Class 11 : हिंदी साहित्य – Lesson 1. ईदगाह
संक्षिप्त लेखक परिचय
🖋️ प्रेमचंद – लेखक परिचय (120 शब्दों में):
प्रेमचंद हिंदी कथा-साहित्य के शिखर पुरुष माने जाते हैं। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के पास लमही गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, परंतु वे ‘प्रेमचंद’ नाम से प्रसिद्ध हुए। वे उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में समान रूप से दक्ष थे। प्रेमचंद ने समाज की सच्चाइयों, गरीबी, अन्याय, शोषण और नैतिक मूल्यों को अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से सजीव रूप में प्रस्तुत किया। उनकी भाषा सहज, सरस और जन-जीवन से जुड़ी होती थी। उन्होंने हिंदी साहित्य को यथार्थवाद की दिशा दी। उनके प्रमुख उपन्यास हैं – गोदान, गबन, सेवासदन, रंगभूमि आदि। 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हुआ। वे आज भी हिंदी साहित्य की आत्मा माने जाते हैं।
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पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔷 प्रस्तावना / कहानी का परिचय
📖 “ईदगाह” मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई अत्यंत मार्मिक एवं भावनात्मक कहानी है। यह कहानी पहली बार वर्ष 1933 में प्रकाशित हुई थी। इसमें एक अनाथ बालक हामिद के माध्यम से त्याग, प्रेम, संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल दी गई है।
🔶 🪔 कथानक व घटनाक्रम का संक्षेप
🌙 कहानी की शुरुआत रमज़ान के तीस रोजों के बाद ईद की सुबह से होती है। गांव में खुशी का माहौल है, सभी लोग नए कपड़े पहनकर ईदगाह की ओर जा रहे हैं।
👦 हामिद, चार-पाँच वर्ष का एक अनाथ बालक है, जो अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता है।
💭 हामिद को भ्रम है कि उसके अब्बाजान कमाने और अम्मीजान अल्लाह के घर गई हैं।
🟣 🎭 प्रमुख चरित्र-चित्रण
🧒 हामिद:
🔹 साहसी, दृढ़ निश्चयी
🔹 संयमी, संवेदनशील
🔹 अपने परिवार के प्रति समर्पित
🔹 आत्म-संयम की मिसाल
👵 अमीना:
🔸 गरीब, पर आत्मसम्मानी
🔸 ममत्व और स्नेह से भरी
🔸 ईद के दिन भी भूखी रहती है, लेकिन हामिद को भेजती है
🟢 🎡 मेले का चित्रण
🎯 बच्चे पहले नमाज़ पढ़ते हैं – सामाजिक समता का भाव
🧸 मेले में: मिट्टी के खिलौने, मिठाइयाँ, झूले
🧒 बच्चे अपनी पसंदीदा चीज़ें खरीदते हैं, परंतु हामिद तीन पैसे बचा लेता है
🔵 🔥 चिमटे की खरीद
🛠️ हामिद एक लोहार की दुकान से चिमटा खरीदता है
🔹 कारण – दादी की उंगलियाँ तवे से जलती थीं
🔹 साथी उसका मज़ाक उड़ाते हैं, पर वह तर्क देता है कि:
✅ चिमटा नहीं टूटेगा
✅ उपयोगी है
✅ साहसी हथियार भी है (वह कल्पना करता है!)
🟡 🏡 घर वापसी व भावनात्मक अंत
👵 दादी पहले नाराज़ होती है
🧒 परंतु जब हामिद चिमटा देते हुए कहता है —
🗨️ “तुम्हारी उंगलियाँ जल जाती थीं… इसलिए खरीदा…”
💧 दादी की आंखें भर आती हैं — प्यार उमड़ पड़ता है
🟤 🗣️ भाषा-शैली
🖋️ सरल, संवेदनशील, चित्रात्मक
🖋️ पात्रानुकूल भाषा
🖋️ मुहावरे, संवाद व भावनात्मक अपील से परिपूर्ण
🔴 🌍 सामाजिक संदेश
📌 धर्म का उद्देश्य – मेल-जोल, समरसता
📌 गरीबी में भी आत्मगौरव और सहानुभूति
📌 छोटे बच्चों में भी सामाजिक जिम्मेदारी
🟢 🌱 मानवीय मूल्य
💗 त्याग
💗 ममता
💗 सेवा
💗 संवेदनशीलता
💗 विवेक
🟣 📌 निष्कर्ष (250 शब्दों में)
🔶 🎯 मुख्य संदेश और शिक्षा
✅ सच्चा प्रेम और त्याग, किसी भी भौतिक वस्तु से अधिक मूल्यवान होता है
✅ प्रेमचंद ने दिखाया कि – अभाव इंसान को परिपक्व बनाते हैं
✅ हामिद अपनी इच्छाओं को दबाकर दादी की भलाई के लिए सोचता है
🔷 🧠 बाल मनोविज्ञान की सुंदर झलक
🧒 बच्चा अपनी उम्र से कहीं अधिक बुद्धिमत्ता व सहानुभूति दिखाता है
💭 मेले में अपने मन को नियंत्रित करना
💭 सही निर्णय लेना — ये सभी मनोवैज्ञानिक गहराई दर्शाते हैं
🔴 🏡 सामाजिक संदर्भ में
🌾 यह कहानी ग्रामीण मुस्लिम जीवन की सजीव झलक प्रस्तुत करती है
🎉 त्योहार सबके लिए खुशी का अवसर नहीं होता – गरीबों के लिए यह चुनौती है
❤️ लेकिन संवेदनशीलता और प्रेम, हर कठिनाई पर विजय पा लेते हैं
🔵 📚 साहित्यिक उत्कृष्टता
✍️ मुंशी प्रेमचंद ने इस रचना में बाल मन, सामाजिक यथार्थ और भावनात्मक बौद्धिकता का अद्भुत संगम किया है
✨ यही कारण है कि “ईदगाह” आज भी उतनी ही प्रासंगिक, प्रेरणास्पद और कालजयी है
🌟 “ईदगाह” हामिद की कहानी नहीं, हर उस व्यक्ति की कहानी है जो दूसरों की खुशी के लिए अपनी इच्छाओं का त्याग करता है।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1
‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है।
🟢 उत्तर:
ईद के दिन गाँव में आनंद और उत्सव का दृश्य छाया है। लोग रमजान के रोजों के बाद ईदगाह जाने को उत्सुक हैं। बच्चों की टोली तैयारियों में मग्न है – कोई सुई-धागा ढूंढ रहा है, कोई जूते में तेल डाल रहा है, कोई बैल को जल्दी से चारा दे रहा है। पेड़, पक्षी, नदी भी जैसे इस खुशी में भागीदार हैं। हर कोने में ईद की रौनक छा गई है।
🔵 प्रश्न 2
‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा…’ इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश विपरीत परिस्थितियों में भी प्रेरणा देता है।
🟢 उत्तर:
जब जीवन में अंधकार छा जाता है, तब आशा की छोटी-सी किरण भी मनुष्य को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। हामिद अकेला है, माता-पिता नहीं हैं, फिर भी वह उत्साहित है। वह अपनी दादी के लिए सोचता है, दूसरों के बारे में सोचता है। यही आशा उसे कमजोर नहीं होने देती और विपत्तियों में भी उसे संबल देती है।
🔵 प्रश्न 3
‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें…’ – इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
गाँव के लोग पर्व मनाने के लिए चौधरी पर निर्भर हैं। यदि चौधरी खुश हो तो ईद है, नाराज हो तो शोक का वातावरण। यही कारण है कि लेखक कहता है – अगर चौधरी आज नाराज हो जाए, तो ईद का आनंद मुहर्रम के गम में बदल सकता है।
🔵 प्रश्न 4
‘मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।’ – इस कथन के माध्यम से धर्म की एकता स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
नमाज़ के समय सभी लोग एक पंक्ति में, बिना भेदभाव के खड़े होते हैं। सब एक साथ झुकते हैं, उठते हैं – यह दृश्य दर्शाता है कि धर्म विभाजन नहीं करता, बल्कि सभी को जोड़ता है। यह भाईचारे की भावना को प्रकट करता है।
🔵 प्रश्न 5
निम्नलिखित वाक्यों की सरल व्याख्या कीजिए—
(क) कई बार यह क्रिया होती है…
(ख) बुढ़िया का क्रोध…
🟢 उत्तर:
🔹 (क) नमाज़ पढ़ते समय लोगों की एकता और सामूहिकता, आत्मिक मेल की प्रतीक है।
🔹 (ख) अमीना का क्रोध स्नेह से भरा होता है – वह गुस्सा नहीं, प्रेम का एक तरीका है।
🔵 प्रश्न 6
हामिद ने चिमटे की उपयोगिता सिद्ध करने हेतु क्या तर्क दिए?
🟢 उत्तर:
🔹 चिमटा गिरने से नहीं टूटता – टिकाऊ है।
🔹 दादी खुश होंगी – उन्हें आशीर्वाद मिलेगा।
🔹 खिलौनों की जगह यह उपयोगी वस्तु है – जिससे दादी की सेवा हो सके।
🔵 प्रश्न 7
अपने घर और विद्यालय के बीच पड़ने वाले स्थलों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
मेरे घर से विद्यालय की दूरी 3 किमी है। रास्ते में सब्जी मंडी, मंदिर, कचौरी की दुकान, खेल के मैदान और पार्क आते हैं। वहाँ बच्चे खेलते हैं। अंत में विद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुँचता हूँ।
🔵 प्रश्न 8
‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था…’ – इस कथन की व्याख्या कीजिए।
🟢 उत्तर:
हामिद उम्र से बच्चा था पर सोच से बुजुर्ग। उसने चिमटा खरीदकर अपनी दादी के लिए संवेदनशीलता दिखाई। दूसरी ओर अमीना, उसकी मासूम भक्ति पर भावुक होकर बच्ची जैसी प्रतिक्रिया देती है – यही लेखक का संकेत है।
🔵 प्रश्न 9
‘हामिद इसका रहस्य क्या समझता’ – लेखक ऐसा क्यों कहता है?
🟢 उत्तर:
हामिद मासूम है, उसे नहीं पता कि उसके माता-पिता मर चुके हैं। जब दादी उसकी भावनात्मक भेंट देखकर रोती है, वह उसकी गहराई नहीं समझ पाता। यह उसकी मासूमता और अमीना की ममता का सुंदर चित्र है।
🔵 प्रश्न 10
यदि हामिद की जगह आप होते, तो क्या करते?
🟢 उत्तर:
मैं शायद खिलौने खरीदता – हामिद जैसा सोच पाना मुश्किल है। वह समझदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक है। उसकी सोच बहुत बड़ी है – दूसरों के लिए सोचना, अपने आनंद का त्याग करना सबके बस की बात नहीं।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🌟 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – प्रत्येक 1 अंक
🔸 प्रश्न 1: हामिद के मित्रों के नाम क्या थे?
(क) महमूद, मोहसिन, सम्मी, नूरे
(ख) अहमद, रहीम, करीम, नासिर
(ग) अली, हसन, हुसैन, उमर
(घ) फारूक, उस्मान, यूसुफ, इब्राहीम
✔️ उत्तर: (क) महमूद, मोहसिन, सम्मी, नूरे
🔸 प्रश्न 2: हामिद के पास ईदगाह जाने के लिए कितने पैसे थे?
(क) पाँच पैसे
(ख) छह पैसे
(ग) तीन पैसे
(घ) आठ पैसे
✔️ उत्तर: (ग) तीन पैसे
🔸 प्रश्न 3: गांव से ईदगाह की दूरी कितनी थी?
(क) दो कोस
(ख) तीन कोस
(ग) चार कोस
(घ) पाँच कोस
✔️ उत्तर: (ख) तीन कोस
🔸 प्रश्न 4: हामिद ने अपने चिमटे की तुलना किससे की थी?
(क) तलवार से
(ख) बंदूक से
(ग) भाले से
(घ) तीर से
✔️ उत्तर: (ख) बंदूक से
🔸 प्रश्न 5: कहानी में चौधरी का नाम क्या था?
(क) चौधरी रहीम अली
(ख) चौधरी कायम अली
(ग) चौधरी नसीम अली
(घ) चौधरी करीम अली
✔️ उत्तर: (ख) चौधरी कायम अली
🟢 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer) – प्रत्येक 2 अंक
❓ प्रश्न 1: हामिद के माता-पिता की मृत्यु कैसे हुई थी?
✅ उत्तर: हामिद के पिता की मृत्यु हैजे से और माता की मृत्यु अज्ञात बीमारी से हुई। उसकी माँ चुपचाप अपनी पीड़ा सहती रही और चल बसी।
❓ प्रश्न 2: अमीना ने हामिद को माता-पिता के बारे में क्या बताया था?
✅ उत्तर: अमीना ने झूठ कहा कि उसके अब्बा रुपये लाने बाहर गए हैं और अम्मी अल्लाह मियाँ के पास से उपहार लाएँगी, ताकि हामिद दुखी न हो।
❓ प्रश्न 3: हामिद के मित्रों ने मेले में कौन-कौन से खिलौने खरीदे?
✅ उत्तर: मोहसिन ने भिश्ती, महमूद ने सिपाही, नूरे ने वकील, और सम्मी ने धोबी का खिलौना लिया।
❓ प्रश्न 4: हामिद ने चिमटे के कौन-कौन से फायदे गिनाए?
✅ उत्तर: चिमटा न टूटे, बंदूक बन जाए, आग-पानी से लड़े और दादी की मदद करे — ये सभी फायदे बताए।
❓ प्रश्न 5: नमाज के दौरान ईदगाह का दृश्य कैसा था?
✅ उत्तर: एकता से भरा दृश्य था — सभी समान रूप से नमाज पढ़ रहे थे, अमीर-गरीब सभी पंक्तियों में साथ खड़े थे।
🟡 3. मध्यम उत्तरीय प्रश्न (Medium Length) – प्रत्येक 4 अंक
🔶 प्रश्न 1: हामिद के चरित्र में बालपन और समझदारी दोनों कैसे दिखाई देते हैं?
✨ उत्तर: हामिद में बाल सुलभ उत्साह और वयस्क जैसी बुद्धिमत्ता है। बच्चों के साथ खुश होकर वह मेले जाता है पर पैसे सोच-समझकर खर्च करता है। दादी के लिए चिमटा खरीदना उसके त्याग और परिपक्वता को दर्शाता है।
🔶 प्रश्न 2: कहानी में गरीबी और अमीरी का चित्रण किस प्रकार किया गया है?
✨ उत्तर: हामिद और अमीना की गरीबी को फटे कपड़े, कम पैसे और उनकी जरूरतों से दर्शाया गया है, जबकि अमीर लोग तांगे और मोटर से आते हैं। प्रेमचंद ने आर्थिक भिन्नता को मानवीय संवेदना से जोड़ा है।
🔶 प्रश्न 3: ईदगाह में त्यौहार का माहौल कैसा था और उसका सामाजिक महत्व क्या था?
✨ उत्तर: पूरा गांव रौनक से भर गया था। लोग तैयारियों में व्यस्त थे। बच्चों की खुशी और ईदगाह में सभी का एक साथ नमाज पढ़ना सामाजिक एकता का संदेश देता है।
🔶 प्रश्न 4: हामिद और अमीना के रिश्ते को प्रेम व त्याग के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
✨ उत्तर: अमीना हामिद को झूठी खुशियाँ देती है, और हामिद अपनी इच्छाओं को त्याग कर दादी के लिए चिमटा खरीदता है। यह रिश्ता सच्चे प्रेम और त्याग का प्रतीक है।
🔴 4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Detailed Question) – 6 अंक
🔷 प्रश्न: ‘ईदगाह’ में निहित सामाजिक एवं मानवीय मूल्यों को आज के संदर्भ में समझाइए।
🔶 उत्तर:
🔹 सामाजिक मूल्य:
✔️ धार्मिक एकता – नमाज में समानता
✔️ गरीबी-अमीरी का भेद – पर गरिमा में अंतर नहीं
✔️ सामूहिक उल्लास – त्योहार सभी को जोड़ता है
🔹 मानवीय मूल्य:
💖 निस्वार्थ प्रेम – हामिद का त्याग
👵 पारिवारिक बंधन – अमीना का मातृत्व
🧠 बाल मनोविज्ञान – परिस्थितियों को समझने की क्षमता
🔹 आज की प्रासंगिकता:
📉 आर्थिक विषमता आज भी बनी है
👴 बुजुर्गों की उपेक्षा पर चेतावनी
🕊️ धार्मिक सहिष्णुता का संदेश – बहुत महत्वपूर्ण
🔹 निष्कर्ष:
👉 प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ कालजयी रचना है, जो आज भी समाज को प्रेम, त्याग, संवेदना और भाईचारे का अमूल्य पाठ पढ़ाती है।
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अतिरिक्त ज्ञान
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दृश्य सामग्री
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It’s very motivated aap