Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 5. विधायिका
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔶 प्रस्तावना (≈150 शब्द)
🔵 लोकतंत्र का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्तंभ विधायिका (Legislature) है, क्योंकि यह जनता की इच्छा को कानून के रूप में व्यक्त करती है।
🟢 यह शासन की वह शाखा है जो कानून बनाती है, नीतियाँ तय करती है, और कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है।
🟡 भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विधायिका जनता की प्रतिनिधि संस्था है जो राष्ट्रीय नीतियों की दिशा निर्धारित करती है।
🔴 विधायिका न केवल कानून निर्माण करती है, बल्कि सरकार की जवाबदेही तय कर लोकतंत्र को जीवित रखती है।
💡 इस अध्याय में हम विधायिका की संरचना, कार्य, शक्तियाँ, संसदीय प्रणाली की भूमिका और विधायी प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे।
🏛️ मुख्य व्याख्या (≈1350 शब्द)
🧭 1. विधायिका की परिभाषा और भूमिका
🔵 विधायिका वह शाखा है जो कानून बनाती है और जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है।
🟢 लोकतांत्रिक शासन में यह “जन इच्छा की आवाज़” होती है।
🟡 यह शासन की दिशा तय करती है और सरकार के कार्यों की समीक्षा करती है।
💡 विधायिका को “राज्य की आत्मा” कहा जाता है क्योंकि यह नीतिगत निर्णयों की जनसंवेदनशीलता बनाए रखती है।
⚖️ 2. भारत में विधायिका की संरचना
🔵 भारत में द्विसदनीय संसद प्रणाली (Bicameral Legislature) लागू है —
1️⃣ लोकसभा (House of the People) — निचला सदन
2️⃣ राज्यसभा (Council of States) — उच्च सदन
🟢 संसद का गठन अनुच्छेद 79 के अंतर्गत होता है।
🟡 राज्य स्तर पर अधिकांश राज्यों में एकसदनीय विधानमंडल (Legislative Assembly) है, जबकि कुछ राज्यों में द्विसदनीय प्रणाली भी है (जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश)।
💡 संसद भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च विधायी संस्था है।
🏛️ 3. लोकसभा (House of the People)
🔵 लोकसभा जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव से चुनी जाती है।
🟢 इसकी अधिकतम सदस्य संख्या 552 है — जिनमें से 530 राज्य, 20 केंद्रशासित प्रदेशों से और 2 एंग्लो-इंडियन राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जा सकते हैं (यह प्रावधान अब समाप्त हो चुका है)।
🟡 लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
🔴 प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
💡 लोकसभा को “जन इच्छा का घर” कहा जाता है क्योंकि यह प्रत्यक्ष रूप से नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती है।
🔹 लोकसभा के प्रमुख पद:
1️⃣ अध्यक्ष (Speaker) — सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
2️⃣ उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) — अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्य करते हैं।
3️⃣ प्रधानमंत्री — सदन के नेता।
🔹 लोकसभा के प्रमुख कार्य:
🟢 कानून बनाना
🟡 बजट पारित करना
🔴 कार्यपालिका पर नियंत्रण रखना
💡 सरकार को विश्वास मत या अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उत्तरदायी बनाना।
📘 4. राज्यसभा (Council of States)
🔵 राज्यसभा संघ की एक स्थायी संस्था है जो कभी भंग नहीं होती।
🟢 इसकी अधिकतम सदस्य संख्या 250 है, जिनमें 238 राज्यों से और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं।
🟡 प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, और प्रत्येक दो वर्ष में एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
💡 राज्यसभा संघीय संतुलन बनाए रखने का कार्य करती है और राज्यों की आवाज़ को संसद में प्रस्तुत करती है।
🔹 राज्यसभा के प्रमुख पद:
1️⃣ सभापति (Chairman) — भारत के उपराष्ट्रपति।
2️⃣ उपसभापति (Deputy Chairman) — सदस्यों द्वारा चुना जाता है।
🔹 राज्यसभा की प्रमुख भूमिकाएँ:
🟢 कानून निर्माण में भागीदारी
🟡 नीतियों की समीक्षा
🔴 विशेषज्ञ दृष्टिकोण प्रदान करना
💡 राज्यसभा “विचारशील सदन” (House of Elders) के रूप में जानी जाती है।
⚖️ 5. संसद की शक्तियाँ और कार्य
🔸 (क) विधायी कार्य
🔵 संसद नए कानून बनाती है और पुराने कानूनों में संशोधन या निरसन कर सकती है।
🟢 यह केंद्रीय सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।
💡 संसद की विधायी शक्ति भारत की एकता और नीति-निर्माण की दिशा तय करती है।
🔸 (ख) वित्तीय कार्य
🔵 वार्षिक बजट (Annual Budget) लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
🟢 लोकसभा ही धन विधेयक (Money Bill) पारित करती है।
🟡 राज्यसभा केवल सुझाव दे सकती है, अस्वीकार नहीं कर सकती।
💡 वित्तीय उत्तरदायित्व लोकसभा की प्राथमिक शक्ति है।
🔸 (ग) कार्यपालिका पर नियंत्रण
🔵 संसद प्रश्नकाल, अल्पकालिक चर्चा, निंदा प्रस्ताव, और अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कार्यपालिका को उत्तरदायी बनाती है।
🟢 यह जनता के प्रति पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
🔸 (घ) चुनावी कार्य
🔵 राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेती है।
🟢 यह निर्वाचन आयोग और वित्त आयोग जैसी संस्थाओं के सदस्यों की नियुक्ति में अप्रत्यक्ष भूमिका निभाती है।
🔸 (ङ) न्यायिक कार्य
🔵 संसद राष्ट्रपति पर महाभियोग चला सकती है।
🟢 न्यायपालिका के विरुद्ध अभियोग और जांच समितियाँ गठित कर सकती है।
🧠 6. विधायी प्रक्रिया (Law Making Process)
🔵 विधेयक (Bill) संसद में दो प्रकार के होते हैं —
1️⃣ साधारण विधेयक
2️⃣ धन विधेयक
🟢 विधेयक पहले एक सदन में प्रस्तुत होता है और दोनों सदनों की स्वीकृति के बाद राष्ट्रपति की अनुमति से कानून बन जाता है।
🟡 संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।
💡 यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक परामर्श और सहमति पर आधारित है।
🏛️ 7. संसदीय समितियाँ
🔵 समितियाँ संसद के कार्यभार को सरल बनाती हैं।
🟢 उदाहरण — लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, वित्त समिति।
🟡 ये समितियाँ सरकारी व्यय की जाँच करती हैं और नीतियों का मूल्यांकन करती हैं।
💡 संसदीय समितियाँ लोकतंत्र की गहराई बढ़ाती हैं।
✳️ 8. लोकसभा और राज्यसभा के बीच मतभेद समाधान
🔵 यदि दोनों सदनों में मतभेद हो जाए तो राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक (Joint Sitting) बुला सकते हैं।
🟢 यह प्रावधान अनुच्छेद 108 में दिया गया है।
🟡 संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
💡 इससे संसद की कार्यक्षमता बनी रहती है।
🎯 9. संसद की सीमाएँ और चुनौतियाँ
🔵 दलगत राजनीति, अनुपस्थिति, वाकआउट और प्रश्नकाल की निष्क्रियता जैसी समस्याएँ विधायिका की कार्यकुशलता को प्रभावित करती हैं।
🟢 संसदीय सुधारों की आवश्यकता है ताकि चर्चा और पारदर्शिता बढ़े।
🟡 नागरिकों की जागरूकता और मीडिया की जिम्मेदारी से ही विधायिका सशक्त बनेगी।
💡 मजबूत विधायिका ही मजबूत लोकतंत्र की गारंटी है।
📘 सारांश (≈250 शब्द)
🔵 विधायिका लोकतंत्र का मस्तिष्क है जो कानून निर्माण, नीति निर्धारण और कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है।
🟢 भारत में द्विसदनीय संसद प्रणाली लागू है — लोकसभा और राज्यसभा मिलकर संसद का निर्माण करती हैं।
🟡 लोकसभा जनता का प्रतिनिधित्व करती है और सरकार के प्रति उत्तरदायित्व सुनिश्चित करती है।
🔴 राज्यसभा संघीय संतुलन बनाए रखती है और राज्यों के हितों की रक्षा करती है।
💡 संसद की प्रमुख शक्तियों में विधायी, वित्तीय, कार्यपालिका नियंत्रण और न्यायिक कार्य शामिल हैं।
🟢 विधायी प्रक्रिया परामर्श और सहमति पर आधारित होती है — जिससे कानून जनता की इच्छा का प्रतिबिंब बने।
🟡 संसदीय समितियाँ शासन की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करती हैं।
🔴 चुनौतियाँ जैसे राजनीतिक पक्षपात और निष्क्रियता संसद की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं।
🎯 विधायिका तभी प्रभावी होगी जब वह जनता की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिनिधित्व करे और लोकतंत्र के मूल्यों को सशक्त बनाए।
📝 त्वरित पुनरावलोकन (≈100 शब्द)
✔️ विधायिका — कानून निर्माण शाखा।
✔️ संसद — लोकसभा + राज्यसभा (अनुच्छेद 79)।
✔️ लोकसभा — प्रत्यक्ष निर्वाचित, 5 वर्ष का कार्यकाल।
✔️ राज्यसभा — स्थायी सदन, 6 वर्ष का कार्यकाल।
✔️ प्रमुख कार्य — कानून निर्माण, बजट, नियंत्रण, महाभियोग।
✔️ समितियाँ — लोक लेखा, प्राक्कलन, वित्त समिति।
✔️ संयुक्त बैठक — अनुच्छेद 108।
✔️ विधायिका = लोकतंत्र की आत्मा और जन इच्छा का प्रतीक।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1:
आलोक मानता है कि किसी देश को कारगर सरकार की ज़रूरत होती है जो जनता की भलाई करे। यदि हम सीधे अपना प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल चुन लें तो विधायिका की क्या ज़रूरत है? क्या आप इससे सहमत हैं? कारण सहित उत्तर दीजिए।
🟢 उत्तर:
नहीं, मैं इससे सहमत नहीं हूँ।
विधायिका लोकतंत्र का प्रमुख अंग है जो सरकार को उत्तरदायी बनाती है।
विधायिका के बिना जन-नियंत्रण समाप्त हो जाएगा और सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में केन्द्रित हो जाएगी।
विधायिका कानून बनाती है, बजट पारित करती है और कार्यपालिका पर निगरानी रखती है, इसलिए उसका अस्तित्व आवश्यक है।
🔵 प्रश्न 2:
किसी कक्षा में द्विसदनीय प्रणाली के गुणों पर बहस चल रही थी। चर्चा में दिए गए तर्क —
(क) नेहा ने कहा कि द्विसदनीय प्रणाली से कोई उद्देश्य नहीं सधता।
(ख) शमा का तर्क था कि राज्यसभा में विशेषज्ञों का मनोनीयन लाभदायक है।
(ग) त्रिवेद ने कहा कि यदि कोई व्यवस्था नहीं होती तो संसद की आवश्यकता नहीं रहती।
इन तर्कों की पहचान करें और बताइए कि किससे आप सहमत हैं और क्यों।
🟢 उत्तर:
मैं शमा के तर्क से सहमत हूँ।
द्विसदनीय प्रणाली में राज्यसभा जैसे उच्च सदन में अनुभवी और विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते हैं, जो विधेयकों पर गहराई से विचार करते हैं।
यह विधायी प्रक्रिया को संतुलित, परिपक्व और लोकतांत्रिक बनाता है।
🔵 प्रश्न 3:
लोकसभा कार्यपालिका को किस प्रकार नियंत्रित कर सकती है?
🟢 उत्तर:
लोकसभा कार्यपालिका को कई संसदीय उपकरणों द्वारा नियंत्रित करती है —
🔹 प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव,
🔹 अविश्वास प्रस्ताव,
🔹 अनुदान की माँग पर चर्चा,
🔹 नीतिगत बहसें आदि।
इन प्रक्रियाओं से कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी रहती है।
🔵 प्रश्न 4:
लोकसभा कार्यपालिका पर सार्वजनिक नियंत्रण रखने के साथ जनमत व विपक्ष की अभिव्यक्ति का मंच भी है। क्या आप इससे सहमत हैं? कारण लिखिए।
🟢 उत्तर:
हाँ, पूर्णतः सहमत हूँ।
लोकसभा जनता के प्रतिनिधियों से बनी है जो सरकार के कार्यों पर प्रश्न उठाते हैं।
विपक्ष जनता की आवाज़ बनता है और गलत नीतियों का विरोध करता है।
यह सब लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखता है।
🔵 प्रश्न 5:
संसद को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं —
(क) अध्यक्ष को अधिक समय तक काम करना चाहिए।
(ख) सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए।
(ग) अध्यक्ष को सत्र में अनुशासन बनाए रखने का अधिकार होना चाहिए।
इनमें से किनसे आप सहमत हैं और क्यों?
🟢 उत्तर:
मैं तीनों सुझावों से सहमत हूँ।
🔹 अध्यक्ष को अधिक समय देना चाहिए ताकि कार्य व्यवस्थित हो।
🔹 सदस्यों की उपस्थिति लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है।
🔹 अनुशासन बनाए रखने से संसद की गरिमा और कार्यकुशलता बनी रहती है।
🔵 प्रश्न 6:
आरिफ़ जानना चाहता है कि यदि मंत्री ही विधेयक प्रस्तुत करते हैं और बहुमत से पारित कराते हैं, तो संसद की भूमिका क्या है?
🟢 उत्तर:
संसद विधेयकों पर चर्चा, संशोधन और अनुमोदन का मंच है।
भले ही मंत्री विधेयक प्रस्तुत करें, परंतु संसद के बिना वह कानून नहीं बन सकता।
संसद विधेयक के हर पहलू पर विचार करती है, जिससे जनता की इच्छा परिलक्षित होती है।
🔵 प्रश्न 7:
निम्न कथनों में से किससे आप सबसे अधिक सहमत हैं?
(क) सांसदों को अपनी पसंद की पार्टी में शामिल होने की छूट होनी चाहिए।
(ख) दलबदल कानून के कारण पार्टी अनुशासन बढ़ा है।
(ग) दलबदल कानून दमनकारी है, क्योंकि इससे विचार स्वतंत्रता घटती है।
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (ख) दलबदल कानून के कारण पार्टी अनुशासन बढ़ा है।
यह कानून विधायकों को व्यक्तिगत लाभ के लिए पार्टी बदलने से रोकता है और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखता है।
🔵 प्रश्न 8:
डॉली और सुधा में इस बात पर चर्चा थी कि वर्तमान समय में संसद कितनी प्रभावी है। आप किससे सहमत हैं?
🟢 उत्तर:
मैं सुधा के पक्ष में हूँ।
लोकसभा में बहस और विपक्ष की सक्रियता सरकार को उत्तरदायी रखती है।
हालाँकि कभी-कभी अवरोध होते हैं, परंतु संसद लोकतांत्रिक विमर्श का सबसे प्रमुख मंच बनी रहती है।
🔵 प्रश्न 9:
किसी विधेयक के कानून बनने की प्रक्रिया के चरणों का उल्लेख कीजिए।
🟢 उत्तर:
भारत में किसी विधेयक के कानून बनने की प्रक्रिया इस प्रकार है —
1️⃣ विधेयक का प्रथम पठन — सदन में प्रस्तुतिकरण।
2️⃣ द्वितीय पठन — धारा-दर-धारा चर्चा।
3️⃣ तृतीय पठन — अंतिम अनुमोदन और मतदान।
4️⃣ राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद विधेयक कानून बन जाता है।
🔵 प्रश्न 10:
संसदीय व्यवस्था से संसद के विधायी कार्यों की समीक्षा और देखरेख पर क्या प्रभाव पड़ता है?
🟢 उत्तर:
संसदीय व्यवस्था में कानून बनाने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनती है।
संसद विधेयकों पर विचार-विमर्श करती है, समितियाँ जाँच करती हैं और विपक्ष निगरानी रखता है।
इससे विधायी गुणवत्ता बढ़ती है और जनहित सुनिश्चित होता है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏛️ खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (Q1–Q12 · 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1: भारतीय संसद (Parliament) कितने सदनों से मिलकर बनी है?
🟢 1️⃣ दो सदन और राष्ट्रपति
🟡 2️⃣ केवल दो सदन
🔴 3️⃣ केवल लोकसभा
🟣 4️⃣ केवल राज्यसभा
✔️ उत्तर: दो सदन और राष्ट्रपति
🔵 प्रश्न 2: लोकसभा को किस नाम से जाना जाता है?
🟢 1️⃣ उच्च सदन
🟡 2️⃣ निचला सदन
🔴 3️⃣ स्थायी सदन
🟣 4️⃣ राष्ट्रपति सदन
✔️ उत्तर: निचला सदन
🔵 प्रश्न 3: राज्यसभा को “स्थायी सदन” क्यों कहा जाता है?
🟢 1️⃣ क्योंकि इसे राष्ट्रपति भंग नहीं कर सकता
🟡 2️⃣ क्योंकि इसके सभी सदस्य आजीवन रहते हैं
🔴 3️⃣ क्योंकि इसके सदस्य हर वर्ष बदलते हैं
🟣 4️⃣ क्योंकि यह केवल परामर्श देती है
✔️ उत्तर: क्योंकि इसे राष्ट्रपति भंग नहीं कर सकता
🔵 प्रश्न 4: लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी है?
🟢 1️⃣ 450
🟡 2️⃣ 552
🔴 3️⃣ 500
🟣 4️⃣ 600
✔️ उत्तर: 552
🔵 प्रश्न 5: राज्यसभा के लिए न्यूनतम आयु सीमा क्या है?
🟢 1️⃣ 25 वर्ष
🟡 2️⃣ 30 वर्ष
🔴 3️⃣ 35 वर्ष
🟣 4️⃣ 21 वर्ष
✔️ उत्तर: 30 वर्ष
🔵 प्रश्न 6: लोकसभा का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
🟢 1️⃣ 4 वर्ष
🟡 2️⃣ 5 वर्ष
🔴 3️⃣ 6 वर्ष
🟣 4️⃣ 7 वर्ष
✔️ उत्तर: 5 वर्ष
🔵 प्रश्न 7: लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) का चुनाव कौन करता है?
🟢 1️⃣ राष्ट्रपति
🟡 2️⃣ प्रधानमंत्री
🔴 3️⃣ लोकसभा के सदस्य
🟣 4️⃣ सर्वोच्च न्यायालय
✔️ उत्तर: लोकसभा के सदस्य
🔵 प्रश्न 8: राज्यसभा के सभापति कौन होते हैं?
🟢 1️⃣ प्रधानमंत्री
🟡 2️⃣ राष्ट्रपति
🔴 3️⃣ उपराष्ट्रपति
🟣 4️⃣ मुख्य न्यायाधीश
✔️ उत्तर: उपराष्ट्रपति
🔵 प्रश्न 9: धन विधेयक (Money Bill) कहाँ से आरम्भ होता है?
🟢 1️⃣ राज्यसभा
🟡 2️⃣ लोकसभा
🔴 3️⃣ सुप्रीम कोर्ट
🟣 4️⃣ विधान परिषद
✔️ उत्तर: लोकसभा
🔵 प्रश्न 10: प्रश्नकाल (Question Hour) किससे संबंधित है?
🟢 1️⃣ राष्ट्रपति
🟡 2️⃣ संसद
🔴 3️⃣ न्यायपालिका
🟣 4️⃣ राज्यसभा
✔️ उत्तर: संसद
🔵 प्रश्न 11: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव कौन लाता है?
🟢 1️⃣ राष्ट्रपति
🟡 2️⃣ विपक्ष
🔴 3️⃣ प्रधानमंत्री
🟣 4️⃣ राज्यसभा
✔️ उत्तर: विपक्ष
🔵 प्रश्न 12: संसद के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता कौन करता है?
🟢 1️⃣ राष्ट्रपति
🟡 2️⃣ उपराष्ट्रपति
🔴 3️⃣ लोकसभा अध्यक्ष
🟣 4️⃣ प्रधानमंत्री
✔️ उत्तर: लोकसभा अध्यक्ष
⚖️ खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (Q13–Q20 · 2 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 13: विधायिका (Legislature) का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: विधायिका राज्य की वह शाखा है जो कानून बनाती है, बजट पारित करती है तथा कार्यपालिका की निगरानी करती है।
🟢 प्रश्न 14: भारत में विधायिका का स्वरूप क्या है?
🟡 उत्तर: भारत में द्विसदनीय विधायिका है — संसद में लोकसभा (Lower House) और राज्यसभा (Upper House) दोनों शामिल हैं।
🟢 प्रश्न 15: लोकसभा अध्यक्ष के दो प्रमुख कार्य बताइए।
🟡 उत्तर:
1️⃣ सदन की कार्यवाही का संचालन करना।
2️⃣ सदन में अनुशासन बनाए रखना और निर्णयों को निष्पक्षता से लेना।
🟢 प्रश्न 16: राज्यसभा की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?
🟡 उत्तर: राज्यसभा राज्यों के हितों की रक्षा करती है और विधेयकों की गहन समीक्षा करती है जिससे कानून अधिक प्रभावी बनता है।
🟢 प्रश्न 17: विधेयक (Bill) क्या होता है?
🟡 उत्तर: विधेयक वह प्रस्ताव है जो संसद में कानून बनाने हेतु प्रस्तुत किया जाता है और स्वीकृति मिलने पर अधिनियम बन जाता है।
🟢 प्रश्न 18: अविश्वास प्रस्ताव का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: जब लोकसभा सरकार पर विश्वास न होने की घोषणा करती है, तो इसे अविश्वास प्रस्ताव कहा जाता है, जिससे सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।
🟢 प्रश्न 19: राज्यसभा में सदस्य कितने वर्षों के लिए चुने जाते हैं?
🟡 उत्तर: राज्यसभा के सदस्य 6 वर्षों के लिए चुने जाते हैं और हर दो वर्ष में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
🟢 प्रश्न 20: संसद का मुख्य कार्य क्या है?
🟡 उत्तर: संसद का मुख्य कार्य कानून निर्माण, बजट पारित करना और कार्यपालिका पर निगरानी रखना है।
🏛️ खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (Q21–Q26 · 4 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 21: संसद की द्विसदनीय संरचना (Bicameral Structure) का क्या महत्व है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ द्विसदनीय संरचना में दोनों सदन मिलकर संतुलन और परामर्श सुनिश्चित करते हैं।
2️⃣ राज्यसभा राज्यों के हितों की रक्षा करती है, लोकसभा जनता की इच्छा व्यक्त करती है।
3️⃣ कानून निर्माण प्रक्रिया अधिक विचारपूर्ण बनती है।
4️⃣ यह लोकतांत्रिक प्रणाली में स्थिरता और परिपक्वता लाती है।
🔵 प्रश्न 22: लोकसभा और राज्यसभा की शक्तियों में क्या अंतर है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ धन विधेयक केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।
2️⃣ राज्यसभा में इसे केवल अनुशंसा के लिए भेजा जाता है।
3️⃣ लोकसभा सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से गिरा सकती है।
4️⃣ राज्यसभा स्थायी सदन है, वह सरकार नहीं गिरा सकती।
🔵 प्रश्न 23: प्रश्नकाल (Question Hour) का उद्देश्य क्या है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ प्रश्नकाल के माध्यम से सांसद सरकार से जानकारी मांगते हैं।
2️⃣ इससे सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता बनी रहती है।
3️⃣ नीतिगत निर्णयों और प्रशासनिक कार्यों की जाँच होती है।
4️⃣ यह संसदीय नियंत्रण का सबसे प्रभावी माध्यम है।
🔵 प्रश्न 24: लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
2️⃣ वे व्यवस्था बनाए रखते हैं और अनुशासन सुनिश्चित करते हैं।
3️⃣ वे सदन के निर्णयों में निष्पक्ष रहते हैं।
4️⃣ अविश्वास प्रस्ताव, बहस और मतदान का संचालन भी करते हैं।
🔵 प्रश्न 25: संसदीय समितियों का महत्व बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ समितियाँ विधेयकों, बजट और प्रशासनिक कार्यों की गहन समीक्षा करती हैं।
2️⃣ यह विशेषज्ञता और दक्षता से संसद के कार्यभार को हल्का करती हैं।
3️⃣ लोक लेखा समिति, लोक उपक्रम समिति आदि वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करती हैं।
4️⃣ इससे पारदर्शी और प्रभावी शासन में सहायता मिलती है।
🔵 प्रश्न 26: अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) का परिणाम क्या होता है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ यदि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाए, तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।
2️⃣ इससे मंत्रिपरिषद की सामूहिक उत्तरदायित्व सिद्ध होती है।
3️⃣ यह लोकतंत्र में उत्तरदायी शासन की परीक्षा का साधन है।
4️⃣ इससे जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
⚖️ खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (Q27–Q30 · 7 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 27: भारतीय संसद की संरचना और उसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
भारतीय संसद तीन घटकों से मिलकर बनी है — राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा।
1️⃣ लोकसभा निचला सदन है, जो प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुनी जाती है।
2️⃣ राज्यसभा उच्च सदन है, जो राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है और स्थायी है।
3️⃣ राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है और सत्र बुलाने, विधेयकों पर स्वीकृति देने तथा अभिभाषण का कार्य करता है।
4️⃣ संसद के दोनों सदन कानून निर्माण, बजट पारित करने और कार्यपालिका पर नियंत्रण रखने के लिए उत्तरदायी हैं।
5️⃣ यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का सर्वोच्च विधायी अंग है।
➡️ संसद जनता की इच्छा को विधायी स्वरूप प्रदान करती है, इसलिए इसे “लोकतंत्र का हृदय” कहा जाता है।
🔴 प्रश्न 28: विधेयक के कानून बनने की प्रक्रिया को समझाइए।
🟢 उत्तर:
कानून बनने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है —
1️⃣ प्रस्तुति: विधेयक लोकसभा या राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
2️⃣ प्रथम वाचन: शीर्षक व उद्देश्य पर सामान्य चर्चा होती है।
3️⃣ द्वितीय वाचन: विधेयक की धारा-दर-धारा समीक्षा होती है, आवश्यक संशोधन किए जाते हैं।
4️⃣ तृतीय वाचन: संशोधित विधेयक पर मतदान किया जाता है।
5️⃣ दूसरे सदन में भेजा जाना: दूसरा सदन भी समान प्रक्रिया अपनाता है।
6️⃣ राष्ट्रपति की स्वीकृति: दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर यह अधिनियम बन जाता है।
➡️ यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक परामर्श और बहस की गहराई को दर्शाती है।
🔴 प्रश्न 29: संसद के वित्तीय कार्यों का विश्लेषण कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ संसद वार्षिक बजट पारित करती है जिसमें आय और व्यय का विवरण होता है।
2️⃣ धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जाता है।
3️⃣ संसद कराधान और व्यय की स्वीकृति प्रदान करती है।
4️⃣ लोक लेखा समिति (PAC) और अन्य समितियाँ वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करती हैं।
5️⃣ संसद कार्यपालिका पर वित्तीय नियंत्रण रखती है ताकि जनता का धन पारदर्शिता से उपयोग हो।
➡️ संसद की वित्तीय भूमिका जनता के आर्थिक हितों की सुरक्षा का माध्यम है।
🔴 प्रश्न 30: भारतीय संसद का लोकतंत्र में योगदान स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ संसद जनता के प्रतिनिधियों द्वारा गठित होती है, जो जनमत को नीति में बदलती है।
2️⃣ यह कानून बनाकर समाज में समानता, न्याय और विकास सुनिश्चित करती है।
3️⃣ संसद सरकार की कार्यवाही पर नियंत्रण रखकर जवाबदेही बनाए रखती है।
4️⃣ बहस, प्रश्नकाल, और समितियों के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाती है।
5️⃣ यह विभिन्न वर्गों और राज्यों के बीच एकता का प्रतीक है।
➡️ इस प्रकार भारतीय संसद न केवल शासन का केंद्र है बल्कि लोकतंत्र की आत्मा है जो जनता की आवाज़ को संवैधानिक रूप देती है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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