Class 12 : History (Hindi) – Lesson 11. महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🌟 परिचय
🔷 महात्मा गांधी का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में प्रवेश 1915 से एक नये युग की शुरुआत थी।
🔶 उन्होंने सत्याग्रह, अहिंसा, स्वदेशी, असहयोग और जन–संगठन को स्वतंत्रता संघर्ष का आधार बनाया।
🔷 यह अध्याय गांधीजी की विचारधारा, प्रमुख आंदोलनों, रणनीतियों, सहयोगियों, आलोचनाओं और स्वतंत्रता संग्राम पर उनके प्रभाव का अध्ययन कराता है।
🕊 1. गांधीजी का आगमन और प्रारम्भिक प्रयोग
⭐ • दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष से गांधीजी ने सत्याग्रह की रणनीति विकसित की।
🍀 • 1915 में भारत लौटकर कोकिला बेन और गोपालकृष्ण गोखले जैसे नेताओं से मार्गदर्शन लिया।
💎 • चम्पारण (1917), खेड़ा (1918) और अहमदाबाद मिल–हड़ताल (1918) ने उनके नेतृत्व को स्थापित किया।
🌸 • उन्होंने किसानों, मजदूरों और व्यापारियों को एकजुट किया।
⚔ 2. असहयोग आंदोलन (1920–22)
⭐ • पृष्ठभूमि: जलियांवाला बाग हत्याकांड और खिलाफत मुद्दा।
🍀 • तरीक़े: सरकारी पद, अदालत, स्कूल–कॉलेज का बहिष्कार; विदेशी वस्त्र बहिष्कार; खादी–प्रचार।
💎 • व्यापक जन–सहभागिता से यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर फैला।
🌸 • चौरी–चौरा हिंसा (1922) के बाद गांधीजी ने इसे वापस ले लिया।
🌾 3. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930–34)
⭐ • पृष्ठभूमि: नमक कर के विरोध में गांधीजी का दांडी मार्च (1930)।
🍀 • जन–सहभागिता: नमक सत्याग्रह, विदेशी वस्त्र बहिष्कार, कर न देना।
💎 • ब्रिटिश दमन और गिरफ्तारियों के बावजूद आंदोलन ने विश्व का ध्यान खींचा।
🌸 • गांधी–इरविन समझौता (1931) से गोलमेज सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ।
🧭 4. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
⭐ • पृष्ठभूमि: द्वितीय विश्वयुद्ध और क्रिप्स मिशन की विफलता।
🍀 • गांधीजी का नारा: “अंग्रेज़ों भारत छोड़ो”।
💎 • व्यापक जन–उठाव, रेल–संचार बाधित, समानांतर सरकारें बनीं।
🌟 • ब्रिटिश शासन ने अभूतपूर्व दमन किया, पर स्वतंत्रता की मांग अटल रही।
🌸 5. गांधीजी की विचारधारा और रणनीति
⭐ • सत्याग्रह और अहिंसा – अन्याय का नैतिक प्रतिरोध।
🍀 • ट्रस्टीशिप सिद्धांत – पूँजीपतियों को जनता का न्यासी मानना।
💎 • ग्राम–स्वराज – गाँवों की आत्मनिर्भरता।
🌟 • हिन्दू–मुस्लिम एकता, अस्पृश्यता–निवारण, महिला भागीदारी पर बल।
🏛 6. अन्य नेता और समूहों से सम्बन्ध
⭐ • नेहरू, पटेल, राजाजी, मौलाना आज़ाद जैसे कांग्रेस नेताओं से सहयोग।
🍀 • क्रांतिकारी और समाजवादी समूहों से मतभेद—वे अहिंसा के बजाय हिंसात्मक तरीक़ों के पक्षधर थे।
💎 • सुभाषचन्द्र बोस के साथ रणनीतिक असहमति—परन्तु उद्देश्य समान: स्वतंत्रता।
🌸 • अंबेडकर के साथ पूना समझौता (1932) ने दलित प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त किया।
🌾 7. जन–संगठन और सामाजिक सुधार
⭐ • खादी और चरखा – आत्मनिर्भरता का प्रतीक।
🍀 • हरिजन सेवा – अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए यात्राएँ व अभियान।
💎 • ग्रामोद्योग – ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास।
🌸 • महिला भागीदारी को प्रोत्साहित किया, जैसे सरोजिनी नायडू का नेतृत्व।
🕊 8. द्वितीय विश्वयुद्ध और स्वतंत्रता की दिशा
⭐ • ब्रिटिश ने बिना भारतीय सहमति के भारत को युद्ध में झोंका।
🍀 • क्रिप्स मिशन (1942) की विफलता से मोहभंग।
💎 • भारत छोड़ो आंदोलन के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ा।
🌸 • युद्ध के बाद ब्रिटेन की आर्थिक–राजनीतिक स्थिति ने स्वतंत्रता को अनिवार्य बनाया।
📚 9. गांधीजी का योगदान और विरासत
⭐ • भारतीय राजनीति को नैतिकता व जन–शक्ति से जोड़ना।
🍀 • स्वतंत्रता आंदोलन को जन–आधार और अहिंसात्मक चरित्र प्रदान करना।
💎 • सामाजिक सुधार, अस्पृश्यता–निवारण और साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रति समर्पण।
🌟 • विश्व स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलनों को प्रेरणा—मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला आदि पर प्रभाव।
✨ 300 शब्द का सारांश
🔷 महात्मा गांधी के नेतृत्व ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को जन–आंदोलन में बदल दिया।
🔶 दक्षिण अफ़्रीका के अनुभवों से लौटकर उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा को हथियार बनाया।
🔷 चम्पारण, खेड़ा और अहमदाबाद के प्रयोगों से उनकी विश्वसनीयता बढ़ी।
🔶 असहयोग आंदोलन (1920–22) ने राष्ट्रीय चेतना जगाई, पर हिंसा के कारण गांधीजी ने इसे रोक दिया।
🔷 सविनय अवज्ञा (1930–34) के दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह ने अंतर्राष्ट्रीय समर्थन पाया।
🔶 भारत छोड़ो आंदोलन (1942) ने ब्रिटिश शासन को झकझोरा और स्वतंत्रता को निकट लाया।
🔷 गांधीजी ने हिन्दू–मुस्लिम एकता, अस्पृश्यता–निवारण, खादी, ग्राम–स्वराज जैसे मुद्दों पर ज़ोर दिया।
🔶 अन्य नेताओं और विचारधाराओं से मतभेद के बावजूद उनका उद्देश्य स्वतंत्रता ही रहा।
🔷 उनकी विरासत ने न केवल भारत बल्कि विश्व को अहिंसा व नैतिक राजनीति का मार्ग दिखाया।
🌟 गांधीजी का योगदान स्वतंत्र भारत की आत्मा में आज भी जीवित है।
📝 Quick Recap
✔️ गांधीजी का आगमन 1915, सत्याग्रह–अहिंसा की रणनीति।
✔️ चम्पारण, खेड़ा, अहमदाबाद प्रयोग।
✔️ असहयोग (1920–22), सविनय अवज्ञा (1930–34), भारत छोड़ो (1942)।
✔️ हिन्दू–मुस्लिम एकता, अस्पृश्यता–निवारण, खादी–ग्रामोद्योग।
✔️ पूना समझौता (1932), गांधी–इरविन समझौता (1931)।
✔️ स्वतंत्रता संग्राम को नैतिक व जन–आधारित स्वरूप दिया।
✔️ विश्व–स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलनों की प्रेरणा।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
📚 उत्तर दीजिए (लगभग 100–150 शब्द)
🔷 प्रश्न 1
महात्मा गांधी ने खुद को आम लोगों जैसा दिखाने के लिए क्या किया?
🧭 उत्तर
⭐ • उन्होंने खादी का साधारण धोती–कुर्ता और शॉल धारण किया।
🍀 • विलासिता और पाश्चात्य पहनावा छोड़कर सादगी अपनाई।
💎 • वे रेल के तीसरे दर्ज़े में सफ़र करते और सामान्य लोगों के बीच रहते।
🌸 • इस सादगी ने उन्हें ग्रामीण जनता के निकट ला दिया और विश्वास जगाया।
🔷 प्रश्न 2
किसान महात्मा गांधी को किस तरह देखते थे?
🧭 उत्तर
⭐ • वे उन्हें अपने दुःख–दर्द समझने वाले नेता के रूप में देखते थे।
🍀 • गांधीजी ने चम्पारण, खेड़ा और अहमदाबाद में किसानों की समस्याओं के लिए संघर्ष किया।
💎 • उनका अहिंसक सत्याग्रह किसानों के लिए न्याय का प्रतीक बना।
🌸 • किसानों ने उन्हें “महात्मा” कहकर सम्मानित किया।
🔷 प्रश्न 3
नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का महत्वपूर्ण मुद्दा क्यों बन गया था?
🧭 उत्तर
⭐ • नमक हर व्यक्ति की आवश्यकता थी, उस पर कर लगाना अन्यायपूर्ण लगा।
🍀 • नमक सत्याग्रह सरल और सर्वसुलभ प्रतीक था, जिसने सभी वर्गों को जोड़ा।
💎 • दांडी मार्च (1930) ने ब्रिटिश सत्ता की अन्यायपूर्ण कर–नीति को उजागर किया।
🌸 • इससे सविनय अवज्ञा आंदोलन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ध्यान मिला।
🔷 प्रश्न 4
राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन के लिए अख़बार महत्वपूर्ण स्रोत क्यों हैं?
🧭 उत्तर
⭐ • अख़बारों में आंदोलनों की तात्कालिक घटनाएँ, विचार और प्रतिक्रियाएँ मिलती हैं।
🍀 • ये जनता की राय और नेताओं की रणनीतियाँ दिखाते हैं।
💎 • ब्रिटिश दमन और राष्ट्रीय भावनाओं दोनों का चित्र प्रस्तुत करते हैं।
🌸 • इतिहासकारों को उस समय के समाज–राजनीति को समझने में मदद मिलती है।
🔷 प्रश्न 5
चरखे को राष्ट्रीयता का प्रतीक क्यों चुना गया?
🧭 उत्तर
⭐ • चरखा स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।
🍀 • विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार और खादी–प्रचार का मुख्य चिन्ह बना।
💎 • इससे ग्रामीण उद्योग और स्वावलंबन को बढ़ावा मिला।
🌸 • चरखा स्वतंत्रता संघर्ष के लिए एक सशक्त सांस्कृतिक प्रतीक बना।
✍️ निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250–300 शब्द)
🔶 प्रश्न 6
असहयोग आंदोलन एक प्रकार का प्रतिरोध कैसे था?
🧭 उत्तर
⭐ • असहयोग आंदोलन (1920–22) ब्रिटिश शासन के प्रति अहिंसक प्रतिरोध का रूप था।
🍀 • इसमें सरकारी स्कूल–कॉलेज, अदालत, विधायी निकाय, विदेशी वस्त्र व सरकारी उपाधियों का बहिष्कार किया गया।
💎 • आंदोलन ने जनता को शासन से असहयोग करने के लिए प्रेरित किया, ताकि ब्रिटिश प्रशासन का संचालन कठिन हो।
🌸 • खिलाफ़त मुद्दे और जलियांवाला बाग हत्याकांड ने इसकी पृष्ठभूमि बनाई।
🕊 • चौरी–चौरा हिंसा के बाद गांधीजी ने इसे रोक दिया, जिससे उनकी अहिंसक नीति की प्रतिबद्धता झलकी।
🌟 • यह आंदोलन भारतीयों को संगठित कर स्वराज की दिशा में बड़ा कदम साबित हुआ।
🔶 प्रश्न 7
गोलमेज सम्मेलन में हुई बातों से कोई नतीजा क्यों नहीं निकल पाया?
🧭 उत्तर
⭐ • भारतीय नेताओं और ब्रिटिश सरकार के बीच मतभेद गहरे थे।
🍀 • ब्रिटिश साम्राज्य भारतीय स्वशासन को टालना चाहता था।
💎 • हिन्दू–मुस्लिम प्रतिनिधियों, प्रिंसली स्टेट्स और अंबेडकर–गांधी जैसे नेताओं के बीच भी असहमति रही।
🌸 • गांधीजी के सविनय अवज्ञा आंदोलन को रोकने के बदले पर्याप्त रियायतें नहीं दी गईं।
🕊 • इसलिए सम्मेलन किसी ठोस समझौते पर नहीं पहुँच सका।
🔶 प्रश्न 8
महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के स्वरूप को किस तरह बदल डाला?
🧭 उत्तर
⭐ • उन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष को जन–आंदोलन का रूप दिया।
🍀 • अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांत से आंदोलन नैतिक व लोकप्रिय हुआ।
💎 • किसानों, मजदूरों, महिलाओं, व्यापारियों और विद्यार्थियों को शामिल कर व्यापक जन–आधार बनाया।
🌸 • उन्होंने स्वदेशी, खादी, अस्पृश्यता–निवारण और साम्प्रदायिक सौहार्द जैसे सामाजिक सुधारों को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा।
🕊 • गांधीजी ने राजनीतिक संघर्ष को जनजीवन और नैतिकता से जोड़ा, जिससे यह आंदोलन वैश्विक ध्यान का केंद्र बना।
🔶 प्रश्न 9
निजी पत्रों और आत्मकथाओं से किसी व्यक्ति के बारे में क्या पता चलता है? ये स्रोत सरकारी दस्तावेज़ों से किस तरह भिन्न होते हैं?
🧭 उत्तर
⭐ • निजी पत्र और आत्मकथाएँ व्यक्ति की भावनाओं, अनुभवों और दृष्टिकोण को उजागर करती हैं।
🍀 • ये स्रोत व्यक्तिगत स्तर पर ईमानदार और अंतरंग विवरण देते हैं।
💎 • सरकारी दस्तावेज़ प्रायः औपचारिक, नीति–केंद्रित और आधिकारिक दृष्टिकोण रखते हैं।
🌸 • इतिहासकार दोनों को मिलाकर संतुलित दृष्टिकोण बनाते हैं, जिससे आंदोलन की मानवीय और राजनीतिक दोनों परतें सामने आती हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏺 अनुभाग A – बहुविकल्पी प्रश्न (Q1–Q21, 1 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 1
महात्मा गांधी ने भारत लौटने से पहले किस देश में सत्याग्रह का प्रयोग किया था?
🔵 1. इंग्लैंड
🟡 2. दक्षिण अफ़्रीका
🟢 3. मिस्र
🔴 4. फ़्रांस
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 2
चम्पारण सत्याग्रह (1917) किस समस्या से सम्बंधित था?
🟡 1. लगान वृद्धि
🟢 2. तिनकठिया प्रथा (नील की खेती)
🔴 3. खादी उत्पादन
🔵 4. दांडी मार्च
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 3
खेड़ा सत्याग्रह (1918) में किसानों ने क्या माँग की थी?
🔵 1. लगान माफी
🟢 2. नील की कीमत बढ़ाना
🟡 3. नमक कर हटाना
🔴 4. रेल किराया घटाना
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 4 (कथन–कारक)
A: असहयोग आंदोलन की पृष्ठभूमि में जलियांवाला बाग हत्याकांड और खिलाफ़त मुद्दा था।
R: असहयोग आंदोलन केवल छात्रों का आंदोलन था।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 5
दांडी मार्च कब आरम्भ हुआ था?
🔵 1. 1928 ई.
🟢 2. 1930 ई.
🟡 3. 1932 ई.
🔴 4. 1934 ई.
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 6
भारत छोड़ो आंदोलन का नारा था—
🟢 1. स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
🔵 2. अंग्रेज़ों भारत छोड़ो
🟡 3. करो या मरो
🔴 4. इंकलाब ज़िंदाबाद
✔️ उत्तर : 3 (गांधीजी ने “करो या मरो” दिया, जबकि “अंग्रेज़ों भारत छोड़ो” शीर्षक रूप में प्रचलित हुआ)
🔶 प्रश्न 7
गांधी–इरविन समझौता किस आंदोलन से जुड़ा था?
🔴 1. असहयोग आंदोलन
🟡 2. सविनय अवज्ञा आंदोलन
🟢 3. भारत छोड़ो आंदोलन
🔵 4. खिलाफ़त आंदोलन
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 8
गोलमेज सम्मेलन (1931) में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किसने किया?
🔵 1. नेहरू
🟡 2. पटेल
🟢 3. गांधीजी
🔴 4. सुभाषचन्द्र बोस
✔️ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 9
खादी और चरखा किसका प्रतीक बने?
🟡 1. औद्योगिक क्रांति
🔵 2. स्वदेशी व आत्मनिर्भरता
🟢 3. आधुनिक विज्ञान
🔴 4. विदेशी व्यापार
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 10
अम्बेडकर और गांधी के बीच पूना समझौता कब हुआ?
🔵 1. 1930 ई.
🟡 2. 1932 ई.
🟢 3. 1935 ई.
🔴 4. 1942 ई.
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 11 (कथन–कारक)
A: गांधीजी ने अस्पृश्यता निवारण के लिए हरिजन सेवक संघ की स्थापना की।
R: वे मानते थे कि समाज सुधार स्वतंत्रता संग्राम से अलग है।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 12
क्रिप्स मिशन (1942) की विफलता के बाद कौन–सा आंदोलन शुरू हुआ?
🔵 1. सविनय अवज्ञा
🟡 2. भारत छोड़ो
🟢 3. असहयोग
🔴 4. खिलाफ़त
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 13
खेड़ा सत्याग्रह में गांधीजी के साथ कौन–से नेता थे?
🟡 1. पटेल और नेहरू
🔵 2. सरदार वल्लभभाई पटेल
🟢 3. लाला लाजपत राय
🔴 4. मौलाना आज़ाद
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 14
अहमदाबाद मिल–हड़ताल किस मुद्दे पर हुई थी?
🧭 उत्तर
⭐ • बोनस और मज़दूरों के वेतन वृद्धि के प्रश्न पर।
🍀 • गांधीजी ने मज़दूरों के पक्ष में सत्याग्रह किया।
💎 • यह उनके औद्योगिक संघर्ष में हस्तक्षेप का पहला प्रयोग था।
🔶 प्रश्न 15 (कथन–कारक)
A: गांधीजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश को भारत की रक्षा हेतु सहयोग की पेशकश की।
R: ब्रिटिश ने तत्काल स्वतंत्रता देने की घोषणा की।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 16
सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
🟢 1. नमक कर का विरोध और औपनिवेशिक कानून तोड़ना
🔵 2. ब्रिटिश उद्योगों को बढ़ावा देना
🟡 3. सैनिक भर्ती
🔴 4. दमन समाप्त करना
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 17
भारत छोड़ो आंदोलन कब प्रारम्भ हुआ?
🔵 1. 1940 ई.
🟢 2. 1942 ई.
🟡 3. 1945 ई.
🔴 4. 1947 ई.
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 18
गांधीजी के “ट्रस्टीशिप सिद्धांत” का आशय क्या था?
🧭 उत्तर
⭐ • पूँजीपति समाज की संपत्ति के न्यासी हैं।
🍀 • उन्हें जनता के हित में उसका उपयोग करना चाहिए।
💎 • इससे वर्ग–संघर्ष कम करने की कोशिश की गई।
🔶 प्रश्न 19
अख़बार राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन में क्यों महत्वपूर्ण हैं?
🧭 उत्तर
⭐ • तत्कालीन घटनाएँ और विचार प्रकट करते हैं।
🍀 • नेताओं और जनता की प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं।
💎 • ब्रिटिश प्रचार और भारतीय प्रतिरोध दोनों का दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
🔶 प्रश्न 20
चरखा गांधीजी की दृष्टि में किसका प्रतीक था?
🔵 1. धार्मिक सुधार
🟡 2. स्वदेशी और आत्मनिर्भरता
🟢 3. औद्योगिकरण
🔴 4. क्रांति
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 21
गोलमेज सम्मेलनों की असफलता का एक कारण लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • ब्रिटिश सरकार और भारतीय नेताओं के बीच गहरे मतभेद, विशेषकर पूर्ण स्वराज की माँग और प्रिंसली स्टेट्स की स्थिति पर असहमति।
🧭 अनुभाग B – लघु उत्तर (Q22–Q25, 3 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 22
चम्पारण सत्याग्रह का महत्व स्पष्ट कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • किसानों की पीड़ा को राष्ट्रीय राजनीति से जोड़ा।
🍀 • गांधीजी को भारतीय जन–नेता के रूप में स्थापित किया।
💎 • अहिंसक सत्याग्रह की सफलता का उदाहरण बना।
🔷 प्रश्न 23
भारत छोड़ो आंदोलन की दो विशेषताएँ बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • व्यापक जन–उठान—गाँवों में समानांतर सरकारें बनीं।
🍀 • “करो या मरो” नारा, ब्रिटिश सत्ता को गंभीर संकट में डाला।
🔷 प्रश्न 24
गांधीजी ने सामाजिक सुधारों को स्वतंत्रता संग्राम से कैसे जोड़ा?
🧭 उत्तर
⭐ • अस्पृश्यता उन्मूलन और हरिजन सेवा अभियान।
🍀 • महिला शिक्षा व भागीदारी को प्रोत्साहन।
💎 • ग्राम–स्वराज और स्वदेशी को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़कर व्यापक समर्थन जुटाया।
🔷 प्रश्न 25
गांधी–इरविन समझौते की एक शर्त लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रतिभागियों को सामान्य माफी और राजनीतिक कैदियों की रिहाई।
🏺 अनुभाग B (जारी) – लघु उत्तर
🔷 प्रश्न 26A (विकल्प)
असहयोग आंदोलन के स्थगन का एक प्रमुख कारण और उसका प्रभाव बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • कारण: चौरी–चौरा की हिंसक घटना (1922)।
🍀 • प्रभाव: गांधीजी ने अहिंसा की नीति को सर्वोपरि रखा और आंदोलन रोक दिया।
💎 • इससे ब्रिटिश को अस्थायी राहत मिली पर आंदोलन की नैतिक शक्ति बरकरार रही।
🔷 प्रश्न 26B (विकल्प)
क्रिप्स मिशन की विफलता ने भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे प्रभावित किया—दो बिंदु।
🧭 उत्तर
⭐ • मिशन ने पूर्ण स्वतंत्रता का स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया।
🍀 • भारतीय नेतृत्व ने इसे अपमानजनक मानकर आंदोलन तेज़ किया।
🔷 प्रश्न 27
पूना समझौते का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • 1932 में डॉ. भीमराव अंबेडकर और गांधीजी के बीच हुआ।
🍀 • अनुसूचित जातियों को पृथक निर्वाचक मंडल की बजाय आरक्षित सीटें मिलीं।
💎 • इस समझौते ने दलित प्रतिनिधित्व और राष्ट्रीय एकता दोनों को बल दिया।
⚔ अनुभाग C – दीर्घ उत्तर
🔶 प्रश्न 28A (विकल्प)
गांधीजी के तीन प्रमुख आंदोलनों (असहयोग, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो) की तुलना कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • असहयोग (1920–22): विदेशी वस्त्र बहिष्कार, शैक्षणिक संस्थानों का त्याग, अहिंसक प्रतिरोध।
🍀 • सविनय अवज्ञा (1930–34): दांडी मार्च, नमक कानून तोड़ना, कर न देना।
💎 • भारत छोड़ो (1942): “करो या मरो”, समानांतर सरकारें, तीव्र दमन।
🌸 • समानता: तीनों अहिंसा व जन–सहभागिता पर आधारित।
🕊 • अंतर: असहयोग ने चेतना जगाई, सविनय अवज्ञा ने औपनिवेशिक शासन को चुनौती दी, भारत छोड़ो ने स्वतंत्रता की दिशा में निर्णायक दबाव बनाया।
🔶 प्रश्न 28B (विकल्प)
गांधीजी की रणनीति में सामाजिक सुधारों का महत्व समझाइए।
🧭 उत्तर
⭐ • अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए हरिजन सेवक संघ की स्थापना।
🍀 • खादी और ग्रामोद्योग से ग्राम–स्वराज का समर्थन।
💎 • महिला भागीदारी को प्रोत्साहन और शराब–निषेध जैसे सुधार।
🌸 • इससे राष्ट्रीय आंदोलन को नैतिक शक्ति और व्यापक सामाजिक आधार मिला।
🔷 प्रश्न 29A (विकल्प)
गोलमेज सम्मेलनों की असफलता के दो कारण बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • ब्रिटिश ने पूर्ण स्वराज की स्पष्ट गारंटी नहीं दी।
🍀 • भारतीय पक्षों (कांग्रेस, मुस्लिम लीग, प्रिंसली स्टेट्स, दलित प्रतिनिधि) में मतभेद रहे।
🔷 प्रश्न 29B (विकल्प)
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान समानांतर सरकारों की दो विशेषताएँ बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • भूमिगत संगठनों ने प्रशासनिक कार्यभार सँभाला।
🍀 • उन्होंने न्याय व कर–व्यवस्था को स्थानीय समर्थन से संचालित किया।
🔶 प्रश्न 30
गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष को जन–आंदोलन में कैसे परिवर्तित किया?
🧭 उत्तर
⭐ • सत्याग्रह व अहिंसा को हथियार बनाकर ग्रामीण किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, महिलाओं और विद्यार्थियों को शामिल किया।
🍀 • सरल प्रतीकों (चरखा, नमक) का प्रयोग कर जनता को जोड़ा।
💎 • सामाजिक सुधारों (अस्पृश्यता–निवारण, खादी) को राजनीतिक संघर्ष से जोड़ा।
🌸 • उनकी सादगी, यात्राएँ और भाषणों ने जनता को आत्मविश्वास दिया।
🕊 • इससे स्वतंत्रता संग्राम एक अखिल भारतीय जन–आंदोलन बन गया।
🏛 अनुभाग D – स्रोताधारित/केस अध्ययन
🔷 प्रश्न 31
स्रोत: “गांधीजी ने कहा—करो या मरो।”
🧭 उत्तर
⭐ • यह नारा भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में दिया गया।
🍀 • इसने स्वतंत्रता के लिए निर्णायक संघर्ष का संकेत दिया।
💎 • जनता में त्याग व साहस की लहर दौड़ गई।
🔷 प्रश्न 32
स्रोत: “दांडी यात्रा ने नमक को स्वतंत्रता का प्रतीक बना दिया।”
🧭 उत्तर
⭐ • नमक कर विरोध का सार्वभौमिक प्रतीक था।
🍀 • दांडी मार्च ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।
💎 • सविनय अवज्ञा आंदोलन की नैतिक शक्ति प्रदर्शित हुई।
🔷 प्रश्न 33
स्रोत: “हरिजन सेवा गांधीजी के हृदय के निकट थी।”
🧭 उत्तर
⭐ • उन्होंने अस्पृश्यता उन्मूलन हेतु हरिजन सेवक संघ बनाया।
🍀 • मंदिर प्रवेश और सामाजिक समानता के लिए यात्राएँ कीं।
💎 • इससे सामाजिक सुधार को स्वतंत्रता संग्राम का अंग बनाया।
🗺 अनुभाग E – नक्शा कार्य
🔷 प्रश्न 34.1
दांडी (गुजरात) – दांडी यात्रा का स्थल चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.2
चम्पारण (बिहार) – गांधीजी के प्रथम सत्याग्रह का स्थल चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.3
वाराणसी/सेवाग्राम – गांधीजी के प्रमुख आश्रमों में से एक को चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.4
दो चिन्हित स्थलों का महत्व बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • दांडी – नमक सत्याग्रह का आरम्भ स्थल, जिसने सविनय अवज्ञा आंदोलन को गति दी।
🍀 • चम्पारण – किसानों की समस्या से जुड़ा गांधीजी का पहला भारतीय सत्याग्रह, जिसने उनके नेतृत्व को स्थापित किया।
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प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न
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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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