Class : 9 – Science (Hindi) : Lesson 9. गुरुत्वाकर्षण
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔵 प्रस्तावना
🌍 जब भी हम कोई वस्तु ऊँचाई से छोड़ते हैं, वह पृथ्वी की ओर गिरती है। यही कारण है कि वर्षा की बूँदें नीचे आती हैं, पेड़ के फल जमीन पर गिरते हैं, नदियाँ समुद्र की ओर बहती हैं और यहाँ तक कि ग्रह–उपग्रह भी अपने-अपने कक्ष में टिके रहते हैं। इन सभी घटनाओं का मूल कारण है गुरुत्वाकर्षण बल।
👉 “गुरुत्वाकर्षण” शब्द का अर्थ है – वह आकर्षण शक्ति जो प्रत्येक पिण्ड को अन्य पिण्ड की ओर खींचती है। इसे सबसे पहले व्यवस्थित रूप से आइज़ैक न्यूटन ने स्पष्ट किया और गणितीय रूप में सूत्रबद्ध किया।
🟢 सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम
💡 न्यूटन ने कहा –
“ब्रह्माण्ड का प्रत्येक पिण्ड अन्य प्रत्येक पिण्ड को एक बल से अपनी ओर खींचता है। यह बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
📌 सूत्र:
F = G × (m₁ × m₂) / r²
जहाँ –
F = गुरुत्वाकर्षण बल
m₁ और m₂ = दोनों पिण्डों के द्रव्यमान
r = उनके बीच की दूरी
G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (6.67 × 10⁻¹¹ Nm²/kg²)
⚡ इस सूत्र से स्पष्ट है कि यह बल सब पर लागू होता है – चाहे वह ग्रह हों, तारे हों, उपग्रह हों या दैनिक जीवन की वस्तुएँ।
🔴 गुरुत्वाकर्षण बल के उदाहरण
पेड़ से फल का गिरना।

पृथ्वी का चन्द्रमा को अपने पास बाँधना।

सूर्य का ग्रहों को अपने चारों ओर परिक्रमा कराना।
समुद्र में ज्वार-भाटा का बनना।
किसी वस्तु का हमारे हाथ से छूटकर नीचे गिरना।
🟡 गुरुत्वीय त्वरण (g)
जब कोई वस्तु पृथ्वी पर गिरती है, तो पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसे त्वरण प्रदान करता है। इसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।
📌 सूत्र:
g = GM / R²
जहाँ –
M = पृथ्वी का द्रव्यमान
R = पृथ्वी की त्रिज्या
👉 पृथ्वी की सतह पर g का मान लगभग 9.8 m/s² है।
🌿 महत्त्वपूर्ण तथ्य:
g का मान ध्रुवों पर अधिक और भूमध्य रेखा पर कम होता है।
g ऊँचाई बढ़ने पर और पृथ्वी के केन्द्र की ओर जाने पर घटता है।
🔵 मुक्तपतन
✔ जब कोई वस्तु केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण गिरती है, तो इसे मुक्तपतन कहते हैं।
इसमें वायु प्रतिरोध न मानें।
वस्तु का त्वरण = g होता है।
सभी वस्तुएँ, चाहे भारी हों या हल्की, निर्वात में समान g से गिरती हैं।
🟢 द्रव्यमान और भार
द्रव्यमान (Mass): किसी पिण्ड में निहित पदार्थ की मात्रा। यह स्थान बदलने पर भी अपरिवर्तित रहता है।
भार (Weight): पृथ्वी का गुरुत्व बल जो पिण्ड को खींचता है।
📌 सूत्र:
W = m g
👉 उदाहरण: चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में 1/6 है, इसलिए किसी वस्तु का भार वहाँ 1/6 हो जाता है, जबकि द्रव्यमान वही रहता है।
🔴 तरल दाब (Pressure in Fluids)
🌊 तरल और गैसें भी अपने भीतर रखी वस्तुओं पर दाब डालती हैं।
तरल में गहराई बढ़ने पर दाब बढ़ता है।
दाब हर दिशा में समान रूप से कार्य करता है।
📌 सूत्र:
P = F / A
जहाँ –
P = दाब
F = लगाया गया बल
A = क्षेत्रफल
🟡 पास्कल का सिद्धान्त
💡 “यदि किसी बन्द तरल पर दाब डाला जाए तो वह दाब सभी दिशाओं में समान रूप से संचारित होता है।”
✔ अनुप्रयोग:
हाइड्रोलिक ब्रेक
हाइड्रोलिक लिफ्ट
दन्त चिकित्सक के यंत्र
प्रेस मशीनें
🔵 उत्थापक बल (Buoyant Force)
⚡ जब कोई वस्तु किसी तरल में डुबोई जाती है, तो तरल उसे ऊपर की ओर एक बल लगाता है। इस बल को उत्थापक बल कहते हैं।
👉 यही कारण है कि वस्तुएँ पानी में हल्की लगती हैं।
🟢 आर्किमिडीज का सिद्धान्त
🌿 “किसी तरल में डुबोई गई वस्तु पर कार्य करने वाला उत्थापक बल उस तरल के भार के बराबर होता है, जिसे वस्तु विस्थापित करती है।”
✔ अनुप्रयोग:
जहाज पानी पर तैरता है।
पनडुब्बी का ऊपर–नीचे जाना।
हाइड्रोमीटर का कार्य करना।
🔴 घनत्व और सापेक्ष घनत्व
घनत्व (Density): द्रव्यमान ÷ आयतन
सापेक्ष घनत्व (Relative Density): किसी पदार्थ का घनत्व ÷ जल का घनत्व
👉 सापेक्ष घनत्व का कोई मात्रक नहीं होता।
✔ हाइड्रोमीटर से सापेक्ष घनत्व ज्ञात किया जाता है।
🟡 गुरुत्वाकर्षण का महत्व
💡 यदि गुरुत्वाकर्षण न हो तो—
हम पृथ्वी पर टिक नहीं सकते।
जल, वायु और वातावरण बिखर जाते।
ग्रह–उपग्रहों की कक्षा अस्त-व्यस्त हो जाती।
जीवन की सम्भावना समाप्त हो जाती।
👉 यही कारण है कि गुरुत्वाकर्षण को ब्रह्माण्ड की “बाँधने वाली शक्ति” कहा जाता है।
🟢 भ्रांतियाँ और सावधानियाँ
🔵 भारी वस्तु हल्की से तेज गिरती है ❌
✔ निर्वात में दोनों समान गति से गिरती हैं।
🟢 भार और द्रव्यमान समान हैं ❌
✔ भार स्थानानुसार बदलता है, द्रव्यमान स्थिर रहता है।
🔴 गुरुत्वाकर्षण केवल पृथ्वी पर है ❌
✔ यह तो सार्वत्रिक है, ब्रह्माण्ड के हर पिण्ड पर लागू।
✨ संक्षेप (Revision-Friendly)
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम: F = Gm₁m₂ / r²
गुरुत्वीय त्वरण: g = GM/R², मान = 9.8 m/s²
मुक्तपतन: केवल g के कारण गिरना
भार = mg, द्रव्यमान अपरिवर्तनीय
तरल दाब: गहराई पर दाब बढ़ता है, सूत्र P = F/A
पास्कल का सिद्धान्त: दाब सभी दिशाओं में समान
आर्किमिडीज का सिद्धान्त: उत्थापक बल = विस्थापित तरल का भार
घनत्व = द्रव्यमान/आयतन; सापेक्ष घनत्व = घनत्व/जल का घनत्व
📝 त्वरित दोहरान
🌍 F = Gm₁m₂/r²
🌿 g = GM/R²
⚡ मुक्तपतन = केवल g से गिरना
💡 भार = mg, द्रव्यमान अपरिवर्तनीय
🌊 P = F/A, गहराई पर दाब अधिक
✔ पास्कल = हाइड्रोलिक ब्रेक
🧠 आर्किमिडीज = उत्थापक बल = विस्थापित तरल का भार
📌 घनत्व और सापेक्ष घनत्व पदार्थ की पहचान
————————————————————————————————————————————————————————————————————————————
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1: यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए, तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
✔️ उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण बल F = Gm₁m₂/r²
यदि दूरी r को आधा कर दिया जाए, तो नया बल = Gm₁m₂/(r/2)² = 4Gm₁m₂/r²
➡️ अतः बल 4 गुना बढ़ जाएगा।
🟢 प्रश्न 2: सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक हल्की वस्तु तुलनात्मक रूप से भारी वस्तु की भाँति क्यों गिरती है?
✔️ उत्तर:
वस्तु का त्वरण g = F/m = (Gm₁m₂/r²)/m₂ = GM/r²
यह केवल पृथ्वी के द्रव्यमान और त्रिज्या पर निर्भर है, वस्तु के द्रव्यमान पर नहीं।
➡️ इसलिए हल्की और भारी दोनों वस्तुएँ समान गति से गिरती हैं।
🔴 प्रश्न 3: पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 10²⁴ kg और त्रिज्या 6.4 × 10⁶ m है। 1 kg वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल कितना होगा?
✔️ उत्तर:
F = GMm/R²
= (6.67 × 10⁻¹¹ × 6 × 10²⁴ × 1)/(6.4 × 10⁶)²
= 9.8 N (लगभग)
🟡 प्रश्न 4: पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। चन्द्रमा पृथ्वी की ओर क्यों गिरकर नहीं आता?
✔️ उत्तर:
चन्द्रमा पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल अवश्य कार्य करता है।
परन्तु चन्द्रमा की परिक्रमा की गति केन्द्राभिमुख बल प्रदान करती है।
यही बल गुरुत्व बल को संतुलित करता है।
➡️ इसलिए चन्द्रमा पृथ्वी की ओर नहीं गिरता।
🔵 प्रश्न 5: यदि चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चन्द्रमा की ओर क्यों नहीं गति करती?
✔️ उत्तर:
वास्तव में दोनों पर बल समान होता है।
परन्तु चन्द्रमा का द्रव्यमान बहुत छोटा है, इसलिए उसका प्रभाव अधिक दिखता है।
पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत बड़ा है, इसलिए उसका वेग परिवर्तन नगण्य होता है।
🟢 प्रश्न 6: दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान क्या होगा, यदि—
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए।
✔️ बल भी दुगुना हो जाएगा।
(ii) दूरी दुगुनी कर दी जाए।
✔️ बल 1/4 हो जाएगा।
(iii) दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए।
✔️ बल 4 गुना हो जाएगा।
🔴 प्रश्न 7: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का क्या महत्व है?
✔️ उत्तर:
यही नियम ग्रहों, उपग्रहों और तारों की गति को समझाता है।
यह बताता है कि पृथ्वी पर सब कुछ क्यों स्थिर है।
यही कारण है कि ज्वार-भाटा, वर्षा की बूँद का गिरना और ग्रहों की परिक्रमा संभव है।
🟡 प्रश्न 8: मुक्तपतन क्या कहलाता है?
✔️ उत्तर:
जब कोई वस्तु केवल गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से, बिना किसी अन्य बल के, पृथ्वी की ओर गिरती है तो उसे मुक्तपतन कहते हैं।
🔵 प्रश्न 9: पृथ्वी पर किसी वस्तु के भार और गुरुत्वीय बल में क्या सम्बन्ध है?
✔️ उत्तर:
वस्तु का भार ही वह गुरुत्व बल है जो पृथ्वी उस पर लगाती है।
W = mg
🟢 प्रश्न 10: व्यक्ति A अपने मित्र के लिए विषुवत वृत्त पर सोना खरीदता है और मित्र ध्रुव पर तौलता है। क्या भार समान होगा?
✔️ उत्तर:
विषुवत वृत्त पर g का मान कम होता है।
ध्रुवों पर g का मान अधिक होता है।
➡️ अतः वस्तु का द्रव्यमान समान रहेगा लेकिन भार में थोड़ा अन्तर होगा।
🔴 प्रश्न 11: एक कागज की शीट और मोड़कर बनाई गई गेंद को गिराने पर गेंद पहले क्यों गिरती है?
✔️ उत्तर:
दोनों पर गुरुत्व बल समान है।
परन्तु कागज की शीट पर वायु प्रतिरोध अधिक लगता है।
➡️ इसलिए वह धीरे गिरती है।
🟡 प्रश्न 12: चन्द्रमा पर g = 1/6 g पृथ्वी के बराबर है। 10 kg वस्तु का भार पृथ्वी और चन्द्रमा पर ज्ञात कीजिए।
✔️ उत्तर:
पृथ्वी पर: W = mg = 10 × 9.8 = 98 N
चन्द्रमा पर: W = 10 × 9.8/6 ≈ 16.3 N
🔵 प्रश्न 13: एक गेंद को 49 m/s वेग से ऊपर फेंका गया।
(i) अधिकतम ऊँचाई h = u²/2g = 49²/19.6 = 122.5 m
(ii) कुल समय = 2u/g = 98/9.8 = 10 s
🟢 प्रश्न 14: 19.6 m ऊँचाई से छोड़ी गई वस्तु का अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
v² = 2gh = 2 × 9.8 × 19.6 = 384.16
v = 19.6 m/s
🔴 प्रश्न 15: 40 m/s वेग से ऊपर फेंकी गई वस्तु की अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
h = u²/2g = 1600/19.6 = 81.6 m
🟡 प्रश्न 16: सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल ज्ञात कीजिए।
F = GM₁M₂/r²
= (6.67 × 10⁻¹¹ × 6 × 10²⁴ × 2 × 10³⁰)/(1.5 × 10¹¹)²
= 3.6 × 10²² N
🔵 प्रश्न 17: 100 m ऊँचाई से छोड़े गए पत्थर और 25 m/s वेग से ऊपर फेंके गए पत्थर की गति का समय और स्थिति ज्ञात कीजिए।
✔️ क्रमबद्ध गणना द्वारा—
गिरने वाले का समय = √(2h/g) = √(200/9.8) = 4.5 s
ऊपर फेंके गए का समय = u/g = 25/9.8 = 2.55 s (ऊपर जाने में)
🟢 प्रश्न 18: 6 s बाद ऊपर फेंकी गई गेंद कहाँ होगी?
अधिकतम ऊँचाई तक समय = u/g
स्थिति = u×t – ½ gt²
🔴 प्रश्न 19: घनत्व के कारण कोई वस्तु जल में क्यों डूबती या तैरती है?
✔️ उत्तर:
यदि वस्तु का घनत्व जल से अधिक है तो डूब जाएगी।
यदि घनत्व कम है तो तैर जाएगी।
🟡 प्रश्न 20: प्लास्टिक का गुटका जल में क्यों तैरता है?
✔️ क्योंकि उसका घनत्व जल से कम होता है।
🔵 प्रश्न 21: 50 g द्रव्यमान और 20 cm³ आयतन का घनत्व ज्ञात कीजिए।
ρ = m/V = 50/20 = 2.5 g/cm³ > 1 g/cm³
➡️ अतः वह डूबेगा।
🟢 प्रश्न 22: 500 g पैकेट का आयतन 350 cm³ है।
ρ = 500/350 = 1.43 g/cm³
➡️ यह जल से भारी है, अतः डूबेगा।
विस्थापित जल का आयतन = 350 cm³
————————————————————————————————————————————————————————————————————————————
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1: गुरुत्वाकर्षण बल का सार्वत्रिक नियम किसने प्रतिपादित किया?
गैलीलियो
न्यूटन
केप्लर
आइंस्टीन
उत्तर: 2
प्रश्न 2: गुरुत्वाकर्षण बल किसके बीच लगता है?
केवल पृथ्वी और चन्द्रमा
केवल ग्रह और सूर्य
किसी भी दो द्रव्यमानों के बीच
केवल गतिशील पिंडों के बीच
उत्तर: 3
प्रश्न 3: गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान पृथ्वी पर औसतन कितना है?
8.9 m/s²
9.8 m/s²
10.8 m/s²
11.2 m/s²
उत्तर: 2
प्रश्न 4: पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल के कारण किसका मान समान रहता है?
द्रव्यमान
भार
बल
वेग
उत्तर: 1
प्रश्न 5: चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की तुलना में लगभग कितना होता है?
1/4
1/2
1/6
1/8
उत्तर: 3
प्रश्न 6: उपग्रह को पृथ्वी की परिक्रमा कराने वाली शक्ति है—
चुंबकीय बल
गुरुत्वीय बल
अभिकेन्द्र बल
जड़त्व बल
उत्तर: 2
प्रश्न 7: भार और द्रव्यमान में क्या सम्बन्ध है?
भार = द्रव्यमान × g
भार = द्रव्यमान / g
भार = द्रव्यमान × वेग
कोई सम्बन्ध नहीं
उत्तर: 1
प्रश्न 8: सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का मान SI मात्रक में है—
6.67 × 10⁻¹¹ Nm²/kg²
9.8 × 10⁻¹¹ Nm²/kg²
6.67 × 10⁻⁹ Nm²/kg²
9.8 × 10⁻⁹ Nm²/kg²
उत्तर: 1
प्रश्न 9: जब किसी वस्तु का द्रव्यमान दोगुना और दूरी भी दोगुनी कर दी जाए तो गुरुत्वीय बल—
दोगुना होगा
आधा होगा
समान रहेगा
चार गुना होगा
उत्तर: 3
प्रश्न 10: पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार चन्द्रमा पर कितना होगा?
समान
दोगुना
1/6
1/2
उत्तर: 3
कथन–कारण (प्रश्न 11–20)
समझाइश:
1 = दोनों कथन सही और कारण सही व्याख्या है
2 = दोनों कथन सही पर कारण सही व्याख्या नहीं है
3 = कथन सही, कारण गलत
4 = कथन गलत, कारण सही
प्रश्न 11:
कथन: द्रव्यमान स्थान बदलने पर नहीं बदलता।
कारण: द्रव्यमान वस्तु में निहित पदार्थ की मात्रा है।
उत्तर: 1
प्रश्न 12:
कथन: भार स्थान बदलने पर बदलता है।
कारण: g का मान पृथ्वी पर सर्वत्र समान है।
उत्तर: 3
प्रश्न 13:
कथन: उपग्रह को गतिशील रखने हेतु अभिकेन्द्र बल आवश्यक है।
कारण: यह अभिकेन्द्र बल गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रदान किया जाता है।
उत्तर: 1
प्रश्न 14:
कथन: वस्तु की तैरने अथवा डूबने की स्थिति घनत्व पर निर्भर करती है।
कारण: यदि वस्तु का घनत्व द्रव से कम है तो वह तैरेगी।
उत्तर: 1
प्रश्न 15:
कथन: चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है।
कारण: चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बहुत कम है।
उत्तर: 1
प्रश्न 16:
कथन: किसी वस्तु का द्रव्यमान चन्द्रमा पर बदल जाता है।
कारण: गुरुत्वीय त्वरण कम होने से द्रव्यमान बदलता है।
उत्तर: 4
प्रश्न 17:
कथन: किसी ग्रह पर g का मान ग्रह के द्रव्यमान और त्रिज्या पर निर्भर करता है।
कारण: g = GM/R²
उत्तर: 1
प्रश्न 18:
कथन: भार एक अदिश राशि है।
कारण: भार केवल परिमाण से व्यक्त किया जाता है।
उत्तर: 3
प्रश्न 19:
कथन: किसी वस्तु का भार शून्य भी हो सकता है।
कारण: अंतरिक्ष में भारहीनता की स्थिति बन सकती है।
उत्तर: 1
प्रश्न 20:
कथन: पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा नहीं करती।
कारण: सूर्य का द्रव्यमान पृथ्वी से बहुत अधिक है।
उत्तर: 4
खण्ड B (प्रश्न 21–26)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न – प्रत्येक 2 अंक
प्रश्न 21: गुरुत्वाकर्षण बल का परिभाषा दीजिए।
उत्तर: दो वस्तुओं के बीच आकर्षण का बल, जो उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है, गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है।
प्रश्न 22: भार और द्रव्यमान में दो अंतर लिखिए।
उत्तर:
🔵 भार g पर निर्भर करता है, द्रव्यमान नहीं।
🟢 भार बदल सकता है, द्रव्यमान स्थिर रहता है।
प्रश्न 23: पृथ्वी पर g का मान ध्रुवों पर अधिक और विषुवत रेखा पर कम क्यों होता है?
उत्तर: क्योंकि पृथ्वी गोलाकार नहीं, चपटी है। ध्रुवों पर त्रिज्या कम, इसलिए g अधिक; विषुवत रेखा पर त्रिज्या अधिक, इसलिए g कम।
प्रश्न 24: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर: F = G m₁ m₂ / r²
प्रश्न 25: भारहीनता क्या है?
उत्तर: जब कोई वस्तु केवल गुरुत्वीय बल के अधीन मुक्त रूप से गिरती है तब उसका प्रकट भार शून्य हो जाता है। यही भारहीनता है।
प्रश्न 26: घनत्व और सापेक्ष घनत्व में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
🔵 घनत्व = द्रव्यमान/आयतन
🟢 सापेक्ष घनत्व = वस्तु का घनत्व / जल का घनत्व
खण्ड C (प्रश्न 27–33)
लघु उत्तरीय प्रश्न – प्रत्येक 3 अंक
प्रश्न 27: g का मान ऊँचाई बढ़ाने पर क्यों घटता है?
उत्तर: क्योंकि h बढ़ने पर r+h² बढ़ जाता है और g = GM/(R+h)² होने से g घटता है।
प्रश्न 28: चन्द्रमा पर वायुमंडल क्यों नहीं है?
उत्तर:
🔴 चन्द्रमा का g पृथ्वी की तुलना में 1/6 है।
🟢 गैसों के अणु पलायन वेग प्राप्त कर अंतरिक्ष में निकल जाते हैं।
प्रश्न 29: उपग्रह की गति के लिए गुरुत्वाकर्षण बल का महत्व लिखिए।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल ही उपग्रह को वृत्ताकार पथ में बनाए रखता है और यही अभिकेन्द्र बल प्रदान करता है।
प्रश्न 30: यदि पृथ्वी का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए और त्रिज्या समान रहे तो g में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर: g = GM/R², द्रव्यमान दुगुना होने से g भी दुगुना हो जाएगा।
प्रश्न 31: गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा दीजिए।
उत्तर: किसी वस्तु को पृथ्वी की सतह से ऊँचाई h तक ले जाने में किया गया कार्य उसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा है। सूत्र: U = mgh
प्रश्न 32: उछाले गए पिंड का अधिकतम ऊँचाई पर वेग शून्य क्यों हो जाता है?
उत्तर: क्योंकि ऊपर जाते समय गुरुत्वीय बल विपरीत दिशा में कार्य करता है और गति को धीरे-धीरे शून्य कर देता है।
प्रश्न 33: किसी तरल में तैरने या डूबने की शर्त स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यदि वस्तु का घनत्व < तरल का घनत्व → तैरेगी। यदि वस्तु का घनत्व > तरल का घनत्व → डूबेगी।
खण्ड D (प्रश्न 34–36)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – प्रत्येक 5 अंक
प्रश्न 34: न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए और इसके महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
🔵 नियम – F = G m₁ m₂ / r²
🟢 महत्व:
सभी पिंडों पर लागू।
ग्रहों व उपग्रहों की गति स्पष्ट करता है।
पृथ्वी और चन्द्रमा के आकर्षण को समझाता है।
भार की अवधारणा स्पष्ट करता है।
वैज्ञानिक अनुसंधान में आधार प्रदान करता है।
प्रश्न 35: उपग्रहों का महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
🔵 मौसम पूर्वानुमान
🟢 संचार व्यवस्था
🔴 टीवी, रेडियो प्रसारण
🟢 वैज्ञानिक अनुसन्धान
🔵 राष्ट्रीय सुरक्षा
प्रश्न 36: आर्किमिडीज के सिद्धांत को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: किसी तरल में डूबे पिंड पर एक ऊर्ध्वाधर बल लगता है जो विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है। यही आर्किमिडीज सिद्धांत है। उदाहरण: जहाज का तैरना, पनडुब्बी।
खण्ड E (प्रश्न 37–39)
अनुच्छेद आधारित प्रश्न – प्रत्येक 4 अंक
प्रश्न 37: एक छात्र ने गुरुत्वाकर्षण प्रयोग द्वारा G के मान को मापने का प्रयास किया। इस प्रयोग की कठिनाइयाँ और सावधानियाँ लिखिए।
उत्तर:
🔵 छोटे बलों का मापन कठिन
🟢 अत्यधिक संवेदनशील उपकरण चाहिए
🔴 बाहरी व्यवधान से परिणाम प्रभावित
🟢 उपकरण को निर्वात व शांति में रखना चाहिए
प्रश्न 38: चन्द्रमा पर जीवन संभव क्यों नहीं है?
उत्तर:
🔵 g कम है
🟢 वायुमंडल नहीं है
🔴 जल नहीं है
🟢 तापमान अत्यधिक बदलता है
प्रश्न 39: जब कोई अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो वह भारहीन क्यों महसूस करता है?
उत्तर: क्योंकि वह और उसका यान दोनों मुक्त रूप से गुरुत्वीय बल के अधीन गिर रहे होते हैं, इस कारण प्रकट भार शून्य प्रतीत होता है।
————————————————————————————————————————————————————————————————————————————