Class 11, HINDI COMPULSORY

Class 11 : हिंदी अनिवार्य – Lesson 11 घर की याद भवानी प्रसाद

संक्षिप्त लेखक परिचय

📘 लेखक परिचय — भवानी प्रसाद मिश्र


🔵 भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च 1913 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के टिगरिया गाँव में हुआ था।
🟢 प्रारंभिक शिक्षा सोहागपुर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर एवं जबलपुर में हुई।
🟡 1934–35 में उन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी एवं संस्कृत विषयों के साथ बी.ए. की उपाधि प्राप्त की।
🔴 महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर वे 1942 में राजस्व विरोधी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार हुए।
🟢 1945 में रिहा होने के बाद उन्होंने वर्धा स्थित महिलाश्रम में शिक्षण कार्य किया।

🟡 कविताएँ लिखना उन्होंने लगभग 1930 से आरंभ किया, जहाँ ‘गीत-फरोश’ जैसी रचनाएँ तत्काल लोकप्रिय हुईं।
🔵 वे ‘दूसरे सप्तक’ के कवियों में अग्रणी के रूप में प्रसिद्ध हुए और ‘बुनी हुई रस्सी’ (1972) पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा बाद में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
🔴 उनकी रचनाएँ यथार्थपूर्ण, सहज भाषा में गाँधीवादी नैतिकता एवं मानवीय संवेदना का समन्वय प्रस्तुत करती हैं।
🟢 20 फ़रवरी 1985 को उनका निधन नरसिंहपुर में हुआ, पर उनका साहित्य आज भी सरलता एवं सच्चाई का आदर्श है।

💠 प्रमुख कृतियाँ:
गीत-फरोश (1941), बुनी हुई रस्सी (1971), त्रिकाल संध्या (1978)

💠 सम्मान:
साहित्य अकादमी पुरस्कार (1972), पद्मश्री (1973)

💠 विचारधारा:
गाँधीवादी, सरलता, सामाजिक संवेदना

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पाठ का विश्लेषण  एवं  विवेचन


📖 कविता का परिचय
🌧️ ‘घर की याद’ भवानी प्रसाद मिश्र की एक मार्मिक रचना है जो कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग-1’ में संकलित है। यह कविता कवि ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण तीन वर्ष की जेल-यात्रा के दौरान रची थी। एक सावन की रात तेज़ बारिश के बीच कवि को अपने घर-परिवार की गहरी याद आती है, और वह पीड़ा शब्दों के रूप में इस कविता में बहती है।

🌦️ कविता का सारांश
💧 बारिश और स्मृतियाँ
🌙 “आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है” – पूरी रात चल रही तेज़ बारिश कवि को घर की यादों से भर देती है।
❤️ “प्राण मन घिरता रहा है” – बारिश उसके मन और प्राण को स्मृतियों में डुबो देती है।
🏠 “घर नज़र में तिर रहा है” – कवि की आंखों के सामने उसका घर तैरता हुआ प्रतीत होता है।
✨ “घर कि मुझसे दूर है जो, घर खुशी का पूर है जो” – वह घर जो अब दूर है, खुशियों का खज़ाना है।

👨‍👩‍👧‍👦 परिवार की याद
🪵 “घर कि घर में चार भाई, मायके में बहिन आई” – कवि सोचता है कि घर में चार भाई हैं और बहन सावन में राखी बांधने मायके आई होगी।
😔 “हाय रे परिताप के घर!” – पर उसकी अनुपस्थिति ने घर को खुशियों से दुख का घर बना दिया होगा।
💪 “चार भाई चार बहिन, भुजा भाई प्यार बहिन” – भाई शक्ति और सहारे का प्रतीक हैं और बहनें प्रेम का।

🤱 माँ की ममता
📝 “और माँ बिन-पढ़ी मेरी, दुःख में वह गढ़ी मेरी” – कवि की अनपढ़ माँ ही उसकी सबसे बड़ी शिक्षक रही है।
😌 “माँ कि जिसकी गोद में सिर, रख लिया तो दुख नहीं फिर” – माँ की गोद में सिर रखने से हर दुख दूर हो जाता है।
💖 “माँ कि जिसकी स्नेह-धारा, का यहाँ तक भी पसारा” – माँ का स्नेह जेल तक पहुंच जाता है।
📜 “उसे लिखना नहीं आता, जो कि उसका पत्र पाता” – माँ को लिखना नहीं आता, इसलिए पत्र नहीं मिलते।

🧓 पिता का चित्रण
🦁 “बूढ़े हैं पर बूढ़े नहीं, शेर से कम कूबड़े नहीं” – पिता भले ही वृद्ध हैं, पर ऊर्जा और साहस से परिपूर्ण हैं।
😂 “खेल करते किलकते हैं, बाल-श्रेणी में मिलते हैं” – वे बच्चों की तरह खिलखिलाते हैं।
🔊 “मुट्ठियाँ भर पंजे हैं उनके, और आवाज़ें गरज की तनके” – उनकी आवाज़ गर्जना जैसी है।
📖 “रोज़ गीता खोलते हैं, मन्त्रों के जल में बोलते हैं” – वे रोज़ गीता पढ़ते और मंत्रों का जाप करते हैं।
😭 “और गीता पर रखें सिर, भीग जाता प्रभु का फीर” – पुत्र-वियोग में उनकी आंखें नम हो जाती हैं।

🙏 माँ का सांत्वना संदेश
🤲 “माँ कि मुझ पर हक़ जताती, बाप को समझाती” – माँ पिता को ढांढस बंधाती है।
🇮🇳 “कह रही होगी कि सुनो, वह नहीं करता तो अपनों में क्या मुँह लेकर दिखाते” – वह कहती है कि बेटा देश के लिए न लड़ता तो हमें शर्मिंदा होना पड़ता।
💪 “हमें कुछ छू न पाता” – कोई कठिनाई हमें डिगा नहीं सकती।

✉️ कवि का संदेश और संवेदना
🌧️ “मैं कहूँगा सावन को, लिख रहा हूँ नाम को” – कवि सावन से संदेश भेजने को कहता है।
🙂 “मैं कुशल हूँ, पर कहीं यह बात कह कुछ और” – वह कहता है कि वह कुशल है, पर सच्चाई छिपाने के लिए।
😔 “पर नहीं है नींद मुझको, याद है घर की बड़ी” – लेकिन नींद नहीं आती, घर की याद सताती है।
🤐 “पर नहीं यह बात पिता को, कह देना तुम याद से” – यह बात पिता को नहीं बतानी।
😊 “पर कहो यह उनको जाकर, हँस रहा हूँ रात-दिन में” – उन्हें कह देना कि वह खुश है।

🎯 कविता का संदेश
🇮🇳 देश-प्रेम और त्याग: कवि ने देश के लिए अपने परिवार और सुखों का त्याग किया। माता-पिता भी देशभक्ति में सहभागी हैं।
👨‍👩‍👧‍👦 परिवार का महत्व: परिवार जीवन की सबसे बड़ी खुशी और भावनात्मक शक्ति है।
💖 माँ का अनन्य प्रेम: माँ का प्रेम निस्वार्थ और सुरक्षा देने वाला होता है।
🦁 पिता का साहस और भावुकता: पिता बाहर से कठोर पर अंदर से भावुक होते हैं।
🤫 संवेदनशीलता और त्याग: कवि अपनी पीड़ा छिपाकर परिवार को दुखी नहीं करना चाहता।

🎨 काव्य सौंदर्य
✍️ भाषा शैली: सरल, सहज और बोलचाल की भाषा; गद्यात्मकता में भी काव्यात्मकता झलकती है।
💫 अलंकार:
मानवीकरण: सावन को संदेशवाहक बनाना।
रूपक: “भुजा भाई प्यार बहिन”।
यमक: “बस” शब्द का बार-बार प्रयोग।

🌦️ प्रतीक और बिंब:
बारिश – स्मृतियों को जगाने वाली।
घर – प्रेम और खुशी का प्रतीक।
माँ की गोद – सुरक्षा और शांति का प्रतीक।
सावन – संदेशवाहक का प्रतीक।

🏁 निष्कर्ष
‘घर की याद’ स्वतंत्रता सेनानियों की पीड़ा, परिवार के प्रति गहन प्रेम और देशभक्ति का अद्भुत संगम है। भवानी प्रसाद मिश्र ने सहज शब्दों में उस भावना को अभिव्यक्त किया है जो हर व्यक्ति अपने परिवार से दूर रहकर महसूस करता है। कविता हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने परिवार की खुशियाँ त्यागकर ही देश को आज़ादी दिलाई। यह रचना आज भी संवेदनशीलता, त्याग, मातृ-पितृ प्रेम और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देती है।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

🟠 प्रश्न 1: पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के गिरने में परस्पर क्या संबंध है?
🔵 उत्तर: कवि ने पानी के रात भर गिरने की घटना को प्राण और मन के गिरने से जोड़कर एक गहरी संवेदना व्यक्त की है। जैसे रातभर लगातार वर्षा होती रहती है, वैसे ही कवि के मन में भी निरंतर स्मृतियों, भावनाओं और उदासी की वर्षा होती रहती है। यह संबंध इस बात का प्रतीक है कि बाहरी प्राकृतिक घटनाएँ मनुष्य की आंतरिक स्थिति का प्रतिबिंब होती हैं। कवि का मन घर की याद में इतना डूबा है कि उसकी हर संवेदना उस बरसात की तरह निरंतर और अविराम बहती रहती है।

🟠 प्रश्न 2: मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को परिताप का घर क्यों कहा है?
🔵 उत्तर: कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ इसलिए कहा है क्योंकि वहाँ अनेक प्रकार की संवेदनाएँ, स्मृतियाँ और दुःख के भाव जुड़े हुए हैं। मायके आई बहन के लिए यह घर बचपन, स्नेह और प्रेम का स्थान है, पर साथ ही वह जीवन के संघर्षों और बिछोह की यादों से भी भरा है। घर में पुनः लौटने पर बीते हुए समय की स्मृतियाँ उसे भावुक कर देती हैं और इस प्रकार घर सुख के साथ-साथ दुःख और करुणा का भी केंद्र बन जाता है।

🟠 प्रश्न 3: पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
🔵 उत्तर: कविता में पिता को एक सशक्त, जिम्मेदार और संवेदनशील व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वे परिवार के आधार और मार्गदर्शक हैं, जिनके स्नेह, अनुशासन और त्याग से घर का अस्तित्व बना हुआ है। पिता की उपस्थिति घर में सुरक्षा, स्थिरता और अनुशासन की भावना को जन्म देती है। वे केवल परिवार के संरक्षक ही नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों के संवाहक और प्रेरणा स्रोत भी हैं।

🟠 प्रश्न 4: निम्नलिखित पंक्तियों में बस शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए।
🔵 उत्तर: ‘बस’ शब्द का प्रयोग यहाँ अनेक भावों को व्यक्त करने के लिए किया गया है। कभी यह शब्द सीमितता और स्थिरता का बोध कराता है, तो कभी संपूर्णता और अंतिमता का संकेत देता है। “मैं मजे में हूँ बस यही है” में यह शब्द वर्तमान स्थिति को स्वीकार करने की भावना को दर्शाता है, जबकि “घर नहीं हूँ बस यही है” में यह कमी और अभाव को प्रकट करता है। इसी तरह “बस बड़ा बस है” में इसका अर्थ अत्यधिक और विस्तृत है। इस प्रकार ‘बस’ शब्द कविता में बहुअर्थी प्रयोग के माध्यम से गहराई और संवेदना प्रदान करता है।

🟠 प्रश्न 5: कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है?
🔵 उत्तर: कविता की अंतिम पंक्तियों से स्पष्ट होता है कि कवि अपनी गहरी भावनात्मक पीड़ा, अकेलापन और घर की स्मृतियों से उपजे दुख को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है। वह नहीं चाहता कि उसके प्रियजन उसकी व्यथा और अंतर्मन की उदासी को जानें, इसलिए वह स्वयं को सामान्य और संतुलित दिखाने का प्रयास करता है। वास्तव में उसके भीतर घर की याद, परिवार से दूरी और स्नेह के अभाव की पीड़ा तीव्र रूप से विद्यमान है, जिसे वह दूसरों के सामने प्रकट नहीं करना चाहता।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🔵 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
🟢 प्रश्न 1
कवि ने यह कविता किस स्थान पर लिखी?
🟣 1. घर पर बैठकर
🔵 2. जेल (कारावास) में
🟢 3. विदेश में
🟡 4. पहाड़ पर
✅ उत्तर: 2. जेल (कारावास) में

🟢 प्रश्न 2
कवि को घर की याद किस मौसम में आई?
🟣 1. गर्मी के मौसम में
🔵 2. शीत ऋतु में
🟢 3. सावन की बारिश में
🟡 4. बसंत ऋतु में
✅ उत्तर: 3. सावन की बारिश में

🟢 प्रश्न 3
कवि के घर में कितने भाई और कितनी बहनें हैं?
🟣 1. तीन भाई और तीन बहनें
🔵 2. चार भाई और चार बहनें
🟢 3. पाँच भाई और तीन बहनें
🟡 4. दो भाई और दो बहनें
✅ उत्तर: 2. चार भाई और चार बहनें

🟢 प्रश्न 4
कवि की माँ में क्या विशेषता थी?
🟣 1. वे बहुत पढ़ी-लिखी थीं
🔵 2. वे अनपढ़ थीं लेकिन स्नेहमयी थीं
🟢 3. वे कठोर थीं
🟡 4. वे बहुत धनी थीं
✅ उत्तर: 2. वे अनपढ़ थीं लेकिन स्नेहमयी थीं

🟢 प्रश्न 5
कवि ने सावन से क्या आग्रह किया है?
🟣 1. जल्दी बरसो
🔵 2. मेरे घर जाकर माता-पिता को मेरी कुशलता का संदेश दो
🟢 3. बरसना बंद करो
🟡 4. खूब तेज बरसो
✅ उत्तर: 2. मेरे घर जाकर माता-पिता को मेरी कुशलता का संदेश दो

🔵 लघु उत्तरीय प्रश्न
🟠 प्रश्न 6
कवि ने अपने घर को परिताप का घर क्यों कहा?
💠 उत्तर: कवि के जेल में होने से घर में खुशियों का वातावरण समाप्त हो गया है। सभी परिवार वाले कवि की चिंता और दुख में डूबे हैं, इसलिए कवि ने अपने घर को परिताप का घर कहा।

🟠 प्रश्न 7
कवि के पिता की क्या विशेषता थी?
💠 उत्तर: कवि के पिता बुढ़ापे में भी मन से युवा थे। वे हंसमुख, धार्मिक, निडर और जीवंत व्यक्ति थे। मौत का भी उन्हें कोई भय नहीं था।

🟠 प्रश्न 8
कवि की माँ पत्र क्यों नहीं लिख सकती थीं?
💠 उत्तर: कवि की माँ अनपढ़ थीं इसलिए वे पत्र नहीं लिख सकती थीं। यह बात कवि को बहुत दुख देती है क्योंकि वे माँ से संवाद नहीं कर सकते।

🟠 प्रश्न 9
बारिश का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ा?
💠 उत्तर: रात भर बारिश होने से कवि के मन में घर और परिजनों की यादें घिर आईं। उन्हें अपने माता-पिता, भाई-बहनों और घर के खुशहाल पलों की याद आ गई।

🟠 प्रश्न 10
कवि अपने माता-पिता को क्या झूठा संदेश देना चाहते हैं?
💠 उत्तर: कवि चाहते हैं कि सावन उनके माता-पिता को यह संदेश दे कि वे जेल में मस्त और खुश हैं ताकि उनके माता-पिता चिंतित न हों।

🔵 मध्यम उत्तरीय प्रश्न
🔴 प्रश्न 11
कवि के माता-पिता की देशभक्ति की भावना को स्पष्ट कीजिए।
🔷 उत्तर: कवि के माता-पिता दोनों देशभक्त थे। उन्होंने अपने पुत्र को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था। माँ कहती हैं कि यदि पुत्र देश के लिए कुछ न करता तो उन्हें लज्जित होना पड़ता। पिता भी धैर्यवान हैं; कठिन परिस्थिति में उनका मनोबल बना रहता है। वे दुखी अवश्य होते हैं, आँखें नम हो जाती हैं, पर देश-सेवा के मार्ग पर बेटे का साथ देते हैं।

🔴 प्रश्न 12
कवि ने अपने परिवार के सदस्यों का वर्णन किस प्रकार किया है?
🔷 उत्तर: परिवार में चार भाई और चार बहनें हैं। भाई भुजाओं की तरह एक-दूसरे का सहारा हैं और बहनें प्रेम की मूर्ति हैं। विवाहिता बहन मायके आई होगी और भाई को न पाकर व्यथित होगी। माँ अनपढ़ होते हुए भी उनकी गोद शांति देती है; उनका स्नेह जेल तक पहुँचता है। पिता बुढ़ापे में भी युवा-मन, धार्मिक, निडर और गीता-पाठी हैं—कवि उनके पाँचवें पुत्र हैं जिन पर उन्हें गर्व है।

🔴 प्रश्न 13
कविता में कवि की किन मनोदशाओं का चित्रण हुआ है?
🔷 उत्तर: वियोग, घर-परिजनों की चिंता, अपराध-बोध और साथ ही देशभक्ति का दृढ़ संकल्प। सावन की वर्षा स्मृतियों को जगा देती है; कवि व्याकुल है कि उसके कारण घर दुखी है, फिर भी वह चाहता है कि माता-पिता तक उसकी पीड़ा न पहुँचे—इसलिए झूठा आश्वासन भेजने को कहता है।

🔵 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
🟣 प्रश्न 14
‘घर की याद’ कविता का केंद्रीय भाव और इसकी भावात्मक विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
🔶 उत्तर: यह कविता स्वतंत्रता-आंदोलन की पृष्ठभूमि में जेल से लिखी गई वियोग-गीतिका है, जिसका केंद्रीय भाव—घर-परिवार के प्रति गहरा लगाव, मातृ-पितृ स्नेह, भाई-बहनों का अपनापन और देश-कर्तव्य के कारण उत्पन्न विरह—है। सावन की वर्षा स्मृतियों का द्वार खोलती है: स्नेहमयी पर अनपढ़ माँ, निडर और धार्मिक पिता, आठ संतानों का मिलन-सुख—सब दृश्य बनकर उभरते हैं। ‘परिताप का घर’ कहकर कवि घर के सामूहिक दुख को रूप देता है, फिर भी अंत में वह सावन से माता-पिता को आश्वस्त करने का संदेश दिलवाना चाहता है—यह उसके संवेदन, त्याग और जिम्मेदारी-बोध का संकेत है। सरल, बोलचाल की भाषा, पुनरुक्ति और आत्मकथ्यात्मकता कविता को मार्मिक बनाती है।

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अतिरिक्त ज्ञान

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दृश्य सामग्री

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