Class 11 : Geography (In Hindi) – Lesson 13. महासागरीय जल संचलन
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🌍 प्रस्तावना
महासागर पृथ्वी की जलवायु प्रणाली का सबसे सक्रिय और गतिशील अंग हैं। वे केवल स्थिर जलाशय नहीं हैं, बल्कि निरंतर गति में रहते हैं। महासागरीय जल का यह संचलन (Ocean Water Circulation) पृथ्वी की ऊर्जा, ऊष्मा और पोषक तत्वों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महासागरीय जल संचलन सूर्य की ऊर्जा, पृथ्वी के घूर्णन, वायुमण्डलीय परिसंचरण, तापमान, लवणता और स्थल-जल वितरण जैसे कई कारकों के परिणामस्वरूप होता है। इसका प्रभाव केवल समुद्री जल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मौसम, जलवायु, वर्षा, पारितंत्र और मानव जीवन को भी गहराई से प्रभावित करता है।
🌊 महासागरीय जल संचलन की परिभाषा
📚 महासागरीय जल संचलन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से महासागर का जल विभिन्न रूपों — तरंगों, ज्वारों, सतही धाराओं और गहरे जल धाराओं — में निरंतर गति करता रहता है और ऊर्जा, ऊष्मा तथा पोषक तत्वों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है।
🌏 महासागरीय जल संचलन के प्रकार
महासागरीय जल की गति को सामान्यतः चार प्रमुख रूपों में विभाजित किया जाता है:
🌊 तरंगें (Waves)
🌊 ज्वार (Tides)
🌊 सतही धाराएँ (Surface Currents)
🌊 गहरे जल धाराएँ या थर्मोहैलाइन परिसंचरण (Deep Ocean Circulation / Thermohaline Circulation)
🌊 1. तरंगें (Waves)
📚 तरंगें महासागरीय जल की ऊपरी सतह की आवर्ती गतियाँ हैं, जो मुख्यतः पवन (Wind) के कारण उत्पन्न होती हैं।
📊 मुख्य विशेषताएँ:
तरंगों में जल क्षैतिज रूप से नहीं बहता, बल्कि जलकण वृत्ताकार पथ में गति करते हैं।
तरंग की ऊँचाई (Height), तरंग दैर्ध्य (Wavelength) और तरंग काल (Period) प्रमुख मापदंड हैं।
तरंगों का औसत काल 5-20 सेकंड होता है।
📍 तरंगों के प्रकार:
🌊 हवा से उत्पन्न तरंगें: सबसे सामान्य।
🌊 भूकम्पीय तरंगें (सुनामी): समुद्रतल के भूकम्प या ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न।
🌊 ज्वारीय तरंगें: चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल से।
📍 महत्त्व:
तटीय अपरदन और निक्षेपण में सहायक।
समुद्री नेविगेशन को प्रभावित करती हैं।
तटीय भू-आकृतियों का निर्माण करती हैं।
🌊 2. ज्वार (Tides)
📚 ज्वार महासागरीय जल का नियमित उत्थान और अवतरण है, जो चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।
📊 प्रमुख विशेषताएँ:
ज्वार प्रतिदिन दो बार उच्चतम और निम्नतम स्तर तक पहुँचता है।
यह नियमित और पूर्वानुमेय होता है।
📍 प्रकार:
🌊 (A) उच्च ज्वार (High Tide)
जब जल का स्तर ऊँचाई पर होता है।
🌊 (B) निम्न ज्वार (Low Tide)
जब जल का स्तर नीचे चला जाता है।
📍 विशेष ज्वार प्रकार:
🌕 स्प्रिंग ज्वार: पूर्णिमा या अमावस्या को, जब सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं।
🌗 नीप ज्वार: जब सूर्य और चंद्रमा 90° कोण पर होते हैं।
📍 महत्त्व:
तटीय नौवहन और बंदरगाहों के संचालन में सहायक।
ज्वारीय ऊर्जा का स्रोत।
तटीय पारितंत्रों (जैसे मैंग्रोव) के लिए आवश्यक।
🌊 3. सतही धाराएँ (Surface Currents)
📚 सतही धाराएँ महासागरीय जल की क्षैतिज गतियाँ हैं जो मुख्यतः पवनों और पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होती हैं।
📊 प्रमुख विशेषताएँ:
यह महासागर की ऊपरी लगभग 300 मीटर गहराई तक सीमित होती हैं।
इनकी गति 8 से 10 किमी/घंटा तक हो सकती है।
ये ऊष्मा और पोषक तत्वों का वितरण करती हैं।
📍 सतही धाराओं को दो श्रेणियों में बाँटा जाता है:
🌡️ (A) गर्म धाराएँ (Warm Currents)
भूमध्यरेखा से उच्च अक्षांशों की ओर गर्म जल ले जाती हैं।
उदाहरण: गल्फ स्ट्रीम (अटलांटिक), कुरोशियो (प्रशांत)।
❄️ (B) ठंडी धाराएँ (Cold Currents)
ध्रुवीय क्षेत्रों से निम्न अक्षांशों की ओर ठंडा जल लाती हैं।
उदाहरण: लैब्राडोर (अटलांटिक), हम्बोल्ट (प्रशांत)।
📊 महासागरों में सतही धाराओं का एक चक्रीय पैटर्न होता है जिसे गाइर (Gyre) कहा जाता है।
उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की दिशा में।
दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की विपरीत दिशा में।
📍 सतही धाराओं को प्रभावित करने वाले कारक:
🌬️ पवनें: व्यापारिक पवनें और पश्चिमी पवनें।
🌍 कोरियोलिस बल: दिशा को मोड़ता है।
🪸 महाद्वीपीय तटरेखाएँ: धाराओं को दिशा बदलने पर मजबूर करती हैं।
🌊 जल का तापमान और लवणता।
📍 महत्त्व:
जलवायु को नियंत्रित करते हैं (जैसे यूरोप को गर्म रखने वाली गल्फ स्ट्रीम)।
मत्स्य उद्योग को प्रभावित करते हैं।
नौवहन और व्यापार मार्गों के निर्धारण में सहायक।
🌊 4. गहरे जल धाराएँ (Deep Ocean Currents / Thermohaline Circulation)
📚 गहरे जल धाराएँ महासागर के निचले स्तरों पर तापमान और लवणता के अंतर के कारण उत्पन्न होने वाली धीमी और विशाल जल धाराएँ हैं। इन्हें थर्मोहैलाइन परिसंचरण कहते हैं।
📊 प्रमुख विशेषताएँ:
अत्यंत धीमी गति (कुछ सेंटीमीटर/सेकंड)।
पूरे विश्व महासागर में संचरण।
इसे “वैश्विक महासागरीय परिवहन बेल्ट” (Global Conveyor Belt) कहा जाता है।
📍 उत्पत्ति के कारण:
🌡️ तापमान अंतर → घनत्व में अंतर।
🧂 लवणता में भिन्नता → जल के भार में अंतर।
📍 उदाहरण:
अटलांटिक महासागर में ग्रीनलैंड के निकट ठंडा जल नीचे जाकर दक्षिण की ओर बहता है।
भारतीय और प्रशांत महासागरों में यह ऊपर उठता है।
📍 महत्त्व:
ऊष्मा को गहराई में ले जाता है।
पोषक तत्वों को सतह पर लाता है (अपवेलिंग)।
कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण और जलवायु में भूमिका निभाता है।
🌊 महासागरीय जल संचलन को प्रभावित करने वाले कारक
☀️ सौर विकिरण: तापमान में अंतर उत्पन्न करता है।
🌬️ पवन प्रणाली: सतही धाराओं की दिशा और गति तय करती है।
🌊 कोरियोलिस बल: धाराओं की दिशा मोड़ता है।
🪨 महाद्वीपीय रेखाचित्र: धाराओं को मोड़ता और विभाजित करता है।
🧂 लवणता और घनत्व: गहरे जल धाराओं के निर्माण में सहायक।
🧊 हिमनद और ध्रुवीय बर्फ: जल के तापमान और घनत्व को प्रभावित करते हैं।
🌎 महासागरीय जल संचलन के प्रभाव
🌦️ 1. जलवायु पर प्रभाव
गर्म धाराएँ तटीय क्षेत्रों को गर्म और नम बनाती हैं।
ठंडी धाराएँ तापमान कम करती हैं और शुष्कता लाती हैं।
🐟 2. मत्स्य उद्योग पर प्रभाव
अपवेलिंग क्षेत्रों में पोषक तत्वों की अधिकता → मछलियों की अधिकता।
🚢 3. नौवहन पर प्रभाव
धाराएँ जहाजों की गति और मार्ग को प्रभावित करती हैं।
🌱 4. पारिस्थितिकी पर प्रभाव
पोषक तत्वों का वितरण समुद्री जीवन को प्रभावित करता है।
☀️ 5. जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव
थर्मोहैलाइन परिसंचरण वैश्विक तापमान और कार्बन चक्र को नियंत्रित करता है।
🌊 महासागरीय जल संचलन और जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन महासागरीय धाराओं को प्रभावित कर रहा है। ध्रुवीय बर्फ के पिघलने से लवणता घट रही है और गहरे जल धाराओं की गति धीमी हो रही है। इससे वैश्विक ऊष्मा वितरण और मौसम प्रणालियाँ प्रभावित हो रही हैं। यदि थर्मोहैलाइन परिसंचरण रुक गया, तो यूरोप जैसे क्षेत्रों की जलवायु में व्यापक परिवर्तन संभव हैं।
📚 2. सारांश (300 शब्द)
महासागरीय जल संचलन महासागर के जल की गतिशीलता है, जो तरंगों, ज्वारों, सतही धाराओं और गहरे जल धाराओं के रूप में होती है। तरंगें मुख्यतः पवन से उत्पन्न होती हैं और तटीय अपरदन में सहायक होती हैं। ज्वार चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल से उत्पन्न जल का नियमित उत्थान और अवतरण हैं। सतही धाराएँ पवन और कोरियोलिस बल से उत्पन्न होती हैं और ऊष्मा व पोषक तत्वों का वितरण करती हैं।
गहरे जल धाराएँ तापमान और लवणता के अंतर से उत्पन्न होती हैं और इन्हें थर्मोहैलाइन परिसंचरण कहा जाता है। यह वैश्विक जलवायु और कार्बन चक्र को नियंत्रित करता है। महासागरीय जल संचलन जलवायु, मत्स्य उद्योग, नौवहन, पारितंत्र और ऊर्जा वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरीय धाराओं में परिवर्तन संभावित है, जो वैश्विक जलवायु को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (100 शब्द)
महासागरीय जल संचलन महासागर के जल की गति है, जिसमें तरंगें, ज्वार, सतही धाराएँ और गहरे जल धाराएँ शामिल हैं। तरंगें पवन से, ज्वार गुरुत्वाकर्षण से, सतही धाराएँ पवन और कोरियोलिस बल से, और गहरी धाराएँ तापमान व लवणता से उत्पन्न होती हैं। यह ऊष्मा, पोषक तत्व और ऊर्जा का वितरण करती हैं और जलवायु, मत्स्य पालन, नौवहन और पारितंत्र को प्रभावित करती हैं। जलवायु परिवर्तन इन धाराओं को प्रभावित कर सकता है।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
📘 प्रश्न एवं उत्तर (प्रश्न और उत्तर साथ-साथ)
✨ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
🔵 प्रश्न (i): महासागरीय जल की ऊपर एवं नीचे की गति किससे संबंधित है?
🟢 (क) ज्वार
🔵 (ख) तरंग
🟡 (ग) धाराएँ
🟣 (घ) ऊपर में से कोई नहीं
✅ उत्तर: 🟢 (क) ज्वार
🟡 प्रश्न (ii): ज्वार उत्पन्न होने का क्या कारण है?
🟢 (क) सूर्य का चंद्रमा का पृथ्वी पर एक ही दिशा में गुरुत्वाकर्षण बल
🔵 (ख) सूर्य का चंद्रमा द्वारा एक दूसरे की विपरीत दिशा से पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल
🟡 (ग) पृथ्वी का घूर्णन होना
🟣 (घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
✅ उत्तर: 🟢 (क) सूर्य का चंद्रमा का पृथ्वी पर एक ही दिशा में गुरुत्वाकर्षण बल
🟢 प्रश्न (iii): पृथ्वी तथा चंद्रमा की न्यूनतम दूरी कब होती है?
🟢 (क) अपसौर
🔵 (ख) उपसौर
🟡 (ग) उपभू
🟣 (घ) अपभू
✅ उत्तर: 🔵 (ख) उपसौर
🟣 प्रश्न (iv): पृथ्वी उपसौर की स्थिति कब होती है?
🟢 (क) जनवरी
🔵 (ख) जुलाई
🟡 (ग) अक्टूबर
🟣 (घ) सितम्बर
✅ उत्तर: 🟢 (क) जनवरी
✏️ 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्दों में)
🌊 प्रश्न (i): तरंगें क्या हैं?
🌱 उत्तर: तरंगें महासागरीय जल की सतह पर वायु, भूकंपीय गतिविधियों या अन्य कारकों से उत्पन्न ऊर्ध्वाधर गति हैं। ये ऊर्जा के संचरण का माध्यम होती हैं परंतु जल का स्थायी स्थानांतरण नहीं करतीं।
🌊 प्रश्न (ii): महासागरीय धाराएँ ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती हैं?
🌱 उत्तर: महासागरीय धाराएँ मुख्य रूप से पवनों, पृथ्वी के घूर्णन, तापमान और लवणता के अंतर, तथा महासागरों के स्थलाकृतिक स्वरूप से ऊर्जा प्राप्त करती हैं।
🌊 प्रश्न (iii): ज्वार-भाटा क्या है?
🌱 उत्तर: ज्वार-भाटा समुद्री जल का नियमित ऊँचाई और नीचाई की ओर उठना-गिरना है, जो चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।
🌊 प्रश्न (iv): ज्वार-भाटा उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
🌱 उत्तर: ज्वार-भाटा का मुख्य कारण चंद्रमा और सूर्य का पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल है। इसके अलावा पृथ्वी का घूर्णन और सूर्य-चंद्रमा-पृथ्वी की सापेक्ष स्थिति भी इसे प्रभावित करती है।
🌊 प्रश्न (v): ज्वार-भाटा नौसंचालन से कैसे संबंधित है?
🌱 उत्तर: ज्वार-भाटा नौसंचालन में सहायक होते हैं क्योंकि ऊँचे ज्वार के समय जहाज़ आसानी से बंदरगाहों में प्रवेश और निकास कर सकते हैं। इससे जलमार्गों की गहराई बढ़ती है और यातायात सुरक्षित रहता है।
🪐 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में)
🌊 प्रश्न (i): जल धाराएँ तापमान को कैसे प्रभावित करती हैं? उत्तर पश्चिम यूरोप के तटीय क्षेत्रों के तापमान को ये किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
🌱 उत्तर: महासागरीय धाराएँ तटीय क्षेत्रों के तापमान को नियंत्रित करती हैं। गर्म धाराएँ तटीय जलवायु को गर्म करती हैं जबकि ठंडी धाराएँ तापमान को घटाती हैं। उदाहरण के लिए, गल्फ स्ट्रीम एक गर्म महासागरीय धारा है जो उत्तरी अटलांटिक महासागर में बहती है। यह उत्तर-पश्चिम यूरोप के तटीय क्षेत्रों को अपेक्षाकृत गर्म रखती है, जिससे वहाँ सर्दियाँ नरम और ग्रीष्मकाल सुहावना होता है। इसी प्रकार ठंडी धाराएँ जैसे लैब्राडोर धारा तटीय क्षेत्रों का तापमान कम कर देती हैं। महासागरीय धाराएँ तापीय ऊर्जा के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और वैश्विक जलवायु प्रणाली को संतुलित करती हैं।
🌊 प्रश्न (ii): जल धाराएँ कैसे उत्पन्न होती हैं?
🌱 उत्तर: महासागरीय धाराएँ कई कारणों से उत्पन्न होती हैं —
पवन: प्रमुख बल जो सतही धाराओं को गति देता है।
घनत्व अंतर: तापमान और लवणता के कारण जल का घनत्व बदलता है, जिससे गहरी धाराएँ उत्पन्न होती हैं।
कोरिओलिस बल: पृथ्वी के घूर्णन से धाराओं की दिशा प्रभावित होती है।
महासागरीय तल का आकार: घाटियों और पर्वतों से धाराओं का मार्ग परिवर्तित होता है।
ज्वार-भाटा: जल के उठने-गिरने से धाराओं में बदलाव होता है।
ये सभी कारण मिलकर महासागरीय जल के बड़े पैमाने पर संचलन को उत्पन्न करते हैं, जो जलवायु, तापमान और समुद्री पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🌊 खण्ड A — वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक 1 अंक)
🔵 प्रश्न 1: महासागरीय जल संचलन से तात्पर्य क्या है?
🟢 1️⃣ महासागर के जल का क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दिशा में गति करना
🔴 2️⃣ महासागर में जल का स्थिर रहना
🟡 3️⃣ जल का केवल ऊपर उठना
🔴 4️⃣ केवल लहरों का निर्माण
✔️ उत्तर: महासागर के जल का क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दिशा में गति करना
🟡 प्रश्न 2: महासागरीय जल संचलन के मुख्य घटक कौन-से हैं?
🟢 1️⃣ तरंगें, ज्वार-भाटा और धाराएं
🔴 2️⃣ बादल और वर्षा
🟡 3️⃣ मानसून और वायु
🔴 4️⃣ पवन और हिमनद
✔️ उत्तर: तरंगें, ज्वार-भाटा और धाराएं
🔴 प्रश्न 3: महासागर की सतह पर जल की क्षैतिज गति को क्या कहते हैं?
🟢 1️⃣ महासागरीय धारा
🔴 2️⃣ ज्वार
🟡 3️⃣ तरंग
🔴 4️⃣ अपसरण
✔️ उत्तर: महासागरीय धारा
🟢 प्रश्न 4: ज्वार-भाटा का मुख्य कारण क्या है?
🟢 1️⃣ चन्द्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण
🔴 2️⃣ पवन का प्रभाव
🟡 3️⃣ वाष्पीकरण
🔴 4️⃣ लवणता
✔️ उत्तर: चन्द्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण
🔵 प्रश्न 5: महासागर की सतह पर बनने वाली लहरें किस कारण उत्पन्न होती हैं?
🟢 1️⃣ पवन की गति से
🔴 2️⃣ भूकंपीय गतिविधियों से
🟡 3️⃣ वर्षा से
🔴 4️⃣ घनत्व अंतर से
✔️ उत्तर: पवन की गति से
🟡 प्रश्न 6: महासागरीय धाराएं किस दिशा में बहती हैं?
🟢 1️⃣ घड़ी की दिशा में उत्तरी गोलार्ध में और विपरीत दिशा में दक्षिणी गोलार्ध में
🔴 2️⃣ दोनों गोलार्धों में विपरीत दिशा में
🟡 3️⃣ दोनों गोलार्धों में समान दिशा में
🔴 4️⃣ कोई निश्चित दिशा नहीं होती
✔️ उत्तर: घड़ी की दिशा में उत्तरी गोलार्ध में और विपरीत दिशा में दक्षिणी गोलार्ध में
🔴 प्रश्न 7: सबसे प्रसिद्ध गर्म धारा कौन-सी है?
🟢 1️⃣ गल्फ स्ट्रीम
🔴 2️⃣ लैब्राडोर धारा
🟡 3️⃣ ओयाशियो धारा
🔴 4️⃣ हम्बोल्ट धारा
✔️ उत्तर: गल्फ स्ट्रीम
🟢 प्रश्न 8: सबसे प्रसिद्ध ठंडी धारा कौन-सी है?
🟢 1️⃣ लैब्राडोर धारा
🔴 2️⃣ गल्फ स्ट्रीम
🟡 3️⃣ कुरोशियो धारा
🔴 4️⃣ उत्तरी विषुवतीय धारा
✔️ उत्तर: लैब्राडोर धारा
🔵 प्रश्न 9: ज्वार-भाटा की सबसे ऊँची अवस्था को क्या कहते हैं?
🟢 1️⃣ उच्च ज्वार
🔴 2️⃣ निम्न ज्वार
🟡 3️⃣ भाटा
🔴 4️⃣ अपवाह
✔️ उत्तर: उच्च ज्वार
🟡 प्रश्न 10: दो उच्च ज्वार और दो निम्न ज्वार की दैनिक घटना को क्या कहते हैं?
🟢 1️⃣ द्विदैनिक ज्वार
🔴 2️⃣ एकदैनिक ज्वार
🟡 3️⃣ मिश्रित ज्वार
🔴 4️⃣ अर्धवार्षिक ज्वार
✔️ उत्तर: द्विदैनिक ज्वार
🔴 प्रश्न 11: महासागरीय धाराओं को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक कौन-सा है?
🟢 1️⃣ पवन प्रणाली
🔴 2️⃣ पर्वत
🟡 3️⃣ चुम्बकीय क्षेत्र
🔴 4️⃣ लवणता
✔️ उत्तर: पवन प्रणाली
🟢 प्रश्न 12: ध्रुवीय क्षेत्रों से विषुवतीय क्षेत्रों की ओर बहने वाली धाराएं सामान्यतः —
🟢 1️⃣ ठंडी होती हैं
🔴 2️⃣ गर्म होती हैं
🟡 3️⃣ स्थिर होती हैं
🔴 4️⃣ मिश्रित होती हैं
✔️ उत्तर: ठंडी होती हैं
🧭 खण्ड B — लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक)
🔵 प्रश्न 13: महासागरीय जल संचलन क्या है?
🟢 उत्तर: महासागरीय जल संचलन महासागरों के जल का तरंगों, ज्वार-भाटा और धाराओं के रूप में गति करना है।
🟡 प्रश्न 14: महासागरीय जल संचलन के दो मुख्य घटक बताइए।
🟢 उत्तर: (1) सतही जल संचलन (धाराएं) (2) ऊर्ध्वाधर जल संचलन।
🔴 प्रश्न 15: ज्वार और भाटा में अंतर लिखिए।
🟢 उत्तर: ज्वार जल स्तर का ऊँचा होना है जबकि भाटा जल स्तर का घट जाना है।
🟢 प्रश्न 16: तरंगें क्या हैं?
🟢 उत्तर: पवन के प्रभाव से महासागर की सतह पर उत्पन्न होने वाली जल की लहरों को तरंगें कहते हैं।
🔵 प्रश्न 17: महासागरीय धाराओं के दो प्रकार बताइए।
🟢 उत्तर: (1) गर्म धाराएं (2) ठंडी धाराएं।
🟡 प्रश्न 18: महासागरीय धाराएं जलवायु को कैसे प्रभावित करती हैं?
🟢 उत्तर: गर्म धाराएं तापमान बढ़ाती हैं और ठंडी धाराएं इसे घटाती हैं, जिससे जलवायु प्रभावित होती है।
🔴 प्रश्न 19: गल्फ स्ट्रीम क्या है?
🟢 उत्तर: गल्फ स्ट्रीम उत्तरी अटलांटिक महासागर में पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली एक गर्म महासागरीय धारा है।
🟢 प्रश्न 20: लैब्राडोर धारा क्या है?
🟢 उत्तर: लैब्राडोर धारा उत्तरी अटलांटिक महासागर में आर्कटिक महासागर से दक्षिण की ओर बहने वाली ठंडी धारा है।
🌊 खण्ड C — मध्यम उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4 अंक)
🔵 प्रश्न 21: महासागरीय जल संचलन के प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर: महासागरीय जल संचलन के तीन मुख्य घटक होते हैं —
तरंगें: पवन के प्रभाव से उत्पन्न जल की सतही लहरें।
ज्वार-भाटा: सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण जल स्तर का ऊपर-नीचे होना।
महासागरीय धाराएं: जल का क्षैतिज प्रवाह जो जलवायु और नौवहन को प्रभावित करता है।
ये तीनों मिलकर महासागर में ऊर्जा, ऊष्मा और पोषक तत्वों के वितरण में योगदान देते हैं।
🟡 प्रश्न 22: महासागरीय धाराओं के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर: महासागरीय धाराओं के निर्माण में कई कारक भूमिका निभाते हैं —
पवन प्रणाली: व्यापारिक पवन और पश्चिमी पवन धाराओं को दिशा देते हैं।
तापमान और लवणता: घनत्व में अंतर जल के प्रवाह को उत्पन्न करता है।
पृथ्वी का घूर्णन: कोरिओलिस बल धाराओं की दिशा को प्रभावित करता है।
महाद्वीपीय तटरेखाएं: धाराओं के मार्ग को बदलती हैं।
ज्वार और जलस्तर: जल के संचलन में सहायक होते हैं।
🔴 प्रश्न 23: गर्म और ठंडी महासागरीय धाराओं के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
गर्म धाराएं: विषुवतीय क्षेत्र से ध्रुवीय क्षेत्र की ओर बहती हैं और तापमान बढ़ाती हैं। जैसे – गल्फ स्ट्रीम, कुरोशियो।
ठंडी धाराएं: ध्रुवीय क्षेत्र से विषुवतीय क्षेत्र की ओर बहती हैं और तापमान घटाती हैं। जैसे – लैब्राडोर, हम्बोल्ट।
गर्म धाराएं वर्षा को बढ़ाती हैं, जबकि ठंडी धाराएं शुष्कता उत्पन्न करती हैं।
🟢 प्रश्न 24: महासागरीय धाराओं के प्रभावों को समझाइए।
🟢 उत्तर:
जलवायु पर प्रभाव: गर्म धाराएं तापमान बढ़ाकर आर्द्रता बढ़ाती हैं, ठंडी धाराएं तापमान घटाकर शुष्कता लाती हैं।
नौवहन पर प्रभाव: धाराएं जहाजों की गति को प्रभावित करती हैं।
मत्स्य उद्योग: ठंडी धाराएं पोषक तत्वों को ऊपर लाकर मछली उत्पादन बढ़ाती हैं।
आर्थिक प्रभाव: तटीय क्षेत्रों की कृषि और व्यापार को प्रभावित करती हैं।
🔵 प्रश्न 25: ज्वार-भाटा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
द्विदैनिक ज्वार: प्रतिदिन दो उच्च और दो निम्न ज्वार।
एकदैनिक ज्वार: प्रतिदिन एक उच्च और एक निम्न ज्वार।
मिश्रित ज्वार: अनियमित उच्च और निम्न ज्वार।
स्प्रिंग ज्वार: सूर्य और चन्द्रमा के संयुक्त गुरुत्वाकर्षण से उच्चतम ज्वार।
नीप ज्वार: जब सूर्य और चन्द्रमा के बल विपरीत होते हैं तो न्यूनतम ज्वार।
🟡 प्रश्न 26: महासागरीय धाराएं और जलवायु के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
गर्म धाराएं तापमान और वर्षा बढ़ाकर तटीय क्षेत्रों को आर्द्र बनाती हैं।
ठंडी धाराएं तापमान घटाकर शुष्क परिस्थितियां उत्पन्न करती हैं।
धाराएं मानसूनी प्रवाह को प्रभावित करती हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण धाराओं की दिशा और तीव्रता में परिवर्तन से वैश्विक मौसम प्रणाली भी प्रभावित होती है।
🌊 खण्ड D — विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4.5 अंक)
🔴 प्रश्न 27: महासागरीय धाराओं के वैश्विक वितरण का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
महासागरीय धाराएं विषुवतीय क्षेत्र से ध्रुवों की ओर और ध्रुवों से विषुवतीय क्षेत्र की ओर बहती हैं।
प्रशांत महासागर: कुरोशियो (गर्म), ओयाशियो (ठंडी), उत्तरी विषुवतीय धारा।
अटलांटिक महासागर: गल्फ स्ट्रीम (गर्म), लैब्राडोर (ठंडी), कैनरी (ठंडी)।
हिन्द महासागर: मानसूनी धाराएं ऋतु के अनुसार दिशा बदलती हैं।
इनका वितरण पवन प्रणाली, पृथ्वी के घूर्णन, और तटरेखाओं द्वारा नियंत्रित होता है।
🟢 प्रश्न 28: महासागरीय धाराओं के आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व को स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
नौवहन: जहाजों की गति को प्रभावित कर ईंधन की बचत।
मत्स्य पालन: पोषक तत्वों को ऊपर लाकर मछलियों की वृद्धि।
जलवायु नियंत्रण: तापमान और वर्षा को नियंत्रित कर कृषि को प्रभावित करती हैं।
ऊर्जा संसाधन: ज्वार-भाटा से विद्युत उत्पादन।
पारिस्थितिकी तंत्र: समुद्री जीवन के वितरण में सहायक।
🔵 प्रश्न 29: ज्वार-भाटा की प्रक्रिया और उसके उपयोगों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
प्रक्रिया: सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से जल ऊपर-नीचे होता है। जब दोनों बल संयुक्त होते हैं तो उच्चतम ज्वार और विपरीत होने पर न्यूनतम ज्वार बनते हैं।
उपयोग:
बंदरगाहों में जल की गहराई बनाए रखना।
ज्वारीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन।
मत्स्य पालन और नौवहन में सहायक।
तटीय क्षेत्रों की सफाई में उपयोगी।
🟡 प्रश्न 30: महासागरीय जल संचलन का जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
धाराओं के परिवर्तन से तापमान और वर्षा पैटर्न बदलते हैं।
जलवायु असंतुलन और चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति बढ़ती है।
तटीय कृषि, मत्स्य पालन और नौवहन प्रभावित होते हैं।
वैश्विक ऊष्मा में वृद्धि से धाराओं की दिशा और तीव्रता में परिवर्तन आ सकता है।
मानव जीवन, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
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मस्तिष्क मानचित्र
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दृश्य सामग्री
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