Class 12 : Poltical Science (Hindi) – Lesson 7.वैश्वीकरण
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🔶 1. प्रस्तावना
वैश्वीकरण आधुनिक युग की सबसे गहन प्रक्रिया है जिसने पूरे विश्व को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा प्रौद्योगिकीय स्तर पर एक सूत्र में बाँध दिया है। अब कोई भी राष्ट्र पूर्णतः स्वायत्त नहीं रह सकता क्योंकि उत्पादन, व्यापार, पूँजी, संस्कृति और सूचना का प्रवाह सीमाओं को लाँघ चुका है।
🌏 आज की दुनिया एक “विश्व-परिवार” के रूप में विकसित हो रही है जहाँ एक देश की नीतियाँ और निर्णय दूसरे देशों को सीधे प्रभावित करते हैं।
🔶 2. वैश्वीकरण की परिभाषा
वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाएँ, समाज और संस्कृतियाँ आपस में इतनी जुड़ जाती हैं कि वे परस्पर निर्भर बन जाती हैं।
यह केवल आर्थिक विस्तार नहीं बल्कि विचारों, मूल्यों, नीतियों और जीवनशैली का वैश्विक प्रसार है।
🔶 3. वैश्वीकरण की मुख्य विशेषताएँ
🟢 (क) सीमाओं से परे संपर्क – व्यापार, निवेश, तकनीक और संस्कृति का मुक्त प्रवाह।
🟢 (ख) परस्पर निर्भरता – एक देश की आर्थिक नीति का प्रभाव अन्य देशों पर।
🟢 (ग) नई प्रौद्योगिकी का प्रसार – संचार और सूचना क्रांति से दूरी घटना।
🟢 (घ) अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका – विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाएँ।
🔶 4. वैश्वीकरण के आयाम
🌐 (1) आर्थिक आयाम
वस्तुओं, सेवाओं, पूँजी और तकनीक का मुक्त प्रवाह।
मुक्त व्यापार की नीति और विदेशी निवेश का विस्तार।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उपस्थिति और विश्व बाजार का निर्माण।
उदारीकरण, निजीकरण और मुक्त प्रतिस्पर्धा।
⚖️ (2) राजनीतिक आयाम
राष्ट्रों के बीच पारस्परिक निर्भरता।
नीति-निर्माण में बाहरी प्रभाव।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा दबाव और सहयोग।
राज्य की संप्रभुता में कमी परंतु सहयोग के नए अवसर।
🎭 (3) सामाजिक-सांस्कृतिक आयाम
संस्कृतियों का मेल-जोल, खान-पान, वस्त्र, संगीत, जीवनशैली में परिवर्तन।
लोक संस्कृति पर वैश्विक संस्कृति का प्रभाव।
एकरूपता और विविधता के बीच संतुलन की चुनौती।
💡 (4) प्रौद्योगिकीय आयाम
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का प्रसार।
इंटरनेट, मोबाइल, उपग्रह और परिवहन साधनों का तीव्र विकास।
ज्ञान और नवाचार का वैश्विक साझा।
🔶 5. वैश्वीकरण के प्रमुख कारण
1️⃣ संचार साधनों में क्रांति।
2️⃣ परिवहन की तीव्र गति।
3️⃣ अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्त का विस्तार।
4️⃣ पूँजी और निवेश की गतिशीलता।
5️⃣ मुक्त व्यापार के समझौते।
6️⃣ अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सहयोग।
🔶 6. वैश्वीकरण के लाभ
✔️ उत्पादन की दक्षता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि।
✔️ रोजगार के अवसरों का विस्तार।
✔️ उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प।
✔️ तकनीकी और प्रबंधन ज्ञान का प्रसार।
✔️ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझ बढ़ी।
🔶 7. वैश्वीकरण की चुनौतियाँ
❌ आर्थिक असमानता में वृद्धि।
❌ स्थानीय उद्योगों पर दबाव।
❌ सांस्कृतिक पहचान का संकट।
❌ पर्यावरणीय असंतुलन।
❌ राष्ट्रीय नीति पर बाहरी नियंत्रण।
🔶 8. भारत में वैश्वीकरण
भारत में 1991 की नई आर्थिक नीति के साथ वैश्वीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
इस नीति के अंतर्गत –
🟢 उदारीकरण – व्यापारिक बाधाओं का हटाना।
🟢 निजीकरण – सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण।
🟢 वैश्वीकरण – विदेशी निवेश और व्यापार को बढ़ावा।
परिणाम:
✔️ विदेशी पूँजी का आगमन।
✔️ सेवाक्षेत्र और सूचना प्रौद्योगिकी का तीव्र विकास।
✔️ रोजगार के नए अवसर।
⚠️ परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता, बेरोज़गारी और सामाजिक विषमता बढ़ी।
🔶 9. सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
🌸 जीवनशैली, परिधान, भोजन, भाषा, मनोरंजन में वैश्विक प्रभाव।
🌸 पश्चिमी उपभोक्तावादी प्रवृत्ति का प्रसार।
🌸 स्थानीय परंपराओं और भाषाओं पर संकट।
🌸 परंतु नए विचार, विज्ञान, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार भी हुआ।
🔶 10. राजनीतिक प्रभाव
🔹 राज्य की संप्रभुता में कमी आई।
🔹 नीति निर्माण में अंतरराष्ट्रीय दबाव।
🔹 लोकतांत्रिक मूल्य, मानवाधिकार और पारदर्शिता का प्रसार।
🔹 नागरिक समाज और गैर-सरकारी संस्थाओं की सक्रियता बढ़ी।
🔶 11. वैश्वीकरण पर मतभेद
🟢 समर्थक दृष्टिकोण
यह विकास और आधुनिकता का प्रतीक है।
आर्थिक वृद्धि, तकनीकी प्रगति और अवसर बढ़ते हैं।
विश्व को जोड़ने वाली शक्ति है।
🔴 आलोचक दृष्टिकोण
विकसित देशों का प्रभुत्व बढ़ाता है।
अमीर और गरीब में अंतर गहराता है।
पर्यावरण और संस्कृति को नुकसान पहुँचाता है।
🟡 मध्यस्थ दृष्टिकोण
नियंत्रित और न्यायपूर्ण वैश्वीकरण की वकालत।
समान अवसर और साझा जिम्मेदारी पर बल।
🔶 12. वैश्वीकरण और संस्कृति
सांस्कृतिक एकरूपता का खतरा: सभी देशों में समान जीवनशैली का प्रसार।
स्थानीय संस्कृति का पुनरुत्थान: क्षेत्रीय भाषाओं, कला और परम्पराओं का संरक्षण।
बहुसांस्कृतिकता का विकास: विभिन्न संस्कृतियों का सहअस्तित्व।
🔶 13. वैश्वीकरण और पर्यावरण
संसाधनों का अंधाधुंध दोहन।
औद्योगिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन।
पर्यावरणीय संतुलन हेतु वैश्विक सहयोग आवश्यक।
🔶 14. भारत का दृष्टिकोण
भारत वैश्वीकरण को अवसर के रूप में देखता है परन्तु न्यायसंगत और समावेशी विकास पर बल देता है।
🔸 भारत ने वैश्विक व्यापार में भागीदारी बढ़ाई, परन्तु आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी।
🔸 ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के साथ भारत वैश्विक समानता का पक्षधर है।
🔶 15. वैश्वीकरण और संप्रभुता
राज्य की नीति पर बाहरी दबाव बढ़ा है, परन्तु राज्यों ने भी अपने हितों की रक्षा हेतु नई नीतियाँ अपनाई हैं।
आज संप्रभुता का स्वरूप पूर्णतः समाप्त नहीं, बल्कि साझी संप्रभुता के रूप में परिवर्तित हुआ है।
🔶 16. निष्कर्ष
वैश्वीकरण ने विश्व को जोड़ने, विकास को गति देने और मानव जीवन को आधुनिक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
परंतु यह तभी लाभकारी होगा जब इसमें समानता, न्याय, पर्यावरणीय संरक्षण और सांस्कृतिक विविधता को स्थान मिले।
🟩 संक्षिप्त सारांश (लगभग 200 शब्द)
वैश्वीकरण विश्व की परस्पर जुड़ाव की वह प्रक्रिया है जिसने आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर एकीकरण को जन्म दिया।
इससे व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और विचारों का प्रवाह बढ़ा, परंतु असमानता और सांस्कृतिक संकट जैसी चुनौतियाँ भी सामने आईं।
भारत में 1991 की नई आर्थिक नीति से वैश्वीकरण की शुरुआत हुई। इससे रोजगार, निवेश और तकनीक में वृद्धि हुई पर ग्रामीण-शहरी विषमता और पर्यावरणीय दबाव भी बढ़ा।
संतुलित और न्यायपूर्ण वैश्वीकरण ही विश्व में स्थायी शांति और विकास ला सकता है।
📝 त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Recap)
1️⃣ वैश्वीकरण – विश्वव्यापी जुड़ाव की प्रक्रिया।
2️⃣ कारण – संचार क्रांति, उदारीकरण, निवेश प्रवाह।
3️⃣ लाभ – विकास, रोजगार, ज्ञान-वृद्धि।
4️⃣ हानि – असमानता, सांस्कृतिक संकट, पर्यावरणीय दबाव।
5️⃣ भारत में आरंभ – 1991 की नई आर्थिक नीति।
6️⃣ लक्ष्य – समान, न्यायपूर्ण और सतत वैश्वीकरण।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(क) वैश्वीकरण केवल आर्थिक परिघटना है।
(ख) वैश्वीकरण की शुरुआत 1991 में हुई।
(ग) वैश्वीकरण और राष्ट्रनिर्माण समान हैं।
(घ) वैश्वीकरण एक बहुआयामी परिघटना है।
🟢 उत्तर:
सही विकल्प है — (घ) वैश्वीकरण एक बहुआयामी परिघटना है।
✔️ कारण: वैश्वीकरण केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सभी स्तरों पर प्रभाव डालने वाली प्रक्रिया है।
🔵 प्रश्न 2. वैश्वीकरण के प्रभाव के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(क) विभिन्न देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव समान रहा है।
(ख) सभी देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव समान नहीं है।
(ग) वैश्वीकरण का असर केवल राजनीतिक स्तर तक सीमित है।
(घ) वैश्वीकरण अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित नहीं करता।
🟢 उत्तर:
सही विकल्प है — (ख) सभी देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव समान नहीं है।
✔️ कारण: विकसित देशों को वैश्वीकरण से अधिक लाभ हुआ है जबकि विकासशील देशों को मिश्रित परिणाम मिले हैं।
🔵 प्रश्न 3. वैश्वीकरण के कारणों के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(क) वैश्वीकरण का एक महत्त्वपूर्ण कारण प्रौद्योगिकी है।
(ख) जनता का एक वर्ग स्वयं वैश्वीकरण चाहता है।
(ग) व्यापार की बढ़ती मात्रा के कारण वैश्वीकरण हुआ।
(घ) वैश्वीकरण का एकमात्र कारण आर्थिक शक्ति पर पारस्परिक निर्भरता है।
🟢 उत्तर:
सही विकल्प है — (क) वैश्वीकरण का एक महत्त्वपूर्ण कारण प्रौद्योगिकी है।
✔️ कारण: सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में हुई क्रांति ने विश्व को जोड़ने का कार्य किया जिससे वैश्वीकरण तेज हुआ।
🔵 प्रश्न 4. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(क) वैश्वीकरण का संबंध विश्व के अमीर वर्गों से है।
(ख) वैश्वीकरण में मूल्यों का सम्मिलन नहीं होता।
(ग) वैश्वीकरण के अंतर्गत सेवाओं का महत्व घटा।
(घ) वैश्वीकरण का संबंध विश्वव्यापी परस्परता से है।
🟢 उत्तर:
सही विकल्प है — (घ) वैश्वीकरण का संबंध विश्वव्यापी परस्परता से है।
✔️ कारण: वैश्वीकरण से विश्व के देश आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से परस्पर निर्भर हो गए हैं।
🔵 प्रश्न 5. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन ग़लत है?
(क) वैश्वीकरण के समर्थकों का तर्क है कि इससे आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।
(ख) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे आर्थिक असमानता और गरीबी बढ़ेगी।
(ग) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समस्याएँ आएँगी।
(घ) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समानता आएगी।
🟢 उत्तर:
ग़लत कथन है — (घ) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समानता आएगी।
✔️ कारण: आलोचक मानते हैं कि इससे सांस्कृतिक एकरूपता और स्थानीय परंपराओं का ह्रास होगा।
🔵 प्रश्न 6. ‘विश्वव्यापी परस्पर युद्ध’ क्या है? इसके कौन-कौन से स्वरूप हैं?
🟢 उत्तर:
‘विश्वव्यापी परस्पर युद्ध’ का अर्थ है – विश्व के विभिन्न देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, जिसमें प्रत्यक्ष युद्ध नहीं होता परंतु प्रभाव स्थापित करने की होड़ रहती है।
इसके स्वरूप —
1️⃣ आर्थिक प्रतिस्पर्धा – व्यापार, निवेश, बाजार नियंत्रण।
2️⃣ सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा – अपनी संस्कृति का प्रसार।
3️⃣ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा – प्रभाव क्षेत्र का विस्तार।
🔵 प्रश्न 7. वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?
🟢 उत्तर:
✔️ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने देशों के बीच दूरी घटाई।
✔️ इंटरनेट, उपग्रह, मोबाइल और मीडिया ने विचारों और सूचनाओं का त्वरित प्रसार संभव किया।
✔️ उत्पादन, निवेश और व्यापार के लिए नई संभावनाएँ बनीं।
इस प्रकार प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण का प्रमुख प्रेरक तत्व है।
🔵 प्रश्न 8. वैश्वीकरण के संदर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
🟢 उत्तर:
✔️ राज्य अब नियामक के बजाय प्रोत्साहक की भूमिका में है।
✔️ सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व घटा, निजी क्षेत्र का बढ़ा।
✔️ कल्याणकारी योजनाओं में कटौती।
✔️ आर्थिक नीतियाँ अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रभाव में।
➡️ परिणाम: संप्रभुता में कमी, परंतु नए अवसर भी।
🔵 प्रश्न 9. वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियाँ क्या हुईं? इस संदर्भ में भारत पर वैश्वीकरण का क्या प्रभाव पड़ा?
🟢 उत्तर:
आर्थिक परिणतियाँ:
1️⃣ उत्पादन और व्यापार में वृद्धि।
2️⃣ विदेशी निवेश का विस्तार।
3️⃣ रोजगार और उपभोग के अवसर।
4️⃣ असमानता में वृद्धि।
भारत पर प्रभाव:
सेवाक्षेत्र का विकास (विशेषतः सूचना प्रौद्योगिकी)।
विदेशी कंपनियों का आगमन।
ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता।
🔵 प्रश्न 10. क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विविधता बढ़ी है?
🟢 उत्तर:
हाँ, कुछ सीमा तक सहमत —
✔️ विभिन्न संस्कृतियों का आदान-प्रदान बढ़ा।
✔️ स्थानीय परंपराएँ नई तकनीकों से पुनर्जीवित हुईं।
परंतु साथ ही —
⚠️ वैश्विक संस्कृति का प्रभाव स्थानीय पहचान पर हावी हुआ।
🔵 प्रश्न 11. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है और भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर रहा है?
🟢 उत्तर:
भारत पर प्रभाव:
विदेशी निवेश व व्यापार में वृद्धि।
नई तकनीक व उपभोग प्रवृत्ति का प्रसार।
असमानता और बेरोज़गारी की चुनौती।
भारत का प्रभाव:
आईटी क्षेत्र में वैश्विक योगदान।
योग, आयुर्वेद, संस्कृति, भोजन शैली का प्रसार।
➡️ भारत वैश्वीकरण से प्रभावित भी है और उसे दिशा भी दे रहा है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔵 प्रश्न 1. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन सही है?
🟢 1️⃣ वैश्वीकरण केवल आर्थिक परिघटना है।
🟡 2️⃣ वैश्वीकरण की शुरुआत 1991 में हुई।
🔴 3️⃣ वैश्वीकरण और राष्ट्रनिर्माण समान हैं।
🟣 4️⃣ वैश्वीकरण एक बहुआयामी परिघटना है।
✅ उत्तर: 4️⃣ वैश्वीकरण एक बहुआयामी परिघटना है।
🔵 प्रश्न 2. वैश्वीकरण के प्रभाव के बारे में कौन-सा कथन सही है?
🟢 1️⃣ विभिन्न देशों पर समान प्रभाव पड़ा है।
🟡 2️⃣ सभी देशों पर समान प्रभाव नहीं पड़ा है।
🔴 3️⃣ इसका असर केवल राजनीति पर है।
🟣 4️⃣ अंतरराष्ट्रीय संबंध अप्रभावित रहे हैं।
✅ उत्तर: 2️⃣ सभी देशों पर समान प्रभाव नहीं पड़ा है।
🔵 प्रश्न 3. वैश्वीकरण के कारणों में कौन-सा प्रमुख है?
🟢 1️⃣ प्रौद्योगिकी का विकास
🟡 2️⃣ केवल व्यापार
🔴 3️⃣ केवल जनसंख्या वृद्धि
🟣 4️⃣ केवल सांस्कृतिक एकता
✅ उत्तर: 1️⃣ प्रौद्योगिकी का विकास
🔵 प्रश्न 4. वैश्वीकरण का संबंध किससे है?
🟢 1️⃣ विश्वव्यापी परस्परता
🟡 2️⃣ केवल अमीर देशों से
🔴 3️⃣ स्थानीय सीमाओं से
🟣 4️⃣ केवल राजनीति से
✅ उत्तर: 1️⃣ विश्वव्यापी परस्परता
🔵 प्रश्न 5. वैश्वीकरण का आलोचक किस बात पर बल देता है?
🟢 1️⃣ समानता बढ़ाने पर
🟡 2️⃣ असमानता बढ़ाने पर
🔴 3️⃣ सांस्कृतिक समानता पर
🟣 4️⃣ उपभोक्तावाद घटाने पर
✅ उत्तर: 2️⃣ असमानता बढ़ाने पर
🔵 प्रश्न 6. वैश्वीकरण के समर्थक किस लाभ को मानते हैं?
🟢 1️⃣ आर्थिक समृद्धि
🟡 2️⃣ रोजगार में कमी
🔴 3️⃣ सांस्कृतिक विघटन
🟣 4️⃣ असमानता
✅ उत्तर: 1️⃣ आर्थिक समृद्धि
🔵 प्रश्न 7. ‘विश्वव्यापी परस्पर युद्ध’ से क्या तात्पर्य है?
🟢 उत्तर: इसका अर्थ है देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा। यह प्रत्यक्ष युद्ध नहीं बल्कि प्रभाव और नियंत्रण की प्रतिस्पर्धा है।
🔵 प्रश्न 8. वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?
🟢 उत्तर: सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने देशों को जोड़ा, दूरी घटाई, सूचनाओं के आदान-प्रदान को तेज़ किया और व्यापार को बढ़ावा दिया।
🔵 प्रश्न 9. वैश्वीकरण से भारत को क्या लाभ हुआ?
🟢 उत्तर:
विदेशी निवेश में वृद्धि
सेवाक्षेत्र का विकास
नई तकनीक का आगमन
आर्थिक विकास की गति बढ़ी
🔵 प्रश्न 10. वैश्वीकरण से भारत को क्या चुनौतियाँ मिलीं?
🟢 उत्तर:
आर्थिक असमानता
स्थानीय उद्योगों पर संकट
सांस्कृतिक प्रभाव
बेरोज़गारी
🔵 प्रश्न 11. वैश्वीकरण में राज्य की भूमिका कैसे बदली?
🟢 उत्तर: राज्य नियामक से प्रोत्साहक बना, निजीकरण को बढ़ावा मिला, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का प्रभाव बढ़ा।
🔵 प्रश्न 12. वैश्वीकरण में संस्कृति की स्थिति क्या है?
🟢 उत्तर: संस्कृति का आदान-प्रदान बढ़ा परंतु पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव स्थानीय परंपराओं पर अधिक हुआ।
🔵 प्रश्न 13. वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियाँ क्या हैं?
🟢 उत्तर:
उत्पादन, व्यापार, निवेश में वृद्धि
प्रतिस्पर्धा और उपभोक्तावाद बढ़ा
अमीरी-गरीबी की खाई गहरी हुई
🔵 प्रश्न 14. वैश्वीकरण का सामाजिक प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
जीवनशैली में परिवर्तन
उपभोग संस्कृति का प्रसार
सामाजिक असमानता और पश्चिमीकरण में वृद्धि
🔵 प्रश्न 15. वैश्वीकरण का राजनीतिक प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
राष्ट्रों की नीतियों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव
संप्रभुता में कमी
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रभाव
🔵 प्रश्न 16. भारत वैश्वीकरण को कैसे प्रभावित कर रहा है?
🟢 उत्तर:
योग, आयुर्वेद, भारतीय संस्कृति का प्रसार
आईटी सेवाओं में अग्रणी योगदान
वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी
🔵 प्रश्न 17. वैश्वीकरण की आलोचना क्यों की जाती है?
🟢 उत्तर:
अमीर देशों का वर्चस्व
असमानता और सांस्कृतिक ह्रास
गरीब देशों की निर्भरता
🔵 प्रश्न 18. क्या वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विविधता बढ़ी है?
🟢 उत्तर:
हाँ, विचारों और परंपराओं का आदान-प्रदान बढ़ा, परंतु पश्चिमी प्रभाव से स्थानीय पहचान कमजोर भी हुई।
🔵 प्रश्न 19. वैश्वीकरण की प्रक्रिया के विभिन्न आयामों का विवेचन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ आर्थिक आयाम:
पूँजी, वस्तुओं और सेवाओं का अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका में वृद्धि।
2️⃣ राजनीतिक आयाम:
राज्यों की संप्रभुता पर प्रभाव।
नीतिगत निर्णयों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव।
3️⃣ सांस्कृतिक आयाम:
विश्व संस्कृति का विकास।
स्थानीय परंपराओं पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव।
4️⃣ प्रौद्योगिकीय आयाम:
संचार माध्यमों का विस्तार, इंटरनेट, उपग्रह संचार।
✔️ निष्कर्ष: वैश्वीकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है।
🔵 प्रश्न 20. वैश्वीकरण के लाभ और हानियाँ स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
✅ लाभ:
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि
निवेश और रोजगार के अवसर
नई तकनीक की उपलब्धता
जीवन स्तर में सुधार
❌ हानियाँ:
असमानता और गरीबी
स्थानीय उद्योगों का पतन
सांस्कृतिक क्षरण
आर्थिक निर्भरता
🔵 प्रश्न 21. भारत पर वैश्वीकरण के प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ आर्थिक प्रभाव: विदेशी निवेश, निजीकरण, आईटी क्षेत्र में उन्नति।
2️⃣ सामाजिक प्रभाव: उपभोक्तावाद, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के नए अवसर।
3️⃣ सांस्कृतिक प्रभाव: पश्चिमी जीवनशैली का प्रभाव, पारंपरिक मूल्यों में परिवर्तन।
4️⃣ राजनीतिक प्रभाव: नीति निर्धारण में वैश्विक संस्थाओं का प्रभाव।
🔵 प्रश्न 22. वैश्वीकरण की आलोचनाएँ क्या हैं?
🟢 उत्तर:
अमीर देशों का प्रभुत्व
विकासशील देशों की निर्भरता
सामाजिक असमानता
स्थानीय संस्कृति का ह्रास
पर्यावरणीय संकट में वृद्धि
🔵 प्रश्न 23. वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका का विवेचन कीजिए।
🟢 उत्तर:
वैश्विक व्यापार का विस्तार
उत्पादन और पूँजी का अंतरराष्ट्रीय प्रवाह
तकनीक और रोजगार के अवसर
परंतु साथ ही स्थानीय बाजारों पर नियंत्रण
🔵 प्रश्न 24. वैश्वीकरण से उत्पन्न सांस्कृतिक चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर:
सांस्कृतिक एकरूपता
उपभोग संस्कृति का प्रसार
पारंपरिक मूल्यों का ह्रास
युवाओं में पश्चिमी प्रभाव
🔵 प्रश्न 25. वैश्वीकरण के राजनीतिक परिणामों का विवेचन कीजिए।
🟢 उत्तर:
राज्यों की संप्रभुता में कमी
नीतिगत निर्णयों में विश्व बैंक और IMF का प्रभाव
लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वायत्तता पर असर
🔵 प्रश्न 26. क्या वैश्वीकरण ने राज्य की भूमिका को परिवर्तित किया है?
🟢 उत्तर:
हाँ, राज्य अब नियामक से अधिक प्रोत्साहक बन गया है।
निजी क्षेत्र को बढ़ावा
विदेशी निवेश की स्वीकृति
वैश्विक नीतियों के अनुरूप सुधार
🔵 प्रश्न 27. वैश्वीकरण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका बताइए।
🟢 उत्तर:
सीमाओं के पार सूचना प्रवाह
वैश्विक बाजार तक पहुँच
ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था
डिजिटल व्यापार का प्रसार
🔵 प्रश्न 28. वैश्वीकरण के समर्थक और विरोधी विचारधाराओं की तुलना कीजिए।
🟢 उत्तर:
✅ समर्थक: आर्थिक विकास, अवसर, सहयोग।
❌ विरोधी: असमानता, सांस्कृतिक प्रभुत्व, पर्यावरणीय हानि।
🔵 प्रश्न 29. वैश्वीकरण से उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याओं का वर्णन करें।
🟢 उत्तर:
औद्योगिक प्रदूषण
संसाधनों का अति दोहन
जलवायु परिवर्तन
पारिस्थितिक संतुलन में असंतुलन
🔵 प्रश्न 30. आप किस सीमा तक सहमत हैं कि वैश्वीकरण विश्व को एक गाँव में बदल रहा है?
🟢 उत्तर:
संचार और परिवहन ने दूरी घटाई।
व्यापार, संस्कृति, और राजनीति में परस्पर जुड़ाव बढ़ा।
फिर भी आर्थिक असमानता बरकरार है।
✔️ निष्कर्ष: विश्व एक गाँव बना परंतु समानता अभी दूर है।
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