Class : 9 – Math (Hindi) : Lesson 1. संख्या पद्धति
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔵 परिचय
मानव जीवन की गणना प्रणाली संख्याओं पर आधारित है। आदिम काल में केवल गिनती की संख्याएँ प्रयोग की जाती थीं। समय के साथ ऋणात्मक संख्याएँ, भिन्न, अपरिमेय संख्याएँ, और अंततः वास्तविक संख्याएँ गणित में शामिल हुईं। इस अध्याय में हम संख्या पद्धति की संपूर्ण संरचना, वास्तविक संख्याओं के प्रकार, उनके दशमलव प्रसार, और वैज्ञानिक संकेतन का अध्ययन करेंगे।
🟢 1. संख्याओं के प्रकार
✳️ (i) प्राकृतिक संख्याएँ
👉 1, 2, 3, 4, …
✔️ गणना हेतु सबसे पहले प्रयोग।
✳️ (ii) पूर्ण संख्याएँ
👉 प्राकृतिक संख्याएँ + 0
✔️ 0 के शामिल होने से गणना आसान हुई।
✳️ (iii) पूर्णांक
👉 ऋणात्मक संख्याएँ शामिल करने पर: −3, −2, −1, 0, 1, 2, 3 …
✔️ अब “नुकसान” और “लाभ” जैसी स्थितियों को व्यक्त किया जा सकता है।
🔴 2. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers)
परिभाषा: p/q रूप में संख्याएँ, जहाँ p, q पूर्णांक हैं और q ≠ 0।
उदाहरण: 1/2, −5/7, 4 (= 4/1)।
📌 गुणधर्म:
दो परिमेय संख्याओं के बीच अनन्त परिमेय संख्याएँ होती हैं।
दशमलव प्रसार → शांत या आवर्ती।
🟡 3. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers)
परिभाषा: ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q रूप में नहीं लिखा जा सकता।
उदाहरण: √2, √3, π, e।
📌 गुणधर्म:
दशमलव प्रसार अशांत और अनावर्ती।
वास्तविक संख्याओं का हिस्सा हैं।
💡 Concept: √2 का प्रमाण अपरिमेय होने का — विरोधाभास विधि से:
मान लें √2 = p/q (p, q सहप्रिय पूर्णांक)।
⇒ 2q² = p²
⇒ p² सम है, तो p सम होगा, मान लें p = 2r।
⇒ 2q² = (2r)² = 4r²
⇒ q² = 2r² (q² सम) ⇒ q सम।
📌 p और q दोनों सम ⇒ सहप्रिय नहीं ⇒ विरोधाभास।
✔️ अतः √2 अपरिमेय है।
🌿 4. वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
सभी परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ मिलकर वास्तविक संख्याएँ कहलाती हैं।
संख्या रेखा पर निरूपण:
हर वास्तविक संख्या संख्या रेखा पर एक बिन्दु के रूप में।
√2 को निरूपित करने हेतु:
1 इकाई की भुजाओं वाला समकोण त्रिभुज बनाइए।
कर्ण = √2 इकाई।
इसे संख्या रेखा पर चिह्नित करें।
⚡ 5. दशमलव प्रसार (Decimal Expansion)
✳️ (i) शांत दशमलव प्रसार
👉 समाप्त हो जाता है।
उदाहरण: 1/2 = 0.5
✳️ (ii) आवर्ती दशमलव प्रसार
👉 किसी अंक या अंकों का क्रम बार-बार आता है।
उदाहरण: 1/3 = 0.333…
✳️ (iii) अशांत दशमलव प्रसार
👉 न समाप्त होता है, न दोहराता है।
उदाहरण: √2 = 1.4142135…
✔️ परिमेय संख्या = शांत या आवर्ती
✔️ अपरिमेय संख्या = अशांत
🟢 6. यूक्लिड विभाजन लेम्मा (Euclid’s Division Lemma)
📌 कथन: किसी भी दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए, ∃ अद्वितीय पूर्णांक q और r ऐसे कि:
a = bq + r, 0 ≤ r < b
✔️ इसका प्रयोग HCF निकालने में होता है।
उदाहरण: HCF (455, 42)
455 = 42×10 + 35
42 = 35×1 + 7
35 = 7×5 + 0
✔️ HCF = 7
🔴 7. वास्तविक संख्याओं के गुणधर्म
जोड़, घटाव, गुणा, भाग (q ≠ 0) पर बंद।
क्रमबद्ध (Order Property): a ≤ b या a ≥ b।
घन, वर्गमूल जैसे ऑपरेशन पर भी परिभाषित।
🟡 8. वैज्ञानिक संकेतन (Scientific Notation)
बहुत बड़ी या छोटी संख्याओं को 10 की घात में लिखना।
उदाहरण:
6,370,000 = 6.37 × 10⁶
0.00000053 = 5.3 × 10⁻⁷
✔️ विज्ञान और तकनीक में आवश्यक।
🌿 9. वास्तविक जीवन में उपयोग
जनसंख्या गणना, आँकड़े
खगोल विज्ञान (तारे, ग्रह)
भौतिकी (गति, दूरी, परमाणु)
अर्थशास्त्र और व्यापार
✏️ टिप्पणी
वास्तविक संख्याओं में परिमेय और अपरिमेय दोनों आते हैं।
काल्पनिक संख्याएँ (√−1) इसमें नहीं आतीं।
🟡 सारांश
संख्या पद्धति = प्राकृतिक, पूर्ण, पूर्णांक, परिमेय, अपरिमेय, वास्तविक संख्याएँ।
परिमेय संख्या: p/q रूप, दशमलव शांत या आवर्ती।
अपरिमेय संख्या: p/q में नहीं, दशमलव अशांत।
वास्तविक संख्याएँ: परिमेय + अपरिमेय, संख्या रेखा पर निरूपित।
दशमलव प्रसार:
• शांत (समाप्त)।
• आवर्ती (दोहराव)।
• अशांत (न समाप्त, न दोहराव)।
√2 का प्रमाण: विरोधाभास विधि से अपरिमेय।
यूक्लिड विभाजन लेम्मा: a = bq + r, HCF निकालने में उपयोग।
वैज्ञानिक संकेतन: 10 की घातों में लिखना।
अनुप्रयोग: विज्ञान, तकनीक, अर्थशास्त्र, खगोल विज्ञान।
📝 Quick Recap
🔵 प्राकृतिक → पूर्ण → पूर्णांक → परिमेय → अपरिमेय → वास्तविक।
🟢 परिमेय = शांत/आवर्ती दशमलव।
🔴 अपरिमेय = अशांत दशमलव।
🟡 √2 का प्रमाण → अपरिमेय।
🌿 यूक्लिड विभाजन लेम्मा = HCF विधि।
⚡ वैज्ञानिक संकेतन → बड़ी/छोटी संख्याएँ सरल रूप में।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्नावली 1.1
🔵 प्रश्न 1
क्या शून्य एक परिमेय संख्या है? क्या इसे आप p/q के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 है?
🟢 उत्तर
➡️ हाँ, शून्य को p/q के रूप में लिखा जा सकता है।
➡️ 0 = 0/1, जहाँ p = 0, q = 1 और q ≠ 0 है।
✔️ अतः शून्य एक परिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 2
3 और 4 के बीच में छः परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
🟢 उत्तर
➡️ 3 और 4 के बीच कई परिमेय संख्याएँ हो सकती हैं।
➡️ उदाहरण के लिए : 31/10, 32/10, 33/10, 34/10, 35/10, 36/10
➡️ ये सभी 3 और 4 के बीच आती हैं।
✔️ अतः 3 और 4 के बीच की छः परिमेय संख्याएँ हैं : 3.1, 3.2, 3.3, 3.4, 3.5, 3.6
🔵 प्रश्न 3
3/5 और 4/5 के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
🟢 उत्तर
➡️ 3/5 = 0.6, 4/5 = 0.8
➡️ इनके बीच की परिमेय संख्याएँ चुन सकते हैं :
31/50 = 0.62, 32/50 = 0.64, 33/50 = 0.66, 34/50 = 0.68, 35/50 = 0.70
✔️ अतः पाँच परिमेय संख्याएँ हैं : 31/50, 32/50, 33/50, 34/50, 35/50
🔵 प्रश्न 4
नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए :
(i) प्रत्येक प्राकृतिक संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
(ii) प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है।
(iii) प्रत्येक परिमेय संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
🟢 उत्तर
(i) ✔️ सत्य, क्योंकि प्राकृतिक संख्याएँ 1,2,3… होती हैं और ये सभी पूर्ण संख्याओं (0,1,2,3…) में सम्मिलित हैं।
(ii) ❌ असत्य, क्योंकि ऋणात्मक पूर्णांक (–1, –2, –3…) पूर्ण संख्याओं में नहीं आते।
(iii) ❌ असत्य, क्योंकि सभी परिमेय संख्याएँ (जैसे 1/2, 3/4) पूर्ण संख्याएँ नहीं हैं।
प्रश्नावली 1.2
🔵 प्रश्न 1
नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य हैं। कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए।
(i) प्रत्येक अपरिमेय संख्या एक वास्तविक संख्या होती है।
(ii) संख्या रेखा का प्रत्येक बिन्दु √m के रूप का होता है, जहाँ m एक प्राकृत संख्या है।
(iii) प्रत्येक वास्तविक संख्या एक अपरिमेय संख्या होती है।
🟢 उत्तर
(i) ✔️ सत्य। कारण: अपरिमेय संख्याएँ वास्तविक संख्याओं का ही भाग हैं; प्रत्येक अपरिमेय संख्या संख्या रेखा पर स्थित होती है।
(ii) ❌ असत्य। कारण: संख्या रेखा पर ऋणात्मक बिन्दु (जैसे −1) √m के रूप में व्यक्त नहीं किए जा सकते क्योंकि √m (m प्राकृतिक) ≥ 0 होता है; इसी प्रकार 3/2 जैसा परिमेय भी सामान्यतः √m के रूप में नहीं होता।
(iii) ❌ असत्य। कारण: वास्तविक संख्याओं में परिमेय और अपरिमेय दोनों शामिल हैं; 2, 1/3 आदि वास्तविक हैं पर अपरिमेय नहीं।
🔵 прश्न 2
क्या सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय होते हैं? यदि नहीं, तो एक ऐसी संख्या के वर्गमूल का उदाहरण दीजिए जो एक परिमेय संख्या है।
🟢 उत्तर
➡️ नहीं। केवल वे धनात्मक पूर्णांक जो पूर्णवर्ग हैं, उनके वर्गमूल परिमेय होते हैं।
➡️ उदाहरण: 9 का वर्गमूल √9 = 3 (परिमेय) ।
✔️ अतः सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय नहीं होते।
🔵 прश्न 3
दिखाइए कि संख्या रेखा पर √5 को किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है।
🟢 उत्तर (रचना के चरण)
➤ चरण 1: संख्या रेखा पर बिन्दु O (0) और A (2) लें ताकि OA = 2 इकाई हो।
➤ चरण 2: A पर OA के लम्ब AB खींचें और AB = 1 इकाई लें।
➤ चरण 3: त्रिभुज OAB समकोण होगा; अतः OB = √(OA² + AB²) = √(2² + 1²) = √5।
➤ चरण 4: कें O, त्रिज्या OB लेकर एक चाप खींचें जो संख्या रेखा को P पर काटे।
✔️ बिन्दु P संख्या रेखा पर √5 को निरूपित करता है।
🔵 प्रश्न 4
कक्षा के लिए क्रियाकलाप (वर्गमूल सर्पिल की रचना): कागज की एक बड़ी शीट लीजिए और नीचे दी गई विधि से “वर्गमूल सर्पिल” (square root spiral) की रचना कीजिए। सबसे पहले एक बिन्दु O लीजिए और एकक लंबाई का रेखाखण्ड OP खींचिए। OP पर लंब रेखाखण्ड P₁P₂ खींचिए (देखिए आकृति 1.9)। अब OP₂ पर लंब रेखाखण्ड P₂P₃ खींचिए, तब OP₃ पर लंब रेखाखण्ड P₃P₄ खींचिए… इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए OPₙ₋₁ पर एकक लंब रेखाखण्ड खींचकर आप रेखाखण्ड Pₙ₋₁Pₙ प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार आप बिन्दु O, P, P₁, P₂, P₃… प्राप्त कर सकते हैं जिनसे रेखाखण्ड √2, √3, √4, … की लंबाइयाँ प्राप्त होती रहेंगी।
🟢 उत्तर (कदम-दर-कदम रचना)
➤ चरण 1: बिन्दु O लेकर OP₁ = 1 इकाई का रेखाखण्ड बनाइए।
➤ चरण 2: OP₁ पर P₁ पर समकोण बनाकर P₁P₂ = 1 इकाई खींचिए। तब ∆OP₁P₂ समकोण होगा और OP₂ = √(OP₁² + P₁P₂²) = √(1² + 1²) = √2।
➤ चरण 3: OP₂ पर P₂ पर समकोण बनाकर P₂P₃ = 1 इकाई खींचिए। तब OP₃ = √(OP₂² + 1²) = √(2 + 1) = √3।
➤ चरण 4: इसी प्रकार OP₃ पर P₃ पर समकोण बनाकर P₃P₄ = 1 इकाई लें; तब OP₄ = √(OP₃² + 1²) = √(3 + 1) = √4 = 2।
➤ चरण 5: यही प्रक्रिया क्रमशः दोहराएँ; प्रत्येक नयी किरण OPₙ की लंबाई √n होगी, अतः O से निकलती किरणों पर √2, √3, √4, … लंबाइयाँ प्राप्त होती जाएँगी।
✔️ इस प्रकार बनी क्रमिक समकोण त्रिभुजों की शृंखला वर्गमूल सर्पिल कहलाती है, जो √n (n ∈ ℕ) को निरूपित करती है।
प्रश्नावली 1.3
🔵 प्रश्न 1
निम्नलिखित भिन्नों को दशमलव रूप में लिखिए और बताइए कि प्रत्येक का दशमलव प्रसार किस प्रकार का है :
(i) 36/100 (ii) 1/11 (iii) 4 1/8 (iv) 3/13 (v) 2/11 (vi) 329/400
🟢 उत्तर
(i) 36/100 = 0.36 ➡️ हर = 2²×5² ⇒ समाप्त (terminating)
(ii) 1/11 = 0.09 09 09… ➡️ हर में 11 (2 या 5 के अतिरिक्त) ⇒ आवर्ती (non-terminating repeating)
(iii) 4 1/8 = 4 + 1/8 = 4 + 0.125 = 4.125 ➡️ हर = 2³ ⇒ समाप्त
(iv) 3/13 = 0.230769 230769… ➡️ हर में 13 ⇒ आवर्ती
(v) 2/11 = 0.18 18 18… ➡️ हर में 11 ⇒ आवर्ती
(vi) 329/400 = 329/(2⁴×5²) = 0.8225 ➡️ हर = 2ᵃ×5ᵇ ⇒ समाप्त
🔵 प्रश्न 2
आप जानते हैं कि 1/7 = 0.142857… है। वास्तव में, लम्बा भाग दिए बिना क्या आप यह बता सकते हैं कि 2/7, 3/7, 4/7, 5/7, 6/7 के दशमलव प्रसार क्या हैं? यदि हाँ, तो कैसे?
🟢 उत्तर
➡️ 1/7 का आवर्ती खण्ड = 142857 (लम्बाई 6)
➡️ 2/7, 3/7, …, 6/7 के दशमलव इसी खण्ड के चक्रीय क्रमपरिवर्तन होते हैं (शेषफल क्रम से)।
✔️ 2/7 = 0.285714…
✔️ 3/7 = 0.428571…
✔️ 4/7 = 0.571428…
✔️ 5/7 = 0.714285…
✔️ 6/7 = 0.857142…
🔵
प्रश्न 3: निम्नलिखित को 𝑝/𝑞 के रूप में व्यक्त कीजिए, जहाँ 𝑝 और 𝑞 पूर्णांक हैं तथा 𝑞 ≠ 0 है:
(i) 0.6̅
(ii) 0.47̅
(iii) 0.001̅
🟢 उत्तर:
🔴 (i) 0.6̅
➡️ मान लीजिए x = 0.6̅ = 0.666…
➡️ 10x = 6.666…
➡️ 10x – x = 6.666… – 0.666…
➡️ 9x = 6
✔️ x = 6/9 = 2/3
👉 अतः 0.6̅ = 2/3
🔴 (ii) 0.47̅
➡️ मान लीजिए x = 0.47̅ = 0.474747…
➡️ 100x = 47.474747…
➡️ 100x – x = 47.474747… – 0.474747…
➡️ 99x = 47
✔️ x = 47/99
👉 अतः 0.47̅ = 47/99
🔵 प्रश्न 3(iii):
0.00̅1 को 𝑝/𝑞 के रूप में व्यक्त कीजिए, जहाँ 𝑝 और 𝑞 पूर्णांक हैं तथा 𝑞 ≠ 0 है।
🟢 उत्तर:
मान लीजिए x = 0.00̅1
अर्थात्
x = 0.001001001…
👉 यहाँ पर तीन आवर्ती अंक हैं (001),
इसलिए 1000 से गुणा करते हैं:
➡️ 1000x = 1.001001001…
अब घटाएँ:
➡️ 1000x − x = 1.001001001… − 0.001001001…
➡️ 999x = 1
अब दोनों तरफ 999 से विभाजित करें:
➡️ x = 1 / 999
✔️ अंतिम उत्तर: 0.00̅1 = 1/999
🔵 प्रश्न 4
0.99999… को p/q के रूप में व्यक्त कीजिए। क्या आप अपने उत्तर से आश्चर्यचकित हैं?
🟢 उत्तर
➡️ मान लें x = 0.99999…
➡️ 10x = 9.99999…
➡️ 10x − x = 9.99999… − 0.99999…
➡️ 9x = 9
➡️ x = 1
✔️ अतः 0.99999… = 1 = 1/1 (गणितीय रूप से 1 के बराबर, इसलिए आश्चर्य हो सकता है पर परिणाम सही है)।
🔵 प्रश्न 5:
1/17 के दशमलव प्रसार में अंकों के पुनरावृत्ति खंड में अंकों की अधिकतम संख्या क्या हो सकती है?
अपने उत्तर की जाँच के लिए विभाजन-क्रिया कीजिए।
🟢 उत्तर:
हम 1 ÷ 17 का दीर्घ भाग करते हैं:
1 ÷ 17 = 0.0588235294117647̅
➡️ यह आवर्ती दशमलव है जिसमें 16 अंक बार-बार दोहराए जाते हैं।
अतः पुनरावृत्ति खंड की अधिकतम संख्या = 16
✔️ अंतिम उत्तर: 16 अंक पुनरावृत्ति करते हैं।
✏️ Note: जब हर का रूप केवल 2 और 5 के गुणकों में नहीं होता, तो दशमलव प्रसार आवर्ती होता है।
🔵 प्रश्न 6:
p
q
\dfrac{p}{q}qp (q ≠ 0) के रूप की परिमेय संख्याओं के अनेक उदाहरण दीजिए, जहाँ p और q पूर्णांक हैं, जिनका 1 के अतिरिक्त अन्य कोई सामान्य गुणनखंड नहीं है और जिसका दशमलव रूपांतरण (प्रसार) हो। क्या आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि q के कौन-से गुण आवर्ती प्रसार को संतुष्ट करते हैं?
🟢 उत्तर:
💡 उदाहरण:
(i) 1/2 = 0.5
(ii) 3/4 = 0.75
(iii) 7/8 = 0.875
➡️ इन सभी के हर (q) में केवल 2 या 5 के गुणक हैं।
✴️ ऐसी संख्याओं के दशमलव प्रसार समाप्त (terminating) होते हैं।
📘 अनुमान:
यदि हर (q) का अभाज्य गुणनखंड केवल 2 या 5 हैं,
तो उसका दशमलव प्रसार समाप्त होता है।
अन्यथा यदि हर में 2 या 5 के अतिरिक्त कोई गुणक हो (जैसे 3, 7, 11),
तो दशमलव प्रसार आवर्ती (recurring) होगा।
🔵 प्रश्न 7:
ऐसी तीन संख्याएँ लिखिए जिनके दशमलव प्रसार अनन्तसीम (terminating) न होकर अनावर्ती (non-terminating recurring) हों।
🟢 उत्तर:
उदाहरण:
(i) 1/3 = 0.3̅
(ii) 2/7 = 0.285714̅
(iii) 5/6 = 0.83̅
✔️ इन सभी के दशमलव प्रसार अनन्त और आवर्ती हैं।
🔵 प्रश्न 8:
परिमेय संख्याएँ 5/7 और 9/11 के बीच की तीन अलग-अलग अपरिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
🟢 उत्तर:
पहले मान निकालें:
5/7 ≈ 0.7142…
9/11 ≈ 0.8181…
➡️ इनके बीच की कोई भी अपरिमेय संख्याएँ ली जा सकती हैं, जैसे:
(i) 0.73̅001001…
(ii) √2 / 2 ≈ 0.7071… (नहीं, यह 0.71 से कम है)
(iii) √0.52 ≈ 0.7211…
(iv) √0.55 ≈ 0.7416…
(v) π/4 ≈ 0.7853…
✔️ उदाहरण के लिए:
0.73̅001001… , 0.7416…, 0.7853…
📘 ये संख्याएँ अपरिमेय हैं क्योंकि इनका दशमलव प्रसार अनन्त और अनावर्ती है।
🔵 प्रश्न 9:
बताइए कि निम्नलिखित संख्याओं में कौन-सी परिमेय हैं और कौन-सी अपरिमेय हैं:
(i) √23 (ii) √225 (iii) 0.3796
(iv) 7.478478… (v) 1.101001000100001…
🟢 उत्तर:
(i) √23 → पूर्ण वर्ग नहीं ⇒ अपरिमेय
(ii) √225 = 15 ⇒ परिमेय
(iii) 0.3796 = 3796/10000 ⇒ परिमेय
(iv) 7.478478… (आवर्ती) ⇒ परिमेय
(v) 1.101001000100001… (नियमित आवृत्ति नहीं) ⇒ अपरिमेय
✔️ अंतिम वर्गीकरण:
परिमेय संख्याएँ: √225, 0.3796, 7.478478…
अपरिमेय संख्याएँ: √23, 1.101001000100001…
प्रश्नावली 1.4
🔵 प्रश्न 1:
बताइए नीचे दी गई संख्याओं में कौन-कौन परिमेय हैं और कौन-कौन अपरिमेय हैं :
(i) 2 − √5 (ii) (3 + √23) − √23 (iii) (2√7)/(7√7) (iv) 1/√2 (v) 2π
🟢 उत्तर:
🧠 (i) 2 − √5 ⇒ √5 अपरिमेय ⇒ अंतर = अपरिमेय
🧠 (ii) (3 + √23) − √23 = 3 ⇒ परिमेय
🧠 (iii) (2√7)/(7√7) = 2/7 ⇒ परिमेय
🧠 (iv) 1/√2 ⇒ हर अपरिमेय ⇒ अपरिमेय
🧠 (v) 2π ⇒ π अपरिमेय ⇒ अपरिमेय
✔️ परिमेय संख्याएँ: (ii), (iii)
✔️ अपरिमेय संख्याएँ: (i), (iv), (v)
🔵 प्रश्न 2:
निम्नलिखित व्यंजकों में से प्रत्येक व्यंजक को सरल कीजिए :
(i) (3 + √3)(2 + √2) (ii) (3 + √3)(3 − √3)
(iii) (√5 + √2)² (iv) (√5 − √2)(√5 + √2)
🟢 उत्तर:
➤ (i) (3 + √3)(2 + √2)
= 3×2 + 3√2 + 2√3 + √3√2
= 6 + 3√2 + 2√3 + √6
➤ (ii) (3 + √3)(3 − √3)
= 3² − (√3)² = 9 − 3 = 6
➤ (iii) (√5 + √2)²
= 5 + 2 + 2√10 = 7 + 2√10
➤ (iv) (√5 − √2)(√5 + √2)
= 5 − 2 = 3
✔️ अंतिम उत्तर:
(i) 6 + 3√2 + 2√3 + √6
(ii) 6
(iii) 7 + 2√10
(iv) 3
🔵 प्रश्न 3:
π = c/d से परिभाषित है (वृत्त की परिधि ÷ व्यास)।
π का यह परिभाषा अनुपात बताती है, पर यह नहीं बताती कि वह परिमेय है।
गणितीय रूप से सिद्ध है कि π अपरिमेय है।
इसलिए परिभाषा और तथ्य में कोई विरोध नहीं।
✔️ निष्कर्ष: π एक अपरिमेय संख्या है क्योंकि उसका दशमलव प्रसार अनन्त और अनावर्ती है।
🔵 प्रश्न 4:
संख्या रेखा पर √9.3 को निरूपित कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ 0 से 9.3 तक एक रेखा खंड बनाइए।
2️⃣ दाईं ओर 1 इकाई और बढ़ाकर बिंदु B बनाइए (OB = 10.3)।
3️⃣ OB का मध्यबिंदु M निकालें।
4️⃣ केंद्र M और त्रिज्या MO से अर्धवृत्त खींचिए।
5️⃣ A(9.3) पर लंब खींचकर अर्धवृत्त को D पर काटिए।
6️⃣ तब AD = √9.3 होगा।
7️⃣ AD को O से दाईं ओर काटने पर OE = √9.3 निरूपित करता है।
✔️ अंतिम उत्तर: OE संख्या रेखा पर √9.3 को दर्शाता है।
🔵 प्रश्न 5:
हरों का परिमेयकरण कीजिए :
🟢 उत्तर:
➤ (i) 1/√7
= (1/√7) × (√7/√7) = √7/7
➤ (ii) 1/(√7 − √6)
= (1/(√7 − √6)) × ((√7 + √6)/(√7 + √6))
= (√7 + √6)/(7 − 6) = √7 + √6
➤ (iii) 1/(√5 + √2)
= (1/(√5 + √2)) × ((√5 − √2)/(√5 − √2))
= (√5 − √2)/(5 − 2) = (√5 − √2)/3
➤ (iv) 1/(√7 − 2)
= (1/(√7 − 2)) × ((√7 + 2)/(√7 + 2))
= (√7 + 2)/(7 − 4) = (√7 + 2)/3
✔️ अंतिम उत्तर:
(i) √7/7 (ii) √7 + √6 (iii) (√5 − √2)/3 (iv) (√7 + 2)/3
प्रश्नावली 1.5
🔵 प्रश्न 1:
ज्ञात कीजिए:
(i) 64¹⸍² (ii) 32¹⸍⁵ (iii) 125¹⸍³
🟢 उत्तर:
➤ (i) 64¹⸍²
= √64
= 8
✔️ अंतिम उत्तर: 8
➤ (ii) 32¹⸍⁵
= ⁵√32
= 2 (क्योंकि 2⁵ = 32)
✔️ अंतिम उत्तर: 2
➤ (iii) 125¹⸍³
= ³√125
= 5 (क्योंकि 5³ = 125)
✔️ अंतिम उत्तर: 5
🔵 प्रश्न 2:
ज्ञात कीजिए:
(i) 9³⸍² (ii) 32²⸍⁵ (iii) 16³⸍⁴ (iv) 125⁻¹⸍³
🟢 उत्तर:
➤ (i) 9³⸍²
= (9¹⸍²)³
= (√9)³
= 3³ = 27
✔️ अंतिम उत्तर: 27
➤ (ii) 32²⸍⁵
= (32¹⸍⁵)²
= (⁵√32)²
= 2² = 4
✔️ अंतिम उत्तर: 4
➤ (iii) 16³⸍⁴
= (16¹⸍⁴)³
= (⁴√16)³
= 2³ = 8
✔️ अंतिम उत्तर: 8
➤ (iv) 125⁻¹⸍³
= 1 ÷ 125¹⸍³
= 1 ÷ ³√125
= 1 ÷ 5
✔️ अंतिम उत्तर: 1/5
🔵 प्रश्न 3:
सरल कीजिए:
(i) 2³⸍² × 2¹⸍⁵ (ii) (1 ÷ 3³)¹⸍³ (iii) 11¹⸍² ÷ 11¹⸍⁴ (iv) 7¹⸍² × 8¹⸍²
🟢 उत्तर:
➤ (i) 2³⸍² × 2¹⸍⁵
= 2^(³⸍² + ¹⸍⁵)
= 2^(¹⁵⸍¹⁰ + ²⸍¹⁰)
= 2^(¹⁷⸍¹⁰)
✔️ अंतिम उत्तर: 2¹⁷⸍¹⁰
➤ (ii) (1 ÷ 3³)¹⸍³
= 1¹⸍³ ÷ (3³)¹⸍³
= 1 ÷ 3
✔️ अंतिम उत्तर: 1/3
➤ (iii) 11¹⸍² ÷ 11¹⸍⁴
= 11^(¹⸍² − ¹⸍⁴)
= 11¹⸍⁴
✔️ अंतिम उत्तर: 11¹⸍⁴
➤ (iv) 7¹⸍² × 8¹⸍²
= (7 × 8)¹⸍²
= 56¹⸍²
= √56
✔️ अंतिम उत्तर: √56
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔴 Section A (1 अंक वाले प्रश्न)
🔵 प्रश्न 1
क्या √2 परिमेय संख्या है?
🟢 उत्तर
➡️ √2 को p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता जहाँ p,q ∈ ℤ, q ≠ 0
✔️ अतः √2 अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 2
π (पाई) किस प्रकार की संख्या है?
🟢 उत्तर
➡️ π को भिन्न के रूप में नहीं लिखा जा सकता।
✔️ यह अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 3
0.333… को किस प्रकार की संख्या कहा जाएगा?
🟢 उत्तर
➡️ 0.333… = 1/3
✔️ यह परिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 4
पूर्णांक (Integers) का समुच्चय किस चिन्ह से व्यक्त किया जाता है?
🟢 उत्तर
➡️ पूर्णांक का समुच्चय Z से व्यक्त किया जाता है।
🔵 प्रश्न 5
क्या प्रत्येक प्राकृतिक संख्या वास्तविक संख्या है?
🟢 उत्तर
✔️ हाँ, प्रत्येक प्राकृतिक संख्या वास्तविक संख्या होती है।
🔵 प्रश्न 6
क्या 0 एक परिमेय संख्या है?
🟢 उत्तर
➡️ 0 = 0/1 (भिन्न के रूप में लिखा जा सकता है)
✔️ अतः 0 परिमेय संख्या है।
🟡 Section B (2 अंक वाले प्रश्न)
🔵 प्रश्न 7
दशमलव 0.1010010001… किस प्रकार की संख्या है?
🟢 उत्तर
➡️ यह दशमलव न तो समाप्त होता है और न ही आवर्ती है।
✔️ इसलिए यह अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 8
–7/5 किस प्रकार की संख्या है?
🟢 उत्तर
➡️ –7/5 = –1.4 (भिन्न के रूप में है)
✔️ यह परिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 9
यदि √5 अपरिमेय है तो 2 + √5 किस प्रकार की संख्या होगी?
🟢 उत्तर
➡️ परिमेय + अपरिमेय = अपरिमेय
✔️ अतः 2 + √5 अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 10
संख्या 0.142857142857… को भिन्न के रूप में व्यक्त कीजिए।
🟢 उत्तर
➡️ 0.142857… = 142857/999999
➡️ सरल करने पर = 1/7
✔️ Final: 0.142857… = 1/7
🔵 प्रश्न 11
क्या 7.478478478… परिमेय है या अपरिमेय?
🟢 उत्तर
➡️ यह आवर्ती दशमलव है।
✔️ इसलिए यह परिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 12
क्या प्रत्येक परिमेय संख्या वास्तविक संख्या है?
🟢 उत्तर
✔️ हाँ, सभी परिमेय संख्याएँ वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में आती हैं।
🟡 Section C (3 अंक वाले प्रश्न)
🔵 प्रश्न 13
सिद्ध कीजिए कि √7 अपरिमेय संख्या है।
🟢 उत्तर
➤ मान लें √7 परिमेय है ⇒ √7 = p/q, (p,q सह-प्रिय, q≠0)
➤ दोनों ओर वर्ग करें: 7 = p²/q² ⇒ p² = 7q²
➤ इसका अर्थ है p², 7 से विभाज्य ⇒ p, 7 से विभाज्य
➤ मान लें p = 7k ⇒ p² = 49k² ⇒ 7q² = 49k² ⇒ q² = 7k²
➤ इससे q भी 7 से विभाज्य निकलता है
➤ यह p,q सह-प्रिय होने का खण्डन करता है
✔️ अतः √7 अपरिमेय है।
🔵 प्रश्न 14
0.2353535… को भिन्न के रूप में व्यक्त कीजिए।
🟢 उत्तर
मान लें x = 0.2353535…
➤ आवर्ती भाग = 35, गैर-आवर्ती भाग = 2
➤ दशमलव को हटाने हेतु 100x = 23.5353535…
➤ अब 100x – x = 23.5353535… – 0.2353535…
➤ 99x = 23.3
➤ 23.3 को भिन्न में लिखें: 23.3 = 233/10
➤ अतः 99x = 233/10
➤ x = (233/10) ÷ 99
➤ x = 233 / 990
✔️ Final उत्तर: 0.2353535… = 233/990
🔵 प्रश्न 15
क्या 0.123456789101112… अपरिमेय संख्या है?
🟢 उत्तर
➤ यह दशमलव न तो समाप्त होता है और न ही आवर्ती है।
✔️ अतः यह अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 16
यदि p परिमेय है और q अपरिमेय है, तो p+q किस प्रकार की संख्या होगी? सिद्ध कीजिए।
🟢 उत्तर
➤ मान लें p+q = r (जहाँ r परिमेय है)
➤ तो q = r–p, लेकिन (r–p) परिमेय होगा
➤ जबकि q अपरिमेय है ⇒ विरोधाभास
✔️ अतः परिमेय + अपरिमेय = अपरिमेय
🔵 प्रश्न 17
3.142 को π का अनुमान क्यों कहा जाता है?
🟢 उत्तर
➤ π एक अपरिमेय संख्या है, इसका सटीक मान दशमलव में नहीं निकाला जा सकता
➤ 3.142, π का निकटतम दशमलव रूप है
✔️ अतः 3.142, π का अनुमान (approximation) है।
🔵 प्रश्न 18
दिखाइए कि 1.101001000100001… एक अपरिमेय संख्या है।
🟢 उत्तर
➤ यह दशमलव न तो समाप्त होता है और न ही आवर्ती है
➤ अतः इसे p/q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता
✔️ इसलिए यह अपरिमेय संख्या है।
🔵 प्रश्न 19 (आन्तरिक विकल्प)
(A) 1/7 का दशमलव रूप लिखिए।
या
(B) 1/3 और 1/11 के दशमलव रूप लिखिए।
🟢 उत्तर (A)
1/7 = 0.142857142857… (आवर्ती)
🟢 उत्तर (B)
1/3 = 0.333… , 1/11 = 0.090909…
🔵 प्रश्न 20 (आन्तरिक विकल्प)
(A) परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के बीच कितनी वास्तविक संख्याएँ होती हैं?
या
(B) सिद्ध कीजिए कि √3 अपरिमेय है।
🟢 उत्तर (A)
➤ वास्तविक संख्याएँ अनन्त हैं
➤ किसी भी दो परिमेय/अपरिमेय के बीच अनन्त वास्तविक संख्याएँ होती हैं
🟢 उत्तर (B)
मान लें √3 = p/q (p,q सह-प्रिय)
p² = 3q² ⇒ p, 3 से विभाज्य
q भी 3 से विभाज्य ⇒ सह-प्रिय नहीं ⇒ विरोधाभास
✔️ अतः √3 अपरिमेय है।
🔵 प्रश्न 21
दिखाइए कि 0.999… = 1।
🟢 उत्तर
मान लें x = 0.999…
10x = 9.999…
10x – x = 9.999… – 0.999…
9x = 9 ⇒ x = 1
✔️ अतः 0.999… = 1
🔵 प्रश्न 22 (आन्तरिक विकल्प)
(A) √2 का दशमलव रूप लिखिए।
या
(B) सिद्ध कीजिए कि √5 अपरिमेय है।
🟢 उत्तर (A)
√2 = 1.414213562… (अपरिमेय, न समाप्त न आवर्ती)
🟢 उत्तर (B)
मान लें √5 = p/q (p,q सह-प्रिय)
p² = 5q² ⇒ p, 5 से विभाज्य ⇒ q भी 5 से विभाज्य
सह-प्रियता का खण्डन ⇒ असत्य
✔️ अतः √5 अपरिमेय है।
🔴 Section D (4 अंक वाले प्रश्न)
🔵 प्रश्न 23
यूक्लिड विभाजन लेम्मा का प्रयोग करके 405 और 252 का महत्तम समापवर्तक (HCF) ज्ञात कीजिए। साथ ही 405×252 = HCF×LCM का सत्यापन कीजिए।
🟢 उत्तर
➤ 405 = 252×1 + 153
➤ 252 = 153×1 + 99
➤ 153 = 99×1 + 54
➤ 99 = 54×1 + 45
➤ 54 = 45×1 + 9
➤ 45 = 9×5 + 0
➤ HCF = 9
➤ LCM = (405×252)/HCF
➤ LCM = (405×252)/9 = 45×252 = 11340
✔️ Final: HCF = 9, LCM = 11340; और 405×252 = 102060 = 9×11340 (सत्य)।
🔵 प्रश्न 24 (आन्तरिक विकल्प)
(A) सिद्ध कीजिए कि √2 + √3 अपरिमेय है।
या
(B) दिखाइए कि 5√7 अपरिमेय है।
🟢 उत्तर (A)
➤ मान लें √2 + √3 परिमेय है = r
➤ तब √3 = r – √2
➤ दोनों ओर वर्ग: 3 = r² – 2r√2 + 2
➤ 1 = r² – 2r√2
➤ 2r√2 = r² – 1
➤ √2 = (r² – 1)/(2r)
➤ दाहिना भाग परिमेय (r परिमेय मान)
➤ यह दर्शाता है कि √2 परिमेय, जो असत्य
✔️ Final: विरोधाभास से स्पष्ट, √2 + √3 अपरिमेय है।
🟢 उत्तर (B)
➤ मान लें 5√7 परिमेय है = t
➤ तब √7 = t/5 (परिमेय)
➤ परन्तु √7 अपरिमेय है
✔️ Final: विरोधाभास; अतः 5√7 अपरिमेय है।
🔵 प्रश्न 25
दिखाइए कि 0.0476̅ (यहाँ 76 आवर्ती है) को भिन्न के रूप में लिखने पर हर मान 2^m×5^n के अतिरिक्त अन्य अभाज्यों से भी विभाज्य रहता है; अतः इसका दशमलव विस्तार समाप्त नहीं होता।
🟢 उत्तर
➤ मान लें x = 0.0476̅ = 0.04767676…
➤ दो अंकों की आवृत्ति ⇒ 100x = 4.767676…
➤ 100x – x = 4.767676… – 0.047676…
➤ 99x = 4.72
➤ 4.72 = 472/100
➤ 99x = 472/100
➤ x = (472/100)/99 = 472/9900
➤ x = (236/4950) = (118/2475) (साधारण रूप)
➤ 2475 = 3×3×5²×11 (2 और 5 के अतिरिक्त 3 तथा 11 भी शामिल)
✔️ Final: हर (denominator) में 3 या 11 होने से दशमलव विस्तार समाप्त नहीं होता (यह आवर्ती है)।
🔵 प्रश्न 26
यदि a = 18 और b = 24 हों, तो यूक्लिड एल्गोरिथ्म से HCF ज्ञात कर a और b को HCF के रैखिक संयोजन (linear combination) के रूप में लिखिए।
🟢 उत्तर
➤ 24 = 18×1 + 6
➤ 18 = 6×3 + 0
➤ HCF = 6
➤ 6 = 24 – 18×1 (पहला समीकरण पुनर्व्यवस्थित)
➤ अतः 6 = (1)×24 + (–1)×18
✔️ Final: HCF(18,24) = 6; तथा 6 = 1·24 + (–1)·18 (रैखिक संयोजन)।
🔵 प्रश्न 27 (आन्तरिक विकल्प)
(A) सिद्ध कीजिए कि कोई भी अभाज्य संख्या p, या तो 6k–1 या 6k+1 के रूप में व्यक्त की जा सकती है (जहाँ p > 3)।
या
(B) सिद्ध कीजिए कि √5 अपरिमेय है (विरोधाभास विधि से), और इससे निष्कर्ष निकालिए कि 2 + √5 भी अपरिमेय है।
🟢 उत्तर (A)
➤ किसी भी पूर्णांक n को 6k, 6k±1, 6k±2, 6k+3 रूपों में लिखा जा सकता है
➤ 6k, 6k±2, 6k+3 ⇒ 2 या 3 से विभाज्य
➤ p अभाज्य तथा p > 3 ⇒ 2 या 3 से विभाज्य नहीं
➤ अतः p केवल 6k–1 अथवा 6k+1 के रूप में ही संभव
✔️ Final: p = 6k–1 या 6k+1 (p > 3 के लिए)।
🟢 उत्तर (B)
➤ मान लें √5 = p/q (p,q सह-प्रिय)
➤ p² = 5q² ⇒ p, 5 से विभाज्य ⇒ p = 5m
➤ 25m² = 5q² ⇒ q² = 5m² ⇒ q भी 5 से विभाज्य
➤ सह-प्रियता खण्डित ⇒ विरोधाभास
➤ अतः √5 अपरिमेय
➤ 2 + √5 परिमेय मान लें = r ⇒ √5 = r – 2 (परिमेय)
➤ विरोधाभास
✔️ Final: √5 और 2 + √5 दोनों अपरिमेय।
🔵 प्रश्न 28
भिन्न 693/1000 को सर्वाधिक सरल रूप में लिखिए, और जाँचिए कि इसका दशमलव विस्तार समाप्त होगा या आवर्ती।
🟢 उत्तर
➤ 693 = 3×3×7×11
➤ 1000 = 2³×5³
➤ gcd(693,1000) = 1
➤ 693/1000 पहले से सरल रूप
➤ हर = 2³×5³ (केवल 2 और 5 के अभाज्य गुणनखण्ड)
✔️ Final: 693/1000 का दशमलव विस्तार समाप्त होता है (समाप्त दशमलव)।
🔵 प्रश्न 29 (आन्तरिक विकल्प)
(A) यदि x = 0.10̅6 (यहाँ 6 आवर्ती है) हो, तो x को p/q के रूप में लिखिए और जाँचिए कि उसका दशमलव विस्तार समाप्त है या आवर्ती।
या
(B) सिद्ध कीजिए कि कोई भी परिमेय संख्या जिसका हर (simplest form में) 2^m×5^n के रूप में हो, उसका दशमलव विस्तार समाप्त होता है।
🟢 उत्तर (A)
➤ x = 0.106666…
➤ 10x = 1.06666…
➤ 10x – 0.1 = 0.96666…
➤ मान लें y = 0.6666… ⇒ y = 2/3
➤ 10x – 0.1 = 0.9 + 0.06666… = 0.9 + 0.1·y
➤ 10x – 0.1 = 0.9 + 0.1·(2/3) = 0.9 + 0.0666… = 0.9666…
➤ प्रत्यक्ष विधि: 10x – 0.1 = 29/30 (क्योंकि 0.9666… = 29/30)
➤ 10x = 29/30 + 0.1 = 29/30 + 3/30 = 32/30
➤ x = (32/30)/10 = 32/300 = 8/75
➤ 75 = 3×5² ⇒ हर में 3 भी है
✔️ Final: x = 8/75; हर में 3 होने से दशमलव विस्तार आवर्ती है (समाप्त नहीं)।
🟢 उत्तर (B)
➤ मान लें भिन्न = p/q (सरल रूप), q = 2^m×5^n
➤ 10^k = 2^k×5^k चुनें जहाँ k ≥ max(m,n)
➤ (10^k/q) पूर्णांक होगा
➤ p/q = (p×10^k)/(q×10^k) = (पूर्णांक)/(10^k)
➤ यह दशमलव में k स्थानों के बाद समाप्त होगा
✔️ Final: हर 2^m×5^n होने पर दशमलव विस्तार समाप्त होता है।
🔵 प्रश्न 30
सिद्ध कीजिए कि √3 अपरिमेय है और इससे निष्कर्ष निकालिए कि 7√3 – 4 अपरिमेय है।
🟢 उत्तर
➤ मान लें √3 = p/q (p,q सह-प्रिय)
➤ p² = 3q² ⇒ p, 3 से विभाज्य ⇒ p = 3m
➤ 9m² = 3q² ⇒ q² = 3m² ⇒ q भी 3 से विभाज्य
➤ सह-प्रियता खण्डित ⇒ विरोधाभास
➤ अतः √3 अपरिमेय
➤ अब 7√3 – 4 परिमेय मान लें = r
➤ तब √3 = (r + 4)/7 (परिमेय)
➤ विरोधाभास
✔️ Final: √3 अपरिमेय; अतः 7√3 – 4 भी अपरिमेय है।
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मानचित्र

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