Class 11 : Geography (In Hindi) – Lesson 14. जैव विविधता एवं संरक्षण
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🌱 प्रस्तावना
पृथ्वी पर जीवन का विस्तार असंख्य प्रकार के जीवों — सूक्ष्मजीवों से लेकर विशाल वृक्षों, कीटों से लेकर स्तनधारियों, और समुद्री पौधों से लेकर पर्वतीय पारितंत्रों तक — के रूप में हुआ है। इस जीव-जगत की समग्र विविधता को ही जैव विविधता (Biodiversity) कहा जाता है। यह न केवल पारितंत्र की स्थिरता का आधार है बल्कि मानव अस्तित्व, कृषि, औषधि, उद्योग और सांस्कृतिक विकास के लिए भी अनिवार्य है।
आज के युग में जैव विविधता गंभीर संकट में है। मानवीय गतिविधियों जैसे वनों की कटाई, औद्योगिकीकरण, प्रदूषण, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के कारण अनेक प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और कई विलुप्ति के कगार पर हैं। इसलिए जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
🌍 जैव विविधता की परिभाषा
📚 जैव विविधता पृथ्वी पर पाई जाने वाली सभी जीवित प्रजातियों — पौधों, पशुओं, सूक्ष्मजीवों — की संख्या, उनके आनुवंशिक स्वरूप और उनके पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता को कहते हैं।
📍 उदाहरण:
अमेज़न वर्षावन में लाखों पौधों और पशुओं की प्रजातियाँ।
भारतीय उपमहाद्वीप में विविध पारितंत्र — पर्वतीय, रेगिस्तानी, आर्द्रभूमि, तटीय आदि।
🌿 जैव विविधता के स्तर
जैव विविधता को मुख्यतः तीन स्तरों पर अध्ययन किया जाता है:
🌱 1. आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
किसी प्रजाति के भीतर विभिन्न व्यक्तियों के आनुवंशिक भिन्नताओं को दर्शाती है।
यह भिन्नता जीवों को बदलते पर्यावरण के अनुरूप अनुकूलित होने में मदद करती है।
उदाहरण: गेहूँ की विभिन्न किस्में, कुत्तों की नस्लें।
🌳 2. प्रजातीय विविधता (Species Diversity)
किसी क्षेत्र या पारितंत्र में विभिन्न प्रजातियों की संख्या और प्रकार।
जितनी अधिक प्रजातियाँ होंगी, पारितंत्र उतना ही स्थिर होगा।
उदाहरण: भारत में लगभग 47000 से अधिक पौधों और 89000 पशुओं की प्रजातियाँ।
🌲 3. पारितंत्र विविधता (Ecosystem Diversity)
किसी भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न पारितंत्रों की विविधता।
उदाहरण: वनों, रेगिस्तानों, तटीय क्षेत्रों, घासभूमियों, पर्वतीय पारितंत्रों की विविधता।
🌎 वैश्विक जैव विविधता वितरण
📍 पृथ्वी पर लगभग 8.7 मिलियन प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से केवल लगभग 1.8 मिलियन की पहचान की जा चुकी है।
📊 जैव विविधता का वितरण समान नहीं है। यह अक्षांश, जलवायु, वर्षा, ऊँचाई और स्थलाकृति पर निर्भर करता है।
🌴 भूमध्यरेखीय क्षेत्र सबसे अधिक जैव विविधता वाले हैं।
❄️ ध्रुवीय क्षेत्रों में सबसे कम विविधता।
🌳 वर्षावनों में प्रजातीय समृद्धि सर्वाधिक।
🏜️ शुष्क क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम विविधता।
📍 उदाहरण:
अमेज़न वर्षावन: विश्व की 10% से अधिक प्रजातियाँ।
भारत: विश्व की कुल प्रजातियों का लगभग 8%।
🌿 भारत में जैव विविधता
भारत जैव विविधता के दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध है। यह विश्व के 17 “मेगाविविधता वाले देशों” में शामिल है।
📊 प्रमुख आँकड़े:
पौधों की प्रजातियाँ: लगभग 47000+
पशुओं की प्रजातियाँ: लगभग 89000+
पक्षियों की प्रजातियाँ: लगभग 1200+
📍 प्रमुख जैव भौगोलिक क्षेत्र:
हिमालय क्षेत्र
इंडो-गंगा मैदान
पश्चिमी घाट
उत्तर-पूर्व भारत
थार मरुस्थल
तटीय एवं द्वीपीय पारितंत्र
📍 भारत के 4 जैवविविधता “हॉटस्पॉट”:
पश्चिमी घाट
पूर्वी हिमालय
इंडो-बर्मा
सुंदरलैंड (अंडमान-निकोबार)
🌱 जैव विविधता का महत्त्व
🌿 पारिस्थितिकीय संतुलन: जैव विविधता पारितंत्रों को स्थिरता और सहनशीलता प्रदान करती है।
🍎 खाद्य सुरक्षा: विभिन्न पौधों और पशुओं से हमें भोजन मिलता है।
💊 औषधि स्रोत: लगभग 25% औषधियाँ पौधों से प्राप्त होती हैं।
🪵 औद्योगिक उपयोग: लकड़ी, रेशे, तेल आदि।
🌾 कृषि सुधार: आनुवंशिक विविधता नई किस्मों के विकास में सहायक।
🏞️ सांस्कृतिक और सौंदर्य मूल्य: वन्य जीवन पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों का हिस्सा।
☁️ जलवायु नियमन: वनों द्वारा कार्बन अवशोषण और वर्षा चक्र को प्रभावित करना।
🏭 जैव विविधता के लिए खतरे
मानव गतिविधियों के कारण जैव विविधता तेजी से घट रही है।
📊 प्रमुख खतरें:
🌲 वनों की कटाई: प्राकृतिक आवासों का नाश।
🏙️ शहरीकरण और औद्योगिकीकरण: भूमि उपयोग में परिवर्तन।
☢️ प्रदूषण: वायु, जल और मिट्टी प्रदूषण से पारितंत्र असंतुलित।
🌡️ जलवायु परिवर्तन: प्रजातियों के आवासों में परिवर्तन।
🌾 आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ: स्थानीय प्रजातियों को प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ना।
🐄 अतिदोहन: अत्यधिक शिकार, मत्स्यन और वनों का उपयोग।
🚧 बुनियादी ढाँचा: बाँध, सड़कें और खनन से पारितंत्र विभाजित।
📊 वैज्ञानिकों के अनुसार प्रतिदिन लगभग 150-200 प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।
🐼 जैव विविधता संरक्षण की आवश्यकता
पारितंत्र के संतुलन के लिए।
खाद्य, औषधि और प्राकृतिक संसाधनों की निरंतरता के लिए।
सांस्कृतिक और सौंदर्य मूल्य को बनाए रखने के लिए।
आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए।
🌱 जैव विविधता संरक्षण के उपाय
जैव विविधता संरक्षण दो प्रमुख तरीकों से किया जा सकता है — स्थल पर संरक्षण (In-situ) और स्थल से बाहर संरक्षण (Ex-situ)।
🌿 1. स्थल पर संरक्षण (In-situ Conservation)
📚 स्थल पर संरक्षण का अर्थ है प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखना।
📍 प्रमुख उपाय:
🏞️ राष्ट्रीय उद्यान (National Parks): प्रजातियों और पारितंत्रों की पूर्ण सुरक्षा।
🌲 वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries): वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए।
🌄 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves): जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए।
🪵 पवित्र उपवन (Sacred Groves): स्थानीय समुदायों द्वारा संरक्षित वन क्षेत्र।
📊 उदाहरण:
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (गैंडा)
सुंदरबन (बाघ और मैंग्रोव)
नंदादेवी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र
🌱 2. स्थल से बाहर संरक्षण (Ex-situ Conservation)
📚 स्थल से बाहर संरक्षण का अर्थ है प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास से बाहर सुरक्षित वातावरण में संरक्षित करना।
📍 प्रमुख उपाय:
🌿 वनस्पति उद्यान (Botanical Gardens): पौधों की प्रजातियों का संरक्षण।
🐘 प्राणी उद्यान (Zoological Parks): पशुओं का संरक्षण और प्रजनन।
🌾 बीज बैंक (Seed Banks): बीजों का दीर्घकालीन संरक्षण।
🧬 जीन बैंक (Gene Banks): आनुवंशिक सामग्री का संरक्षण।
🐣 प्रजनन कार्यक्रम (Breeding Programs): विलुप्तप्राय प्रजातियों के पुनर्जीवन के लिए।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रयास
📊 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संधियाँ और संगठन:
🌱 जैव विविधता संधि (CBD) – 1992: जैव विविधता संरक्षण और सतत उपयोग।
🌿 रामसर संधि – 1971: आर्द्रभूमियों का संरक्षण।
🐼 आईयूसीएन (IUCN): रेड डेटा बुक में प्रजातियों की स्थिति।
🌎 सीआईटीईएस (CITES): वन्य जीव और पौधों के व्यापार का नियंत्रण।
🌳 यूनेस्को (UNESCO): विश्व विरासत स्थल और जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र।
🌿 भारत में संरक्षण प्रयास
📍 संवैधानिक प्रावधान:
अनुच्छेद 48A: राज्य पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा करे।
अनुच्छेद 51A(g): नागरिक पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।
📊 प्रमुख विधिक और संस्थागत प्रयास:
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972
जैव विविधता अधिनियम, 2002
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA)
प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफैंट
📚 2. सारांश (300 शब्द)
जैव विविधता पृथ्वी पर जीव-जगत की विविधता को दर्शाती है जिसमें पौधे, पशु और सूक्ष्मजीव शामिल हैं। इसे आनुवंशिक, प्रजातीय और पारितंत्र स्तरों पर विभाजित किया जाता है। जैव विविधता पारितंत्र संतुलन, खाद्य सुरक्षा, औषधि, उद्योग और सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक है। भारत विश्व के मेगाविविधता वाले देशों में से एक है और यहाँ लगभग 8% वैश्विक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
जैव विविधता वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, विदेशी प्रजातियों और अतिदोहन से खतरे में है। संरक्षण के दो प्रमुख उपाय हैं — स्थल पर संरक्षण (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य) और स्थल से बाहर संरक्षण (वनस्पति उद्यान, बीज बैंक)। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर CBD, CITES और IUCN जैसी संस्थाएँ सक्रिय हैं। भारत में भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और जैव विविधता अधिनियम लागू हैं। जैव विविधता का संरक्षण मानव अस्तित्व और पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए अत्यावश्यक है।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (100 शब्द)
जैव विविधता जीव-जगत की विविधता है जिसमें आनुवंशिक, प्रजातीय और पारितंत्र विविधता शामिल हैं। यह पारितंत्र संतुलन, खाद्य सुरक्षा और औषधि के लिए आवश्यक है। मानव गतिविधियों से जैव विविधता संकट में है। संरक्षण के दो उपाय हैं: स्थल पर (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य) और स्थल से बाहर (बीज बैंक, प्राणी उद्यान)। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई कानून और संस्थाएँ सक्रिय हैं। जैव विविधता का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
✨ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
🟢 प्रश्न (i): जैव-विविधता का संरक्षण निम्न में किनके लिए महत्वपूर्ण है?
🟢 (क) जीव
🔵 (ख) पौधे
🟡 (ग) पौधे और प्राणी
🟣 (घ) सभी जीवधारी
✅ उत्तर: 🟣 (घ) सभी जीवधारी
🔵 प्रश्न (ii): निम्नलिखित में से असुरक्षित प्रजातियाँ कौन-सी हैं?
🟢 (क) उनकी संख्या अधिकतर है
🔵 (ख) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है
🟡 (ग) बाघ व शेर
🟣 (घ) इनमें से कोई नहीं
✅ उत्तर: 🔵 (ख) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है
🟡 प्रश्न (iii): राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) और अभयारण्य (Sanctuaries) निम्न में से किस उद्देश्य के लिए बनाए गए हैं?
🟢 (क) मनोरंजन
🔵 (ख) पशुपालन जीवों के लिए
🟡 (ग) शिकार के लिए
🟣 (घ) संरक्षण के लिए
✅ उत्तर: 🟣 (घ) संरक्षण के लिए
🟣 प्रश्न (iv): जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र है —
🟢 (क) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
🔵 (ख) शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र
🟡 (ग) भू-मध्य रेखा
🟣 (घ) महासागरीय क्षेत्र
✅ उत्तर: 🟢 (क) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
🟢 प्रश्न (v): निम्न में से किस देश में पृथ्वी सम्मेलन (Earth Summit) हुआ था?
🟢 (क) यू.के. (U.K.)
🔵 (ख) ब्राज़ील
🟡 (ग) मैक्सिको
🟣 (घ) चीन
✅ उत्तर: 🔵 (ख) ब्राज़ील
✏️ 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्दों में)
🌿 प्रश्न (i): जैव-विविधता क्या है?
🌱 उत्तर: जैव-विविधता पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीवों — पौधों, पशुओं, सूक्ष्मजीवों और उनके पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता को कहते हैं। यह पृथ्वी के संतुलन और जीवन चक्र के लिए अत्यंत आवश्यक है।
🌿 प्रश्न (ii): जैव-विविधता के विभिन्न स्तर क्या हैं?
🌱 उत्तर: जैव-विविधता के तीन मुख्य स्तर हैं —
आनुवंशिक विविधता (Genetic diversity)
प्रजातीय विविधता (Species diversity)
पारिस्थितिक विविधता (Ecosystem diversity)
🌿 प्रश्न (iii): हॉट-स्पॉट (Hot Spots) से आप क्या समझते हैं?
🌱 उत्तर: हॉट-स्पॉट वे क्षेत्र हैं जहाँ अत्यधिक जैव-विविधता पाई जाती है और अनेक स्थानिक प्रजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा अधिक होता है।
🌿 प्रश्न (iv): मानव जाति की वन्य जीवों के संरक्षण में क्या भूमिका है?
🌱 उत्तर: मानव जाति वन्य जीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जैसे — शिकार पर प्रतिबंध लगाना, अभयारण्यों की स्थापना करना, प्राकृतिक आवासों को संरक्षित रखना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना।
🌿 प्रश्न (v): विदेशी प्रजातियों (Exotic Species) से आप क्या समझते हैं?
🌱 उत्तर: विदेशी प्रजातियाँ वे प्रजातियाँ हैं जिन्हें किसी अन्य देश या क्षेत्र से लाकर नए पारिस्थितिक तंत्र में बसाया जाता है। ये कभी-कभी स्थानीय जैव-विविधता के लिए खतरा भी बन जाती हैं।
🌏 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में)
🌿 प्रश्न (i): प्रकृति को बनाए रखने में जैव-विविधता की भूमिका का वर्णन करें।
🌱 उत्तर: जैव-विविधता पृथ्वी के जीवन-तंत्र का मूल आधार है। यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है और भोजन, जल, वायु शुद्धिकरण, परागण, औषधियाँ तथा मिट्टी की उर्वरता जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान देती है। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी सहायक होती है। विविध जीव प्रजातियाँ पारिस्थितिक तंत्र के कार्यों को सुचारू रूप से चलाती हैं, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का पुनर्जनन होता रहता है। जैव-विविधता पर्यावरणीय खतरों से रक्षा करती है और पारिस्थितिकी को स्थिर बनाए रखती है। इसलिए इसे संरक्षित करना मानव अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है।
🌿 प्रश्न (ii): जैव-विविधता के ह्रास के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारणों का वर्णन करें। इसे रोकने के उपाय भी बताइए।
🌱 उत्तर: जैव-विविधता के ह्रास के प्रमुख कारण हैं —
वनों की कटाई एवं आवास विनाश
प्रदूषण और औद्योगीकरण
अंधाधुंध शिकार और दोहन
विदेशी प्रजातियों का आगमन
जलवायु परिवर्तन
उपाय:
संरक्षित क्षेत्र (अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान) स्थापित करना
वृक्षारोपण और प्राकृतिक आवासों का संरक्षण
जनजागरूकता अभियान चलाना
कानूनों का कठोर पालन करना
इन उपायों से जैव-विविधता को संरक्षित किया जा सकता है और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखा जा सकता है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🌿 खण्ड A — वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक 1 अंक)
🔵 प्रश्न 1: जैव विविधता से तात्पर्य है —
🟢 1️⃣ पृथ्वी पर जीवों की विविधता और उनका परस्पर संबंध
🔴 2️⃣ केवल वनस्पतियों की विविधता
🟡 3️⃣ केवल पशुओं की विविधता
🔴 4️⃣ केवल आनुवंशिक विविधता
✔️ उत्तर: पृथ्वी पर जीवों की विविधता और उनका परस्पर संबंध
🟡 प्रश्न 2: निम्नलिखित में से जैव विविधता के स्तरों का सही क्रम कौन-सा है?
🟢 1️⃣ आनुवंशिक, प्रजातीय, पारितंत्रीय
🔴 2️⃣ पारितंत्रीय, प्रजातीय, आनुवंशिक
🟡 3️⃣ प्रजातीय, पारितंत्रीय, आनुवंशिक
🔴 4️⃣ प्रजातीय, आनुवंशिक, पारितंत्रीय
✔️ उत्तर: आनुवंशिक, प्रजातीय, पारितंत्रीय
🔴 प्रश्न 3: भारत में जैव विविधता का हॉटस्पॉट कौन-सा है?
🟢 1️⃣ पश्चिमी घाट
🔴 2️⃣ गंगा समतल
🟡 3️⃣ थार मरुस्थल
🔴 4️⃣ सतलुज घाटी
✔️ उत्तर: पश्चिमी घाट
🟢 प्रश्न 4: जैव विविधता का सबसे अधिक समृद्ध क्षेत्र कौन-सा है?
🟢 1️⃣ उष्णकटिबंधीय वर्षावन
🔴 2️⃣ समशीतोष्ण वन
🟡 3️⃣ मरुस्थल
🔴 4️⃣ घासभूमि
✔️ उत्तर: उष्णकटिबंधीय वर्षावन
🔵 प्रश्न 5: जैव विविधता का सबसे कम स्तर किसे दर्शाता है?
🟢 1️⃣ आनुवंशिक विविधता
🔴 2️⃣ प्रजातीय विविधता
🟡 3️⃣ पारितंत्रीय विविधता
🔴 4️⃣ पर्यावरणीय विविधता
✔️ उत्तर: आनुवंशिक विविधता
🟡 प्रश्न 6: भारत में जैव विविधता के संरक्षण हेतु कौन-सा कानून बनाया गया है?
🟢 1️⃣ जैव विविधता अधिनियम, 2002
🔴 2️⃣ वन अधिनियम, 1980
🟡 3️⃣ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
🔴 4️⃣ जल अधिनियम, 1974
✔️ उत्तर: जैव विविधता अधिनियम, 2002
🔴 प्रश्न 7: विश्व जैव विविधता दिवस कब मनाया जाता है?
🟢 1️⃣ 22 मई
🔴 2️⃣ 5 जून
🟡 3️⃣ 21 मार्च
🔴 4️⃣ 2 फरवरी
✔️ उत्तर: 22 मई
🟢 प्रश्न 8: जैव विविधता के संरक्षण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🟢 1️⃣ जीवों के अस्तित्व और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना
🔴 2️⃣ केवल वन उत्पादों की प्राप्ति
🟡 3️⃣ औद्योगिक विकास
🔴 4️⃣ कृषि विस्तार
✔️ उत्तर: जीवों के अस्तित्व और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना
🔵 प्रश्न 9: ‘IUCN’ का पूरा नाम क्या है?
🟢 1️⃣ International Union for Conservation of Nature
🔴 2️⃣ International Unit for Climate Nature
🟡 3️⃣ Indian Union for Conservation of Nature
🔴 4️⃣ International Union of Climate Nations
✔️ उत्तर: International Union for Conservation of Nature
🟡 प्रश्न 10: जैव विविधता हॉटस्पॉट की विशेषता क्या है?
🟢 1️⃣ स्थान जहां अत्यधिक प्रजातीय विविधता और स्थानिक प्रजातियां पाई जाती हैं
🔴 2️⃣ स्थान जहां केवल मरुस्थल पाए जाते हैं
🟡 3️⃣ स्थान जहां जनसंख्या घनत्व अधिक होता है
🔴 4️⃣ स्थान जहां वर्षा बहुत कम होती है
✔️ उत्तर: स्थान जहां अत्यधिक प्रजातीय विविधता और स्थानिक प्रजातियां पाई जाती हैं
🔴 प्रश्न 11: जैव विविधता हानि का मुख्य कारण क्या है?
🟢 1️⃣ आवास विनाश और वनों की कटाई
🔴 2️⃣ प्राकृतिक चयन
🟡 3️⃣ भूगर्भीय गतिविधियां
🔴 4️⃣ पृथ्वी का घूर्णन
✔️ उत्तर: आवास विनाश और वनों की कटाई
🟢 प्रश्न 12: राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य किस प्रकार के संरक्षण के उदाहरण हैं?
🟢 1️⃣ स्थल आधारित (In-situ)
🔴 2️⃣ प्रयोगशाला आधारित
🟡 3️⃣ बाह्य (Ex-situ)
🔴 4️⃣ कृत्रिम
✔️ उत्तर: स्थल आधारित (In-situ)
🌱 खण्ड B — लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक)
🔵 प्रश्न 13: जैव विविधता की परिभाषा दीजिए।
🟢 उत्तर: जैव विविधता पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों, उनके आनुवंशिक संघटन, प्रजातियों और पारितंत्रों की विविधता को कहते हैं।
🟡 प्रश्न 14: जैव विविधता के दो स्तरों के नाम लिखिए।
🟢 उत्तर: (1) आनुवंशिक विविधता (2) प्रजातीय विविधता।
🔴 प्रश्न 15: प्रजातीय विविधता क्या है?
🟢 उत्तर: किसी पारितंत्र या क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों की संख्या और विविधता को प्रजातीय विविधता कहते हैं।
🟢 प्रश्न 16: जैव विविधता हॉटस्पॉट क्या है?
🟢 उत्तर: ऐसे क्षेत्र जहां अत्यधिक प्रजातीय विविधता और स्थानिक प्रजातियां पाई जाती हैं, उन्हें हॉटस्पॉट कहते हैं।
🔵 प्रश्न 17: स्थल आधारित संरक्षण क्या है?
🟢 उत्तर: स्थल आधारित संरक्षण में जीवों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवास में किया जाता है, जैसे – राष्ट्रीय उद्यान।
🟡 प्रश्न 18: बाह्य संरक्षण क्या है?
🟢 उत्तर: बाह्य संरक्षण में जीवों को उनके प्राकृतिक आवास से बाहर संरक्षित किया जाता है, जैसे – वनस्पति उद्यान।
🔴 प्रश्न 19: ‘रेड डेटा बुक’ का उद्देश्य क्या है?
🟢 उत्तर: विलुप्तप्राय प्रजातियों की सूची तैयार करना और उनके संरक्षण के लिए उपाय सुझाना।
🟢 प्रश्न 20: जैव विविधता के दो महत्व बताइए।
🟢 उत्तर: (1) पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना (2) औषधि, भोजन और कच्चे पदार्थों का स्रोत प्रदान करना।
🌿 खण्ड C — मध्यम उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4 अंक)
🔵 प्रश्न 21: जैव विविधता के प्रमुख स्तरों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर: जैव विविधता को तीन मुख्य स्तरों में बाँटा गया है —
आनुवंशिक विविधता: एक ही प्रजाति के भीतर जीन में पाए जाने वाले अंतर।
प्रजातीय विविधता: किसी पारितंत्र में विभिन्न प्रजातियों की संख्या और विविधता।
पारितंत्रीय विविधता: विभिन्न पारितंत्रों जैसे वन, घासभूमि, मरुस्थल आदि की विविधता।
ये सभी स्तर पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक हैं।
🟡 प्रश्न 22: जैव विविधता के महत्व को संक्षेप में समझाइए।
🟢 उत्तर:
पारिस्थितिकी संतुलन: जीवों के परस्पर संबंध पारिस्थितिकी तंत्र को स्थिर रखते हैं।
आर्थिक महत्व: भोजन, औषधि, ईंधन और कच्चे पदार्थों का स्रोत।
वैज्ञानिक महत्व: अनुसंधान और नई प्रौद्योगिकी के विकास में सहायक।
सांस्कृतिक महत्व: कई समाजों और धर्मों में पवित्र प्रजातियों का महत्व।
🔴 प्रश्न 23: जैव विविधता हानि के प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
आवास विनाश: शहरीकरण, कृषि विस्तार और वनों की कटाई से।
प्रदूषण: वायु, जल और मिट्टी प्रदूषण से प्रजातियों का नुकसान।
जलवायु परिवर्तन: तापमान वृद्धि और वर्षा पैटर्न में बदलाव।
आक्रामक प्रजातियां: विदेशी प्रजातियों के कारण स्थानीय प्रजातियों का विलुप्त होना।
अत्यधिक दोहन: जीवों का अत्यधिक शिकार और उपयोग।
🟢 प्रश्न 24: स्थल आधारित और बाह्य संरक्षण में अंतर स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
स्थल आधारित संरक्षण (In-situ): जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में ही संरक्षित किया जाता है। उदाहरण – राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य।
बाह्य संरक्षण (Ex-situ): जीवों को उनके आवास से बाहर कृत्रिम परिस्थितियों में संरक्षित किया जाता है। उदाहरण – बीज बैंक, वनस्पति उद्यान।
दोनों ही संरक्षण पद्धतियाँ विलुप्तप्राय प्रजातियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं।
🔵 प्रश्न 25: भारत में जैव विविधता के प्रमुख हॉटस्पॉट का उल्लेख कीजिए।
🟢 उत्तर: भारत में चार प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं —
हिमालय क्षेत्र: उच्च पर्वतीय जैव विविधता।
इंडो-बर्मा क्षेत्र: पूर्वोत्तर राज्यों में समृद्ध प्रजातियाँ।
पश्चिमी घाट: स्थानिक वनस्पतियों और जीवों का उच्च घनत्व।
सुंदरबन और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह: अनोखी वनस्पतियों और जीवों का निवास स्थान।
🟡 प्रश्न 26: ‘रेड डेटा बुक’ और IUCN की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
रेड डेटा बुक: IUCN द्वारा प्रकाशित सूची जो प्रजातियों की स्थिति (सुरक्षित, संकटग्रस्त, विलुप्तप्राय) को दर्शाती है।
IUCN (International Union for Conservation of Nature): वैश्विक स्तर पर संरक्षण नीतियों, अनुसंधान और संरक्षण कार्यक्रमों का समन्वय करता है।
🌍 खण्ड D — विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4.5 अंक)
🔴 प्रश्न 27: जैव विविधता ह्रास के कारणों और परिणामों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
कारण:
आवास विनाश और वनों की कटाई।
औद्योगिकीकरण और प्रदूषण।
आक्रामक प्रजातियों का आगमन।
जलवायु परिवर्तन और तापमान वृद्धि।
परिणाम:
पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाता है।
भोजन श्रृंखला और खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव।
औषधीय और आनुवंशिक संसाधनों का नुकसान।
सामाजिक और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव।
🟢 प्रश्न 28: स्थल आधारित संरक्षण के उपायों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
राष्ट्रीय उद्यान: जैसे – जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान।
वन्यजीव अभयारण्य: जैसे – काजीरंगा अभयारण्य।
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र: पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के लिए।
पवित्र उपवन: धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से संरक्षित क्षेत्र।
इन उपायों से प्रजातियों को प्राकृतिक आवास में संरक्षण मिलता है और पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है।
🔵 प्रश्न 29: बाह्य संरक्षण के उपायों और उनके महत्व को समझाइए।
🟢 उत्तर:
उपाय:
वनस्पति और प्राणी उद्यानों की स्थापना।
बीज और जीन बैंक।
क्रायो-संरक्षण (निम्न ताप पर संरक्षण)।
प्रजनन कार्यक्रम।
महत्त्व:
दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करना।
अनुसंधान और शिक्षा में सहायक।
भविष्य में पुनर्स्थापना के लिए आनुवंशिक सामग्री उपलब्ध कराना।
🟡 प्रश्न 30: जैव विविधता संरक्षण में मानव की भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
वनों की कटाई और प्रदूषण को रोकना।
पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग।
स्थानीय समुदायों को संरक्षण में शामिल करना।
जैव विविधता कानूनों का पालन।
जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को शिक्षित करना।
मानव की सक्रिय भागीदारी से ही पृथ्वी की जैव विविधता और पारिस्थितिकी संतुलन को संरक्षित रखा जा सकता है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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