Class 11 : Geography (In Hindi) – Lesson 16. संरचना तथा भूआकृति विज्ञान
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🌍 पाठ का विस्तृत व्याख्यान (~1700 शब्दों में)
🔷 प्रस्तावना
🔵 यह अध्याय पृथ्वी की आंतरिक संरचना और उसकी सतह पर पाए जाने वाले विभिन्न स्थलरूपों के निर्माण की प्रक्रियाओं पर केंद्रित है।
🧠 ‘संरचना’ से तात्पर्य पृथ्वी के आंतरिक भागों की बनावट और रचनात्मक घटकों से है, जबकि ‘भू आकृति विज्ञान’ पृथ्वी की सतह की बनावट और स्वरूप का अध्ययन करता है।
✏️ नोट: इस पाठ का उद्देश्य छात्रों को पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों, उनके निर्माण तथा धरातलीय स्वरूपों के निर्माण की प्रक्रिया को वैज्ञानिक ढंग से समझाना है।
🔴 पृथ्वी की आंतरिक संरचना
🌐 पृथ्वी की संरचना तीन परतों में विभाजित की जाती है:
भूपर्पटी (Crust):
✔️ पृथ्वी की सबसे ऊपरी और ठोस परत।
✔️ इसकी मोटाई महासागरों के नीचे लगभग 5 किमी और महाद्वीपों के नीचे लगभग 30–70 किमी तक होती है।
मंडल (Mantle):
✔️ यह भूपर्पटी के नीचे स्थित है।
✔️ इसकी मोटाई लगभग 2900 किमी होती है।
✔️ इसमें मुख्यतः सिलिकेट्स, मैग्नीशियम और लोहे के खनिज पाए जाते हैं।
कोर (Core):
✔️ पृथ्वी का केंद्र भाग।
✔️ यह दो भागों में विभाजित होता है — बाह्य कोर (तरल) और आंतरिक कोर (ठोस)।
✔️ इसका निर्माण मुख्यतः लोहा और निकल से हुआ है।
💡 Concept: पृथ्वी की आंतरिक परतों का अध्ययन भूकंपीय तरंगों के आधार पर किया जाता है।
🟢 भूकंप और भूकंपीय तरंगें
⚡ भूकंप पृथ्वी की सतह पर अचानक होने वाली कंपन है जो भूगर्भीय बलों के कारण होता है।
➡️ इसके केंद्र को भूकेंद्र और धरातल पर ठीक ऊपर के बिंदु को उपकेंद्र (Epicenter) कहा जाता है।
🧠 भूकंपीय तरंगों के तीन प्रकार होते हैं:
P तरंगें (Primary): सबसे तेज, ठोस और तरल दोनों माध्यमों से गुजरती हैं।
S तरंगें (Secondary): केवल ठोस माध्यम से गुजरती हैं।
L तरंगें (Surface): सबसे धीमी, लेकिन सर्वाधिक विनाशकारी होती हैं।
✏️ नोट: इन तरंगों के विश्लेषण से वैज्ञानिक पृथ्वी की आंतरिक परतों की संरचना का अनुमान लगाते हैं।
🔶 स्थलमंडलीय प्लेट्स और प्लेट विवर्तनिकी
🌎 पृथ्वी की भूपर्पटी कई कठोर प्लेटों में विभाजित है जिन्हें स्थलमंडलीय प्लेट्स कहा जाता है।
➡️ इन प्लेट्स की गति और आपसी टकराव को समझाने के लिए प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory) दिया गया है।
🔸 प्लेटों की सीमाएँ तीन प्रकार की होती हैं:
अपसारी सीमाएँ (Divergent): प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती हैं।
संग्राही सीमाएँ (Convergent): प्लेटें एक-दूसरे की ओर आती हैं और टकराती हैं।
परस्पर रगड़ने वाली सीमाएँ (Transform): प्लेटें एक-दूसरे के पास से फिसलती हैं।
💡 Concept: यही प्लेट गतियाँ भूकंप, ज्वालामुखी और पर्वतों के निर्माण के लिए उत्तरदायी हैं।
🔷 अंतर्जात और बहिर्जात बल
🌿 पृथ्वी की सतह पर भू आकृतियाँ दो प्रकार की शक्तियों से निर्मित होती हैं:
🔶 अंतर्जात बल (Endogenic forces):
➡️ ये पृथ्वी के भीतर से उत्पन्न होते हैं।
➡️ इनके कारण भूकंप, ज्वालामुखी, भ्रंश, विवर्तन, पर्वत निर्माण आदि होता है।
🔶 बहिर्जात बल (Exogenic forces):
➡️ ये सूर्य की ऊर्जा तथा गुरुत्वाकर्षण पर आधारित होते हैं।
➡️ इनमें अपक्षय (Weathering), अपरदन (Erosion), संचयन (Deposition) आदि क्रियाएँ शामिल होती हैं।
✏️ नोट: अंतर्जात बल निर्माणकारी जबकि बहिर्जात बल विनाशकारी माने जाते हैं, लेकिन दोनों मिलकर धरातल के स्वरूपों को आकार देते हैं।
🔴 प्रमुख स्थलरूप एवं उनके निर्माण
🗻 विभिन्न भू आकृतियाँ निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर तीन भागों में विभाजित होती हैं:
संरचनात्मक स्थलरूप:
✔️ ये पृथ्वी की भूपर्पटी की मूल संरचना से निर्मित होते हैं जैसे — पर्वत, पठार, मैदान।
अवसादी स्थलरूप:
✔️ जल, पवन, हिम आदि द्वारा अपक्षय व संचयन से निर्मित होते हैं जैसे — वलयाकार टीले, बालुकाएं, डेल्टा।
ज्वालामुखीय स्थलरूप:
✔️ ज्वालामुखी विस्फोटों से बनने वाले जैसे — लावा पठार, ज्वालामुखीय पर्वत।
💡 Concept: स्थलरूप पृथ्वी की गतिशीलता और समय के साथ होते परिवर्तनों का संकेत देते हैं।
🌋 ज्वालामुखी
🌋 ज्वालामुखी वह स्थान है जहाँ पृथ्वी के भीतरी भाग से लावा, गैसें और राख सतह पर निकलती हैं।
➡️ ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं:
सक्रिय ज्वालामुखी: नियमित विस्फोट होते हैं।
निष्क्रिय ज्वालामुखी: बहुत समय से शांत हैं, लेकिन पुनः सक्रिय हो सकते हैं।
मृत ज्वालामुखी: जिनमें अब विस्फोट की संभावना नहीं है।
🧠 ज्वालामुखीय क्षेत्र वैज्ञानिक अध्ययन, खेती की उर्वरता, और खनिज संसाधनों के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।
🌄 विवर्तन और भ्रंश
🔸 विवर्तन:
➡️ जब चट्टानों पर दाब पड़ता है और वे मोड़ खा जाती हैं, तो उसे विवर्तन कहते हैं।
✔️ इससे वलित पर्वतों का निर्माण होता है जैसे — हिमालय।
🔸 भ्रंश:
➡️ जब चट्टानों में दरार पड़ती है और एक भाग ऊपर या नीचे खिसकता है, तो उसे भ्रंश कहते हैं।
✔️ इससे भ्रंश पर्वत और घाटियाँ बनती हैं।
✏️ नोट: ये दोनों प्रक्रियाएँ स्थलरूप निर्माण की प्रमुख क्रियाएं हैं।
🧾 क्यों है यह पाठ महत्त्वपूर्ण?
🧠 इस पाठ से हमें पृथ्वी के आंतरिक और बाह्य बलों की जानकारी मिलती है, जो हमारी धरती की रूपरेखा और प्राकृतिक घटनाओं को आकार देते हैं।
🌋 इससे भूगोल को भौतिक विज्ञान से जोड़ने की समझ विकसित होती है।
📍 यह पाठ आपदा प्रबंधन, नगर नियोजन, और पर्यावरणीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी गहन उपयोगी है।
📝 Quick Recap (स्मृति पिटारा):
🌐 पृथ्वी की संरचना: भूपर्पटी, मंडल, कोर
⚡ भूकंप: P, S, L तरंगें
🧭 प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत
🌀 अंतर्जात और बहिर्जात बल
🌋 ज्वालामुखी: सक्रिय, निष्क्रिय, मृत
🗻 स्थलरूप: संरचनात्मक, अवसादी, ज्वालामुखीय
📚 विवर्तन और भ्रंश
📘 सारांश (300 शब्दों में)
पाठ “संरचना एवं भू आकृति विज्ञान” पृथ्वी की भीतरी बनावट और उसकी सतह पर निर्मित विभिन्न भू-आकृतियों को समझाने का प्रयास करता है। पृथ्वी की संरचना मुख्यतः तीन भागों में होती है — भूपर्पटी, मंडल और कोर। इनकी जानकारी वैज्ञानिकों को भूकंपीय तरंगों के माध्यम से मिलती है।
भूकंप और ज्वालामुखी जैसे घटनाएं पृथ्वी की अंतर्जात क्रियाओं का परिणाम हैं। प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत बताता है कि पृथ्वी की सतह कई प्लेटों में विभाजित है जो आपस में टकराती, फिसलती या दूर जाती हैं — इससे भूकंप, पर्वत और ज्वालामुखी निर्माण जैसी घटनाएं होती हैं।
स्थलरूपों का निर्माण दो प्रकार की शक्तियों से होता है — अंतर्जात (अंदरूनी) और बहिर्जात (बाहरी)। अंतर्जात बलों से भ्रंश, विवर्तन, ज्वालामुखी और पर्वत निर्माण होता है, जबकि बहिर्जात बलों से अपक्षय, अपरदन और संचयन जैसी क्रियाओं द्वारा घाटियाँ, डेल्टा, मरुस्थल आदि बनते हैं।
पाठ में विवर्तन और भ्रंश जैसी प्रक्रियाओं की भूमिका को समझाया गया है, जो धरातलीय परिवर्तन की प्रक्रिया में सहायक होती हैं। यह अध्याय विद्यार्थियों को पृथ्वी की गतिशीलता, भू आकृति विज्ञान और आपदाओं के पीछे छिपी वैज्ञानिक प्रक्रिया को समझने में मदद करता है।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔷 प्रश्न 1. नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर का चयन करें :
➊ अंडमान और निकोबार को कौन-सा टेक्टोनिक क्षेत्र अलग करता है?
(अ) 110° चैनल
(ब) 10° चैनल
(स) अंडमान सागर
(द) म्यांमार की खाड़ी
✔️ उत्तर: (ब) 10° चैनल
➋ डोडाबेट्टा चोटी निम्नलिखित में से कौन-सी पर्वत श्रृंखला में स्थित है?
(अ) नीलगिरि
(ब) कार्डमम
(स) अन्नामलाई
(द) नल्लमाला
✔️ उत्तर: (अ) नीलगिरि
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🔷 प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए :
➊ यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह कौन-से तटीय मैदान से होकर जाएगा और क्यों?
✔️ उत्तर: लक्षद्वीप द्वीप पश्चिमी तट से दूर स्थित हैं। अतः यदि कोई व्यक्ति लक्षद्वीप जाना चाहे तो वह कोंकण तटीय मैदान से होकर जाएगा क्योंकि यह मैदान अरब सागर से निकटतम है।
➍ भारत में ठंडा मरुस्थल कहां स्थित है? इस क्षेत्र के मुख्य श्रृंखलाओं के नाम बताएं।
✔️ उत्तर: भारत का ठंडा मरुस्थल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित है। यह क्षेत्र हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा है। इसकी प्रमुख श्रृंखलाएं – काराकोरम, जास्कर और लद्दाख हैं।
➌ पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है?
✔️ उत्तर: पश्चिमी तटीय मैदान संकीर्ण है और नदियाँ तेजी से बहती हैं, जिससे अवसाद जमने का समय नहीं मिलता। इसी कारण यहाँ डेल्टा नहीं बनते।
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🔷 प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए :
➊ अरवली और बंगाल की खाड़ी को घाटियों में दिखने वाले प्रमुख भूपृष्ठों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।
✔️ उत्तर:
अरावली क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी के तटीय मैदान दो भौगोलिक क्षेत्र हैं जिनमें अनेक अंतरों के साथ-साथ कुछ समानताएँ भी हैं।
🔹 अरावली प्राचीन पर्वत श्रेणी है, जो बहुत पुराने भूगर्भीय युग की संरचना है। यह क्षेत्र कठोर चट्टानों से बना है, तथा यहाँ जलवायु शुष्क और अर्ध-शुष्क है।
🔹 बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित मैदान गंगा-ब्रह्मपुत्र द्वारा निर्मित विशाल डेल्टा क्षेत्र है, जो नवीनकृत अवसादी मिट्टियों से बना है।
🔹 अरावली में खनिज संसाधनों की भरपूरता है जबकि बंगाल की खाड़ी का डेल्टा कृषि के लिए उपजाऊ है।
🔹 अरावली की स्थलाकृति असमान और ऊबड़-खाबड़ है जबकि बंगाल की खाड़ी वाला मैदान समतल है।
इस प्रकार, दोनों क्षेत्रों की उत्पत्ति, संरचना, जलवायु और उपयोग में स्पष्ट भिन्नताएं हैं।
➋ नदी घाटी मैदान में पाए जाने वाली महत्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौन-सी हैं? इनका विवरण दें।
✔️ उत्तर:
नदी घाटी मैदान में जल द्वारा निर्मित कई महत्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं –
🔸 प्लावित मैदान (Floodplain) – नदियों के वार्षिक प्रवाह से बनने वाला उपजाऊ क्षेत्र।
🔸 बालू के टीलें (Sandbars) – नदियों की धारा में जमा होने वाली रेत।
🔸 मृगभंग (Meander) – नदियों के मुड़ने से बनी गोलाईदार संरचना।
🔸 ऑक्सबो झील – पुरानी नदी की शाखा, जो घुमाव छोड़ने पर अलग हो जाती है।
🔸 डेल्टा – नदियों के समुद्र में मिलने के स्थान पर जमा अवसाद से निर्मित त्रिकोणाकार क्षेत्र।
इन स्थलाकृतियों का निर्माण जलधारा की गति, दिशा, तथा अपवहन क्षमता पर निर्भर करता है और ये कृषि व निवास के लिए महत्त्वपूर्ण होती हैं।
➌ यदि आप ब्रह्मपुत्र से सुंदरबन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो आपके रास्ते में कौन-कौन-से स्थलाकृति आएंगे?
✔️ उत्तर:
ब्रह्मपुत्र से सुंदरबन डेल्टा तक गंगा के साथ यात्रा करते समय कई भू-आकृतिक विशेषताएं दिखाई देती हैं –
🔹 सबसे पहले गंगा के साथ गंगा के मैदान की शुरुआत होती है, जिसमें उपजाऊ प्लावित मैदान होते हैं।
🔹 रास्ते में बालू के टीलें, मृगभंग और जलोढ़ मिट्टी से बने समतल मैदान मिलते हैं।
🔹 आगे बढ़ते हुए नदियों के संगम क्षेत्र, जैसे कि इलाहाबाद (प्रयागराज) का संगम क्षेत्र दिखाई देता है।
🔹 आगे चलते हुए गंगा की धाराएँ विभाजित हो जाती हैं और अनेक जल धाराएँ बनती हैं।
🔹 सुंदरबन के पास पहुँचते ही डेल्टा क्षेत्र आरंभ हो जाता है, जहाँ नदी अपनी गाद जमा कर त्रिभुजाकार क्षेत्र बनाती है।
🔹 इस डेल्टा में ज्वारीय नहरें, कीचड़युक्त भूमि, और नमभूमि पाई जाती है।
यह संपूर्ण मार्ग एक अत्यंत विविधतापूर्ण भू-आकृतिक यात्रा प्रस्तुत करता है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
(CBSE MODEL प्रश्न पत्र)
सिर्फ इसी पाठ से निर्मित CBSE MODEL प्रश्न पत्र।
🌟 MULTIPLE CHOICE QUESTIONS (MCQs)
🔵 Q1. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रिया अन्तर्जात शक्ति का परिणाम है?
(A) जल अपरदन
(B) हिमनदी अपरदन
(C) भूकम्प
(D) पवन संक्षरण
✅ उत्तर: (C) भूकम्प
🟢 Q2. पृथ्वी की ऊपरी परत को क्या कहा जाता है?
(A) मैंटल
(B) क्रस्ट
(C) कोर
(D) बाह्य कोर
✅ उत्तर: (B) क्रस्ट
🔴 Q3. हिमानी द्वारा निर्मित स्थलरूप कौन-सा है?
(A) वादी
(B) अर्द्धगोलाकार घाटी
(C) भंजन शिखर
(D) काष्टान
✅ उत्तर: (C) भंजन शिखर
🟡 Q4. किस प्रक्रिया से नई स्थलाकृतियाँ निर्मित होती हैं?
(A) अपक्षरण
(B) संक्षरण
(C) अपरदन
(D) अंतर्जात क्रिया
✅ उत्तर: (D) अंतर्जात क्रिया
🔵 Q5. निम्नलिखित में से कौन सी एक बहिर्जात शक्ति नहीं है?
(A) तापीय विस्तार
(B) भूकम्प
(C) जलवायु परिवर्तन
(D) पवन
✅ उत्तर: (B) भूकम्प
🟢 Q6. प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत किससे संबंधित है?
(A) चुम्बकीय क्षेत्र
(B) स्थलमंडल की गति
(C) भूचुंबकत्व
(D) कक्षा परिवर्तन
✅ उत्तर: (B) स्थलमंडल की गति
🔴 Q7. वलन से कौन-सी भौमिकी संरचना बनती है?
(A) रेखा
(B) अंतःवर्ती परत
(C) असममित सिलवट
(D) तटीय मैदान
✅ उत्तर: (C) असममित सिलवट
🟡 Q8. निम्न में से कौन-सा कटाव स्थलरूप है?
(A) मोरेन
(B) काष्ठान
(C) जलोढ़ मैदान
(D) तटबंध
✅ उत्तर: (B) काष्ठान
🔵 Q9. कौन-सी नदीय प्रक्रिया से डेल्टा बनता है?
(A) संक्षरण
(B) अपरदन
(C) निक्षेपण
(D) विलयन
✅ उत्तर: (C) निक्षेपण
🟢 Q10. अपसारी प्लेट सीमाओं पर क्या बनता है?
(A) पर्वतमालाएँ
(B) गर्त
(C) महासागरीय द्वीप
(D) दरार घाटियाँ
✅ उत्तर: (D) दरार घाटियाँ
🌟 FILL IN THE BLANKS (रिक्त स्थान भरें)
🔶 Q11. पृथ्वी की सतह पर स्थलाकृति निर्माण की क्रियाएँ _ और _ शक्तियों द्वारा होती हैं।
✅ उत्तर: अंतर्जात, बहिर्जात
🔶 Q12. हिमनदियों द्वारा छोड़े गए निक्षेपों को _ कहा जाता है।
✅ उत्तर: मोरेन
🔶 Q13. लहरों द्वारा निर्मित प्रमुख स्थलरूप _ कहलाता है।
✅ उत्तर: समुद्री मेहराब
🌟 TRUE / FALSE (सत्य / असत्य)
🔷 Q14. वलन केवल कठोर चट्टानों में ही होता है।
✅ उत्तर: असत्य
🔷 Q15. ज्वालामुखी विस्फोट अंतर्जात शक्ति का परिणाम होता है।
✅ उत्तर: सत्य
🌟 ASSERTION – REASON QUESTIONS
🔴 Q16.
🧠 कथन (A): हिमनदी घाटियाँ अंग्रेज़ी अक्षर ‘U’ के आकार की होती हैं।
💡 कारण (R): हिमनदी कठोर चट्टानों को भी घिसकर समतल बना देती है।
(A) दोनों A और R सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है।
(B) दोनों A और R सत्य हैं, पर R, A की सही व्याख्या नहीं है।
(C) A सत्य है, पर R असत्य है।
(D) A असत्य है, पर R सत्य है।
✅ उत्तर: (A)
🔵 Q17.
🧠 कथन (A): स्थलमंडल के टूटने से भ्रंश बनते हैं।
💡 कारण (R): भ्रंश केवल बहिर्जात शक्तियों के कारण बनते हैं।
(A) दोनों A और R सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है।
(B) दोनों A और R सत्य हैं, पर R, A की सही व्याख्या नहीं है।
(C) A सत्य है, पर R असत्य है।
(D) A असत्य है, पर R सत्य है।
✅ उत्तर: (C)
🌟 SHORT ANSWER QUESTIONS (लगभग 30 शब्दों में उत्तर)
🟣 Q18. वलन और भ्रंश में क्या अंतर है?
✅ उत्तर: वलन में चट्टानें मुड़ जाती हैं, जबकि भ्रंश में वे टूटकर खिसक जाती हैं। वलन लचीली चट्टानों में होता है और भ्रंश कठोर चट्टानों में।
🟣 Q19. काष्ठान किसे कहते हैं?
✅ उत्तर: पवन द्वारा घिसाई से बने मशरूम जैसे चट्टानी ढाँचों को काष्ठान कहते हैं। यह रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
🟣 Q20. बहिर्जात शक्तियाँ स्थलरूप निर्माण में कैसे योगदान देती हैं?
✅ उत्तर: ये शक्तियाँ अपरदन, परिवहन व निक्षेपण द्वारा भूमि को घिसती और नया रूप देती हैं, जैसे नदियाँ घाटियाँ बनाती हैं।
🌟 MID-LENGTH ANSWER QUESTIONS (लगभग 60 शब्दों में उत्तर)
🟠 Q21. दरार घाटियाँ कैसे बनती हैं?
✅ उत्तर: जब स्थलमंडल में दो प्लेटें दूर जाती हैं तो उनके बीच तनाव उत्पन्न होता है। इससे चट्टानें टूटती हैं और बीच का भाग नीचे धँसता है। इसे दरार घाटी कहते हैं। यह अपसारी प्लेट सीमाओं पर बनती है, जैसे अफ्रीका की ग्रेट रिफ्ट वैली।
🟠 Q22. मोरेन क्या होती है और यह कैसे बनती है?
✅ उत्तर: हिमनदी जब चट्टानों को काटते हुए नीचे की ओर बहती है तो वह उनके टुकड़ों को साथ ले जाती है। जब हिमनदी पिघलती है, तो यह मलबा एकत्र होकर मोरेन बनाता है।
🟠 Q23. जलवायु स्थलरूपों को कैसे प्रभावित करती है?
✅ उत्तर: गर्म और शुष्क जलवायु में पवन कटाव होता है, जिससे रेगिस्तानी स्थलरूप बनते हैं। ठंडे क्षेत्रों में हिमनदियाँ सक्रिय होती हैं। आर्द्र क्षेत्रों में वर्षा से जल कटाव अधिक होता है।
🌟 LONG ANSWER QUESTIONS (लगभग 120 शब्दों में उत्तर)
🔵 Q24. नदी द्वारा बनाए गए स्थलरूपों का वर्णन कीजिए।
✅ उत्तर: नदी जल द्वारा भूमि की अपरदन, परिवहन और निक्षेपण क्रियाओं से कई स्थलरूप बनते हैं। ऊँचाई वाले क्षेत्रों में नदी गहरी वी-आकार की घाटियाँ, जलप्रपात, पाट बनाती है। समतल भागों में मेँडर (घुमाव), ऑक्सबो झील, बाढ़ मैदान तथा अंत में डेल्टा जैसे निक्षेपण स्थलरूप बनते हैं। इन सभी से भूआकृति विविधता और उपजाऊ भूमि मिलती है।
🔴 Q25. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत और उसके भू-आकृतिक प्रभावों को समझाइए।
✅ उत्तर: प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार स्थलमंडल कई बड़ी और छोटी प्लेटों में विभाजित है जो मंद गतियों से गतिशील हैं। इनकी गति के कारण विभिन्न स्थलरूप बनते हैं। अभिसारी सीमाओं पर पर्वत श्रृंखलाएँ (जैसे हिमालय), अपसारी सीमाओं पर दरार घाटियाँ (जैसे ग्रेट रिफ्ट वैली), और पार्श्व गति से भ्रंश संरचनाएँ (जैसे सैन एन्ड्रियास भ्रंश) बनती हैं। यह सिद्धांत स्थलरूप निर्माण का आधुनिक वैज्ञानिक आधार है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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