Class 11, Poltical Science (Hindi)

Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 8. स्थानीय शासन

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔶 प्रस्तावना (≈150 शब्द)
🔵 लोकतंत्र की सच्ची सफलता तभी संभव है जब शासन जनता के सबसे निकट पहुँचे।
🟢 यही विचार स्थानीय शासन (Local Government) की नींव है — ऐसी व्यवस्था जहाँ निर्णय लेने की शक्ति गाँवों, कस्बों और शहरों तक पहुँचती है।
🟡 भारत में स्थानीय शासन को “लोकतंत्र का विद्यालय” कहा गया है क्योंकि यह नागरिकों को शासन प्रक्रिया में सीधे भाग लेने का अवसर देता है।
🔴 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधनों ने पंचायती राज और नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान कर लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर सशक्त किया।
💡 यह अध्याय स्थानीय शासन की अवधारणा, उसकी संरचना, शक्तियाँ, कार्य, वित्तीय व्यवस्था और महत्व पर केंद्रित है।

🏛️ मुख्य व्याख्या (≈1350 शब्द)
🧭 1. स्थानीय शासन की परिभाषा और महत्व
🔵 स्थानीय शासन वह प्रणाली है जिसमें प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियाँ स्थानीय स्तर की संस्थाओं — ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर परिषद आदि — को सौंपी जाती हैं।
🟢 इसका उद्देश्य नागरिकों को निर्णय-प्रक्रिया में भागीदार बनाना और शासन को अधिक उत्तरदायी बनाना है।
🟡 यह लोकतंत्र का विकेंद्रीकरण (Decentralization of Power) है।
💡 स्थानीय शासन लोगों की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएँ बनाता है और सेवा वितरण को प्रभावी बनाता है।

⚖️ 2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
🔵 स्थानीय स्वशासन की अवधारणा नई नहीं है।
🟢 प्राचीन भारत में ग्रामसभा सामाजिक और प्रशासनिक निर्णयों का केंद्र थी।
🟡 स्वतंत्रता के बाद गांधीजी ने “ग्राम स्वराज” की परिकल्पना दी — जिसमें गाँव आत्मनिर्भर शासन इकाई बने।
🔴 1957 में बलवंत राय मेहता समिति ने त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली की सिफारिश की।
💡 1992 में 73वाँ और 74वाँ संशोधन पारित होने से यह सपना संवैधानिक रूप से साकार हुआ।

🏛️ 3. पंचायती राज (73वाँ संविधान संशोधन)
🔵 1992 में पारित और 1993 में लागू हुआ 73वाँ संशोधन अधिनियम, जिसने ग्राम स्तर पर शासन की संवैधानिक व्यवस्था दी।
🟢 इस संशोधन ने संविधान में भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243-O) जोड़ा।
🟡 इसके तहत प्रत्येक राज्य में तीन स्तरों की पंचायतें बनीं —
1️⃣ ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर)
2️⃣ पंचायत समिति (खंड या ब्लॉक स्तर)
3️⃣ जिला परिषद (जिला स्तर)


💡 यह भारत में ग्रामीण लोकतंत्र की आधारशिला है।
🔹 प्रमुख प्रावधान:
1️⃣ ग्राम सभा — प्रत्येक गाँव की आम जनता की बैठक।
2️⃣ चुनाव — पाँच वर्ष में एक बार।
3️⃣ आरक्षण — अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित।
4️⃣ राज्य निर्वाचन आयोग — पंचायत चुनावों की देखरेख करता है।
5️⃣ राज्य वित्त आयोग — वित्तीय संसाधनों का बँटवारा तय करता है।
💡 इस प्रणाली ने गाँवों को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया।

✳️ 4. नगर शासन (74वाँ संविधान संशोधन)
🔵 शहरी क्षेत्रों के लिए 74वाँ संशोधन अधिनियम 1992 पारित हुआ।
🟢 इसने संविधान में भाग IX-A (अनुच्छेद 243-P से 243-ZG) जोड़ा।
🟡 इसका उद्देश्य शहरी निकायों को स्थानीय प्रशासन का अधिकार देना था।
💡 इस संशोधन के तहत शहरी क्षेत्रों में तीन प्रकार के निकाय बने —
1️⃣ नगर पंचायत (Nagar Panchayat) — छोटे कस्बे या संक्रमण क्षेत्र।
2️⃣ नगर परिषद (Municipal Council) — मध्यम आकार के शहर।
3️⃣ नगर निगम (Municipal Corporation) — बड़े महानगर।


🔹 प्रमुख प्रावधान:
1️⃣ नियमित चुनाव हर पाँच वर्ष में।
2️⃣ अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण।
3️⃣ महापौर (Mayor) या अध्यक्ष (Chairperson) शहरी निकायों का निर्वाचित प्रमुख।
4️⃣ राज्य वित्त आयोग द्वारा धन का वितरण।
5️⃣ शहरी नियोजन, स्वच्छता, जल आपूर्ति और परिवहन जैसे विषयों पर अधिकार।
💡 इसने शहरी लोकतंत्र को संस्थागत रूप दिया।

⚖️ 5. स्थानीय शासन की विशेषताएँ
🔵 स्थानीय शासन की प्रमुख विशेषताएँ हैं —
1️⃣ विकेंद्रीकरण — शक्ति का स्थानांतरण नीचे तक।
2️⃣ लोक सहभागिता — नागरिकों की सीधी भागीदारी।
3️⃣ उत्तरदायित्व — जनता के प्रति जवाबदेही।
4️⃣ स्थानीय आवश्यकताओं का समाधान — योजनाएँ स्थानीय ज़रूरतों पर आधारित।
💡 यह व्यवस्था लोकतंत्र को “नीचे से ऊपर” मज़बूत करती है।

🏛️ 6. ग्राम सभा की भूमिका
🔵 ग्राम सभा पंचायती राज की आत्मा है।
🟢 यह गाँव के सभी वयस्क नागरिकों का समूह है।
🟡 इसका कार्य योजनाओं की स्वीकृति, पंचायतों की जवाबदेही तय करना, और सामाजिक लेखा-परीक्षा करना है।
💡 ग्राम सभा स्थानीय लोकतंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता का आधार है।

✳️ 7. वित्तीय प्रावधान
🔵 स्थानीय निकायों को अपनी आय के स्रोत जैसे कर, शुल्क, अनुदान आदि प्राप्त हैं।
🟢 राज्यों को यह अधिकार है कि वे उन्हें अतिरिक्त कर लगाने या सहायता देने की अनुमति दें।
🟡 राज्य वित्त आयोग प्रत्येक पाँच वर्ष में स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करता है।
💡 वित्तीय स्वायत्तता स्थानीय शासन की सफलता की कुंजी है।

🎯 8. स्थानीय शासन की उपलब्धियाँ
🔵 ग्रामीण और शहरी स्तर पर लोगों की भागीदारी बढ़ी है।
🟢 महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण हुआ है (एक-तिहाई आरक्षण से)।
🟡 विकास योजनाएँ अधिक जनोन्मुख और क्षेत्रविशेष बनी हैं।
💡 नागरिकों का शासन के प्रति विश्वास और जागरूकता बढ़ी है।

🧠 9. स्थानीय शासन की चुनौतियाँ
🔵 वित्तीय संसाधनों की कमी।
🟢 प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी और प्रशिक्षण का अभाव।
🟡 राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार।
🔴 योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब।
💡 इन चुनौतियों के बावजूद स्थानीय शासन लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत कर रहा है।

✴️ 10. सहकारी संघवाद और स्थानीय शासन
🔵 केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के बीच समन्वय आवश्यक है।
🟢 निति आयोग और वित्त आयोग इसके माध्यम हैं।
🟡 स्थानीय शासन सहकारी संघवाद का तीसरा स्तंभ है।
💡 यह न केवल प्रशासनिक बल्कि लोकतांत्रिक स्थिरता का भी आधार है।

📘 सारांश (≈250 शब्द)
🔵 स्थानीय शासन भारतीय लोकतंत्र का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण स्तर है जो नागरिकों को निर्णय-प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भागीदारी देता है।
🟢 73वें और 74वें संविधान संशोधनों ने पंचायती राज और नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया।
🟡 ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद कार्य करती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम संचालित हैं।
🔴 ग्राम सभा को स्थानीय शासन की आत्मा माना गया है, क्योंकि यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र का प्रतीक है।
💡 स्थानीय शासन का उद्देश्य विकास योजनाओं को जनता के स्तर तक पहुँचाना, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है।
🟢 राज्य वित्त आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग इन संस्थाओं की स्वायत्तता को बनाए रखते हैं।
🟡 वित्तीय सीमाएँ, प्रशासनिक कमजोरियाँ और भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
🎯 फिर भी स्थानीय शासन ने महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों को राजनीति में स्थान देकर लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर सशक्त किया है।
💡 यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन” की अवधारणा को वास्तविक रूप देता है।

📝 त्वरित पुनरावलोकन (≈100 शब्द)
✔️ स्थानीय शासन — लोकतंत्र का तीसरा स्तर।
✔️ 73वाँ संशोधन — पंचायती राज (ग्रामीण क्षेत्र)।
✔️ 74वाँ संशोधन — नगर निकाय (शहरी क्षेत्र)।
✔️ अनुच्छेद — 243 से 243-ZG।
✔️ ग्राम सभा — स्थानीय शासन की आत्मा।
✔️ राज्य वित्त आयोग — वित्तीय वितरण।
✔️ राज्य निर्वाचन आयोग — चुनाव पर्यवेक्षण।
✔️ आरक्षण — SC, ST और महिलाओं के लिए।
✔️ उद्देश्य — विकेंद्रीकरण, सहभागिता, पारदर्शिता।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🔵 प्रश्न 1:
भारत के संविधान में ग्राम पंचायत को स्वशासन की इकाई के रूप में देखा गया है। नीचे दी गई स्थितियों पर विचार कीजिए — इनमें से कौन-सी ग्राम पंचायत के लिए सहायक हैं और कौन-सी बाधक?
🟢 उत्तर:
(क) यदि सरकार किसी बड़ी कंपनी को गाँव में उद्योग लगाने की अनुमति देती है — यह बाधक है, क्योंकि इससे पर्यावरणीय और सामाजिक असर पड़ सकता है।
(ख) सरकार का यह निर्णय कि कुल व्यय का 20% पंचायतों के माध्यम से होगा — सहायक, क्योंकि इससे विकेंद्रीकरण मजबूत होता है।
(ग) पंचायत की मांग को यह कहकर ठुकराना कि धन अन्य योजनाओं में आवंटित है — बाधक, क्योंकि इससे स्थानीय विकास रुकता है।
(घ) गाँव को दो भागों में बाँट देना ताकि प्रशासन सुगम हो — सहायक, यदि यह जनहित में हो।

🔵 प्रश्न 2:
यदि आपको किसी पंचायत के विकास कार्य की योजना तैयार करनी हो, तो उसके लिए कौन-सी शक्तियों की आवश्यकता होगी?
🟢 उत्तर:
➡️ योजना बनाने, लागू करने और मूल्यांकन करने की स्वतंत्रता।
➡️ वित्तीय शक्तियाँ — कर वसूलने तथा बजट तय करने का अधिकार।
➡️ ग्राम सभा से नीति-स्वीकृति और जनता की भागीदारी।
➡️ प्रशासनिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पर्यवेक्षण का अधिकार।

🔵 प्रश्न 3:
सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 73वें संशोधन में क्या प्रावधान हैं?
🟢 उत्तर:
➡️ अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए आरक्षण।
➡️ कुल सीटों का कम-से-कम एक-तिहाई भाग महिलाओं के लिए आरक्षित।
➡️ इससे स्थानीय शासन में समान प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय सुनिश्चित हुआ।

🔵 प्रश्न 4:
73वें संशोधन से पहले और बाद में स्थानीय शासन में क्या अंतर आया?
🟢 उत्तर:
पहले: पंचायतों का अस्तित्व अस्थायी और गैर-संवैधानिक था।
बाद में:
➡️ पंचायतों को संवैधानिक दर्जा मिला।
➡️ नियमित चुनाव, वित्त आयोग और आरक्षण की गारंटी मिली।
➡️ लोकतंत्र को गाँव-गाँव तक पहुँच मिली।

🔵 प्रश्न 5:
नीचे दिए गए संवाद में कौन-से मुद्दे उठाए गए हैं?
💬 आलोक: संविधान ने स्त्री-पुरुष समानता दी है, इसलिए पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण आवश्यक है।
💬 बबीता: इससे महिलाओं को सशक्त होने और नेतृत्व का अवसर मिला है।
🟢 उत्तर:
➡️ संवाद में लैंगिक समानता और राजनीतिक भागीदारी के मुद्दे उठे हैं।
➡️ पंचायतों में आरक्षण से महिलाओं को निर्णय-प्रक्रिया में समान स्थान मिला।
➡️ यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम है।

🔵 प्रश्न 6:
ग्राम सभा क्या है और इसकी भूमिका क्या है?
🟢 उत्तर:
➡️ ग्राम सभा गाँव के सभी वयस्क नागरिकों की संस्था है।
➡️ यह पंचायत के कार्यों की समीक्षा करती है और योजनाओं को स्वीकृति देती है।
➡️ यह स्थानीय लोकतंत्र का सबसे बुनियादी आधार है।

🔵 प्रश्न 7:
बोलीविया की स्थानीय सरकार की क्या विशेषताएँ हैं?
🟢 उत्तर:
➡️ स्थानीय निकायों को स्वास्थ्य व शिक्षा का दायित्व दिया गया।
➡️ कुल राजस्व का 20% नगरपालिकाओं को दिया जाता है।
➡️ नगरपालिकाएँ कर लगाने और वसूलने में सक्षम हैं।
➡️ वित्तीय हस्तांतरण की व्यवस्था पारदर्शी और उत्तरदायी है।

🔵 प्रश्न 8:
ग्राम पंचायतों को योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कौन-सी शक्तियाँ चाहिए?
🟢 उत्तर:
➡️ वित्तीय शक्ति — स्थानीय कर वसूलने की अनुमति।
➡️ योजनाओं के चयन, स्वीकृति और निगरानी का अधिकार।
➡️ ग्राम सभा से प्रत्यक्ष उत्तरदायित्व।
➡️ निर्णयों के क्रियान्वयन हेतु प्रशासनिक सहयोग।

🔵 प्रश्न 9:
प्राथमिक शिक्षा के निर्णयों में विकेंद्रीकरण क्यों आवश्यक है?
🟢 उत्तर:
➡️ क्योंकि स्थानीय लोग अपनी आवश्यकताओं को बेहतर जानते हैं।
➡️ विकेंद्रीकरण से बच्चों की उपस्थिति, शिक्षा की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ती है।
➡️ यह लोकतांत्रिक भागीदारी और जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करता है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🏛️ खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (Q1–Q12 · 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1: स्थानीय शासन (Local Government) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🟢 1️⃣ प्रशासन को विकेन्द्रीकृत करना
🟡 2️⃣ केंद्र की शक्तियाँ बढ़ाना
🔴 3️⃣ न्यायिक नियंत्रण बढ़ाना
🟣 4️⃣ केवल कर संग्रह करना
✔️ उत्तर: प्रशासन को विकेन्द्रीकृत करना

🔵 प्रश्न 2: भारत में पंचायत राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा कब मिला?
🟢 1️⃣ 1952 में
🟡 2️⃣ 1976 में
🔴 3️⃣ 1992 में
🟣 4️⃣ 1994 में
✔️ उत्तर: 1992 में

🔵 प्रश्न 3: पंचायती राज से संबंधित संविधान संशोधन कौन-सा है?
🟢 1️⃣ 42वाँ संशोधन
🟡 2️⃣ 44वाँ संशोधन
🔴 3️⃣ 73वाँ संशोधन
🟣 4️⃣ 74वाँ संशोधन
✔️ उत्तर: 73वाँ संशोधन

🔵 प्रश्न 4: शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित संविधान संशोधन कौन-सा है?
🟢 1️⃣ 72वाँ संशोधन
🟡 2️⃣ 74वाँ संशोधन
🔴 3️⃣ 75वाँ संशोधन
🟣 4️⃣ 76वाँ संशोधन
✔️ उत्तर: 74वाँ संशोधन

🔵 प्रश्न 5: पंचायती राज प्रणाली के तीन स्तर कौन-से हैं?
🟢 1️⃣ ग्राम, जिला, राज्य
🟡 2️⃣ ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद
🔴 3️⃣ ग्रामसभा, विधान परिषद, लोकसभा
🟣 4️⃣ राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा
✔️ उत्तर: ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद

🔵 प्रश्न 6: 73वें संशोधन से संबंधित नया भाग कौन-सा जोड़ा गया?
🟢 1️⃣ भाग IX
🟡 2️⃣ भाग X
🔴 3️⃣ भाग XI
🟣 4️⃣ भाग XII
✔️ उत्तर: भाग IX

🔵 प्रश्न 7: 73वें संशोधन के अंतर्गत कितनी अनुसूचियाँ जोड़ी गईं?
🟢 1️⃣ दसवीं अनुसूची
🟡 2️⃣ ग्यारहवीं अनुसूची
🔴 3️⃣ बारहवीं अनुसूची
🟣 4️⃣ सोलहवीं अनुसूची
✔️ उत्तर: ग्यारहवीं अनुसूची

🔵 प्रश्न 8: ग्यारहवीं अनुसूची में कितने विषय शामिल किए गए हैं?
🟢 1️⃣ 12
🟡 2️⃣ 15
🔴 3️⃣ 29
🟣 4️⃣ 30
✔️ उत्तर: 29

🔵 प्रश्न 9: 74वें संशोधन के तहत नगर निगम किस जनसंख्या वाले नगर के लिए होता है?
🟢 1️⃣ 20,000 से अधिक
🟡 2️⃣ 3 लाख से अधिक
🔴 3️⃣ 10 लाख से अधिक
🟣 4️⃣ 5 लाख से अधिक
✔️ उत्तर: 10 लाख से अधिक

🔵 प्रश्न 10: पंचायतों में महिलाओं के लिए न्यूनतम आरक्षण कितना है?
🟢 1️⃣ 25%
🟡 2️⃣ 33%
🔴 3️⃣ 40%
🟣 4️⃣ 50%
✔️ उत्तर: 33%

🔵 प्रश्न 11: “ग्रामसभा” का प्रमुख कार्य क्या है?
🟢 1️⃣ ग्राम स्तर की योजनाओं की स्वीकृति देना
🟡 2️⃣ राज्य बजट पारित करना
🔴 3️⃣ संविधान संशोधन करना
🟣 4️⃣ न्यायिक निर्णय देना
✔️ उत्तर: ग्राम स्तर की योजनाओं की स्वीकृति देना

🔵 प्रश्न 12: पंचायत चुनावों की निगरानी कौन करता है?
🟢 1️⃣ राज्य चुनाव आयोग
🟡 2️⃣ केंद्रीय चुनाव आयोग
🔴 3️⃣ लोक सेवा आयोग
🟣 4️⃣ राष्ट्रपति
✔️ उत्तर: राज्य चुनाव आयोग

⚖️ खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (Q13–Q20 · 2 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 13: स्थानीय शासन का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: स्थानीय शासन वह व्यवस्था है जिसमें जनता अपने निकट के प्रशासनिक कार्यों को स्वयं नियंत्रित और संचालित करती है।

🟢 प्रश्न 14: 73वें संशोधन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
🟡 उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र को सशक्त करना और जनता को निर्णय-प्रक्रिया में भागीदार बनाना।

🟢 प्रश्न 15: ग्रामसभा की संरचना कैसी होती है?
🟡 उत्तर: ग्रामसभा में उस गाँव के सभी मतदाता शामिल होते हैं; यह ग्राम पंचायत की नीति और कार्यों की स्वीकृति देती है।

🟢 प्रश्न 16: पंचायत समिति का मुख्य कार्य क्या है?
🟡 उत्तर: पंचायत समिति विकास योजनाओं का समन्वय करती है और ग्राम पंचायतों की निगरानी रखती है।

🟢 प्रश्न 17: जिला परिषद की भूमिका क्या है?
🟡 उत्तर: यह जिले के स्तर पर सभी पंचायत समितियों का समन्वय करती है और विकास योजनाएँ लागू करती है।

🟢 प्रश्न 18: 74वाँ संशोधन शहरी शासन से कैसे जुड़ा है?
🟡 उत्तर: इस संशोधन ने नगरपालिकाओं और नगर निगमों को संवैधानिक दर्जा देकर शहरी प्रशासन को विकेन्द्रीकृत किया।

🟢 प्रश्न 19: नगरपालिकाओं के प्रकार कौन-कौन से हैं?
🟡 उत्तर:
1️⃣ नगर पंचायत (छोटे नगर)
2️⃣ नगरपालिका (मध्यम नगर)
3️⃣ नगर निगम (बड़े शहर)

🟢 प्रश्न 20: राज्य वित्त आयोग की भूमिका क्या है?
🟡 उत्तर: राज्य वित्त आयोग पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के बीच वित्तीय वितरण की सिफारिश करता है।

⚖️ खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (Q21–Q26 · 4 अंक प्रत्येक)


🔵 प्रश्न 21: पंचायती राज प्रणाली के तीन स्तरों की संरचना स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ ग्राम पंचायत: गाँव स्तर की संस्था जो स्थानीय समस्याओं का समाधान करती है।
2️⃣ पंचायत समिति: विकासखंड या ब्लॉक स्तर पर पंचायतों के कार्यों का समन्वय करती है।
3️⃣ जिला परिषद: जिला स्तर पर विकास योजनाओं की रूपरेखा बनाती और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है।
➡️ इन तीनों स्तरों से ग्रामीण प्रशासन को लोकतांत्रिक आधार प्राप्त होता है।

🔵 प्रश्न 22: ग्रामसभा की शक्तियाँ और कार्य बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ ग्राम स्तर की विकास योजनाओं को स्वीकृति देती है।
2️⃣ ग्राम पंचायत की कार्यवाही और व्यय पर निगरानी रखती है।
3️⃣ ग्राम के लोगों के बीच जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है।
4️⃣ ग्राम पंचायत के प्रमुख (सरपंच) को सलाह देती है।

🔵 प्रश्न 23: पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी का महत्व क्या है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ 73वें संशोधन ने 33% आरक्षण देकर महिलाओं को सशक्त बनाया।
2️⃣ इससे ग्रामीण स्तर पर निर्णय लेने में महिलाओं की भूमिका बढ़ी।
3️⃣ महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
4️⃣ यह लोकतंत्र को अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक बनाता है।

🔵 प्रश्न 24: नगर निगम (Municipal Corporation) की प्रमुख भूमिकाएँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, जलापूर्ति और सड़क व्यवस्था का प्रबंधन।
2️⃣ भवन निर्माण और शहरी योजना की स्वीकृति।
3️⃣ कर वसूली और वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन।
4️⃣ जनकल्याण और सामाजिक विकास के कार्यक्रमों का संचालन।

🔵 प्रश्न 25: शहरी स्थानीय निकायों में राज्यपाल और महापौर की भूमिका समझाइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ राज्यपाल नगर निकायों के चुनाव और गठन की अधिसूचना जारी करता है।
2️⃣ महापौर (Mayor) नगर निगम का निर्वाचित प्रमुख होता है।
3️⃣ वह नगर निगम की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
4️⃣ शहरी प्रशासन की पारदर्शिता और समन्वय बनाए रखता है।

🔵 प्रश्न 26: स्थानीय शासन में वित्तीय संसाधनों के मुख्य स्रोत कौन-से हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ स्थानीय कर — संपत्ति कर, जल कर, बाजार शुल्क आदि।
2️⃣ राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान।
3️⃣ केंद्र सरकार की विकास योजनाओं से वित्तीय सहायता।
4️⃣ स्वैच्छिक दान और स्थानीय आय स्रोत।

⚖️ खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (Q27–Q30 · 7 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 27: पंचायती राज प्रणाली का विकास और उसका संवैधानिक महत्व स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
भारत में पंचायती राज की अवधारणा प्राचीन काल से है, परंतु इसे संवैधानिक दर्जा 1992 में 73वें संविधान संशोधन से मिला।
1️⃣ इस संशोधन द्वारा संविधान में भाग IX जोड़ा गया।
2️⃣ ग्यारहवीं अनुसूची में 29 विषय पंचायतों को सौंपे गए।
3️⃣ तीन-स्तरीय संरचना — ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद — को स्थापित किया गया।
4️⃣ महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया।
5️⃣ वित्तीय सशक्तिकरण हेतु राज्य वित्त आयोग की स्थापना हुई।
➡️ इस प्रकार पंचायती राज ने ग्रामीण लोकतंत्र को मज़बूती दी और “जन से जन तक” शासन की अवधारणा को साकार किया।

🔴 प्रश्न 28: 74वें संशोधन के तहत शहरी स्थानीय शासन की संरचना और विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
74वाँ संशोधन (1992) नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
1️⃣ संविधान में भाग IXA जोड़ा गया और बारहवीं अनुसूची में 18 विषय शामिल किए गए।
2️⃣ तीन प्रकार की नगर संस्थाएँ — नगर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम।
3️⃣ नगर निकायों के चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा कराए जाते हैं।
4️⃣ राज्य वित्त आयोग इनके वित्तीय स्रोतों की सिफारिश करता है।
5️⃣ महापौर (Mayor) निर्वाचित प्रमुख होता है जो प्रशासन की निगरानी करता है।
➡️ इस संशोधन से शहरी शासन को लोकतांत्रिक और उत्तरदायी बनाया गया।

🔴 प्रश्न 29: स्थानीय शासन में राज्य वित्त आयोग और राज्य चुनाव आयोग की भूमिका समझाइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ राज्य वित्त आयोग:
🔹 पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना।
🔹 राज्य और स्थानीय निकायों के बीच राजस्व वितरण की सिफारिश करना।
2️⃣ राज्य चुनाव आयोग:
🔹 पंचायती राज और शहरी निकायों के चुनावों की निगरानी और संचालन करना।
🔹 चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
➡️ दोनों आयोग स्थानीय शासन को स्वायत्त, पारदर्शी और सशक्त बनाते हैं।

🔴 प्रश्न 30: स्थानीय शासन की प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान बताइए।
🟢 उत्तर:
चुनौतियाँ:
1️⃣ वित्तीय संसाधनों की कमी।
2️⃣ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय का अभाव।
3️⃣ भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी।
4️⃣ तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण का अभाव।
समाधान:
1️⃣ स्थानीय निकायों के लिए नियमित वित्तीय सहायता।
2️⃣ ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्रशासन को बढ़ावा।
3️⃣ प्रशिक्षण और क्षमता-विकास कार्यक्रम।
4️⃣ जनता की अधिक भागीदारी और सामाजिक लेखा परीक्षा।
➡️ इन सुधारों से स्थानीय शासन अधिक प्रभावी और लोकतांत्रिक बन सकता है।

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मस्तिष्क मानचित्र

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दृश्य सामग्री

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