Class 12, History (Hindi)

Class 12 : History (Hindi) – Lesson 1. ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔵 प्रस्तावना
भारत की प्राचीनतम सभ्यताओं में सिंधु घाटी सभ्यता का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सभ्यता अपने नगर नियोजन, जल-प्रबंधन, भवन निर्माण, व्यापार, शिल्पकला एवं सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं के लिए जानी जाती है। इस पाठ ‘ईंट, मनके, अस्थियां’ में सिंधु सभ्यता के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझाया गया है कि किस प्रकार पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर अतीत की जानकारी प्राप्त की जाती है।

🟢 सिंधु सभ्यता : खोज और क्षेत्र
➡️ सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1920 ई० में हड़प्पा (पाकिस्तान, पंजाब) में हुई।
➡️ इसके बाद मोहनजोदड़ो, कालीबंगन, लोथल, धोलावीरा, बनावली, राखीगढ़ी जैसे अनेक स्थल सामने आए।
➡️ यह सभ्यता मुख्यतः सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास विकसित थी।
➡️ इसका विस्तार आज के पाकिस्तान तथा भारत के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात तक फैला था।
✏️ नोट: इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है क्योंकि सबसे पहले खोज हड़प्पा में हुई थी।

🔵 नगर नियोजन और स्थापत्य
➡️ नगर नियोजन इस सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता रही। नगरों का निर्माण सुनियोजित तरीके से किया गया था।
➡️ सड़कें एक-दूसरे को काटती हुई लगभग समकोण पर थीं।
➡️ नगरों को दो भागों में विभाजित किया गया था —
🔵 उच्च नगर (दुर्ग क्षेत्र)
🟢 निम्न नगर (निवास क्षेत्र)
➡️ मोहनजोदड़ो का स्नानागार (ग्रेट बाथ) नगर नियोजन और जल प्रबंधन का अद्भुत उदाहरण है।
➡️ नालियों की व्यवस्था बहुत उन्नत थी, जल निकासी के लिए ढक्कन लगे नाले थे।
💡 ध्यान रहे: घरों में प्रायः कुएँ और स्नानघर होते थे, जो जल व्यवस्था की उन्नत समझ दर्शाते हैं।

🟡 जीवनयापन के साधन
➡️ इस सभ्यता के लोग कृषि, पशुपालन, व्यापार, शिल्पकला आदि में संलग्न थे।
➡️ गेहूँ, जौ, कपास की खेती होती थी।
➡️ बैल, भैंस, कुत्ता, बकरी, भेड़, हाथी पालतू पशु थे।
➡️ व्यापारिक सम्बन्ध मेसोपोटामिया जैसी अन्य सभ्यताओं से थे, वहाँ मेलुह्हा नाम से सिंधु क्षेत्र जाना जाता था।
⚡ साक्ष्य : मोहनजोदड़ो और लोथल से प्राप्त माप-तौल के पत्थर व्यापारिक सटीकता को दर्शाते हैं।

🔴 शिल्प और हस्तकला
➡️ मृदभांड, मनके, मुहरें, धातु की मूर्तियाँ — शिल्पकला के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं।
➡️ नर्तकी की कांस्य प्रतिमा, यक्षिणी की मूर्ति, पशुपति मुहर प्रसिद्ध कलाकृतियां हैं।
➡️ मनकों के निर्माण में आभासी पत्थर, शंख, फ़ैयांस का प्रयोग होता था।
🌿 व्यावसायिक साक्ष्य : लोथल में गोदी (डॉकयार्ड) के अवशेष समुद्री व्यापार का प्रमाण हैं।

🟢 सामाजिक एवं धार्मिक जीवन
➡️ समाज में धनी और सामान्य वर्ग का अंतर था, किन्तु राजा जैसी स्पष्ट संस्था नहीं मिलती।
➡️ पशुपति महादेव, मातृदेवी, वृक्ष-पूजा के संकेत मिलते हैं।
➡️ मृत्यु के बाद शरीर को दफनाया जाता था, कभी-कभी साथ में वस्तुएँ भी रखी जाती थीं।
✏️ नोट: मुहरों में पशु-पक्षियों के चित्र धार्मिक प्रतीकात्मकता को दर्शाते हैं।

🔵 लेखन प्रणाली और गणना
➡️ सिंधु सभ्यता के लोग लिपि का प्रयोग करते थे, परन्तु यह अविकसित या अविकृत रह गई।
➡️ लिपि चित्रलिपि (पिक्टोग्राफिक) थी, जिसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका।
➡️ मानक माप-तौल प्रणाली का प्रयोग होता था।
🧠 संकेत : लिपि की अपठनीयता के कारण प्रशासनिक, धार्मिक, साहित्यिक जानकारी सीमित है।

🟡 पुरातात्विक साक्ष्य और उनकी व्याख्या
➡️ पुरातत्वविदों ने खुदाई में ईंट, मनके, अस्थियां, मूर्तियाँ, उपकरण प्राप्त किए।
➡️ यह साक्ष्य उनके आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक, तकनीकी विकास को उजागर करते हैं।
➡️ अस्थियों का अध्ययन उनके खान-पान, स्वास्थ्य, मृत्युप्रथा की जानकारी देता है।
💡 वैज्ञानिक पद्धतियां : कार्बन डेटिंग, रेडियो एक्टिव विश्लेषण से वस्तुओं की आयु ज्ञात की जाती है।

🔴 नगरों के पतन के कारण
➡️ कई कारण अनुमानित किए गए हैं —
🔸 नदी मार्ग बदलना
🔸 बाढ़ और जल-जमाव
🔸 जलवायु परिवर्तन
🔸 आर्थिक गिरावट
🔸 आक्रमण (आर्यों का नहीं)
✔️ पुरातात्विक साक्ष्य से इन कारणों की पुष्टि होती है, किन्तु कोई एक कारण निश्चित नहीं।

🟢 सिंधु सभ्यता का महत्व और प्रभाव
➡️ यह सभ्यता नगर योजना, स्वच्छता, वास्तुकला, व्यापार, शिल्पकला में अद्वितीय थी।
➡️ वर्तमान नगर नियोजन, जल निकासी व्यवस्था, आभूषण शिल्प में इसकी छाया देखी जा सकती है।
➡️ भारतीय संस्कृति में धार्मिक प्रतीक, कृषि परंपरा, सामाजिक संगठन के बीज इसी में निहित हैं।

🌿 वास्तविक जीवन में उपयोगिता
➡️ सिंधु सभ्यता का अध्ययन यह सिखाता है कि उन्नत जीवनशैली केवल तकनीक नहीं, बल्कि सुनियोजित सोच और संसाधन प्रबंधन पर आधारित होती है।
➡️ नगर नियोजन, स्वच्छता, व्यापार व्यवस्था आज भी प्रासंगिक हैं।

⚡ यह पाठ क्यों महत्वपूर्ण है?
✔️ यह भारतीय इतिहास के आदि स्वरूप को समझने में सहायक है।
✔️ सभ्यता के उत्थान-पतन का कारण समझकर भविष्य के लिए योजनाएं बनाना सरल होता है।
✔️ तकनीक, स्थापत्य, व्यापार, समाज, धर्म की उत्पत्ति का मूल आधार ज्ञात होता है।

📝 त्वरित पुनरावृत्ति :
🔵 सिंधु सभ्यता – 1920, हड़प्पा, मोहनजोदड़ो।
🟢 नगर नियोजन – उच्च नगर, निम्न नगर, स्नानागार।
🔴 जीवनयापन – कृषि, व्यापार, पशुपालन।
🟡 शिल्पकला – मनके, मूर्तियाँ, मुहरें।
🔵 धर्म – मातृदेवी, पशुपति, वृक्ष-पूजा।
🟢 लेखन – अपठनीय चित्रलिपि।
🔴 पतन – बाढ़, जलवायु, आर्थिक कारण।

सारांश (लगभग 300 शब्दों में)
➡️ सिंधु घाटी सभ्यता भारत की प्राचीनतम सभ्यता मानी जाती है जिसकी खोज 1920 ई० में हड़प्पा (पाकिस्तान) में हुई थी। इसका विस्तार सिंधु नदी एवं उसकी सहायक नदियों के आस-पास हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान आदि तक फैला था।


➡️ इस सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता सुनियोजित नगर नियोजन थी। नगर को उच्च नगर और निम्न नगर में विभाजित किया गया था। स्नानागार, ढंके हुए नाले, घरों में कुएँ जैसी व्यवस्थाएँ दर्शाती हैं कि यह समाज स्वच्छता और व्यवस्था को प्राथमिकता देता था।


➡️ आर्थिक जीवन में कृषि, पशुपालन, शिल्पकला और व्यापार प्रमुख थे। गेहूँ, जौ, कपास की खेती, समुद्री और स्थल व्यापार, मनके, मुहर, मूर्तियाँ उनकी शिल्प दक्षता को सिद्ध करते हैं।


➡️ समाज में किसी राजा के साक्ष्य नहीं, पर आर्थिक वर्ग अंतर स्पष्ट था। धार्मिक जीवन में मातृदेवी, पशुपति, वृक्ष आदि पूज्य माने जाते थे। मृतकों को दफनाया जाता था।


➡️ इनकी लिपि चित्रलिपि थी, जो अपठनीय रह गई है। पुरातात्विक साक्ष्य इनके जीवन की जानकारी देते हैं।


➡️ इस सभ्यता का पतन संभवतः प्राकृतिक कारणों, जल मार्ग परिवर्तन, जलवायु और आंतरिक समस्याओं से हुआ।


➡️ यह पाठ आज के समाज के लिए नगर नियोजन, स्वच्छता, व्यापार प्रबंधन और शहरीकरण में उपयोगी शिक्षा देता है।


➡️ यह भारत की सांस्कृतिक जड़ों को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



प्रश्न 1
हड़प्पा सभ्यता के शहरों में लोगों को उपलब्ध भोजन सामग्री की सूची बनाइए। इन वस्तुओं को उपलब्ध कराने वाले सम्भावित स्रोतों तथा उत्पादन प्रक्रियाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 1
➡️ भोजन सामग्री : गेहूँ, जौ, चना, मसूर, कपास के बीज, बाजरा, खजूर, मांस, मछली, दूध, अंडा आदि।
➡️ स्रोत :
🔴 गेहूँ, जौ, चना जैसी फसलें सिंधु नदी के मैदानी क्षेत्र में उगाई जाती थीं।
🟢 पशुपालन से दूध, मांस, अंडे की आपूर्ति होती थी।
🔵 नदी तथा तालाबों से मछली पकड़ी जाती थी।
🟡 खजूर, फल, जंगली पौधों से प्राप्त होते थे।
➡️ उत्पादन प्रक्रिया : कृषि, पशुपालन, मछली पकड़ना, शिकार, वन-संपदा संग्रहण।



प्रश्न 2
पुरातत्वविद् हड़प्पा समाज में सामाजिक-आर्थिक भिन्नताओं का पता किन प्रकार उपलब्ध साक्ष्यों से लगाते हैं? वे कौन-सी भिन्नताओं पर ध्यान देते हैं?
उत्तर 2
➡️ पुरातत्वविद भिन्नताओं को निम्नलिखित साक्ष्यों से समझते हैं –
🔴 मकानों का आकार और निर्माण सामग्री (कच्चा या पक्का)।
🟢 कब्रों में वस्त्र, आभूषण, पात्र आदि की मात्रा।
🔵 विशेष व्यक्तियों के मकान नगर के उन्नत हिस्से में स्थित।
🟡 बहुमूल्य धातुओं, रत्नों से बने आभूषण, औजार।
➡️ ध्यान : इससे सामाजिक स्तर, आर्थिक हैसियत, विशेषाधिकार का बोध होता है।



प्रश्न 3
क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि हड़प्पा सभ्यता के शहरों में जल निकासी प्रणाली, नगर-योजना और अन्य संरचनाएं थीं? अपने उत्तर के कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 3
✔️ मैं इस तथ्य से पूर्ण सहमत हूँ।
➡️ हड़प्पा सभ्यता में नगर नियोजन अत्यंत उन्नत था।
🔴 सड़कें समकोण पर, ऊँचा नीचा विभाजन (दुर्ग क्षेत्र व सामान्य क्षेत्र)।
🟢 स्नानागार, कुएँ, जल निकासी हेतु ढंके नाले।
🟡 घरों में स्नानघर, पक्की नालियाँ।
🔵 मोहनजोदड़ो का स्नानागार इसका प्रमाण है।
➡️ ये व्यवस्था जल प्रबंधन व स्वच्छता में आधुनिकता दिखाती है।



प्रश्न 4
हड़प्पा सभ्यता में मनके बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थों की सूची बनाइए। कोई भी एक प्रकार का मनका बनाने की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 4
➡️ मनके बनाने के पदार्थ :
🔵 अर्ध-कीमती पत्थर (लापिस लाजुली, अगेट)
🟢 शंख
🟡 फ़ैयांस (कांच जैसा पदार्थ)
🔴 मिट्टी
⚪ तांबा, कांसा, सोना, चांदी
➡️ प्रक्रिया (फ़ैयांस के मनके का उदाहरण) :
१️⃣ चिकनी मिट्टी तैयार कर मनके का आकार दिया जाता।
२️⃣ उस पर चमकदार मिश्रण चढ़ाया जाता।
३️⃣ भट्ठी में पकाया जाता जिससे नीला-हरा रंग आता।
४️⃣ अंतिम रूप में रगड़कर चमक दी जाती।



प्रश्न 5
चित्र 1 को देखिए और उसका वर्णन कीजिए। शव किस प्रकार रखा गया है? उसके समीप कौन-सी वस्तुएं रखी गई हैं? क्या शरीर पर कोई गहना दिख रहा है? क्या इससे कंकाल के लिंग का पता चलता है?
उत्तर 5
➡️ चित्र विवरण : यह एक हड़प्पाई शवाधान का चित्र है।
🔴 शव पीठ के बल लिटाया गया है।
🟢 सिर उत्तर दिशा में, पाँव दक्षिण में।
🟡 पास में मृदभांड (घड़े, कटोरी आदि) रखे हैं।
🔵 यह दर्शाता है कि मृत्यु के बाद जीवन की मान्यता थी।
➡️ गहनों की जानकारी स्पष्ट नहीं।
➡️ अस्थियों के आकार, बनावट से लिंग ज्ञात होता है।



प्रश्न 6
मोहनजोदड़ो की कुछ विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (लगभग 500 शब्दों में)
उत्तर 6
➡️ मोहनजोदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता का अत्यंत उन्नत नगर था।
➡️ यह नगर नियोजन, जल निकासी, स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।
मुख्य विशेषताएँ :
🔵 नगर-योजना – दो भाग : ऊँचा दुर्ग क्षेत्र (प्रशासन, धर्म) और निम्न नगर (आम जनता)।
🟢 सड़कें – समकोण पर, मुख्य सड़क चौड़ी।
🟡 स्नानागार – सबसे प्रसिद्ध स्थल, पक्की ईंट, जल निकासी उत्तम।
🔴 जल व्यवस्था – कुएँ, स्नानघर, ढंकी नालियाँ।
➡️ घरों की बनावट – ईंट के दो-तीन मंजिला घर, आँगन, रसोईघर, स्नानघर।
➡️ भंडारण व्यवस्था – अन्नागार, गोदाम सुव्यवस्थित।
➡️ धार्मिक स्थल – पशुपति मुहर, मातृदेवी पूजा के प्रमाण।
➡️ शवाधान पद्धति – दफनाने की परंपरा।
➡️ साक्ष्य – मृदभांड, मूर्तियाँ, मनके, औजार आदि।
➡️ मोहनजोदड़ो सभ्यता का उन्नत सामाजिक-सांस्कृतिक विकास दर्शाता है।



प्रश्न 7
हड़प्पा सभ्यता में शिल्प उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल की सूची बनाइए तथा चर्चा कीजिए कि ये किस प्रकार प्राप्त किए जाते होंगे। (लगभग 500 शब्दों में)
उत्तर 7
➡️ हड़प्पा सभ्यता में शिल्प उत्पादन के लिए विविध कच्चा माल आवश्यक था।
कच्चे माल की सूची :
🔴 मिट्टी, लकड़ी
🟢 पत्थर (अर्ध-कीमती : अगेट, कार्नेलियन, लापिस लाजुली)
🔵 धातु (तांबा, कांसा, सोना, चांदी)
🟡 शंख, हाथी दाँत
⚪ फ़ैयांस


➡️ प्राप्ति के स्रोत :
१️⃣ मिट्टी, लकड़ी – स्थानीय।
२️⃣ तांबा – बलूचिस्तान, राजस्थान (खेड़ाड़ी)।
३️⃣ शंख – गुजरात तटीय क्षेत्र।
४️⃣ लापिस लाजुली – अफगानिस्तान।
५️⃣ अन्य पत्थर – सौराष्ट्र, देक्कन।
६️⃣ फ़ैयांस – स्थानीय निर्माण।


➡️ व्यापारिक संबंधों, स्थलीय व समुद्री मार्गों से वस्तुएँ लाईं जाती थीं।
➡️ लोथल का डॉकयार्ड समुद्री व्यापार का प्रमाण है।
➡️ कारीगरों ने इन सामग्रियों से मनके, मूर्ति, बर्तन, औजार बनाए।



प्रश्न 8
चर्चा कीजिए कि पुरातत्वविद किस प्रकार अतीत का पुनर्निर्माण करते हैं। (लगभग 500 शब्दों में)
उत्तर 8
➡️ पुरातत्वविद अतीत का पुनर्निर्माण वस्तुओं, ढाँचों, अवशेषों के अध्ययन से करते हैं।
प्रक्रिया :
🔴 खुदाई – स्थल चयन, परत दर परत उत्खनन।
🟢 अवशेष – भवन, मृदभांड, मूर्ति, हड्डी, औजार प्राप्त।
🟡 वर्गीकरण – काल, स्थान, उपयोग अनुसार सामग्री का वर्गीकरण।


➡️ विश्लेषण :
१️⃣ रेडियो-कार्बन डेटिंग, थर्मोलुमिनेसेंस से काल निर्धारण।
२️⃣ रासायनिक, भौतिक, जैविक परीक्षण।
३️⃣ तुलना – अन्य सभ्यताओं से तुलना।


➡️ अनुमान :
रहन-सहन, भोजन, धर्म, शिल्प, व्यापार का आकलन।
➡️ लिपि/शिलालेख अध्ययन – जहाँ संभव हो, वहाँ।
➡️ पुरालिपिक, पुराविज्ञान, नृविज्ञान का सहयोग।
➡️ इस तरह अतीत की तस्वीर निर्मित होती है।



प्रश्न 9
हड़प्पाई समाज में शासकों द्वारा किए जाने वाले सम्भावित कार्यों की चर्चा कीजिए। (लगभग 500 शब्दों में)
उत्तर 9
➡️ हड़प्पा सभ्यता में राजा जैसी संस्था का प्रमाण स्पष्ट नहीं, पर शासकवर्ग था।
संभावित कार्य :
🔵 नगर नियोजन – सड़क, मकान, स्नानागार, जल व्यवस्था।
🟢 व्यापार नियंत्रण – नाप-तौल, मुद्रा, गोदाम।
🟡 धार्मिक कार्य – सामाजिक अनुशासन हेतु पूजा-पद्धति।
🔴 कानून व्यवस्था – नियम पालन, दंड विधान।


➡️ व्यवस्था :
१️⃣ दुर्ग में शासक वर्ग का निवास।
२️⃣ प्रशासनिक कर्मचारी, कारीगर, व्यापारी वर्ग अलग।


➡️ व्यापारिक संबंध – विदेश व्यापार की देखरेख।
➡️ सुरक्षा – बाढ़, शत्रु से सुरक्षा उपाय।
➡️ प्रशासन ने नगर को सुव्यवस्थित, स्वच्छ और संगठित बनाए रखा।
➡️ इसी के कारण सभ्यता उन्नत रूप में विकसित हुई।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1
सिंधु सभ्यता की खोज सर्वप्रथम किस स्थान पर हुई?
(अ) लोथल
(ब) मोहनजोदड़ो
(स) हड़प्पा
(द) धोलावीरा
उत्तर 1
(स) हड़प्पा

प्रश्न 2
सिंधु सभ्यता के किस नगर में स्नानागार प्राप्त हुआ है?
(अ) हड़प्पा
(ब) मोहनजोदड़ो
(स) लोथल
(द) कालीबंगन
उत्तर 2
(ब) मोहनजोदड़ो

प्रश्न 3
सिंधु सभ्यता में किस धातु की बनी प्रसिद्ध नर्तकी की मूर्ति मिली है?
(अ) लोहा
(ब) कांसा
(स) तांबा
(द) चांदी
उत्तर 3
(ब) कांसा

प्रश्न 4
हड़प्पा सभ्यता का कौन-सा स्थल बंदरगाह के रूप में प्रसिद्ध है?
(अ) कालीबंगन
(ब) लोथल
(स) धोलावीरा
(द) राखीगढ़ी
उत्तर 4
(ब) लोथल

प्रश्न 5
सिंधु सभ्यता के लोग किस प्रकार की ईंटों का प्रयोग करते थे?
(अ) अधपकी
(ब) पक्की
(स) मिट्टी की
(द) पत्थर की
उत्तर 5
(ब) पक्की

प्रश्न 6
निम्न में से कौन-सा स्थल भारत में स्थित है?
(अ) मोहनजोदड़ो
(ब) हड़प्पा
(स) कालीबंगन
(द) चन्हुदड़ो
उत्तर 6
(स) कालीबंगन

प्रश्न 7
सिंधु सभ्यता के लोग मुख्य रूप से कौन-सी फसल उगाते थे?
(अ) कपास
(ब) चावल
(स) सरसों
(द) गन्ना
उत्तर 7
(अ) कपास

प्रश्न 8
सिंधु सभ्यता के लोग किस नदी के किनारे बसते थे?
(अ) गंगा
(ब) सिंधु
(स) यमुना
(द) गोदावरी
उत्तर 8
(ब) सिंधु

प्रश्न 9
सिंधु सभ्यता की लिपि किस प्रकार की थी?
(अ) चित्रलिपि
(ब) ब्राह्मी
(स) खरोष्ठी
(द) नागरी
उत्तर 9
(अ) चित्रलिपि

प्रश्न 10
सिंधु सभ्यता का कौन-सा नगर दो भागों में विभक्त था?
(अ) हड़प्पा
(ब) लोथल
(स) मोहनजोदड़ो
(द) धोलावीरा
उत्तर 10
(स) मोहनजोदड़ो

प्रश्न 11
सिंधु सभ्यता में मनकों का निर्माण किससे नहीं किया जाता था?
(अ) शंख
(ब) चाँदी
(स) फ़ैयांस
(द) लापिस लाजुली
उत्तर 11
(ब) चाँदी

प्रश्न 12
सिंधु सभ्यता के नगरों में नालियों की विशेषता क्या थी?
(अ) खुले और गंदे
(ब) ढंके और पक्के
(स) लकड़ी के
(द) रेत से भरे
उत्तर 12
(ब) ढंके और पक्के

प्रश्न 13 (निरूपण – कारण)
कथन (A) : सिंधु सभ्यता में नगरों का नियोजन अत्यंत उन्नत था।
कारण (R) : नगर समकोण पर बसी सड़कों, स्नानागार और जल निकासी से सुसज्जित थे।
(अ) दोनों सही, कारण सही है।
(ब) दोनों सही, कारण गलत।
(स) कथन सही, कारण गलत।
(द) दोनों गलत।
उत्तर 13
(अ) दोनों सही, कारण सही है।

प्रश्न 14 (केस आधारित प्रश्न)
लोथल नगर के समीप गोदी के अवशेष पाए गए, जो व्यापार का प्रमाण देते हैं।
इससे क्या निष्कर्ष निकलता है?
(अ) समुद्री व्यापार था
(ब) कृषि प्रधान नगर था
(स) पशुपालन मुख्य था
(द) धार्मिक नगर था
उत्तर 14
(अ) समुद्री व्यापार था

प्रश्न 15
सिंधु सभ्यता के नगरों में किस प्रकार शवाधान की परंपरा थी?
(अ) जलप्रवाह
(ब) दाह संस्कार
(स) गाड़ना
(द) जल समाधि
उत्तर 15
(स) गाड़ना

प्रश्न 16
कौन-सा स्थल रेखीय योजना का उदाहरण है?
(अ) मोहनजोदड़ो
(ब) धोलावीरा
(स) हड़प्पा
(द) लोथल
उत्तर 16
(ब) धोलावीरा

प्रश्न 17
सिंधु सभ्यता के लोग किस प्रकार के आभूषण पहनते थे?
(अ) सोने-चांदी के
(ब) मनके के
(स) कांसे के
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर 17
(द) उपरोक्त सभी

प्रश्न 18
सिंधु सभ्यता का पतन किस कारण माना जाता है?
(अ) युद्ध
(ब) जलवायु परिवर्तन
(स) रोग
(द) अकाल
उत्तर 18
(ब) जलवायु परिवर्तन


प्रश्न 19
हड़प्पा सभ्यता में सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के प्रमाण कौन-कौन-से हैं?
उत्तर 19
➡️ सामाजिक असमानता के प्रमाण :
🔴 मकानों का आकार और निर्माण सामग्री (कच्चे या पक्के)।
🔵 कुछ कब्रों में अधिक आभूषण, पात्र, सामान।
➡️ आर्थिक असमानता के प्रमाण :
🟢 बहुमूल्य धातु, रत्न, मूर्तियाँ सम्पन्न वर्ग के पास।
🟡 गोदाम, अनाज भंडार विशेष वर्ग के नियंत्रण में।

प्रश्न 20
सिंधु सभ्यता में जल निकासी प्रणाली के दो प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर 20
🔵 नालियों का निर्माण पक्की ईंटों से होता था तथा ये सड़कों के किनारे ढंके हुए बनते थे।
🟢 नालियाँ मुख्य नाले से जुड़कर नगर से बाहर जल निकालती थीं, जिससे गंदगी नहीं फैलती थी।

प्रश्न 21
लोथल स्थल किस कार्य के लिए प्रसिद्ध है? दो बिंदुओं में उत्तर दीजिए।
उत्तर 21
🔴 लोथल स्थल समुद्री व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
🟡 यहाँ से प्राप्त गोदी (डॉकयार्ड) के अवशेष इसका साक्ष्य हैं।

प्रश्न 22
सिंधु सभ्यता में किस प्रकार की लिपि का प्रयोग होता था?
उत्तर 22
➡️ सिंधु सभ्यता की लिपि चित्रलिपि (पिक्टोग्राफिक) थी।
➡️ इसमें चिन्ह, चित्र और प्रतीक मिलाकर लेखन किया जाता था, किन्तु यह आज तक अपठनीय है।

प्रश्न 23
सिंधु सभ्यता में प्रमुख रूप से कौन-सी फसलें उगाई जाती थीं? कोई दो लिखिए।
उत्तर 23
🔴 गेहूँ
🟢 जौ

खंड – C (प्रश्न 24 से 28, प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का)

प्रश्न 24
सिंधु सभ्यता के नगरों के दो मुख्य भागों का नाम लिखिए और उनकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर 24
🔵 उच्च नगर (दुर्ग क्षेत्र)
➡️ ऊँचाई पर बसा, प्रशासनिक व धार्मिक केंद्र।
➡️ स्नानागार, गोदाम, सभा मंडप स्थित।
🟢 निम्न नगर (सामान्य क्षेत्र)
➡️ आम जनता के निवास के लिए।
➡️ घर, गलियाँ, कुएँ, नालियाँ सुव्यवस्थित।

प्रश्न 25
मनकों के निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों का नाम लिखिए और इनके स्रोत स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 25
🔴 अर्ध-कीमती पत्थर : लापिस लाजुली (अफगानिस्तान), अगेट (सौराष्ट्र)।
🟢 शंख : गुजरात के समुद्रतटीय क्षेत्र से।
🟡 फ़ैयांस, मिट्टी, तांबा, कांसा – स्थानीय उत्पादन।

प्रश्न 26
हड़प्पा सभ्यता के लोगों के धार्मिक विश्वासों के तीन प्रमुख प्रमाण लिखिए।
उत्तर 26
🔵 मातृदेवी की मूर्तियाँ – प्रजनन शक्ति की पूजा का प्रमाण।
🟢 पशुपति महादेव की मुहर – शिव की अवधारणा।
🟡 वृक्ष, पशु-पक्षियों की पूजा – प्रकृति पूजा का संकेत।

प्रश्न 27
हड़प्पा सभ्यता में व्यापार को किस प्रकार व्यवस्थित किया जाता था? तीन बिंदुओं में लिखिए।
उत्तर 27
🔵 माप-तौल के मानक पत्थर प्रयुक्त होते थे।
🟢 मोहरों का प्रयोग व्यापारिक पहचान हेतु होता था।
🟡 स्थल और समुद्री दोनों मार्गों से व्यापार होता था (लोथल)।

प्रश्न 28
सिंधु सभ्यता के पतन के तीन संभावित कारण लिखिए।
उत्तर 28
🔴 नदी मार्ग बदलना या बाढ़।
🟢 जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि में संकट।
🟡 आंतरिक विघटन, व्यापार में गिरावट|



प्रश्न 29 (अभ्यास आधारित प्रश्न)
सिंधु सभ्यता के नगरों में जल प्रबंधन प्रणाली का वर्णन कीजिए। साथ ही यह स्पष्ट कीजिए कि इससे उस समय के लोगों की सोच किस प्रकार प्रकट होती है।
उत्तर 29
➡️ सिंधु सभ्यता में जल प्रबंधन प्रणाली अत्यंत उन्नत थी।
🔵 प्रत्येक घर में कुआँ होता था जिससे जल की व्यवस्था होती थी।
🟢 स्नानघर घरों के अंदर बने होते थे जिनसे जल नालियों के माध्यम से बाहर जाता था।
🟡 नालियाँ पक्की और ढंकी हुई थीं, जो मुख्य नालियों में मिलती थीं।
🔴 मोहनजोदड़ो का स्नानागार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहाँ जल निकासी हेतु विशेष व्यवस्था थी।
➡️ यह दर्शाता है कि उस समय के लोग स्वच्छता, स्वास्थ्य और व्यवस्था को महत्व देते थे। उन्होंने नगरों का निर्माण योजनाबद्ध ढंग से किया, ताकि जल की निकासी में कोई कठिनाई न हो।



प्रश्न 30 (अभ्यास आधारित प्रश्न)
हड़प्पा सभ्यता में मृतकों के साथ कब्रों में रखी गई वस्तुओं से क्या संकेत प्राप्त होते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर 30
➡️ हड़प्पा सभ्यता में मृतकों को दफनाने की परंपरा थी।
🔵 कब्रों में मृतकों के साथ मृदभांड, आभूषण, औजार रखे जाते थे।
🟢 यह विश्वास था कि मृत्यु के बाद भी जीवन है, इसलिए वस्तुएँ साथ रखी जाती थीं।
🟡 कब्रों में वस्तुओं की मात्रा से व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का अनुमान होता है।
🔴 कुछ कब्रों में अधिक सामान और आभूषण उच्च वर्ग के संकेतक हैं।
➡️ इससे यह स्पष्ट होता है कि उस समय के लोग जीवन के बाद मृत्यु को भी एक यात्रा मानते थे तथा मृत व्यक्ति की सुविधा के लिए सामग्री रखते थे।



प्रश्न 31 (अभ्यास आधारित प्रश्न)
हड़प्पा सभ्यता के नगरों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (नगर-योजना, मकान, सड़कें, जल व्यवस्था आदि के सन्दर्भ में)
उत्तर 31
➡️ हड़प्पा सभ्यता के नगर दो भागों में विभक्त होते थे – उच्च नगर एवं निम्न नगर।
🔴 नगर-योजना :
सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं।
नगर को योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया था।
🟢 मकान :
पक्की ईंटों के दो-तीन मंजिला मकान।
आँगन, रसोईघर, स्नानघर एवं कुएँ बने होते थे।
🔵 सड़कें :
चौड़ी मुख्य सड़क, छोटी गलियाँ, नालियाँ सड़कों के किनारे।
🟡 जल व्यवस्था :
ढंकी हुई नालियाँ, स्नानागार, कुएँ, जल निकासी की उत्तम व्यवस्था।
➡️ इस व्यवस्था से यह प्रमाणित होता है कि हड़प्पा समाज उन्नत नगर नियोजन और स्वच्छता में जागरूक था।



खंड – E (प्रश्न 32 से 35, प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का)

प्रश्न 32
सिंधु सभ्यता के आर्थिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर 32
➡️ सिंधु सभ्यता का आर्थिक जीवन कृषि, शिल्प, व्यापार पर आधारित था।
🔴 कृषि :
गेहूँ, जौ, कपास की खेती।
सिंचाई हेतु नदी, कुएँ, नहरों का प्रयोग।
🟢 पशुपालन :
गाय, बैल, भेड़, बकरी, भैंस आदि पाले जाते थे।
🔵 शिल्प :
मनके, मूर्तियाँ, मुहरें, मृदभांड, धातु कार्य आदि का निर्माण।
🟡 व्यापार :
स्थल व समुद्री व्यापार (लोथल)।
विदेशों से संबंध – अफगानिस्तान, मेसोपोटामिया (मेलुह्हा)।
⚪ मुद्रा :
माप-तौल के मानक पत्थर, मुहरों का प्रयोग।
➡️ यह आर्थिक व्यवस्था उन्नत और संगठित थी।



प्रश्न 33
सिंधु सभ्यता की शिल्पकला की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 33
➡️ सिंधु सभ्यता की शिल्पकला अत्यंत विकसित और विविध थी।
🔵 मनके निर्माण : फ़ैयांस, शंख, अर्ध-कीमती पत्थर से।
🟢 मूर्तियाँ : कांस्य की नर्तकी, टेराकोटा की मातृदेवी।
🟡 मुहरें : पशुपति, सांड़ आदि के चित्र, व्यापार में उपयोग।
🔴 मृदभांड : लाल मिट्टी पर काले रंग की चित्रकारी।
➡️ निर्माण में उच्च तकनीक, सौंदर्य बोध, परिश्रम का प्रमाण मिलता है।
➡️ इन वस्तुओं का उपयोग धार्मिक, सजावटी, व्यापारिक था।



प्रश्न 34
सिंधु सभ्यता के पतन के प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर 34
➡️ सिंधु सभ्यता के पतन के स्पष्ट कारण नहीं, परन्तु विद्वानों के मत इस प्रकार हैं –
🔴 नदी मार्ग परिवर्तन : घग्घर-हकरा नदी का लुप्त होना।
🟢 बाढ़ : बार-बार बाढ़ से नगर नष्ट।
🔵 जलवायु परिवर्तन : सूखा, कृषि संकट।
🟡 व्यापार पतन : मेसोपोटामिया से संबंध टूटना।
⚪ आंतरिक विघटन : सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था ढहना।
➡️ ये सभी कारण संभवतः धीरे-धीरे सभ्यता के पतन में सहायक बने।



प्रश्न 35
सिंधु सभ्यता के धार्मिक विश्वासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर 35
➡️ सिंधु सभ्यता के धार्मिक विश्वासों के प्रमाण पुरातात्विक सामग्री से मिलते हैं –
🔴 मातृदेवी पूजा : प्रजनन क्षमता का प्रतीक।
🟢 पशुपति महादेव : शिव के पूर्वरूप की मुहर।
🔵 वृक्ष-पूजा : पीपल, बेल के साक्ष्य।
🟡 पशु-पक्षियों की पूजा : सर्प, गैंडा, सांड़ के चित्र।
➡️ जीवन के बाद मृत्यु में विश्वास, कब्रों में वस्त्र, आभूषण रखने की परंपरा।
➡️ जल, अग्नि, पृथ्वी जैसी प्राकृतिक शक्तियों का आदर।
➡️ यह विश्वास प्रारंभिक भारतीय धर्म की नींव को दर्शाते हैं।



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प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न


🔵 Q1. हड़प्पा सभ्यता को किस नाम से भी जाना जाता है?
(A) कांस्य युगीन सभ्यता
(B) पाषाण युगीन सभ्यता
(C) लौह युगीन सभ्यता
(D) वैदिक सभ्यता
✅ उत्तर: (A) कांस्य युगीन सभ्यता
📅 परीक्षा: UPSC Prelims 2013
📝 व्याख्या: हड़प्पावासी कांस्य का उपयोग बड़े पैमाने पर करते थे।


🔵 Q2. हड़प्पा की अधिकांश बस्तियाँ किस नदी से जुड़ी थीं?
(A) सिंधु
(B) गंगा
(C) ब्रह्मपुत्र
(D) यमुना
✅ उत्तर: (A) सिंधु
📅 परीक्षा: UPSC Prelims 2015
📝 व्याख्या: अधिकांश बस्तियाँ सिंधु प्रणाली के आसपास थीं।


🔵 Q3. किस स्थल पर कृत्रिम बंदरगाह मिला?
(A) हड़प्पा
(B) लोथल
(C) धोलावीरा
(D) मोहनजोदाड़ो
✅ उत्तर: (B) लोथल
📅 परीक्षा: SSC CHSL 2016
📝 व्याख्या: लोथल में व्यापार हेतु बंदरगाह था।


🔵 Q4. हड़प्पावासियों की लिपि कैसी थी?
(A) वर्णमाला आधारित
(B) चित्रलिपि
(C) संख्यात्मक
(D) हाइरोग्लिफ़िक
✅ उत्तर: (B) चित्रलिपि
📅 परीक्षा: SSC CGL 2017
📝 व्याख्या: चिन्ह वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करते थे।


🔵 Q5. हड़प्पा के माप-तौल के उपकरण प्रायः किससे बनते थे?
(A) लोहा
(B) पत्थर
(C) लकड़ी
(D) कांसा
✅ उत्तर: (B) पत्थर
📅 परीक्षा: SSC MTS 2015
📝 व्याख्या: मानकीकृत पत्थर के घन उपयोग में लाए जाते थे।


🔵 Q6. हड़प्पा के आभूषणों में सबसे सामान्य सामग्री क्या थी?
(A) सोना
(B) कांसा
(C) टेराकोटा
(D) मनके
✅ उत्तर: (D) मनके
📅 परीक्षा: SSC CPO 2016
📝 व्याख्या: मनके अत्यंत मूल्यवान माने जाते थे।


🔵 Q7. किस स्थल से सबसे पहले जोते गए खेतों के प्रमाण मिले?
(A) कालीबंगा
(B) मोहनजोदाड़ो
(C) हड़प्पा
(D) धोलावीरा
✅ उत्तर: (A) कालीबंगा
📅 परीक्षा: UPSC Prelims 2016
📝 व्याख्या: खेत में हल के निशान मिले।


🔵 Q8. हड़प्पा की मोहरें प्रायः किससे बनी होती थीं?
(A) धातु
(B) टेराकोटा
(C) स्टीटाइट (तालक पत्थर)
(D) हाथी दांत
✅ उत्तर: (C) स्टीटाइट (तालक पत्थर)
📅 परीक्षा: SSC CHSL 2017
📝 व्याख्या: स्टीटाइट को तराशना सरल था।


🔵 Q9. मोहरों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(A) मुद्रा
(B) शिक्षा
(C) व्यापार व पहचान
(D) धार्मिक ग्रंथ
✅ उत्तर: (C) व्यापार व पहचान
📅 परीक्षा: SSC CGL 2016
📝 व्याख्या: माल व पैकेज पर उपयोग।


🔵 Q10. किस स्थल पर जल संचयन के प्रमाण मिले?
(A) हड़प्पा
(B) मोहनजोदाड़ो
(C) धोलावीरा
(D) लोथल
✅ उत्तर: (C) धोलावीरा
📅 परीक्षा: UPSC Prelims 2017
📝 व्याख्या: जलाशय, जल संरक्षण प्रणाली।


🔵 Q11. ‘महान स्नानागार’ कहाँ स्थित है?
(A) लोथल
(B) हड़प्पा
(C) धोलावीरा
(D) मोहनजोदाड़ो
✅ उत्तर: (D) मोहनजोदाड़ो
📅 परीक्षा: SSC CGL 2015
📝 व्याख्या: धार्मिक या सार्वजनिक स्नान हेतु संरचना।


🔵 Q12. मेसोपोटामिया में हड़प्पा के व्यापारियों को क्या कहा जाता था?
(A) मेलुह्हा
(B) मगन
(C) दिलमुन
(D) पुंट
✅ उत्तर: (A) मेलुह्हा
📅 परीक्षा: SSC CHSL 2016
📝 व्याख्या: मेसोपोटामियाई अभिलेखों में उल्लेख।


🔵 Q13. हड़प्पावासी किस धातु का प्रयोग नहीं करते थे?
(A) सोना
(B) लोहा
(C) तांबा
(D) कांसा
✅ उत्तर: (B) लोहा
📅 परीक्षा: SSC GD 2018
📝 व्याख्या: लोहे का उपयोग इस काल में नहीं हुआ था।


🔵 Q14. हड़प्पा की ईंटें प्रायः कैसी होती थीं?
(A) आयताकार पकाई हुई ईंटें
(B) धूप में सूखी ईंटें
(C) अनियमित आकार के पत्थर
(D) संगमरमर
✅ उत्तर: (A) आयताकार पकाई हुई ईंटें
📅 परीक्षा: SSC JE 2019
📝 व्याख्या: मानकीकृत पक्की ईंटें।


🔵 Q15. हड़प्पा का माप-तौल किस प्रणाली पर आधारित था?
(A) दशमलव प्रणाली
(B) द्विआधारी प्रणाली
(C) षोडश प्रणाली
(D) रोमन प्रणाली
✅ उत्तर: (A) दशमलव प्रणाली
📅 परीक्षा: SSC CGL 2017
📝 व्याख्या: 10 के गुणांक पर आधारित।


🔵 Q16. कपास की खेती के प्रमाण कहाँ से मिले?
(A) मोहनजोदाड़ो
(B) मेहरगढ़
(C) हड़प्पा
(D) कालीबंगा
✅ उत्तर: (B) मेहरगढ़
📅 परीक्षा: UPSC Prelims 2015
📝 व्याख्या: प्रारंभिक कृषि स्थल।


🔵 Q17. हड़प्पा में अंतिम संस्कार की प्रथा में क्या शामिल था?
(A) दाह संस्कार
(B) सीधा शव दफनाना
(C) मिट्टी के बर्तनों के साथ दफन
(D) (B) और (C) दोनों
✅ उत्तर: (D) (B) और (C) दोनों
📅 परीक्षा: SSC MTS 2015
📝 व्याख्या: सीधे शव के साथ बर्तन दफनाना सामान्य था।


🔵 Q18. निम्न में से कौन हड़प्पा स्थल नहीं है?
(A) लोथल
(B) कालीबंगा
(C) धोलावीरा
(D) पाटलिपुत्र
✅ उत्तर: (D) पाटलिपुत्र
📅 परीक्षा: SSC CHSL 2017
📝 व्याख्या: पाटलिपुत्र मौर्यकालीन नगर था।

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दृश्य सामग्री

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