Class 12 : Grography (Hindi) – Lesson 14.भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔵 भूमिका (परिचय)
भारत एक विशाल देश है जहाँ प्राकृतिक संसाधनों का वितरण असमान है। कुछ क्षेत्र संसाधनों से सम्पन्न हैं जबकि कुछ क्षेत्र पिछड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में नियोजन का उद्देश्य संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग, क्षेत्रीय संतुलन और समग्र विकास सुनिश्चित करना है।
विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय समस्याओं के उभरने से अब सतत पोषणीय विकास की अवधारणा को अपनाया गया है, जो वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करती है।
💡 मुख्य विचार:
नियोजन = संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग
सतत विकास = वर्तमान + भविष्य दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति
🟢 1️⃣ नियोजन का अर्थ और उद्देश्य
✔️ नियोजन का अर्थ है— उपलब्ध संसाधनों का निश्चित लक्ष्य के लिए क्रमबद्ध उपयोग।
✔️ उद्देश्य:
• उत्पादन में वृद्धि
• क्षेत्रीय असमानता में कमी
• सामाजिक न्याय
• पर्यावरणीय संतुलन
• सतत विकास की दिशा में प्रगति
🟡 2️⃣ भारत में नियोजन की आवश्यकता
✔️ संसाधनों का असमान वितरण
✔️ तीव्र जनसंख्या वृद्धि
✔️ बेरोजगारी और गरीबी
✔️ कृषि एवं उद्योगों का असंतुलन
✔️ पर्यावरणीय क्षरण
➡️ अतः नियोजन से विकास के मार्ग निर्धारित होते हैं।
🔴 3️⃣ भारत में नियोजन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
✔️ स्वतंत्रता के बाद 1951 में प्रथम पंचवर्षीय योजना लागू हुई।
✔️ इसके पश्चात् विभिन्न योजनाओं द्वारा कृषि, उद्योग, ऊर्जा, परिवहन और सामाजिक क्षेत्र में निवेश किया गया।
✔️ योजनाओं का प्रमुख उद्देश्य — आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय।
🟣 4️⃣ पंचवर्षीय योजनाओं के प्रमुख लक्ष्य
✔️ प्रथम योजना — कृषि व सिंचाई
✔️ द्वितीय योजना — औद्योगीकरण
✔️ तृतीय योजना — आत्मनिर्भरता
✔️ चौथी-पाँचवीं — गरीबी उन्मूलन
✔️ नवें के बाद — मानव विकास, पर्यावरण संरक्षण
🔵 5️⃣ क्षेत्रीय नियोजन की अवधारणा
✔️ उद्देश्य — प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार विकास।
✔️ उदाहरण —
• दक्कन पठार — जल संरक्षण
• पूर्वोत्तर भारत — परिवहन व संचार
• राजस्थान — मरुस्थलीकरण नियंत्रण
✔️ परिणाम — संतुलित क्षेत्रीय विकास
🟢 6️⃣ सतत पोषणीय विकास का अर्थ
✔️ ऐसा विकास जो वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करे पर भविष्य की पीढ़ियों की क्षमताओं को प्रभावित न करे।
✔️ पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था — तीनों के बीच संतुलन बनाए रखना।
🟡 7️⃣ सतत विकास की प्रमुख विशेषताएँ
✔️ संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग
✔️ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग
✔️ पर्यावरणीय संरक्षण
✔️ सामाजिक समानता
✔️ आर्थिक स्वावलंबन
🔴 8️⃣ भारत में सतत विकास हेतु प्रमुख प्रयास
✔️ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (1986)
✔️ राष्ट्रीय जल नीति
✔️ ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम
✔️ वृक्षारोपण, जैविक खेती
✔️ स्वच्छ भारत, जल जीवन मिशन
✔️ अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन
🟣 9️⃣ सतत विकास में शिक्षा और जनजागरूकता की भूमिका
✔️ पर्यावरणीय शिक्षा से लोगों में चेतना बढ़ती है।
✔️ संसाधनों के संरक्षण व पुनर्चक्रण की प्रवृत्ति विकसित होती है।
✔️ समुदाय आधारित योजनाएँ सफल होती हैं।
🔵 🔟 नियोजन और सतत विकास का परस्पर संबंध
✔️ नियोजन = संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग
✔️ सतत विकास = पर्यावरणीय संरक्षण + आर्थिक प्रगति
✔️ दोनों मिलकर संतुलित व दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करते हैं।
🟢 11️⃣ पर्यावरणीय समस्याएँ और समाधान
⚠️ समस्याएँ —
• वनों की कटाई
• मृदा क्षरण
• जल व वायु प्रदूषण
• जलवायु परिवर्तन
✔️ समाधान —
• हरित प्रौद्योगिकी
• पुनर्चक्रण
• जनसहभागिता
• सख्त पर्यावरणीय नीतियाँ
🟡 12️⃣ नियोजन में जनसहभागिता की भूमिका
✔️ स्थानीय समुदायों का योगदान नियोजन को व्यवहारिक बनाता है।
✔️ पंचायत राज संस्थाओं की भागीदारी आवश्यक।
✔️ “नीचे से ऊपर” दृष्टिकोण अधिक सफल।
🔴 13️⃣ सतत विकास हेतु नीतिगत सुझाव
✔️ ऊर्जा दक्षता बढ़ाना
✔️ जल संरक्षण
✔️ जैव विविधता संरक्षण
✔️ गरीबी उन्मूलन और शिक्षा विस्तार
✔️ हरित अर्थव्यवस्था का प्रोत्साहन
🟣 14️⃣ निष्कर्ष
भारत में नियोजन और सतत पोषणीय विकास एक-दूसरे के पूरक हैं।
नियोजन से संसाधनों का समुचित उपयोग और सतत विकास से पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित होता है।
दोनों का संयुक्त लक्ष्य — आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय स्थिरता है।
सामूहिक प्रयासों से ही संतुलित विकास संभव है।
✨ सारांश (लगभग 300 शब्द)
भारत में नियोजन संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और विकास के लिए आवश्यक है।
स्वतंत्रता के बाद पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा कृषि, उद्योग, ऊर्जा, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में योजनाबद्ध प्रगति की गई।
नियोजन का लक्ष्य क्षेत्रीय संतुलन, गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भरता रहा।
वर्तमान समय में पर्यावरणीय क्षरण, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण जैसी समस्याओं के कारण अब सतत पोषणीय विकास पर बल दिया जा रहा है।
सतत विकास वह प्रक्रिया है जो वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करती है, साथ ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को सुरक्षित रखती है।
भारत में इसके लिए पर्यावरणीय नीतियाँ, अक्षय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग, जल संरक्षण, जैविक खेती और जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
नियोजन और सतत विकास दोनों का संयुक्त उद्देश्य — आर्थिक वृद्धि, सामाजिक समानता और पर्यावरणीय सुरक्षा है।
इन्हें संतुलित रूप से लागू करने पर ही दीर्घकालिक समृद्धि संभव है।
📝 त्वरित पुनरावलोकन (लगभग 100 शब्द)
✔️ नियोजन — संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग
✔️ सतत विकास — पर्यावरणीय संतुलन के साथ आर्थिक प्रगति
✔️ भारत में पंचवर्षीय योजनाएँ — कृषि, उद्योग, गरीबी उन्मूलन हेतु
✔️ सतत विकास हेतु कार्यक्रम — जल नीति, अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण कानून
✔️ उद्देश्य — वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं का संतुलन
✔️ निष्कर्ष — नियोजन + सतत विकास = समग्र प्रगति
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1 — (बहुविकल्पीय प्रश्न)
(i) क्षेत्रीय नियोजन का सम्बन्ध है—
1️⃣ आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का विकास
2️⃣ क्षेत्र विशेष के विकास का उपक्रम
3️⃣ परिवहन जल तंत्र में क्षेत्रीय अंतर
4️⃣ ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
🟢 उत्तर: 2️⃣ क्षेत्र विशेष के विकास का उपक्रम
✔️ क्षेत्रीय नियोजन का उद्देश्य किसी विशेष क्षेत्र की आवश्यकताओं व संसाधनों के अनुसार योजनाएँ बनाना है।
(ii) आई.टी.डी.पी. (Integrated Tribal Development Programme) निम्नलिखित में से किस संदर्भ में वर्णित है?
1️⃣ समग्र पर्यटन विकास कार्यक्रम
2️⃣ समग्र यात्रा विकास कार्यक्रम
3️⃣ समग्र जनजातीय विकास कार्यक्रम
4️⃣ समग्र परिवहन विकास कार्यक्रम
🟢 उत्तर: 3️⃣ समग्र जनजातीय विकास कार्यक्रम
✔️ आई.टी.डी.पी. कार्यक्रम जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु लागू किया गया है।
(iii) इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास के लिए इनमें से कौन-सा सबसे उपयुक्त है?
1️⃣ कृषि विकास
2️⃣ परिवहन विकास
3️⃣ औद्योगिक विकास
4️⃣ पारिस्थितिक विकास
🟢 उत्तर: 4️⃣ पारिस्थितिक विकास
✔️ इस क्षेत्र में मरुस्थलीय परिस्थितियों के कारण पारिस्थितिक संतुलन आवश्यक है।
✳️ प्रश्न 2 — लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्दों में उत्तर दीजिए)
🔵 (i) जनजातीय क्षेत्र में समग्र क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम को लागू करने का क्या उद्देश्य रहा है?
🟢 उत्तर:
✔️ जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना।
✔️ आर्थिक-सामाजिक पिछड़ेपन को दूर कर समग्र विकास सुनिश्चित करना।
🔵 (ii) सतत पोषणीय विकास की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
✔️ ऐसा विकास जो वर्तमान की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के संसाधनों से समझौता न करे।
✔️ इसमें पर्यावरणीय संतुलन और संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है।
🔵 (iii) इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र के सतत पोषणीय विकास में पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण अपनाना क्यों आवश्यक है?
🟢 उत्तर:
✔️ क्षेत्र मरुस्थलीय होने से भूमि, जल व वनस्पति पर दबाव बढ़ा है।
✔️ पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से जल प्रबंधन, वृक्षारोपण और मृदा संरक्षण संभव है।
✳️ प्रश्न 3 — दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
🔵 (i) सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए नियोजन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
🟢 उत्तर:
✔️ सूखा प्रभावित क्षेत्रों में वर्षा का अभाव, जल संसाधनों की कमी व कृषि संकट मुख्य समस्या हैं।
✔️ नियोजन के अंतर्गत —
• वर्षा जल संचयन
• सूक्ष्म सिंचाई
• सूखा प्रतिरोधी फसलें
• रोजगार सृजन व जल पुनर्भरण
✔️ नीतिगत पहल — मरुस्थलीकरण नियंत्रण कार्यक्रम, एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र विकास।
✔️ निष्कर्ष — इन योजनाओं से आजीविका व पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त होती है।
🔵 (ii) इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के उपाय सुझाइए।
🟢 उत्तर:
✔️ जल उपयोग की दक्षता बढ़ाना
✔️ वृक्षारोपण व हरित पट्टियाँ बनाना
✔️ भूमि का संतुलित उपयोग व मृदा संरक्षण
✔️ भूजल पुनर्भरण
✔️ पर्यावरणीय शिक्षा व जनसहभागिता
✔️ निष्कर्ष — इन उपायों से दीर्घकालिक पारिस्थितिक संतुलन और सतत विकास संभव होगा।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔷 Section A – MCQs (1 mark each)
🔵 प्रश्न 1:
भारत में नियोजन की शुरुआत कब हुई?
🔴 1️⃣ 1947
🟢 2️⃣ 1951
🟡 3️⃣ 1962
🔵 4️⃣ 1971
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 2:
भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना का प्रमुख लक्ष्य क्या था?
🔴 1️⃣ औद्योगिक विकास
🟢 2️⃣ कृषि विकास
🟡 3️⃣ रोजगार
🔵 4️⃣ शिक्षा
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 3:
सतत विकास का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
🔴 1️⃣ आर्थिक वृद्धि
🟢 2️⃣ वर्तमान की आवश्यकताओं की पूर्ति बिना भविष्य से समझौता किए
🟡 3️⃣ तीव्र औद्योगिकीकरण
🔵 4️⃣ नगरीकरण
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 4:
भारत में योजना आयोग की स्थापना कब हुई थी?
🔴 1️⃣ 1947
🟢 2️⃣ 1950
🟡 3️⃣ 1951
🔵 4️⃣ 1952
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 5:
नीति आयोग की स्थापना कब हुई?
🔴 1️⃣ 2010
🟢 2️⃣ 2015
🟡 3️⃣ 2018
🔵 4️⃣ 2020
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 6:
सततपोषणीय विकास की अवधारणा किस रिपोर्ट से जुड़ी है?
🔴 1️⃣ रियो सम्मेलन
🟢 2️⃣ ब्रंटलैंड रिपोर्ट
🟡 3️⃣ क्योटो प्रोटोकॉल
🔵 4️⃣ जोहांसबर्ग सम्मेलन
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 7:
भारत में नियोजन का प्रकार है—
🔴 1️⃣ क्षेत्रीय
🟢 2️⃣ मिश्रित
🟡 3️⃣ केंद्रीकृत
🔵 4️⃣ पूँजीवादी
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 8:
नीति आयोग का उद्देश्य है—
🔴 1️⃣ योजनाओं का क्रियान्वयन
🟢 2️⃣ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना
🟡 3️⃣ वित्तीय प्रबंधन
🔵 4️⃣ केवल आर्थिक सुधार
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 9:
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं की समाप्ति कब हुई?
🔴 1️⃣ 2012
🟢 2️⃣ 2017
🟡 3️⃣ 2019
🔵 4️⃣ 2020
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 10:
सतत विकास के तीन स्तंभ हैं—
🔴 1️⃣ आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक
🟢 2️⃣ आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय
🟡 3️⃣ औद्योगिक, वैज्ञानिक, सामाजिक
🔵 4️⃣ जनसंख्या, संसाधन, पर्यावरण
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 11:
भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ किस संस्था द्वारा बनाई जाती थीं?
🔴 1️⃣ संसद
🟢 2️⃣ योजना आयोग
🟡 3️⃣ नीति आयोग
🔵 4️⃣ वित्त आयोग
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 12:
सतत विकास का भारतीय उदाहरण है—
🔴 1️⃣ अधिक खनन
🟢 2️⃣ वृक्षारोपण
🟡 3️⃣ जल दोहन
🔵 4️⃣ औद्योगिक अपशिष्ट
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 13:
भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य था—
🔴 1️⃣ कृषि
🟢 2️⃣ औद्योगिक विकास
🟡 3️⃣ शिक्षा
🔵 4️⃣ गरीबी उन्मूलन
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 14:
नियोजन का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
🔴 1️⃣ आर्थिक असमानता बढ़ाना
🟢 2️⃣ संतुलित क्षेत्रीय विकास
🟡 3️⃣ बेरोजगारी बढ़ाना
🔵 4️⃣ संसाधन ह्रास
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 15:
सतत विकास में किसका विशेष ध्यान रखा जाता है?
🔴 1️⃣ केवल आर्थिक प्रगति
🟢 2️⃣ पर्यावरण संतुलन
🟡 3️⃣ संसाधन दोहन
🔵 4️⃣ नगरीकरण
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 16:
भारत में क्षेत्रीय नियोजन का उदाहरण है—
🔴 1️⃣ पंचवर्षीय योजना
🟢 2️⃣ कमांड एरिया डेवलपमेंट
🟡 3️⃣ हरित क्रांति
🔵 4️⃣ जनसंख्या नीति
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔵 प्रश्न 17:
सतत विकास की दिशा में प्रमुख चुनौती है—
🔴 1️⃣ पर्यावरण संरक्षण
🟢 2️⃣ अत्यधिक उपभोग
🟡 3️⃣ वैज्ञानिक विकास
🔵 4️⃣ तकनीकी प्रगति
🟢 उत्तर: 2️⃣
🔷 Section B – Source-Based Questions (3 marks each)
🔵 प्रश्न 18:
“भारत में नियोजन का उद्देश्य केवल आर्थिक वृद्धि नहीं बल्कि सामाजिक न्याय भी है।”
🟢 (a) इस कथन की व्याख्या कीजिए।
🟢 (b) सामाजिक न्याय के उदाहरण दीजिए।
🟢 (c) नियोजन का महत्त्व बताइए।
🟢 उत्तर:
✳️ (a) नियोजन का लक्ष्य आर्थिक वृद्धि के साथ समान अवसर देना है।
✳️ (b) गरीबी उन्मूलन, रोजगार, शिक्षा, क्षेत्रीय समानता।
✳️ (c) संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग और समावेशी विकास।
🔵 प्रश्न 19:
“सतत विकास वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए आवश्यक है।”
🟢 (a) क्यों?
🟢 (b) सतत विकास के उपाय बताइए।
🟢 (c) इसका लाभ क्या है?
🟢 उत्तर:
✳️ (a) संसाधनों का सीमित स्वभाव इसे आवश्यक बनाता है।
✳️ (b) वृक्षारोपण, पुनर्चक्रण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ तकनीक।
✳️ (c) पर्यावरण संरक्षण, दीर्घकालिक विकास, पीढ़ीगत समानता।
🔷 Section C – Short Answer Questions (3 marks each)
🔵 प्रश्न 20:
भारत में नियोजन की विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ मिश्रित अर्थव्यवस्था पर आधारित।
2️⃣ केंद्रीकृत और लोकतांत्रिक।
3️⃣ पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा कार्यान्वित।
4️⃣ सामाजिक न्याय और समानता पर बल।
🔵 प्रश्न 21:
सतत विकास के सिद्धांत लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग।
2️⃣ पर्यावरण संरक्षण।
3️⃣ पीढ़ीगत समानता।
4️⃣ जनसंख्या नियंत्रण।
5️⃣ वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग।
🔵 प्रश्न 22:
नीति आयोग की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सहकारी संघवाद को बढ़ावा।
2️⃣ राज्यों को नीति निर्धारण में शामिल करना।
3️⃣ दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण।
4️⃣ सतत विकास लक्ष्यों का कार्यान्वयन।
🔵 प्रश्न 23:
भारत में क्षेत्रीय असमानता के कारण बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ संसाधनों का असमान वितरण।
2️⃣ भौगोलिक विविधता।
3️⃣ ऐतिहासिक कारण।
4️⃣ निवेश की असमानता।
5️⃣ नीतिगत प्राथमिकताओं में भिन्नता।
🔷 Section D – Long Answer Questions (5 marks each)
🔵 प्रश्न 24:
भारत में नियोजन की आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग:
➡️ नियोजन से सीमित संसाधनों का कुशल वितरण संभव होता है।
✳️ 2️⃣ संतुलित क्षेत्रीय विकास:
➡️ पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर असमानता घटाई जाती है।
✳️ 3️⃣ सामाजिक न्याय:
➡️ गरीबी उन्मूलन और समान अवसरों की व्यवस्था।
✳️ 4️⃣ आर्थिक वृद्धि:
➡️ योजनाबद्ध निवेश से उत्पादन और आय में वृद्धि।
✳️ 5️⃣ सतत विकास:
➡️ पर्यावरण संतुलन व दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित होता है।
📘 निष्कर्ष:
नियोजन भारत जैसे विशाल व विविध देश के लिए समावेशी विकास की कुंजी है।
🔵 प्रश्न 25:
सतत विकास के सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग:
➡️ अपव्यय रोकना और नवीकरणीय स्रोतों को अपनाना।
✳️ 2️⃣ पर्यावरण संरक्षण:
➡️ प्रदूषण नियंत्रण, वृक्षारोपण, जैव विविधता की रक्षा।
✳️ 3️⃣ पीढ़ीगत समानता:
➡️ वर्तमान पीढ़ी भविष्य की आवश्यकताओं से समझौता न करे।
✳️ 4️⃣ आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन:
➡️ तीनों पहलुओं का संतुलित विकास।
✳️ 5️⃣ जन-सहभागिता:
➡️ स्थानीय समुदाय की भागीदारी आवश्यक।
📘 निष्कर्ष:
सतत विकास ही भविष्य के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और संतुलित विकास का आधार है।
🔵 प्रश्न 26:
भारत में सतत विकास के लिए अपनाए गए उपायों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम:
➡️ राष्ट्रीय वन नीति, वृक्षारोपण अभियान।
✳️ 2️⃣ नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग:
➡️ सौर, पवन, जल, बायोगैस का विस्तार।
✳️ 3️⃣ प्रदूषण नियंत्रण कानून:
➡️ वायु, जल, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम।
✳️ 4️⃣ जल संरक्षण:
➡️ वर्षा जल संचयन और जलागम प्रबंधन।
✳️ 5️⃣ जन-जागरूकता:
➡️ विद्यालयों में पर्यावरण शिक्षा, मीडिया प्रचार।
📘 निष्कर्ष:
इन उपायों से भारत सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में प्रगति कर रहा है।
🔵 प्रश्न 27:
नीति आयोग की प्रमुख भूमिकाएँ और कार्य लिखिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ नीति निर्धारण:
➡️ दीर्घकालिक रणनीतियों और दृष्टिकोण दस्तावेज़ का निर्माण।
✳️ 2️⃣ सहकारी संघवाद को बढ़ावा:
➡️ राज्यों को नीति निर्माण में भागीदारी देना।
✳️ 3️⃣ सतत विकास लक्ष्य (SDGs):
➡️ संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों का राष्ट्रीय क्रियान्वयन।
✳️ 4️⃣ नवाचार और तकनीकी विकास:
➡️ नई तकनीक और सुधारों को प्रोत्साहन।
✳️ 5️⃣ योजना आयोग का विकल्प:
➡️ केंद्रीकृत नियोजन से परामर्शात्मक नियोजन की ओर परिवर्तन।
📘 निष्कर्ष:
नीति आयोग भारत की नीतियों को आधुनिक, समावेशी और सतत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
🔵 प्रश्न 28:
भारत में क्षेत्रीय नियोजन का महत्त्व बताइए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ क्षेत्रीय असमानता का निवारण।
✳️ 2️⃣ स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग।
✳️ 3️⃣ रोजगार सृजन।
✳️ 4️⃣ संतुलित औद्योगिक विकास।
✳️ 5️⃣ सामाजिक-आर्थिक न्याय की प्राप्ति।
📘 निष्कर्ष:
क्षेत्रीय नियोजन भारत के समग्र और संतुलित विकास की आधारशिला है।
🔷 Section E – Map-Based Questions (5 marks each)
🔵 प्रश्न 29:
विश्व के मानचित्र पर दर्शाइए —
🟢 (i) सतत विकास सम्मेलन (रियो, 1992)
🟢 (ii) क्योटो प्रोटोकॉल स्थल
🟢 (iii) जोहांसबर्ग सम्मेलन
🟢 (iv) ब्रंटलैंड आयोग
🟢 (v) पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख क्षेत्र
🟢 उत्तर:
📘 विश्व मानचित्र पर चिन्हित करें —
1️⃣ रियो-डी-जेनेरियो – ब्राजील
2️⃣ क्योटो – जापान
3️⃣ जोहांसबर्ग – दक्षिण अफ्रीका
4️⃣ ओस्लो – नॉर्वे
5️⃣ प्रमुख संरक्षण क्षेत्र – अमेजन, कॉन्गो, दक्षिण-पूर्व एशिया
🔵 प्रश्न 30:
भारत के मानचित्र पर दर्शाइए —
🟢 (i) नीति आयोग – नई दिल्ली
🟢 (ii) हरित क्रांति क्षेत्र – पंजाब
🟢 (iii) चिपको आंदोलन क्षेत्र – उत्तराखंड
🟢 (iv) पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र – पश्चिमी घाट
🟢 (v) जलागम विकास क्षेत्र – राजस्थान
🟢 उत्तर:
📘 भारत के मानचित्र पर उपरोक्त स्थानों को प्रतीकों सहित दर्शाएँ —
🏢 नीति आयोग – दिल्ली
🌾 हरित क्रांति – पंजाब
🌳 चिपको आंदोलन – अलकनंदा घाटी
⛰️ पश्चिमी घाट – महाराष्ट्र से केरल तक
💧 जलागम विकास – अरावली क्षेत्र
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