BIOLOGY (Hindi), Class 12

Class 12 : Biology (Hindi) – अध्याय 1: पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔹 प्रस्तावना:
पुष्पी पादप (Angiosperms) पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे उन्नत पादपों में आते हैं। इनका मुख्य गुण है – बीज द्वारा जनन, और यह बीज फल के अंदर विकसित होता है। इन पौधों में लैंगिक जनन के माध्यम से प्रजनन, फलन और बीजोत्पत्ति होती है। यह अध्याय पादपों में लैंगिक जनन की सभी प्रक्रियाओं को क्रमबद्ध रूप से समझाता है।



🌸 1. फूल की संरचना (Structure of Flower):
🔹 फूल, पादपों का लैंगिक जनन अंग होता है।
🔹 एक सामान्य पुष्प में चार मुख्य चक्र होते हैं:
बाह्यदलपुंज (Calyx)
दलपुंज (Corolla)
पुंकेसर (Androecium) – नर जनन अंग
स्त्रीकेसर (Gynoecium) – मादा जनन अंग
✅ फूलों को उनके लैंगिक अंगों की उपस्थिति के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:
एकलिंगी फूल (Unisexual) – केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर
द्विलिंगी फूल (Bisexual) – दोनों अंग होते हैं

🌱 2. परागकोष और परागकण की बनावट (Structure of Anther and Pollen):


🔹 पुंकेसर में दो लोलिकाएं होती हैं, और प्रत्येक में दो कोशिकाएं – कुल मिलाकर चार परागकोष (microsporangia)।
🔹 परिपक्व अवस्था में परागकोष से परागकण (pollen grains) बाहर आते हैं।
🔹 परागकण का निर्माण सूक्ष्मबीजाणुजनन (Microsporogenesis) प्रक्रिया से होता है।
✅ परागकण की संरचना:
बाहरी स्तर: एक्साइन (Exine) – टफ और स्पोरोपोलिनिन से बना
आंतरिक स्तर: इंटाइन (Intine) – सेल्यूलोज व पेक्टिन से बना

🌿 3. अंडाशय और भ्रूणकोष की संरचना (Ovule & Embryo Sac Structure):
🔹 अंडाशय (Ovary) के अंदर होते हैं अंडप (Ovules)
🔹 हर अंडप में एक भ्रूणकोष (Embryo Sac) होती है, जो स्त्री युग्मक को जन्म देती है
🔹 भ्रूणकोष की सामान्य बनावट:
7 कोशिकाएँ, 8 नाभिक
1 डिंबकोषिका (egg cell)
2 सहायक कोशिकाएँ (synergids)
3 विरोधी कोशिकाएँ (antipodals)
1 द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका (central cell)

🌾 4. परागण (Pollination):


🔹 परागकण का वर्तिकाग्र (stigma) पर गिरना ही परागण कहलाता है।
🔹 परागण के प्रकार:
स्वपरागण (Autogamy)
परपरागण (Xenogamy)
गाइटोनोगैमी (Geitonogamy)
✅ परागण में सहायक माध्यम:
वायु (Anemophily)
जल (Hydrophily)
कीट (Entomophily)
पक्षी (Ornithophily)

🌿 5. परागांकुरण एवं नली की वृद्धि (Pollen Germination):
🔹 वर्तिकाग्र पर परागकण पहुंचने के बाद उसमें से परागनली (pollen tube) निकलती है।
🔹 यह नली शैली के माध्यम से भ्रूणकोष तक जाती है और डिंबकोषिका में युग्मक (sperm nuclei) को छोड़ती है।

🌼 6. निषेचन (Fertilisation):
🔹 पुष्पी पादपों में निषेचन द्विनिषेचन (Double fertilization) कहलाता है।
🔹 प्रक्रिया:
एक युग्मक डिंबकोषिका से मिलकर ज़ाइगोट (zygote) बनाता है
दूसरा युग्मक केंद्रीय कोशिका से मिलकर त्रिप्लॉइड एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है
✅ यह केवल Angiosperms में पाया जाने वाला विशिष्ट लक्षण है।



🌰 7. बीजोत्पत्ति एवं फलन (Seed Formation & Fruit Development):
🔹 निषेचन के बाद अंडप → बीज (Seed)
🔹 अंडाशय → फल (Fruit)
🔹 बीज में उपस्थित होते हैं:
बाह्यावरण (Seed Coat)
भ्रूण (Embryo) – जिसमें होता है प्लुम्यूल, रैडिकल व कोटिलेडन

🌿 8. बीजों का प्रकार (Types of Seeds):
🔹 डाइकोट बीज (Dicot): जैसे मटर
🔹 मोनोकॉट बीज (Monocot): जैसे मक्का
✅ दोनों में संरचना भिन्न होती है, जैसे एलिऊरॉन परत, एंडोस्पर्म आदि

📌 मुख्य अवधारणाएँ (Key Concepts):
✔ परागकण संरचना
✔ भ्रूणकोष की 7-कक्षीय संरचना
✔ द्विनिषेचन एक विशिष्ट विशेषता
✔ बीज व फल विकास
✔ परागण के प्रकार और माध्यम

📚 संक्षिप्त सारांश (लगभग 300 शब्द)


पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन एक जटिल और व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसमें फूल, पादप का जनन अंग होता है। इसमें पुंकेसर से परागकण उत्पन्न होते हैं और स्त्रीकेसर में भ्रूणकोष पाया जाता है। परागकण शैली के माध्यम से भ्रूणकोष तक पहुँचते हैं और द्विनिषेचन की प्रक्रिया से एक ज़ाइगोट और एक त्रिगुण एंडोस्पर्म नाभिक बनता है।


यह द्विनिषेचन केवल पुष्पी पादपों की विशेषता है। निषेचन के पश्चात अंडप बीज में तथा अंडाशय फल में परिवर्तित होता है। बीज की संरचना पादप के प्रकार (डाइकोट या मोनोकॉट) पर निर्भर करती है। बीज और फल दोनों ही पादपों की अगली पीढ़ी के लिए उत्तरदायी होते हैं।


इस अध्याय में परागकण निर्माण, भ्रूणकोष की संरचना, परागण, निषेचन, बीजोत्पत्ति और फलन जैसी प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह अध्याय पादपों के जीवन-चक्र को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।



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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


➊ प्रश्न 1. एक आवृतबीजी पुष्प के उन अंगों के नाम बताइए, जहाँ नर एवं मादा युग्मकों का विकास होता है।
🔸 उत्तर:
आवृतबीजी पुष्प में नर युग्मकों का विकास पुंकेसर के परागकोष (पोलन सैक) में होता है।
मादा युग्मकों का विकास अंडाशय (ovary) में स्थित बीजांड (ovule) के भीतर अंडाभ (embryo sac) में होता है।


➋ प्रश्न 2. लघुगुणजायुकणों तथा मुख्यगुणजायुकणों के बीच अंतर स्पष्ट करें। इन घटकों के दौरन किस प्रकार का कोशिका विभाजन संपन्न होता है? इस विभाजन के अंग में बनने वाली संरचनाओं का नाम बताइए।
🔸 उत्तर:
लघुगुणजायुकण परागकोष की माइक्रोस्पोरोजेनस ऊतक से बनते हैं, जबकि मुख्यगुणजायुकण बीजांड की न्यूसेलस में स्थित मैगास्पोरोजेनस कोशिकाओं से बनते हैं।
लघुगुणजायुकण व मुख्यगुणजायुकण दोनों में मियोटिक विभाजन (meiosis) होता है।
लघुगुणजायुकण से परागकण बनते हैं और मुख्यगुणजायुकण से चार मैगास्पोर बनते हैं जिनमें से एक क्रियाशील होता है।


➌ प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दावली को सही विकासीय क्रम में व्यवस्थित करें—
परागकोष, भोज्याण्डजन ऊतक, लघुगुणजायुकण, युग्मक कोशिका, परागण, भ्रूणपोषी ऊतक, बीज
🔸 उत्तर:
लघुगुणजायुकण → परागकोष → परागण → युग्मक कोशिका → भोज्याण्डजन ऊतक → भ्रूणपोषी ऊतक → बीज


➍ प्रश्न 4. एक परिपक्व आवृतबीजी बीजांड के भागों का विवरण दिखाते हुए एक स्पष्ट एवं साफ सुस्पष्ट नामांकित चित्र बनाइए।
🔸 उत्तर:
चित्र बनाना आवश्यक है जिसमें मुख्यतः ये भाग दर्शाए जाएं:


बीजांड आवरण (integuments)
न्यूसेलस
भ्रूणकोष (embryo sac)
अंडाशय
अंडाभ (egg apparatus)
सहायक कोशिकाएँ (synergids)
ध्रुवीय नाभिक (polar nuclei)
विरोधी कोशिकाएँ (antipodals)


➎ प्रश्न 5. आप मादा युग्मकोधारक के एकबीजांडीय विकास से क्या समझते हैं?
🔸 उत्तर:
एकबीजांडीय विकास उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें केवल एक क्रियाशील मैगास्पोर से मादा युग्मकोधारक (अंडाभ) का निर्माण होता है। यह एकल मैगास्पोर माइटोटिक विभाजनों से भ्रूणकोष का निर्माण करता है, जिसमें 8 नाभिकीय अंडाभ बनता है।


➏ प्रश्न 6. एक स्पष्ट एवं साफ सुस्पष्ट चित्र के द्वारा परिपक्व मादा युग्मकोधारक के 7–कोशिकीय, 8–नाभिकीय (केंद्रक) प्रकृति को व्याख्यायित करें।
🔸 उत्तर:


चित्र में 3 विरोधी कोशिकाएँ, 2 सहायक कोशिकाएँ, 1 अंडाणु तथा 2 ध्रुवीय नाभिक दर्शाए जाते हैं।
यह संरचना 7 कोशिकीय एवं 8 केंद्रकीय होती है।


➐ प्रश्न 7. उन्नतिपरागणी पुष्पों से क्या तात्पर्य है? क्या अनुवंशित पुष्पों में परपरागण संपन्न होता है? अपने उत्तर की संक्षेप में व्याख्या करें।
🔸 उत्तर:
उन्नतिपरागणी पुष्प वे होते हैं जिनमें पराग एवं अंडाणु एक ही पुष्प में स्थित होते हैं, परंतु परपरागण के लिए अनुकूल संरचनाएँ होती हैं।
हाँ, अनुवंशित पुष्पों में भी परपरागण हो सकता है यदि स्व-परागण में अवरोध हो।


➑ प्रश्न 8. पुष्पों द्वारा स्व-परागण रोकने के लिए विकसित की गई दो कारगर नीतियों का विवरण दें।
🔸 उत्तर:
परिपक्वता में अंतर (Dichogamy) – पुंकेसर और अंडाशय अलग-अलग समय पर परिपक्व होते हैं।
स्व-अस्वीकृति (Self-incompatibility) – पराग यदि उसी पुष्प का हो, तो भ्रूणकोष से अस्वीकृत हो जाता है।


➒ प्रश्न 9. किस प्रकार बीजों की बनावट उन्हें अधिक परिवहनशील बनाती है? क्या कोई बीज शल्कपत्रों के साथ अनुकूलन प्रदर्शित करता है? (उत्तर का औचित्य दें)
🔸 उत्तर:
बीजों की कठोर बीजावरण, सूखापन एवं छोटा आकार उन्हें आसानी से परिवहन योग्य बनाता है।
हाँ, कुछ बीज जैसे पंखयुक्त बीज (जैसे — मैपल, डिप्टेरोकार्पस) शल्कपत्र जैसे रचनाओं से युक्त होते हैं, जो वायु द्वारा फैलाव में सहायक होते हैं।


➓ प्रश्न 10. पुष्पी पादपों में लघुगुणजायुकणों का विकास कैसे होता है?
🔸 उत्तर:
पुष्प के पुंकेसर के परागकोष में स्थित परागजन ऊतक (microsporogenous tissue) की कोशिकाएँ मियोटिक विभाजन द्वारा लघुगुणजायुकण बनाती हैं।
ये लघुगुणजायुकण परागकणों (pollen grains) में विकसित होते हैं, जिनमें एक जैविक कोष (जननिक कोशिका) तथा एक नालिका कोशिका होती है।


⓫ प्रश्न 11. द्वितीयक परागशल्य (secondary pollen presentation) का क्या तात्पर्य है?
🔸 उत्तर:
यह एक ऐसी दशा है जिसमें परागकण पुंकेसर के बजाय किसी अन्य पुष्प भाग (जैसे – वर्तिकाग्र या पुष्पधारी) पर प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे परपरागण की संभावना बढ़ती है।
उदाहरण: कॉमपोजिटी कुल के पुष्प।


⓬ प्रश्न 12. द्विगुणनिषेचन में कौन-कौन से अंग भाग लेते हैं?
🔸 उत्तर:
द्विगुणनिषेचन (double fertilization) एक अनूठी प्रक्रिया है जिसमें:
एक शुक्राणु अंडाणु से निषेचन कर युग्मनज (zygote) बनाता है।
दूसरा शुक्राणु ध्रुवीय नाभिकों से मिलकर त्रिकेन्द्रक भ्रूणपोषी (triploid endosperm) का निर्माण करता है।


⓭ प्रश्न 13. भ्रूणपोषी (endosperm) का पौधों के विकास में क्या महत्त्व है?
🔸 उत्तर:
भ्रूणपोषी बीज के विकास के लिए पोषक तत्वों का स्रोत होता है।
यह नवजात भ्रूण को ऊर्जा और पोषण प्रदान करता है और अंकुरण के समय आवश्यक पोषण देता है।


⓮ प्रश्न 14. वह प्रक्रिया समझाइए जिससे पुष्प बीज में परिवर्तित होता है।
🔸 उत्तर:
निषेचन के बाद:
अंडाशय → फल
बीजांड → बीज
अंडाणु → युग्मनज
युग्मनज → भ्रूण
ध्रुवीय नाभिक + शुक्राणु → भ्रूणपोषी
इन परिवर्तनों से पुष्प बीजयुक्त फल में बदल जाता है।


⓯ प्रश्न 15. परागण के पश्चात परागकण में किस प्रकार के परिवर्तन होते हैं?
🔸 उत्तर:
परागण के बाद परागकण अंकुरित होकर परागनली बनाता है।
जननिक कोशिका विभाजित होकर दो शुक्राणु कोशिकाएँ बनाती है, जो भ्रूणकोष में प्रवेश कर निषेचन में भाग लेते हैं।


⓰ प्रश्न 16. एक परिपक्व बीज में कौन-कौन से भाग होते हैं?
🔸 उत्तर:
एक परिपक्व बीज में ये प्रमुख भाग होते हैं:
बीजावरण (testa और tegmen)
भ्रूण (प्लुम्यूल, रैडिकल, कोटिलेडन)
भ्रूणपोषी (यदि उपस्थित हो)
कोटिलेडन (बीज पत्र)
बीजाण्डांगी अवशेष


⓱ प्रश्न 17. भ्रूण के भागों की व्याख्या कीजिए।
🔸 उत्तर:
भ्रूण में निम्न भाग होते हैं:
प्लुम्यूल – यह तना (shoot) में परिवर्तित होता है
रैडिकल – यह जड़ (root) में परिवर्तित होता है
कोटिलेडन – बीज पत्र होते हैं जो पोषण संग्रह करते हैं या सहायक होते हैं


⓲ प्रश्न 18. पौधों में कृत्रिम जनन विधियों के लाभों की व्याख्या कीजिए।
🔸 उत्तर:
कृत्रिम जनन विधियाँ जैसे ग्राफ्टिंग, कटिंग, लेयरिंग इत्यादि के लाभ:
इच्छित गुणों का संरक्षण
तीव्र गुणजनन
बीज रहित पौधों में उपयोगी
रोगमुक्त क्लोन प्राप्त करना


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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न



🌸 प्रश्न 1: पुष्प के किस भाग को पादप का जनन अंग कहा जाता है?
✅ उत्तर: पुष्प के पुंकेसर (परागकोष सहित) और स्त्रीकेसर (अंडाशय सहित) को पादप के जनन अंग कहा जाता है क्योंकि यही नर और मादा युग्मकों का निर्माण करते हैं।

🌸 प्रश्न 2: द्वि निषेचन से क्या तात्पर्य है?
✅ उत्तर: जब एक नर युग्मक डिंबकोशिका से संलयन कर युग्मनज बनाता है तथा दूसरा नर युग्मक द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका से संलयन कर त्रैतीयक एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है, तो उसे द्वि निषेचन कहते हैं। यह प्रक्रिया केवल आवृतबीजियों (पुष्पी पादपों) में पाई जाती है।

🌸 प्रश्न 3: परागकण की दीवार की दो परतों के नाम लिखिए।
✅ उत्तर: परागकण की दीवार दो परतों से बनी होती है –
(1) बाह्य परत: बहिर्वरण (एक्साइन) – जो स्पोरोपोलिनिन से बनी होती है
(2) आंतरिक परत: अंतर्वरण (इंटाइन) – जो सेल्यूलोज एवं पेक्टिन से निर्मित होती है।

🌸 प्रश्न 4: भ्रूणकोष में विरोधी कोशिकाएँ कहाँ स्थित होती हैं?
✅ उत्तर: भ्रूणकोष में विरोधी कोशिकाएँ (एंटीपोडल कोशिकाएँ) चालन अंतिम (chalazal end) पर स्थित होती हैं, जो भ्रूणकोष की संरचना को संतुलन प्रदान करती हैं।

🌸 प्रश्न 5: पुष्प के किस भाग से फल बनता है?
✅ उत्तर: निषेचन के पश्चात पुष्प का अंडाशय फल में परिवर्तित हो जाता है, जबकि अंडप बीज का निर्माण करता है।


🌱 प्रश्न 6: एकलिंगी तथा द्विलिंगी पुष्पों में क्या अंतर होता है?
✅ उत्तर:
➤ एकलिंगी पुष्प में केवल एक प्रकार का जनन अंग होता है – या तो पुंकेसर (नर) या स्त्रीकेसर (मादा), जैसे – कद्दू, मक्का।
➤ द्विलिंगी पुष्प में दोनों जनन अंग – पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर – एक ही पुष्प में होते हैं, जैसे – मटर, सरसों।

🌿 प्रश्न 7: गाइटोनोगैमी और परपरागण में कोई एक भेद लिखिए।
✅ उत्तर:
➤ गाइटोनोगैमी में परागकण उसी पौधे के एक पुष्प से दूसरे पुष्प पर स्थानांतरित होते हैं जबकि
➤ परपरागण (जेनोगैमी) में परागकण एक पौधे से दूसरे पौधे के पुष्प पर स्थानांतरित होते हैं।
गाइटोनोगैमी अनुवांशिक रूप से स्वपरागण के समान होती है।

🌸 प्रश्न 8: परागकण संरक्षण के दो लाभ लिखिए।
✅ उत्तर:
➤ परागकणों को कृत्रिम माध्यमों में संरक्षित कर भविष्य में संकरण (हाइब्रिड) हेतु प्रयोग किया जा सकता है।
➤ इससे दुर्लभ या मौसमी प्रजातियों के परागकणों को लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सकता है।

🌺 प्रश्न 9: भ्रूणकोष में सहायक कोशिकाओं की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
✅ उत्तर:
➤ भ्रूणकोष में स्थित दो सहायक कोशिकाएँ (synergids) डिंबकोशिका के पास स्थित होती हैं।
➤ इनका कार्य परागनली को दिशा प्रदान करना तथा नर युग्मकों को डिंबकोशिका तक पहुँचाना है।

🌾 प्रश्न 10: सूक्ष्मबीजाणुजनन क्या है?
✅ उत्तर:
परागकोष की बीजाणुजनन परत में स्थित सूक्ष्मबीजाणुजनन कोशिकाओं से सूक्ष्मबीजाणुओं (microspores) का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया को सूक्ष्मबीजाणुजनन कहते हैं। ये सूक्ष्मबीजाणु परागकणों में परिवर्तित होते हैं।

🌼 प्रश्न 11: परागण में कीटों की भूमिका क्या है?
✅ उत्तर:
कीट जैसे मधुमक्खी, तितली, भौंरा आदि परागकणों को एक पुष्प से दूसरे पुष्प तक पहुँचाते हैं। यह प्रक्रिया कीटपरागण (entomophily) कहलाती है। यह पुष्पी पादपों के परपरागण में सहायक होती है।

🌻 प्रश्न 12: निषेचन के पश्चात अंडप में क्या परिवर्तन होते हैं?
✅ उत्तर:
➤ निषेचन के पश्चात डिंब से युग्मनज बनता है जो भ्रूण में परिवर्तित होता है।
➤ द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका से एंडोस्पर्म बनता है।
➤ अंडप बीज तथा अंडाशय फल में परिवर्तित होता है।


🌷 प्रश्न 13: परागकोष की संरचना का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर:
परिपक्व परागकोष में चार सूक्ष्मबीजाणुकोश (microsporangia) होते हैं। प्रत्येक परागकोष चार परतों से बना होता है –
(1) बहिर्जत्वक (epidermis)
(2) अंतर्द्विजत्वक (endothecium)
(3) मध्यस्तर (middle layer)
(4) बीजाणुजनक परत (tapetum)
टेपेटम परत पौषण प्रदान करती है। परागकोष के भीतर सूक्ष्मबीजाणुजनन कोशिकाएँ विभाजन कर परागकणों का निर्माण करती हैं। परिपक्व अवस्था में परागकोष फटकर परागकण बाहर निकलते हैं।

🌼 प्रश्न 14: परागकण की संरचना एवं उसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर:
परागकण दो परतों से बने होते हैं –
(1) बहिर्वरण (exine): यह स्पोरोपोलिनिन से बना होता है, जो अत्यंत कठोर होता है।
(2) अंतर्वरण (intine): यह सेल्यूलोज और पेक्टिन से बना होता है।
परिपक्व परागकण दोकोशिकीय होते हैं – एक प्रजजन कोशिका और एक नलिका कोशिका।
बहिर्वरण पर विवर्तन छिद्र (germ pore) होते हैं जिनसे परागनली निकलती है।

🌺 प्रश्न 15: भ्रूणकोष की संरचना समझाइए।
✅ उत्तर:
भ्रूणकोष अंडप के भीतर स्थित होता है। यह 7 कोशिकाओं और 8 नाभिकों से बना होता है –
(1) एक डिंबकोशिका
(2) दो सहायक कोशिकाएँ
(3) तीन विरोधी कोशिकाएँ
(4) एक द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका
सहायक कोशिकाएँ डिंबकोशिका के पास स्थित होती हैं। केंद्रीय कोशिका निषेचन में भाग लेकर एंडोस्पर्म बनाती है। यह संपूर्ण संरचना शराब की बोतल जैसी होती है।

🌿 प्रश्न 16: द्वि निषेचन को परिभाषित कीजिए एवं इसका महत्व बताइए।
✅ उत्तर:
द्वि निषेचन वह प्रक्रिया है जिसमें दो नर युग्मकों में से एक डिंबकोशिका से मिलकर युग्मनज बनाता है, तथा दूसरा द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका से मिलकर त्रैतीयक एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है। यह प्रक्रिया केवल आवृतबीजियों में पाई जाती है। इसका महत्व यह है कि इसमें एक ही प्रक्रिया से भ्रूण और पोषण ऊतक (एंडोस्पर्म) दोनों का निर्माण होता है।

🌱 प्रश्न 17: फलन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर:
निषेचन के पश्चात अंडाशय फल में परिवर्तित हो जाता है। अंडाशय की दीवार फलावरण (pericarp) बनाती है।
डिंब → बीज
डिंबकोषिका → भ्रूण
केंद्रीय कोशिका → एंडोस्पर्म
फल दो प्रकार के हो सकते हैं –
(1) सही फल – केवल अंडाशय से बनते हैं
(2) कृत्रिम फल – अंडाशय के साथ अन्य भागों से भी बनते हैं (जैसे सेब)

🌸 प्रश्न 18: बीज के भागों का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर:
बीज निषेचन के बाद अंडप से विकसित होता है। इसमें मुख्यतः तीन भाग होते हैं –
(1) बीजावरण (seed coat) – डिंबावरण से बना रक्षात्मक आवरण
(2) भ्रूण (embryo) – जिसमें रैडिकल, प्लुम्यूल और एक/दो कोटिलेडन होते हैं
(3) एंडोस्पर्म – पोषण प्रदान करता है (सिर्फ एंडोस्पर्मीय बीजों में)
बीज डाइकोट (जैसे मटर) और मोनोकॉट (जैसे मक्का) प्रकार का हो सकता है।

🌾 प्रश्न 19: स्वयं परागण के लिए आवश्यक कोई तीन अनुकूलन लिखिए।
✅ उत्तर:
स्वयं परागण (autogamy) के लिए पुष्पों में निम्नलिखित अनुकूलन होते हैं –
(1) क्लैस्टोगैमी – बंद पुष्पों में ही परागण होता है (जैसे: कामेलिना)
(2) समान ऊँचाई – पुंकेसर और वर्तिकाग्र समान स्तर पर होते हैं
(3) समान परिपक्वता – नर एवं मादा जनन अंग एक साथ परिपक्व होते हैं

🌷 प्रश्न 20: परागनली की वृद्धि की दिशा कैसे निर्धारित होती है?
✅ उत्तर:
परागनली की वृद्धि वर्तिकाग्र पर आरंभ होती है। नलिका कोशिका वर्तिकाग्र से होकर शैली में प्रवेश करती है।
सहायक कोशिकाएँ परागनली को रासायनिक संकेतों द्वारा डिंबकोशिका की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
यह रासायनिक मार्गदर्शन (chemotropism) कहलाता है। परागनली micropyle के द्वारा भ्रूणकोष में प्रवेश करती है।

🌿 प्रश्न 21: बीज संरक्षण (Seed Dormancy) क्या है और इसका क्या महत्व है?
✅ उत्तर:
बीज संरक्षण वह अवस्था है जब बीज पूरी तरह परिपक्व हो जाता है लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अंकुरित नहीं होता। यह एक प्रकार की निष्क्रिय अवस्था होती है। इसका महत्व यह है कि यह बीज को प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाकर भविष्य में उपयुक्त समय पर अंकुरण के लिए सक्षम बनाता है। यह पादपों की दीर्घायुता बनाए रखता है।


🌟 प्रश्न 22: नीचे दिए गए अनुच्छेद को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
अनुच्छेद:
फूल के परिपक्व अंडाशय में स्थित डिंब निषेचन के बाद युग्मनज बनाता है। केंद्रीय कोशिका द्विनिषेचन द्वारा एंडोस्पर्म में परिवर्तित होती है। यह प्रक्रिया केवल पुष्पी पादपों में पाई जाती है। निषेचन के पश्चात अंडाशय फल तथा अंडप बीज में परिवर्तित हो जाता है।
🔹 (a) द्वि निषेचन में भाग लेने वाले दोनों नर युग्मकों की भूमिका लिखिए।
🔹 (b) एंडोस्पर्म किस प्रकार बनता है और उसका कार्य क्या होता है?
🔹 (c) फलन में अंडाशय की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
✅ उत्तर:
(a) एक नर युग्मक डिंबकोशिका से मिलकर युग्मनज बनाता है, दूसरा नर युग्मक द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका से मिलकर त्रैतीयक एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है।
(b) द्विनिषेचन की प्रक्रिया में केंद्रीय कोशिका से त्रिगुण एंडोस्पर्म बनता है जो भ्रूण को पोषण प्रदान करता है।
(c) निषेचन के पश्चात अंडाशय फल में परिवर्तित होता है। इसकी दीवार फलावरण बनती है जो बीज की रक्षा करती है।

🌸 प्रश्न 23: नीचे दिया गया चित्र पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
चित्र विवरण:
परागकण वर्तिकाग्र पर गिरता है, परागनली शैली के माध्यम से भ्रूणकोष तक जाती है और डिंबकोशिका में प्रवेश करती है।
🔹 (a) परागनली भ्रूणकोष में किस छिद्र से प्रवेश करती है?
🔹 (b) परागनली की वृद्धि में कौन सी कोशिकाएँ सहायता करती हैं?
🔹 (c) इस प्रक्रिया को क्या कहते हैं और यह पुष्पी पादपों में क्यों महत्त्वपूर्ण है?
✅ उत्तर:
(a) परागनली भ्रूणकोष में सूक्ष्मरंध्र (micropyle) से प्रवेश करती है।
(b) भ्रूणकोष की सहायक कोशिकाएँ (synergids) परागनली को रासायनिक संकेत देती हैं।
(c) इसे द्वि निषेचन कहते हैं। यह प्रक्रिया पुष्पी पादपों में युग्मनज और पोषक ऊतक (एंडोस्पर्म) दोनों के एक साथ निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण है।

🌿 प्रश्न 24: नीचे दिए गए अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उत्तर दीजिए –
अनुच्छेद:
स्वपरागण के लिए पुष्पों में कुछ विशेष प्रकार की अनुकूलन विकसित होती हैं। इनमें क्लैस्टोगैमी, एकल पुष्पों में नर-मादा अंगों की समान परिपक्वता तथा पुष्प संरचना की समरूपता शामिल है।
🔹 (a) क्लैस्टोगैमी से आप क्या समझते हैं?
🔹 (b) स्वपरागण के दो लाभ लिखिए।
🔹 (c) स्वपरागण की जैविक दृष्टि से एक हानि लिखिए।
✅ उत्तर:
(a) क्लैस्टोगैमी वह अनुकूलन है जिसमें पुष्प बंद रहते हुए भी परागण हो जाता है, जैसे – कामेलिना।
(b) लाभ:
अनुवांशिक शुद्धता बनी रहती है।
पुष्प संरचना में जटिलता की आवश्यकता नहीं होती।
(c) हानि: आनुवांशिक विविधता में कमी आती है जिससे पर्यावरणीय अनुकूलन की क्षमता घट जाती है।


🌟 प्रश्न 25: परागकण की उत्पत्ति, संरचना तथा परिपक्व परागकण की अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर:
परागकण का निर्माण परागकोष में स्थित सूक्ष्मबीजाणुजनन कोशिकाओं से होता है। परागकोष चार परतों से बना होता है – बहिर्जत्वक, अंतर्द्विजत्वक, मध्यस्तर और बीजाणुजनक परत। बीजाणुजनक परत पोषण प्रदान करती है।
सूक्ष्मबीजाणुजनन कोशिकाएँ मेयोसिस कर चार सूक्ष्मबीजाणुओं (microspores) का निर्माण करती हैं। यही परागकण होते हैं।
परागकण की संरचना:
➤ बाहरी परत – बहिर्वरण (exine) – स्पोरोपोलिनिन से बनी होती है, जो अघुलनशील व कठोर होती है।
➤ आंतरिक परत – अंतर्वरण (intine) – सेल्यूलोज और पेक्टिन से बनी होती है।
परिपक्व परागकण दो अवस्थाओं में हो सकते हैं:
(1) एककोशिकीय – कुछ पौधों में
(2) दोकोशिकीय – अधिकांश में (नलिका कोशिका व जनन कोशिका)
जनन कोशिका आगे चलकर दो नर युग्मकों में विभाजित होती है। परागकण परागण के लिए तैयार हो जाता है।

🌼 प्रश्न 26: भ्रूणकोष की आंतरिक संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए एवं उसमें उपस्थित सभी कोशिकाओं के कार्य स्पष्ट कीजिए।
✅ उत्तर:
भ्रूणकोष (embryo sac) अंडप के भीतर स्थित डिंब का कार्यात्मक मादा युग्मकोजनन अंग है। इसमें 7 कोशिकाएँ एवं 8 नाभिक होते हैं:
(1) डिंबकोशिका (egg cell): निषेचन में भाग लेकर युग्मनज बनाती है।
(2) 2 सहायक कोशिकाएँ (synergids): परागनली को मार्गदर्शन देती हैं।
(3) 3 विरोधी कोशिकाएँ (antipodals): स्पष्ट कार्य ज्ञात नहीं।
(4) 1 द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका: दूसरा नर युग्मक इससे मिलकर त्रैतीयक एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है।
स्थिति:
डिंबकोशिका व सहायक कोशिकाएँ सूक्ष्मरंध्र छोर पर,
विरोधी कोशिकाएँ चालन अंतिम (chalazal end) पर
केंद्रीय कोशिका केंद्र में होती है।
चित्र की रूपरेखा:
(चित्र में बोतलाकार भ्रूणकोष – ऊपर तीन विरोधी, मध्य में द्विकेंद्रित कोशिका, नीचे डिंबकोशिका व सहायक कोशिकाएँ)
भ्रूणकोष ही निषेचन की मुख्य इकाई है और उससे बीज का निर्माण होता है।

🌺 प्रश्न 27: पुष्पी पादपों में द्वि निषेचन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। यह प्रक्रिया किस प्रकार आवृतबीजियों की विशेषता है?
✅ उत्तर:
द्वि निषेचन (Double Fertilisation) केवल पुष्पी पादपों (Angiosperms) में पाई जाने वाली अनोखी विशेषता है जिसमें दो नर युग्मकों द्वारा दो स्वतंत्र निषेचन क्रियाएँ होती हैं।
प्रक्रिया:
परागकण के वर्तिकाग्र पर गिरने के पश्चात परागनली शैली से होकर भ्रूणकोष में प्रवेश करती है।
● एक नर युग्मक डिंबकोशिका से संलयन कर युग्मनज (zygote) बनाता है।
● दूसरा नर युग्मक द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका से संलयन कर त्रैतीयक एंडोस्पर्म नाभिक बनाता है।
इसका परिणाम:
➤ युग्मनज → भ्रूण बनाता है
➤ एंडोस्पर्म नाभिक → पोषण प्रदान करता है
विशिष्टता:
यह द्वि निषेचन प्रक्रिया केवल आवृतबीजियों में पाई जाती है, जिससे यह अन्य पादप वर्गों से उन्हें अलग करती है। यह उन्हें अधिक उन्नत व जटिल बनाती है।

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Neet पिछले सालों के प्रश्न



🌸 प्रश्न 1:
द्वि निषेचन की प्रक्रिया में कौन शामिल नहीं होता है?
(A) एक नर युग्मक
(B) दो डिंबकोशिकाएँ
(C) द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका
(D) डिंबकोशिका
✅ उत्तर: (B) दो डिंबकोशिकाएँ
📅 वर्ष: NEET 2022

🌿 प्रश्न 2:
कौन-सा पौधा स्वपरागण के लिए बंद पुष्प (क्लैस्टोगैमस पुष्प) प्रदर्शित करता है?
(A) सरसों
(B) मटर
(C) कामेलिना
(D) सूरजमुखी
✅ उत्तर: (C) कामेलिना
📅 वर्ष: AIPMT 2011

🌼 प्रश्न 3:
परागकण की बाहरी परत ‘बहिर्वरण’ किस पदार्थ से बनी होती है?
(A) लिग्निन
(B) सेल्यूलोज
(C) स्पोरोपोलिनिन
(D) पेक्टिन
✅ उत्तर: (C) स्पोरोपोलिनिन
📅 वर्ष: NEET 2020

🌺 प्रश्न 4:
एंडोस्पर्म के निर्माण में भाग लेने वाले दो घटक हैं:
(A) दो डिंबकोशिकाएँ
(B) एक नर युग्मक व सहायक कोशिका
(C) एक नर युग्मक व द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका
(D) डिंबकोशिका व केंद्रीय कोशिका
✅ उत्तर: (C) एक नर युग्मक व द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका
📅 वर्ष: NEET 2017

🍃 प्रश्न 5:
ब्रायोफाइट तथा टेरिडोफाइट पौधों में निषेचन के लिए किस माध्यम की आवश्यकता होती है?
(A) वायु
(B) जल
(C) कीट
(D) पक्षी
✅ उत्तर: (B) जल
📅 वर्ष: AIPMT 2014

🌹 प्रश्न 6:
मक्का में पुष्प की प्रकृति क्या होती है?
(A) द्विलिंगी
(B) एकलिंगी – नर व मादा एक ही पौधे पर
(C) एकलिंगी – नर व मादा अलग पौधों पर
(D) केवल मादा पुष्प
✅ उत्तर: (B) एकलिंगी – नर व मादा एक ही पौधे पर
📅 वर्ष: NEET 2018

🌻 प्रश्न 7:
स्वपरागण को बढ़ावा देने वाला अनुकूलन कौन-सा है?
(A) पराग असंगति
(B) विषम स्तंभता
(C) बंद पुष्प (क्लैस्टोगैमी)
(D) परपरागण
✅ उत्तर: (C) बंद पुष्प (क्लैस्टोगैमी)
📅 वर्ष: AIPMT 2010

🌾 प्रश्न 8:
एंडोस्पर्म किसका पोषण करता है?
(A) बीज
(B) भ्रूण
(C) बीजपत्र
(D) फलावरण
✅ उत्तर: (B) भ्रूण
📅 वर्ष: NEET 2013

🌷 प्रश्न 9:
निम्न में से कौन-सा पौधा नग्न बीज प्रदर्शित करता है?
(A) मक्का
(B) साइकस
(C) सूरजमुखी
(D) मटर
✅ उत्तर: (B) साइकस
📅 वर्ष: NEET 2019

🍀 प्रश्न 10:
परागकण किसके माध्यम से एक पुष्प से दूसरे पुष्प तक पहुँचता है?
(A) वर्तिकाग्र
(B) कीट या वायु
(C) सहायक कोशिका
(D) परागनली
✅ उत्तर: (B) कीट या वायु
📅 वर्ष: AIPMT 2012

🌱 प्रश्न 11:
निम्न में से कौन-सा पौधा एकलिंगी पुष्प प्रदर्शित करता है?
(A) सरसों
(B) मक्का
(C) मटर
(D) सूरजमुखी
✅ उत्तर: (B) मक्का
📅 वर्ष: NEET 2016

🌼 प्रश्न 12:
पुष्पी पादपों में परागनली भ्रूणकोष में किस मार्ग से प्रवेश करती है?
(A) सूक्ष्मरंध्र
(B) चालन अंतिम
(C) बीजावरण
(D) भ्रूण
✅ उत्तर: (A) सूक्ष्मरंध्र
📅 वर्ष: NEET 2021

🌿 प्रश्न 13:
परागकोष में पोषण प्रदान करने वाली परत कौन-सी होती है?
(A) अंतर्द्विजत्वक
(B) टेपेटम
(C) मध्यस्तर
(D) बाह्यत्वचा
✅ उत्तर: (B) टेपेटम
📅 वर्ष: NEET 2015

🌺 प्रश्न 14:
एक सामान्य भ्रूणकोष में कुल कितने नाभिक होते हैं?
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 5
✅ उत्तर: (C) 8
📅 वर्ष: NEET 2022

🌷 प्रश्न 15:
निषेचन के बाद बीज किससे बनता है?
(A) अंडाशय
(B) डिंब
(C) फूल
(D) पुष्पासन
✅ उत्तर: (B) डिंब
📅 वर्ष: AIPMT 2010

🍃 प्रश्न 16:
डाइकोट बीजों में दो बीजपत्र किससे उत्पन्न होते हैं?
(A) भ्रूण
(B) एंडोस्पर्म
(C) वर्तिकाग्र
(D) परिपक्व अंडाशय
✅ उत्तर: (A) भ्रूण
📅 वर्ष: NEET 2014

🌸 प्रश्न 17:
परिपक्व परागकण में सामान्यतः कितनी कोशिकाएँ होती हैं?
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
✅ उत्तर: (B) 2
📅 वर्ष: NEET 2020

🌻 प्रश्न 18:
द्वि निषेचन में भाग लेने वाले दो लक्ष्य कौन-से हैं?
(A) डिंबकोशिका और केंद्रीय कोशिका
(B) सहायक कोशिकाएँ
(C) डिंबकोशिका और विरोधी कोशिकाएँ
(D) डिंब और बीजपत्र
✅ उत्तर: (A) डिंबकोशिका और केंद्रीय कोशिका
📅 वर्ष: NEET 2019

🌼 प्रश्न 19:
द्वि निषेचन निम्नलिखित में से किस वर्ग की विशिष्टता है?
(A) ब्रायोफाइट
(B) टेरिडोफाइट
(C) जिम्नोस्पर्म
(D) आवृतबीजी पौधे
✅ उत्तर: (D) आवृतबीजी पौधे
📅 वर्ष: NEET 2017

🌿 प्रश्न 20:
वह पौधे जिनमें नर एवं मादा पुष्प एक ही पौधे पर होते हैं, कहलाते हैं:
(A) समलिंगी
(B) विषमलिंगी
(C) एकलिंगी
(D) द्विलिंगी
✅ उत्तर: (A) समलिंगी
📅 वर्ष: NEET 2015

🌷 प्रश्न 21:
सहायक कोशिकाएँ भ्रूणकोष में कहाँ स्थित होती हैं?
(A) चालन अंतिम पर
(B) केंद्र में
(C) सूक्ष्मरंध्र छोर पर
(D) कहीं भी
✅ उत्तर: (C) सूक्ष्मरंध्र छोर पर
📅 वर्ष: AIPMT 2008

🌻 प्रश्न 22:
निम्न में से कौन-सा परिवर्तन निषेचन के बाद होता है?
(A) अंडाशय → फल
(B) वर्तिकाग्र → बीजपत्र
(C) डिंब → तना
(D) पुष्पासन → बीज
✅ उत्तर: (A) अंडाशय → फल
📅 वर्ष: NEET 2021

🌺 प्रश्न 23:
क्लैस्टोगैमस पुष्प की प्रमुख विशेषता है:
(A) खुले पुष्प
(B) रंगीन पुष्प
(C) बंद पुष्प
(D) परपरागण
✅ उत्तर: (C) बंद पुष्प
📅 वर्ष: NEET 2013

🌸 प्रश्न 24:
पुष्पी पादपों में निषेचन के पश्चात निम्न में से क्या नहीं होता?
(A) बीज बनता है
(B) फल बनता है
(C) एंडोस्पर्म बनता है
(D) बीजाणु बनते हैं
✅ उत्तर: (D) बीजाणु बनते हैं
📅 वर्ष: NEET 2016

🌾 प्रश्न 25:
एंडोस्पर्म का कार्य क्या होता है?
(A) बीजावरण बनाना
(B) फल का पोषण
(C) भ्रूण को पोषण देना
(D) परागकण का निर्माण
✅ उत्तर: (C) भ्रूण को पोषण देना
📅 वर्ष: NEET 2018


🌿 प्रश्न 26:
कौन-सा घटक पुष्प में नर युग्मक के निर्माण के लिए आवश्यक है?
(A) परागकोष
(B) वर्तिकाग्र
(C) बीजपत्र
(D) भ्रूणकोष
✅ उत्तर: (A) परागकोष
📅 वर्ष: NEET 2022

🌸 प्रश्न 27:
भ्रूणकोष में कितनी विरोधी कोशिकाएँ होती हैं?
(A) दो
(B) एक
(C) तीन
(D) चार
✅ उत्तर: (C) तीन
📅 वर्ष: NEET 2021

🌼 प्रश्न 28:
परागकण की कितनी विवर्तन छिद्र (germ pores) होते हैं?
(A) एक या दो
(B) अनेक
(C) केवल एक
(D) चार
✅ उत्तर: (C) केवल एक
📅 वर्ष: NEET 2018

🌷 प्रश्न 29:
नर युग्मक परागनली के माध्यम से किस अंग में प्रवेश करता है?
(A) बीजपत्र
(B) भ्रूणकोष
(C) डिंब
(D) केसरपुंज
✅ उत्तर: (B) भ्रूणकोष
📅 वर्ष: NEET 2017

🍃 प्रश्न 30:
वह पौधे जिनमें केवल मादा पुष्प पाए जाते हैं, क्या कहलाते हैं?
(A) समलिंगी
(B) मादा एकलिंगी
(C) द्विलिंगी
(D) परिपक्व पुष्प
✅ उत्तर: (B) मादा एकलिंगी
📅 वर्ष: NEET 2015

🌺 प्रश्न 31:
डिंबकोषिका में निषेचन से बनने वाला उत्पाद क्या कहलाता है?
(A) भ्रूण
(B) बीजपत्र
(C) युग्मनज
(D) एंडोस्पर्म
✅ उत्तर: (C) युग्मनज
📅 वर्ष: NEET 2020

🌾 प्रश्न 32:
परिपक्व भ्रूण में कौन से भाग उपस्थित होते हैं?
(A) रैडिकल, प्लुम्यूल, बीजपत्र
(B) फल, भ्रूणकोष, डिंब
(C) वर्तिकाग्र, शैली, अंडाशय
(D) डिंब, पुष्पासन, तना
✅ उत्तर: (A) रैडिकल, प्लुम्यूल, बीजपत्र
📅 वर्ष: AIPMT 2013

🌻 प्रश्न 33:
परिपक्व परागकण में जो कोशिका परागनली बनाती है, वह है:
(A) बीजाणुजनक कोशिका
(B) नलिका कोशिका
(C) प्रजजन कोशिका
(D) भ्रूण कोशिका
✅ उत्तर: (B) नलिका कोशिका
📅 वर्ष: NEET 2016

🍀 प्रश्न 34:
परिपक्व बीज में बीजावरण किससे बनता है?
(A) डिंबकोशिका
(B) डिंबावरण
(C) भ्रूण
(D) केंद्रीय कोशिका
✅ उत्तर: (B) डिंबावरण
📅 वर्ष: NEET 2019

🌸 प्रश्न 35:
परिपक्व परागकण किस अवस्था में पुष्प से बाहर निकलता है?
(A) एककोशिकीय
(B) दोकोशिकीय
(C) तीनकोशिकीय
(D) चारकोशिकीय
✅ उत्तर: (B) दोकोशिकीय
📅 वर्ष: NEET 2021

🌿 प्रश्न 36:
नर युग्मक भ्रूणकोष में किसके द्वारा पहुँचते हैं?
(A) सहायक कोशिकाएँ
(B) परागकण
(C) परागनली
(D) बीजपत्र
✅ उत्तर: (C) परागनली
📅 वर्ष: AIPMT 2012

🌷 प्रश्न 37:
पुष्पों में परपरागण की सबसे सामान्य विधि क्या है?
(A) जल
(B) कीट
(C) वायु
(D) पक्षी
✅ उत्तर: (B) कीट
📅 वर्ष: NEET 2017

🍃 प्रश्न 38:
एंडोस्पर्म का गुणसूत्र संख्या क्या होती है?
(A) एन
(B) 2एन
(C) 3एन
(D) 4एन
✅ उत्तर: (C) 3एन
📅 वर्ष: NEET 2014

🌾 प्रश्न 39:
मोनोकॉट बीज का उदाहरण है:
(A) मटर
(B) गेहूं
(C) मूंगफली
(D) सोयाबीन
✅ उत्तर: (B) गेहूं
📅 वर्ष: NEET 2013

🌻 प्रश्न 40:
अंडाशय की दीवार किस संरचना में बदलती है?
(A) भ्रूण
(B) बीज
(C) बीजपत्र
(D) फलावरण
✅ उत्तर: (D) फलावरण
📅 वर्ष: NEET 2018

🌿 प्रश्न 41:
क्लैस्टोगैमस पुष्पों में कौन-सी विशेषता होती है?
(A) बाहरी परागण
(B) केवल कीटों द्वारा परागण
(C) बंद रहकर स्वपरागण
(D) गंधहीन पुष्प
✅ उत्तर: (C) बंद रहकर स्वपरागण
📅 वर्ष: NEET 2011

🌼 प्रश्न 42:
ब्रायोफाइट तथा टेरिडोफाइटों की तुलना में आवृतबीजियों में निषेचन की प्रक्रिया अधिक उन्नत क्यों मानी जाती है?
(A) सूखे में निषेचन होता है
(B) द्वि निषेचन होता है
(C) बीज निर्माण नहीं होता
(D) जल आवश्यक होता है
✅ उत्तर: (B) द्वि निषेचन होता है
📅 वर्ष: NEET 2015

🌸 प्रश्न 43:
केंद्रीय कोशिका के साथ निषेचित होने वाला नर युग्मक क्या बनाता है?
(A) भ्रूण
(B) बीजपत्र
(C) एंडोस्पर्म
(D) बीजावरण
✅ उत्तर: (C) एंडोस्पर्म
📅 वर्ष: NEET 2020

🌷 प्रश्न 44:
बीज संरचना में बाह्यावरण का कार्य क्या है?
(A) अंकुरण
(B) पोषण
(C) सुरक्षा
(D) निषेचन
✅ उत्तर: (C) सुरक्षा
📅 वर्ष: NEET 2016

🍀 प्रश्न 45:
वह पुष्प जिसमें पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों उपस्थित होते हैं, कहलाता है:
(A) एकलिंगी
(B) द्विलिंगी
(C) मादा पुष्प
(D) नर पुष्प
✅ उत्तर: (B) द्विलिंगी
📅 वर्ष: AIPMT 2010

🌿 प्रश्न 46:
पुष्पी पादपों में बीज किससे बनता है?
(A) वर्तिकाग्र
(B) अंडप
(C) डिंब
(D) शैली
✅ उत्तर: (C) डिंब
📅 वर्ष: NEET 2015

🌻 प्रश्न 47:
परिपक्व डाइकोट बीज में एंडोस्पर्म का क्या होता है?
(A) पूर्ण रूप से बना रहता है
(B) अंकुरण के बाद बनता है
(C) भ्रूण द्वारा उपभोग कर लिया जाता है
(D) बीजावरण में परिवर्तित होता है
✅ उत्तर: (C) भ्रूण द्वारा उपभोग कर लिया जाता है
📅 वर्ष: NEET 2019

🌾 प्रश्न 48:
परागनली भ्रूणकोष तक किसके द्वारा मार्गदर्शित होती है?
(A) विरोधी कोशिकाएँ
(B) सहायक कोशिकाएँ
(C) डिंब
(D) बीजपत्र
✅ उत्तर: (B) सहायक कोशिकाएँ
📅 वर्ष: NEET 2021

🌼 प्रश्न 49:
एंडोस्पर्म किस प्रकार का ऊतक होता है?
(A) रक्षक ऊतक
(B) परिपोषक ऊतक
(C) जालिका ऊतक
(D) मृदूतक
✅ उत्तर: (B) परिपोषक ऊतक
📅 वर्ष: AIPMT 2012

🌺 प्रश्न 50:
निम्नलिखित में से कौन-सा बीजपत्र की संख्या से मोनोकॉट है?
(A) मक्का
(B) मटर
(C) मूंग
(D) सरसों
✅ उत्तर: (A) मक्का
📅 वर्ष: NEET 2014

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Neet मॉडल प्रश्न , अभ्यास



🌸 प्रश्न 1:
अविकासी पुष्पों की एक विशेषता क्या है?
(A) केवल परपरागण होता है
(B) ये खुले रहते हैं और पराग फैलाते हैं
(C) ये बंद रहते हैं और स्वपरागण करते हैं
(D) ये केवल जल द्वारा परागित होते हैं
✅ उत्तर: (C) ये बंद रहते हैं और स्वपरागण करते हैं

🌿 प्रश्न 2:
परिपक्व परागकण सामान्यतः किस अवस्था में पुष्प से बाहर निकलता है?
(A) एककोशिकीय
(B) दोकोशिकीय
(C) त्रिकोशिकीय
(D) चारकोशिकीय
✅ उत्तर: (B) दोकोशिकीय

🌼 प्रश्न 3:
बहिर्वरण की संरचना में कौन-सा पदार्थ पाया जाता है?
(A) सेल्यूलोज
(B) स्पोरोपोलिनिन
(C) लिग्निन
(D) पेक्टिन
✅ उत्तर: (B) स्पोरोपोलिनिन

🌺 प्रश्न 4:
परागनली भ्रूणकोष में किस मार्ग से प्रवेश करती है?
(A) चालन अंतिम
(B) सूक्ष्मरंध्र
(C) बीजावरण
(D) भ्रूण
✅ उत्तर: (B) सूक्ष्मरंध्र

🌾 प्रश्न 5:
टेपेटम परत का प्रमुख कार्य क्या है?
(A) विभाजन करना
(B) परागनली बनाना
(C) परागकण को पोषण देना
(D) परागण करना
✅ उत्तर: (C) परागकण को पोषण देना

🌷 प्रश्न 6:
युग्मनज किसके संलयन से बनता है?
(A) दो नर युग्मकों के
(B) डिंबकोशिका व नर युग्मक के
(C) डिंब व बीजपत्र के
(D) सहायक कोशिकाओं के
✅ उत्तर: (B) डिंबकोशिका व नर युग्मक के

🍀 प्रश्न 7:
एंडोस्पर्म की गुणसूत्र संख्या होती है:
(A) एन
(B) 2एन
(C) 3एन
(D) 4एन
✅ उत्तर: (C) 3एन

🌻 प्रश्न 8:
बीजावरण किससे बनता है?
(A) भ्रूण
(B) डिंबावरण
(C) डिंबकोशिका
(D) शैली
✅ उत्तर: (B) डिंबावरण

🌼 प्रश्न 9:
भ्रूणकोष में सहायक कोशिकाएँ कहाँ स्थित होती हैं?
(A) सूक्ष्मरंध्र छोर पर
(B) चालन अंतिम पर
(C) केंद्रीय भाग में
(D) बीजपत्र के समीप
✅ उत्तर: (A) सूक्ष्मरंध्र छोर पर

🌸 प्रश्न 10:
द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका का निषेचन किसके साथ होता है?
(A) सहायक कोशिका
(B) नर युग्मक
(C) डिंबकोशिका
(D) डिंबावरण
✅ उत्तर: (B) नर युग्मक

🌿 प्रश्न 11:
एंडोस्पर्म किसका पोषण करता है?
(A) बीजपत्र
(B) शैली
(C) भ्रूण
(D) फलावरण
✅ उत्तर: (C) भ्रूण

🌷 प्रश्न 12:
परागण के लिए कौन-सा अनुकूलन स्वपरागण को प्रोत्साहित करता है?
(A) पराग असंगति
(B) विषम स्तंभता
(C) अविकासी पुष्प
(D) परपरागण बाधा
✅ उत्तर: (C) अविकासी पुष्प

🍀 प्रश्न 13:
भ्रूणकोष में कुल कितने नाभिक होते हैं?
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 9
✅ उत्तर: (C) 8

🌻 प्रश्न 14:
बीज के बनने में कौन-सा अंग मुख्य रूप से भाग लेता है?
(A) डिंब
(B) बीजपत्र
(C) वर्तिकाग्र
(D) पंखुड़ी
✅ उत्तर: (A) डिंब

🌺 प्रश्न 15:
परिपक्व भ्रूण में कौन-कौन से भाग उपस्थित होते हैं?
(A) वर्तिकाग्र, शैली
(B) रैडिकल, प्लुम्यूल, बीजपत्र
(C) डिंबावरण, पुष्पासन
(D) सहायक कोशिका, विरोधी कोशिका
✅ उत्तर: (B) रैडिकल, प्लुम्यूल, बीजपत्र

🌼 प्रश्न 16:
परागनली किससे बनती है?
(A) बीजाणुजनक कोशिका
(B) नलिका कोशिका
(C) प्रजजन कोशिका
(D) केंद्रीय कोशिका
✅ उत्तर: (B) नलिका कोशिका

🌸 प्रश्न 17:
फलावरण किससे बनता है?
(A) अंडप
(B) बीजपत्र
(C) अंडाशय की दीवार
(D) डिंब
✅ उत्तर: (C) अंडाशय की दीवार

🌿 प्रश्न 18:
निम्न में से कौन-सा बीज एकबीजपत्री होता है?
(A) मक्का
(B) मटर
(C) मूंगफली
(D) सरसों
✅ उत्तर: (A) मक्का

🌷 प्रश्न 19:
वह परत जो परागकण की सुरक्षा करती है, वह है:
(A) अंतर्वरण
(B) बहिर्वरण
(C) मध्यस्तर
(D) टेपेटम
✅ उत्तर: (B) बहिर्वरण

🍀 प्रश्न 20:
डिंबकोशिका के निषेचन से क्या बनता है?
(A) एंडोस्पर्म
(B) डिंब
(C) युग्मनज
(D) बीजपत्र
✅ उत्तर: (C) युग्मनज

🌻 प्रश्न 21:
विषमलिंगी पौधे कौन-से होते हैं?
(A) जिनमें एक ही पुष्प में नर व मादा भाग हों
(B) जिनमें अलग-अलग पुष्प हों
(C) जिनमें नर और मादा पुष्प अलग-अलग पौधों पर हों
(D) केवल नर पुष्प वाले पौधे
✅ उत्तर: (C) जिनमें नर और मादा पुष्प अलग-अलग पौधों पर हों

🌼 प्रश्न 22:
स्वपरागण में किस प्रकार की अनुवांशिकता बनी रहती है?
(A) विविध
(B) मिश्रित
(C) शुद्ध
(D) परिवर्तनीय
✅ उत्तर: (C) शुद्ध

🌺 प्रश्न 23:
डिंबकोशिका और केंद्रीय कोशिका का निषेचन क्रमशः बनाता है:
(A) एंडोस्पर्म और भ्रूण
(B) भ्रूण और एंडोस्पर्म
(C) बीज और फल
(D) फल और बीजपत्र
✅ उत्तर: (B) भ्रूण और एंडोस्पर्म

🌸 प्रश्न 24:
स्पोरोपोलिनिन का मुख्य गुण क्या है?
(A) यह वाष्पशील है
(B) जल में घुलनशील है
(C) अत्यधिक स्थायित्व
(D) पर्णहरित से भरपूर
✅ उत्तर: (C) अत्यधिक स्थायित्व

🌿 प्रश्न 25:
द्वि निषेचन की खोज किसने की थी?
(A) मेंडल
(B) रामनाथ चोपड़ा
(C) नवार्टिस
(D) एन. गुएगन
✅ उत्तर: (D) एन. गुएगन


🌼 प्रश्न 26:
परागकण का अंकुरण किस माध्यम में होता है?
(A) नलिका कोशिका में
(B) वर्तिकाग्र पर
(C) डिंबकोशिका में
(D) शैली के ऊपर
✅ उत्तर: (B) वर्तिकाग्र पर

🌸 प्रश्न 27:
पुष्पी पौधों में एकल युग्मनज किसे जन्म देता है?
(A) भ्रूण और फल
(B) बीजपत्र
(C) भ्रूण
(D) शैली
✅ उत्तर: (C) भ्रूण

🌿 प्रश्न 28:
पुष्पकोष्ठ की सबसे भीतरी परत क्या कहलाती है?
(A) टेपेटम
(B) मध्यस्तर
(C) बहिर्वरण
(D) अंतर्वरण
✅ उत्तर: (A) टेपेटम

🌷 प्रश्न 29:
परिपक्व भ्रूणकोष में कौन-सी कोशिकाएँ केंद्रीय कोशिका से बनती हैं?
(A) डिंबकोशिका
(B) सहायक कोशिकाएँ
(C) विरोधी कोशिकाएँ
(D) द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका
✅ उत्तर: (D) द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका

🍀 प्रश्न 30:
स्पोरोपोलिनिन को किस प्रकार नष्ट किया जा सकता है?
(A) अम्ल से
(B) क्षार से
(C) किसी भी ज्ञात एंजाइम से नहीं
(D) जल से
✅ उत्तर: (C) किसी भी ज्ञात एंजाइम से नहीं

🌻 प्रश्न 31:
डिंबकोशिका किसके द्वारा निषेचित होती है?
(A) परागनली
(B) एक नर युग्मक
(C) डिंबावरण
(D) भ्रूण
✅ उत्तर: (B) एक नर युग्मक

🌺 प्रश्न 32:
अंडाशय के किस भाग से बीज बनने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है?
(A) भ्रूण
(B) वर्तिकाग्र
(C) डिंब
(D) फलावरण
✅ उत्तर: (C) डिंब

🌼 प्रश्न 33:
परिपक्व बीज में फलावरण किस भाग से उत्पन्न होता है?
(A) अंडाशय की दीवार
(B) बीजपत्र
(C) शैली
(D) वर्तिकाग्र
✅ उत्तर: (A) अंडाशय की दीवार

🌸 प्रश्न 34:
विषम स्तंभता किस परागण विधि को रोकने के लिए उत्तरदायी है?
(A) स्वपरागण
(B) परपरागण
(C) जल परागण
(D) वायु परागण
✅ उत्तर: (A) स्वपरागण

🌿 प्रश्न 35:
बीजाणुजनक कोशिका का विभाजन किस प्रकार का होता है?
(A) माइटोटिक
(B) मीयोटिक
(C) असमान
(D) सम
✅ उत्तर: (B) मीयोटिक

🌷 प्रश्न 36:
नर युग्मक किससे उत्पन्न होते हैं?
(A) नलिका कोशिका से
(B) बीजाणुजनक कोशिका से
(C) प्रजजन कोशिका से
(D) डिंबावरण से
✅ उत्तर: (C) प्रजजन कोशिका से

🍀 प्रश्न 37:
डिंबकोशिका की अनुपस्थिति में निषेचन नहीं हो सकता क्योंकि:
(A) परागनली रुक जाती है
(B) युग्मनज नहीं बनता
(C) एंडोस्पर्म बनता है
(D) परपरागण संभव नहीं
✅ उत्तर: (B) युग्मनज नहीं बनता

🌻 प्रश्न 38:
विषमलिंगी पुष्पों में किस प्रकार का परागण अधिक होता है?
(A) स्वपरागण
(B) आत्म-परागण
(C) परपरागण
(D) द्वि परागण
✅ उत्तर: (C) परपरागण

🌺 प्रश्न 39:
वर्तिकाग्र का कार्य क्या है?
(A) बीज बनाना
(B) परागकण को आकर्षित करना
(C) परागनली का प्रवेश मार्ग बनाना
(D) बीजाणु बनाना
✅ उत्तर: (C) परागनली का प्रवेश मार्ग बनाना

🌼 प्रश्न 40:
परागनली में नर युग्मकों की संख्या होती है:
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
✅ उत्तर: (B) 2

🌸 प्रश्न 41:
डिंब किस अंग में स्थित होता है?
(A) पुष्पासन
(B) अंडाशय
(C) बीजपत्र
(D) वर्तिकाग्र
✅ उत्तर: (B) अंडाशय

🌿 प्रश्न 42:
सहायक कोशिकाएँ किस क्रिया में सहायता करती हैं?
(A) निषेचन
(B) युग्मक संरचना
(C) परागण
(D) परागनली को मार्गदर्शन
✅ उत्तर: (D) परागनली को मार्गदर्शन

🌷 प्रश्न 43:
डिंबावरण किसका सुरक्षा कवच है?
(A) भ्रूणकोष
(B) बीजाणु
(C) परागकण
(D) पुष्प
✅ उत्तर: (A) भ्रूणकोष

🍀 प्रश्न 44:
एंडोस्पर्म किसके संलयन से बनता है?
(A) डिंबकोशिका और एक नर युग्मक
(B) डिंब और परागकण
(C) द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका और दूसरा नर युग्मक
(D) परागकण और बीजाणु
✅ उत्तर: (C) द्विकेंद्रित केंद्रीय कोशिका और दूसरा नर युग्मक

🌻 प्रश्न 45:
परागणनली का मार्गदर्शन कौन करता है?
(A) विरोधी कोशिकाएँ
(B) डिंबावरण
(C) शैली
(D) सहायक कोशिकाएँ
✅ उत्तर: (D) सहायक कोशिकाएँ

🌺 प्रश्न 46:
बीजाणुधानी का कार्य क्या है?
(A) बीज बनाना
(B) परागकोष का निर्माण
(C) परागकण उत्पन्न करना
(D) पुष्प बनाना
✅ उत्तर: (C) परागकण उत्पन्न करना

🌼 प्रश्न 47:
शैली किसके बीच संबंध बनाती है?
(A) वर्तिकाग्र और बीज
(B) वर्तिकाग्र और अंडाशय
(C) पुष्प और बीज
(D) डिंब और भ्रूण
✅ उत्तर: (B) वर्तिकाग्र और अंडाशय

🌸 प्रश्न 48:
बीजपत्र का मुख्य कार्य क्या है?
(A) बीज को सुरक्षा
(B) पराग फैलाना
(C) भ्रूण को पोषण
(D) पुष्प को पकड़ना
✅ उत्तर: (C) भ्रूण को पोषण

🌿 प्रश्न 49:
परिपक्व बीज किसके द्वारा सुरक्षित होता है?
(A) पुष्पासन
(B) फलावरण
(C) शैली
(D) बीजाणुधानी
✅ उत्तर: (B) फलावरण

🌷 प्रश्न 50:
एकबीजपत्री बीज का उदाहरण है:
(A) गेहूँ
(B) मटर
(C) मूंगफली
(D) सरसों
✅ उत्तर: (A) गेहूँ

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दृश्य सामग्री

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