BIOLOGY (Hindi), Class 12

Class 12 : Biology (Hindi) – अध्याय 8: मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🌱✨ प्रस्तावना
🦠 सूक्ष्म जीव अत्यन्त सूक्ष्म आकार के ऐसे जीव हैं जिन्हें देखने हेतु सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है। ये मिट्टी, जल, वायु, भोजन तथा मानव शरीर सहित लगभग हर पर्यावरण में पाए जाते हैं।
🌿 सूक्ष्म जीवों का मानव जीवन से सम्बन्ध द्विमुखी है — कुछ अत्यन्त लाभकारी हैं और मानव कल्याण में प्रत्यक्ष योगदान करते हैं, जबकि कुछ हानिकारक होकर रोग उत्पन्न करते हैं। इस अध्याय में हम उन उपयोगी सूक्ष्म जीवों का अध्ययन करेंगे जो घरेलू उपयोग, औद्योगिक उत्पादन, कृषि, पर्यावरण संरक्षण, अपशिष्ट जल शोधन, ऊर्जा निर्माण तथा जैव-नियंत्रण में महत्त्वपूर्ण हैं।


💡 अवधारणा:
🟢 सूक्ष्म जीव = अति सूक्ष्म पर अत्यन्त प्रभावशाली
🔵 लाभकारी योगदान = भोजन, औषधि, उर्वरता, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा
🔴 सावधानी = स्वच्छता, नियंत्रित परिस्थितियाँ, सुरक्षित प्रयोग

🧫 सूक्ष्म जीवों के प्रमुख समूह
🔵 जीवाणु 🧫 — एककोशिकीय, तीव्र वृद्धि, विविध जैव-रासायनिक क्रियाएँ; अनेक उपयोगी प्रजातियाँ किण्वन, नत्रजन स्थिरीकरण, अपशिष्ट अपघटन में सहायक।
🟢 कवक 🍄 — खमीर व बहुकोशिकीय फफूँद; किण्वन, एंजाइम निर्माण, जैव-अम्लों के उत्पादन में उपयोगी।
🟡 शैवाल 🌊 — प्रकाश-संश्लेषी; कुछ सूक्ष्म शैवाल पोषक तत्वों व जैव-ईंधन अनुसंधान में महत्त्वपूर्ण।
🔴 आदिजीव (प्रोटोजोआ) 🌿 — कुछ परपोषी; वर्तमान अध्याय के संदर्भ में उपयोगी उदाहरण सीमित, अतः बल अन्य समूहों पर।
💠 नील-हरित जीवाणु 💧 — प्रकाश-संश्लेषी सूक्ष्म जीव, नत्रजन स्थिरीकरण में उपयोगी, धान की खेती में लाभकारी।
✏️ नोट: यहाँ अध्ययन का केन्द्र लाभकारी भूमिका है; रोगजनक भूमिका का विस्तार अन्य अध्याय में दिया जाता है।

Illustration of penicillium mold colonies in a dish


🏠 घरेलू उत्पादों में सूक्ष्म जीवों की भूमिका
🥛 दही का निर्माण — दुग्धाम्ल किण्वन
🟢 दुग्धाम्ल जीवाणु दूध में उपस्थित शर्करा को दुग्धाम्ल में बदलते हैं। इससे दूध का pH घटता है, प्रोटीन जमते हैं और दही बनती है।
💡 लाभ: स्वाद, पाचन योग्यता, कुछ विटामिनों में वृद्धि; आंत्र हेतु उपयोगी जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है जिससे पाचन तन्त्र को सहायता मिलती है।
✔️ सावधानी: पूर्व संस्कृति की स्वच्छता, तापमान नियंत्रण तथा दूषण से बचाव।


🍞 आटे का फूलना — खमीर की क्रिया
🔵 खमीर आटे में उपस्थित शर्करा का अपघटन कर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है, जिससे आटा फूला-हल्का हो जाता है और रोटी, ब्रेड जैसी वस्तुओं का गुण बेहतर होता है।
🧪 नियंत्रित तापमान तथा आर्द्रता उचित बनावट के लिए आवश्यक हैं।
🍶 किण्वित पेय (घरेलू स्तर)
🟡 कुछ क्षेत्रों में पौध-रस या मीठे घोल का किण्वन कर पारम्परिक पेय बनाए जाते हैं।
✏️ नोट: इस प्रक्रिया का सामाजिक तथा स्वास्थ्य-सम्बन्धी आयाम है; अशुद्धता से बचाव, आयु सीमा तथा स्थानीय नियमों का पालन आवश्यक।



🏭 औद्योगिक उत्पादों में सूक्ष्म जीव
औद्योगिक उपयोग हेतु सूक्ष्म जीवों को बड़े किण्वक पात्रों में पाला जाता है, जहाँ तापमान, pH, वातन, पोषक माध्यम नियंत्रित रहते हैं। इससे उच्च शुद्धता तथा अधिक उपज प्राप्त होती है।


🧪 जैव-अम्लों का निर्माण
🟢 दुग्धाम्ल — दुग्ध पदार्थों, अचार, औषधि तथा कुछ उद्योगों में उपयोग।
🔵 सिरकाजनक अम्ल — खाद्य संरक्षण व स्वाद वृद्धि हेतु; शुद्धता व सांद्रता का सावधानीपूर्वक नियंत्रण आवश्यक।
🟡 नींबू अम्ल — पेय, खाद्य, औषधि तथा सौन्दर्य प्रसाधन में व्यापक उपयोग।


💡 अवधारणा:
किण्वन द्वारा कार्बनिक अम्लों का उत्पादन ऊर्जा-लाभकारी व पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हो सकता है, यदि अपशिष्ट का उचित प्रबन्ध किया जाए।


💊 प्रतिजैविक (रोगाणु-विरोधी पदार्थ)
🧬 कुछ कवक व जीवाणु ऐसे रासायनिक यौगिक बनाते हैं जो अन्य सूक्ष्म जीवों की वृद्धि रोकते हैं; इन्हीं को प्रतिजैविक कहा जाता है।
🟢 पेनिसिलिन — एक प्रसिद्ध प्रतिजैविक; अनेक जीवाणु जनित रोगों में उपयोगी।
🔵 अन्य उदाहरण — विभिन्न मृद्जीवों से प्राप्त विविध प्रतिजैविक; चिकित्सक की सलाह, उचित मात्रा और पूर्ण अवधि का पालन अनिवार्य।
✔️ सावधानी: अनुचित अथवा अधूरा सेवन प्रतिरोधी जीवाणु उत्पन्न कर सकता है; अतः स्व-चिकित्सा से बचें।


⚙️ एंजाइम एवं जैव-क्रियाशील अणु
🧪 एंजाइम = जैव-उत्प्रेरक; उद्योगों में स्टार्च, प्रोटीन, वसा के प्रसंस्करण, वस्त्र धुलाई, कागज-परिष्करण, पनीर निर्माण आदि में उपयोग।
💠 जैव-क्रियाशील अणु — कुछ सूक्ष्म जीव रक्तचाप नियंत्रक, प्रतिरक्षा सहायक अथवा दर्द-नियंत्रक अणु उत्पन्न करते हैं; इनका मानकीकरण व सुरक्षा-परीक्षण अत्यावश्यक।


🎨 पारम्परिक खाद्य-पदार्थों का किण्वन
🟢 अंकुरित अनाज, दाल, चावल आधारित मिश्रणों में सूक्ष्म जीव विटामिन बढ़ाते हैं, प्रोटीन की पाचन-योग्यता में सुधार लाते हैं तथा स्वाद समृद्ध करते हैं।
✏️ नोट: स्वच्छता, उचित तापमान, और शुद्ध प्रारम्भिक संस्कृति सफलता की कुंजी है।

🌾 कृषि में सूक्ष्म जीवों का योगदान
🌿 जैव उर्वरक
🟢 राइजोबियम-दलहनी सहजीवन — दलहनी पौधों की जड़ों में ग्रन्थियाँ बनाकर वायुमण्डलीय नत्रजन को उपयोगी रूप में बदलता है। इससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटती है और मिट्टी की दीर्घकालीन उर्वरता बढ़ती है।
🟡 नील-हरित जीवाणु — धान जैसी फसलों में नत्रजन की उपलब्धता बढ़ाते हैं; जल-धान प्रणालियों में विशेष लाभ।
🔵 मुक्त-जीवी नत्रजन स्थिरीकारक — कुछ जीवाणु बिना सहजीवन के ही नत्रजन को स्थिर कर मिट्टी को समृद्ध करते हैं।


💡 लाभ:
✔️ लागत में कमी
✔️ मिट्टी की जैव-विविधता का संरक्षण
✔️ दीर्घकालीन उत्पादकता में वृद्धि
🌱 जैव-नियंत्रण (कीट-रोग नियंत्रण में पर्यावरण-अनुकूल उपाय)
🧪 कुछ सूक्ष्म जीव कृषि कीटों के विरुद्ध सुरक्षित साधन प्रदान करते हैं।


🟢 विशिष्ट जीवाणु-आधारित तैयारी — शाकभक्षी लार्वा पर प्रभावी; लक्ष्य-विशिष्ट होने से पर-जीवों व मानव के लिए अधिक सुरक्षित।
🔵 कवकीय प्रतिपक्षी — पौध-रोगकारक फफूँद के विरुद्ध जैविक सुरक्षा कवच; खेत की जड़-परत में बसाकर रोग-नियंत्रण।
✏️ नोट: जैव-नियंत्रण में लक्ष्य-विशिष्टता, पर्यावरण-मित्रता एवं प्रतिरोध-न्यूनता बड़ी विशेषताएँ हैं; परन्तु समयबद्ध उपयोग, क्षेत्रीय उपयुक्तता और संगत कृषि-पद्धतियों का समन्वय आवश्यक है।

💧 अपशिष्ट जल का शोधन — सूक्ष्म जीव आधारित स्वच्छता
शहरी एवं औद्योगिक अपशिष्ट जल में उच्च कार्बनिक भार और रोगजनक हो सकते हैं। सूक्ष्म जीवों द्वारा बहु-चरणीय शोधन से जल को पर्यावरण में सुरक्षित निर्वहन योग्य बनाया जाता है।


1️⃣ प्राथमिक शोधन
🔵 जाली, अवसादन, तलछट पृथक्करण द्वारा ठोस कण निकाले जाते हैं।
🧠 उद्देश्य — आगे की जैव-क्रिया पर अनावश्यक भार घटाना।


2️⃣ द्वितीयक (जैव) शोधन
🟢 वायवीय जीवाणु तथा कवक कार्बनिक पदार्थों को अपघटित करते हैं।
💠 वातन टैंक में सूक्ष्म जीव कार्बनिक पदार्थों को सरल रूपों में बदलते हैं; फुल्लक (फ्लोक) जैसी संरचनाएँ बनती हैं जो जल से अलग की जाती हैं।
💧 परिणाम — जल का जैव-आक्सीजन मांग घटती है, यानी जल अपेक्षाकृत स्वच्छ होता है।


3️⃣ तृतीयक शोधन (जहाँ आवश्यक)
🟡 रासायनिक/भौतिक विधियाँ जैसे निस्यंदन, कीटाणु-नाशन; उद्देश्य — शेष सूक्ष्म जीव एवं घुलित अशुद्धियों का नियंत्रण।
✔️ लाभ: नदियों-झीलों का प्रदूषण घटता है; जल-जनित रोग का जोखिम कम होता है; पोषक तत्वों की अधिकता से होने वाले अतिपोषण पर नियन्त्रण।

🔥 जैव-ऊर्जा — जैव गैस संयंत्र
⚙️ सिद्धान्त
🟢 प्राणवायुरहित (निर-वायु) अपघटन में सूक्ष्म जीव जैविक पदार्थों (गोबर, कृषि-अवशेष, रसोई अपशिष्ट) को ज्वलनशील गैस मिश्रण में बदलते हैं जिसे जैव गैस कहा जाता है। इसमें मुख्यतः मीथेन तथा कार्बन डाइऑक्साइड होती हैं।


🏗️ संयंत्र की रूपरेखा
🔵 मिश्रण कुंड — गाद/पानी का गाढ़ा घोल
🟡 विघटन कक्ष — निर-वायु अवस्था; सूक्ष्म जीवों की क्रिया
🟢 गैस-संग्रह कक्ष — उत्पन्न गैस एकत्र
🟣 निकास कक्ष — प्रयुक्त मल-विसर्जन; खेतों के लिए पोषक-समृद्ध खाद के रूप में उपयोग


🌟 लाभ
✔️ स्वच्छ ईंधन
✔️ पशुपालन एवं कृषि अपशिष्ट का मूल्य-वर्धन
✔️ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
✔️ शेष कीचड़ उत्कृष्ट जैव-खाद
✏️ नोट: तापमान, pH और ठहराव समय का समुचित नियमन गैस-उपज के लिए आवश्यक है।

🧪 भोजन और पोषण में सूक्ष्म जीवों का योगदान
🌾 पोषक-वर्धन
🟢 किण्वन से भोजन में विटामिन बढ़ते हैं, एमिनो अम्ल का संतुलन सुधरता है, तथा पाचन-योग्यता बढ़ती है।
💡 दालों- अनाजों का अंकुरण व नियंत्रित किण्वन बाल स्वास्थ्य तथा कुपोषण-निवारण में सहायक सिद्ध हुआ है।


🍯 संरक्षण
🔵 कुछ अम्लीय किण्वन प्रक्रियाएँ भोजन को सूक्ष्मजीव वृद्धि से बचाती हैं; जैसे अचारों में अम्लीय वातावरण का निर्माण।
✔️ इससे शेल्फ-जीवन बढ़ता है तथा स्वाद बेहतर होता है।

🧬 सूक्ष्म जीव और औषधि-विज्ञान
💊 प्रतिजैविकों का तर्क
🟡 स्वाभाविक स्रोतों से प्राप्त प्रतिजैविक जीवाणु-भित्ति, प्रोटीन-संश्लेषण, न्यूक्लिक अम्ल निर्माण जैसे लक्ष्यों पर कार्य करते हैं।
🧠 चिकित्सा में संवर्धित शुद्धता, उचित मात्रा और अवधि के पालन से उच्च प्रभावशीलता बनी रहती है।


🧠 प्रतिरोध से सावधानी
🔴 अनियन्त्रित या अधूरे प्रयोग से प्रतिरोधी जीवाणु उभरते हैं, जिससे सामान्य उपचार निष्प्रभावी हो सकता है।
✔️ समाधान — चिकित्सकीय परामर्श, पूर्ण उपचार-अवधि, अनावश्यक सेवन से परहेज़।

🌍 पर्यावरण संरक्षण में सूक्ष्म जीव
🍃 अपघटक के रूप में भूमिका
🟢 सूक्ष्म जीव मृतजीव-अपशिष्टों का अपघटन कर पोषक तत्वों का चक्र चलाते हैं; इससे पारितन्त्र की उत्पादकता बनी रहती है।
💧 तेलीय/रासायनिक प्रदूषण में जैव-अपघटन
🔵 कुछ सूक्ष्म जीव जटिल कार्बनिक यौगिकों का क्रमिक अपघटन कर पर्यावरणीय भार घटाते हैं। क्षेत्रीय उपयुक्तता तथा सुरक्षा के साथ इनका नियंत्रित प्रयोग पर्यावरण-हितैषी विकल्प है।

🧠 सूक्ष्म जीवों की नियंत्रित संवर्धन तकनीक
⚙️ मूल घटक
🟢 पोषक माध्यम — कार्बन, नत्रजन, खनिज, सूक्ष्म पोषक
🟡 तापमान व pH — प्रजाति-विशिष्ट सीमा
🔵 वातन/निर-वायु दशा — उत्पाद के अनुसार
🟣 निष्क्रमण — दूषण से बचाव हेतु उपकरण व माध्यम की शुद्धता
🧪 उत्पादन की सन्निवेशित चरण-रचना


1️⃣ प्रारम्भिक संस्कृति → 2️⃣ बीज-टैंक → 3️⃣ मुख्य किण्वक → 4️⃣ अलगाव व शुद्धि → 5️⃣ गुण-नियन्त्रण → 6️⃣ पैकेजिंग
✏️ नोट: उत्पाद की शुद्धता, स्थिरता, सुरक्षा तथा लेबलन का नियमन अनिवार्य है।

🌿 सामाजिक-आर्थिक परिप्रेक्ष्य
💼 ग्रामीण आजीविका
🟢 जैव गैस, गोबर-आधारित ऊर्जा, जैव-खाद व किण्वित खाद्य ग्रामीण आय बढ़ाने के साधन हैं; इनसे ईंधन व्यय घटता है और खेत की मृदा-स्वास्थ्य सुधरती है।
🏙️ शहरी प्रबन्धन
🔵 अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र शहरों की जल-नदियों को प्रदूषण से राहत देते हैं; उपचारित जल का बागवानी व उद्योग में पुनः प्रयोग सम्भव है।
🛡️ स्वास्थ्य सुरक्षा
🟡 प्रतिजैविक व जैव-क्रियाशील अणु रोग-नियन्त्रण में सहायक; परन्तु जागरूकता, निर्देशों का पालन और प्रतिरोध रोकथाम भी उतने ही महत्त्वपूर्ण।

✏️ महत्त्वपूर्ण सावधानियाँ (व्यावहारिक दृष्टि)
🔴 स्वच्छता: प्रारम्भिक संस्कृति, उपकरण तथा कच्चे माल की शुद्धता बनाए रखें।
🟢 तापमान-परीक्षण: किण्वन के प्रत्येक चरण पर तापमान, pH और समय का लेखा-जोखा रखें।
🟡 सुरक्षा: बंद किण्वक, दाब-नियन्त्रक तथा निकास-प्रणाली का समुचित रख-रखाव; परीक्षणित उत्पाद ही वितरण में जाए।
🔵 अपशिष्ट प्रबन्धन: बची हुई गाद, निष्प्रयोज्य घोलों का पर्यावरण-अनुकूल निस्तारण; जहाँ सम्भव हो, जैव-खाद के रूप में पुनः उपयोग।

💡 क्यों आवश्यक है यह अध्याय
🌿 यह अध्याय दिखाता है कि आकार में सूक्ष्म किन्तु क्रिया में महाबली ये जीव भोजन, औषधि, ऊर्जा, कृषि, जल-शुद्धता तथा पर्यावरण संरक्षण के स्तम्भ बन सकते हैं।
🧠 विज्ञान-आधारित नियमन और समुदाय-आधारित अपनाव से सूक्ष्म जीव आर्थिक वृद्धि और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों में योगदान देते हैं।
✔️ सतत विकास की दिशा में सूक्ष्म जीव कम लागत, उच्च लाभ तथा पर्यावरण-हितैषी विकल्प प्रदान करते हैं।

🧭 अध्यायानुक्रमित बिन्दुवार व्याख्या (एनसीईआरटी क्रम के अनुरूप)
🔹 घरेलू उत्पाद: दही, आटे का फूलना, पारम्परिक किण्वित पेय — स्वाद, पाचन तथा पोषण में लाभ।
🔹 औद्योगिक उत्पाद: जैव-अम्ल, प्रतिजैविक, एंजाइम, जैव-क्रियाशील अणु — नियंत्रित किण्वन द्वारा उच्च शुद्धता।
🔹 अपशिष्ट जल शोधन: प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक — फुल्लक निर्माण, जैव-आक्सीजन मांग में कमी, स्वच्छ जल।
🔹 जैव गैस: निर-वायु अपघटन, ग्राम-स्तरीय ऊर्जा, शेष कीचड़ जैव-खाद।
🔹 जैव-नियंत्रण: लक्ष्य-विशिष्ट सूक्ष्म जीव, पर्यावरण-मित्र विकल्प, लाभकारी जीवों का संरक्षण।
🔹 जैव उर्वरक: सहजीवी व मुक्त-जीवी नत्रजन स्थिरीकारक, नील-हरित जीवाणु, दीर्घकालीन मृदा-स्वास्थ्य।

📝 त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Recap)
🌿 सूक्ष्म जीव हर जगह उपस्थित; आकार सूक्ष्म, प्रभाव व्यापक।
🍶 घरेलू किण्वन से दही, आटे का फूलना, स्वाद व पाचन में सुधार।
🏭 औद्योगिक किण्वन द्वारा जैव-अम्ल, प्रतिजैविक, एंजाइम, जैव-क्रियाशील अणु का उत्पादन।
💧 अपशिष्ट जल शोधन में फुल्लक व वायवीय अपघटन; जल-जनित जोखिम में कमी।
🔥 जैव गैस संयंत्र — स्वच्छ ऊर्जा, शेष कीचड़ जैव-खाद।
🌾 जैव उर्वरक — नत्रजन स्थिरीकरण; रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता घटती है।
🛡️ जैव-नियंत्रण — लक्ष्य-विशिष्ट, पर्यावरण-मित्र।
✔️ सुरक्षा व स्वच्छता — उत्पादन-गुणवत्ता और स्वास्थ्य संरक्षण की पूर्वशर्त।

📘 सारांश
🦠 सूक्ष्म जीव मानव कल्याण में बहु-आयामी भूमिका निभाते हैं। घरेलू स्तर पर ये भोजन की पौष्टिकता व स्वाद बढ़ाते हैं, औद्योगिक स्तर पर जैव-अम्ल, प्रतिजैविक, एंजाइम तथा जैव-क्रियाशील अणु देते हैं, कृषि में जैव उर्वरक के रूप में मृदा-स्वास्थ्य और उत्पादकता बढ़ाते हैं, पर्यावरण में अपशिष्ट जल शोधन तथा जैव-अपघटन के माध्यम से स्वच्छता लाते हैं, और ऊर्जा क्षेत्र में जैव गैस जैसे स्वच्छ विकल्प उपलब्ध कराते हैं।
🌿 यदि इन्हें नियोजित, स्वच्छ और वैज्ञानिक ढंग से अपनाया जाए तो सूक्ष्म जीव स्वास्थ्य सुरक्षा, आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में सशक्त साधन सिद्ध होते हैं।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🔵 प्रश्न 1. जीवाणुओं को नंगी आँखों द्वारा नहीं देखा जा सकता, परंतु सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। यदि आपको अपने घर से अपनी जीव विज्ञान प्रयोगशाला तक एक नमूना ले जाना हो, और सूक्ष्मजीव की सहायता से हुए सड़े मांस से सूक्ष्मजीव की उपस्थिति को प्रदर्शित करना हो, तो किस प्रकार का नमूना आप लेंगे और क्यों?
🟢 उत्तर:
📘 सड़े मांस में जीवाणु एवं कवक जैसे सूक्ष्मजीव पाये जाते हैं जो अपघटन करते हैं।
📗 इसलिए सड़े मांस का छोटा भाग एक साफ स्लाइड पर रखकर उस पर कवर-स्लिप लगाकर नमूना बनाया जा सकता है।
📙 इसे माइक्रोस्कोप के नीचे देखने पर बैक्टीरिया के समूह दिखेंगे।
✔️ यह नमूना सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति और अपघटन क्रिया दोनों को दर्शाता है।

🔵 प्रश्न 2. उपयोग के आधार पर सूक्ष्मजीवों का वर्गीकरण करो; उदाहरण सहित चित्र दो।
🟢 उत्तर:
📘 सूक्ष्मजीवों का उपयोग आधारित वर्गीकरण:
1️⃣ औद्योगिक सूक्ष्मजीव: दही, पनीर, शराब बनाने में (उदा. Lactobacillus, Saccharomyces)
2️⃣ चिकित्सकीय सूक्ष्मजीव: एंटीबायोटिक उत्पादन (उदा. Penicillium)
3️⃣ कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव: नाइट्रोजन स्थिरीकरण (उदा. Rhizobium)
4️⃣ हानिकारक सूक्ष्मजीव: रोगजनक जैसे Mycobacterium tuberculosis
✔️ चित्र: दूध से दही बनने की प्रक्रिया का चित्र बनाया जा सकता है।

🔵 प्रश्न 3. किन भोज्य पदार्थों में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया मिलते हैं? इनके कुछ लाभकारी उपयोगों का वर्णन करो।
🟢 उत्तर:
📘 लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (LAB) दही, पनीर, बटरमिल्क, किण्वित दूध उत्पादों में पाये जाते हैं।
📗 उपयोग:
दूध को दही में परिवर्तित करते हैं।
आँतों में रोगजनक जीवाणुओं को नष्ट करते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाते हैं।
विटामिन B समूह का निर्माण करते हैं।

🔵 प्रश्न 4. कुछ पारंपरिक भारतीय आहार जैसे दही, चावल तथा चना (अथवा उनके उत्पाद) से बनते हैं और उनमें सूक्ष्मजीवों का प्रयोग शामिल हो, उनके नाम बताओ।
🟢 उत्तर:
📘 पारंपरिक खाद्य जिनमें सूक्ष्मजीवों का प्रयोग होता है:
दही – Lactobacillus
ढोकला, इडली – Saccharomyces cerevisiae (यीस्ट)
चना, अचार – Leuconostoc
✔️ ये खाद्य स्वादिष्ट, सुपाच्य और पोषक बनते हैं।

🔵 प्रश्न 5. हानिकारक जीवाणु द्वारा उत्पन्न रोगों के नियंत्रण में किस प्रकार सूक्ष्मजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
🟢 उत्तर:
📘 सूक्ष्मजीव एंटीबायोटिक्स, टीके और जैव-नियंत्रक बनाकर रोग नियंत्रण में सहायक हैं।
📗 उदाहरण:
Penicillium notatum → Penicillin (जीवाणु रोगों के उपचार हेतु)
Bacillus thuringiensis → कीट-नियंत्रण हेतु जैव कीटनाशक
Rhizobium → पौधों को पोषण देकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

🔵 प्रश्न 6. किन्हीं दो कवक प्रजातियों के नाम लिखें, जिनका प्रयोग प्रतिजैविकों (एंटीबायोटिक्स) के उत्पादन में किया जाता है।
🟢 उत्तर:
📘 प्रतिजैविक उत्पादक कवक:
1️⃣ Penicillium notatum → Penicillin
2️⃣ Cephalosporium acremonium → Cephalosporin
✔️ ये एंटीबायोटिक रोगजनक जीवाणुओं को नष्ट करते हैं।

🔵 प्रश्न 7. बाह्यविसर्जन से आप क्या समझते हैं, बाह्यविसर्जन हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक है?
🟢 उत्तर:
📘 बाह्यविसर्जन (Fermentation): सूक्ष्मजीवों द्वारा ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पदार्थों का विघटन।
📗 लाभ:
अल्कोहल, दही, सिरका, पनीर का निर्माण।
जैव ईंधन (बायोगैस) का उत्पादन।
खाद्य पदार्थों का संरक्षण और स्वाद बढ़ाना।

🔵 प्रश्न 8. प्राथमिक तथा द्वितीयक बाह्यविसर्जन उपचार के बीच पाए जाने वाले मुख्य अंतर कौन से हैं?
🟢 उत्तर:
📘 प्राथमिक उपचार:
भौतिक विधि से बड़े कणों को हटाना।
छानना, अवसादन आदि प्रक्रियाएँ।
📗 द्वितीयक उपचार:
जैविक विधि, जिसमें सूक्ष्मजीव अपघटन करते हैं।
अपशिष्ट में कार्बनिक पदार्थों को कम करते हैं।
✔️ द्वितीयक उपचार जल को अधिक स्वच्छ बनाता है।



🔵 प्रश्न 9. सूक्ष्मजीवों का प्रयोग ऊर्जा के स्रोतों के रूप में भी किया जा सकता है। यदि हाँ, तो किस प्रकार से इस पर विचार करें।
🟢 उत्तर:
📘 सूक्ष्मजीवों द्वारा ऊर्जा उत्पादन बायोगैस के रूप में किया जा सकता है।
📗 प्रक्रिया:
अपशिष्ट जल, गोबर, जैव अपशिष्ट को मीथेनोजेनिक जीवाणु (जैसे Methanobacterium) द्वारा विघटित किया जाता है।
परिणामस्वरूप मीथेन (CH₄), CO₂, और H₂ गैसें उत्पन्न होती हैं।
📙 लाभ:
यह गैस ईंधन के रूप में उपयोगी है।
पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ऊर्जा का स्रोत है।

🔵 प्रश्न 10. सूक्ष्मजीवों का प्रयोग स्थायित्व उर्वरक तथा कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। यह किस प्रकार संभव है? व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर:
📘 जैव उर्वरक: Rhizobium, Azospirillum, Anabaena आदि नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता घटती है।
📗 जैव कीटनाशक: Bacillus thuringiensis कीटनाशक विष उत्पन्न करता है, जो हानिकारक कीटों को मारता है।
✔️ इससे रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता घटती है, मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है।

🔵 प्रश्न 11. जल के तीन नमूने लें – नदी का जल, सीवेज उपचार संयंत्र से निकला जल तथा आसुत जल। इन नमूनों में ‘a’, ‘b’, ‘c’ की ऑक्सीजन की मात्रा का क्रम क्या होगा?
🟢 उत्तर:
📘 ऑक्सीजन मात्रा का क्रम:
आसुत जल (c) > नदी जल (a) > सीवेज जल (b)
📗 कारण:
सीवेज जल में अधिक कार्बनिक पदार्थ → सूक्ष्मजीवों द्वारा अधिक उपभोग → ऑक्सीजन कम।
आसुत जल में कोई जैविक पदार्थ नहीं → ऑक्सीजन अधिक।

🔵 प्रश्न 12. उस सूक्ष्मजीव का नाम बताइए जिससे साइक्लोस्पोरिन-ए (प्रतिरक्षादमनकारी औषधि) तथा स्टेटिन (रक्त कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक कारक) प्राप्त किया जाता है।
🟢 उत्तर:
📘 साइक्लोस्पोरिन-ए: Trichoderma polysporum
📗 स्टेटिन: Monascus purpureus
✔️ पहला अंग प्रत्यारोपण में अस्वीकृति को रोकता है; दूसरा रक्त कोलेस्ट्रॉल घटाता है।

🔵 प्रश्न 13. निम्नलिखित में सूक्ष्मजीवों की भूमिका की पहचान करें तथा अपने अध्ययन से इनके विषय में विचार प्रस्तुत करें —
(क) एरिथ्रोमाइसिन (ख) मूत्र
🟢 उत्तर:
📘 (क) एरिथ्रोमाइसिन – Streptomyces erythraeus से प्राप्त प्रतिजैविक, जो जीवाणु संक्रमण में उपयोगी है।
📗 (ख) मूत्र में सूक्ष्मजीवों की जाँच से संक्रमण का पता चलता है (UTI रोग निदान)।

🔵 प्रश्न 14. निम्नलिखित को घटते क्रम में मानव समाज कल्याण के प्रति उनके महत्त्व के अनुसार संयोजित करें: बायोगैस, एंटीबायोटिक, पेनीसिलिन, शराब।
🟢 उत्तर:
📘 घटते महत्त्व का क्रम:
एंटीबायोटिक > पेनीसिलिन > बायोगैस > शराब
✔️ रोगनिवारण को सर्वोच्च प्राथमिकता, तत्पश्चात ऊर्जा स्रोत और औद्योगिक उपयोग।

🔵 प्रश्न 15. जैव उर्वरक किस प्रकार से मृदा की उर्वरता को बढ़ाते हैं?
🟢 उत्तर:
📘 जैव उर्वरक जैसे Rhizobium, Azotobacter, Anabaena मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं।
📗 ये मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाते हैं, रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता घटाते हैं।
✔️ परिणामस्वरूप मृदा की संरचना और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

✅ सारांश:
यह पाठ दर्शाता है कि सूक्ष्मजीव न केवल खाद्य निर्माण में सहायक हैं बल्कि ऊर्जा उत्पादन, रोग नियंत्रण, औषधि निर्माण, मृदा उर्वरता तथा पर्यावरण संरक्षण में भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न



🔵 प्रश्न 1:
सूक्ष्मजीवों का अध्ययन किस विज्ञान की शाखा में किया जाता है?
🔴 1️⃣ जैव प्रौद्योगिकी
🟢 2️⃣ सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology)
🟡 3️⃣ जीव रसायन
🔵 4️⃣ विषाणु विज्ञान
🟢 उत्तर: 2️⃣ सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology)

🔵 प्रश्न 2:
खमीर (Yeast) का उपयोग किस उद्योग में किया जाता है?
🔴 1️⃣ दुग्ध उद्योग
🟢 2️⃣ मद्य निर्माण (Alcohol Industry)
🟡 3️⃣ औषधि निर्माण
🔵 4️⃣ जल शोधन
🟢 उत्तर: 2️⃣ मद्य निर्माण (Alcohol Industry)

🔵 प्रश्न 3:
पनीर निर्माण में कौन-सा जीव सहायक होता है?
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Lactobacillus
🟡 3️⃣ Penicillium
🔵 4️⃣ Aspergillus
🟢 उत्तर: 2️⃣ Lactobacillus

🔵 प्रश्न 4:
एंटीबायोटिक पेनिसिलिन की खोज किसने की थी?
🔴 1️⃣ लुई पाश्चर
🟢 2️⃣ अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग
🟡 3️⃣ स्टेनली मिलर
🔵 4️⃣ रॉबर्ट कोच
🟢 उत्तर: 2️⃣ अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग

🔵 प्रश्न 5:
कौन-सा जीव मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है?
🔴 1️⃣ Azotobacter
🟢 2️⃣ Rhizobium
🟡 3️⃣ Pseudomonas
🔵 4️⃣ Clostridium
🟢 उत्तर: 2️⃣ Rhizobium

🔵 प्रश्न 6:
एंटीबायोटिक क्या है?
🔴 1️⃣ सूक्ष्मजीवों से उत्पन्न विष
🟢 2️⃣ सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित वह पदार्थ जो अन्य जीवाणुओं को नष्ट करता है
🟡 3️⃣ पोषक तत्व
🔵 4️⃣ विटामिन
🟢 उत्तर: 2️⃣ सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित वह पदार्थ जो अन्य जीवाणुओं को नष्ट करता है

🔵 प्रश्न 7:
खाद्य पदार्थों के संरक्षण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका क्या है?
🔴 1️⃣ खाद्य पदार्थ को खराब करते हैं
🟢 2️⃣ किण्वन द्वारा स्वाद व सुगंध बढ़ाते हैं
🟡 3️⃣ पोषकता घटाते हैं
🔵 4️⃣ अपशिष्ट बनाते हैं
🟢 उत्तर: 2️⃣ किण्वन द्वारा स्वाद व सुगंध बढ़ाते हैं

🔵 प्रश्न 8:
जैव गैस में प्रमुख घटक कौन-सा होता है?
🔴 1️⃣ कार्बन डाइऑक्साइड
🟢 2️⃣ मीथेन
🟡 3️⃣ ऑक्सीजन
🔵 4️⃣ हाइड्रोजन
🟢 उत्तर: 2️⃣ मीथेन

🔵 प्रश्न 9:
रासायनिक उर्वरक के स्थान पर उपयोग होने वाला जैव उर्वरक कौन है?
🔴 1️⃣ Azolla-Anabaena
🟢 2️⃣ Rhizopus
🟡 3️⃣ Mucor
🔵 4️⃣ Euglena
🟢 उत्तर: 1️⃣ Azolla-Anabaena

🔵 प्रश्न 10:
कौन-सा सूक्ष्मजीव एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमाइसिन बनाता है?
🔴 1️⃣ Streptococcus
🟢 2️⃣ Streptomyces griseus
🟡 3️⃣ Penicillium notatum
🔵 4️⃣ Lactobacillus
🟢 उत्तर: 2️⃣ Streptomyces griseus

🔵 प्रश्न 11:
किण्वन (Fermentation) की प्रक्रिया क्या है?
🟢 उत्तर:
किण्वन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव कार्बोहाइड्रेट को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में अल्कोहल, अम्ल या गैस में परिवर्तित करते हैं। यह उद्योगों में पनीर, दही और शराब बनाने में उपयोगी है।

🔵 प्रश्न 12:
सूक्ष्मजीव कृषि में किस प्रकार उपयोगी हैं?
🟢 उत्तर:
सूक्ष्मजीव मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं, नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं और जैव उर्वरक (Biofertilizers) के रूप में उपयोगी हैं। जैसे Rhizobium, Azospirillum आदि पौधों की वृद्धि में सहायक हैं।

🔴 प्रश्न 13:
सूक्ष्मजीवों के औद्योगिक उपयोग स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सूक्ष्मजीव उद्योगों में किण्वन, दवा निर्माण और जैव गैस उत्पादन में प्रयोग होते हैं।
2️⃣ Saccharomyces cerevisiae (खमीर) अल्कोहल व पेय पदार्थ बनाने में प्रयोग किया जाता है।
3️⃣ Streptomyces और Penicillium औषधियों जैसे एंटीबायोटिक बनाने में उपयोगी हैं।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव मानव उद्योगों के लिए अमूल्य जैव संसाधन हैं।

🔴 प्रश्न 14:
दुग्ध उत्पादों के निर्माण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ Lactobacillus बैक्टीरिया दूध में लैक्टोज़ को लैक्टिक अम्ल में बदल देता है।
2️⃣ इससे दही, पनीर, मक्खन और छाछ तैयार होती है।
3️⃣ यह अम्लीयता स्वाद व सुगंध प्रदान करती है और पोषकता बढ़ाती है।
✔️ निष्कर्ष: दुग्ध उद्योग में सूक्ष्मजीवों की भूमिका अनिवार्य है।

🔴 प्रश्न 15:
एंटीबायोटिक क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ एंटीबायोटिक वे रासायनिक पदार्थ हैं जो सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित होकर अन्य सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकते हैं।
2️⃣ उदाहरण – पेनिसिलिन (Penicillium notatum), स्ट्रेप्टोमाइसिन (Streptomyces griseus)।
3️⃣ इनका उपयोग संक्रामक रोगों के उपचार में किया जाता है।
✔️ निष्कर्ष: एंटीबायोटिक ने आधुनिक चिकित्सा में क्रांति लाई है।

🔴 प्रश्न 16:
पेनिसिलिन की खोज कैसे हुई?
🟢 उत्तर:
1️⃣ 1928 में अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग ने Penicillium notatum नामक कवक से पेनिसिलिन खोजी।
2️⃣ उन्होंने देखा कि यह कवक Staphylococcus बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है।
3️⃣ बाद में फ्लोरी और चेन ने इसे शुद्ध कर औद्योगिक स्तर पर उपयोग किया।
✔️ निष्कर्ष: पेनिसिलिन पहली प्रभावी एंटीबायोटिक थी जिसने लाखों जीवन बचाए।

🔴 प्रश्न 17:
जैव उर्वरक (Biofertilizer) क्या हैं और उनके प्रकार बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ जैव उर्वरक वे सूक्ष्मजीव हैं जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण या पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं।
2️⃣ उदाहरण – Rhizobium, Azospirillum, Anabaena, Azolla आदि।
3️⃣ ये मिट्टी की उर्वरता बनाए रखते हैं और रासायनिक उर्वरकों का विकल्प हैं।
✔️ निष्कर्ष: जैव उर्वरक सतत कृषि के लिए आवश्यक हैं।

🔴 प्रश्न 18:
जैव गैस संयंत्र के घटक लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ मिश्रण टैंक – गोबर और पानी का घोल तैयार करने हेतु।
2️⃣ पाचन टैंक – सूक्ष्मजीवों द्वारा अवायुश्वसन से गैस उत्पन्न होती है।
3️⃣ गैस भंडारण गुंबद – उत्पन्न मीथेन गैस को संचित करता है।
✔️ निष्कर्ष: जैव गैस संयंत्र ऊर्जा उत्पादन और अपशिष्ट प्रबंधन दोनों में सहायक है।

🔴 प्रश्न 19:
सूक्ष्मजीवों की भूमिका अपशिष्ट जल शोधन में बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ अपशिष्ट जल में सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों का अपघटन करते हैं।
2️⃣ सक्रिय कीचड़ प्रक्रिया (Activated Sludge Process) में एरोबिक जीव उपयोग किए जाते हैं।
3️⃣ इससे जल की गुणवत्ता सुधरती है और इसे पुनः प्रयोग किया जा सकता है।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव पर्यावरण शुद्धि के प्राकृतिक कारक हैं।

🔴 प्रश्न 20:
एंटीबायोटिक के दुरुपयोग के क्या दुष्परिणाम हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ अनावश्यक उपयोग से सूक्ष्मजीवों में प्रतिरोधकता (Resistance) विकसित होती है।
2️⃣ यह औषधियों की प्रभावशीलता घटाता है।
3️⃣ यकृत और गुर्दे पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
✔️ निष्कर्ष: एंटीबायोटिक का उपयोग केवल चिकित्सकीय सलाह से ही करना चाहिए।

🔴 प्रश्न 21:
एंटीबायोटिक उत्पादन के औद्योगिक चरण लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ उपयुक्त सूक्ष्मजीव का चयन।
2️⃣ बड़े किण्वन टैंकों में संवर्धन।
3️⃣ उत्पाद का पृथक्करण, शुद्धिकरण और पैकेजिंग।
✔️ निष्कर्ष: नियंत्रित परिस्थितियों में यह उत्पादन उद्योगों में किया जाता है।

🔴 प्रश्न 22:
कृषि में सूक्ष्मजीवों के लाभ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ ये नाइट्रोजन स्थिरीकरण और पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं।
2️⃣ जैव कीटनाशक के रूप में कार्य कर हानिकारक कीटों को नियंत्रित करते हैं।
3️⃣ मिट्टी की संरचना व जल धारण क्षमता सुधारते हैं।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव कृषि की उत्पादकता बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैं।


🔴 प्रश्न 23:
औषधि निर्माण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सूक्ष्मजीवों द्वारा अनेक औषधियाँ जैसे एंटीबायोटिक, टीके और विटामिन बनाए जाते हैं।
2️⃣ Penicillium notatum से पेनिसिलिन, Streptomyces griseus से स्ट्रेप्टोमाइसिन, तथा Cephalosporium से सेफालोस्पोरिन तैयार होता है।
3️⃣ ये औषधियाँ जीवाणु संक्रमण को नियंत्रित कर जीवनरक्षक सिद्ध हुईं।
4️⃣ इसके अतिरिक्त सूक्ष्मजीवों से टीकाकरण हेतु प्रतिजन भी निर्मित होते हैं।
✔️ निष्कर्ष: औषधि उद्योग सूक्ष्मजीवों के बिना संभव नहीं; ये मानव स्वास्थ्य के लिए अमूल्य हैं।

🔴 प्रश्न 24:
खाद्य एवं पेय उद्योगों में सूक्ष्मजीवों की उपयोगिता समझाइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सूक्ष्मजीव किण्वन द्वारा खाद्य पदार्थों का स्वाद, सुगंध और गुणवत्ता बढ़ाते हैं।
2️⃣ Lactobacillus से दही, Saccharomyces cerevisiae से मद्य और ब्रेड तैयार होती है।
3️⃣ सोया सॉस, सिरका, पनीर आदि उद्योगों में इनका उपयोग होता है।
4️⃣ सूक्ष्मजीव न केवल स्वाद सुधारते हैं बल्कि विटामिन B समूह भी बढ़ाते हैं।
✔️ निष्कर्ष: खाद्य उद्योग में सूक्ष्मजीवों ने उत्पादन और संरक्षण दोनों क्षेत्रों में क्रांति की है।

🔴 प्रश्न 25:
जैव गैस उत्पादन की प्रक्रिया का वर्णन करें।
🟢 उत्तर:
1️⃣ गोबर और अन्य जैव अपशिष्टों को जल के साथ मिलाकर जैव गैस संयंत्र में डाला जाता है।
2️⃣ अवायुश्वसन (Anaerobic digestion) द्वारा Methanobacterium जैसे जीव कार्बनिक पदार्थों को अपघटित करते हैं।
3️⃣ इससे मीथेन, CO₂ और H₂ गैस बनती है।
4️⃣ उत्पन्न गैस का उपयोग ईंधन के रूप में खाना पकाने और ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है।
✔️ निष्कर्ष: जैव गैस ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है।

🔴 प्रश्न 26:
जैव उर्वरकों के प्रकार और महत्व लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ जैव उर्वरक वे जीव हैं जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सहायता करते हैं।
2️⃣ प्रकार —
🔹 बैक्टीरिया: Rhizobium, Azospirillum
🔹 शैवाल: Anabaena, Nostoc
🔹 कवक: Mycorrhiza
3️⃣ ये मिट्टी की संरचना सुधारते हैं और फसलों की उपज बढ़ाते हैं।
✔️ निष्कर्ष: जैव उर्वरक सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक हैं।

🔴 प्रश्न 27:
अपशिष्ट जल शोधन में सूक्ष्मजीवों की भूमिका बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ अपशिष्ट जल में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित किए जाते हैं।
2️⃣ प्राथमिक उपचार में भारी ठोस पदार्थ हटाए जाते हैं।
3️⃣ द्वितीयक उपचार में एरोबिक बैक्टीरिया Pseudomonas और Nitrosomonas सक्रिय कीचड़ बनाते हैं।
4️⃣ इस प्रक्रिया से जल स्वच्छ होकर पुनः प्रयोग योग्य बनता है।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव पर्यावरण संरक्षण के सच्चे मित्र हैं।

🔴 प्रश्न 28:
सूक्ष्मजीवों द्वारा कीट नियंत्रण कैसे किया जाता है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ कुछ सूक्ष्मजीव जैव कीटनाशक के रूप में कार्य करते हैं।
2️⃣ Bacillus thuringiensis (Bt) नामक जीव कीट लार्वा को मारने वाला प्रोटीन बनाता है।
3️⃣ इस जीव को कपास जैसी फसलों में प्रयुक्त किया गया है।
4️⃣ इससे रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग घटा और पर्यावरण को कम हानि पहुँची।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव आधारित कीट नियंत्रण सुरक्षित व पर्यावरण-अनुकूल तरीका है।

🔴 प्रश्न 29:
रासायनिक प्रदूषण नियंत्रण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका समझाइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ कुछ सूक्ष्मजीव विषैले रासायनिक पदार्थों का अपघटन कर हानिरहित उत्पाद बनाते हैं।
2️⃣ Pseudomonas putida तेल प्रदूषण को दूर करता है।
3️⃣ जैव उपचार (Bioremediation) में इन सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है।
4️⃣ यह प्रक्रिया औद्योगिक अपशिष्टों के निष्प्रभावीकरण में अत्यंत उपयोगी है।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव प्रदूषण नियंत्रण की प्राकृतिक और सतत तकनीक हैं।

🔴 प्रश्न 30:
मानव जीवन में सूक्ष्मजीवों का समग्र योगदान स्पष्ट करें।
🟢 उत्तर:
1️⃣ सूक्ष्मजीव औषधि, कृषि, उद्योग, ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण शोधन में सहायक हैं।
2️⃣ ये खाद्य पदार्थों का संरक्षण और पोषण बढ़ाते हैं।
3️⃣ जैव उर्वरक व जैव गैस के रूप में ये पर्यावरण-सुरक्षा में योगदान देते हैं।
4️⃣ इनका अत्यधिक या अनुचित प्रयोग हानिकारक भी हो सकता है।
✔️ निष्कर्ष: सूक्ष्मजीव मानव कल्याण के आधार हैं — “सूक्ष्म जगत, विशाल योगदान।”

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Neet पिछले सालों के प्रश्न


🔵 प्रश्न 1. पेनिसिलिन की खोज किसने की
🟡 अ. अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग
🟡 ब. लुई पाश्चर
🟡 स. रॉबर्ट कॉख
🟡 द. वॉटसन
🟢 उत्तर: अ. अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग
📅 NEET 2017

🔵 प्रश्न 2. लैक्टिक अम्ल के उत्पादन में कौन-सा सूक्ष्म जीव प्रयुक्त होता है
🟡 अ. लैक्टोबैसिलस
🟡 ब. एसीटोबैक्टर
🟡 स. यीस्ट
🟡 द. क्लोस्ट्रीडियम
🟢 उत्तर: अ. लैक्टोबैसिलस
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 3. शराब (इथेनॉल) के औद्योगिक उत्पादन में प्रयुक्त सूक्ष्म जीव है
🟡 अ. एसीटोबैक्टर
🟡 ब. यीस्ट (सैकेरोमाइसिस सेरेविसीए)
🟡 स. लैक्टोबैसिलस
🟡 द. स्ट्रेप्टोमाइसिस
🟢 उत्तर: ब. यीस्ट (सैकेरोमाइसिस सेरेविसीए)
📅 NEET 2015


🔵 प्रश्न 4. एंटीबायोटिक्स के औद्योगिक उत्पादन में सबसे अधिक प्रयुक्त जीव है
🟡 अ. यीस्ट
🟡 ब. स्ट्रेप्टोमाइसिस
🟡 स. लैक्टोबैसिलस
🟡 द. माइकोबैक्टीरियम
🟢 उत्तर: ब. स्ट्रेप्टोमाइसिस
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 5. दही जमाने के लिए कौन-सा जीव जिम्मेदार है
🟡 अ. लैक्टोबैसिलस बुल्गारिकस
🟡 ब. एसीटोबैक्टर
🟡 स. यीस्ट
🟡 द. पेनिसिलियम
🟢 उत्तर: अ. लैक्टोबैसिलस बुल्गारिकस
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 6. विटामिन B12 का उत्पादन किस जीवाणु से होता है
🟡 अ. प्रोपियोनोबैक्टरियम
🟡 ब. लैक्टोबैसिलस
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. यीस्ट
🟢 उत्तर: अ. प्रोपियोनोबैक्टरियम
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 7. साइट्रिक अम्ल के उत्पादन के लिए प्रयुक्त फफूंद है
🟡 अ. एसीटोबैक्टर
🟡 ब. एस्परजिलस नाइजर
🟡 स. पेनिसिलियम
🟡 द. लैक्टोबैसिलस
🟢 उत्तर: ब. एस्परजिलस नाइजर
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 8. स्टैटिन्स किसके नियंत्रण हेतु प्रयुक्त होते हैं
🟡 अ. रक्तचाप
🟡 ब. कोलेस्ट्रॉल स्तर
🟡 स. रक्त शर्करा
🟡 द. संक्रमण
🟢 उत्तर: ब. कोलेस्ट्रॉल स्तर
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 9. क्लॉट बस्टर (स्ट्रेप्टोकिनेस) किस जीव से प्राप्त होता है
🟡 अ. स्ट्रेप्टोमाइसिस
🟡 ब. स्ट्रेप्टोकोकस
🟡 स. यीस्ट
🟡 द. एसीटोबैक्टर
🟢 उत्तर: ब. स्ट्रेप्टोकोकस
📅 NEET 2017


🔵 प्रश्न 10. बीओगैस संयंत्रों में मुख्य गैस होती है
🟡 अ. कार्बन डाइऑक्साइड
🟡 ब. मीथेन
🟡 स. अमोनिया
🟡 द. हाइड्रोजन
🟢 उत्तर: ब. मीथेन
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 11. बीओगैस उत्पादन में मेथानोजेन्स कहाँ पाए जाते हैं
🟡 अ. शाकाहारी प्राणियों की आंत्र में
🟡 ब. रक्त में
🟡 स. पत्तियों पर
🟡 द. वायु में
🟢 उत्तर: अ. शाकाहारी प्राणियों की आंत्र में
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 12. BOD (जैव रासायनिक ऑक्सीजन माँग) का मापन किसका सूचक है
🟡 अ. जल की अम्लता
🟡 ब. जल की जैविक प्रदूषण मात्रा
🟡 स. जल की लवणता
🟡 द. जल का तापमान
🟢 उत्तर: ब. जल की जैविक प्रदूषण मात्रा
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 13. एसिटिक अम्ल उत्पादन हेतु प्रयुक्त जीवाणु है
🟡 अ. एसीटोबैक्टर एसिटाई
🟡 ब. लैक्टोबैसिलस
🟡 स. स्ट्रेप्टोमाइसिस
🟡 द. पेनिसिलियम
🟢 उत्तर: अ. एसीटोबैक्टर एसिटाई
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 14. सूक्ष्म जीवों द्वारा प्राप्त हार्मोन है
🟡 अ. इंसुलिन
🟡 ब. थायरॉक्सिन
🟡 स. टेस्टोस्टेरोन
🟡 द. ऑक्सिटोसिन
🟢 उत्तर: अ. इंसुलिन
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 15. एंटीबायोटिक्स के दुरुपयोग से उत्पन्न समस्या है
🟡 अ. प्रतिरोधी रोगाणु
🟡 ब. उच्च रक्तचाप
🟡 स. निम्न रक्त शर्करा
🟡 द. यकृत विकार
🟢 उत्तर: अ. प्रतिरोधी रोगाणु
📅 NEET 2015


🔵 प्रश्न 16. बीओगैस संयंत्र में अपशिष्ट के विघटन के लिए कौन-से सूक्ष्म जीव जिम्मेदार हैं
🟡 अ. एरोबिक बैक्टीरिया
🟡 ब. एनारोबिक मेथानोजेन्स
🟡 स. कवक
🟡 द. साइनोबैक्टीरिया
🟢 उत्तर: ब. एनारोबिक मेथानोजेन्स
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 17. खमीर का वैज्ञानिक नाम है
🟡 अ. सैकेरोमाइसिस सेरेविसीए
🟡 ब. एस्परजिलस नाइजर
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. लैक्टोबैसिलस
🟢 उत्तर: अ. सैकेरोमाइसिस सेरेविसीए
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 18. स्टैटिन्स किस प्रकार की औषधि हैं
🟡 अ. लिपिड घटाने वाली
🟡 ब. रक्त शर्करा बढ़ाने वाली
🟡 स. रक्तचाप नियंत्रक
🟡 द. संक्रमणरोधी
🟢 उत्तर: अ. लिपिड घटाने वाली
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 19. बायोगैस में मीथेन के अलावा मुख्य गैस है
🟡 अ. हाइड्रोजन सल्फाइड
🟡 ब. कार्बन डाइऑक्साइड
🟡 स. अमोनिया
🟡 द. ऑक्सीजन
🟢 उत्तर: ब. कार्बन डाइऑक्साइड
📅 NEET 2017


🔵 प्रश्न 20. जैव उर्वरक का उदाहरण है
🟡 अ. राइजोबियम
🟡 ब. यीस्ट
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. क्लोस्ट्रीडियम
🟢 उत्तर: अ. राइजोबियम
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 21. फफूंद एंटीबायोटिक का उदाहरण है
🟡 अ. पेनिसिलिन
🟡 ब. स्ट्रेप्टोमाइसिन
🟡 स. टेट्रासाइक्लिन
🟡 द. इरिथ्रोमाइसिन
🟢 उत्तर: अ. पेनिसिलिन
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 22. SCP (एकल कोशिकीय प्रोटीन) के उत्पादन में प्रयुक्त सूक्ष्म जीव है
🟡 अ. मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोफस
🟡 ब. राइजोबियम
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. लैक्टोबैसिलस
🟢 उत्तर: अ. मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोफस
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 23. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में प्रायमरी ट्रीटमेंट के बाद BOD घटाने के लिए क्या किया जाता है
🟡 अ. अवायवीय पाचन
🟡 ब. एरोबिक सक्रिय कीचड़ प्रक्रिया
🟡 स. क्लोरीन मिलाना
🟡 द. निस्यंदन
🟢 उत्तर: ब. एरोबिक सक्रिय कीचड़ प्रक्रिया
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 24. मेथानोजेन्स कहाँ नहीं पाए जाते
🟡 अ. गाय के रूमेन में
🟡 ब. दलदली क्षेत्र में
🟡 स. खमीर ब्रेड में
🟡 द. बीओगैस संयंत्र में
🟢 उत्तर: स. खमीर ब्रेड में
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 25. जल शोधन संयंत्र में क्लोरीनीकरण का उद्देश्य है
🟡 अ. जल का रंग बदलना
🟡 ब. सूक्ष्म जीवों का नाश करना
🟡 स. ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाना
🟡 द. लवणता घटाना
🟢 उत्तर: ब. सूक्ष्म जीवों का नाश करना
📅 NEET 2015



🔵 प्रश्न 26. एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमाइसिन का उत्पादन किससे होता है
🟡 अ. स्ट्रेप्टोमाइसिस ग्रिसियस
🟡 ब. पेनिसिलियम नॉटेटम
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. यीस्ट
🟢 उत्तर: अ. स्ट्रेप्टोमाइसिस ग्रिसियस
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 27. क्लॉट-बस्टर स्ट्रेप्टोकिनेस किससे प्राप्त होती है
🟡 अ. स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणु से
🟡 ब. पेनिसिलियम से
🟡 स. राइजोबियम से
🟡 द. एसीटोबैक्टर से
🟢 उत्तर: अ. स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणु से
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 28. बीओगैस का उत्पादन किन सूक्ष्म जीवों द्वारा होता है
🟡 अ. मेथानोजेन्स
🟡 ब. लैक्टोबैसिलस
🟡 स. एस्परजिलस
🟡 द. स्ट्रेप्टोमाइसिस
🟢 उत्तर: अ. मेथानोजेन्स
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 29. SCP का पूरा रूप है
🟡 अ. Single Cell Protein
🟡 ब. Secondary Cell Protein
🟡 स. Simple Cell Product
🟡 द. Specific Cell Protein
🟢 उत्तर: अ. Single Cell Protein
📅 NEET 2017


🔵 प्रश्न 30. पेनिसिलिन को “चमत्कारी औषधि” किसने कहा
🟡 अ. फ्लेमिंग
🟡 ब. फ्लोरी और चेन
🟡 स. वॉटसन
🟡 द. पाश्चर
🟢 उत्तर: ब. फ्लोरी और चेन
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 31. बीओगैस संयंत्र में ईंधन गैस मुख्यतः कौन-सी है
🟡 अ. मीथेन
🟡 ब. हाइड्रोजन सल्फाइड
🟡 स. कार्बन डाइऑक्साइड
🟡 द. ऑक्सीजन
🟢 उत्तर: अ. मीथेन
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 32. अपशिष्ट जल उपचार के द्वितीयक चरण में कौन-सी प्रक्रिया होती है
🟡 अ. निस्यंदन
🟡 ब. एरोबिक सक्रिय कीचड़ प्रक्रिया
🟡 स. क्लोरीनीकरण
🟡 द. तलछटकरण
🟢 उत्तर: ब. एरोबिक सक्रिय कीचड़ प्रक्रिया
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 33. लैक्टिक अम्ल का उत्पादन किस सूक्ष्म जीव से होता है
🟡 अ. लैक्टोबैसिलस
🟡 ब. स्ट्रेप्टोकोकस
🟡 स. पेनिसिलियम
🟡 द. एसीटोबैक्टर
🟢 उत्तर: अ. लैक्टोबैसिलस
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 34. इंसुलिन का औद्योगिक उत्पादन किस तकनीक से होता है
🟡 अ. ऊतक संवर्धन
🟡 ब. पुनः संयोजक डीएनए तकनीक
🟡 स. पारंपरिक संवर्धन
🟡 द. हाइब्रिडोमा तकनीक
🟢 उत्तर: ब. पुनः संयोजक डीएनए तकनीक
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 35. SCP उत्पादन के लिए सबसे अधिक प्रयुक्त जीव है
🟡 अ. मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोफस
🟡 ब. राइजोबियम
🟡 स. एसीटोबैक्टर
🟡 द. यीस्ट
🟢 उत्तर: अ. मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोफस
📅 NEET 2017


🔵 प्रश्न 36. बीओगैस उत्पादन में मीथेन का निर्माण किस प्रक्रिया से होता है
🟡 अ. एरोबिक पाचन
🟡 ब. एनारोबिक पाचन
🟡 स. किण्वन
🟡 द. प्रकाश संश्लेषण
🟢 उत्तर: ब. एनारोबिक पाचन
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 37. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों में सक्रिय कीचड़ का उपयोग क्यों किया जाता है
🟡 अ. अपशिष्ट जल को गाढ़ा करने हेतु
🟡 ब. जैविक प्रदूषक को विघटित करने हेतु
🟡 स. रसायन मिलाने हेतु
🟡 द. ऑक्सीजन हटाने हेतु
🟢 उत्तर: ब. जैविक प्रदूषक को विघटित करने हेतु
📅 NEET 2015


🔵 प्रश्न 38. विटामिन B12 के औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रयुक्त जीवाणु है
🟡 अ. प्रोपियोनोबैक्टरियम
🟡 ब. एसीटोबैक्टर
🟡 स. लैक्टोबैसिलस
🟡 द. स्ट्रेप्टोकोकस
🟢 उत्तर: अ. प्रोपियोनोबैक्टरियम
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 39. पेनिसिलिन किस प्रकार का पदार्थ है
🟡 अ. एंटीबायोटिक
🟡 ब. हार्मोन
🟡 स. एंजाइम
🟡 द. अमीनो अम्ल
🟢 उत्तर: अ. एंटीबायोटिक
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 40. बीओगैस संयंत्रों में मेथानोजेन्स को पोषण कौन देता है
🟡 अ. पौधों के अवशेष
🟡 ब. जानवरों के मल
🟡 स. कीचड़
🟡 द. शैवाल
🟢 उत्तर: ब. जानवरों के मल
📅 AIPMT 2015

🔵 प्रश्न 41. साइट्रिक अम्ल का उत्पादन औद्योगिक स्तर पर किस फफूंद से होता है
🟡 अ. एस्परजिलस नाइजर
🟡 ब. पेनिसिलियम
🟡 स. यीस्ट
🟡 द. लैक्टोबैसिलस
🟢 उत्तर: अ. एस्परजिलस नाइजर
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 42. SCP के उपयोग का लाभ है
🟡 अ. उच्च प्रोटीन उत्पादन
🟡 ब. कम समय और स्थान में उत्पादन
🟡 स. कम लागत
🟡 द. उपर्युक्त सभी
🟢 उत्तर: द. उपर्युक्त सभी
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 43. बीओगैस संयंत्र में कौन-सी गैस दुर्गंध देती है
🟡 अ. हाइड्रोजन सल्फाइड
🟡 ब. मीथेन
🟡 स. कार्बन डाइऑक्साइड
🟡 द. अमोनिया
🟢 उत्तर: अ. हाइड्रोजन सल्फाइड
📅 NEET 2017


🔵 प्रश्न 44. BOD का पूर्ण रूप है
🟡 अ. Biochemical Oxygen Demand
🟡 ब. Biological Organic Demand
🟡 स. Basic Oxygen Demand
🟡 द. Biological Oxygen Determination
🟢 उत्तर: अ. Biochemical Oxygen Demand
📅 AIPMT 2013


🔵 प्रश्न 45. एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमाइसिन का खोजकर्ता है
🟡 अ. अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग
🟡 ब. वाक्समैन
🟡 स. फ्लोरी
🟡 द. चेन
🟢 उत्तर: ब. वाक्समैन
📅 NEET 2015


🔵 प्रश्न 46. अपशिष्ट जल उपचार का प्राथमिक उद्देश्य है
🟡 अ. पोषक तत्व जोड़ना
🟡 ब. कार्बनिक पदार्थ हटाना
🟡 स. कीचड़ बनाना
🟡 द. गैस बनाना
🟢 उत्तर: ब. कार्बनिक पदार्थ हटाना
📅 AIPMT 2014


🔵 प्रश्न 47. SCP उत्पादन का मुख्य लाभ है
🟡 अ. प्रोटीन की कमी दूर करना
🟡 ब. कार्बोहाइड्रेट बढ़ाना
🟡 स. वसा बढ़ाना
🟡 द. विटामिन की कमी करना
🟢 उत्तर: अ. प्रोटीन की कमी दूर करना
📅 NEET 2018


🔵 प्रश्न 48. पेनिसिलिन का औद्योगिक स्तर पर बड़े पैमाने पर उत्पादन किसने किया
🟡 अ. फ्लोरी और चेन
🟡 ब. फ्लेमिंग
🟡 स. वॉटसन और क्रिक
🟡 द. पाश्चर
🟢 उत्तर: अ. फ्लोरी और चेन
📅 AIPMT 2015


🔵 प्रश्न 49. बीओगैस संयंत्र का उप-उत्पाद है
🟡 अ. समृद्ध कीचड़ (खाद)
🟡 ब. प्लास्टिक
🟡 स. स्टील
🟡 द. एसिटोन
🟢 उत्तर: अ. समृद्ध कीचड़ (खाद)
📅 NEET 2016


🔵 प्रश्न 50. SCP उत्पादन में प्रयुक्त मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोफस किस प्रकार का जीव है
🟡 अ. जीवाणु
🟡 ब. कवक
🟡 स. विषाणु
🟡 द. प्रोटोज़ोआ
🟢 उत्तर: अ. जीवाणु
📅 AIPMT 2013

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Neet मॉडल प्रश्न , अभ्यास


🔵 प्रश्न 1:
सूक्ष्मजीवों का अध्ययन कहलाता है —
🔴 1️⃣ जैव रसायन
🟢 2️⃣ सूक्ष्मजीवविज्ञान
🟡 3️⃣ जैव प्रौद्योगिकी
🔵 4️⃣ रोगविज्ञान
✔️ उत्तर: 2️⃣ सूक्ष्मजीवविज्ञान

🔵 प्रश्न 2:
दही जमाने में सहायक सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Lactobacillus
🟢 2️⃣ Rhizobium
🟡 3️⃣ Azotobacter
🔵 4️⃣ Nitrosomonas
✔️ उत्तर: 1️⃣ Lactobacillus

🔵 प्रश्न 3:
रोटी फुलाने के लिए प्रयुक्त सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Rhizopus
🟢 2️⃣ Saccharomyces cerevisiae
🟡 3️⃣ Penicillium
🔵 4️⃣ Lactobacillus
✔️ उत्तर: 2️⃣ Saccharomyces cerevisiae

🔵 प्रश्न 4:
शराब बनाने में प्रयुक्त सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Saccharomyces
🟡 3️⃣ Aspergillus
🔵 4️⃣ Lactobacillus
✔️ उत्तर: 2️⃣ Saccharomyces

🔵 प्रश्न 5:
फर्मेंटेशन में उत्पाद —
🔴 1️⃣ ग्लूकोज
🟢 2️⃣ एथिल अल्कोहल
🟡 3️⃣ कार्बन डाइऑक्साइड
🔵 4️⃣ दोनों (2) और (3)
✔️ उत्तर: 4️⃣ दोनों (2) और (3)

🔵 प्रश्न 6:
औद्योगिक रूप से प्रयुक्त पहला सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Lactobacillus
🟢 2️⃣ Aspergillus niger
🟡 3️⃣ Saccharomyces
🔵 4️⃣ Penicillium
✔️ उत्तर: 3️⃣ Saccharomyces

🔵 प्रश्न 7:
साइट्रिक अम्ल बनाने में प्रयुक्त सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Lactobacillus
🟢 2️⃣ Aspergillus niger
🟡 3️⃣ Clostridium
🔵 4️⃣ Rhizopus
✔️ उत्तर: 2️⃣ Aspergillus niger

🔵 प्रश्न 8:
ब्यूट्रिक अम्ल उत्पादक सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Clostridium butylicum
🟢 2️⃣ Aspergillus niger
🟡 3️⃣ Penicillium
🔵 4️⃣ Lactobacillus
✔️ उत्तर: 1️⃣ Clostridium butylicum

🔵 प्रश्न 9:
लैक्टिक अम्ल उत्पादक सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Aspergillus
🟢 2️⃣ Lactobacillus
🟡 3️⃣ Rhizopus
🔵 4️⃣ Penicillium
✔️ उत्तर: 2️⃣ Lactobacillus

🔵 प्रश्न 10:
पेनिसिलिन की खोज किसने की?
🔴 1️⃣ रॉबर्ट कोच
🟢 2️⃣ अलेक्जेंडर फ्लेमिंग
🟡 3️⃣ लुई पाश्चर
🔵 4️⃣ डार्विन
✔️ उत्तर: 2️⃣ अलेक्जेंडर फ्लेमिंग

🔵 प्रश्न 11:
पेनिसिलिन का स्रोत —
🔴 1️⃣ Aspergillus
🟢 2️⃣ Penicillium notatum
🟡 3️⃣ Clostridium
🔵 4️⃣ Rhizopus
✔️ उत्तर: 2️⃣ Penicillium notatum

🔵 प्रश्न 12:
एंटीबायोटिक का कार्य —
🔴 1️⃣ रोग बढ़ाना
🟢 2️⃣ रोगाणुओं को मारना या रोकना
🟡 3️⃣ रोगजनन करना
🔵 4️⃣ प्रोटीन बनाना
✔️ उत्तर: 2️⃣ रोगाणुओं को मारना या रोकना

🔵 प्रश्न 13:
स्ट्रीप्टोमाइसिन खोजी गई —
🔴 1️⃣ फ्लेमिंग
🟢 2️⃣ वाक्समैन
🟡 3️⃣ पाश्चर
🔵 4️⃣ कोच
✔️ उत्तर: 2️⃣ वाक्समैन

🔵 प्रश्न 14:
रक्त में कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली सूक्ष्मजीव उत्पाद —
🔴 1️⃣ पेनिसिलिन
🟢 2️⃣ स्टैटिन
🟡 3️⃣ इंटरफेरॉन
🔵 4️⃣ इंसुलिन
✔️ उत्तर: 2️⃣ स्टैटिन

🔵 प्रश्न 15:
स्टैटिन का स्रोत —
🔴 1️⃣ Penicillium notatum
🟢 2️⃣ Monascus purpureus
🟡 3️⃣ Aspergillus niger
🔵 4️⃣ Clostridium
✔️ उत्तर: 2️⃣ Monascus purpureus

🔵 प्रश्न 16:
इंटरफेरॉन का कार्य —
🔴 1️⃣ विषाणु संक्रमण रोकना
🟢 2️⃣ जीवाणु संक्रमण रोकना
🟡 3️⃣ प्रोटीन संश्लेषण बढ़ाना
🔵 4️⃣ शर्करा बनाना
✔️ उत्तर: 1️⃣ विषाणु संक्रमण रोकना

🔵 प्रश्न 17:
जैव उर्वरक का उदाहरण —
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Azospirillum
🟡 3️⃣ Nostoc
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 18:
लेग्यूम पौधों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है —
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Azotobacter
🟡 3️⃣ Clostridium
🔵 4️⃣ Nitrosomonas
✔️ उत्तर: 1️⃣ Rhizobium

🔵 प्रश्न 19:
Anabaena और Nostoc पाए जाते हैं —
🔴 1️⃣ जल में
🟢 2️⃣ मिट्टी में
🟡 3️⃣ नील-हरित शैवाल समूह में
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 20:
Frankia सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है —
🔴 1️⃣ फलियों में
🟢 2️⃣ गैर-फलियों में (Alnus)
🟡 3️⃣ धान में
🔵 4️⃣ मक्का में
✔️ उत्तर: 2️⃣ गैर-फलियों में (Alnus)

🔵 प्रश्न 21:
नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया है —
🔴 1️⃣ एनाबोलिक
🟢 2️⃣ ऊर्जा व्ययकारी (ATP उपभोगी)
🟡 3️⃣ स्वतःस्फूर्त
🔵 4️⃣ प्रकाश-आवश्यक
✔️ उत्तर: 2️⃣ ऊर्जा व्ययकारी (ATP उपभोगी)

🔵 प्रश्न 22:
सेवेज उपचार संयंत्र में प्रयुक्त जीव —
🔴 1️⃣ जीवाणु
🟢 2️⃣ कवक
🟡 3️⃣ प्रोटोजोआ
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 23:
प्राथमिक उपचार में हटाया जाता है —
🔴 1️⃣ घुलनशील कार्बनिक पदार्थ
🟢 2️⃣ स्थूल कण
🟡 3️⃣ सूक्ष्मजीव
🔵 4️⃣ रोगजनक
✔️ उत्तर: 2️⃣ स्थूल कण

🔵 प्रश्न 24:
द्वितीयक उपचार में उपयोग होता है —
🔴 1️⃣ रासायनिक प्रक्रिया
🟢 2️⃣ जैविक ऑक्सीकरण
🟡 3️⃣ जमावट
🔵 4️⃣ उबालना
✔️ उत्तर: 2️⃣ जैविक ऑक्सीकरण

🔵 प्रश्न 25:
सक्रिय कीचड़ में होते हैं —
🔴 1️⃣ सूक्ष्मजीव
🟢 2️⃣ कवक व जीवाणु
🟡 3️⃣ प्रोटोजोआ
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 26:
द्वितीयक उपचार के बाद तरल भाग कहलाता है —
🔴 1️⃣ सक्रिय कीचड़
🟢 2️⃣ अपशिष्ट जल
🟡 3️⃣ उपशोधित जल (Effluent)
🔵 4️⃣ गाद
✔️ उत्तर: 3️⃣ उपशोधित जल (Effluent)

🔵 प्रश्न 27:
सक्रिय कीचड़ को एनारोबिक टैंक में डालने का उद्देश्य —
🔴 1️⃣ शुद्धिकरण
🟢 2️⃣ मीथेन उत्पादन
🟡 3️⃣ ऑक्सीकरण
🔵 4️⃣ नाइट्रोजन स्थिरीकरण
✔️ उत्तर: 2️⃣ मीथेन उत्पादन

🔵 प्रश्न 28:
मीथेन टैंक में उपस्थित सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Methanobacterium
🟢 2️⃣ Rhizobium
🟡 3️⃣ Clostridium
🔵 4️⃣ Nitrosomonas
✔️ उत्तर: 1️⃣ Methanobacterium

🔵 प्रश्न 29:
बायोगैस का मुख्य घटक —
🔴 1️⃣ CO₂
🟢 2️⃣ CH₄
🟡 3️⃣ H₂S
🔵 4️⃣ N₂
✔️ उत्तर: 2️⃣ CH₄

🔵 प्रश्न 30:
बायोगैस संयंत्र में अपशिष्ट के रूप में प्रयुक्त —
🔴 1️⃣ फसल अवशेष
🟢 2️⃣ गोबर
🟡 3️⃣ कचरा
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 31:
भारत में बायोगैस संयंत्र विकसित करने वाली एजेंसी —
🔴 1️⃣ BARC
🟢 2️⃣ KVIC
🟡 3️⃣ DRDO
🔵 4️⃣ CSIR
✔️ उत्तर: 2️⃣ KVIC

🔵 प्रश्न 32:
कृषि में जैव-कीटनाशक के रूप में प्रयुक्त सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Bacillus thuringiensis
🟢 2️⃣ Rhizobium
🟡 3️⃣ Azotobacter
🔵 4️⃣ Monascus
✔️ उत्तर: 1️⃣ Bacillus thuringiensis

🔵 प्रश्न 33:
Bacillus thuringiensis की विषाक्तता का उपयोग —
🔴 1️⃣ मच्छरों के नियंत्रण में
🟢 2️⃣ कीट नियंत्रण में
🟡 3️⃣ जीवाणु नियंत्रण में
🔵 4️⃣ विषाणु नियंत्रण में
✔️ उत्तर: 2️⃣ कीट नियंत्रण में

🔵 प्रश्न 34:
जैव-कीटनाशक का लाभ —
🔴 1️⃣ पर्यावरण प्रदूषण
🟢 2️⃣ कीट विशेष प्रभाव
🟡 3️⃣ जीवविविधता नष्ट करना
🔵 4️⃣ मृदा क्षति
✔️ उत्तर: 2️⃣ कीट विशेष प्रभाव

🔵 प्रश्न 35:
फफूँद रोगनाशी उत्पादक सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Trichoderma
🟢 2️⃣ Aspergillus
🟡 3️⃣ Penicillium
🔵 4️⃣ Clostridium
✔️ उत्तर: 1️⃣ Trichoderma

🔵 प्रश्न 36:
Trichoderma का कार्य —
🔴 1️⃣ रोगजनक परजीविता
🟢 2️⃣ पोषक तत्व देना
🟡 3️⃣ नाइट्रोजन स्थिरीकरण
🔵 4️⃣ कार्बनिक अम्ल बनाना
✔️ उत्तर: 1️⃣ रोगजनक परजीविता

🔵 प्रश्न 37:
जैव-नियंत्रण में प्रयुक्त सूक्ष्मजीव —
🔴 1️⃣ Trichoderma
🟢 2️⃣ Bacillus thuringiensis
🟡 3️⃣ Nucleopolyhedrovirus
🔵 4️⃣ उपर्युक्त सभी
✔️ उत्तर: 4️⃣ उपर्युक्त सभी

🔵 प्रश्न 38:
Nucleopolyhedrovirus किसका नियंत्रण करता है —
🔴 1️⃣ कवक
🟢 2️⃣ कीट
🟡 3️⃣ जीवाणु
🔵 4️⃣ विषाणु
✔️ उत्तर: 2️⃣ कीट

🔵 प्रश्न 39:
N2-स्थिरीकरण करने वाला सायनोबैक्टीरियम —
🔴 1️⃣ Anabaena
🟢 2️⃣ Nostoc
🟡 3️⃣ Oscillatoria
🔵 4️⃣ 1️⃣ और 2️⃣ दोनों
✔️ उत्तर: 4️⃣ 1️⃣ और 2️⃣ दोनों

🔵 प्रश्न 40:
धान के खेतों में सामान्य जैव उर्वरक —
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Anabaena
🟡 3️⃣ Frankia
🔵 4️⃣ Azotobacter
✔️ उत्तर: 2️⃣ Anabaena

🔵 प्रश्न 41:
मृदा में वायवीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण —
🔴 1️⃣ Azotobacter
🟢 2️⃣ Clostridium
🟡 3️⃣ Rhizobium
🔵 4️⃣ Nostoc
✔️ उत्तर: 1️⃣ Azotobacter

🔵 प्रश्न 42:
जल-मूलक सहजीवी N₂-स्थिरीकरण —
🔴 1️⃣ Rhizobium
🟢 2️⃣ Anabaena
🟡 3️⃣ Frankia
🔵 4️⃣ Azotobacter
✔️ उत्तर: 2️⃣ Anabaena

🔵 प्रश्न 43:
नाइट्रोजन चक्र में अम्लीकरण करने वाले जीव —
🔴 1️⃣ Nitrosomonas
🟢 2️⃣ Nitrobacter
🟡 3️⃣ Azotobacter
🔵 4️⃣ 1️⃣ और 2️⃣ दोनों
✔️ उत्तर: 4️⃣ 1️⃣ और 2️⃣ दोनों

🔵 प्रश्न 44:
नाइट्रिफिकेशन की प्रथम अवस्था में उत्पाद —
🔴 1️⃣ NO₂⁻
🟢 2️⃣ NO₃⁻
🟡 3️⃣ NH₄⁺
🔵 4️⃣ N₂
✔️ उत्तर: 1️⃣ NO₂⁻

🔵 प्रश्न 45:
नाइट्रिफिकेशन की द्वितीय अवस्था में उत्पाद —
🔴 1️⃣ NO₂⁻
🟢 2️⃣ NO₃⁻
🟡 3️⃣ NH₄⁺
🔵 4️⃣ N₂
✔️ उत्तर: 2️⃣ NO₃⁻

🔵 प्रश्न 46:
डीनाइट्रिफिकेशन करने वाला जीव —
🔴 1️⃣ Pseudomonas
🟢 2️⃣ Rhizobium
🟡 3️⃣ Azotobacter
🔵 4️⃣ Nostoc
✔️ उत्तर: 1️⃣ Pseudomonas

🔵 प्रश्न 47:
जैव उर्वरक का लाभ —
🔴 1️⃣ मृदा की उर्वरता घटाता है
🟢 2️⃣ मृदा की संरचना सुधारता है
🟡 3️⃣ रासायनिक प्रदूषण बढ़ाता है
🔵 4️⃣ महँगा होता है
✔️ उत्तर: 2️⃣ मृदा की संरचना सुधारता है

🔵 प्रश्न 48:
जैव उर्वरक प्रयोग से —
🔴 1️⃣ रासायनिक खाद की आवश्यकता बढ़ती है
🟢 2️⃣ घटती है
🟡 3️⃣ समान रहती है
🔵 4️⃣ समाप्त हो जाती है
✔️ उत्तर: 2️⃣ घटती है

🔵 प्रश्न 49:
सेवेज उपचार के अंतिम चरण में जल —
🔴 1️⃣ कृषि हेतु उपयोग योग्य
🟢 2️⃣ पीने योग्य
🟡 3️⃣ औद्योगिक उपयोग हेतु
🔵 4️⃣ किसी उपयोग योग्य नहीं
✔️ उत्तर: 1️⃣ कृषि हेतु उपयोग योग्य

🔵 प्रश्न 50:
मानव कल्याण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका —
🔴 1️⃣ हानिकारक
🟢 2️⃣ उपयोगी
🟡 3️⃣ दोनों
🔵 4️⃣ कोई नहीं
✔️ उत्तर: 3️⃣ दोनों

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