Class 11 : History (In Hindi) – Lesson 2. तीन महाद्वीपों में एक साम्राज्य
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🌟 परिचय
🔷 यह अध्याय रोमन साम्राज्य के उदय, विस्तार, प्रशासन और पतन का अध्ययन कराता है।
🔶 रोमन साम्राज्य ने यूरोप, एशिया और अफ्रीका—तीनों महाद्वीपों में अपनी सत्ता स्थापित की।
🔷 इसका प्रभाव आधुनिक यूरोप के कानून, वास्तुकला, साहित्य और प्रशासन में आज भी विद्यमान है।
🏺 1. रोमन साम्राज्य का उदय
⭐ • रोम नगर की स्थापना लगभग 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व।
🍀 • प्रारम्भिक राजतंत्र → गणराज्य (509 ई.पू.) → साम्राज्य (27 ई.पू.)।
💎 • जूलियस सीज़र, ऑगस्टस (ऑक्टेवियन), ट्राजन जैसे शासकों ने साम्राज्य को सुदृढ़ किया।
🌸 • सैन्य शक्ति, व्यापार और सड़क–निर्माण ने रोम को महाद्वीपीय साम्राज्य बनाया।
⚔ 2. साम्राज्य का भौगोलिक विस्तार
⭐ • यूरोप: इटली, स्पेन, गॉल (फ्रांस), ब्रिटेन के कुछ भाग।
🍀 • एशिया: सीरिया, यहूदिया, एशिया माइनर (तुर्की)।
💎 • अफ्रीका: मिस्र, उत्तर अफ्रीकी तट (कार्थेज)।
🌸 • भूमध्य सागर रोमन साम्राज्य का केंद्र बन गया।
🕊 • साम्राज्य के विस्तार ने विभिन्न संस्कृतियों को एकजुट किया।
🌾 3. प्रशासनिक ढांचा
⭐ • सम्राट सर्वोच्च शासक था—सैन्य व नागरिक दोनों अधिकार उसके पास।
🍀 • सीनेट (परिषद) ने सलाहकार भूमिका निभाई, यद्यपि वास्तविक शक्ति सम्राट के हाथों में थी।
💎 • प्रांतों में गवर्नर नियुक्त किए गए, कर वसूलने और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी।
🌸 • कर प्रणाली सुव्यवस्थित—सड़क, सिंचाई, सेना और भवन–निर्माण के लिए।
🕊 • कानूनी परंपराएँ—रोमन कानून ने “समान न्याय” और “नागरिक अधिकार” की अवधारणा दी।
🕊 4. अर्थव्यवस्था और व्यापार
⭐ • कृषि—अर्थव्यवस्था का आधार; बड़े भू–स्वामी (लैटिफ़ुंडिया) और दास श्रमिक।
🍀 • भूमध्य सागर में जहाज़रानी और व्यापार; मिस्र से अनाज, स्पेन से धातु, भारत–चीन से विलास वस्तुएँ।
💎 • सिक्कों का मानकीकरण और सड़कों के नेटवर्क ने वाणिज्य को तेज़ किया।
🌸 • नगर–केंद्रित बाजारों और गोदामों का विकास।
🏛 5. समाज और संस्कृति
⭐ • पितृसत्तात्मक परिवार; पिता का अधिकार (पेटर फैमिलियास) प्रमुख।
🍀 • अभिजात (पैट्रिशियन) और सामान्य जनता (प्लेबियन) के बीच वर्ग–अंतर।
💎 • दासता व्यापक थी; दास विद्रोह (स्पार्टाकस) प्रसिद्ध।
🌸 • रोमन धर्म बहुदेववादी था—बाद में ईसाई धर्म का उदय।
🕊 • भाषा—लैटिन और ग्रीक; साहित्य में वर्जिल, ओविड, सिसरो प्रसिद्ध।
🧭 6. शहरी जीवन और वास्तुकला
⭐ • रोम, पॉम्पेई, कार्थेज जैसे नगर नियोजित सड़कों, जल–सेतु (एक्वाडक्ट) और सार्वजनिक स्नानागारों से सुसज्जित।
🍀 • कोलोसियम, पैंथियॉन, विजय–तोरण जैसी इमारतें स्थापत्य–कला के शिखर उदाहरण।
💎 • सार्वजनिक मनोरंजन—ग्लैडिएटर खेल, नाट्य प्रदर्शन।
🌸 • शहरी नागरिकता ने राजनीतिक संस्कृति को सुदृढ़ किया।
🌸 7. सेना और सुरक्षा
⭐ • रोमन सेना अनुशासित और संगठित थी—लीजन यूनिटों में विभाजित।
🍀 • सड़क नेटवर्क ने सैनिकों की त्वरित आवाजाही सुनिश्चित की।
💎 • सीमावर्ती क्षेत्रों (लाइम्स) पर किलेबंदी और सैनिक चौकियाँ।
🌸 • सेना ने न केवल रक्षा बल्कि साम्राज्य विस्तार और विद्रोह दमन में भूमिका निभाई।
⚔ 8. ईसाई धर्म और साम्राज्य
⭐ • ईसा मसीह की शिक्षाएँ—प्रेम, दया, समानता।
🍀 • प्रारंभ में रोमन शासकों ने ईसाई धर्म का विरोध किया।
💎 • सम्राट कॉन्स्टैंटाइन (4वीं शताब्दी) ने ईसाई धर्म को मान्यता दी (मिलान की संधि)।
🌸 • ईसाई धर्म रोमन साम्राज्य का प्रमुख धर्म बन गया।
🧭 9. साम्राज्य का पतन
⭐ • आंतरिक कारण: राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार, आर्थिक संकट।
🍀 • बाहरी कारण: गोथ, हूण और वैंडल जैसे बर्बर आक्रमण।
💎 • साम्राज्य का विभाजन—पूर्वी (बीज़ैंटाइन) और पश्चिमी भाग।
🌸 • 476 ई. में पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन।
🌟 10. रोमन विरासत और आधुनिक प्रभाव
⭐ • रोमन कानून—आज के अनेक देशों की न्याय–व्यवस्था पर प्रभाव।
🍀 • गणतांत्रिक संस्थाएँ और सीनेट—आधुनिक लोकतंत्र की प्रेरणा।
💎 • वास्तुकला—तोरण, गुंबद, एक्वाडक्ट, सड़क निर्माण के सिद्धांत।
🌸 • लैटिन भाषा से यूरोपीय भाषाओं का विकास (रोमांस भाषाएँ: फ़्रेंच, इटालियन, स्पैनिश)।
🕊 • ईसाई धर्म और पश्चिमी संस्कृति का आधार।
✨ 300 शब्द का सारांश
🔷 रोमन साम्राज्य ने यूरोप, एशिया और अफ्रीका में फैले विशाल क्षेत्रों को एकीकृत किया।
🔶 इसका उदय गणराज्य से साम्राज्य में परिवर्तन (27 ई.पू.) और सम्राटों की मज़बूत सत्ता से हुआ।
🔷 प्रशासन में सम्राट के साथ सीनेट और प्रांतीय गवर्नर शामिल थे।
🔶 अर्थव्यवस्था कृषि, दास श्रम, और भूमध्यसागरीय व्यापार पर आधारित थी।
🔷 सामाजिक ढांचे में पैट्रिशियन–प्लेबियन वर्ग–भेद और दासता विद्यमान थी।
🔶 शहरी जीवन योजनाबद्ध नगरों, स्नानागारों और कोलोसियम जैसे भव्य ढाँचों से युक्त था।
🔷 सेना की अनुशासित लीजन ने साम्राज्य की रक्षा और विस्तार किया।
🔶 ईसाई धर्म प्रारंभ में दमन का शिकार हुआ, परंतु कॉन्स्टैंटाइन के बाद प्रमुख धर्म बना।
🔷 साम्राज्य के पतन के कारणों में राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और बर्बर आक्रमण शामिल थे।
🔶 रोमन कानून, भाषा, वास्तुकला और गणतांत्रिक संस्थाएँ आज भी आधुनिक सभ्यता को आकार देती हैं।
🌟 इस प्रकार, रोमन साम्राज्य की विरासत तीन महाद्वीपों में आज भी जीवित है।
📝 Quick Recap
✔️ रोम का उदय: राजतंत्र → गणराज्य → साम्राज्य।
✔️ भौगोलिक विस्तार: यूरोप, एशिया, अफ्रीका—भूमध्य सागर केंद्र।
✔️ प्रशासन: सम्राट, सीनेट, प्रांतीय गवर्नर, सुव्यवस्थित कर–प्रणाली।
✔️ अर्थव्यवस्था: कृषि, दास श्रम, भूमध्यसागरीय व्यापार, सिक्का मानकीकरण।
✔️ समाज: पैट्रिशियन–प्लेबियन वर्ग–भेद, दासता, बहुदेववादी धर्म → ईसाई धर्म।
✔️ शहरी जीवन: योजनाबद्ध नगर, कोलोसियम, एक्वाडक्ट।
✔️ सेना: लीजन, सड़क नेटवर्क, सीमावर्ती किले।
✔️ पतन: 476 ई. में पश्चिमी रोमन साम्राज्य का अंत।
✔️ विरासत: रोमन कानून, लोकतांत्रिक संस्थाएँ, वास्तुकला, लैटिन भाषा, ईसाई धर्म।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔷 संक्षेप में उत्तर दीजिए
🔵 प्रश्न 1:
यदि आप रोम साम्राज्य में रह रहे होते तो कहाँ रहना पसन्द करते – नगरों में या ग्रामीण क्षेत्र में? अपने कारण बताइए।
🟢 उत्तर:
मैं रोम साम्राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में रहना पसन्द करता क्योंकि वहाँ कृषि कार्य के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध रहती थी। ग्रामीण जीवन अधिक शांतिपूर्ण और स्वावलंबी था। लोग स्वयं भोजन उत्पादन करते थे और प्रकृति के निकट रहते थे। नगरों में भीड़-भाड़, व्यापारिक तनाव और राजकीय नियंत्रण अधिक था, जबकि ग्राम्य जीवन में पारिवारिक सहयोग और समुदायिक सहभागिता से जीवन अधिक संतुलित रहता था।
🔵 प्रश्न 2:
इस अध्याय में उल्लिखित कुछ छोटे शहरों, बड़े नगरों, समुदायों और प्रांतों की सूची बनाइए और उन्हें नक्शों पर खोजने का प्रयास कीजिए। क्या आप अपनी बनाई गई सूची में उल्लिखित किसी विषय को नजदीकी क्षेत्र में ढूँढ सकते हैं?
🟢 उत्तर:
सूची में शामिल हो सकते हैं — रोम, नेपल्स, पंपेई, ब्रिटानिया, गॉल, मिस्र, सीरिया, अफ्रीका, हिस्पानिया।
नक्शे पर देखने पर ये क्षेत्र भूमध्य सागर के चारों ओर स्थित हैं।
मेरे क्षेत्र में इनसे मिलते-जुलते ऐतिहासिक अवशेष नहीं हैं, परंतु कृषि प्रधान बस्तियाँ और प्राचीन व्यापारिक मार्गों के संकेत मिलते हैं जो रोम जैसी सभ्यताओं से जुड़ाव दर्शाते हैं।
🔵 प्रश्न 3:
रूपान्तर सोचिए कि आप रोम के एक गृहस्थ हैं जो घर की आवश्यक वस्तुओं को खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। आपकी सूची में कौन-कौन सी वस्तुएँ शामिल होंगी?
🟢 उत्तर:
यदि मैं रोम का गृहस्थ होता तो मेरी सूची में यह वस्तुएँ शामिल होतीं —
अन्न (गेहूँ, जौ)
तेल (जैतून का तेल)
शराब (अंगूरी पेय)
फल, सब्जियाँ
पशु-उत्पाद (दूध, ऊन)
मिट्टी के बर्तन, धातु के औज़ार
वस्त्र (ऊन, लिनन)
दीपक के लिए तेल, नमक, मसाले
ये सभी वस्तुएँ स्थानीय बाजारों और व्यापार मार्गों से प्राप्त की जाती थीं।
🔵 प्रश्न 4:
आपको लगता है कि रोम साम्राज्य में खेती में मृदा का क्या महत्व रहा होगा और वह किसान फसलों के उत्पादन के लिए कौन-सी धातु का उपयोग करते होंगे?
🟢 उत्तर:
रोम साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी, इसलिए मृदा का अत्यधिक महत्व था। उपजाऊ भूमि को सर्वोत्तम संसाधन माना जाता था। किसान लोहे के हल और औज़ारों का उपयोग करते थे क्योंकि लोहा टिकाऊ और कठोर होता था। मृदा की उर्वरता बनाए रखने के लिए सिंचाई और फसल-चक्र की पद्धति अपनाई जाती थी।
🔷 संक्षेप में निबंध लिखिए
🔵 प्रश्न 5:
अगर सस्सान शासक भारत पर विजय प्राप्त करने में सफल रहे होते और रोमवासियों का इस देश पर अधिक अधिकार तक बना रहा होता, तो क्या आप सोचते हैं कि भारत वर्तमान समय के देशों से किस प्रकार भिन्न होता?
🟢 उत्तर:
यदि सस्सान या रोमवासी भारत पर स्थायी शासन करते, तो भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना भिन्न होती।
धर्म और परंपराओं में पश्चिमी प्रभाव दिखाई देता।
शासन व्यवस्था रोमन शैली की केंद्रीकृत होती।
व्यापार का केंद्र समुद्री मार्गों पर स्थानांतरित होता।
वास्तुकला, वस्त्र, भोजन में भूमध्यसागरीय तत्व अधिक होते।
स्थानीय भाषाओं और परंपराओं पर विदेशी संस्कृति का प्रभुत्व स्थापित होता।
परंतु भारत की विविधता और आत्मसात करने की क्षमता से मिश्रित संस्कृति बन सकती थी।
🔵 प्रश्न 6:
अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसमें रोम समय और रोम समाज की अर्थव्यवस्था को आपकी दृष्टि में आधुनिक समय में आने वाले अपरिहार्य उपभोग चयन बताइए।
🟢 उत्तर:
रोम समाज की अर्थव्यवस्था कृषि, व्यापार और श्रम पर आधारित थी। आधुनिक युग में भी:
उपजाऊ भूमि का महत्त्व बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार और समुद्री मार्गों का उपयोग जारी है।
श्रम-शक्ति आर्थिक विकास की नींव है।
विलासिता और उपभोग की प्रवृत्ति आधुनिक समाज में भी विद्यमान है।
नगरों का विस्तार, बाजारों की चहल-पहल और उपभोक्तावादी दृष्टिकोण रोम काल की परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏺 अनुभाग A – बहुविकल्पी प्रश्न (Q1–Q21, 1 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 1
रोमन साम्राज्य का केंद्र किस जल–प्रदेश के चारों ओर विकसित हुआ?
🟢 1. काला सागर
🟡 2. कैरेबियन सागर
🔴 3. भूमध्य सागर
🔵 4. अदन की खाड़ी
✨ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 2
रोमन गणराज्य से साम्राज्य में रूपान्तरण कब माना जाता है?
🟢 1. 509 ई.पू.
🟡 2. 27 ई.पू.
🔴 3. 313 ई.
🔵 4. 476 ई.
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 3
सर्वाधिक क्षेत्रीय विस्तार किस सम्राट के समय हुआ?
🟢 1. ऑगस्टस
🟡 2. नीरो
🔴 3. ट्राजन
🔵 4. हैड्रियन
✨ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 4 (कथन–कारक)
A: “पैक्स रोमान” का अर्थ साम्राज्य–व्यापी शान्ति और स्थिरता है।
R: यह केवल धार्मिक अनुष्ठानों के कारण सम्भव हुआ।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 5
रोमन सैन्य इकाई का मूल ढाँचा कहलाता था—
🟢 1. मैनिपुल
🟡 2. लीजन
🔴 3. फ़ैलैन्क्स
🔵 4. कोहोर्ट
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 6
रोमन कानून की प्रमुख विशेषता क्या मानी जाती है?
🟢 1. दैवी आदेश
🟡 2. समान न्याय का सिद्धान्त
🔴 3. केवल सैनिकों पर लागू
🔵 4. मौखिक परम्परा मात्र
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न. 7
रोम की प्रसिद्ध जल–सेतु प्रणाली को कहा गया—
🟢 1. एक्वाडक्ट
🟡 2. कैटाकॉम्ब
🔴 3. फोरम
🔵 4. बैसिलिका
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 8
“लैटिफ़ुंडिया” का सम्बन्ध था—
🟢 1. विशाल कृषिभूमि और दास–श्रम
🟡 2. नगर–स्नानागार
🔴 3. कर–मुक्त भूमि
🔵 4. सैनिक शिविर
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 9
निम्न में से कौन–सा नगर रोमन स्थापत्य का प्रतीक है?
🟢 1. पैंथियॉन (रोम)
🟡 2. अलेक्ज़ान्द्रिया पुस्तकालय
🔴 3. मक़्का
🔵 4. तक्षशिला
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 10
“मिलान की घोषणा” (313 ई.) किससे सम्बद्ध है?
🟢 1. कर–मुक्ति
🟡 2. ईसाई धर्म को वैधता
🔴 3. दास–मुक्ति
🔵 4. भूमि–सुधार
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 11 (कथन–कारक)
A: साम्राज्य–भर सड़कों के जाल ने शासन को सुदृढ़ किया।
R: सड़कें मुख्यतः धार्मिक तीर्थयात्राओं के लिए बनती थीं।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 12
रोमन समाज में अभिजात वर्ग कहलाता था—
🟢 1. प्लेबियन
🟡 2. पैट्रिशियन
🔴 3. फ़ेडरेट
🔵 4. कॉलोनी
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 13
सीनेट का मूल कार्य क्या था?
🟢 1. कर–वसूली
🟡 2. सम्राट को परामर्श व नीति–निर्देशन
🔴 3. केवल धार्मिक अनुष्ठान
🔵 4. दास–व्यापार
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 14
रोमन व्यापार के लिए प्रमुख समुद्री मार्ग किस सागर में था?
🟢 1. उत्तरी सागर
🟡 2. लाल सागर
🔴 3. भूमध्य सागर
🔵 4. काला सागर
✨ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 15 (कथन–कारक)
A: रोमन साम्राज्य का पश्चिमी भाग 476 ई. में पतित हुआ।
R: बीज़ैन्टिन (पूर्वी) साम्राज्य उसी समय समाप्त हो गया।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 16
कार्थेज पर रोमन विजय किस युद्ध–श्रृंखला से जुड़ी है?
🟢 1. पुनिक युद्ध
🟡 2. पेलोपोनेशियन युद्ध
🔴 3. क्रूसेड
🔵 4. सौ वर्षीय युद्ध
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 17
रोमन नगर–जीवन का प्रसिद्ध मनोरंजन स्थल—
🟢 1. कोलोसियम
🟡 2. ज़िगुरैट
🔴 3. स्टोनहेंज
🔵 4. थिएटर ऑफ़ डायोनिसस
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 18
सम्राट कॉन्स्टैंटाइन ने राजधानी कहाँ स्थापित की?
🟢 1. अलेक्ज़ान्द्रिया
🟡 2. कॉन्स्टैंटिनोपल
🔴 3. कार्थेज
🔵 4. नेपल्स
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 19
दास विद्रोह से सम्बद्ध नाम—
🟢 1. स्पार्टाकस
🟡 2. हैनिबल
🔴 3. सिसरो
🔵 4. वर्जिल
✨ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 20
रोमन मुद्रा–नीति का एक महत्त्वपूर्ण प्रभाव—
🟢 1. स्थानीय विनिमय अवरुद्ध
🟡 2. सिक्कों के मानकीकरण से दूर–दूर के व्यापार को गति
🔴 3. केवल दान–दक्षिणा
🔵 4. श्रम–दान अनिवार्य
✨ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 21 (कथन–कारक)
A: रोमन साम्राज्य बहुभाषिक और बहुधार्मिक था।
R: इसी कारण केन्द्रीय सत्ता कभी स्थिर नहीं रही।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : C
🧭 अनुभाग B – लघु उत्तर (Q22–Q25, 3 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 22
“पैक्स रोमान” का तात्पर्य और दो परिणाम लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • अर्थ: साम्राज्य–व्यापी शान्ति, स्थिर शासन और सुरक्षित मार्ग।
🍀 • परिणाम 1: व्यापार, नगर–जीवन और शिल्प को प्रोत्साहन।
💎 • परिणाम 2: कानून–व्यवस्था व कर–प्रशासन में नियमितता, सांस्कृतिक आदान–प्रदान बढ़ा।
🔷 प्रश्न 23
“लैटिफ़ुंडिया” प्रणाली का रोमन समाज पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • विशाल कृषिभूमि पर दास–श्रम का व्यापक प्रयोग—उत्पादन बढ़ा पर विषमता भी।
🍀 • छोटे कृषक शहरों की ओर पलायित; श्रम–बाज़ार बदला।
💎 • सामाजिक–राजनीतिक तनाव, दास विद्रोहों की पृष्ठभूमि तैयार।
🔷 प्रश्न 24
रोमन जल–सेतु (एक्वाडक्ट) और सड़क–जाल की दो–दो विशेषताएँ लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • जल–सेतु: दूरस्थ स्रोत से गुरुत्व–प्रवाह द्वारा स्वच्छ जल आपूर्ति; टिकाऊ मेहराबी ढाँचे।
🍀 • सड़क–जाल: पत्थर–बिछी परतें, सीधी रेखाओं में मार्ग; तीव्र सैन्य–प्रशासनिक संचार।
🔷 प्रश्न 25
पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन के दो कारण लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • आन्तरिक: शाही उत्तराधिकार–संकट, कर–संकट, मुद्रा–अवनयन।
🍀 • बाहरी: गोथ, हूण, वैंडल जैसे आक्रमण; सीमाओं पर दबाव।
🏺 अनुभाग B (जारी) – लघु उत्तर
🔷 प्रश्न 26A (विकल्प)
रोमन विधि (कानून) की दो विशेषताएँ और एक प्रभाव लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • समान न्याय का सिद्धान्त तथा लिखित संहिता पर बल।
🍀 • नागरिक अधिकारों और संपत्ति–नियमों की स्पष्ट परिभाषा।
💎 • प्रभाव: प्रान्तों में न्याय–एकरूपता से प्रशासनिक स्थिरता और व्यापारी विश्वास बढ़ा।
🔷 प्रश्न 26B (विकल्प)
सीनेट की भूमिका के दो बिंदु और एक सीमा बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • भूमिका: नीति–निर्देशन व सम्राट को सलाह।
🍀 • भूमिका: राजकोष, प्रान्तीय नियुक्ति और युद्ध–शांति पर मत।
💎 • सीमा: सम्राट के उभार के बाद वास्तविक शक्ति सीमित होती गई।
🔶 प्रश्न 27
पूर्वी (बीज़ैन्टिन) और पश्चिमी रोमन व्यवस्था के दो अंतर और एक परिणाम लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • अंतर: पूर्व में शहरी–व्यापारिक सुदृढ़ता; पश्चिम में ग्रामीण–सैनिक दबाव अधिक।
🍀 • अंतर: पूर्व में प्रशासनिक केन्द्रीकरण स्थिर; पश्चिम में उत्तराधिकार–संकट तीव्र।
💎 • परिणाम: 476 ई. में पश्चिम का पतन, जबकि पूर्वी भाग कई शताब्दियों तक बना रहा।
⚔ अनुभाग C – दीर्घ उत्तर
🔷 प्रश्न 28A (विकल्प)
रोमन अर्थ–व्यवस्था का विश्लेषण कीजिए—कृषि, व्यापार, मुद्रा और श्रम–व्यवस्था के संदर्भ में।
🧭 उत्तर
⭐ • कृषि–आधार: बड़े भू–स्वामित्व (लैटिफ़ुंडिया) और दास–श्रम से उत्पादकता, पर ग्रामीण विषमता।
🍀 • व्यापार–जाल: भूमध्य सागर के मार्गों पर अनाज, धातु, सिरेमिक, सुगंध–द्रव्य, तथा पूर्व से विलास–वस्तुएँ—समृद्धि का प्रवाह।
💎 • मुद्रा–प्रणाली: मानकीकृत सिक्के, कर–वसूली और सैनिक वेतन में सुगमता; अवमूल्यन के दौर में मुद्रास्फीति।
🌸 • श्रम–रूप: दास–श्रम का प्रभुत्व; मुक्त–श्रम और कारीगर–संघ भी सक्रिय।
🕊 • समेकित निष्कर्ष: सुदृढ़ मार्ग–सुविधा और विधि–व्यवस्था ने व्यापार बढ़ाया, पर संरचनात्मक विषमताओं ने दीर्घकाल में संकट जन्मा।
🔷 प्रश्न 28B (विकल्प)
रोमन शहरी–जीवन और स्थापत्य की मुख्य विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • नगर–योजना: चौड़ी सड़कें, नालियाँ, सार्वजनिक मैदान (फोरम), अनाज–गोदाम।
🍀 • जल–प्रबंधन: दूरस्थ स्रोतों से जल–सेतु और सार्वजनिक स्नानागार—जन–स्वास्थ्य व नागरिक सुविधाएँ।
💎 • स्थापत्य: मेहराब, गुंबद, विजय–तोरण, विशाल रंग–मंच—तकनीकी निपुणता और सौंदर्य–बोध।
🌸 • जन–मनोरंजन: रंग–क्रीड़ा स्थल, नाट्य–प्रदर्शन—नागरिक एकजुटता का माध्यम।
🕊 • सामाजिक मिश्रण: प्रवासी, मुक्त–दास, कारीगर, व्यापारी—बहुसांस्कृतिक शहरी समाज।
🔷 प्रश्न 29A (विकल्प)
ईसाई धर्म और रोमन सत्ता के सम्बन्ध का विवेचन कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • आरम्भिक टकराव: सम्राट–पूजन एवं साम्राज्य–निष्ठा के आग्रह से मतभेद; दमन के चरण।
🍀 • मोड़: शासकों ने सामाजिक सेवाओं, नैतिक अनुशासन और व्यापक जन–समर्थन को पहचाना।
💎 • मान्यता: चौथी शताब्दी में वैधता; धर्म–समर्थन से राजनीतिक वैधता भी सुदृढ़।
🌸 • परिणाम: धर्म–राजनीति का नया संतुलन, सांस्कृतिक एकरूपता और संस्थागत परिवर्तन।
🔷 प्रश्न 29B (विकल्प)
रोमन सेना और सीमावर्ती सुरक्षा (लाइम्स) की संरचना और प्रभाव समझाइए।
🧭 उत्तर
⭐ • संरचना: अनुशासित लीजन, मानकीकृत प्रशिक्षण, आयुध–मानक और मार्ग–जाल द्वारा तीव्र तैनाती।
🍀 • सीमाएँ: किलाबन्द चौकियाँ, प्रहरी–मीनारें, नदी–सीमाएँ—रोकथाम व चेतावनी।
💎 • प्रभाव: विद्रोह–दमन, व्यापार–मार्ग सुरक्षा और प्रान्तीय एकता; पर दीर्घ सीमा–रक्षा महँगी और मानव–संसाधन–गहन।
🔶 प्रश्न 30
पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन के आन्तरिक और बाह्य कारणों का समेकित विश्लेषण कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • आन्तरिक: सत्ता–संघर्ष, प्रशासनिक भ्रष्टाचार, कर–दबाव, मुद्रा–अवनयन, ग्रामीण–शहर विभाजन।
🍀 • सामाजिक–आर्थिक: दास–आश्रित उत्पादन से तकनीकी नवाचार में मंदी; छोटे कृषकों का विस्थापन।
💎 • बाह्य: गोथ, हूण, वैंडल जैसे समूहों का दबाव; सीमाओं पर सतत संघर्ष।
🌸 • समेकन: जब आन्तरिक दुर्बलता बाह्य आक्रमण से मिली, तो 476 ई. में पश्चिमी सत्ता ढह गई; पर पूर्वी भाग अपनी संरचनात्मक मज़बूती से बना रहा।
🏛 अनुभाग D – स्रोत/केस आधारित
🔷 प्रश्न 31
स्रोत: “मार्ग–जाल और समुद्री बन्दरगाहों ने प्रान्तों को राजधानी से बाँधे रखा।”
🧭 उत्तर
⭐ • (क) आशय: संचार–परिवहन से प्रशासनिक एकता।
🍀 • (ख) व्याख्या: तीव्र सैनिक तैनाती व कर–वसूली; व्यापार–सुरक्षा।
💎 • (ग) निष्कर्ष: मार्ग–व्यवस्था रोमन सुदृढ़ता की रीढ़ रही।
🔷 प्रश्न 32
स्रोत: “शहरों के सार्वजनिक स्नानागार और जल–सेतु रोमन सभ्यता के चिह्न थे।”
🧭 उत्तर
⭐ • (क) आशय: जन–सुविधा और स्वच्छता पर राज्य–निवेश।
🍀 • (ख) साक्ष्य: टिकाऊ मेहराबी ढाँचे, जल–वितरण की वैज्ञानिक योजना।
💎 • (ग) निष्कर्ष: शहरी–जीवन का स्तर उच्च; साम्राज्य की वैधता को सामाजिक आधार।
🔷 प्रश्न 33
स्रोत: “दास–श्रम ने उत्पादन बढ़ाया, पर समाज में तनाव भी बोया।”
🧭 उत्तर
⭐ • (क) आशय: अल्प–लागत उत्पादन से समृद्धि, पर असमानता।
🍀 • (ख) प्रभाव: छोटे कृषकों का विस्थापन, विद्रोहों की पृष्ठभूमि।
💎 • (ग) निष्कर्ष: अल्पकालीन लाभ—दीर्घकालीन सामाजिक–आर्थिक संकट।
🗺 अनुभाग E – नक्शा कार्य
🔷 प्रश्न 34.1
रोम — साम्राज्य की राजधानी का स्थान चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.2
कार्थेज — पुनिक संघर्ष–क्षेत्र का स्थान चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.3
कॉन्स्टैंटिनोपल — पूर्वी शासन–केन्द्र का स्थान चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.4
दो चिन्हित केन्द्रों का महत्व लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • रोम — प्रशासन, विधि, सेना और स्थापत्य–केन्द्र; जहाँ से समूचे भूमध्य जगत का संचालन हुआ।
🍀 • कार्थेज — समुद्री–व्यापार का शक्तिशाली केन्द्र; यहाँ की विजय से भूमध्य सागर पर रोमन प्रभुत्व स्थापित हुआ।
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प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न
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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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