Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 7. संघवाद
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔶 प्रस्तावना (≈150 शब्द)
🔵 भारत जैसे विशाल, विविधतापूर्ण देश के लिए शासन की ऐसी प्रणाली आवश्यक थी जो एकता और विविधता दोनों को साथ लेकर चले।
🟢 इसी आवश्यकता से जन्म हुआ संघवाद (Federalism) की — एक ऐसी व्यवस्था जिसमें शक्ति केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित होती है।
🟡 संघवाद का उद्देश्य है कि देश के विभिन्न भाग अपनी पहचान बनाए रखते हुए राष्ट्रीय एकता में सहभागी बनें।
🔴 भारतीय संविधान ने अमेरिकी संघीय प्रणाली और ब्रिटिश एकात्मक प्रणाली — दोनों का मिश्रण अपनाया है, जिससे इसे “अर्ध-संघीय” (Quasi-Federal) कहा जाता है।
💡 इस अध्याय में हम संघवाद की परिभाषा, विशेषताएँ, भारत में संघीय ढाँचे की प्रकृति, शक्तियों का विभाजन, अंतःसरकारी संबंध और इसकी चुनौतियों का अध्ययन करेंगे।
🏛️ मुख्य व्याख्या (≈1350 शब्द)
🧭 1. संघवाद की परिभाषा
🔵 संघवाद एक ऐसी राजनीतिक प्रणाली है जिसमें शासन की शक्तियाँ संवैधानिक रूप से दो स्तरों — केंद्र और राज्य — में बाँटी जाती हैं।
🟢 दोनों स्तर अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं।
🟡 यह शक्ति-संतुलन और साझे शासन का सिद्धांत है।
💡 संघवाद का उद्देश्य अधिकारों का विकेंद्रीकरण और लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ाना है।
⚖️ 2. भारत में संघवाद की प्रकृति
🔵 भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है — “भारत राज्यों का संघ होगा।”
🟢 इसका अर्थ है कि भारत एक संघीय राज्य है, परंतु राज्यों के पास संविधान से अलग होकर अलगाव का अधिकार नहीं है।
🟡 भारत का संघवाद एकात्मक प्रवृत्ति वाला संघवाद (Cooperative Federalism) है।
🔴 यह केंद्र और राज्यों के सहयोग पर आधारित है।
💡 भारतीय संघवाद में एकता और स्वायत्तता दोनों का संतुलन विद्यमान है।
🏛️ 3. संघीय ढाँचे की विशेषताएँ
🔵 भारत के संघीय ढाँचे की प्रमुख विशेषताएँ हैं:
1️⃣ लिखित संविधान — संघवाद की स्थिरता के लिए आवश्यक।
2️⃣ शक्तियों का विभाजन — केंद्र और राज्यों के बीच स्पष्ट बँटवारा।
3️⃣ संविधान की सर्वोच्चता — सभी स्तरों पर संविधान सर्वोच्च।
4️⃣ स्वतंत्र न्यायपालिका — संविधान की रक्षा और विवाद समाधान।
5️⃣ द्विसदनीय विधानमंडल — केंद्र में संसद का दो सदनों में विभाजन।
💡 ये तत्व भारतीय संघवाद को स्थायी और सुसंगठित बनाते हैं।
✳️ 4. शक्तियों का विभाजन (Distribution of Powers)
🔵 संविधान की सातवीं अनुसूची (Seventh Schedule) के अंतर्गत शक्तियाँ तीन सूचियों में बाँटी गई हैं —
1️⃣ संघ सूची (Union List) — केवल केंद्र के अधिकार क्षेत्र में (जैसे रक्षा, विदेशी नीति, मुद्रा, रेल)।
2️⃣ राज्य सूची (State List) — केवल राज्यों के अधिकार में (जैसे पुलिस, स्वास्थ्य, कृषि)।
3️⃣ समवर्ती सूची (Concurrent List) — केंद्र और राज्य दोनों के अधिकार में (जैसे शिक्षा, विवाह, पर्यावरण)।
🟢 विवाद की स्थिति में केंद्र का कानून सर्वोपरि होता है।
💡 यह प्रणाली शक्तियों के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करती है।
⚖️ 5. आपातकाल में संघीय ढाँचे पर प्रभाव
🔵 आपातकाल की स्थिति में संघीय ढाँचा अस्थायी रूप से एकात्मक रूप ले लेता है।
🟢 अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपात), 356 (राज्य आपात) और 360 (वित्तीय आपात) इसके उदाहरण हैं।
🟡 आपातकाल के समय केंद्र राज्य के विषयों पर भी कानून बना सकता है।
💡 सामान्य स्थिति लौटने पर संघीय स्वरूप पुनः स्थापित हो जाता है।
🏛️ 6. वित्तीय संघवाद (Financial Federalism)
🔵 वित्तीय संसाधनों का बँटवारा केंद्र और राज्यों के बीच किया गया है।
🟢 कर राजस्व, अनुदान, और वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार वितरण होता है।
🟡 वित्त आयोग (Finance Commission) हर पाँच वर्ष में गठित होता है (अनुच्छेद 280)।
💡 यह आर्थिक संतुलन और राज्यों की विकास आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है।
📘 7. अंतर-सरकारी संबंध (Intergovernmental Relations)
🔵 संघवाद का संचालन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय पर निर्भर करता है।
🟢 इसके लिए कई संस्थागत तंत्र बनाए गए हैं, जैसे —
1️⃣ अंतरराज्यीय परिषद (Inter-State Council) — अनुच्छेद 263
2️⃣ राज्यपाल — केंद्र और राज्य के बीच सेतु
3️⃣ निति आयोग (NITI Aayog) — सहयोगात्मक नीति निर्धारण का आधुनिक मंच
💡 यह सहयोगात्मक संघवाद की भावना को मजबूत करता है।
✴️ 8. न्यायपालिका की भूमिका संघवाद में
🔵 सर्वोच्च न्यायालय संघीय विवादों का निपटारा करता है।
🟢 अनुच्छेद 131 में कहा गया है कि केंद्र और राज्यों के बीच विवादों पर न्यायपालिका का निर्णय अंतिम होगा।
🟡 न्यायपालिका संविधान की संघीय भावना की रक्षा करती है।
💡 इससे शक्ति-संतुलन बना रहता है।
🎯 9. संघवाद के प्रकार
🔵 संघवाद के दो प्रमुख रूप हैं:
1️⃣ सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) — केंद्र और राज्य एक-दूसरे के पूरक रूप में कार्य करते हैं।
2️⃣ प्रतिस्पर्धी संघवाद (Competitive Federalism) — राज्य विकास और निवेश आकर्षण में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
🟢 भारत में दोनों रूप समानांतर रूप से देखे जाते हैं।
💡 इससे प्रशासनिक दक्षता और विकासशील प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
🧠 10. संघवाद की चुनौतियाँ
🔵 भारत में संघवाद को अनेक व्यावहारिक चुनौतियाँ हैं:
1️⃣ केंद्र का बढ़ता नियंत्रण (विशेष रूप से आपातकाल में)।
2️⃣ राज्यों की वित्तीय निर्भरता।
3️⃣ क्षेत्रीय दलों और राजनीति का बढ़ता प्रभाव।
4️⃣ नीति आयोग और योजना सहयोग में असमानता।
🟡 इन चुनौतियों के बावजूद संघीय प्रणाली ने भारत को एकता में विविधता का प्रतीक बनाए रखा है।
💡 संघवाद भारतीय लोकतंत्र का शक्ति-संतुलनकारी स्तंभ है।
📘 सारांश (≈250 शब्द)
🔵 भारत का संघवाद एक विशिष्ट मिश्रण है — न पूरी तरह संघीय, न पूरी तरह एकात्मक, बल्कि “सहकारी संघवाद” का रूप।
🟢 संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को “राज्यों का संघ” कहा गया है, जहाँ केंद्र और राज्यों के अधिकार स्पष्ट रूप से बाँटे गए हैं।
🟡 सातवीं अनुसूची की तीन सूचियाँ — संघ, राज्य और समवर्ती — इस विभाजन का आधार हैं।
🔴 केंद्र के पास कुछ अतिरिक्त शक्तियाँ हैं, जैसे — आपातकालीन शक्तियाँ और समवर्ती सूची में प्रधानता।
💡 वित्त आयोग और निति आयोग केंद्र-राज्य संबंधों के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
🟢 न्यायपालिका संघवाद की भावना को बनाए रखने का कार्य करती है, विशेषतः जब किसी स्तर पर संवैधानिक विवाद उत्पन्न हो।
🟡 भारत में संघवाद केवल शक्ति विभाजन नहीं, बल्कि साझे शासन की प्रक्रिया है जो सहयोग, विश्वास और पारदर्शिता पर आधारित है।
🔴 संघवाद की सफलता नागरिकों की भागीदारी और राज्यों की स्वायत्तता पर निर्भर करती है।
🎯 इस प्रकार भारतीय संघवाद “एकता में विविधता” का सर्वोत्तम उदाहरण है।
📝 त्वरित पुनरावलोकन (≈100 शब्द)
✔️ संघवाद — शक्ति का विभाजन केंद्र और राज्यों के बीच।
✔️ अनुच्छेद 1 — भारत राज्यों का संघ।
✔️ सातवीं अनुसूची — संघ, राज्य, समवर्ती सूची।
✔️ वित्त आयोग — अनुच्छेद 280।
✔️ अंतरराज्यीय परिषद — अनुच्छेद 263।
✔️ सहकारी संघवाद — सहयोग आधारित प्रणाली।
✔️ प्रतिस्पर्धी संघवाद — विकास की दौड़।
✔️ न्यायपालिका — संघीय विवादों की निर्णायक।
✔️ भारतीय संघवाद = “अर्ध-संघीय” + “एकता में विविधता।”
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1:
नीचे दी गई घटनाओं को पढ़िए। इनमें से कौन-सी घटनाएँ संघीय प्रणाली के अंतर्गत केंद्र और राज्यों के सहयोग का उदाहरण हैं?
🟢 उत्तर:
➡️ (क) पश्चिम बंगाल में बाढ़-पीड़ितों की सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त राहत अभियान।
➡️ (ख) भूकंप-ग्रस्त प्रदेशों के पुनर्निर्माण हेतु केंद्र सरकार द्वारा विशेष अनुदान योजना लागू करना।
➡️ (ग) मणिपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों का समन्वय।
ये सभी घटनाएँ संघवाद के सहयोगात्मक स्वरूप (Cooperative Federalism) के उदाहरण हैं, जहाँ केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कार्य करती हैं।
🔵 प्रश्न 2:
बताइए कि निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है और क्यों —
(क) संघवाद से क्षेत्रीय विविधता और एकता दोनों बनी रहती हैं।
(ख) संघवाद से राज्यों की स्वायत्तता कम होती है।
(ग) संघवाद केवल केंद्र को शक्तिशाली बनाता है।
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (क)
➡️ संघीय व्यवस्था देश के विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और संस्कृतियों को समान सम्मान देती है।
➡️ यह क्षेत्रीय पहचान को सुरक्षित रखते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है।
🔵 प्रश्न 3:
बेल्जियम के संविधान के प्रारंभिक अनुच्छेदों का अध्ययन कर बताएँ कि वहाँ संवाद को किस रूप में साकार किया गया है।
🟢 उत्तर:
➡️ बेल्जियम एक संघीय राज्य है, जिसमें तीन समुदाय — फ्लेमिश, फ्रेंच और जर्मन — को समान अधिकार दिए गए हैं।
➡️ संविधान के अनुच्छेद-1 से 5 में यह सुनिश्चित किया गया कि सभी भाषाई व क्षेत्रीय समूह निर्णय-निर्माण में सहभागी हों।
➡️ यह मॉडल भारत के बहुभाषी राज्यों के बीच संवाद व संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
🔵 प्रश्न 4:
कल्पना कीजिए कि भारत में राज्यों की सीमाएँ बदलने का निर्णय लेना है। इसके लिए कौन-से आधार उपयुक्त होंगे?
🟢 उत्तर:
राज्यों के पुनर्गठन के लिए उपयुक्त आधार —
1️⃣ समान भाषा,
2️⃣ समान आर्थिक हित,
3️⃣ प्रशासनिक सुविधा,
4️⃣ भौगोलिक निरंतरता।
➡️ इनसे शासन-प्रशासन कुशल रहता है और क्षेत्रीय पहचान सुरक्षित रहती है।
🔵 प्रश्न 5:
निम्नलिखित में से कौन-सा राज्य निर्माण का उचित आधार है?
(क) भाषा, (ख) आर्थिक हित, (ग) सामान्य क्षेत्र, (घ) प्रशासनिक सुविधा।
🟢 उत्तर:
सही उत्तर — (क) भाषा।
➡️ भारतीय संघवाद में भाषाई पहचान को महत्त्व दिया गया है।
➡️ 1956 के राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम में राज्यों का गठन भाषाई आधार पर किया गया था, जिससे जनसंतोष और प्रशासनिक दक्षता दोनों बनी रहीं।
🔵 प्रश्न 6:
यदि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे हिंदीभाषी राज्यों को एक राज्य बना दिया जाए, तो क्या यह संघवाद के अनुरूप होगा?
🟢 उत्तर:
नहीं।
➡️ संघवाद विविधता में एकता का प्रतीक है।
➡️ इतने बड़े क्षेत्र को एक राज्य बनाने से प्रशासनिक कठिनाइयाँ और प्रतिनिधित्व में असमानता उत्पन्न होगी।
➡️ छोटे राज्यों के रूप में शासन अधिक उत्तरदायी और सशक्त रहता है।
🔵 प्रश्न 7:
भारतीय संविधान की वे चार विशेषताएँ लिखिए जिनमें केंद्र को राज्यों की तुलना में अधिक शक्तियाँ दी गई हैं।
🟢 उत्तर:
1️⃣ संघ सूची में अधिक विषयों का समावेश (97 विषय)।
2️⃣ राष्ट्रपति शासन की व्यवस्था (अनुच्छेद 356)।
3️⃣ आपातकाल की स्थिति में केंद्र का सर्वोच्च अधिकार।
4️⃣ संसद द्वारा राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन का अधिकार।
🔵 प्रश्न 8:
कई राज्यों के राज्यपालों की भूमिका को लेकर असंतोष क्यों रहता है?
🟢 उत्तर:
➡️ कभी-कभी राज्यपाल को केंद्र का प्रतिनिधि माना जाता है, जिससे वह निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा पाता।
➡️ विरोधी दलों की सरकारों में हस्तक्षेप के आरोप लगते हैं।
➡️ यह स्थिति संघीय संतुलन को प्रभावित करती है।
🔵 प्रश्न 9:
यदि किसी राज्य में शासन संविधान के अनुरूप नहीं चल रहा हो, तो राष्ट्रपति शासन कब लगाया जा सकता है?
🟢 उत्तर:
➡️ जब राज्य सरकार बहुमत खो दे या संविधान का पालन न करे।
➡️ उदाहरण: (क) बहुमत दल के दो सदस्यों की हत्या से विधानसभा में स्थिरता समाप्त हो जाए।
➡️ (ख) कानून-व्यवस्था पूर्ण रूप से विफल हो जाए।
➡️ (ग) आपसी हिंसा और अशांति से शासन ठप पड़ जाए।
इन परिस्थितियों में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
🔵 प्रश्न 10:
अधिक स्वायत्तता की माँग किन राज्यों द्वारा उठाई गई और क्यों?
🟢 उत्तर:
➡️ प्रायः उत्तर-पूर्व के राज्य (मणिपुर, नागालैंड, मिज़ोरम) और जम्मू-कश्मीर ने अधिक स्वायत्तता की माँग की।
➡️ इसका कारण उनकी विशिष्ट जातीय-सांस्कृतिक पहचान और भौगोलिक स्थिति है।
➡️ इन क्षेत्रों में संवैधानिक विशेष प्रावधानों से स्थायित्व और एकता बनाए रखने में सहायता मिली।
🔵 प्रश्न 11:
क्या कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधान आवश्यक हैं? क्या इससे राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है?
🟢 उत्तर:
हाँ।
➡️ विशेष प्रावधान राज्यों की सांस्कृतिक विविधता और क्षेत्रीय आवश्यकताओं की रक्षा करते हैं।
➡️ इससे स्थानीय असंतोष कम होता है और भारत की संघीय एकता सुदृढ़ होती है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏛️ खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (Q1–Q12 · 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1: भारत किस प्रकार का संघीय देश है?
🟢 1️⃣ अत्यधिक संघीय
🟡 2️⃣ एकात्मक स्वरूप वाला संघ
🔴 3️⃣ ढीला संघ
🟣 4️⃣ परिसंघात्मक राज्य
✔️ उत्तर: एकात्मक स्वरूप वाला संघ
🔵 प्रश्न 2: भारत में संघीय ढाँचा किसके अंतर्गत स्थापित है?
🟢 1️⃣ संविधान
🟡 2️⃣ संसद अधिनियम
🔴 3️⃣ राष्ट्रपति आदेश
🟣 4️⃣ सुप्रीम कोर्ट निर्णय
✔️ उत्तर: संविधान
🔵 प्रश्न 3: भारत के संविधान के सातवें अनुसूची में कुल कितनी सूचियाँ हैं?
🟢 1️⃣ दो
🟡 2️⃣ तीन
🔴 3️⃣ चार
🟣 4️⃣ पाँच
✔️ उत्तर: तीन
🔵 प्रश्न 4: संविधान की कौन-सी सूची केंद्र और राज्यों के साझा विषयों को दर्शाती है?
🟢 1️⃣ संघ सूची
🟡 2️⃣ राज्य सूची
🔴 3️⃣ समवर्ती सूची
🟣 4️⃣ वित्तीय सूची
✔️ उत्तर: समवर्ती सूची
🔵 प्रश्न 5: संविधान में संघीय ढाँचे का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?
🟢 1️⃣ अनुच्छेद 1
🟡 2️⃣ अनुच्छेद 3
🔴 3️⃣ अनुच्छेद 5
🟣 4️⃣ अनुच्छेद 10
✔️ उत्तर: अनुच्छेद 1
🔵 प्रश्न 6: संघ और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा कौन करता है?
🟢 1️⃣ संसद
🟡 2️⃣ सर्वोच्च न्यायालय
🔴 3️⃣ राष्ट्रपति
🟣 4️⃣ राज्यपाल
✔️ उत्तर: सर्वोच्च न्यायालय
🔵 प्रश्न 7: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना कब हुई थी?
🟢 1️⃣ 1949
🟡 2️⃣ 1953
🔴 3️⃣ 1956
🟣 4️⃣ 1962
✔️ उत्तर: 1953
🔵 प्रश्न 8: भारत में राज्यों की भाषा के आधार पर पुनर्गठन कब हुआ?
🟢 1️⃣ 1947
🟡 2️⃣ 1950
🔴 3️⃣ 1956
🟣 4️⃣ 1960
✔️ उत्तर: 1956
🔵 प्रश्न 9: भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को आपातकाल घोषित करने का अधिकार देता है?
🟢 1️⃣ अनुच्छेद 352
🟡 2️⃣ अनुच्छेद 370
🔴 3️⃣ अनुच्छेद 368
🟣 4️⃣ अनुच्छेद 356
✔️ उत्तर: अनुच्छेद 352
🔵 प्रश्न 10: संघीय ढाँचे में वित्तीय संबंधों को कौन-सी संस्था नियंत्रित करती है?
🟢 1️⃣ वित्त आयोग
🟡 2️⃣ योजना आयोग
🔴 3️⃣ नीति आयोग
🟣 4️⃣ संसद
✔️ उत्तर: वित्त आयोग
🔵 प्रश्न 11: भारत में अंतरराज्यीय परिषद (Inter-State Council) की स्थापना किस अनुच्छेद के तहत की गई है?
🟢 1️⃣ अनुच्छेद 263
🟡 2️⃣ अनुच्छेद 356
🔴 3️⃣ अनुच्छेद 370
🟣 4️⃣ अनुच्छेद 312
✔️ उत्तर: अनुच्छेद 263
🔵 प्रश्न 12: संघीय प्रणाली की एक विशेषता कौन-सी है?
🟢 1️⃣ एक ही स्तर की सरकार
🟡 2️⃣ दो स्तर की सरकारें
🔴 3️⃣ सैन्य शासन
🟣 4️⃣ न्यायपालिका का अभाव
✔️ उत्तर: दो स्तर की सरकारें
⚖️ खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (Q13–Q20 · 2 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 13: संघवाद (Federalism) का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: संघवाद शासन की ऐसी व्यवस्था है जिसमें सत्ता दो स्तरों — केंद्र और राज्य — के बीच संवैधानिक रूप से विभाजित होती है।
🟢 प्रश्न 14: भारत में संघीयता की दो विशेषताएँ लिखिए।
🟡 उत्तर:
1️⃣ केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन।
2️⃣ स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा विवादों का समाधान।
🟢 प्रश्न 15: संघीय ढाँचे में केंद्र की प्रधानता का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: भारत में संविधान केंद्र को अधिक शक्तियाँ देता है ताकि राष्ट्रीय एकता और प्रशासनिक स्थिरता बनी रहे।
🟢 प्रश्न 16: संघ सूची में आने वाले दो विषय लिखिए।
🟡 उत्तर:
1️⃣ रक्षा
2️⃣ विदेशी मामले
🟢 प्रश्न 17: समवर्ती सूची में आने वाले दो विषय कौन-से हैं?
🟡 उत्तर:
1️⃣ शिक्षा
2️⃣ विवाह और तलाक
🟢 प्रश्न 18: संघीय प्रणाली में स्वतंत्र न्यायपालिका की भूमिका क्या है?
🟡 उत्तर: न्यायपालिका संघ और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करती है तथा संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखती है।
🟢 प्रश्न 19: वित्त आयोग की भूमिका क्या है?
🟡 उत्तर: वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व के बँटवारे की सिफारिश करता है तथा वित्तीय संतुलन बनाए रखता है।
🟢 प्रश्न 20: संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को किस रूप में वर्णित किया गया है?
🟡 उत्तर: भारत को “राज्यों का संघ” (Union of States) कहा गया है।
⚖️ खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (Q21–Q26 · 4 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 21: भारत को “राज्यों का संघ” (Union of States) क्यों कहा गया है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ भारत की एकात्मक भावना को बनाए रखते हुए भी राज्यों को स्वायत्तता दी गई है।
2️⃣ किसी राज्य को अलग होने का अधिकार नहीं है।
3️⃣ यह संघ संविधान द्वारा निर्मित है, न कि राज्यों की इच्छा से।
4️⃣ इसलिए भारत को संघीय नहीं, बल्कि “राज्यों का संघ” कहा गया है।
🔵 प्रश्न 22: संघ और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन कैसे किया गया है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियाँ दी गई हैं —
🔹 संघ सूची (Union List)
🔹 राज्य सूची (State List)
🔹 समवर्ती सूची (Concurrent List)
2️⃣ इसमें केंद्र और राज्यों की शक्तियाँ स्पष्ट रूप से बाँटी गई हैं।
3️⃣ विवाद की स्थिति में केंद्र के कानून को प्राथमिकता दी गई है।
4️⃣ इससे राष्ट्रीय एकता के साथ राज्यों की स्वायत्तता बनी रहती है।
🔵 प्रश्न 23: भारतीय संघीय ढाँचे की विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का संवैधानिक विभाजन।
2️⃣ स्वतंत्र न्यायपालिका।
3️⃣ संविधान की सर्वोच्चता।
4️⃣ द्विसदनीय विधायिका — लोकसभा और राज्यसभा।
➡️ भारतीय संघीय ढाँचा “एकात्मक झुकाव वाला संघीय ढाँचा” कहलाता है।
🔵 प्रश्न 24: राज्य पुनर्गठन आयोग (1953) के गठन का उद्देश्य क्या था?
🟢 उत्तर:
1️⃣ भाषाई और प्रशासनिक आधार पर राज्यों की सीमाएँ निर्धारित करना।
2️⃣ विभिन्न क्षेत्रों में जनसंख्या, संस्कृति और भाषाई एकरूपता स्थापित करना।
3️⃣ प्रशासन को अधिक कुशल और जनता के निकट बनाना।
4️⃣ परिणामस्वरूप 1956 में राज्यों का भाषाई पुनर्गठन किया गया।
🔵 प्रश्न 25: केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों की रूपरेखा स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ केंद्र और राज्य दोनों को अलग-अलग कर लगाने के अधिकार हैं।
2️⃣ वित्त आयोग राजस्व बँटवारे की सिफारिश करता है।
3️⃣ केंद्र, राज्यों को अनुदान और सहायता प्रदान करता है।
4️⃣ यह व्यवस्था संघीय ढाँचे में आर्थिक संतुलन बनाए रखती है।
🔵 प्रश्न 26: आपातकालीन स्थिति में संघीय ढाँचे पर क्या प्रभाव पड़ता है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ अनुच्छेद 352, 356 और 360 के तहत आपातकाल लागू किया जा सकता है।
2️⃣ इस स्थिति में केंद्र को राज्यों की शक्तियाँ मिल जाती हैं।
3️⃣ राज्यपाल सीधे राष्ट्रपति के अधीन कार्य करता है।
4️⃣ इससे अस्थायी रूप से एकात्मक शासन स्थापित हो जाता है।
⚖️ खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (Q27–Q30 · 7 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 27: भारतीय संघवाद की विशेषताएँ और उसकी प्रकृति का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
भारत का संघवाद अद्वितीय है क्योंकि यह एकात्मकता और विकेन्द्रीकरण दोनों का संतुलन रखता है।
1️⃣ केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का संवैधानिक विभाजन है।
2️⃣ संविधान सर्वोच्च है और सभी सरकारें इसके अधीन हैं।
3️⃣ न्यायपालिका स्वतंत्र और विवाद-निपटान में सर्वोच्च है।
4️⃣ केंद्र को आपातकाल में अतिरिक्त शक्तियाँ मिलती हैं।
5️⃣ संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को “राज्यों का संघ” कहा गया है।
6️⃣ वित्त आयोग और नीति आयोग वित्तीय समन्वय बनाए रखते हैं।
➡️ इस प्रकार भारतीय संघवाद सहकारी (Cooperative) और संतुलित है, जो विविधता में एकता का प्रतीक है।
🔴 प्रश्न 28: संघीय प्रणाली में न्यायपालिका की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
न्यायपालिका संघीय ढाँचे की स्थिरता और संतुलन की गारंटी देती है।
1️⃣ सर्वोच्च न्यायालय संघ और राज्यों के विवादों का निपटारा करता है।
2️⃣ यह संविधान की व्याख्या कर शक्तियों की सीमा तय करता है।
3️⃣ न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) के माध्यम से संविधान-विरोधी कानूनों को रद्द करता है।
4️⃣ राज्यों के अधिकारों की रक्षा करता है।
➡️ अतः न्यायपालिका संघीय संरचना की संरक्षक और संविधान की प्रहरी है।
🔴 प्रश्न 29: सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) से आप क्या समझते हैं?
🟢 उत्तर:
सहकारी संघवाद का अर्थ है — केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय की भावना।
1️⃣ दोनों स्तरों की सरकारें राष्ट्रीय विकास के लिए साथ मिलकर कार्य करती हैं।
2️⃣ नीति आयोग और अंतरराज्यीय परिषद इसके उदाहरण हैं।
3️⃣ यह प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को बढ़ावा देता है।
4️⃣ इससे प्रशासनिक दक्षता और लोकतांत्रिक एकता बनी रहती है।
➡️ सहकारी संघवाद भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का आधार है।
🔴 प्रश्न 30: भारत के संघीय ढाँचे की कमियाँ और चुनौतियाँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ केंद्र की प्रधानता से राज्यों की स्वायत्तता सीमित होती है।
2️⃣ अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग राजनीतिक असंतुलन पैदा करता है।
3️⃣ वित्तीय संसाधनों का असमान वितरण।
4️⃣ केंद्र–राज्य विवादों का बढ़ना।
➡️ समाधान के रूप में अंतरराज्यीय परिषद, वित्त आयोग, नीति आयोग जैसे संस्थान सहयोग को सशक्त बनाते हैं।
इस प्रकार भारत का संघीय ढाँचा लचीला, व्यावहारिक और एकात्मकता-संरक्षण पर आधारित है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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