Class 11, Poltical Science (Hindi)

Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 16. नागरिकता

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🌟 प्रस्तावना (Introduction)
🔵 नागरिकता (Citizenship) किसी राष्ट्र के साथ व्यक्ति की विधिक और राजनीतिक सदस्यता को दर्शाती है।
🟢 यह व्यक्ति को अधिकार, कर्तव्य, और पहचान प्रदान करती है।
🟡 नागरिकता के बिना व्यक्ति राज्य के भीतर रहते हुए भी उसके राजनीतिक अधिकारों से वंचित रहता है।
🔴 भारतीय संविधान में नागरिकता को अत्यंत महत्व दिया गया है क्योंकि यह नागरिक और राज्य के बीच कानूनी संबंध स्थापित करती है।
💡 नागरिकता केवल कानूनी स्थिति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना, निष्ठा और भागीदारी का प्रतीक भी है।

🏛️ मुख्य व्याख्या (Main Explanation)
🧭 1. नागरिकता का अर्थ (Meaning of Citizenship)
🔹 नागरिकता वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को राज्य की सदस्यता प्राप्त होती है।
🔹 यह व्यक्ति को अधिकार (Rights) और कर्तव्य (Duties) दोनों प्रदान करती है।
🔹 नागरिक राज्य के कानूनों के प्रति निष्ठावान होता है और बदले में राज्य उसकी सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
💡 नागरिकता एक दो-तरफ़ा संबंध है — राज्य और व्यक्ति के बीच परस्पर अधिकार और उत्तरदायित्व।

⚖️ 2. नागरिकता की आवश्यकता (Need for Citizenship)
🟢 नागरिकता यह निर्धारित करती है कि कौन व्यक्ति राज्य का सदस्य है और कौन नहीं।
🟡 इससे व्यक्ति को राजनीतिक भागीदारी, मतदान, और सार्वजनिक पदों के अधिकार प्राप्त होते हैं।
🔴 यह देश की एकता, राष्ट्रीय पहचान और सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
💡 नागरिकता व्यक्ति को केवल अधिकार नहीं देती, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति दायित्व भी निर्धारित करती है।

🏛️ 3. भारतीय संविधान में नागरिकता (Citizenship in the Indian Constitution)
🔵 भारतीय संविधान में नागरिकता से संबंधित प्रावधान भाग II (अनुच्छेद 5–11) में दिए गए हैं।
🟢 संविधान सभा ने नागरिकता से संबंधित अस्थायी प्रावधान किए, क्योंकि विभाजन (Partition) के समय यह सबसे जटिल प्रश्न था।
🟡 संविधान ने यह तय किया कि 26 जनवरी 1950 के दिन कौन व्यक्ति भारतीय नागरिक होगा।
🔴 नागरिकता से जुड़ी सभी भविष्य की व्यवस्थाओं का अधिकार संसद को दिया गया (अनुच्छेद 11)।
💡 भारतीय नागरिकता का आधार जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण और क्षेत्रीय विलय है।

⚙️ 4. नागरिकता प्राप्त करने के तरीके (Methods of Acquiring Citizenship)
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार, नागरिकता प्राप्त करने के पाँच प्रमुख तरीके हैं:
🟢 (1) जन्म से (By Birth)
🔹 भारत में जन्म लेने वाला व्यक्ति भारतीय नागरिक होता है (कुछ शर्तों सहित)।
🔹 यदि माता या पिता भारत के नागरिक हैं, तो संतान को नागरिकता स्वतः मिलती है।


🟡 (2) वंश से (By Descent)
🔹 यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर जन्म लेता है परंतु उसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक है, तो वह वंशानुगत नागरिक होगा।


🔴 (3) पंजीकरण से (By Registration)
🔹 विदेशी नागरिक यदि कुछ समय तक भारत में निवास कर चुका है, तो वह पंजीकरण के माध्यम से नागरिक बन सकता है।


🔵 (4) प्राकृतिककरण से (By Naturalization)
🔹 किसी विदेशी नागरिक को दीर्घकालिक निवास और अन्य शर्तें पूरी करने पर नागरिकता दी जा सकती है।


🟢 (5) क्षेत्रीय विलय से (By Incorporation of Territory)
🔹 जब कोई क्षेत्र भारत में शामिल किया जाता है, तो वहाँ के निवासियों को स्वतः भारतीय नागरिकता प्राप्त होती है (जैसे पुडुचेरी, गोवा आदि)।
💡 यह विविधता भारत की समावेशी और लोकतांत्रिक भावना को दर्शाती है।

🏛️ 5. नागरिकता समाप्त होने के तरीके (Modes of Losing Citizenship)
🟡 (1) त्याग (Renunciation)
यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ना चाहे, तो वह त्याग सकता है।


🔴 (2) निरसन (Termination)
यदि कोई नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।


🔵 (3) वंचन (Deprivation)
भारत सरकार किसी व्यक्ति को नागरिकता से वंचित कर सकती है यदि उसने धोखाधड़ी या गलत सूचना के आधार पर नागरिकता प्राप्त की हो।
💡 यह अनुशासन और राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए आवश्यक प्रावधान है।

⚖️ 6. एकल नागरिकता की व्यवस्था (Single Citizenship in India)
🔹 भारत में केवल एकल नागरिकता (Single Citizenship) का प्रावधान है।
🔹 इसका अर्थ है कि भारत के सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी राज्य में रहते हों, केवल भारतीय नागरिक हैं।
🔹 यह एकता, समानता, और राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देता है।
💡 यह ब्रिटिश मॉडल पर आधारित है, जबकि अमेरिका में दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) की व्यवस्था है।

🌍 7. भारतीय नागरिक के अधिकार और कर्तव्य (Rights and Duties of Citizens)
🟢 अधिकार:
1️⃣ मतदान का अधिकार
2️⃣ मौलिक अधिकारों का लाभ
3️⃣ सार्वजनिक पदों पर नियुक्ति का अवसर
4️⃣ शिक्षा, रोजगार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता


🔴 कर्तव्य:
1️⃣ संविधान का पालन
2️⃣ राष्ट्रीय एकता की रक्षा
3️⃣ सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा
4️⃣ महिलाओं और कमजोर वर्गों का सम्मान
5️⃣ पर्यावरण की सुरक्षा
💡 अधिकार और कर्तव्य परस्पर पूरक हैं — एक के बिना दूसरा अधूरा है।

🧠 8. प्रवासी भारतीय नागरिकता (Overseas Citizenship of India — OCI)
🔹 भारत ने 2005 में प्रवासी भारतीयों के लिए OCI योजना शुरू की।
🔹 यह पूर्ण नागरिकता नहीं, बल्कि सीमित सुविधाएँ प्रदान करती है।
🔹 OCI कार्डधारक भारत में अनिश्चित काल तक रह सकते हैं, व्यवसाय कर सकते हैं और निवेश कर सकते हैं।
💡 यह विश्वभर में भारतीय मूल के लोगों को भारत से जोड़ने का प्रयास है।

⚖️ 9. नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act, 2019)
🔵 इस अधिनियम ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया।
🟢 यह अधिनियम केवल 31 दिसंबर 2014 से पहले आए लोगों पर लागू होता है।
🟡 मुस्लिम शरणार्थियों को इसमें शामिल नहीं किया गया, जिससे यह अधिनियम विवाद का विषय बना।
💡 इसका उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न से शरण लेने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना था।

🏛️ 10. नागरिकता का महत्व (Importance of Citizenship)
1️⃣ नागरिकता राष्ट्रीय एकता और पहचान की भावना पैदा करती है।
2️⃣ यह व्यक्ति को राज्य के अधिकारों और कर्तव्यों से जोड़ती है।
3️⃣ यह शासन में भागीदारी का आधार बनती है।
4️⃣ नागरिकता से व्यक्ति सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त होता है।
💡 नागरिकता का वास्तविक अर्थ केवल कानूनी स्थिति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति निष्ठा और योगदान है।

📘 सारांश (Summary)
🟢 नागरिकता व्यक्ति और राज्य के बीच अधिकारों व कर्तव्यों का संबंध स्थापित करती है।
🟡 भारतीय संविधान ने नागरिकता के प्रावधान अनुच्छेद 5 से 11 में दिए हैं।
🔵 नागरिकता प्राप्ति के पाँच तरीके — जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, और क्षेत्रीय विलय।
🔴 एकल नागरिकता ने भारतीय एकता को सशक्त किया है।
💡 नागरिकता केवल कानून नहीं, बल्कि नागरिक चेतना, जिम्मेदारी, और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है।

📝 त्वरित पुनरावलोकन (Quick Recap)
✔️ नागरिकता — व्यक्ति और राज्य का विधिक संबंध
✔️ संविधान के अनुच्छेद — 5 से 11
✔️ नागरिकता के तरीके — जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, विलय
✔️ एकल नागरिकता — भारतीय एकता का प्रतीक
✔️ नागरिकता समाप्ति — त्याग, निरसन, वंचन
✔️ नागरिकता संशोधन अधिनियम — 2019 में लागू

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

🔵 प्रश्न 1:
राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता के रूप में नागरिकता में अधिकार और दायित्व दोनों शामिल हैं।
समकालीन लोकतांत्रिक राज्यों में नागरिक किन अधिकारों से उपभोग की अपेक्षा कर सकते हैं?
नागरिकों के अपने राज्य और अन्य नागरिकों के प्रति क्या दायित्व हैं?
🟢 उत्तर:
नागरिकता का अर्थ है — राज्य की स्थायी सदस्यता जिसमें व्यक्ति को अधिकारों और कर्तव्यों दोनों की मान्यता होती है।
लोकतांत्रिक राज्यों में नागरिकों को प्रमुख अधिकार मिलते हैं — जैसे समानता, स्वतंत्रता, सुरक्षा, शिक्षा, मतदान और अभिव्यक्ति का अधिकार।
साथ ही नागरिकों के कुछ दायित्व भी हैं — जैसे कानून का पालन करना, कर देना, पर्यावरण की रक्षा करना और राष्ट्रीय एकता बनाए रखना।
अतः नागरिकता अधिकारों और जिम्मेदारियों का संतुलन है।

🔵 प्रश्न 2:
सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जा सकते हैं लेकिन हो सकता है कि वे इन अधिकारों का प्रयोग समानता से न कर सकें।
इस कथन की व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर:
यह कथन बताता है कि कानूनी रूप से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलते हैं, परंतु सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ उनके प्रयोग में बाधा बनती हैं।
उदाहरण के लिए —
एक गरीब व्यक्ति को मतदान का अधिकार है, लेकिन अशिक्षा या आर्थिक निर्भरता के कारण वह इसे प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता।
इसलिए समान अधिकार देना पर्याप्त नहीं; उनके प्रयोग की समानता के लिए सामाजिक और आर्थिक सुधार आवश्यक हैं।

🔵 प्रश्न 3:
भारत में नागरिक अधिकारों की स्थिति में वर्षों में क्या परिवर्तन हुआ है?
संक्षेप में लिखिए कि किन वर्गों के अधिकारों को हाल में अधिक मान्यता मिली है।
🟢 उत्तर:
भारत में नागरिक अधिकारों की स्थिति निरंतर सशक्त हुई है।
स्वतंत्रता के बाद संविधान द्वारा मौलिक अधिकारों की गारंटी दी गई।
हाल के वर्षों में महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, विकलांगों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को विशेष मान्यता दी गई है।
समान अवसर, शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार और डिजिटल अधिकार आधुनिक नागरिकता के नए पहलू हैं।
इससे नागरिकता का दायरा अधिक समावेशी हुआ है।

🔵 प्रश्न 4:
शरणार्थी की समस्याएँ क्या हैं?
वैश्विक नागरिकता की अवधारणा किन परिस्थितियों में सहायता कर सकती है?
🟢 उत्तर:
शरणार्थी वे लोग हैं जिन्हें युद्ध, उत्पीड़न या प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपना देश छोड़ना पड़ता है।
उनकी प्रमुख समस्याएँ हैं — पहचान की कमी, सुरक्षा का अभाव, शिक्षा व स्वास्थ्य की कठिनाइयाँ और नागरिक अधिकारों से वंचित रहना।
वैश्विक नागरिकता की अवधारणा इन समस्याओं को कम कर सकती है क्योंकि यह मानवता, समानता और सार्वभौमिक अधिकारों पर आधारित है।
यदि सभी देशों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए तो शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन मिल सकता है।

🔵 प्रश्न 5:
देश के अंदर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवासन करने वाले नागरिकों पर स्थानीय लोग विरोध करते हैं।
प्रवासी लोग स्थानीय अर्थव्यवस्था में क्या योगदान देते हैं?
🟢 उत्तर:
प्रवासी नागरिक अपने श्रम, कौशल और अनुभव से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
वे उद्योगों, निर्माण कार्यों और सेवाओं में श्रम शक्ति प्रदान करते हैं।
प्रवासन से सांस्कृतिक विविधता बढ़ती है और नए विचारों का आदान-प्रदान होता है।
हालाँकि स्थानीय लोग कभी-कभी प्रतिस्पर्धा या संसाधनों के बँटवारे के डर से विरोध करते हैं, परंतु दीर्घकाल में प्रवासी विकास का स्रोत बनते हैं।

🔵 प्रश्न 6:
भारत जैसे समान नागरिकता वाले देशों में भी लोकतांत्रिक नागरिकता एक पूर्ण स्थापित तथ्य नहीं बल्कि एक परियोजना है।
नागरिकता से जुड़े उन मुद्दों की चर्चा कीजिए जो आजकल भारत में उठाए जा रहे हैं।
🟢 उत्तर:
लोकतांत्रिक नागरिकता का अर्थ है — सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर मिलना।
भारत में यह अभी भी विकासशील प्रक्रिया है क्योंकि कई क्षेत्रीय, धार्मिक और भाषाई मुद्दों से असमानता बनी हुई है।
वर्तमान में नागरिकता से जुड़े प्रमुख मुद्दे हैं —
1️⃣ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और एनआरसी (NRC) पर बहस,
2️⃣ प्रवासियों व अल्पसंख्यकों की पहचान,
3️⃣ महिला नागरिकों के समान अधिकार,
4️⃣ डिजिटल नागरिकता और डेटा सुरक्षा।
इन मुद्दों से स्पष्ट होता है कि भारत में नागरिकता निरंतर विमर्श और पुनर्परिभाषा की प्रक्रिया में है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

🔷 खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs · प्रत्येक 1 अंक)
🔵 प्रश्न 1: नागरिकता का अर्थ क्या है?
🟢 1️⃣ राज्य की सदस्यता का दर्जा
🟡 2️⃣ केवल मतदान करने का अधिकार
🔴 3️⃣ विदेश यात्रा की अनुमति
🟣 4️⃣ सरकारी नौकरी प्राप्त करना
✔️ उत्तर: राज्य की सदस्यता का दर्जा

🔵 प्रश्न 2: भारत में नागरिकता का प्रावधान संविधान के किस भाग में है?
🟢 1️⃣ भाग II
🟡 2️⃣ भाग III
🔴 3️⃣ भाग IV
🟣 4️⃣ भाग V
✔️ उत्तर: भाग II

🔵 प्रश्न 3: नागरिकता से संबंधित अनुच्छेद कौन-कौन से हैं?
🟢 1️⃣ अनुच्छेद 5 से 11
🟡 2️⃣ अनुच्छेद 12 से 19
🔴 3️⃣ अनुच्छेद 20 से 24
🟣 4️⃣ अनुच्छेद 1 से 4
✔️ उत्तर: अनुच्छेद 5 से 11

🔵 प्रश्न 4: भारत में नागरिकता प्राप्त करने के कितने तरीके हैं?
🟢 1️⃣ पाँच
🟡 2️⃣ तीन
🔴 3️⃣ चार
🟣 4️⃣ छह
✔️ उत्तर: पाँच

🔵 प्रश्न 5: नागरिकता अधिनियम कब पारित किया गया था?
🟢 1️⃣ 1955
🟡 2️⃣ 1949
🔴 3️⃣ 1950
🟣 4️⃣ 1962
✔️ उत्तर: 1955

🔵 प्रश्न 6: नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार नागरिकता प्राप्त करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
🟢 1️⃣ जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, क्षेत्र के समावेशन से
🟡 2️⃣ केवल जन्म से
🔴 3️⃣ केवल विवाह से
🟣 4️⃣ केवल आवेदन से
✔️ उत्तर: जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, क्षेत्र के समावेशन से

🔵 प्रश्न 7: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) किस वर्ष लागू हुआ?
🟢 1️⃣ 2019
🟡 2️⃣ 2014
🔴 3️⃣ 2018
🟣 4️⃣ 2021
✔️ उत्तर: 2019

🔵 प्रश्न 8: भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति है या नहीं?
🟢 1️⃣ नहीं
🟡 2️⃣ हाँ
🔴 3️⃣ केवल विदेश सेवा वालों को
🟣 4️⃣ केवल संसद सदस्य को
✔️ उत्तर: नहीं

🔵 प्रश्न 9: नागरिकता समाप्त होने के कितने तरीके हैं?
🟢 1️⃣ तीन
🟡 2️⃣ चार
🔴 3️⃣ दो
🟣 4️⃣ पाँच
✔️ उत्तर: तीन

🔵 प्रश्न 10: नागरिकता समाप्त करने के कौन-कौन से आधार हैं?
🟢 1️⃣ त्याग, समाप्ति, निरसन
🟡 2️⃣ विवाह, मृत्यु, निर्वासन
🔴 3️⃣ आवेदन, अधिनियम, न्यायालय
🟣 4️⃣ जन्म, वंश, प्राकृतिककरण
✔️ उत्तर: त्याग, समाप्ति, निरसन

🔵 प्रश्न 11: नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार किस संस्था द्वारा नियंत्रित किया जाता है?
🟢 1️⃣ संसद
🟡 2️⃣ सर्वोच्च न्यायालय
🔴 3️⃣ निर्वाचन आयोग
🟣 4️⃣ राष्ट्रपति
✔️ उत्तर: संसद

🔵 प्रश्न 12: नागरिकता के संबंध में अनुच्छेद 11 क्या कहता है?
🟢 1️⃣ संसद को अधिकार देता है कि वह नागरिकता के मामलों पर कानून बनाए।
🟡 2️⃣ न्यायपालिका को नागरिकता प्रदान करने का अधिकार देता है।
🔴 3️⃣ राज्यपाल को नागरिकता समाप्त करने की शक्ति देता है।
🟣 4️⃣ विदेशी नागरिकों को मतदान का अधिकार देता है।
✔️ उत्तर: संसद को अधिकार देता है कि वह नागरिकता के मामलों पर कानून बनाए।

🟠 खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक)
🟢 प्रश्न 13: नागरिकता की परिभाषा दीजिए।
🟡 उत्तर: नागरिकता राज्य के साथ व्यक्ति के राजनीतिक एवं कानूनी संबंध को दर्शाती है, जिससे व्यक्ति को अधिकार, कर्तव्य और निष्ठा का संबंध प्राप्त होता है।

🟢 प्रश्न 14: जन्म से नागरिकता कैसे प्राप्त होती है?
🟡 उत्तर: भारत में जन्म से नागरिकता उस व्यक्ति को मिलती है जो भारत में जन्मा हो, बशर्ते उसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो।

🟢 प्रश्न 15: वंश से नागरिकता प्राप्त करने की शर्तें क्या हैं?
🟡 उत्तर: यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर जन्म लेता है परंतु उसके माता या पिता भारतीय नागरिक हैं, तो वह वंश से भारतीय नागरिक होता है, बशर्ते जन्म का पंजीकरण भारतीय वाणिज्य दूतावास में कराया गया हो।

🟢 प्रश्न 16: प्राकृतिककरण (Naturalization) से नागरिकता कैसे प्राप्त होती है?
🟡 उत्तर: वह विदेशी व्यक्ति जो भारत में निर्धारित अवधि (12 वर्ष) तक निवास कर चुका है और भारतीय संविधान की निष्ठा की शपथ लेता है, उसे प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता प्रदान की जा सकती है।

🟢 प्रश्न 17: पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया बताइए।
🟡 उत्तर: कोई विदेशी जो भारतीय मूल का हो या किसी भारतीय नागरिक से विवाह कर चुका हो, वह निर्धारित शर्तें पूरी करने पर भारत सरकार से पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त कर सकता है।

🟢 प्रश्न 18: क्षेत्र के समावेशन द्वारा नागरिकता का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: जब किसी नए क्षेत्र को भारत में जोड़ा जाता है, तो वहाँ के निवासी स्वतः भारतीय नागरिक बन जाते हैं, जैसे 1961 में गोवा भारत का भाग बना।

🟢 प्रश्न 19: नागरिकता समाप्त होने के तीन आधार बताइए।
🟡 उत्तर: नागरिकता समाप्ति के तीन आधार हैं —
1️⃣ त्याग (Renunciation)
2️⃣ समाप्ति (Termination)
3️⃣ निरसन (Deprivation)

🟢 प्रश्न 20: नागरिकता और राष्ट्रीयता में क्या अंतर है?
🟡 उत्तर: नागरिकता कानूनी दर्जा है जो अधिकार और कर्तव्य निर्धारित करता है, जबकि राष्ट्रीयता सांस्कृतिक एवं भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है।

🔷 खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (प्रत्येक 4 अंक · ≈ 60 शब्द)


🟢 प्रश्न 21: भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
🟡 उत्तर:
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 नागरिकता से संबंधित सभी विषयों को नियंत्रित करता है।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं —
1️⃣ नागरिकता प्राप्त करने के पाँच तरीके (जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, क्षेत्रीय समावेशन)।
2️⃣ नागरिकता समाप्त करने के तीन आधार — त्याग, समाप्ति और निरसन।
3️⃣ संसद को संशोधन करने की शक्ति।
4️⃣ नागरिकता के विवादों पर केंद्र सरकार का अंतिम अधिकार।

🟢 प्रश्न 22: अनुच्छेद 5 से 11 का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
🟡 उत्तर:
1️⃣ अनुच्छेद 5 — संविधान लागू होने पर भारत में रहने वालों की नागरिकता निर्धारित करता है।
2️⃣ अनुच्छेद 6 — पाकिस्तान से आए प्रवासियों की नागरिकता बताता है।
3️⃣ अनुच्छेद 7 — पाकिस्तान गए लोगों की नागरिकता समाप्त करता है।
4️⃣ अनुच्छेद 8 — विदेश में रह रहे भारतीयों की नागरिकता तय करता है।
5️⃣ अनुच्छेद 9–11 — नागरिकता प्राप्ति, हानि एवं संसद की विधायी शक्ति से संबंधित हैं।

🟢 प्रश्न 23: भारत में दोहरी नागरिकता क्यों नहीं दी गई है?
🟡 उत्तर:
भारत में दोहरी नागरिकता नहीं दी गई क्योंकि यह राष्ट्रीय निष्ठा और सुरक्षा के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकती है।
भारत एक एकात्मक राज्य है, जहाँ नागरिकता समान रूप से सभी के लिए लागू है।
दोहरी नागरिकता से प्रशासनिक जटिलता और कानूनी भ्रम बढ़ सकता है।

🟢 प्रश्न 24: नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया में “प्राकृतिककरण” की भूमिका समझाइए।
🟡 उत्तर:
प्राकृतिककरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई विदेशी व्यक्ति भारत का नागरिक बन सकता है।
यदि वह भारत में 12 वर्ष तक निवास कर चुका हो और संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त करे, तो भारत सरकार उसे नागरिकता प्रदान कर सकती है।
यह प्रक्रिया संसद द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत होती है।

🟢 प्रश्न 25: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 की प्रमुख बातें बताइए।
🟡 उत्तर:
CAA 2019 ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया।
शर्त यह है कि वे 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत आ चुके हों।
यह अधिनियम धार्मिक उत्पीड़न से बचने वाले अल्पसंख्यकों को राहत प्रदान करता है।

🟢 प्रश्न 26: नागरिकता के अधिकार और कर्तव्यों के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए।
🟡 उत्तर:
नागरिकता व्यक्ति को अधिकारों का लाभ और राज्य के प्रति कर्तव्य देती है।
अधिकार नागरिकों को सुरक्षा और स्वतंत्रता देते हैं, जबकि कर्तव्य राज्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हैं।
दोनों परस्पर पूरक हैं — बिना कर्तव्यों के अधिकार टिकाऊ नहीं हो सकते।

🔶 खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (प्रत्येक 7 अंक · ≈ 150 शब्द)
🔵 प्रश्न 27: नागरिकता का महत्व और उसके प्रकार स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
नागरिकता व्यक्ति और राज्य के बीच कानूनी एवं राजनीतिक संबंध को दर्शाती है।
यह व्यक्ति को राज्य में अधिकारों, कर्तव्यों और सुरक्षा का दर्जा देती है।
महत्व:
1️⃣ यह नागरिक को राजनीतिक अधिकार देती है जैसे मतदान और प्रतिनिधित्व।
2️⃣ नागरिकता के आधार पर व्यक्ति राज्य की नीतियों को प्रभावित कर सकता है।
3️⃣ यह व्यक्ति की पहचान और निष्ठा निर्धारित करती है।
प्रकार:
1️⃣ जन्म आधारित नागरिकता: जो व्यक्ति किसी देश में जन्म लेता है।
2️⃣ वंश आधारित नागरिकता: जो अपने माता-पिता की नागरिकता से प्राप्त होती है।
⚖️ नागरिकता राज्य की स्थिरता और एकता का प्रमुख साधन है।

🔵 प्रश्न 28: नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के विभिन्न आधारों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
नागरिकता प्राप्त करने के पाँच आधार:
1️⃣ जन्म से: भारत में जन्म लेने वाले व्यक्ति को।
2️⃣ वंश से: भारतीय माता-पिता से जन्म लेने पर।
3️⃣ पंजीकरण से: भारतीय मूल के विदेशी या भारतीय नागरिक से विवाह करने वाले को।
4️⃣ प्राकृतिककरण से: 12 वर्ष निवास के बाद विदेशी व्यक्ति को।
5️⃣ क्षेत्र के समावेशन से: जब कोई क्षेत्र भारत में शामिल हो जाए।
नागरिकता समाप्ति के तीन आधार:
1️⃣ त्याग (Renunciation)
2️⃣ समाप्ति (Termination)
3️⃣ निरसन (Deprivation)
📘 इस प्रकार नागरिकता का अधिग्रहण और समाप्ति दोनों संविधान व कानून से नियंत्रित हैं।

🔵 प्रश्न 29: नागरिकता और राष्ट्रवाद के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
नागरिकता और राष्ट्रवाद परस्पर जुड़ी अवधारणाएँ हैं।
नागरिकता व्यक्ति को राज्य से कानूनी जुड़ाव देती है, जबकि राष्ट्रवाद राज्य के प्रति भावनात्मक निष्ठा को व्यक्त करता है।
नागरिकता बिना राष्ट्रवाद के केवल कानूनी दर्जा बन जाती है, जबकि राष्ट्रवाद बिना नागरिकता के अस्पष्ट रहता है।
दोनों मिलकर नागरिकों को देशभक्ति, जिम्मेदारी और एकता की भावना देते हैं।
💡 अतः नागरिकता राष्ट्रवाद की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है।

🔵 प्रश्न 30: भारत में नागरिकता व्यवस्था की विशेषताएँ और उसकी समस्याएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
विशेषताएँ:
1️⃣ एकल नागरिकता (Single Citizenship)।
2️⃣ समान नागरिकता – जाति, धर्म, लिंग से परे।
3️⃣ संसद द्वारा नागरिकता कानून बनाने की शक्ति।
4️⃣ प्रवासियों और विदेश में रह रहे भारतीयों के लिए प्रावधान।
समस्याएँ:
1️⃣ अवैध प्रवासन और पहचान संकट।
2️⃣ नागरिकता पंजीकरण (NRC) से जुड़ी विवादित स्थिति।
3️⃣ धार्मिक आधार पर नागरिकता प्रदान करने को लेकर मतभेद।
⚖️ फिर भी भारत की नागरिकता व्यवस्था लोकतंत्र, समानता और न्याय के सिद्धान्तों पर आधारित है।

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मस्तिष्क मानचित्र

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दृश्य सामग्री

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