कृषि उत्पादन
✔️ उत्तर: (ग) परिवहन सेवा


🔴 प्रश्न 8: आर्थिक और गैर–आर्थिक गतिविधियों में मुख्य अंतर है—
(क) मजदूरी व लाभ की प्राप्ति
(ख) कार्यस्थल की दूरी
(ग) केवल सरकारी नौकरियाँ
(घ) उत्पादन के साधन
✔️ उत्तर: (क) मजदूरी व लाभ की प्राप्ति


🟡 प्रश्न 9: महिलाओं का अधिकतर निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होना किसका संकेत है?
(क) लैंगिक असमानता
(ख) उच्च तकनीकी प्रगति
(ग) ग्रामीण पलायन
(घ) सरकारी सहायता
✔️ उत्तर: (क) लैंगिक असमानता


🔵 प्रश्न 10: ‘बेरोजगारी’ का अर्थ है—
(क) इच्छानुसार विश्राम
(ख) कार्य करने की इच्छा होते हुए भी रोजगार न मिलना
(ग) कार्य की अधिकता
(घ) अवकाश प्राप्त कर्मी
✔️ उत्तर: (ख) कार्य करने की इच्छा होते हुए भी रोजगार न मिलना


🔴 प्रश्न 11: प्रच्छन्न बेरोजगारी किसे कहते हैं?
(क) जहाँ श्रमिक संख्या आवश्यकता से अधिक हो
(ख) जहाँ सबको पर्याप्त मजदूरी मिले
(ग) जहाँ लोग समय पर नौकरी बदलते हों
(घ) केवल शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी
✔️ उत्तर: (क) जहाँ श्रमिक संख्या आवश्यकता से अधिक हो

🟢 प्रश्न 12: मौसमी बेरोजगारी किस क्षेत्र में अधिक पाई जाती है?
(क) सूचना प्रौद्योगिकी
(ख) कृषि व ग्रामीण उद्योग
(ग) बैंकिंग
(घ) शिक्षण संस्थान
✔️ उत्तर: (ख) कृषि व ग्रामीण उद्योग


🟡 प्रश्न 13: भारत में बेरोजगारी का सबसे प्रमुख कारण है—
(क) सीमित कृषि योग्य भूमि
(ख) जनसंख्या वृद्धि व धीमी औद्योगिक वृद्धि
(ग) उच्च तकनीकी नवाचार
(घ) श्रमिक प्रवास
✔️ उत्तर: (ख) जनसंख्या वृद्धि व धीमी औद्योगिक वृद्धि


🔵 प्रश्न 14: मानव संसाधन के विकास हेतु कौन सा उपाय उचित नहीं है?
(क) स्वास्थ्य व शिक्षा में निवेश
(ख) कौशल विकास कार्यक्रम
(ग) श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल
(घ) कार्यकुशलता घटाने वाले प्रावधान
✔️ उत्तर: (घ) कार्यकुशलता घटाने वाले प्रावधान


🔴 प्रश्न 15: जिस पूँजी को सबसे अच्छा माना गया है—भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी—उसका कारण क्या है?
(क) यह प्राकृतिक है
(ख) यह केवल आर्थिक पूँजी है
(ग) मानव पूँजी क्योंकि यह अन्य सभी संसाधनों को उपयोगी बनाती है
(घ) भूमि क्योंकि यह स्थायी है
✔️ उत्तर: (ग) मानव पूँजी क्योंकि यह अन्य सभी संसाधनों को उपयोगी बनाती है


🟡 प्रश्न 16: मानव पूँजी निर्माण के दो मुख्य घटक हैं—
(क) शिक्षा और स्वास्थ्य
(ख) भूमि और श्रम
(ग) परिवहन और संचार
(घ) केवल कर प्रणाली
✔️ उत्तर: (क) शिक्षा और स्वास्थ्य


🔵 प्रश्न 17: ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी हुई बेरोजगारी का समाधान क्या हो सकता है?
(क) कृषि कार्य में और श्रमिक जोड़ना
(ख) तृतीयक क्षेत्र व लघु उद्योगों का विस्तार
(ग) शहरी पलायन को बढ़ावा
(घ) मजदूरी घटाना
✔️ उत्तर: (ख) तृतीयक क्षेत्र व लघु उद्योगों का विस्तार


🔴 प्रश्न 18: भारत के लिए मानव संसाधन क्यों महत्वपूर्ण है?
(क) यह केवल जनसंख्या बढ़ाता है
(ख) यह उत्पादन क्षमता व आर्थिक विकास को गति देता है
(ग) यह प्राकृतिक संसाधनों को घटाता है
(घ) यह पूँजी निवेश को घटाता है
✔️ उत्तर: (ख) यह उत्पादन क्षमता व आर्थिक विकास को गति देता है

🟡 खंड B — लघु उत्तर (2–3 अंक)


🔴 प्रश्न 19: मानव पूँजी निर्माण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर: 🌾 मानव पूँजी निर्माण वह प्रक्रिया है जिसमें शिक्षा, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं व कौशल विकास पर निवेश कर जनसंख्या को मूल्यवान संसाधन बनाया जाता है। यह निवेश केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं बल्कि दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक विकास का साधन है।

🔴 प्रश्न 20: भारत की युवा जनसंख्या को संसाधन में बदलने के दो उपाय लिखिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) कौशल विकास व तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार।
🍚 (2) उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान ताकि युवा कार्यकुशल व उत्पादक बन सकें।


🔴 प्रश्न 21: बेरोज़गारी के दो प्रकार बताइए और संक्षेप में समझाइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) मौसमी बेरोज़गारी—जब वर्ष के कुछ समय ही काम उपलब्ध हो, जैसे कृषि में बुआई और कटाई के बीच।
🍚 (2) प्रच्छन्न बेरोज़गारी—जब अधिक लोग एक ही काम में लगे हों और कुछ श्रमिक हटाने पर भी उत्पादन न घटे।


🔴 प्रश्न 22: महिला सशक्तिकरण मानव संसाधन विकास के लिए क्यों ज़रूरी है?
🟢 उत्तर: 🌾 महिलाएँ आबादी का आधा भाग हैं। यदि उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण और समान अवसर मिलें, तो परिवार की आय, बच्चों की शिक्षा और समाज की प्रगति तीनों में सुधार होगा।


🔴 प्रश्न 23: प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं?
🟢 उत्तर: 🌾 प्राथमिक क्षेत्र (कृषि) उद्योगों को कच्चा माल देता है। द्वितीयक क्षेत्र उस कच्चे माल से वस्तुएँ बनाता है। तृतीयक क्षेत्र परिवहन, बैंकिंग व संचार जैसी सेवाएँ देकर दोनों क्षेत्रों को समर्थन देता है।

🟣 खंड C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
🔴 प्रश्न 24: स्वास्थ्य पर निवेश करने से देश को तीन लाभ बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) स्वस्थ श्रमिकों से उत्पादन क्षमता व कार्यकुशलता बढ़ती है।
🍚 (2) बीमारियों व अनुपस्थिति में कमी से आर्थिक हानि घटती है।
🏭 (3) जीवन प्रत्याशा बढ़ने से समाज व अर्थव्यवस्था स्थिर व सशक्त होती है।


🔴 प्रश्न 25: बेरोज़गारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर दो नकारात्मक प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) उत्पादन व आय में कमी से गरीबी बढ़ती है।
🍚 (2) सामाजिक असंतोष, अपराध व असुरक्षा की स्थिति पैदा हो सकती है।

🔴 प्रश्न 26: जनसांख्यिकीय लाभांश क्या है और भारत इसके लिए क्या कर सकता है?
🟢 उत्तर: 🌾 जनसांख्यिकीय लाभांश का अर्थ है—युवा आबादी की अधिकता जो यदि शिक्षित व कुशल हो, तो विकास का इंजन बन सकती है। भारत को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता प्रोत्साहन और रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।


🔴 प्रश्न 27: आर्थिक और गैर–आर्थिक गतिविधियों में तीन भेद लिखिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) आर्थिक गतिविधि आय देती है, गैर–आर्थिक नहीं।
🍚 (2) आर्थिक गतिविधि उत्पादन व बाज़ार से जुड़ी होती है, गैर–आर्थिक सेवा भाव से।
🏭 (3) आर्थिक गतिविधि GDP में योगदान करती है, गैर–आर्थिक अप्रत्यक्ष लाभ देती है।


🔴 प्रश्न 28: मानव पूँजी को सबसे मूल्यवान पूँजी क्यों कहा जाता है?
🟢 उत्तर: 🌾 मानव पूँजी ही अन्य सभी संसाधनों को सक्रिय व उपयोगी बनाती है। यह नवाचार, तकनीकी सुधार और उत्पादकता वृद्धि में अग्रणी भूमिका निभाती है। शिक्षित, कुशल और स्वस्थ लोग राष्ट्र को समृद्ध बनाते हैं।

🔶 खंड D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
🔴 प्रश्न 29: शिक्षा के तीन प्रमुख लाभ बताइए जो मानव संसाधन को सशक्त बनाते हैं।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) शिक्षा ज्ञान, कौशल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण देती है जिससे श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ती है।
🍚 (2) यह सामाजिक सुधार लाकर लैंगिक भेदभाव, बाल विवाह और अंधविश्वास घटाती है।
🏭 (3) यह उच्च आय, बेहतर रोजगार और नवाचार की दिशा में अवसर प्रदान करती है।


🔴 प्रश्न 30: स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से ग्रामीण भारत को होने वाले पाँच लाभ समझाइए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) बीमारियों में कमी से श्रमिक अधिक कार्यकुशल बनते हैं।
🍚 (2) शिशु मृत्यु दर घटने से परिवारों का बोझ कम होता है।
🏭 (3) स्कूल उपस्थिति बढ़ती है क्योंकि बच्चे स्वस्थ रहते हैं।
📦 (4) दीर्घकालिक रोगों के प्रबंधन से आर्थिक बोझ घटता है।
💡 (5) जागरूकता से स्वच्छता व पोषण संबंधी व्यवहार सुधरते हैं।


🔴 प्रश्न 31: बेरोज़गारी दूर करने के चार उपाय लिखिए।
🟢 उत्तर: 🌾 (1) कृषि व ग्रामीण उद्योगों का आधुनिकीकरण।
🍚 (2) कौशल आधारित प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा।
🏭 (3) सेवा क्षेत्र (पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा) में निवेश।
📊 (4) स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देना।

🟠 खंड E — केस/स्रोत आधारित प्रश्न (5 अंक)
🔵 प्रश्न 32 (स्थितिजन्य): मान लीजिए किसी क्षेत्र के युवा पर्याप्त डिग्रियाँ होने के बावजूद बेरोज़गार हैं। इसका कारण और समाधान बताएँ।
🟢 उत्तर: 🌾 यह शिक्षित बेरोज़गारी है। कारण—उद्योगों में सीमित अवसर, कौशल प्रशिक्षण की कमी, शिक्षा व बाज़ार की आवश्यकताओं का अंतर। समाधान—व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता प्रोत्साहन, स्थानीय उद्योगों व सेवाओं में निवेश।


🔴 प्रश्न 33 (स्रोताधारित): एक ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, बिजली और संचार सुविधाएँ आने के बाद वहाँ रोजगार के नए अवसर पैदा हुए। इस बदलाव से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
🟢 उत्तर: 🌾 यह दर्शाता है कि बुनियादी ढाँचा सुधारने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सक्रिय होती है। सड़क व बिजली से उद्योग, पर्यटन और सेवाएँ विकसित होती हैं। संचार सुविधाएँ बाज़ार तक पहुँच बढ़ाती हैं। इससे बेरोज़गारी घटती है और जनसंख्या संसाधन में बदलती है।

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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति

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स्मृति संकेत

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भ्रांति /वास्तविकता

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मजा भी , ज्ञान भी

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मस्तिष्क मानचित्र

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