Class 12 : Poltical Science (Hindi) – Lesson 5.समकालीन विश्व में सुरक्षा
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔶 परिचय
समकालीन विश्व में सुरक्षा का अर्थ केवल सैन्य शक्ति तक सीमित नहीं रह गया है। आज सुरक्षा के आयाम राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और मानव सुरक्षा तक विस्तृत हो चुके हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विश्व में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
🔶 सुरक्षा की अवधारणा
🔹 सुरक्षा (Security) का अर्थ है — किसी राष्ट्र या समाज को बाहरी और भीतरी खतरों से सुरक्षित रखना।
🔹 यह केवल युद्ध या संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं बल्कि जीवन की स्थिरता, विकास और गरिमा की रक्षा से जुड़ी है।
🔶 सुरक्षा के प्रकार
🟢 1. पारंपरिक सुरक्षा (Traditional Security)
यह सुरक्षा राज्य की भौतिक अखंडता और संप्रभुता की रक्षा पर आधारित होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
सैन्य शक्ति पर निर्भरता।
बाहरी आक्रमण से रक्षा।
हथियारों का आधुनिकीकरण।
युद्ध, गठबंधन और संतुलन नीति।
💡 उदाहरण: भारत-पाक युद्ध (1965, 1971) पारंपरिक सुरक्षा चिंताओं से प्रेरित थे।
🟢 2. अपरंपरागत सुरक्षा (Non-Traditional Security)
यह सुरक्षा मानवीय और वैश्विक स्तर की चिंताओं से जुड़ी होती है।
मुख्य प्रकार:
मानव सुरक्षा – गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भूख।
पर्यावरणीय सुरक्षा – प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन।
स्वास्थ्य सुरक्षा – महामारियाँ (जैसे कोविड-19)।
आर्थिक सुरक्षा – रोजगार, संसाधनों का समान वितरण।
राजनीतिक सुरक्षा – लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा।
🔶 सुरक्षा की रणनीतियाँ
🔵 पारंपरिक रणनीतियाँ
संतुलन शक्ति – दूसरे राष्ट्र की शक्ति को संतुलित करना।
गठबंधन निर्माण – जैसे NATO, वार्सा संधि।
हथियार नियंत्रण – जैसे SALT, START समझौते।
🔵 अपरंपरागत रणनीतियाँ
विकास नीतियाँ – गरीबी, असमानता हटाना।
वैश्विक सहयोग – संयुक्त राष्ट्र, WHO, WTO।
शांति स्थापना बल – संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में हस्तक्षेप।
🔶 सुरक्षा के स्रोत
राष्ट्रीय शक्ति (National Power)
अंतर्राष्ट्रीय संगठन (UN, WTO)
क्षेत्रीय सहयोग (EU, ASEAN, SAARC)
राजनयिक नीति (Diplomacy)
लोकतांत्रिक शासन और मानवाधिकार
🔶 शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण
SALT (Strategic Arms Limitation Treaty) – 1972
START (Strategic Arms Reduction Treaty) – 1991
CTBT (Comprehensive Test Ban Treaty) – 1996
NPT (Non-Proliferation Treaty) – 1968
💡 उद्देश्य — हथियारों की दौड़ रोकना और विश्व शांति सुनिश्चित करना।
🔶 भारत की सुरक्षा नीति
असैन्य दृष्टिकोण – शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।
गुटनिरपेक्षता – किसी गुट से न जुड़ना।
क्षेत्रीय सहयोग – सार्क (SAARC) में सक्रिय भूमिका।
परमाणु नीति – केवल आत्मरक्षा हेतु।
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में अग्रणी योगदान।
🔶 मानव सुरक्षा
🔸 केंद्र में व्यक्ति और उसका कल्याण।
🔸 गरीबी, भूख, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरणीय संकट से रक्षा।
💡 संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (1994) में मानव सुरक्षा के 7 तत्व बताए गए —
आर्थिक
खाद्य
स्वास्थ्य
पर्यावरणीय
व्यक्तिगत
समुदायिक
राजनीतिक
🔶 पर्यावरणीय सुरक्षा
जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग।
जैव विविधता का ह्रास।
प्राकृतिक संसाधनों की कमी।
आपदाएँ — बाढ़, सूखा, तूफ़ान।
🌍 संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन:
स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)
रियो सम्मेलन (1992)
क्योटो प्रोटोकॉल (1997)
🔶 समकालीन चुनौतियाँ
आतंकवाद
साइबर अपराध
जैविक हथियार
शरणार्थी समस्या
आर्थिक असमानता
🔶 भारत की भूमिका
विश्व शांति अभियानों में योगदान।
पर्यावरणीय नीतियों में अग्रणी।
परमाणु नीति – “पहले उपयोग नहीं”।
दक्षिण-दक्षिण सहयोग को प्रोत्साहन।
🟩 सारांश (Summary)
🔹 समकालीन सुरक्षा का अर्थ व्यापक हो गया है।
🔹 अब सुरक्षा में व्यक्ति, समाज, पर्यावरण, और मानवता की रक्षा भी शामिल है।
🔹 पारंपरिक सुरक्षा राज्य की रक्षा करती है,
जबकि अपरंपरागत सुरक्षा मानवता की।
📝 त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Recap)
सुरक्षा = भय और असुरक्षा से मुक्ति।
पारंपरिक = सैन्य शक्ति।
अपरंपरागत = मानव व पर्यावरणीय सुरक्षा।
रणनीति = सहयोग, संतुलन, विकास।
भारत = गुटनिरपेक्ष, आत्मरक्षा, वैश्विक सहयोग।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔶 प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को उनके अर्थ से मिलाएँ –
(1) विश्वास बहाली के उपाय (CBMs)
(2) अस्त्र-नियंत्रण
(3) गठबंधन
(4) निरस्त्रीकरण
🟢 उत्तर:
(1) (ख) – देशों के बीच सुरक्षा-संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया
(2) (ग) – शस्त्र बनाने की सीमा तय करना
(3) (घ) – देशों के समूह द्वारा आपसी सहयोग
(4) (क) – हथियारों के निर्माण को रोकना
🔶 प्रश्न 2. निम्नलिखित में से किसको आप सुरक्षा का पारंपरिक सरोकार/सुरक्षा का अपरंपरागत सरोकार नहीं कहेंगे?
(क) आतंकवाद से उत्पन्न खतरा
(ख) प्राकृतिक आपदाएँ
(ग) जलवायु परिवर्तन
(घ) क्षेत्रीय विवाद
🟢 उत्तर: (ख) प्राकृतिक आपदाएँ
🔶 प्रश्न 3. पारंपरिक और अपरंपरागत सुरक्षा में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर:
पारंपरिक सुरक्षा राज्य की सैन्य शक्ति, सीमाओं की रक्षा और संप्रभुता पर केंद्रित होती है।
अपरंपरागत सुरक्षा का उद्देश्य मानव कल्याण, पर्यावरणीय स्थिरता, आर्थिक विकास, और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
🔶 प्रश्न 4. तीसरी दुनिया और विकसित देशों के सामने मौजूद खतरों में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर:
विकसित देशों के लिए — आतंकवाद, परमाणु प्रसार, साइबर अपराध।
तीसरी दुनिया के देशों के लिए — गरीबी, भूख, अशिक्षा, असमानता, पर्यावरणीय संकट।
🔶 प्रश्न 5. आतंकवाद सुरक्षा के लिए पारंपरिक खतरा है या अपरंपरागत?
🟢 उत्तर:
आतंकवाद एक अपरंपरागत खतरा है, क्योंकि यह मानव सुरक्षा को प्रभावित करता है — जान-माल की हानि, भय, सामाजिक अस्थिरता।
🔶 प्रश्न 6. सुरक्षा के पारंपरिक दृष्टिकोण के हिसाब से बताइए कि अगर किसी राष्ट्र पर खतरा मंडरा रहा हो तो उसके सामने क्या विकल्प होते हैं?
🟢 उत्तर:
सैन्य सशक्तिकरण
रक्षा गठबंधन बनाना
शस्त्र नियंत्रण समझौते
कूटनीतिक वार्ता और संतुलन नीति
🔶 प्रश्न 7. ‘शक्ति-संतुलन’ क्या है?
🟢 उत्तर:
शक्ति-संतुलन का अर्थ है — विश्व में किसी एक राष्ट्र के प्रभुत्व को रोकने के लिए अन्य राष्ट्रों की संयुक्त शक्ति का प्रयोग करना।
💡 उदाहरण: शीत युद्ध काल में अमेरिका बनाम सोवियत संघ।
🔶 प्रश्न 8. सैन्य गठबंधन क्या होते हैं?
🟢 उत्तर:
सैन्य गठबंधन वे समूह हैं जिनमें देश आपसी सुरक्षा के लिए एक साथ आते हैं।
उदाहरण:
NATO (North Atlantic Treaty Organization)
वार्सा संधि
🔶 प्रश्न 9. पर्यावरण के तेजी से हो रहे नुकसान से देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
🟢 उत्तर:
हाँ, क्योंकि जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सूखा, प्रदूषण आदि से लोगों का विस्थापन, खाद्य संकट और संसाधनों पर संघर्ष बढ़ रहा है।
🔶 प्रश्न 10. देशों के सामने निहित खतरे जो उन्हें परमाणु हथियारों का उपयोग करने पर मजबूर करते हैं, उनका विस्तार करें।
🟢 उत्तर:
राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता
शक्ति-संतुलन बनाए रखना
प्रतिरोध की नीति (Deterrence)
सैन्य प्रभुत्व की इच्छा
🔶 प्रश्न 11. भारत की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए किस सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए?
🟢 उत्तर:
भारत को अपरंपरागत सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए —
आर्थिक असमानता हटाना
पर्यावरण संरक्षण
शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव विकास
🔶 प्रश्न 12. दिए गए कथनों का संदर्भ लेकर युद्ध और आतंकवाद में अंतर बताइए।
🟢 उत्तर:
पहलू युद्ध आतंकवाद
स्वरूप राष्ट्रों के बीच संघर्ष गैर-राज्यीय संगठनों का हिंसक कृत्य
उद्देश्य राजनीतिक, क्षेत्रीय नियंत्रण भय फैलाना, अस्थिरता
वैधता अंतर्राष्ट्रीय नियमों से नियंत्रित अवैध व असंवैधानिक
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔷 खंड A (बहुविकल्पीय प्रश्न – 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1. शीत युद्ध के समय सुरक्षा की अवधारणा का मुख्य केंद्र क्या था?
🟢 ① सैन्य गठबंधन
🟡 ② आर्थिक विकास
🔴 ③ पर्यावरणीय सुरक्षा
🟣 ④ सामाजिक कल्याण
✔️ उत्तर : ① सैन्य गठबंधन
🔵 प्रश्न 2. ‘विश्वास बहाली के उपाय’ (CBMs) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🟢 ① युद्ध की तैयारी को मजबूत करना
🟡 ② आपसी भरोसे से संघर्ष को कम करना
🔴 ③ नए हथियार बनाना
🟣 ④ सैन्य संधियों को बढ़ाना
✔️ उत्तर : ② आपसी भरोसे से संघर्ष को कम करना
🔵 प्रश्न 3. निम्न में से कौन सा संगठन सामूहिक सुरक्षा का उदाहरण है?
🟢 ① नाटो
🟡 ② सार्क
🔴 ③ आसियान
🟣 ④ यूरोपीय संघ
✔️ उत्तर : ① नाटो
🔵 प्रश्न 4. कौन सी सुरक्षा गैर-परंपरागत (Non-traditional) मानी जाती है?
🟢 ① सैन्य शक्ति पर आधारित
🟡 ② पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और मानव सुरक्षा
🔴 ③ राजनीतिक संधियाँ
🟣 ④ हथियारों की दौड़
✔️ उत्तर : ② पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और मानव सुरक्षा
🔵 प्रश्न 5. ‘शक्ति संतुलन’ का मतलब क्या है?
🟢 ① सभी देशों की समान शक्ति
🟡 ② किसी एक देश का प्रभुत्व
🔴 ③ देशों के बीच शक्ति का संतुलन
🟣 ④ सैन्य गठबंधन का निर्माण
✔️ उत्तर : ③ देशों के बीच शक्ति का संतुलन
🔵 प्रश्न 6. कौन सा खतरा गैर-सैन्य सुरक्षा के अंतर्गत आता है?
🟢 ① आतंकवाद
🟡 ② परमाणु युद्ध
🔴 ③ पर्यावरणीय संकट
🟣 ④ सीमा संघर्ष
✔️ उत्तर : ③ पर्यावरणीय संकट
🔷 खंड B (संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न – 2 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 7. पारंपरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
🟢 उत्तर: पारंपरिक सुरक्षा का संबंध राज्य की भौगोलिक अखंडता और संप्रभुता की रक्षा से होता है। इसका मुख्य ध्यान सैन्य बलों, गठबंधनों और युद्ध तैयारी पर केन्द्रित रहता है।
🔵 प्रश्न 8. अपरंपरागत सुरक्षा क्या है?
🟢 उत्तर: यह सुरक्षा मानव केंद्रित दृष्टिकोण है जिसमें पर्यावरणीय, आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक संकटों से रक्षा शामिल है। इसका लक्ष्य मानव कल्याण और स्थायी विकास है।
🔵 प्रश्न 9. तीसरी दुनिया के देशों के मुख्य खतरे क्या थे?
🟢 उत्तर:
1️⃣ गरीबी, अशिक्षा और आर्थिक पिछड़ापन
2️⃣ राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य तानाशाही
3️⃣ औपनिवेशिक शासन के अवशेष और बाहरी हस्तक्षेप
🔵 प्रश्न 10. ‘विश्वास बहाली के उपाय’ (CBMs) से क्या अर्थ है?
🟢 उत्तर: ऐसे उपाय जो संघर्ष रत देशों के बीच आपसी भरोसा बढ़ाएँ और गलतफहमी कम करें, जैसे संवाद, पारदर्शिता और सूचनाओं का आदान-प्रदान।
🔵 प्रश्न 11. ‘शक्ति संतुलन’ नीति का उद्देश्य क्या है?
🟢 उत्तर: किसी एक देश के अत्यधिक प्रभुत्व को रोकना और कई देशों के बीच शक्ति का संतुलन बनाए रखना ताकि अंतरराष्ट्रीय शांति बनी रहे।
🔵 प्रश्न 12. नाटो (NATO) की स्थापना कब और क्यों की गई?
🟢 उत्तर: 1949 में शीत युद्ध के समय पश्चिमी देशों ने सोवियत संघ के खतरे से सामूहिक सुरक्षा के लिए नाटो गठित किया।
🔵 प्रश्न 13. वार्सा संधि (Warsaw Pact) का मुख्य उद्देश्य क्या था?
🟢 उत्तर: 1955 में सोवियत संघ ने पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ मिलकर नाटो के प्रतिरोध में सामूहिक सैन्य संधि बनाई।
🔵 प्रश्न 14. पर्यावरणीय सुरक्षा से क्या अर्थ है?
🟢 उत्तर: यह ऐसी सुरक्षा है जो पर्यावरणीय खतरों से देश और मानवता की रक्षा करती है, जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और वन विनाश।
🔵 प्रश्न 15. ‘शांति संरक्षण बल’ (Peacekeeping Force) का मुख्य कार्य क्या है?
🟢 उत्तर: संयुक्त राष्ट्र द्वारा भेजे गए बल जो संघर्ष ग्रस्त क्षेत्रों में युद्धविराम लागू करने और शांति बहाल करने में सहायता करते हैं।
🔵 प्रश्न 16. गैर-राज्यीय खतरों के कुछ उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर: आतंकवाद, मादक पदार्थों का व्यापार, हथियारों की तस्करी, महामारी, जलवायु परिवर्तन।
🔵 प्रश्न 17. ‘सॉफ्ट सिक्योरिटी’ का केन्द्र क्या है?
🟢 उत्तर: मानव कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और मानवाधिकारों की रक्षा।
🔵 प्रश्न 18. शीत युद्ध के दौरान भारत ने सुरक्षा की कौन-सी नीति अपनाई?
🟢 उत्तर: अपरिग्रह और गुटनिरपेक्ष नीति — किसी गुट में शामिल न हो कर शांति एवं विकास का समर्थन।
🔶 खंड C – लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 19. पारंपरिक एवं अपरंपरागत सुरक्षा में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ पारंपरिक सुरक्षा का केन्द्र राष्ट्र की सीमाओं, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा पर होता है। इसका मुख्य साधन सेना, सैन्य गठबंधन और युद्ध की तैयारी है।
2️⃣ अपरंपरागत सुरक्षा का सम्बन्ध मानव कल्याण से है। इसमें पर्यावरणीय संकट, स्वास्थ्य, गरीबी, मानवाधिकार, शिक्षा और विकास प्रमुख विषय होते हैं।
3️⃣ पारंपरिक सुरक्षा राज्य-केंद्रित है जबकि अपरंपरागत सुरक्षा मानव-केंद्रित है।
🔵 प्रश्न 20. गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सुरक्षा नीति की विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ किसी भी सैन्य गुट में शामिल न होना।
2️⃣ सभी राष्ट्रों के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखना।
3️⃣ उपनिवेशवाद, नस्लवाद और साम्राज्यवाद का विरोध।
4️⃣ वैश्विक शांति और सहयोग का समर्थन।
🔵 प्रश्न 21. पर्यावरणीय सुरक्षा क्यों आवश्यक है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, प्रदूषण और संसाधनों की कमी से मानव जीवन पर खतरा बढ़ा है।
2️⃣ प्राकृतिक आपदाएँ और वैश्विक तापमान वृद्धि जीवन, अर्थव्यवस्था और स्थिरता को प्रभावित करती हैं।
3️⃣ स्थायी विकास और मानव कल्याण के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा जरूरी है।
🔵 प्रश्न 22. भारत की सुरक्षा नीति की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ रक्षात्मक नीति – किसी देश पर आक्रमण न करना, परन्तु आत्मरक्षा के लिए सक्षम रहना।
2️⃣ गुटनिरपेक्षता – किसी सैन्य गुट में शामिल न होना।
3️⃣ परमाणु नीति – ‘पहले प्रयोग नहीं’ (No First Use) की नीति।
4️⃣ पड़ोसी सहयोग – क्षेत्रीय शांति और विकास को बढ़ावा देना।
🔵 प्रश्न 23. तीसरी दुनिया के देशों के लिए अपरंपरागत सुरक्षा की महत्ता स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ इन देशों के सामने गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य संकट और राजनीतिक अस्थिरता प्रमुख खतरे हैं।
2️⃣ पर्यावरणीय संकट और संसाधनों की कमी से मानव सुरक्षा प्रभावित होती है।
3️⃣ अतः इन देशों के लिए मानव-केंद्रित विकास ही वास्तविक सुरक्षा है।
🔵 प्रश्न 24. ‘शक्ति संतुलन’ और ‘सामूहिक सुरक्षा’ में अंतर स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
बिंदु शक्ति संतुलन सामूहिक सुरक्षा
1️⃣ देशों के बीच शक्ति का संतुलन बनाए रखना सभी देश मिलकर आक्रमणकारी के विरुद्ध कार्य करते हैं
2️⃣ प्रतिस्पर्धा और संदेह पर आधारित सहयोग और विश्वास पर आधारित
3️⃣ शीत युद्ध की नीति संयुक्त राष्ट्र की नीति
🔵 प्रश्न 25. शांति स्थापना बल (Peacekeeping Force) की भूमिका बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ युद्धविराम लागू करना और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करना।
2️⃣ नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता प्रदान करना।
3️⃣ लोकतांत्रिक प्रक्रिया और पुनर्निर्माण में सहायता देना।
🔵 प्रश्न 26. आतंकवाद को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा क्यों माना जाता है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह हिंसा और भय के माध्यम से अस्थिरता पैदा करता है।
2️⃣ सीमाओं के पार अपराध, हथियार तस्करी और विस्फोटक फैलाता है।
3️⃣ आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था को कमजोर करता है।
🔶 खंड D – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (4 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 27. पारंपरिक सुरक्षा की अवधारणा की सीमाएँ स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह केवल राज्य की रक्षा तक सीमित है, नागरिकों के कल्याण को शामिल नहीं करती।
2️⃣ युद्ध और सैन्य तैयारी पर अत्यधिक निर्भरता आर्थिक विकास को बाधित करती है।
3️⃣ गैर-सैन्य खतरे जैसे पर्यावरणीय संकट, गरीबी, महामारी की अनदेखी करती है।
4️⃣ अतः आधुनिक युग में यह अधूरी मानी जाती है।
🔵 प्रश्न 28. अपरंपरागत सुरक्षा के मुख्य आयामों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ पर्यावरणीय सुरक्षा – जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, संसाधन संकट।
2️⃣ आर्थिक सुरक्षा – गरीबी, बेरोजगारी, असमानता।
3️⃣ स्वास्थ्य सुरक्षा – महामारी, कुपोषण।
4️⃣ मानवाधिकार सुरक्षा – भेदभाव, हिंसा, विस्थापन।
🔵 प्रश्न 29. शीत युद्ध के दौरान गठबंधनों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ अमेरिका ने नाटो, सोवियत संघ ने वार्सा संधि बनाकर शक्ति संतुलन कायम रखा।
2️⃣ विश्व दो ध्रुवों में बँट गया।
3️⃣ कई क्षेत्रीय युद्धों और हथियारों की दौड़ को बढ़ावा मिला।
4️⃣ परंतु इससे प्रत्यक्ष युद्ध नहीं हुआ, इसलिए स्थिरता भी बनी रही।
🔵 प्रश्न 30. आधुनिक युग में सुरक्षा की अवधारणा में आए परिवर्तन का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ शीत युद्ध के बाद सैन्य सुरक्षा से मानव सुरक्षा की ओर बदलाव हुआ।
2️⃣ सुरक्षा अब आर्थिक, पर्यावरणीय, सामाजिक, स्वास्थ्य और राजनीतिक सभी आयामों को शामिल करती है।
3️⃣ राज्य-केंद्रित सुरक्षा से मानव-केंद्रित सुरक्षा की ओर झुकाव।
4️⃣ वैश्वीकरण ने सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय और सहयोगात्मक बना दिया है।
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प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न
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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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