Class 9, Social Science (Hindi)

Class 9 : Social Science (In Hindi) – Lesson 15. संस्थाओं का कामकाज

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔴 विस्तृत व्याख्या (~900 शब्द)
🔵 परिचय
🌾 लोकतंत्र में केवल चुनाव ही नहीं बल्कि संस्थाओं का सुचारु कामकाज भी आवश्यक है। संस्थाएँ वे ढाँचे हैं जिनके माध्यम से निर्णय लिए जाते हैं, कानून बनाए जाते हैं और नागरिकों के अधिकार संरक्षित होते हैं।
🍚 भारत में संसद, कार्यपालिका, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसी संस्थाएँ लोकतांत्रिक व्यवस्था को टिकाऊ बनाती हैं।


🔵 संस्थाओं की आवश्यकता
🌾 अकेला नेता या समूह पूरे देश के लिए निर्णय नहीं ले सकता। संस्थाएँ स्पष्ट प्रक्रियाओं, जवाबदेही और पारदर्शिता के माध्यम से शक्ति का दुरुपयोग रोकती हैं।
🍚 संस्थाएँ विभिन्न वर्गों की भागीदारी और हितों का संतुलन सुनिश्चित करती हैं।


🔵 संसद (विधान मंडल)
🌾 संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा होती हैं।
🍚 इसके कार्य: (1) कानून बनाना। (2) सरकार को उत्तरदायी बनाना। (3) बजट और कर स्वीकृत करना।
🏭 प्रश्नकाल और बहसों के माध्यम से सांसद सरकार के निर्णयों की समीक्षा करते हैं।


🔵 कार्यपालिका (सरकार)
🌾 इसमें राष्ट्रपति (औपचारिक प्रमुख), प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद शामिल हैं। प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी प्रमुख होता है।
🍚 कार्यपालिका नीतियों को लागू करती है और प्रशासन चलाती है।
🏭 मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी है।


🔵 न्यायपालिका
🌾 भारत में स्वतंत्र न्यायपालिका है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालय शामिल हैं।
🍚 यह कानूनों की व्याख्या करती है, नागरिक अधिकारों की रक्षा करती है और असंवैधानिक कानूनों को निरस्त कर सकती है।
🏭 न्यायपालिका सरकार के अन्य अंगों पर नियंत्रण रखती है (न्यायिक पुनरावलोकन)।


🔵 नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था
🌾 लोकतंत्र में शक्ति विभाजन आवश्यक है। विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उन्हें लागू करती है और न्यायपालिका उनकी संवैधानिकता की जाँच करती है।
🍚 यह व्यवस्था किसी एक संस्था को अत्यधिक शक्तिशाली बनने से रोकती है।


🔵 अन्य महत्वपूर्ण संस्थाएँ
🌾 चुनाव आयोग: स्वतंत्र निकाय जो निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है।
🍚 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG): सरकारी खर्च की जाँच करता है।
🏭 लोक सेवा आयोग: निष्पक्ष भर्ती सुनिश्चित करता है।
📦 राज्यपाल और राज्य विधानसभाएँ: संघीय ढाँचे का हिस्सा।


🔵 संस्थागत प्रक्रियाएँ और लोकतांत्रिक संस्कृति
🌾 संस्थाएँ केवल नियमों का समूह नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने का साधन हैं।
🍚 निर्णय लेने की पारदर्शी प्रक्रिया, बहस और सहमति लोकतांत्रिक संस्कृति को मजबूत बनाती हैं।
🏭 जनता को सरकार की नीतियों पर प्रश्न पूछने और भाग लेने का अधिकार संस्थाओं के माध्यम से मिलता है।


🔵 संस्थाओं की चुनौतियाँ
🌾 निर्णय लेने की धीमी गति, राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार कभी-कभी संस्थाओं की कार्यक्षमता घटाते हैं।
🍚 सुधारों, तकनीक और जवाबदेही से इन्हें मजबूत किया जा सकता है।


🔵 उदाहरण और अध्ययन
🌾 1975 का आपातकाल दिखाता है कि जब संस्थागत नियंत्रण कमजोर होता है तो लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं।
🍚 1990 के दशक में गठबंधन सरकारों के दौर में संसद की भूमिका बढ़ी और सहमति-आधारित राजनीति मजबूत हुई।

🔵 निष्कर्ष
🌾 लोकतंत्र में संस्थाओं का कामकाज केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्कृति की नींव है।
🍚 मज़बूत और स्वतंत्र संस्थाएँ ही जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा कर सकती हैं।

📝 सारांश (~200 शब्द)
🌾 लोकतांत्रिक प्रणाली में संस्थाएँ निर्णय लेने, कानून बनाने और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने का माध्यम हैं।
🍚 संसद कानून निर्माण और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करती है। कार्यपालिका नीतियों को लागू करती है और प्रशासन चलाती है। न्यायपालिका स्वतंत्र है और न्यायिक पुनरावलोकन के माध्यम से अन्य अंगों को नियंत्रित करती है।
🏭 चुनाव आयोग, CAG और लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाएँ पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखती हैं।
📦 शक्ति विभाजन और संतुलन लोकतंत्र को स्थिर बनाते हैं।
💡 संस्थागत सुधार और जनता की भागीदारी उन्हें और सशक्त बनाते हैं।

⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🌾 संसद = कानून निर्माण व जवाबदेही।
🍚 कार्यपालिका = नीतियों का कार्यान्वयन।
🏭 न्यायपालिका = स्वतंत्र, अधिकारों की रक्षा।
📦 चुनाव आयोग, CAG = पारदर्शिता।
💡 शक्ति संतुलन = लोकतंत्र की स्थिरता।
✔️ मजबूत संस्थाएँ = सशक्त लोकतंत्र।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


🔵 प्रश्न 1 :
अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा निर्णय स्वयं कर सकते हैं?
(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी के नेता को ही हटाकर दे सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हस्ताक्षर कर सकते हैं।
(घ) अपनी पसंद के किसी भी नेता को मंत्रिपरिषद में शामिल कर सकते हैं।
✔️ उत्तर :
🌾 राष्ट्रपति स्वयं प्रधानमंत्री नहीं चुन सकते। संसदीय व्यवस्था के अनुसार, लोकसभा में बहुमत रखने वाली पार्टी या गठबंधन का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है। राष्ट्रपति की भूमिका औपचारिक होती है, वे लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करते हैं। वह केवल वही निर्णय कर सकते हैं जो संविधान ने स्पष्ट रूप से उन्हें दिया है, जैसे कि संसद द्वारा पारित विधेयक पर हस्ताक्षर करना। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोकतांत्रिक सरकारें संसद के प्रति जवाबदेह रहें और राष्ट्रपति की शक्तियाँ औपचारिक तथा संवैधानिक दायरे में ही रहें।

🟢 प्रश्न 2 :
निम्नलिखित में से कौन-सा राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?
(क) जिला मजिस्ट्रेट
(ख) गृह मंत्रालय का सचिव
(ग) गृह मंत्री
(घ) पुलिस महानिदेशक
✔️ उत्तर :
📊 राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा केवल निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हैं। इसलिए गृह मंत्री राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा हैं। सचिव, पुलिस महानिदेशक और जिला मजिस्ट्रेट प्रशासनिक या स्थायी कार्यपालिका का हिस्सा हैं। राजनीतिक कार्यपालिका नीति-निर्माण के बड़े निर्णय लेती है जबकि स्थायी कार्यपालिका उन नीतियों को लागू करती है।

🟡 प्रश्न 3 :
न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
✔️ उत्तर :
🌾 गलत कथन है – “संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होती है।” संविधान ने न्यायपालिका को विधायिका से स्वतंत्र बनाया है, लेकिन हर कानून के लिए न्यायालय की पूर्व मंजूरी आवश्यक नहीं। न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करती है जब कोई कानून या कार्यवाही संविधान का उल्लंघन करे या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करे।

🔴 प्रश्न 4 :
निम्नलिखित राजनीतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) संसद
✔️ उत्तर :
📦 कानून में संशोधन का अधिकार केवल संसद के पास है। संविधान के अनुच्छेद और प्रावधानों के अनुसार संसद ही विधेयक पारित कर मौजूदा कानूनों में परिवर्तन कर सकती है। सर्वोच्च न्यायालय कानूनों की संवैधानिकता की समीक्षा कर सकता है, पर स्वयं संशोधन नहीं कर सकता। राष्ट्रपति विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे लागू करते हैं लेकिन नया प्रावधान नहीं जोड़ सकते। प्रधानमंत्री संसद के माध्यम से ही परिवर्तन करवा सकते हैं।

🌿 प्रश्न 5 :
उस मंत्रालय को पहचानें जिसके द्वारा निम्नलिखित समाचार जारी किया गया होगा –
1️⃣ देश से जुड़ का स्तर बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।
2️⃣ ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएं शुरू की जाएँगी।
3️⃣ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की गुणवत्ता सुधारी जाएगी।
4️⃣ पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा।
5️⃣ ऊँचे वायुमंडल पर तेज़ बौछारों के बने बादलों का अध्ययन किया जाएगा।
✔️ उत्तर :
🌾 1️⃣ रक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना से जुड़े मामलों के लिए नीतियाँ बनाता है।
📊 2️⃣ संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन सेवाओं की शुरुआत करता है।
🟢 3️⃣ कृषि, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय खाद्यान्न की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।
🟡 4️⃣ स्वास्थ्य मंत्रालय पल्स पोलियो जैसे स्वास्थ्य अभियानों के लिए जिम्मेदार है।
🔴 5️⃣ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय वायुमंडलीय अध्ययनों के लिए कार्य करता है।

📘 प्रश्न 6 :
देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनीतिक संस्था का नाम बताएँ जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है।
(क) सड़कों, इमारतों जैसी यूनियन निधियों के विकास और नागरिकों की कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च होगा।
(ख) राज्य एक्सेसरीज को बनाने हेतु कानून बनाने की समितियों को विचार-विमर्श हेतु सुझाव देना।
(ग) दो राज्यों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय देना।
(घ) सूखे पीड़ितों को राहत के प्रयासों के कार्य में सूचना जारी करना।
✔️ उत्तर :
🌾 (क) विधायिका (संसद) यह तय करती है कि केंद्र की निधियों से कितना व्यय होगा।
📊 (ख) कार्यपालिका (मंत्रिपरिषद/सरकार) कानून निर्माण हेतु सुझाव देती है।
🟢 (ग) न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय) राज्यों के बीच कानूनी विवाद सुलझाती है।
🟡 (घ) कार्यपालिका राहत प्रयासों हेतु दिशा-निर्देश और सूचना जारी करती है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🔷 खंड A — बहुविकल्पी प्रश्न (प्रत्येक 1 अंक)
🔵 प्रश्न 1: संसद में सरकार को उत्तरदायी बनाने का सबसे प्रभावी उपकरण कौन-सा है?
(अ) शून्य काल
(आ) प्रश्नकाल
(इ) स्थायी समिति
(ई) निजी सदस्य विधेयक
उत्तर: 🟢 (आ) प्रश्नकाल


🔵 प्रश्न 2: राजनीतिक कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख कौन होता है?
(अ) राष्ट्रपति
(आ) प्रधानमंत्री
(इ) लोकसभा अध्यक्ष
(ई) मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: 🟢 (आ) प्रधानमंत्री


🔵 प्रश्न 3: स्थायी कार्यपालिका में कौन सम्मिलित है?
(अ) मंत्री परिषद
(आ) कैबिनेट समितियाँ
(इ) सचिव तथा विभागीय अधिकारी
(ई) राज्यपाल
उत्तर: 🟢 (इ) सचिव तथा विभागीय अधिकारी


🔵 प्रश्न 4: किसी विधेयक के धन विधेयक होने का अंतिम निर्णय किसका होता है?
(अ) लोकसभा अध्यक्ष
(आ) राज्यसभा अध्यक्ष
(इ) वित्त मंत्री
(ई) राष्ट्रपति
उत्तर: 🟢 (अ) लोकसभा अध्यक्ष


🔵 प्रश्न 5: न्यायिक पुनरावलोकन का अर्थ है—
(अ) न्यायालय बजट पास करता है
(आ) न्यायालय कानून की संवैधानिकता जाँचता है
(इ) न्यायालय चुनाव कराता है
(ई) न्यायालय अध्यादेश जारी करता है
उत्तर: 🟢 (आ) न्यायालय कानून की संवैधानिकता जाँचता है


🔵 प्रश्न 6: राज्यसभा का वह अधिकार जो लोकसभा के पास नहीं है—
(अ) धन विधेयक आरम्भ करना
(आ) स्थायी निकाय होना
(इ) अविश्वास प्रस्ताव लाना
(ई) मंत्रिपरिषद को पद से हटाना
उत्तर: 🟢 (आ) स्थायी निकाय होना


🔵 प्रश्न 7: कैबिनेट उत्तरदायित्व का सिद्धान्त क्या बताता है?
(अ) व्यक्तिगत उत्तरदायित्व
(आ) सामूहिक उत्तरदायित्व
(इ) विभागीय उत्तरदायित्व
(ई) न्यायिक उत्तरदायित्व
उत्तर: 🟢 (आ) सामूहिक उत्तरदायित्व


🔵 प्रश्न 8: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति किसकी सलाह से होती है (प्रचलित व्यवस्था)?
(अ) लोकसभा अध्यक्ष
(आ) कैबिनेट समिति
(इ) उच्चतम न्यायालय महाविदि मंडल की सिफारिश
(ई) निर्वाचन आयोग
उत्तर: 🟢 (इ) उच्चतम न्यायालय महाविदि मंडल की सिफारिश


🔵 प्रश्न 9: अध्यादेश जारी करने की शक्ति किसके पास है?
(अ) लोकसभा अध्यक्ष
(आ) प्रधानमंत्री
(इ) राष्ट्रपति
(ई) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
उत्तर: 🟢 (इ) राष्ट्रपति


🔵 प्रश्न 10: संसद की स्थायी समितियों का प्रमुख उद्देश्य है—
(अ) चुनाव कराना
(आ) विधेयकों की सूक्ष्म जाँच और अनुश्रवण
(इ) राज्यपाल नियुक्ति
(ई) न्यायालय संचालन
उत्तर: 🟢 (आ) विधेयकों की सूक्ष्म जाँच और अनुश्रवण

🔷 खंड B — अति संक्षिप्त उत्तर (प्रत्येक 2 अंक)
🟡 प्रश्न 11: लोकसभा और राज्यसभा में एक मुख्य अंतर लिखिए।
उत्तर: 🌾 लोकसभा विसर्जनीय सदन है और सरकार उसके प्रति उत्तरदायी है; राज्यसभा स्थायी निकाय है, प्रत्येक 2 वर्ष में 1/3 सदस्य अवकाश ग्रहण करते हैं, पर सरकार उसके प्रति उत्तरदायी नहीं।


🟡 प्रश्न 12: अविश्वास प्रस्ताव का अभिप्राय क्या है?
उत्तर: 🌾 लोकसभा में प्रस्तुत वह प्रस्ताव जिससे सिद्ध होता है कि मंत्रिपरिषद के पास बहुमत का समर्थन नहीं रहा; पारित होने पर मंत्रिपरिषद को पद छोड़ना पड़ता है।


🟡 प्रश्न 13: कैबिनेट और मंत्रिपरिषद में अंतर लिखिए।
उत्तर: 🌾 कैबिनेट उच्चस्तरीय प्रमुख मंत्री समूह है जो नीति-निर्णय करता है; मंत्रिपरिषद व्यापक समूह है जिसमें राज्य मंत्री व उप मंत्री भी होते हैं, सभी सामूहिक रूप से उत्तरदायी रहते हैं।


🟡 प्रश्न 14: स्वतंत्र न्यायपालिका क्यों आवश्यक है?
उत्तर: 🌾 नागरिक अधिकारों की रक्षा, संविधान-प्रधानता, तथा विधायिका–कार्यपालिका पर नियंत्रण के लिए न्यायपालिका का स्वतंत्र होना अनिवार्य है।


🟡 प्रश्न 15: प्रश्नकाल का उद्देश्य बताइए।
उत्तर: 🌾 सांसदों को प्रशासनिक कार्यों पर प्रश्न पूछकर सरकार से स्पष्टीकरण लेने और त्रुटियों को उजागर करने का संसदीय माध्यम प्रदान करना।


🟡 प्रश्न 16: अध्यादेश कब जारी किया जाता है?
उत्तर: 🌾 संसद सत्र में न हो और तात्कालिक विधिक प्रावधान आवश्यक हो, तब राष्ट्रपति सरकार की सलाह पर अध्यादेश जारी करते हैं; बाद में संसद की स्वीकृति आवश्यक है।


🟡 प्रश्न 17: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका लिखिए।
उत्तर: 🌾 यह संवैधानिक प्राधिकरण सरकारी आय–व्यय का लेखा परीक्षण कर संसद/विधानसभा के समक्ष प्रतिवेदन रखता है, जिससे राजकोषीय अनुशासन बना रहता है।


🟡 प्रश्न 18: विधेयक के समिति चरण का महत्व क्या है?
उत्तर: 🌾 स्थायी या प्रवर समिति विधेयक की पंक्ति-दर-पंक्ति जाँच कर व्यावहारिक, वैधानिक और वित्तीय प्रभावों की समीक्षा करती है जिससे कानून अधिक सुदृढ़ बनता है।



🔷 खंड C — लघु उत्तर (प्रत्येक 3 अंक)
🟣 प्रश्न 19: राष्ट्रपति की तीन प्रमुख विधिक शक्तियाँ लिखिए।
उत्तर: 🔹 संसद से पारित विधेयकों पर अनुमोदन/वापसी हेतु विचार, 🔹 अध्यादेश जारी करना (सत्र न हो), 🔹 क्षमादान, दण्डशमन आदि दया अधिकार; सभी कृत्य मंत्रिपरिषद की सलाह पर।


🟣 प्रश्न 20: संसदीय समितियों के दो लाभ और एक सीमा बताएँ।
उत्तर: 🔹 लाभ: सूक्ष्म जाँच से गुणवत्तापूर्ण कानून, सर्वदलीय सहमति का मंच। 🔹 सीमा: सिफारिशें बाध्यकारी नहीं, इसलिए सरकार कभी-कभी पूरी तरह नहीं मानती।


🟣 प्रश्न 21: न्यायिक सक्रियता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: 🔹 जब न्यायालय सार्वजनिक हित व संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हेतु व्यापक व्याख्या के साथ प्रशासन/विधायिका को दिशा देता है; परन्तु यह नीति-निर्धारण का स्थानापन्न नहीं।


🟣 प्रश्न 22: कैबिनेट सामूहिक उत्तरदायित्व का तात्पर्य उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: 🔹 यदि किसी नीतिगत निर्णय पर लोकसभा विश्वास खो दे, तो केवल संबंधित मंत्री नहीं, पूरी मंत्रिपरिषद पदत्याग करती है—यही सामूहिक उत्तरदायित्व है।


🟣 प्रश्न 23: विधि-निर्माण की क्रमिक अवस्थाएँ लिखिए (संक्षेप में)।
उत्तर: 🔹 प्रथम वाचन (प्रस्तुतीकरण) → 🔹 द्वितीय वाचन/विस्तृत चर्चा व समिति चरण → 🔹 तृतीय वाचन/मतदान → 🔹 अन्य सदन की स्वीकृति → 🔹 राष्ट्रपति अनुमोदन → 🔹 राजपत्र प्रकाशन।

🔷 खंड D — विस्तृत उत्तर (प्रत्येक 5–6 अंक)
🔴 प्रश्न 24: संसद, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच नियंत्रण–संतुलन कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
🟢 संसद प्रश्नकाल, स्थगन प्रस्ताव, वित्तीय नियंत्रण एवं अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को उत्तरदायी बनाती है।
🟡 कार्यपालिका विधेयक प्रस्तुत करती, नीतियाँ लागू करती, पर संसद की स्वीकृति के बिना व्यय नहीं कर सकती।
🔵 न्यायपालिका न्यायिक पुनरावलोकन द्वारा असंवैधानिक कार्यों को निरस्त कर सकती है; साथ ही स्वयं भी संविधान व विधि के अधीन है।
🟣 यह त्रिस्तरीय संरचना दुरुपयोग रोककर नागरिक स्वतंत्रताओं की रक्षा करती है और शासन को संतुलित बनाती है।


🔴 प्रश्न 25: प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की भूमिका तथा उनके परस्पर संबंध स्पष्ट करें।
उत्तर:
🟢 प्रधानमंत्री नीति-निर्देशन, विभागों का आवंटन, कैबिनेट की अध्यक्षता और समन्वय करते हैं।
🟡 मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से नीति-निर्णय लेकर उसे लागू करती है और लोकसभा के प्रति उत्तरदायी रहती है।
🔵 मत विभाजन होने पर कैबिनेट की सामूहिक स्थिति ही सरकार की स्थिति मानी जाती है; असहमति पर संबंधित मंत्री त्यागपत्र दे सकता है।
🟣 संकट, युद्ध, आपदा, राजकोषीय निर्णय—सभी में कैबिनेट की सामूहिक बुद्धि से त्वरित और उत्तरदायी शासन संभव होता है।


🔴 प्रश्न 26: स्वतंत्र न्यायपालिका के पाँच आधार तथा उनका लोकतंत्र पर प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
1️⃣ नियुक्ति–स्थानांतरण में कार्यपालिका से दूरी (प्रचलित सिफारिश तंत्र)।
2️⃣ सुनिश्चित कार्यकाल और वेतन–भत्तों की विधिक सुरक्षा।
3️⃣ न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार।
4️⃣ अदालत की अवमानना की शक्ति से आदेशों का पालन सुनिश्चित।
5️⃣ न्यायिक लेखन में तर्क, नज़ीर और पारदर्शिता।
🌾 इन आधारों से नागरिक अधिकार सुरक्षित, कानून का शासन सुदृढ़ और शासन-तंत्र संतुलित रहता है।


🔴 प्रश्न 27: अध्यादेश व्यवस्था की आवश्यकता, प्रक्रिया और सीमाएँ बताइए।
उत्तर:
🟢 आवश्यकता: संसद सत्र में न हो, तात्कालिक विधिक उपाय चाहिए।
🟡 प्रक्रिया: मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करते हैं; यह कानून के समान प्रभावी होता है।
🔵 सीमाएँ: संसद के अगले सत्र में प्रस्तुति अनिवार्य; अनुमोदन न मिले तो निरस्त। अध्यादेश का अति प्रयोग विधायिका की आत्मा के विरुद्ध माना जाता है।


🔴 प्रश्न 28: राज्यसभा के तीन विशिष्ट योगदान लिखिए।
उत्तर:
🟢 संघीय हितों का संरक्षण—राज्य दृष्टिकोण की प्रस्तुति।
🟡 अनुभवी व विशिष्ट ज्ञान वाले सदस्यों की भागीदारी से गुणवत्तापूर्ण बहस।
🔵 स्थायी निकाय होने के कारण नीतिगत निरन्तरता; साथ ही सर्वभारतीय सेवाओं के निर्माण जैसे विशेष विषयों पर प्रस्ताव पारित करने की शक्ति।


🔴 प्रश्न 29: स्थायी समितियाँ विधि-निर्माण की गुणवत्ता कैसे बढ़ाती हैं?
उत्तर:
🟢 तथ्यात्मक साक्ष्यों और विशेषज्ञ राय का संकलन।
🟡 विभागीय परीक्षण से वित्तीय–प्रशासनिक प्रभाव का आकलन।
🔵 पक्ष–विपक्ष दोनों की सहभागिता से सहमति निर्माण।
🟣 गोपनीय/सूक्ष्म जाँच का समय और अवसर, जिससे राजनीतिक शोर से दूर तकनीकी सुधार सम्भव होते हैं।
🌾 परिणाम: अधिक स्पष्ट, लागू करने योग्य और नागरिक हितोन्मुख कानून।


🔴 प्रश्न 30: संसदीय लोकतंत्र में उत्तरदायित्व तंत्र की चार कड़ियाँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
1️⃣ प्रश्नकाल/अल्पसूचित प्रश्न—कार्यपालिका से त्वरित स्पष्टीकरण।
2️⃣ लेखा परीक्षण प्रतिवेदन—राजकोषीय जवाबदेही।
3️⃣ अविश्वास/विश्वास मत—जनादेश की वास्तविक स्थिति स्पष्ट।
4️⃣ स्थायी समिति/अनुमान समिति—विभागीय क्रियान्वयन की सतत निगरानी।
🌾 इन कड़ियों से जनता का भरोसा और सुशासन दोनों सुदृढ़ होते हैं।

🔷 खंड E — स्त्रोताधारित/परिस्थितिजन्य (4–5 अंक)
🟠 प्रश्न 31 (परिस्थिति): मान लीजिए किसी आपदा के समय संसद सत्र में नहीं है और तुरन्त राहत के लिए विधिक प्रावधान चाहिए। सरकार कौन-सी संवैधानिक राह अपनाएगी? उसके दो लाभ और एक सावधानी लिखिए।
उत्तर: 🌾 मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करेंगे।
✅ लाभ: (1) तात्कालिक कानूनी प्रभाव से राहत–कार्य बाधारहित, (2) प्रशासन को स्पष्ट अधिकार।
⚠️ सावधानी: अगले सत्र में संसद से अनुमोदन कराना और अध्यादेश का अति प्रयोग न करना।


🟠 प्रश्न 32 (स्रोत-विचार): “लोकसभा में बहुमत खो चुकी मंत्रिपरिषद पद पर बनी नहीं रह सकती।” कथन की संवैधानिक आधार सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर: 🌾 सामूहिक उत्तरदायित्व सिद्धान्त के अनुसार मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है; अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही उसका पदत्याग अनिवार्य है—यही जनप्रतिनिधिक उत्तरदायित्व का मूल है।


🟠 प्रश्न 33 (तुलनात्मक): राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका—चार बिन्दुओं पर भेद लिखिए।
उत्तर:
🔹 गठन: राजनीतिक = निर्वाचित जनप्रतिनिधि; स्थायी = चयन/सेवा नियमों से।
🔹 कार्य: राजनीतिक = नीति-निर्णय; स्थायी = क्रियान्वयन व प्रशासन।
🔹 उत्तरदायित्व: राजनीतिक = लोकसभा के प्रति; स्थायी = संवैधानिक/सेवायोग के नियमों के प्रति।
🔹 स्थायित्व: राजनीतिक = कालावधि-निरपेक्ष/परिवर्तनीय; स्थायी = दीर्घकालीन निरन्तरता।

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