Class 12 : Poltical Science (Hindi) – Lesson 12.कांग्रेस प्रणाली: चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🧭 व्याख्या
🔹 परिचय
स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस का प्रभाव अत्यंत गहरा था। जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देश की राजनीतिक व्यवस्था लोकतांत्रिक संस्थाओं, योजनाबद्ध विकास और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित रही। परन्तु 1960 के दशक के मध्य में परिस्थितियाँ बदलने लगीं। 1967 के आम चुनावों में कांग्रेस को पहली बार गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यह काल “कांग्रेस प्रणाली की चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना” के रूप में जाना जाता है।
🟢 1. कांग्रेस प्रणाली का स्वरूप
1️⃣ कांग्रेस केवल एक राजनीतिक दल नहीं थी, बल्कि एक व्यापक आंदोलन थी जिसने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
2️⃣ स्वतंत्रता के बाद यह दल देश के लगभग सभी हिस्सों में प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरा।
3️⃣ कांग्रेस प्रणाली का अर्थ था—बहुदलीय प्रणाली में कांग्रेस की प्रधान भूमिका, जिसमें विभिन्न विचारधाराएँ और सामाजिक समूह समाहित थे।
4️⃣ 1952 और 1957 के चुनावों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला और विपक्ष बिखरा रहा।
5️⃣ इस प्रणाली की विशेषता थी “सहमति की राजनीति”—जहाँ विरोध भी कांग्रेस के भीतर से उभरता था।
🟡 2. कांग्रेस प्रणाली की चुनौतियाँ (1967)
1967 के आम चुनाव भारतीय राजनीति के इतिहास में एक मोड़ थे।
1️⃣ आर्थिक संकट—1965-67 के अकाल, मूल्यवृद्धि, बेरोजगारी ने जनता में असंतोष बढ़ाया।
2️⃣ नेतृत्व परिवर्तन—नेहरू की मृत्यु (1964) के बाद नेतृत्व शून्यता, लाल बहादुर शास्त्री का असमय निधन।
3️⃣ संगठनात्मक ढीलापन—राज्यों में गुटबाज़ी, नेतृत्व संघर्ष।
4️⃣ विपक्ष का सशक्तीकरण—जनसंघ, सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट और प्रांतीय दलों का गठबंधन।
5️⃣ परिणाम—कांग्रेस कई राज्यों में पराजित, आठ राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकारें बनीं।
🔴 3. 1969 की कांग्रेस विभाजन
1️⃣ इंदिरा गाँधी और संगठन नेतृत्व के बीच टकराव—राष्ट्रपति चुनाव (1969) में निलम संजीव रेड्डी बनाम वी.वी. गिरी।
2️⃣ इंदिरा गाँधी ने स्वतंत्र नीति अपनाई, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस (O) और कांग्रेस (R) में विभाजन हुआ।
3️⃣ इंदिरा गाँधी ने लोकलुभावन नीतियों (बैंकों का राष्ट्रीयकरण, रियासतों की प्रिवी पर्स समाप्ति) से जनसमर्थन बढ़ाया।
4️⃣ संगठन कमजोर लेकिन जनाधार मजबूत हुआ—“संगठन पर सरकार की प्रधानता” का युग शुरू।
🟣 4. कांग्रेस प्रणाली की पुनर्स्थापना (1971)
1️⃣ 1971 में इंदिरा गाँधी का नारा—“गरीबी हटाओ”; लोकहित की योजनाएँ, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता।
2️⃣ विपक्षी दल एकजुट होकर “ग्रैंड अलायंस” बनाए, पर जनसमर्थन कांग्रेस (R) के साथ गया।
3️⃣ इंदिरा गाँधी को भारी बहुमत, 352 सीटें; विपक्ष पराजित।
4️⃣ इसी काल में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की निर्णायक भूमिका—इंदिरा की लोकप्रियता चरम पर पहुँची।
5️⃣ कांग्रेस प्रणाली की नई व्याख्या—“करिश्माई नेतृत्व और लोकलुभावन नीतियों पर आधारित प्रभुत्व”।
🟢 5. विपक्ष की स्थिति और नई राजनीतिक प्रवृत्तियाँ
1️⃣ क्षेत्रीय दलों का उदय—द्रविड़ पार्टियाँ (तमिलनाडु), अकाली दल (पंजाब)।
2️⃣ विचारधारात्मक विभाजन—वामपंथ, दक्षिणपंथ, समाजवादी गुट।
3️⃣ विपक्ष का मुख्य आधार—कांग्रेस विरोध, परन्तु वैकल्पिक नीति का अभाव।
4️⃣ 1971 के बाद विपक्ष विभाजित और कमजोर।
🟡 6. कांग्रेस की नीतियाँ और जनसंपर्क
1️⃣ समाजवादी झुकाव—बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969), उद्योगों पर नियंत्रण, गरीबी उन्मूलन योजनाएँ।
2️⃣ विदेश नीति—गुटनिरपेक्षता, परंतु सोवियत संघ से घनिष्ठ संबंध।
3️⃣ जनसमर्थन हेतु करिश्माई नेतृत्व और नारे (“गरीबी हटाओ”)।
4️⃣ संगठन से अधिक महत्व व्यक्तिगत नेतृत्व को।
🔴 7. संकट की ओर (1973–75)
1️⃣ आर्थिक संकट—तेल मूल्य वृद्धि, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी।
2️⃣ विपक्षी आंदोलन—जेपी आंदोलन, छात्र विरोध।
3️⃣ न्यायपालिका का हस्तक्षेप—इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय (1975)।
4️⃣ इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल (1975–77) लागू—लोकतंत्र पर संकट, नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश।
🟣 8. 1977 के चुनाव और कांग्रेस की हार
1️⃣ जनता पार्टी का गठन—जनसंघ, सोशलिस्ट, कांग्रेस (O), लोकदल का गठबंधन।
2️⃣ लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का मुद्दा—“लोकतंत्र बनाम अधिनायकवाद”।
3️⃣ कांग्रेस पराजित, पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार।
4️⃣ यह घटना कांग्रेस प्रणाली के पतन का संकेत थी।
🟢 9. 1980 में पुनः वापसी (पुनर्स्थापना)
1️⃣ जनता सरकार में अंतर्विरोध, अस्थिरता, विभाजन।
2️⃣ इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता पुनः बढ़ी।
3️⃣ 1980 के चुनावों में कांग्रेस की पुनः जीत—कांग्रेस प्रणाली का आंशिक पुनरागमन।
4️⃣ परन्तु अब राजनीति बहुदलीय, प्रतिस्पर्धी और गठबंधन युग में प्रवेश कर चुकी थी।
🟡 10. कांग्रेस प्रणाली की विशेषताएँ और परिवर्तन
(क) प्रारंभिक युग (1950–67):
सहमति की राजनीति
संगठन प्रधान
विविध सामाजिक समूहों का समावेश
(ख) पुनर्स्थापना काल (1969–77):
नेतृत्व प्रधानता
लोकलुभावन नीतियाँ
विपक्ष की कमजोरी
(ग) बाद का काल (1980 के बाद):
क्षेत्रीय दलों का उभार
गठबंधन राजनीति की शुरुआत
🔴 11. निष्कर्ष
कांग्रेस प्रणाली भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अध्याय है। 1967 में इसे चुनौती मिली, 1971 में पुनर्स्थापना हुई, पर 1977 में फिर पराजय। यह युग दिखाता है कि लोकतंत्र में कोई दल स्थायी नहीं, बल्कि नीतियाँ, नेतृत्व और जनविश्वास ही उसकी शक्ति हैं। कांग्रेस प्रणाली का अध्ययन लोकतंत्र की गतिशीलता का प्रमाण है।
📘 सारांश (200 शब्द)
कांग्रेस प्रणाली का अर्थ है—ऐसी राजनीतिक व्यवस्था जिसमें कांग्रेस दल प्रभुत्व रखता है परंतु लोकतंत्र के ढाँचे में अन्य दल भी मौजूद हैं। 1952 से 1967 तक कांग्रेस की सर्वत्र विजय रही। परंतु 1967 में आर्थिक संकट, संगठनात्मक ढीलापन और विपक्ष की एकता ने इसे चुनौती दी। 1969 में इंदिरा गाँधी और संगठन में विभाजन हुआ, पर इंदिरा की लोकलुभावन नीतियों से जनसमर्थन मिला। 1971 में “गरीबी हटाओ” नारे और करिश्माई नेतृत्व से कांग्रेस की पुनर्स्थापना हुई। बांग्लादेश युद्ध ने लोकप्रियता बढ़ाई। पर 1975 में आपातकाल से लोकतंत्र पर प्रश्नचिन्ह लगे और 1977 में पराजय हुई। 1980 में अस्थिर विपक्ष के कारण पुनः सत्ता में वापसी हुई। इस प्रकार कांग्रेस प्रणाली का चरित्र समय के साथ बदला—प्रारंभ में संगठन आधारित, बाद में नेतृत्व आधारित और अंततः प्रतिस्पर्धी बहुदलीय व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हुआ।
📝 त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Recap — 100 शब्द)
🔹 1952–67: कांग्रेस का प्रभुत्व, सहमति की राजनीति।
🔹 1967: पहली बड़ी चुनौती, कई राज्यों में हार।
🔹 1969: विभाजन—कांग्रेस (R) बनाम कांग्रेस (O)।
🔹 1971: इंदिरा की पुनर्स्थापना, “गरीबी हटाओ” नारा।
🔹 1975: आपातकाल, लोकतंत्र संकटग्रस्त।
🔹 1977: कांग्रेस की पराजय।
🔹 1980: कांग्रेस की वापसी।
🔹 परिणाम: राजनीति में बहुदलीयता और गठबंधन युग की शुरुआत।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1. 1967 के चुनावों के बारे में कौन-से कथन सही हैं?
(क) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में विजयी रही, लेकिन कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हार गई।
(ख) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में जीती और विधानसभा में हारी।
(ग) कांग्रेस को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला, लेकिन उसके सहयोगियों के समर्थन से नई ‘गठबंधन सरकार’ बनायी।
(घ) कांग्रेस केंद्र में सत्तारूढ़ रही और उसका बहुमत भी बढ़ा।
🟢 उत्तर:
✔️ सही विकल्प है — (क)
➡️ 1967 में कांग्रेस ने लोकसभा में बहुमत प्राप्त किया, परंतु कई राज्यों में वह हार गई। आठ राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकारें बनीं। यह कांग्रेस प्रणाली को पहली बड़ी चुनौती थी।
🔵 प्रश्न 2. निम्नलिखित का मेल करें :
(क) सिंडिकेट
(ख) दल-बदल
(ग) नारा
(घ) गैर-कांग्रेसीवाद
(i) कोई निर्वाचित जन-प्रतिनिधि जिस पार्टी के टिकट से जीता हो, उस पार्टी को छोड़कर अगर दूसरे दल में चला जाए।
(ii) लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाला मनोभावन सूचनात्मक वाक्य।
(iii) कांग्रेस के विरुद्ध ताकतवर और प्रभावशाली नेताओं का एक समूह।
(iv) कांग्रेस और इसकी नीतियों के खिलाफ आक्रमक-अलंकारिक विचारधारा जो विपक्षी दलों की एकजुटता का प्रतीक बना।
🟢 उत्तर:
(क) सिंडिकेट — (iii)
(ख) दल-बदल — (i)
(ग) नारा — (ii)
(घ) गैर-कांग्रेसीवाद — (iv)
🔵 प्रश्न 3. निम्नलिखित नारों से किन नेताओं का संबंध है —
(क) जय जवान, जय किसान
(ख) हरित क्रांति
(ग) गरीबी हटाओ
🟢 उत्तर:
(क) जय जवान, जय किसान — लाल बहादुर शास्त्री
(ख) हरित क्रांति — लाल बहादुर शास्त्री / इंदिरा गांधी के काल में
(ग) गरीबी हटाओ — इंदिरा गांधी
🔵 प्रश्न 4. 1971 के ‘ग्रैंड अलायंस’ के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(क) इसमें जनसंघ, स्वतंत्र और गैर-कांग्रेसी दलों का सम्मिलन था।
(ख) इनके पास स्पष्ट राजनीतिक तथा विचारधारात्मक कार्यक्रम था।
(ग) इसका मुख्य उद्देश्य गैर-कांग्रेसी दलों में लोकप्रियता बढ़ाना था।
(घ) यह कांग्रेस के विरुद्ध एक संयुक्त मोर्चा था।
🟢 उत्तर:
✔️ सही विकल्प — (क) और (घ)
➡️ 1971 में कई विपक्षी दलों ने इंदिरा गांधी की कांग्रेस (R) के विरुद्ध गठबंधन बनाया। इसका उद्देश्य कांग्रेस को हराना था, पर स्पष्ट नीति का अभाव था।
🔵 प्रश्न 5. 1967 के चुनाव में कांग्रेस की हार के कारण क्या रहे?
(क) कांग्रेस नेताओं का आपसी मतभेद
(ख) कांग्रेस पार्टी का भीतरू ढाँचा
(ग) क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक समूहों का लामबंद होना
(घ) गैर-कांग्रेसी दलों का एकजुट होना
🟢 उत्तर:
✔️ सही विकल्प — (क), (ग), (घ)
➡️ गुटबाज़ी, नेतृत्व संघर्ष, क्षेत्रीय असंतोष और विपक्ष की एकजुटता ने कांग्रेस को कई राज्यों में पराजित किया।
🔵 प्रश्न 6. 1970 के दशक में जनता सरकार किन कारणों से लोकप्रिय हुई?
🟢 उत्तर:
1️⃣ आपातकाल (1975–77) के अनुभव से जनता में असंतोष।
2️⃣ लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का वादा।
3️⃣ विपक्षी दलों का एकीकरण — जनता पार्टी का गठन।
4️⃣ कांग्रेस के अधिनायकवादी रुझानों का विरोध।
🔵 प्रश्न 7. 1969 में कांग्रेस में टूट के मुख्य कारण बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ राष्ट्रपति चुनाव पर मतभेद — इंदिरा गांधी बनाम सिंडिकेट।
2️⃣ नीतिगत असहमति — बैंक राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स का उन्मूलन।
3️⃣ संगठन में गुटबाज़ी और नेतृत्व संघर्ष।
4️⃣ परिणामतः कांग्रेस (R) और कांग्रेस (O) का विभाजन।
🔵 प्रश्न 8. उद्धरण पर आधारित प्रश्न —
“कांग्रेस ने अपने संगठन में केंद्रीयकृत और अधिनायकवादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा दिया… 1970 के दशक के अंत तक कांग्रेस का चरित्र बदल गया था…”
(क) लेखक के अनुसार नेहरू और इंदिरा गांधी की रणनीतियों में क्या अंतर था?
🟢 उत्तर:
नेहरू ने सहमति, लोकतंत्र और संस्थागत परंपराओं को महत्व दिया; इंदिरा गांधी ने करिश्माई नेतृत्व, लोकलुभावन नीतियाँ और संगठन पर नियंत्रण को प्राथमिकता दी।
(ख) कांग्रेस ने किस स्तर के नेतृत्व में कमजोरियाँ दिखाई?
🟢 उत्तर:
राज्य और स्थानीय स्तर पर संगठनात्मक ढाँचा कमजोर हुआ, गुटबाज़ी बढ़ी।
(ग) कांग्रेस पार्टी में आए बदलाव का असर दूसरी पार्टियों पर क्या पड़ा?
🟢 उत्तर:
अन्य दलों में भी करिश्माई नेतृत्व और लोकलुभावन नीतियों का चलन बढ़ा; बहुदलीय प्रतिस्पर्धा मजबूत हुई।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔶 खंड A — बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रत्येक 1 अंक)
🔵 प्रश्न 1. 1967 के चुनावों में कांग्रेस की स्थिति क्या रही?
🟢 1. कांग्रेस लोकसभा में विजयी रही लेकिन कई राज्यों में पराजित हुई।
🟡 2. कांग्रेस लोकसभा और राज्यों दोनों में विजयी रही।
🔴 3. कांग्रेस को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला।
🟣 4. कांग्रेस सभी राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही।
✅ उत्तर: 1
🔵 प्रश्न 2. ‘गैर-कांग्रेसीवाद’ का अर्थ क्या है?
🟢 1. कांग्रेस के विरुद्ध विचारधारात्मक एकता।
🟡 2. कांग्रेस का समर्थन करने वाली नीति।
🔴 3. कांग्रेस का विभाजन।
🟣 4. कांग्रेस की नीतियों का अनुसरण।
✅ उत्तर: 1
🔵 प्रश्न 3. ‘सिंडिकेट’ शब्द का प्रयोग किस सन्दर्भ में किया गया?
🟢 1. कांग्रेस के भीतर प्रभावशाली वरिष्ठ नेताओं के समूह के लिए।
🟡 2. विपक्षी गठबंधन के लिए।
🔴 3. मीडिया संगठन के लिए।
🟣 4. उद्योगपतियों के समूह के लिए।
✅ उत्तर: 1
🔵 प्रश्न 4. इंदिरा गांधी का लोकप्रिय नारा था —
🟢 1. गरीबी हटाओ
🟡 2. जय जवान जय किसान
🔴 3. आत्मनिर्भर भारत
🟣 4. समानता लाओ
✅ उत्तर: 1
🔵 प्रश्न 5. कांग्रेस में 1969 का विभाजन किन कारणों से हुआ?
🟢 1. राष्ट्रपति चुनाव पर मतभेद
🟡 2. नीतिगत असहमति
🔴 3. नेतृत्व संघर्ष
🟣 4. उपरोक्त सभी
✅ उत्तर: 4
🔵 प्रश्न 6. 1971 में बने ‘ग्रैंड अलायंस’ का उद्देश्य क्या था?
🟢 1. इंदिरा गांधी की कांग्रेस को हराना
🟡 2. कांग्रेस के साथ गठबंधन करना
🔴 3. समाजवादी दलों को समाप्त करना
🟣 4. आपातकाल लगाना
✅ उत्तर: 1
🔶 खंड B — संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक)
🔵 प्रश्न 7. 1967 के चुनावों में कांग्रेस की हार के प्रमुख कारण लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ गुटबाज़ी और नेतृत्व संघर्ष से संगठन कमजोर हुआ।
2️⃣ आर्थिक संकट, महँगाई और बेरोजगारी से जनता असंतुष्ट हुई।
3️⃣ विपक्षी दलों की एकजुटता ने कांग्रेस को चुनौती दी।
🔵 प्रश्न 8. ‘दल-बदल’ क्या है?
🟢 उत्तर: निर्वाचित प्रतिनिधि द्वारा अपनी मूल पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होना दल-बदल कहलाता है। 1967 के बाद कई राज्यों में सरकारें दल-बदल से गिराई और बनाई गईं।
🔵 प्रश्न 9. ‘सिंडिकेट’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया?
🟢 उत्तर: कांग्रेस के भीतर के प्रभावशाली वरिष्ठ नेताओं—कामराज, निजलिंगप्पा, मोरारजी देसाई आदि—को सामूहिक रूप से सिंडिकेट कहा गया, जिन्होंने संगठन पर नियंत्रण रखा।
🔵 प्रश्न 10. ‘गैर-कांग्रेसीवाद’ की नीति किसने दी और उसका उद्देश्य क्या था?
🟢 उत्तर: समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने यह नीति दी।
👉 उद्देश्य था: कांग्रेस के वर्चस्व को समाप्त करना और विपक्षी दलों की एकता स्थापित करना।
🔵 प्रश्न 11. 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ?
🟢 उत्तर: कांग्रेस संगठन ने निलम संजीव रेड्डी को समर्थन दिया, जबकि इंदिरा गांधी ने वी.वी. गिरी का समर्थन किया। वी.वी. गिरी की जीत से पार्टी विभाजन हुआ—कांग्रेस (O) और कांग्रेस (R)।
🔵 प्रश्न 12. 1971 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो कारण लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ इंदिरा गांधी का लोकलुभावन नारा “गरीबी हटाओ”।
2️⃣ करिश्माई नेतृत्व और गरीबों के लिए योजनाओं का वादा।
🟣 खंड C — मध्यम उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 3 अंक)
🔵 प्रश्न 13. 1967 के चुनावों का भारतीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
🟢 उत्तर:
1️⃣ 1967 के चुनावों में कांग्रेस पहली बार कई राज्यों में सत्ता से बाहर हुई।
2️⃣ इससे बहुदलीय प्रतिस्पर्धा और गठबंधन राजनीति की शुरुआत हुई।
3️⃣ गैर-कांग्रेसी दलों ने सरकारें बनाईं जिससे क्षेत्रीय दलों का प्रभाव बढ़ा और लोकतांत्रिक विविधता सशक्त हुई।
🔵 प्रश्न 14. कांग्रेस प्रणाली को किन परिस्थितियों ने चुनौती दी?
🟢 उत्तर:
1️⃣ आर्थिक संकट—मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और अकाल।
2️⃣ संगठन में गुटबाज़ी और कमजोर नेतृत्व।
3️⃣ विपक्ष का एकजुट होना और ‘गैर-कांग्रेसीवाद’ की नीति।
🔵 प्रश्न 15. ‘गैर-कांग्रेसीवाद’ की नीति का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया द्वारा प्रस्तुत विचार।
2️⃣ उद्देश्य—कांग्रेस के वर्चस्व को समाप्त करना।
3️⃣ विपक्षी दलों की एकता से लोकतंत्र में वैकल्पिक राजनीति को बल मिला।
🔵 प्रश्न 16. 1969 में कांग्रेस के विभाजन के मुख्य कारण बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ राष्ट्रपति चुनाव में मतभेद (निलम संजीव रेड्डी बनाम वी.वी. गिरी)।
2️⃣ लोकलुभावन नीतियों पर असहमति—बैंक राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स समाप्ति।
3️⃣ नेतृत्व संघर्ष—इंदिरा गांधी बनाम सिंडिकेट।
🔵 प्रश्न 17. 1971 के आम चुनावों में कांग्रेस की पुनर्स्थापना के कारण बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ इंदिरा गांधी का नारा “गरीबी हटाओ”।
2️⃣ लोकलुभावन नीतियाँ और करिश्माई नेतृत्व।
3️⃣ विपक्षी दलों का असंगठित और नकारात्मक गठबंधन।
🔵 प्रश्न 18. इंदिरा गांधी की नीतियों से कांग्रेस के स्वरूप में क्या परिवर्तन आया?
🟢 उत्तर:
1️⃣ संगठन पर नेतृत्व का नियंत्रण बढ़ा।
2️⃣ लोकलुभावन नीतियाँ—गरीबों के लिए योजनाएँ।
3️⃣ कांग्रेस संगठन-प्रधान से नेतृत्व-प्रधान दल बन गई।
🔵 खंड D — दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4 अंक)
🔵 प्रश्न 19. कांग्रेस प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ कांग्रेस का प्रभुत्व—राष्ट्रीय स्तर पर बहुमत और राज्यों में मजबूत स्थिति।
2️⃣ सहमति की राजनीति—विभिन्न विचारधाराओं का समावेश।
3️⃣ विपक्ष की कमजोर स्थिति और लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा का सीमित रूप।
4️⃣ 1967 तक कांग्रेस के भीतर ही विरोध और विकल्प मौजूद थे।
🔵 प्रश्न 20. 1967 के बाद भारतीय राजनीति में हुए मुख्य परिवर्तन बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ बहुदलीय प्रणाली और गठबंधन राजनीति की शुरुआत।
2️⃣ क्षेत्रीय दलों का उभार—द्रविड़, अकाली, समाजवादी दल।
3️⃣ वैकल्पिक सरकारों का निर्माण—राज्यों में गैर-कांग्रेसी शासन।
4️⃣ कांग्रेस का वर्चस्व घटा, लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा बढ़ी।
🔵 प्रश्न 21. कांग्रेस प्रणाली की पुनर्स्थापना का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ 1971 में कांग्रेस (R) की भारी जीत—इंदिरा का करिश्माई नेतृत्व।
2️⃣ गरीबी हटाओ नारा और जनहित योजनाएँ।
3️⃣ बांग्लादेश युद्ध से लोकप्रियता में वृद्धि।
4️⃣ संगठन की जगह नेतृत्व-प्रधान व्यवस्था स्थापित हुई।
🔵 प्रश्न 22. ‘सिंडिकेट’ और इंदिरा गांधी के संघर्ष का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सिंडिकेट—कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का समूह।
2️⃣ इंदिरा गांधी का स्वतंत्र नीति निर्माण—बैंक राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स समाप्ति।
3️⃣ राष्ट्रपति चुनाव में मतभेद, वी.वी. गिरी की जीत से विभाजन।
4️⃣ परिणाम—कांग्रेस (R) और कांग्रेस (O)।
🔵 प्रश्न 23. आपातकाल (1975) की पृष्ठभूमि और परिणाम स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ आर्थिक संकट और जे.पी. आंदोलन से राजनीतिक अस्थिरता।
2️⃣ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय, इंदिरा गांधी की अयोग्यता।
3️⃣ आपातकाल की घोषणा—नागरिक स्वतंत्रताओं पर अंकुश।
4️⃣ परिणाम—लोकतांत्रिक मूल्यों को क्षति, 1977 में पराजय।
🔵 प्रश्न 24. 1977 के चुनावों का भारतीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
🟢 उत्तर:
1️⃣ कांग्रेस की पहली पराजय, जनता पार्टी की जीत।
2️⃣ लोकतंत्र की पुनर्स्थापना, नागरिक अधिकारों की बहाली।
3️⃣ गठबंधन राजनीति को बल मिला।
4️⃣ जनता ने अधिनायकवादी शासन को अस्वीकार किया।
🔵 प्रश्न 25. 1980 में कांग्रेस की पुनः वापसी के कारण लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ जनता पार्टी सरकार की अस्थिरता और अंतर्विरोध।
2️⃣ इंदिरा गांधी की लोकप्रियता और नेतृत्व कौशल।
3️⃣ विपक्ष का विभाजन।
4️⃣ जनसमर्थन में पुनः वृद्धि, कांग्रेस की सत्ता वापसी।
🔵 प्रश्न 26. कांग्रेस प्रणाली के पतन के क्या संकेत हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ 1977 में कांग्रेस की पराजय।
2️⃣ क्षेत्रीय दलों का उभार और गठबंधन युग।
3️⃣ संगठन की कमजोरी, व्यक्तिगत नेतृत्व पर निर्भरता।
4️⃣ लोकतंत्र में बहुदलीय प्रतिस्पर्धा का स्थायी रूप।
🔵 प्रश्न 27. 1967 से 1980 तक कांग्रेस प्रणाली के विकास का मूल्यांकन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ 1967—पहली चुनौती, राज्यों में हार।
2️⃣ 1969—विभाजन, संगठन कमजोर पर नेतृत्व मजबूत।
3️⃣ 1971—गरीबी हटाओ से पुनर्स्थापना।
4️⃣ 1975—आपातकाल से गिरावट, 1977 में पराजय।
5️⃣ 1980—फिर से सत्ता वापसी।
➡️ निष्कर्ष: कांग्रेस प्रणाली का स्वरूप बदला—सहमति आधारित से नेतृत्व आधारित तक।
🔵 प्रश्न 28. इंदिरा गांधी की नीतियों से भारतीय राजनीति में आए परिवर्तन बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ नेतृत्व केंद्रित राजनीति की स्थापना।
2️⃣ लोकलुभावन नीतियाँ और जनसंपर्क।
3️⃣ संगठन की भूमिका कमजोर, व्यक्तित्व पर निर्भरता।
4️⃣ आपातकाल जैसे निर्णयों से लोकतंत्र की सीमाएँ परखी गईं।
🔵 प्रश्न 29. कांग्रेस प्रणाली की प्रमुख उपलब्धियाँ और सीमाएँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
उपलब्धियाँ:
1️⃣ लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना।
2️⃣ राष्ट्रीय एकता और विकास योजनाएँ।
सीमाएँ:
1️⃣ संगठन में गुटबाज़ी।
2️⃣ नेतृत्व पर निर्भरता।
3️⃣ लोकलुभावनता और अधिनायकवाद का आरोप।
🔵 प्रश्न 30. कांग्रेस प्रणाली के अध्ययन से भारतीय लोकतंत्र के कौन से पहलू स्पष्ट होते हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ लोकतंत्र में जनता का निर्णायक अधिकार—1977 की पराजय इसका उदाहरण।
2️⃣ सत्ता परिवर्तन संभव—कांग्रेस की पराजय और पुनः वापसी।
3️⃣ दलगत प्रतिस्पर्धा, क्षेत्रीय दलों की भूमिका, और गठबंधन युग की शुरुआत।
➡️ निष्कर्ष: लोकतंत्र गतिशील है; कोई दल स्थायी नहीं, जनविश्वास ही सर्वोच्च है।
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