Class 11, Geography (Hindi)

Class 11 : Geography (In Hindi) – Lesson 12. महासागरीय जल

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🌍 प्रस्तावना
पृथ्वी को “नीला ग्रह” कहा जाता है क्योंकि इसकी सतह का लगभग 71% भाग जल से ढका हुआ है। इस जल का लगभग 97% भाग महासागरों (Oceans) में पाया जाता है। महासागरीय जल न केवल पृथ्वी के जल चक्र का मूल है, बल्कि यह जलवायु, मौसम, तापमान, पोषण तंत्र और जीवन के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महासागरीय जल स्थिर नहीं है। यह निरंतर गतिशील है — बहता है, वाष्पित होता है, लवणता बदलता है, और तापमान में उतार-चढ़ाव करता है। महासागरों की यही विशेषता उन्हें पृथ्वी के जलवायु तंत्र का “नियामक” बनाती है।

🌊 महासागरीय जल का महत्त्व
📍 महासागरीय जल पृथ्वी और जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि:
☀️ यह सूर्य की ऊष्मा को संग्रहित और पुनर्वितरित करके जलवायु को संतुलित करता है।
🌦️ यह जलवाष्प उत्पन्न करके वर्षा और मौसम चक्र को प्रभावित करता है।
🐟 यह जैव विविधता और पारितंत्र के लिए आधार प्रदान करता है।
🚢 यह परिवहन, मत्स्य पालन और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण माध्यम है।
🪨 यह खनिज संसाधनों का प्रमुख स्रोत है।

🌐 महासागरीय जल की विशेषताएँ
महासागरीय जल की प्रमुख भौतिक और रासायनिक विशेषताएँ — तापमान, लवणता, घनत्व, पारदर्शिता और रंग — हैं। ये सभी विशेषताएँ जलवायु, अक्षांश, गहराई, वाष्पीकरण और नदियों के जलप्रवाह जैसे कारकों से प्रभावित होती हैं।

🌡️ 1. तापमान (Temperature)
📍 महासागरीय जल का तापमान सूर्य के विकिरण, अक्षांश, धाराओं और गहराई पर निर्भर करता है।
🔥 सतही तापमान
भूमध्यरेखा के निकट लगभग 27°C तक।
ध्रुवीय क्षेत्रों में लगभग -2°C से 0°C तक।


📊 तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक:
☀️ अक्षांश: भूमध्यरेखा पर अधिक तापमान।


🌊 महासागरीय धाराएँ: गर्म धाराएँ तापमान बढ़ाती हैं, ठंडी घटाती हैं।


🪸 गहराई: गहराई बढ़ने पर तापमान घटता है।


🌤️ ऋतु: गर्मियों में तापमान अधिक, सर्दियों में कम।


🏝️ स्थल और जल वितरण: महाद्वीपों के निकट तापमान अधिक परिवर्तनशील।


📍 जल स्तम्भ में तापमान तीन परतों में विभाजित होता है:
🌡️ ऊपरी मिश्रित परत: सतह से लगभग 200 मीटर तक।
🌡️ थर्मोक्लाइन परत: तापमान तेजी से घटता है (~200–1000 मीटर)।
❄️ गहरी परत: लगभग स्थिर और ठंडी (~0–4°C)।

🧂 2. लवणता (Salinity)
📚 लवणता महासागरीय जल में घुलित लवणों की मात्रा है। इसे प्रति हजार भागों में ‰ (प्रति हजार) में व्यक्त किया जाता है।
📊 औसत लवणता: लगभग 35‰ (अर्थात 1 किलोग्राम जल में 35 ग्राम लवण)।


📍 प्रमुख लवण:
सोडियम क्लोराइड (NaCl) – लगभग 77%
मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl₂)
सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄)
कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃)


📊 लवणता को प्रभावित करने वाले कारक:
☀️ वाष्पीकरण: अधिक वाष्पीकरण → अधिक लवणता।
🌧️ वर्षा: अधिक वर्षा → लवणता घटती है।
🏞️ नदियों का जल: ताजे जल के मिलाने से लवणता कम होती है।
🌊 महासागरीय धाराएँ: गर्म धाराएँ लवणता बढ़ाती हैं, ठंडी घटाती हैं।
🏝️ अक्षांश: उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लवणता अधिक (~37‰)।


📍 प्रमुख उदाहरण:
लाल सागर: ~41‰ (सबसे अधिक)
बाल्टिक सागर: ~8‰ (सबसे कम)

⚖️ 3. घनत्व (Density)
📚 घनत्व जल का प्रति इकाई आयतन भार है। यह तापमान, लवणता और दबाव पर निर्भर करता है।
📊 सामान्यतः:
तापमान घटने से घनत्व बढ़ता है।
लवणता बढ़ने से घनत्व बढ़ता है।
दबाव बढ़ने से घनत्व थोड़ा बढ़ता है।
📍 घनत्व के अंतर से महासागरीय जल का ऊर्ध्वाधर संचलन (Convection) और गहराई में प्रवाह प्रभावित होता है।

🌈 4. रंग और पारदर्शिता
📍 महासागरीय जल सामान्यतः नीला या नीला-हरा दिखाई देता है क्योंकि सूर्य की किरणें पानी में प्रवेश कर बिखरती हैं।
उथले जल में हरा रंग – पादप प्लवकों (Phytoplankton) की उपस्थिति के कारण।
गहरे जल में गहरा नीला।
📊 पारदर्शिता जल की स्वच्छता और प्रकाश के प्रवेश की गहराई को दर्शाती है। यह तलछट, सूक्ष्मजीव और प्रदूषण से प्रभावित होती है।

🌬️ 5. महासागरीय जल का संचलन
महासागरीय जल स्थिर नहीं है। यह विभिन्न प्रकार की गतियों से गुजरता है:
🌊 (A) सतही धाराएँ (Surface Currents)
पवनों के प्रभाव से उत्पन्न क्षैतिज गति।
गर्म और ठंडी धाराएँ तापमान और जलवायु को प्रभावित करती हैं।
📍 उदाहरण:
गर्म धाराएँ: गल्फ स्ट्रीम, कुरोशियो
ठंडी धाराएँ: लैब्राडोर, हम्बोल्ट

🌊 (B) ज्वार (Tides)
📚 ज्वार महासागरीय जल का नियमित उत्थान और पतन है, जो चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।
📊 प्रकार:
🌊 उच्च ज्वार: जल का स्तर ऊँचा।
🌊 निम्न ज्वार: जल का स्तर नीचा।
📍 ज्वार तटीय नौवहन, मत्स्य पालन और ज्वारीय ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

🌊 (C) तरंगें (Waves)
📚 तरंगें पवन के कारण महासागरीय जल की ऊपरी सतह की आवर्ती गति हैं।
वे तटों के अपरदन और निक्षेपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

🌊 (D) गहरे जल का संचलन (Deep Water Circulation)
📍 तापमान और घनत्व में अंतर के कारण जल का ऊर्ध्वाधर संचलन होता है जिसे थर्मोहैलाइन परिसंचरण कहते हैं।
यह वैश्विक महासागरीय परिवहन बेल्ट कहलाता है।

🌎 महासागरीय जल और जलवायु
महासागरीय जल पृथ्वी की जलवायु को निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित करता है:
☀️ ऊष्मा का वितरण: महासागरीय धाराएँ ऊष्मा को भूमध्यरेखा से ध्रुवों तक ले जाती हैं।
🌦️ वर्षा और आर्द्रता: जलवाष्प उत्पन्न कर मौसम और वर्षा को प्रभावित करता है।
🌀 चक्रवात: गर्म जल चक्रवातों की ऊर्जा का स्रोत होता है।
🌡️ तटीय जलवायु: समुद्र निकट क्षेत्रों का तापमान संतुलित रहता है।

🌊 महासागरीय जल के संसाधन
📍 महासागर मानव के लिए कई प्रकार के संसाधनों का स्रोत हैं:
🐟 जीव संसाधन: मछली, सीप, शैवाल।
🪨 खनिज संसाधन: नमक, मैग्नीशियम, मैंगनीज नोड्यूल।
🔋 ऊर्जा संसाधन: ज्वारीय ऊर्जा, लहर ऊर्जा।
🚢 परिवहन: अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 80% महासागर से।

🌏 महासागरीय जल से संबंधित पर्यावरणीय समस्याएँ
🏭 प्रदूषण: औद्योगिक अपशिष्ट और प्लास्टिक।
🌊 तेल रिसाव: समुद्री जीवन को नुकसान।
🐚 अतिमत्स्यन: जैव विविधता में कमी।
🌡️ महासागरीय अम्लीकरण: CO₂ अवशोषण से pH में कमी।
🧊 जलवायु परिवर्तन: महासागरों का तापमान और स्तर बढ़ रहा है।

📚 2. सारांश (300 शब्द)
महासागरीय जल पृथ्वी के जल का लगभग 97% हिस्सा है और यह जलवायु, मौसम, जल चक्र और पारितंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ तापमान, लवणता, घनत्व, रंग और पारदर्शिता हैं। तापमान अक्षांश, धाराओं और गहराई पर निर्भर करता है, जबकि औसत लवणता लगभग 35‰ होती है। घनत्व तापमान और लवणता से प्रभावित होता है।
महासागरीय जल स्थिर नहीं है; यह धाराओं, ज्वार, तरंगों और गहरे जल परिसंचरण के माध्यम से गतिशील रहता है। महासागरीय धाराएँ ऊष्मा को पुनर्वितरित करती हैं और जलवायु को संतुलित करती हैं। महासागर जीव, खनिज, ऊर्जा और परिवहन संसाधनों का प्रमुख स्रोत हैं। लेकिन प्रदूषण, अतिमत्स्यन और जलवायु परिवर्तन से महासागरों पर खतरा मंडरा रहा है।
महासागरीय जल पृथ्वी के जलवायु तंत्र का आधार है और इसका संरक्षण मानव सभ्यता के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।

⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (100 शब्द)
महासागरीय जल पृथ्वी के जल का लगभग 97% है और यह जलवायु, मौसम और जल चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ तापमान, लवणता और घनत्व हैं। औसत लवणता लगभग 35‰ होती है। महासागरीय जल धाराओं, ज्वार, तरंगों और गहरे जल परिसंचरण के माध्यम से गतिशील रहता है। महासागर ऊष्मा का वितरण करते हैं, जलवाष्प उत्पन्न करते हैं और संसाधनों के बड़े स्रोत हैं। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन महासागरों को प्रभावित कर रहे हैं।

————————————————————————————————————————————————————————————————————————————

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


📘 प्रश्न एवं उत्तर (प्रश्न और उत्तर साथ-साथ)

✨ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

🔵 प्रश्न (i): उस तत्व को पहचानें जो जलचक्र का भाग नहीं है —
🟢 (क) वाष्पीकरण
🔵 (ख) वाष्पोत्सर्जन
🟡 (ग) संघनन
🟣 (घ) संचयन
✅ उत्तर: 🟣 (घ) संचयन

🟡 प्रश्न (ii): महाद्वीपीय तट की औसत गहराई निम्नलिखित में से कितनी होती है —
🟢 (क) 2-20 मीटर
🔵 (ख) 20-200 मीटर
🟡 (ग) 200-2000 मीटर
🟣 (घ) 2000-20000 मीटर
✅ उत्तर: 🔵 (ख) 20-200 मीटर

🟢 प्रश्न (iii): निम्नलिखित में से कौन सी ऊँच-नीच आकृति महासागरों में नहीं पाई जाती है —
🟢 (क) समुद्री टीला
🔵 (ख) महासागरीय समतल
🟡 (ग) मध्य महासागरीय पर्वत
🟣 (घ) निम्न पर्वत
✅ उत्तर: 🟣 (घ) निम्न पर्वत

🟣 प्रश्न (iv): निम्न में से कौन सा सबसे छोटा महासागर है —
🟢 (क) हिंद महासागर
🔵 (ख) अटलांटिक महासागर
🟡 (ग) आर्कटिक महासागर
🟣 (घ) प्रशांत महासागर
✅ उत्तर: 🟡 (ग) आर्कटिक महासागर

🌊 प्रश्न (v): लवणता को प्रति 1000 ग्राम समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा से व्यक्त किया जाता है। यह औसतन कितनी होती है —
🟢 (क) 10 ग्राम
🔵 (ख) 100 ग्राम
🟡 (ग) 1,000 ग्राम
🟣 (घ) 35 ग्राम
✅ उत्तर: 🟣 (घ) 35 ग्राम

✏️ 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्दों में)

🌍 प्रश्न (i): हम पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?
🌱 उत्तर: पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग जल से ढका हुआ है, जिसमें महासागर सबसे बड़ा हिस्सा हैं। यही कारण है कि अंतरिक्ष से पृथ्वी नीली दिखाई देती है, इसलिए इसे “नीला ग्रह” कहा जाता है।

🌊 प्रश्न (ii): महाद्वीपीय सीमा क्या होती है?
🌱 उत्तर: महाद्वीपीय सीमा वह ढाल होती है जहाँ महाद्वीपीय तट धीरे-धीरे समुद्र में उतरता है। यह तटवर्ती उथले भाग से गहराई वाले महासागरीय भाग तक का संक्रमण क्षेत्र होता है।

🌎 प्रश्न (iii): विभिन्न महासागरों के सबसे गहरे गर्तों की सूची बनाइए।
🌱 उत्तर: प्रमुख महासागरीय गर्त निम्नलिखित हैं —
प्रशांत महासागर: मरियाना गर्त (11,022 मीटर)
अटलांटिक महासागर: प्यूर्टो रिको गर्त (8,648 मीटर)
हिंद महासागर: जावा गर्त (7,450 मीटर)
आर्कटिक महासागर: मोलॉय गर्त (5,607 मीटर)

🌡️ प्रश्न (iv): लवणता क्या है?
🌱 उत्तर: लवणता समुद्री जल में घुले हुए लवणों की कुल मात्रा को कहते हैं। इसे प्रति 1000 ग्राम जल में ग्राम के रूप में मापा जाता है और इसका औसत मान लगभग 35‰ (प्रति हजार) होता है।

🪐 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में)

🌊 प्रश्न (i): जलचक्र के विभिन्न तत्त्व किस प्रकार आपस में अंतर्संबंधित हैं?
🌱 उत्तर: जलचक्र पृथ्वी पर जल के निरंतर संचलन की प्रक्रिया है, जिसमें वाष्पीकरण, संघनन, वर्षा, अवशोषण, और निकासी जैसी प्रक्रियाएँ शामिल हैं। सूर्य की ऊर्जा महासागरों और अन्य जल निकायों से जल को वाष्पित करती है। यह जलवाष्प संघनित होकर बादलों का निर्माण करती है और वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिरती है। इसका कुछ भाग नदियों और झीलों में बहता है, कुछ भूमिगत जल बनता है, और शेष पुनः महासागरों में लौट आता है। यह निरंतर चक्र पृथ्वी के तापमान, जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखता है। जलचक्र महासागरों और स्थल दोनों में जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है।

🌡️ प्रश्न (ii): महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण कीजिए।
🌱 उत्तर: महासागरों का तापमान वितरण कई कारकों पर निर्भर करता है —
अक्षांश: विषुवत रेखा के पास तापमान अधिक और ध्रुवों पर कम होता है।
महासागरीय धाराएँ: गर्म धाराएँ तापमान बढ़ाती हैं जबकि ठंडी धाराएँ घटाती हैं।
गहराई: सतही जल गर्म और गहराई में ठंडा होता है।
मौसम और ऋतु: गर्मी में तापमान बढ़ता है, सर्दी में घटता है।
स्थल एवं समुद्र का वितरण: तटीय क्षेत्रों में तापमान कम उतार-चढ़ाव वाला होता है।
ये सभी कारक महासागरीय जल के ऊष्मा संतुलन को प्रभावित करते हैं और समुद्री जीवन तथा जलवायु प्रणालियों को नियंत्रित करते हैं।

————————————————————————————————————————————————————————————————————————————

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🌏 खण्ड A — वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक 1 अंक)

🔵 प्रश्न 1: पृथ्वी की सतह का लगभग कितना प्रतिशत भाग महासागरों द्वारा आच्छादित है?
🟢 1️⃣ लगभग 71%
🔴 2️⃣ लगभग 50%
🟡 3️⃣ लगभग 30%
🔴 4️⃣ लगभग 80%
✔️ उत्तर: लगभग 71%

🟡 प्रश्न 2: पृथ्वी पर कुल जल की मात्रा में महासागरों का योगदान लगभग कितना है?
🟢 1️⃣ लगभग 97%
🔴 2️⃣ लगभग 75%
🟡 3️⃣ लगभग 60%
🔴 4️⃣ लगभग 50%
✔️ उत्तर: लगभग 97%

🔴 प्रश्न 3: महासागरीय जल की औसत लवणता लगभग कितनी होती है?
🟢 1️⃣ लगभग 35‰
🔴 2️⃣ लगभग 50‰
🟡 3️⃣ लगभग 10‰
🔴 4️⃣ लगभग 5‰
✔️ उत्तर: लगभग 35‰

🟢 प्रश्न 4: महासागरीय जल में सर्वाधिक मात्रा में कौन-सा लवण पाया जाता है?
🟢 1️⃣ सोडियम क्लोराइड (NaCl)
🔴 2️⃣ मैग्नीशियम सल्फेट
🟡 3️⃣ कैल्शियम कार्बोनेट
🔴 4️⃣ पोटेशियम क्लोराइड
✔️ उत्तर: सोडियम क्लोराइड (NaCl)

🔵 प्रश्न 5: लवणता मापने की इकाई क्या है?
🟢 1️⃣ प्रति हजार (‰)
🔴 2️⃣ प्रतिशत (%)
🟡 3️⃣ ग्राम प्रति लीटर
🔴 4️⃣ पीपीएम
✔️ उत्तर: प्रति हजार (‰)

🟡 प्रश्न 6: महासागरीय जल की लवणता को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक कौन-सा है?
🟢 1️⃣ वाष्पीकरण और वर्षा
🔴 2️⃣ भूकंप
🟡 3️⃣ वायु दाब
🔴 4️⃣ पृथ्वी का झुकाव
✔️ उत्तर: वाष्पीकरण और वर्षा

🔴 प्रश्न 7: सबसे अधिक लवणता कहाँ पाई जाती है?
🟢 1️⃣ उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में
🔴 2️⃣ भूमध्य रेखा पर
🟡 3️⃣ ध्रुवीय क्षेत्रों में
🔴 4️⃣ गहरे समुद्र में
✔️ उत्तर: उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में

🟢 प्रश्न 8: समुद्री जल का औसत तापमान लगभग कितना होता है?
🟢 1️⃣ लगभग 17°C
🔴 2️⃣ लगभग 5°C
🟡 3️⃣ लगभग 30°C
🔴 4️⃣ लगभग 0°C
✔️ उत्तर: लगभग 17°C

🔵 प्रश्न 9: तापमान को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक कौन-सा है?
🟢 1️⃣ अक्षांश
🔴 2️⃣ गहराई
🟡 3️⃣ महासागरीय धाराएं
🔴 4️⃣ वायु दाब
✔️ उत्तर: अक्षांश

🟡 प्रश्न 10: महासागरीय जल का घनत्व मुख्यतः किन पर निर्भर करता है?
🟢 1️⃣ तापमान, लवणता और दाब पर
🔴 2️⃣ केवल तापमान पर
🟡 3️⃣ केवल गहराई पर
🔴 4️⃣ केवल अक्षांश पर
✔️ उत्तर: तापमान, लवणता और दाब पर

🔴 प्रश्न 11: समुद्री जल में लवणता बढ़ने से घनत्व —
🟢 1️⃣ बढ़ता है
🔴 2️⃣ घटता है
🟡 3️⃣ स्थिर रहता है
🔴 4️⃣ शून्य हो जाता है
✔️ उत्तर: बढ़ता है

🟢 प्रश्न 12: महासागरीय जल में तापमान की सामान्य प्रवृत्ति क्या है?
🟢 1️⃣ सतह से गहराई की ओर घटता है
🔴 2️⃣ गहराई से सतह की ओर घटता है
🟡 3️⃣ स्थिर रहता है
🔴 4️⃣ पहले घटता फिर बढ़ता है
✔️ उत्तर: सतह से गहराई की ओर घटता है


🧭 खण्ड B — लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक)

🔵 प्रश्न 13: महासागरीय जल क्या है?
🟢 उत्तर: महासागरीय जल वह खारा जल है जो पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग ढकता है और विभिन्न लवणों से युक्त होता है।

🟡 प्रश्न 14: महासागरीय जल में लवणता क्या है?
🟢 उत्तर: महासागरीय जल में घुले हुए लवणों की कुल मात्रा को प्रति हजार भागों में व्यक्त करने को लवणता कहते हैं।

🔴 प्रश्न 15: लवणता को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक लिखिए।
🟢 उत्तर: (1) वाष्पीकरण और वर्षा (2) नदियों द्वारा जल और खनिजों की आपूर्ति।

🟢 प्रश्न 16: लवणता के वितरण की सामान्य प्रवृत्ति क्या है?
🟢 उत्तर: लवणता भूमध्य रेखा पर कम, उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक और ध्रुवीय क्षेत्रों में न्यूनतम होती है।

🔵 प्रश्न 17: समुद्री जल के तापमान को प्रभावित करने वाले दो कारक बताइए।
🟢 उत्तर: (1) अक्षांश (2) महासागरीय धाराएं।

🟡 प्रश्न 18: तापमान और घनत्व के बीच क्या संबंध है?
🟢 उत्तर: तापमान बढ़ने पर घनत्व घटता है और तापमान घटने पर घनत्व बढ़ता है।

🔴 प्रश्न 19: घनत्व क्या है?
🟢 उत्तर: घनत्व किसी पदार्थ का द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन होता है; महासागरीय जल का घनत्व लवणता, तापमान और दाब पर निर्भर करता है।

🟢 प्रश्न 20: महासागरीय जल का औसत घनत्व कितना होता है?
🟢 उत्तर: महासागरीय जल का औसत घनत्व लगभग 1.027 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है।


🌊 खण्ड C — मध्यम उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4 अंक)

🔵 प्रश्न 21: महासागरीय जल की लवणता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर: महासागरीय जल की लवणता को कई प्राकृतिक कारक प्रभावित करते हैं —
वाष्पीकरण: अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में वाष्पीकरण अधिक होता है जिससे लवणता बढ़ती है।
वर्षा: अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में जल का पतला होना लवणता घटाता है।
नदियों का जल: नदियों द्वारा मीठा जल और खनिज लवणता को प्रभावित करते हैं।
हिमनदों का पिघलना: ध्रुवीय क्षेत्रों में हिमनदों के पिघलने से लवणता कम होती है।
महासागरीय धाराएं: गर्म और ठंडी धाराएं जल के मिश्रण से लवणता में परिवर्तन लाती हैं।

🟡 प्रश्न 22: महासागरीय जल के तापमान को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों को समझाइए।
🟢 उत्तर:
अक्षांश: भूमध्य रेखा के पास तापमान अधिक और ध्रुवों पर कम होता है।
गहराई: गहराई बढ़ने पर सूर्य का विकिरण कम होता है जिससे तापमान घटता है।
महासागरीय धाराएं: गर्म धाराएं तापमान बढ़ाती हैं और ठंडी धाराएं घटाती हैं।
मौसम और ऋतु: गर्मियों में तापमान अधिक और सर्दियों में कम रहता है।
वाष्पीकरण और बादल: वाष्पीकरण से तापमान बढ़ता है और बादल ढकने से घटता है।

🔴 प्रश्न 23: महासागरीय जल के घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
तापमान: तापमान घटने पर घनत्व बढ़ता है।
लवणता: अधिक लवणता से घनत्व अधिक होता है।
दाब: गहराई में दाब अधिक होने से घनत्व बढ़ता है।
जल मिश्रण: विभिन्न धाराओं के मिश्रण से भी घनत्व में परिवर्तन होता है।

🟢 प्रश्न 24: महासागरीय जल के तापमान का ऊर्ध्वाधर वितरण स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
महासागरीय जल के तापमान का ऊर्ध्वाधर वितरण तीन प्रमुख स्तरों में बाँटा जाता है —
ऊपरी परत: 0-500 मीटर तक, तापमान अधिक होता है।
संक्रमण परत (थर्मोक्लाइन): 500-1000 मीटर तक तापमान तेजी से घटता है।
गहरी परत: 1000 मीटर से नीचे तापमान स्थिर और बहुत कम (~0°C) रहता है।
यह वितरण अक्षांश, धाराओं और ऋतुओं के अनुसार भिन्न होता है।

🔵 प्रश्न 25: लवणता और तापमान के पारस्परिक संबंध को स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
अधिक तापमान से वाष्पीकरण बढ़ता है और लवणता भी अधिक होती है।
तापमान घटने से संघनन और पतला होना लवणता को घटाता है।
दोनों कारक मिलकर जल के घनत्व और महासागरीय धाराओं को प्रभावित करते हैं।
गर्म क्षेत्रों में लवणता सामान्यतः अधिक तथा ठंडे क्षेत्रों में कम होती है।

🟡 प्रश्न 26: महासागरीय जल में घनत्व के वितरण की सामान्य प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
सतह पर तापमान अधिक होने से घनत्व कम रहता है।
गहराई बढ़ने पर तापमान घटने और दाब बढ़ने से घनत्व बढ़ता है।
उपोष्ण कटिबंधों में लवणता अधिक होने से घनत्व भी अधिक होता है।
ध्रुवीय क्षेत्रों में कम तापमान के कारण घनत्व उच्चतम पाया जाता है।


🌊 खण्ड D — विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 4.5 अंक)

🔴 प्रश्न 27: महासागरीय जल की लवणता के वितरण और उसके वैश्विक पैटर्न का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
महासागरीय जल की लवणता क्षेत्रीय रूप से भिन्न होती है।
भूमध्य रेखा पर: अधिक वर्षा और नदी जल से लवणता अपेक्षाकृत कम होती है (~34‰)।
उपोष्ण कटिबंधों में: वाष्पीकरण अधिक होने से लवणता अधिक (~36‰) होती है।
ध्रुवीय क्षेत्रों में: हिमनदों के पिघलने से लवणता न्यूनतम (~30‰) होती है।
बंद सागरों में: वाष्पीकरण अत्यधिक होने से लवणता अत्यधिक (~40‰ से अधिक) हो सकती है।
यह वितरण जलवायु, धाराओं, नदी जल और हिमनदों पर निर्भर करता है और महासागरों की भौतिक विशेषताओं को निर्धारित करता है।

🟢 प्रश्न 28: महासागरीय जल के तापमान के वैश्विक वितरण और प्रभावों को समझाइए।
🟢 उत्तर:
भूमध्य रेखा पर सूर्य विकिरण के कारण तापमान सर्वाधिक (~27°C) होता है।
उपोष्ण कटिबंधों में तापमान घटकर लगभग 20°C और ध्रुवीय क्षेत्रों में लगभग 0°C तक होता है।
गहराई में तापमान घटता है और 1000 मीटर से नीचे लगभग स्थिर रहता है।
प्रभाव:
तापमान महासागरीय धाराओं की दिशा और गति को प्रभावित करता है।
यह समुद्री जैव विविधता, मत्स्य पालन और जलवायु को भी नियंत्रित करता है।

🔵 प्रश्न 29: महासागरीय जल के घनत्व का वैश्विक वितरण और उसका महत्व वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में तापमान अधिक होने से घनत्व कम होता है।
ध्रुवीय क्षेत्रों में तापमान कम और लवणता अधिक होने से घनत्व अधिक होता है।
गहराई में दाब बढ़ने से घनत्व बढ़ता है।
महत्त्व:
घनत्व महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति में सहायक होता है।
जल के ऊर्ध्वाधर संचलन और पोषक तत्वों के वितरण को प्रभावित करता है।
जलवायु और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

🟡 प्रश्न 30: महासागरीय जल के भौतिक गुणों का मानव जीवन और पर्यावरण पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
तापमान और लवणता मत्स्य पालन और समुद्री संसाधनों को प्रभावित करते हैं।
घनत्व जल संचलन और पोषक तत्वों के चक्र को नियंत्रित करता है।
महासागरों से होने वाला वाष्पीकरण वर्षा और जलवायु को प्रभावित करता है।
समुद्री जल की संरचना नौवहन, व्यापार और जलवायु पूर्वानुमान के लिए आवश्यक है।
यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और संसाधन प्रबंधन में भी सहायक है।

————————————————————————————————————————————————————————————————————————————

मस्तिष्क मानचित्र

————————————————————————————————————————————————————————————————————————————

दृश्य सामग्री

————————————————————————————————————————————————————————————————————————————

Leave a Reply