Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 9. संविधान: एक जीवंत दस्तावेज़
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔶 प्रस्तावना (≈150 शब्द)
🔵 भारतीय संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा का दस्तावेज़ है।
🟢 यह देश की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप ढलने की क्षमता रखता है, इसलिए इसे “एक जीवंत दस्तावेज़” कहा जाता है।
🟡 संविधान भारत की लोकतांत्रिक परंपरा, समानता, न्याय और स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
🔴 समय के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन होते रहते हैं; इन परिवर्तनों के अनुसार संविधान को संशोधित किया जा सकता है।
💡 इस अध्याय में हम समझेंगे कि संविधान कैसे स्थायित्व और लचीलापन दोनों का सुंदर संतुलन बनाए रखता है, और क्यों यह आज भी प्रासंगिक व सक्रिय है।
🏛️ मुख्य व्याख्या (≈1350 शब्द)
🧭 1. संविधान का अर्थ और उद्देश्य
🔵 संविधान वह दस्तावेज़ है जो राज्य की शासन प्रणाली, नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और संस्थाओं के कार्य निर्धारित करता है।
🟢 यह शासन की सीमाएँ तय करता है और नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
🟡 भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और तभी से यह भारतीय लोकतंत्र का आधार बना।
💡 इसका उद्देश्य था — “न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता” की स्थापना।
⚖️ 2. “जीवंत दस्तावेज़” की अवधारणा
🔵 किसी संविधान को जीवंत (Living Document) तब कहा जाता है जब वह समाज की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को ढाल सके।
🟢 भारतीय संविधान में परिवर्तन और अनुकूलन की क्षमता निहित है।
🟡 यह केवल स्थिर नियम नहीं बल्कि “गतिशील दिशा-सूचक” है।
💡 संविधान को जीवंत बनाए रखने की शक्ति उसके लचीलापन और संशोधन प्रक्रिया में निहित है।
🏛️ 3. संविधान की लचीलापन और कठोरता का संतुलन
🔵 भारतीय संविधान न तो पूरी तरह कठोर है न पूरी तरह लचीला — यह दोनों का मिश्रण है।
🟢 संविधान के कुछ भाग संसद के साधारण बहुमत से बदले जा सकते हैं।
🟡 कुछ प्रावधानों में विशेष बहुमत और राज्य विधानसभाओं की स्वीकृति आवश्यक होती है।
💡 इस लचीलेपन के कारण संविधान समाज के बदलते स्वरूप के साथ चलता है।
✳️ 4. संविधान संशोधन की प्रक्रिया
🔵 संविधान का अनुच्छेद 368 संशोधन प्रक्रिया से संबंधित है।
🟢 संसद संविधान में संशोधन कर सकती है —
1️⃣ साधारण बहुमत से संशोधन (जैसे नागरिकता, सीमाओं में परिवर्तन)।
2️⃣ विशेष बहुमत से संशोधन (जैसे मौलिक अधिकार, नीति निदेशक तत्व)।
3️⃣ विशेष बहुमत + राज्यों की सहमति (जैसे संघीय ढाँचा, न्यायपालिका)।
💡 यह प्रक्रिया संविधान को गतिशील बनाती है ताकि वह समयानुसार बदल सके।
⚖️ 5. अब तक के प्रमुख संविधान संशोधन
🔵 भारतीय संविधान में अब तक 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं।
🟢 इनमें कुछ ऐतिहासिक संशोधन हैं —
1️⃣ पहला संशोधन (1951) — अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर युक्तिसंगत प्रतिबंध।
2️⃣ 42वाँ संशोधन (1976) — संविधान को “समाजवादी, पंथनिरपेक्ष” रूप दिया गया।
3️⃣ 44वाँ संशोधन (1978) — आपातकालीन शक्तियों पर नियंत्रण।
4️⃣ 73वाँ और 74वाँ संशोधन (1992) — स्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा।
💡 ये संशोधन बताते हैं कि संविधान समय के साथ बदलकर और मजबूत हुआ है।
🏛️ 6. न्यायपालिका की भूमिका — संविधान का जीवंत बनना
🔵 सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों ने संविधान की व्याख्या कर इसे जीवंत बनाए रखा है।
🟢 केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) में न्यायालय ने कहा — संविधान का “मौलिक ढाँचा” बदला नहीं जा सकता।
🟡 मूल अधिकारों, न्यायिक पुनरावलोकन और समानता के अधिकार की व्याख्या ने संविधान की आत्मा को सशक्त किया।
💡 न्यायपालिका संविधान को केवल पाठ्य दस्तावेज़ नहीं, बल्कि जीवंत मार्गदर्शक के रूप में देखती है।
✳️ 7. संविधान में मौलिक अधिकारों की भूमिका
🔵 मौलिक अधिकार संविधान का सबसे जीवंत भाग हैं।
🟢 ये नागरिकों को अन्याय, भेदभाव और दमन से सुरक्षा देते हैं।
🟡 अनुच्छेद 12 से 35 तक मौलिक अधिकार दिए गए हैं।
💡 न्यायपालिका के माध्यम से ये अधिकार निरंतर विकसित और विस्तृत हुए हैं — जैसे पर्यावरण, शिक्षा और निजता के अधिकार को न्यायालयों ने मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी।
⚖️ 8. नीति निदेशक तत्व और मूल कर्तव्य
🔵 नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy) राज्य को सामाजिक-आर्थिक न्याय स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन देते हैं।
🟢 मूल कर्तव्यों (Fundamental Duties) नागरिकों को राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराते हैं।
💡 इन दोनों ने संविधान को केवल अधिकारों का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भी दस्तावेज़ बनाया है।
🏛️ 9. संविधान की प्रासंगिकता और आधुनिकता
🔵 आज जब समाज, तकनीक और राजनीति तेजी से बदल रही है, तब भी संविधान अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है।
🟢 यह प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर, न्याय और गरिमा देता है।
🟡 डिजिटल युग में निजता, सूचना का अधिकार, और पारदर्शिता जैसे नए अधिकार संविधान की व्याख्या से उभरे हैं।
💡 यह संविधान की जीवंतता और अनुकूलता का प्रमाण है।
🎯 10. संविधान की आत्मा — जनता की संप्रभुता
🔵 संविधान की शक्ति जनता से आती है — “हम भारत के लोग” (We, the People of India) इसका प्रारंभिक शब्द है।
🟢 यह संविधान को जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए बनाया गया दस्तावेज़ बनाता है।
🟡 जनता की इच्छा और भागीदारी इसे निरंतर जीवित रखती है।
💡 जब तक नागरिक संविधान के मूल्यों के प्रति सजग रहेंगे, यह दस्तावेज़ जीवित और शक्तिशाली बना रहेगा।
📘 सारांश (≈250 शब्द)
🔵 भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ है क्योंकि यह स्थिरता और परिवर्तनशीलता दोनों को संतुलित करता है।
🟢 संविधान का उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता को स्थापित करना है।
🟡 अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संसद को संविधान संशोधन का अधिकार है, जिससे इसे समयानुकूल बनाया जा सके।
🔴 न्यायपालिका ने अपने निर्णयों द्वारा संविधान की व्याख्या की है और “मौलिक ढाँचा सिद्धांत” स्थापित कर इसकी आत्मा की रक्षा की है।
💡 मौलिक अधिकार, नीति निदेशक तत्व, और मूल कर्तव्य मिलकर संविधान को जीवन्त और मानवोन्मुख बनाते हैं।
🟢 संविधान में किए गए 73वें और 74वें संशोधन ने लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर सशक्त किया।
🟡 नए सामाजिक और तकनीकी संदर्भों में भी संविधान ने निजता, शिक्षा, सूचना जैसे अधिकारों को अपनाकर अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है।
🎯 इस प्रकार भारतीय संविधान न केवल शासन का ढाँचा है बल्कि यह जीवंत, गतिशील और प्रगतिशील दस्तावेज़ है जो समय के साथ विकसित होता रहता है।
📝 त्वरित पुनरावलोकन (≈100 शब्द)
✔️ संविधान — शासन की मूल रूपरेखा और नागरिक अधिकारों का दस्तावेज़।
✔️ जीवंत दस्तावेज़ — समयानुसार परिवर्तनशील।
✔️ अनुच्छेद 368 — संशोधन प्रक्रिया।
✔️ प्रमुख संशोधन — 42वाँ, 44वाँ, 73वाँ, 74वाँ।
✔️ न्यायिक व्याख्या — केशवानंद भारती केस (मौलिक ढाँचा सिद्धांत)।
✔️ मौलिक अधिकार + नीति निदेशक तत्व + कर्तव्य = संतुलित संविधान।
✔️ जनता की संप्रभुता — “We, the People of India।”
✔️ भारतीय संविधान — स्थिरता + लचीलापन = जीवंतता।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1:
निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य सही है —
संविधान में समय-समय पर संशोधन करना आवश्यक होता है क्योंकि —
🟢 उत्तर:
➡️ परिस्थितियाँ बदलने पर संविधान में उचित संशोधन करना आवश्यक हो जाता है।
➡️ संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ है जो समाज की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप ढलता रहता है।
➡️ इसलिए समय-समय पर संशोधन लोकतांत्रिक स्थायित्व का प्रतीक है।
🔵 प्रश्न 2:
निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही (✔️) या गलत (❌) का निशान लगाइए —
🟢 उत्तर:
(क) राष्ट्रपति कोई संशोधन विधेयक पुनर्विचार हेतु नहीं भेज सकता — ✔️ सही
(ख) संविधान संशोधन का अधिकार केवल संसद को है — ✔️ सही
(ग) न्यायपालिका संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती — ✔️ सही
(घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है — ❌ गलत (सीमाएँ हैं, जैसे मूल ढाँचा सिद्धांत)
🔵 प्रश्न 3:
निम्नलिखित में कौन भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं?
🟢 उत्तर:
➡️ संसद — संशोधन विधेयक पारित करती है।
➡️ भारत के राष्ट्रपति — संसद द्वारा पारित विधेयक को स्वीकृति देते हैं।
➡️ राज्य विधानसभाएँ — कुछ संशोधनों की पुष्टि करती हैं।
(मतदाता प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होते।)
🔵 प्रश्न 4:
संविधान का 42वाँ संशोधन सबसे विवादास्पद क्यों माना गया?
🟢 उत्तर:
➡️ यह संशोधन राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान पारित हुआ था।
➡️ संशोधन में केन्द्र को अत्यधिक शक्तियाँ दी गईं और न्यायपालिका की भूमिका सीमित की गई।
➡️ इसे “मिनी संविधान” कहा गया क्योंकि इसने अनेक अनुच्छेदों में व्यापक परिवर्तन किए।
🔵 प्रश्न 5:
निम्नलिखित में कौन-सा वाक्य सही है —
🟢 उत्तर:
➡️ संसद और न्यायपालिका दोनों संविधान के अंग हैं, परन्तु न्यायपालिका संविधान की सर्वोच्च व्याख्याकार है।
➡️ न्यायपालिका यह सुनिश्चित करती है कि संसद के बनाए कानून संविधान की मूल भावना के विपरीत न हों।
➡️ अतः संविधान की सर्वोच्चता न्यायपालिका द्वारा संरक्षित रहती है।
🔵 प्रश्न 6:
“मूल ढाँचा सिद्धांत” (Basic Structure Doctrine) से आप क्या समझते हैं?
🟢 उत्तर:
➡️ यह सिद्धांत कहता है कि संविधान में संशोधन किया जा सकता है, परंतु इसके मूल तत्व बदले नहीं जा सकते।
➡️ सर्वोच्च न्यायालय ने 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में इस सिद्धांत की घोषणा की।
➡️ इसमें लोकतंत्र, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और विधि का शासन जैसे तत्व शामिल हैं।
🔵 प्रश्न 7:
सन् 2000–2003 के बीच हुए संशोधनों से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
🟢 उत्तर:
➡️ इस अवधि में कई संशोधन पारित हुए पर न्यायपालिका ने उन पर हस्तक्षेप नहीं किया।
➡️ संशोधन प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सहमति आधारित रही।
➡️ यह दर्शाता है कि भारतीय लोकतंत्र में संवाद और संतुलन मौजूद है।
🔵 प्रश्न 8:
संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
🟢 उत्तर:
➡️ समय और समाज के साथ नई परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
➡️ लोकतंत्र में नीतियाँ, अधिकार और व्यवस्थाएँ विकसित होती रहती हैं।
➡️ इन्हीं परिवर्तनों के अनुरूप संविधान में संशोधन आवश्यक होता है ताकि वह प्रासंगिक बना रहे।
🔵 प्रश्न 9:
भारतीय संविधान में संसद और न्यायपालिका की व्याख्याओं में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर:
➡️ संसद राजनीतिक दृष्टिकोण से संविधान में परिवर्तन करती है, जबकि न्यायपालिका कानूनी व्याख्या करती है।
➡️ न्यायपालिका यह सुनिश्चित करती है कि संसद का कोई संशोधन संविधान के मूल ढाँचे को न तोड़े।
➡️ इस प्रकार दोनों के बीच संतुलन लोकतंत्र को स्थिर बनाता है।
🔵 प्रश्न 10:
यदि संशोधन की शक्ति जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास है, तो क्या न्यायपालिका को उस पर निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए?
🟢 उत्तर:
➡️ हाँ, क्योंकि न्यायपालिका संविधान की संरक्षक है और यह सुनिश्चित करती है कि संशोधन संविधान की मूल भावना को न बदले।
➡️ प्रतिनिधि राजनीतिक दबाव में आ सकते हैं, पर न्यायपालिका निष्पक्ष रहती है।
➡️ इसलिए संशोधनों की न्यायिक समीक्षा लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏛️ खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (Q1–Q12 · 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1: भारतीय संविधान को “जीवंत दस्तावेज़” क्यों कहा जाता है?
🟢 1️⃣ क्योंकि यह परिवर्तनशील और समयानुसार संशोधित किया जा सकता है
🟡 2️⃣ क्योंकि यह बहुत लंबा है
🔴 3️⃣ क्योंकि इसमें चित्र हैं
🟣 4️⃣ क्योंकि यह अंग्रेज़ी में लिखा गया है
✔️ उत्तर: क्योंकि यह परिवर्तनशील और समयानुसार संशोधित किया जा सकता है
🔵 प्रश्न 2: भारतीय संविधान में संशोधन का अधिकार किसे प्राप्त है?
🟢 1️⃣ प्रधानमंत्री को
🟡 2️⃣ राष्ट्रपति को
🔴 3️⃣ संसद को
🟣 4️⃣ सर्वोच्च न्यायालय को
✔️ उत्तर: संसद को
🔵 प्रश्न 3: संविधान का कौन-सा अनुच्छेद संशोधन प्रक्रिया से संबंधित है?
🟢 1️⃣ अनुच्छेद 352
🟡 2️⃣ अनुच्छेद 368
🔴 3️⃣ अनुच्छेद 370
🟣 4️⃣ अनुच्छेद 356
✔️ उत्तर: अनुच्छेद 368
🔵 प्रश्न 4: संविधान के किन भागों को संशोधित करना सबसे कठिन माना जाता है?
🟢 1️⃣ राज्य सूची
🟡 2️⃣ केंद्र सूची
🔴 3️⃣ संघीय प्रावधान
🟣 4️⃣ मौलिक अधिकार
✔️ उत्तर: संघीय प्रावधान
🔵 प्रश्न 5: “मौलिक अधिकार” किस प्रकार के अधिकार हैं?
🟢 1️⃣ कानूनी अधिकार
🟡 2️⃣ सामाजिक अधिकार
🔴 3️⃣ संवैधानिक अधिकार
🟣 4️⃣ मौलिक कर्तव्य
✔️ उत्तर: संवैधानिक अधिकार
🔵 प्रश्न 6: संविधान संशोधन के लिए कौन-सी बहुमत आवश्यक है?
🟢 1️⃣ साधारण बहुमत
🟡 2️⃣ विशेष बहुमत
🔴 3️⃣ सर्वसम्मति
🟣 4️⃣ एक तिहाई बहुमत
✔️ उत्तर: विशेष बहुमत
🔵 प्रश्न 7: संविधान के संशोधन का प्रस्ताव कहाँ से शुरू होता है?
🟢 1️⃣ राष्ट्रपति से
🟡 2️⃣ संसद से
🔴 3️⃣ प्रधानमंत्री कार्यालय से
🟣 4️⃣ सुप्रीम कोर्ट से
✔️ उत्तर: संसद से
🔵 प्रश्न 8: भारतीय संविधान में अब तक (2025 तक) कितने संशोधन किए जा चुके हैं?
🟢 1️⃣ 80
🟡 2️⃣ 90
🔴 3️⃣ 105
🟣 4️⃣ 110
✔️ उत्तर: 105
🔵 प्रश्न 9: संविधान संशोधन के अधिकार को किसने सीमित किया था?
🟢 1️⃣ संसद
🟡 2️⃣ सर्वोच्च न्यायालय
🔴 3️⃣ राष्ट्रपति
🟣 4️⃣ राज्य सरकारें
✔️ उत्तर: सर्वोच्च न्यायालय
🔵 प्रश्न 10: “मौलिक संरचना सिद्धांत” (Basic Structure Doctrine) किस मामले से संबंधित है?
🟢 1️⃣ केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
🟡 2️⃣ गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
🔴 3️⃣ मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
🟣 4️⃣ शंकर राव बनाम महाराष्ट्र
✔️ उत्तर: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
🔵 प्रश्न 11: संविधान के किस भाग में संशोधन प्रक्रिया का वर्णन है?
🟢 1️⃣ भाग XX
🟡 2️⃣ भाग XXI
🔴 3️⃣ भाग XIX
🟣 4️⃣ भाग XXII
✔️ उत्तर: भाग XX
🔵 प्रश्न 12: संविधान की मूल संरचना में क्या शामिल है?
🟢 1️⃣ लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता
🟡 2️⃣ सत्ता का केंद्रीकरण
🔴 3️⃣ एकदलीय व्यवस्था
🟣 4️⃣ निरंकुश शासन
✔️ उत्तर: लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता
⚖️ खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (Q13–Q20 · 2 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 13: संविधान को “जीवंत दस्तावेज़” क्यों कहा जाता है?
🟡 उत्तर: क्योंकि संविधान समय और समाज की आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित किया जा सकता है; यह गतिशील और लचीला है।
🟢 प्रश्न 14: संविधान संशोधन का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: संविधान के किसी अनुच्छेद, प्रावधान या धारा में परिवर्तन, विलोपन या नया प्रावधान जोड़ना “संविधान संशोधन” कहलाता है।
🟢 प्रश्न 15: संविधान की मूल संरचना सिद्धांत क्या है?
🟡 उत्तर: संसद संविधान संशोधित कर सकती है, परंतु उसकी मूल संरचना — जैसे लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, समानता — को नहीं बदल सकती।
🟢 प्रश्न 16: भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया किससे प्रेरित है?
🟡 उत्तर: यह प्रक्रिया ब्रिटेन और अमेरिका दोनों की मिश्रित व्यवस्था से प्रेरित है — कुछ प्रावधान सरल, कुछ जटिल हैं।
🟢 प्रश्न 17: साधारण बहुमत से कितने प्रकार के संशोधन किए जा सकते हैं?
🟡 उत्तर: वे संशोधन जो संसद के सामान्य विधेयक की तरह पारित किए जा सकते हैं, जैसे नए राज्य बनाना या सीमाएँ बदलना।
🟢 प्रश्न 18: विशेष बहुमत से संशोधन का उदाहरण दीजिए।
🟡 उत्तर: मौलिक अधिकारों या संघ-राज्य संबंधों से जुड़े संशोधन के लिए संसद में विशेष बहुमत आवश्यक होता है।
🟢 प्रश्न 19: संविधान संशोधन में राज्यों की भूमिका कब होती है?
🟡 उत्तर: जब संशोधन राज्यों के अधिकारों या संघीय ढाँचे को प्रभावित करता है, तब आधे राज्यों की स्वीकृति आवश्यक होती है।
🟢 प्रश्न 20: संविधान की लचीलापन (Flexibility) का क्या लाभ है?
🟡 उत्तर: इससे संविधान समयानुसार विकसित होता है और बदलते सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य के अनुरूप रहता है।
⚖️ खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (Q21–Q26 · 4 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 21: संविधान की लचीलापन (Flexibility) और कठोरता (Rigidity) दोनों कैसे हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ संविधान के कुछ प्रावधान साधारण विधेयक की तरह बदले जा सकते हैं — यह लचीलापन है।
2️⃣ परंतु कुछ प्रावधानों में विशेष बहुमत और राज्यों की स्वीकृति चाहिए — यह कठोरता दर्शाता है।
3️⃣ यह संतुलित व्यवस्था संविधान को स्थिरता और परिवर्तन दोनों की क्षमता देती है।
➡️ इसीलिए भारतीय संविधान को अर्ध-कठोर और अर्ध-लचीला कहा जाता है।
🔵 प्रश्न 22: गोलकनाथ मामले (1967) का महत्व बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।
2️⃣ इससे संसद और न्यायपालिका के बीच शक्ति संतुलन पर बहस हुई।
3️⃣ बाद में केशवानंद भारती मामले में इसे आंशिक रूप से बदला गया।
➡️ यह निर्णय संविधान की मूल संरचना की अवधारणा की नींव बना।
🔵 प्रश्न 23: “मौलिक संरचना सिद्धांत” का सार स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह सिद्धांत 1973 के केशवानंद भारती मामले से निकला।
2️⃣ संसद संशोधन कर सकती है, पर संविधान की आत्मा (जैसे लोकतंत्र, न्याय, समानता) नहीं बदल सकती।
3️⃣ इससे संविधान की स्थिरता और निरंतरता बनी रहती है।
➡️ यह सिद्धांत संविधान की रक्षा का सर्वोच्च कानूनी औजार है।
🔵 प्रश्न 24: संविधान संशोधन की तीन श्रेणियाँ कौन-सी हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ साधारण बहुमत से संशोधन: जैसे नए राज्य का गठन।
2️⃣ विशेष बहुमत से संशोधन: जैसे मौलिक अधिकारों में परिवर्तन।
3️⃣ विशेष बहुमत + राज्यों की स्वीकृति: जैसे संघ-राज्य संबंधों में बदलाव।
➡️ यह वर्गीकरण संविधान को स्थिर और लचीला दोनों बनाता है।
🔵 प्रश्न 25: संविधान संशोधन की प्रक्रिया में राष्ट्रपति की भूमिका क्या है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ संसद द्वारा पारित संशोधन विधेयक राष्ट्रपति को भेजा जाता है।
2️⃣ राष्ट्रपति को इसे अनिवार्य रूप से स्वीकृत करना होता है; वह अस्वीकार नहीं कर सकते।
3️⃣ राष्ट्रपति की यह भूमिका औपचारिक होती है, वास्तविक शक्ति संसद के पास होती है।
🔵 प्रश्न 26: संविधान में अब तक किए गए प्रमुख संशोधनों के उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ 42वाँ संशोधन (1976): समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जोड़ी गई।
2️⃣ 44वाँ संशोधन (1978): आपातकालीन शक्तियों पर नियंत्रण।
3️⃣ 73वाँ व 74वाँ संशोधन (1992): स्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा।
4️⃣ 86वाँ संशोधन (2002): शिक्षा का अधिकार जोड़ा गया।
⚖️ खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (Q27–Q30 · 7 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 27: भारतीय संविधान को “जीवंत दस्तावेज़” कहने के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ है क्योंकि यह समय और परिस्थितियों के अनुसार बदल सकता है।
1️⃣ संविधान में संशोधन की विस्तृत प्रक्रिया है जो सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के अनुरूप सुधार की अनुमति देती है।
2️⃣ इसमें मौलिक सिद्धांत स्थिर हैं, पर प्रशासनिक ढाँचा समयानुसार लचीला है।
3️⃣ न्यायपालिका के निर्णयों और संसद के संशोधनों से यह निरंतर विकसित होता रहता है।
4️⃣ यह संविधान को प्रासंगिक और प्रभावी बनाए रखता है।
➡️ इसलिए संविधान स्थिरता और परिवर्तन — दोनों का संगम है, जो उसे “जीवंत” बनाता है।
🔴 प्रश्न 28: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले का महत्व समझाइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह भारतीय संविधान के इतिहास का सबसे महत्त्वपूर्ण निर्णय था।
2️⃣ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा — संसद संविधान में संशोधन कर सकती है पर उसकी “मौलिक संरचना” नहीं बदल सकती।
3️⃣ यह “Basic Structure Doctrine” के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
4️⃣ इस निर्णय ने संसद और न्यायपालिका के बीच शक्ति-संतुलन कायम किया।
5️⃣ इसके परिणामस्वरूप संविधान की आत्मा सुरक्षित रही और लोकतंत्र मज़बूत हुआ।
🔴 प्रश्न 29: संविधान संशोधन की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
संविधान संशोधन अनुच्छेद 368 में वर्णित है।
1️⃣ प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में रखा जा सकता है।
2️⃣ इसे विशेष बहुमत (2/3 उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का समर्थन) से पारित किया जाता है।
3️⃣ यदि संशोधन राज्यों को प्रभावित करता है, तो कम-से-कम आधे राज्यों की स्वीकृति आवश्यक है।
4️⃣ तत्पश्चात राष्ट्रपति की स्वीकृति से संशोधन लागू हो जाता है।
➡️ यह प्रक्रिया संविधान की स्थिरता के साथ लचीलापन भी सुनिश्चित करती है।
🔴 प्रश्न 30: संविधान की “मौलिक संरचना” के प्रमुख तत्व कौन-कौन से हैं?
🟢 उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में संविधान की मौलिक संरचना के तत्व स्पष्ट किए हैं:
1️⃣ संविधान की सर्वोच्चता
2️⃣ गणराज्य और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली
3️⃣ विधि का शासन (Rule of Law)
4️⃣ न्यायपालिका की स्वतंत्रता
5️⃣ धर्मनिरपेक्षता और समानता
6️⃣ संघीय ढाँचा
7️⃣ मौलिक अधिकार और नीतिनिर्देशक तत्व
➡️ इन तत्वों की रक्षा ही संविधान को जीवंत और स्थायी बनाती है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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