Class 12, HINDI COMPULSORY

Class 12 : हिंदी अनिवार्य – अध्याय 18. अतीत में दबे पांव

संक्षिप्त लेखक परिचय

🌟 ओम थानवी – लेखक परिचय 🌟

🔵 जन्म व प्रारंभिक जीवन

🗓️ 1 अगस्त 1957 को राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी कस्बे में जन्म।

🌱 बीकानेर में पले-बढ़े।

🎓 राजस्थान विश्वविद्यालय से व्यवसायिक प्रशासन (MBA) में स्नातकोत्तर।

🟢 पत्रकारिता यात्रा

✍️ 1977 में छात्र जीवन के दौरान पत्रकारिता की शुरुआत।

📰 1980–1989 : राजस्थान पत्रिका में कार्य।

📰 1989–2015 : जनसत्ता से जुड़े, 1999 से 2015 तक संपादक रहे।

🎓 वर्तमान में हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन के संस्थापक कुलपति।

🟡 साहित्यिक योगदान

📚 मुअनजोदड़ो (2008) – सिंधु घाटी सभ्यता पर आधारित प्रसिद्ध यात्रा-वृत्तांत।

📖 अतीत में दबे पाँव – कक्षा 12 की ‘वितान भाग-2’ में संकलित महत्वपूर्ण रचना।

🔴 सम्मान व पुरस्कार

🏆 गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार – 2003

🏆 सार्क साहित्य सम्मान – 2012

🏆 शमशेर सम्मान – 2013

🏆 बिहारी पुरस्कार – 2015

🟣 रुचि क्षेत्र

🎨 साहित्य, कला, सिनेमा, पुरातत्व और पर्यावरण में गहरी दिलचस्पी।

📢 भारतीय मीडिया की सशक्त और सजग आवाज़।

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पाठ का विश्लेषण  एवं  विवेचन

🔶 मुख्य विषय
‘अतीत में दबे पाँव’ ✍ ओम थानवी का महत्वपूर्ण यात्रा-वृत्तांत है, जो सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगर मोहनजोदड़ो की यात्रा पर आधारित है। यह सिर्फ़ यात्रा-वर्णन नहीं बल्कि मानव इतिहास की गहन खोज है।

🟡 ऐतिहासिक महत्व
🏛 मोहनजोदड़ो और हड़प्पा दुनिया के सबसे प्राचीन नियोजित शहर माने जाते हैं।
🕰 लगभग 5000 वर्ष पुराने ये नगर सिंधु घाटी सभ्यता के परिपक्व काल से संबंधित हैं।
📏 मोहनजोदड़ो लगभग 200 हेक्टेयर में फैला था और आबादी लगभग 85,000 थी।

🟢 पुरातत्वीय खोज
🛠 1922 में राखालदास बनर्जी ने इसकी खुदाई शुरू की।
👑 जॉन मार्शल के निर्देशन में व्यापक उत्खनन हुआ।
🪙 खुदाई में इमारतें, सड़कें, मूर्तियाँ, मुहरें, खिलौने, औज़ार प्राप्त हुए।

🔷 नगर योजना की विशेषताएं
🗺 सीधी और आड़ी सड़कें – ग्रिड प्लान पद्धति।
🚩 मुख्य सड़क 43 फुट चौड़ी थी, जिस पर दो बैलगाड़ियां साथ चल सकती थीं।
🏘 स्वतः विकास की गुंजाइश वाला सुव्यवस्थित लेआउट।

🟤 सामाजिक संरचना
🏯 स्तूप के पीछे उच्च वर्ग की बस्तियाँ।
🏚 दक्षिण में टूटे-फूटे घर कामगार वर्ग के।
❓ लेखक ने सवाल उठाया कि क्या निम्न वर्ग के घर नष्ट हो गए या वे ही कमजोर सामग्री से बने थे।

🔵 जल प्रबंधन प्रणाली
💧 महाकुंड (40×25×7 फुट) – सामूहिक स्नान हेतु।
⛲ लगभग 700 कुएँ।
🚿 हर घर में स्नानघर और पक्की नालियों की उन्नत व्यवस्था।

🟣 सभ्यता की विशेषताएं
🕊 यह लो-प्रोफाइल और शांतिप्रिय सभ्यता थी।
❌ न भव्य महल, न मंदिर, न समाधियाँ।
⚒ औज़ार मिले, पर हथियार नहीं – युद्धप्रिय नहीं थे।

🟠 आर्थिक गतिविधियाँ
🌾 गेहूँ, जौ, सरसों, चना, कपास की खेती।
💦 कुओं से सिंचाई।
🚢 मेसोपोटामिया से व्यापार।

🟢 कला और संस्कृति
🩰 प्रसिद्ध नर्तकी की कांस्य मूर्ति।
👳‍♂ दाढ़ी वाले यजक नरेश की मूर्ति।
🏺 चित्रित मृद्भांड, मुहरें, खिलौने – उत्कृष्ट कलात्मकता के प्रमाण।

🔴 सभ्यता का पतन
🌧 वर्षा में कमी और भूजल का अत्यधिक उपयोग।
🌍 ‘तर-युग’ का ‘सूखा’ युग में बदलना।

🟡 लेखक के भावनात्मक अनुभव
🏚 खंडहरों में घूमते हुए अपराध-बोध की अनुभूति।
🌌 राजस्थान के कुलधरा गाँव की याद – जो रातों-रात खाली हुआ था।

✨ सारांश (100 शब्द)
‘अतीत में दबे पाँव’ ✍ ओम थानवी का यात्रा-वृत्तांत है, जो मोहनजोदड़ो की यात्रा पर आधारित है। यह 5000 वर्ष पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा नगर था। उन्नत नगर योजना, जल प्रबंधन प्रणाली और शांतिप्रिय सामाजिक व्यवस्था इसकी विशेषताएं थीं। यह लो-प्रोफाइल सभ्यता ताकत से नहीं बल्कि समझ से अनुशासित थी। वर्षा की कमी और भूजल के अत्यधिक दोहन से इसका पतन हुआ। लेखक ने खंडहरों में घूमते हुए अतीत की इस महान सभ्यता को जीवंत रूप में पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

अतीत में दबे पाँव – पाठांत प्रश्नोत्तर


🔴 प्रश्न 1 सिंधु-सभ्यता साधन-संपन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडंबर नहीं था। कैसे?
🟢 उत्तर:
🟡 खुदाई में मिले अवशेष बताते हैं कि यहाँ संसाधनों की प्रचुरता थी।
🟠 नगर-योजना, जल निकासी और सामाजिक अनुशासन उन्नत थे।
🔵 राजशाही या धर्म के भव्य प्रतीक (राजमहल, मंदिर, समाधियाँ) अनुपस्थित थे।
🟣 मूर्तिशिल्प छोटे और औज़ार साधारण थे।
🟤 मोहनजोदड़ो के ‘नरेश’ का सिरपेच भी साधारण था।

🔴 प्रश्न 2 “सिंधु-सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध है जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था।” ऐसा क्यों कहा गया?
🟢 उत्तर:
🟡 कलाकृतियाँ जनता की रुचि व आवश्यकता पर आधारित थीं, न कि राजकीय आदेश पर।
🟠 भव्यता की बजाय कलात्मकता पर ज़ोर था।
🔵 मृद्भांड, मुहरें, आभूषण और चित्रकारी में सौंदर्य स्पष्ट दिखता है।
🟣 नगर-योजना, धातु-पत्थर मूर्तियाँ, पशु-पक्षी व वनस्पति चित्रांकन – सबमें कलात्मक परिपक्वता थी।

🔴 प्रश्न 3 पुरातत्व के किन चिहनों से सिद्ध होता है कि सिंधु-सभ्यता ताकत से नहीं, समझ से अनुशासित थी?
🟢 उत्तर:
🟡 हथियारों का लगभग अभाव।
🟠 भव्य राजप्रासाद, मंदिर, समाधियाँ अनुपस्थित।
🔵 मूर्तिशिल्प छोटे आकार के।
🟣 नगर-योजना, सफाई व्यवस्था और मुहरों में एकरूपता।

🔴 प्रश्न 4 आँगन की अधूरी सीढ़ियों और “इतिहास के पार झाँकने” वाले कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
🟡 खंडहर भी इतिहास का पूरा परिचय देते हैं।
🟠 इन पायदानों पर खड़े होकर प्राचीन सभ्यता का अनुभव होता है।
🔵 सिंधु घाटी केवल इतिहास नहीं, बल्कि इतिहास के पार का दृश्य प्रस्तुत करती है।

🔴 प्रश्न 5 “टूटे-फूटे खंडहर धड़कती जिंदगियों के अनछुए समयों का दस्तावेज होते हैं” – भाव स्पष्ट करें।
🟢 उत्तर:
🟡 खंडहर बताते हैं कि यहाँ कभी जीवन, संस्कृति और गतिविधियाँ थीं।
🟠 मोहनजोदड़ो के घरों, देहरी, रसोई, गलियों से प्राचीन जीवन की झलक मिलती है।
🔵 यह अतीत की जीवनशैली, कला और संस्कृति का जीवंत प्रमाण है।

🔴 प्रश्न 6 आपके देखे किसी ऐतिहासिक स्थल का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर (उदाहरण – लाल किला):
🟡 मुगलकालीन वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण।
🟠 लाल बलुआ पत्थर की विशाल दीवारें।
🔵 दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास की भव्यता आकर्षक।
🟣 भारतीय इतिहास की गौरवशाली धरोहर।

🔴 प्रश्न 7 क्या सिंधु घाटी सभ्यता को ‘जल-संस्कृति’ कहा जा सकता है?
🟢 उत्तर (हाँ, लेखक के पक्ष में):
🟡 मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार।
🟠 700 से अधिक कुएँ।
🔵 हर घर में स्नानागार व उन्नत जल निकासी व्यवस्था।
🟣 सिंधु नदी के किनारे का विकास।

🔴 प्रश्न 8 लिखित साक्ष्य न होने पर भी क्या मोहनजोदड़ो के बारे में धारणा बनाना उचित है?
🟢 उत्तर:
🟡 खुदाई में मिले बर्तन, सिक्के, सड़कें, इमारतें साक्ष्य के बराबर हैं।
🟠 लिखित प्रमाण के बिना भी भौतिक अवशेष प्रामाणिक हैं।
🔵 ये नगर विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं के ठोस प्रमाण हैं।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🌟 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) 🌟

🟢 1. मोहनजोदड़ो की खुदाई किसने और कब की थी?
🔹 (a) दयाराम साहनी, 1921 में
🔹 (b) राखालदास बनर्जी, 1922 में ✅
🔹 (c) जॉन मार्शल, 1924 में
🔹 (d) अलेक्जेंडर कनिंघम, 1920 में

🟢 2. सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता क्या है?
🔹 (a) भव्य राजप्रासाद
🔹 (b) विशाल मंदिर निर्माण
🔹 (c) उन्नत जल प्रबंधन व्यवस्था ✅
🔹 (d) सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

🟢 3. मोहनजोदड़ो के महाकुंड का आकार क्या था?
🔹 (a) 30×20×5 फुट
🔹 (b) 40×25×7 फुट ✅
🔹 (c) 50×30×10 फुट
🔹 (d) 45×28×8 फुट

🟢 4. सिंधु घाटी सभ्यता को ‘लो-प्रोफाइल’ सभ्यता क्यों कहा जाता है?
🔹 (a) इसमें भव्यता और आडंबर का अभाव था ✅
🔹 (b) यह तकनीकी रूप से पिछड़ी थी
🔹 (c) इसकी जनसंख्या कम थी
🔹 (d) यह केवल कृषि पर निर्भर थी

🟢 5. मोहनजोदड़ो में कितने कुएं मिले हैं?
🔹 (a) 500
🔹 (b) 600
🔹 (c) 700 ✅
🔹 (d) 800

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💠 लघु उत्तरीय प्रश्न 💠

🔵 1. नगर योजना की मुख्य विशेषताएं

उत्तर:
✨ ग्रिड पैटर्न, सीधी सड़कें, 43 फुट चौड़ी मुख्य सड़क
✨ हर घर में स्नानागार व पक्की नालियां
✨ कृत्रिम टीलों पर शहर बसा कर बाढ़ से बचाव

🔵 2. महाकुंड का महत्व

उत्तर:
✨ धार्मिक अनुष्ठान और सामूहिक स्नान का केंद्र
✨ 40×25×7 फुट का जल-रोधी स्नानागार
✨ उत्तर-दक्षिण दिशा में सीढ़ियां और तीन ओर कक्ष

🔵 3. कृषि की स्थिति

उत्तर:
✨ गेहूं, जौ, चावल, तिल, मटर, कपास की खेती
✨ कुओं से सिंचाई, अनाज को कोठारों में संग्रह
✨ फसल दवनी हेतु चबूतरे बने

🔵 4. पतन के कारण

उत्तर:
✨ जलवायु परिवर्तन व वर्षा में कमी
✨ नदियों का मार्ग बदलना, भूजल का ह्रास
✨ ‘तर-युग’ से ‘सूखे’ में परिवर्तन

🔵 5. कला की विशेषताएं

उत्तर:
✨ नर्तकी की कांस्य प्रतिमा, दाढ़ी वाले यजक की मूर्ति
✨ चित्रित मृद्भांड, मिट्टी के खिलौने, आभूषण
✨ व्यावहारिकता व सुंदरता का संयोजन

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💎 मध्यम उत्तरीय प्रश्न 💎

🟣 1. जल-संस्कृति

उत्तर:
💧 700 कुएं, महाकुंड, घर-घर स्नानागार
💧 विश्व की पहली उन्नत जल निकासी प्रणाली
💧 नदी व भूजल का संतुलित उपयोग

🟣 2. लेखक के अनुसार यात्रा का महत्व

उत्तर:
📜 अतीत से जीवंत साक्षात्कार जैसा अनुभव
📜 गलियों में घूमते समय इतिहास को महसूस करना
📜 भव्यता से रहित भी महान सभ्यता का अनुभव

🟣 3. सामाजिक संरचना

उत्तर:
👥 उच्च व निम्न वर्ग के आवास
👥 व्यापार प्रधान समाज, मातृ प्रधान संकेत
👥 शिल्पकारों व श्रमिकों का विशेष महत्व

🟣 4. तकनीकी उन्नति

उत्तर:
⚙ पक्की ईंटों का व्यापक प्रयोग
⚙ मानकीकृत नाप-तौल, उन्नत धातु कला
⚙ जल प्रबंधन व नगर योजना में श्रेष्ठता

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🏆 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न 🏆

🔶1. सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं और संदेश

उत्तर:
🌏 1.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैली, मोहनजोदड़ो व हड़प्पा केंद्र
🏛 वैज्ञानिक नगर नियोजन: ग्रिड प्लान, चौड़ी सड़कें, टीलों पर बसावट
💧 जल संस्कृति: 700 कुएं, महाकुंड, उन्नत जल निकासी
⚖ समतावादी समाज: भव्य राजप्रासाद या मंदिरों का अभाव
⚙ तकनीकी उत्कर्ष: पक्की ईंटें, धातु विज्ञान, मानकीकृत नाप
🎨 कला: नर्तकी, यजक मूर्ति, चित्रित बर्तन, खिलौने
🕊 शांतिप्रिय: युद्ध के प्रमाण नहीं, सहयोग आधारित व्यवस्था
🌿 पर्यावरण संतुलन: नदी व भूजल का सतत उपयोग

📌 आधुनिक संदेश
✅ समानता व न्याय का महत्व
✅ जल संरक्षण तकनीकों को अपनाना
✅ शांति व सहयोग से प्रगति
✅ पर्यावरण के साथ संतुलित विकास
✅ कला-संस्कृति को जीवन का अंग बनाना

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अतिरिक्त ज्ञान

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दृश्य सामग्री

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