Class 12, Grography (Hindi)

Class 12 : Geography (Hindi) – Lesson 12.जल संसाधन


पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🔵 भूमिका (परिचय)
जल जीवन का आधार है। इसके बिना न तो मानव जीवन संभव है और न ही कृषि, उद्योग या पारिस्थितिकी का अस्तित्व। भारत में जल का भौगोलिक वितरण असमान है — कहीं अत्यधिक वर्षा से बाढ़ तो कहीं वर्षा की कमी से सूखा। इसलिए जल का समुचित उपयोग, संरक्षण और प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
जल संसाधन का महत्व केवल पेयजल तक सीमित नहीं, बल्कि यह कृषि उत्पादन, औद्योगिक विकास, ऊर्जा उत्पादन, मत्स्य पालन और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा हुआ है।
💡 मुख्य विचार:
जल = जीवन का आधार
प्रबंधन = सतत विकास की कुंजी

🟢 1️⃣ जल संसाधन का अर्थ और महत्त्व
✔️ जल संसाधन = वह समस्त जल जो प्राकृतिक स्रोतों (नदी, झील, भूजल, वर्षा, हिमनद) से प्राप्त होता है और जिसका उपयोग मानव विभिन्न आवश्यकताओं के लिए करता है।
✔️ यह पर्यावरण, कृषि, उद्योग, ऊर्जा और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है।
✔️ जलवायु, स्थलाकृति और मानव क्रियाओं पर इसकी उपलब्धता निर्भर करती है।
✔️ जल के बिना जीवन, खाद्य उत्पादन और औद्योगिक प्रगति असंभव है।

🟡 2️⃣ भारत में जल संसाधन की स्थिति
✔️ भारत में कुल जल उपलब्धता लगभग 4000 घन किलोमीटर है।
✔️ इसका अधिकांश भाग मानसूनी वर्षा से प्राप्त होता है।
✔️ जल वितरण असमान — पूर्वोत्तर राज्यों में अधिक, पश्चिमी राजस्थान में कम।
✔️ सतही जल (नदियाँ, झीलें) और भूजल दोनों ही प्रमुख स्रोत हैं।
💧 प्रमुख नदियाँ — गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा, कावेरी।
💧 भूजल का उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिए अत्यधिक हो रहा है।

🔴 3️⃣ जल के उपयोग के क्षेत्र
✔️ कृषि — सिंचाई के लिए जल की सर्वाधिक आवश्यकता।
✔️ घरेलू उपयोग — पेयजल, सफाई, भोजन निर्माण।
✔️ उद्योग — शीतलन, प्रसंस्करण, ऊर्जा उत्पादन।
✔️ जल विद्युत — नदियों पर बाँध बनाकर ऊर्जा उत्पादन।
✔️ मत्स्य पालन — आजीविका का प्रमुख साधन।
✔️ पर्यटन — झीलें, नदियाँ, जलप्रपात आकर्षण के केंद्र।

🟣 4️⃣ भारत में जल उपयोग की प्रवृत्तियाँ
✔️ कृषि क्षेत्र में लगभग 80% जल का उपयोग।
✔️ औद्योगिक क्षेत्र में 10% और घरेलू कार्यों में 10% जल का प्रयोग।
✔️ भूजल का अत्यधिक दोहन गंभीर समस्या बन रहा है।
✔️ वर्षा पर अत्यधिक निर्भरता से जल संकट उत्पन्न होता है।

🔵 5️⃣ जल संकट के कारण
⚠️
असमान वर्षा वितरण
भूजल का अंधाधुंध दोहन
जल प्रदूषण
वन क्षेत्र में कमी
जनसंख्या वृद्धि
शहरीकरण और औद्योगीकरण
पारंपरिक जल स्रोतों की उपेक्षा
💡 परिणाम — पेयजल संकट, कृषि पर प्रभाव, पर्यावरणीय असंतुलन

🟢 6️⃣ जल संरक्षण का महत्त्व
✔️ जल सीमित संसाधन है — इसका विवेकपूर्ण उपयोग अनिवार्य।
✔️ संरक्षण से खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण संतुलन और सतत विकास संभव।
✔️ भावी पीढ़ियों के लिए जल उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

🟡 7️⃣ जल संरक्षण के उपाय
✔️ वर्षा जल संचयन
✔️ पारंपरिक जल स्रोतों (तालाब, बावड़ी, झील) का पुनर्जीवन
✔️ जल पुनः उपयोग (रीसायक्लिंग)
✔️ सूक्ष्म सिंचाई (टपक सिंचाई, छिड़काव प्रणाली)
✔️ वनों का संरक्षण
✔️ जलग्रहण क्षेत्र का विकास
✔️ जल उपयोग में जनजागरूकता

🔴 8️⃣ जल प्रबंधन की अवधारणा
✔️ जल प्रबंधन = जल संसाधनों का नियोजन, विकास, वितरण और उपयोग का समन्वित कार्यक्रम।
✔️ उद्देश्य: सभी क्षेत्रों में समान वितरण, अपव्यय की रोकथाम, दीर्घकालिक उपलब्धता।
✔️ इसमें तकनीकी उपायों के साथ जनसहभागिता भी आवश्यक है।

🟣 9️⃣ भारत में प्रमुख जल परियोजनाएँ
➡️ बहुउद्देशीय परियोजनाएँ —
भाखड़ा नांगल (सतलुज)
हीराकुंड (महानदी)
दामोदर घाटी
नागार्जुन सागर
टेहरी (भागीरथी)
सरदार सरोवर (नर्मदा)
✔️ उद्देश्य — सिंचाई, जल विद्युत, बाढ़ नियंत्रण, जलापूर्ति, मत्स्य पालन।

🔵 🔟 भूजल का उपयोग और समस्याएँ
✔️ सिंचाई में भूजल का अत्यधिक उपयोग
✔️ कुछ राज्यों में जल स्तर में तीव्र गिरावट
✔️ लवणीयता, प्रदूषण और सूखते कुएँ प्रमुख चिंताएँ
✔️ समाधान — नियंत्रित दोहन, पुनर्भरण, वर्षा जल संचयन

🟢 11️⃣ जल से संबंधित नीतियाँ और योजनाएँ
✔️ राष्ट्रीय जल नीति — जल का समान वितरण, सतत उपयोग
✔️ “अटल भूजल योजना” — भूजल प्रबंधन
✔️ “जल जीवन मिशन” — प्रत्येक घर तक नल से जल
✔️ “कैच द रेन” अभियान — वर्षा जल का अधिकतम संग्रह

🟡 12️⃣ सतत जल प्रबंधन
✔️ जल उपयोग और संरक्षण में संतुलन
✔️ पारंपरिक ज्ञान + आधुनिक तकनीक
✔️ सामुदायिक सहभागिता
✔️ पर्यावरणीय दृष्टि से उपयुक्त उपाय

🔴 13️⃣ निष्कर्ष
भारत में जल संसाधनों का महत्त्व अत्यधिक है। असमान वितरण, प्रदूषण और अत्यधिक दोहन से यह संकटग्रस्त हो रहा है। जल का विवेकपूर्ण उपयोग, संरक्षण और जनसहभागिता आधारित प्रबंधन से ही भविष्य में जल सुरक्षा संभव है। जल बचाओ — जीवन बचाओ का सूत्र आज की आवश्यकता है।

✨ सारांश (लगभग 300 शब्द)
जल प्राकृतिक संसाधनों में सबसे आवश्यक और जीवनदायी तत्व है। भारत में जल का वितरण असमान है — कहीं बाढ़, कहीं सूखा। जल का उपयोग कृषि, उद्योग, घरेलू कार्य, ऊर्जा उत्पादन और मत्स्य पालन में होता है।
देश में कुल जल का अधिकांश भाग कृषि क्षेत्र में उपयोग होता है। परंतु असमान वर्षा, भूजल का अत्यधिक दोहन, प्रदूषण और जनसंख्या वृद्धि के कारण जल संकट गहराता जा रहा है।
जल संरक्षण के उपाय जैसे वर्षा जल संचयन, सूक्ष्म सिंचाई, पारंपरिक स्रोतों का पुनर्जीवन और जल पुनः उपयोग से संकट कम किया जा सकता है।
भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, दामोदर घाटी जैसी बहुउद्देशीय परियोजनाएँ जल संसाधनों के समुचित उपयोग के उदाहरण हैं।
राष्ट्रीय जल नीति और जल जीवन मिशन जैसी योजनाएँ जल की उपलब्धता बढ़ाने और समान वितरण में सहायक हैं।
अतः सतत विकास हेतु जल का वैज्ञानिक प्रबंधन आवश्यक है ताकि भावी पीढ़ियाँ भी इस अनमोल संसाधन का लाभ उठा सकें।

📝 त्वरित पुनरावलोकन (लगभग 100 शब्द)
✔️ जल = जीवन का आधार
✔️ स्रोत = नदियाँ, झीलें, भूजल, वर्षा
✔️ उपयोग = कृषि, उद्योग, घरेलू, ऊर्जा
✔️ संकट = असमान वितरण, दोहन, प्रदूषण
✔️ उपाय = वर्षा जल संचयन, सूक्ष्म सिंचाई, पुनर्भरण
✔️ परियोजनाएँ = भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, टेहरी
✔️ नीति = राष्ट्रीय जल नीति, जल जीवन मिशन
✔️ निष्कर्ष = जल संरक्षण ही सतत विकास की कुंजी

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


🔵 प्रश्न 1 — (बहुविकल्पीय प्रश्न)
(i) निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है?
1️⃣ अजैव संसाधन
2️⃣ अनवीकरणीय संसाधन
3️⃣ जैव संसाधन
4️⃣ अक्षय संसाधन
🟢 उत्तर: 4️⃣ अक्षय संसाधन
✔️ जल पुनर्भरण योग्य है, प्रकृति में निरंतर चक्र के कारण यह अक्षय संसाधन की श्रेणी में आता है।

(ii) निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भूजल उपयोग (प्रतिशत में) इसके कुल भूजल संसाधन में सर्वाधिक है?
1️⃣ तमिलनाडु
2️⃣ कर्नाटक
3️⃣ आंध्र प्रदेश
4️⃣ केरल
🟢 उत्तर: 1️⃣ तमिलनाडु
✔️ तमिलनाडु में कुल उपलब्ध भूजल का सर्वाधिक दोहन किया गया है, जिससे यहाँ जल संकट की स्थिति गंभीर है।

(iii) देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक अनुपात किस क्षेत्र में उपयोग होता है?
1️⃣ सिंचाई
2️⃣ घरेलू उपयोग
3️⃣ उद्योग
4️⃣ इनमें से कोई नहीं
🟢 उत्तर: 1️⃣ सिंचाई
✔️ भारत में कुल प्रयुक्त जल का लगभग 80% भाग कृषि व सिंचाई में उपयोग होता है।


✳️ प्रश्न 2 — लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्दों में उत्तर दीजिए)
🔵 (i) यह कहा जाता है कि भारत में जल संसाधनों में तीव्रता से कमी आ रही है। इसके लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।
🟢 उत्तर:
✔️ तीव्र जनसंख्या वृद्धि से जल की माँग बढ़ी।
✔️ औद्योगिकीकरण व शहरीकरण से जल प्रदूषण हुआ।
✔️ वर्षा का असमान वितरण, भूजल का अति-दोहन।
✔️ अपव्यय व संरक्षण की कमी से जल संकट बढ़ा।

🔵 (ii) पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भूजल विकास के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं?
🟢 उत्तर:
✔️ सिंचाई हेतु ट्यूबवेलों का अत्यधिक प्रयोग।
✔️ वर्षा की कमी व सीमित सतही जल स्रोत।
✔️ गहन कृषि व फसलों की उच्च जल आवश्यकता।

🔵 (iii) देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है?
🟢 उत्तर:
✔️ औद्योगिकरण, शहरीकरण व घरेलू उपयोग की बढ़ती माँग।
✔️ जल संरक्षण नीति से कृषि में जल दक्षता बढ़ेगी।
✔️ सूक्ष्म सिंचाई व जल बचत तकनीक का प्रयोग।

🔵 (iv) लोगों पर सुरक्षित एवं स्वच्छ जल/भूजल की उपलब्धता का क्या संभावित प्रभाव हो सकता है?
🟢 उत्तर:
✔️ जनस्वास्थ्य में सुधार।
✔️ जलजनित रोगों में कमी।
✔️ उत्पादकता में वृद्धि और जीवन स्तर में सुधार।


✳️ प्रश्न 3 — दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
🔵 (i) देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए तथा इसके संरक्षण हेतु उत्तरदायी नीतियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
✔️ भारत में जल की उपलब्धता भौगोलिक असमानता पर निर्भर है।
✔️ कुल जल उपलब्धता लगभग 4,000 घन किलोमीटर, किन्तु वितरण असमान।
✔️ उत्तर-पूर्व व हिमालयी क्षेत्र में अधिक, पश्चिम व दक्षिण में कम।
✔️ संरक्षण हेतु नीतियाँ —
 • जल क्रांति अभियान (2015–16)
 • वर्षा जल संचयन
 • कृत्रिम पुनर्भरण
 • जल नीति (2002, 2012)
✔️ निष्कर्ष — जल संसाधनों का संतुलित उपयोग और संरक्षण सतत विकास के लिए आवश्यक है।

🔵 (ii) जल संसाधनों का प्रमुख सामाजिक एवं पर्यावरणीय महत्व उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
✔️ सामाजिक महत्व —
 • पेयजल, कृषि, स्वच्छता, ऊर्जा।
✔️ पर्यावरणीय महत्व —
 • पारिस्थितिक संतुलन, वनस्पति व जीव संरक्षण।
✔️ उदाहरण — सिंचाई से कृषि उत्पादन, बाँधों से ऊर्जा, तालाबों से भूजल पुनर्भरण।
✔️ निष्कर्ष — जल मानव समाज की जीवन रेखा है।

🔵 (iii) जल-संसाधन प्रबंधन क्या है? इसके प्रकार बताएँ तथा विकास में इसकी भूमिका स्पष्ट करें।
🟢 उत्तर:
✔️ जल-संसाधन प्रबंधन का अर्थ — जल का सतत उपयोग व संरक्षण।
✔️ प्रकार —
 • भौतिक (वर्षा जल संचयन, पुनर्भरण)
 • नीति आधारित (जल नीति, योजनाएँ)
 • सामुदायिक सहभागिता।
✔️ भूमिका — कृषि उत्पादन, औद्योगिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता।
✔️ निष्कर्ष — जल प्रबंधन से ही सतत विकास संभव है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न



🔷 Section A – MCQs (1 mark each)
🔵 प्रश्न 1:
भारत में कुल मीठे जल का कितना प्रतिशत उपयोग योग्य है?
🔴 1️⃣ 1%
🟢 2️⃣ 2.5%
🟡 3️⃣ 4%
🔵 4️⃣ 6%
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 2:
भारत में जल संसाधनों का प्रमुख स्रोत क्या है?
🔴 1️⃣ वर्षा
🟢 2️⃣ नदियाँ
🟡 3️⃣ झीलें
🔵 4️⃣ भूमिगत जल
🟢 उत्तर: 1️⃣

🔵 प्रश्न 3:
भारत में औसत वार्षिक वर्षा लगभग कितनी है?
🔴 1️⃣ 75 से.मी.
🟢 2️⃣ 110 से.मी.
🟡 3️⃣ 125 से.मी.
🔵 4️⃣ 200 से.मी.
🟢 उत्तर: 3️⃣

🔵 प्रश्न 4:
भारत में वर्षा का प्रमुख स्रोत कौन-सा है?
🔴 1️⃣ पश्चिमी विक्षोभ
🟢 2️⃣ मानसून
🟡 3️⃣ स्थानीय वर्षा
🔵 4️⃣ पर्वतीय हिमपात
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 5:
भारत की कौन-सी नदी सबसे अधिक जल प्रवाह वाली है?
🔴 1️⃣ गंगा
🟢 2️⃣ ब्रह्मपुत्र
🟡 3️⃣ गोदावरी
🔵 4️⃣ नर्मदा
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 6:
निम्न में से कौन-सा जलाशय बाढ़ नियंत्रण में सहायक है?
🔴 1️⃣ पंचेत
🟢 2️⃣ भाखड़ा
🟡 3️⃣ नागार्जुन सागर
🔵 4️⃣ उपरोक्त सभी
🟢 उत्तर: 4️⃣

🔵 प्रश्न 7:
भारत में सिंचाई का सबसे बड़ा स्रोत क्या है?
🔴 1️⃣ वर्षा
🟢 2️⃣ कुएँ और ट्यूबवेल
🟡 3️⃣ नहरें
🔵 4️⃣ तालाब
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 8:
भारत में जल की समस्या का मुख्य कारण है—
🔴 1️⃣ वर्षा की समानता
🟢 2️⃣ वर्षा का असमान वितरण
🟡 3️⃣ अधिक नदियाँ
🔵 4️⃣ पर्याप्त जलाशय
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 9:
निम्न में से कौन-सा उपाय जल संरक्षण का उदाहरण है?
🔴 1️⃣ जल का अपव्यय
🟢 2️⃣ वर्षा जल संचयन
🟡 3️⃣ अत्यधिक दोहन
🔵 4️⃣ प्रदूषण
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 10:
भारत में वर्षा जल संचयन का प्राचीन उदाहरण कौन-सा है?
🔴 1️⃣ भाखड़ा नांगल
🟢 2️⃣ बाँस धारा
🟡 3️⃣ बावड़ी और टांका
🔵 4️⃣ सरदार सरोवर
🟢 उत्तर: 3️⃣

🔵 प्रश्न 11:
कौन-सी नदी परियोजना बाढ़ नियंत्रण हेतु जानी जाती है?
🔴 1️⃣ भाखड़ा
🟢 2️⃣ दामोदर घाटी परियोजना
🟡 3️⃣ हीराकुंड
🔵 4️⃣ कावेरी
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 12:
भारत में जल संसाधन का असमान वितरण किस कारण है?
🔴 1️⃣ स्थलाकृति
🟢 2️⃣ जलवायु
🟡 3️⃣ जनसंख्या
🔵 4️⃣ मिट्टी
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 13:
भारत में जल प्रदूषण का प्रमुख स्रोत क्या है?
🔴 1️⃣ घरेलू कचरा
🟢 2️⃣ औद्योगिक अपशिष्ट
🟡 3️⃣ कृषि अपशिष्ट
🔵 4️⃣ उपरोक्त सभी
🟢 उत्तर: 4️⃣

🔵 प्रश्न 14:
जलागम क्षेत्र विकास का उद्देश्य है—
🔴 1️⃣ उद्योगों का विकास
🟢 2️⃣ जल संरक्षण और भूमि सुधार
🟡 3️⃣ शहरीकरण
🔵 4️⃣ सिंचाई विस्तार
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 15:
भारत में नहर सिंचाई का सर्वाधिक विकास किस राज्य में है?
🔴 1️⃣ पंजाब
🟢 2️⃣ उत्तर प्रदेश
🟡 3️⃣ हरियाणा
🔵 4️⃣ तमिलनाडु
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 16:
भूजल स्तर घटने का मुख्य कारण है—
🔴 1️⃣ वर्षा में वृद्धि
🟢 2️⃣ अत्यधिक दोहन
🟡 3️⃣ वृक्षारोपण
🔵 4️⃣ जल संचयन
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔵 प्रश्न 17:
भारत में जलविद्युत उत्पादन के लिए कौन-सा क्षेत्र सबसे उपयुक्त है?
🔴 1️⃣ उत्तर भारत
🟢 2️⃣ हिमालयी क्षेत्र
🟡 3️⃣ पठारी क्षेत्र
🔵 4️⃣ तटीय क्षेत्र
🟢 उत्तर: 2️⃣

🔷 Section B – Source-Based Questions (3 marks each)
🔵 प्रश्न 18:
“भारत में जल संसाधन सीमित हैं, लेकिन मांग तेजी से बढ़ रही है।”
🟢 (a) ऐसा क्यों हो रहा है?
🟢 (b) इसका परिणाम क्या है?
🟢 (c) समाधान बताइए।
🟢 उत्तर:
✳️ (a) जनसंख्या वृद्धि और औद्योगिकीकरण के कारण।
✳️ (b) जल की कमी, भूजल स्तर में गिरावट।
✳️ (c) वर्षा जल संचयन और कुशल प्रबंधन।

🔵 प्रश्न 19:
“जल संरक्षण सतत विकास की कुंजी है।”
🟢 (a) इस कथन की व्याख्या कीजिए।
🟢 (b) इसके उपाय बताइए।
🟢 (c) स्थानीय स्तर पर कौन-से परंपरागत तरीके उपयोगी हैं?
🟢 उत्तर:
✳️ (a) जल संरक्षण से कृषि, उद्योग, जीवन सब संतुलित रहते हैं।
✳️ (b) जल पुनर्चक्रण, जलागम प्रबंधन, वृक्षारोपण।
✳️ (c) बावड़ी, टांका, झीलें, नाड़ी।

🔷 Section C – Short Answer Questions (3 marks each)
🔵 प्रश्न 20:
भारत में जल संसाधनों के प्रमुख स्रोत बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सतही जल — नदियाँ, झीलें, तालाब।
2️⃣ भूमिगत जल — कुएँ, ट्यूबवेल।
3️⃣ वर्षा जल — मानसून से प्राप्त।

🔵 प्रश्न 21:
भारत में जल की समस्याएँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ असमान वितरण।
2️⃣ अत्यधिक दोहन।
3️⃣ प्रदूषण।
4️⃣ जल प्रबंधन की कमी।
5️⃣ जनसंख्या दबाव।

🔵 प्रश्न 22:
वर्षा जल संचयन के लाभ लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ भूजल स्तर बढ़ता है।
2️⃣ जल की उपलब्धता बनी रहती है।
3️⃣ सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए सहायक।
4️⃣ बाढ़ नियंत्रण में मददगार।

🔵 प्रश्न 23:
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ भाखड़ा नांगल (सतलुज)
2️⃣ हीराकुंड (महानदी)
3️⃣ दामोदर घाटी
4️⃣ नागार्जुन सागर (कृष्णा)
5️⃣ सरदार सरोवर (नर्मदा)

🔷 Section D – Long Answer Questions (5 marks each)
🔵 प्रश्न 24:
भारत में जल संसाधनों का असमान वितरण किन कारणों से होता है?
🟢 उत्तर:
✳️ मुख्य कारण:
1️⃣ भौगोलिक विविधता: उत्तर भारत में नदियाँ जल से भरपूर, परंतु पश्चिमी क्षेत्र शुष्क।
2️⃣ मानसून पर निर्भरता: वर्षा की मात्रा और समय में अनियमितता।
3️⃣ स्थलाकृति का प्रभाव: पर्वतीय और पठारी क्षेत्रों में जल का संचय कठिन।
4️⃣ जनसंख्या का दबाव: घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जल की अधिक मांग।
5️⃣ प्रबंधन की कमी: कुशल जल संरक्षण योजनाओं का अभाव।
📘 निष्कर्ष:
भारत में जल वितरण असमान है, इसलिए क्षेत्रीय स्तर पर योजनाबद्ध प्रबंधन आवश्यक है।

🔵 प्रश्न 25:
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाओं और उनके लाभों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ भाखड़ा नांगल परियोजना (सतलुज):
➤ सिंचाई, विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण।
✳️ 2️⃣ हीराकुंड परियोजना (महानदी):
➤ जलविद्युत, सिंचाई, मत्स्य पालन।
✳️ 3️⃣ दामोदर घाटी परियोजना:
➤ बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, उद्योगों के लिए जल।
✳️ 4️⃣ नागार्जुन सागर परियोजना (कृष्णा):
➤ सिंचाई और विद्युत उत्पादन।
✳️ 5️⃣ सरदार सरोवर परियोजना (नर्मदा):
➤ पेयजल, सिंचाई, बिजली, जल परिवहन।
📘 निष्कर्ष:
इन परियोजनाओं ने कृषि, उद्योग, और ऊर्जा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

🔵 प्रश्न 26:
भारत में जल संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ वर्षा जल संचयन: छतों, टैंकों और नालों से जल संग्रह।
✳️ 2️⃣ पारंपरिक तकनीकें: बावड़ी, टांका, झीलें।
✳️ 3️⃣ जल पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग।
✳️ 4️⃣ जलागम क्षेत्र विकास।
✳️ 5️⃣ वृक्षारोपण और भूमि संरक्षण।
✳️ 6️⃣ सिंचाई की आधुनिक तकनीकें (ड्रिप, स्प्रिंकलर)।
📘 निष्कर्ष:
जल संरक्षण से भविष्य में जल संकट को टाला जा सकता है।

🔵 प्रश्न 27:
भारत में जल संकट के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
✳️ सामाजिक प्रभाव:
1️⃣ पेयजल की कमी।
2️⃣ ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन।
3️⃣ जल विवाद और संघर्ष।
✳️ आर्थिक प्रभाव:
1️⃣ कृषि उत्पादन में कमी।
2️⃣ उद्योगों का संचालन प्रभावित।
3️⃣ विद्युत उत्पादन में कमी।
📘 निष्कर्ष:
जल संकट राष्ट्रीय विकास को प्रभावित करता है; इसके समाधान हेतु सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।

🔵 प्रश्न 28:
भारत में जल संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?
🟢 उत्तर:
✳️ 1️⃣ जल की बढ़ती मांग।
✳️ 2️⃣ असमान वितरण।
✳️ 3️⃣ जल प्रदूषण।
✳️ 4️⃣ जल का अत्यधिक दोहन।
✳️ 5️⃣ जनसंख्या वृद्धि।
✳️ 6️⃣ खाद्यान्न उत्पादन की आवश्यकता।
📘 निष्कर्ष:
संतुलित जल प्रबंधन से सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

🔷 Section E – Map-Based Questions (5 marks each)
🔵 प्रश्न 29:
विश्व के मानचित्र पर दर्शाइए —
🟢 (i) प्रमुख जलविद्युत क्षेत्र
🟢 (ii) प्रमुख वर्षा क्षेत्र
🟢 (iii) प्रमुख बाढ़ क्षेत्र
🟢 (iv) प्रमुख नदी घाटियाँ
🟢 (v) प्रमुख जल संरक्षण क्षेत्र
🟢 उत्तर:
📘 विश्व मानचित्र पर चिन्हित करें:
1️⃣ जलविद्युत – चीन, ब्राजील, कनाडा।
2️⃣ वर्षा क्षेत्र – अमेजन, दक्षिण-पूर्व एशिया।
3️⃣ बाढ़ क्षेत्र – बांग्लादेश, मिस्र।
4️⃣ नदी घाटियाँ – नील, मिसीसिपी, गंगा।
5️⃣ जल संरक्षण क्षेत्र – जापान, भारत।

🔵 प्रश्न 30:
भारत के मानचित्र पर दर्शाइए —
🟢 (i) भाखड़ा नांगल
🟢 (ii) हीराकुंड
🟢 (iii) दामोदर घाटी
🟢 (iv) नागार्जुन सागर
🟢 (v) सरदार सरोवर
🟢 उत्तर:
📘 भारत के मानचित्र पर इन परियोजनाओं को चिन्हित करें —
1️⃣ भाखड़ा नांगल – हिमाचल प्रदेश
2️⃣ हीराकुंड – ओडिशा
3️⃣ दामोदर – झारखंड/पश्चिम बंगाल
4️⃣ नागार्जुन सागर – तेलंगाना
5️⃣ सरदार सरोवर – गुजरात

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