Class 10, Social Science (Hindi)

Class 10 : Social Science (In Hindi) – Lesson 9. कृषि

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन



🔴 विस्तृत व्याख्या
🟢 परिचय
🌾 कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यहाँ 50% से अधिक जनसंख्या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि केवल अन्न–उत्पादन ही नहीं, बल्कि औद्योगिक कच्चा माल, निर्यात, रोजगार और ग्रामीण संस्कृति का भी प्रमुख आधार है। विविध स्थलरूप, जलवायु और मृदा प्रकारों ने भारतीय कृषि को विविध और विशिष्ट बनाया है।


🟡 भारतीय कृषि की विशेषताएँ
🔹 मानसून–आश्रित — वर्षा के असमान वितरण से उत्पादन में क्षेत्रीय अंतर।
🔹 परंपरागत पद्धतियाँ — छोटे खेत, मानव–और पशु–शक्ति पर आधारित।
🔹 मिश्रित खेती व बहुफसली प्रणाली — खेतों में एक से अधिक फसलें।
🔹 भूमि स्वामित्व का असमान वितरण।
🔹 हाल के दशकों में यांत्रिकीकरण, उर्वरक व सिंचाई विस्तार।


🔴 कृषि के प्रकार
🔵 आद्र (Intensive) निर्वाह कृषि — छोटे भूखंड, अधिक श्रम, पारिवारिक आवश्यकताओं हेतु; गंगा–ब्रह्मपुत्र घाटी, तटीय क्षेत्र।
🟡 व्यापक (Extensive) वाणिज्यिक कृषि — बड़े खेत, यंत्रों का प्रयोग, बाज़ार हेतु उत्पादन; पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश।
🔴 फसल चक्र व मिश्रित खेती — मृदा उर्वरता बनाए रखने हेतु।
🟢 पशुपालन व मत्स्य पालन — कृषि का पूरक।


🟣 प्रमुख खाद्य फसलें
🔸 धान — वर्षा–प्रधान, गर्म व आर्द्र जलवायु, पश्चिमी घाट, असम, बंगाल, उत्तर प्रदेश।
🔸 गेहूँ — शीत ऋतु, समशीतोष्ण जलवायु, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश।
🔸 मक्का — ग्रीष्म व खरीफ दोनों मौसम, कर्नाटक, बिहार।
🔸 ज्वार व बाजरा — शुष्क क्षेत्रों में, कम वर्षा सहनशील।


🟠 नकदी फसलें
🔹 गन्ना — उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक।
🔹 कपास — काली मृदा क्षेत्र (महाराष्ट्र, गुजरात)।
🔹 चाय व कॉफी — चाय (असम, दार्जिलिंग), कॉफी (कर्नाटक, केरल)।
🔹 तिलहन व मसाले — राजस्थान, गुजरात, केरल।


🟤 हरित क्रांति
🔸 उच्च उत्पादकता किस्में (HYV), रासायनिक उर्वरक, सिंचाई व यंत्रीकरण से गेहूँ व धान उत्पादन में वृद्धि।
🔸 हरित क्रांति से खाद्यान्न आत्मनिर्भरता मिली, परन्तु क्षेत्रीय असमानता, पर्यावरणीय दबाव और छोटे किसानों पर ऋण–भार बढ़ा।


🟩 सिंचाई और कृषि सुधार
🔹 सिंचाई विस्तार — नहरें, ट्यूबवेल, कुएँ।
🔹 भूमि सुधार — जमींदारी उन्मूलन, भू–सीमा निर्धारण।
🔹 सहकारी संस्थाएँ, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व कृषि ऋण योजनाएँ।
🔹 जैविक खेती और सतत कृषि तकनीकें।


🟧 कृषि पर प्राकृतिक व मानव निर्मित चुनौतियाँ
🔸 असमान वर्षा, सूखा–बाढ़, मृदा अपरदन।
🔸 रासायनिक उर्वरकों के अति–उपयोग से मृदा की उर्वरता घट रही।
🔸 जलवायु परिवर्तन से तापमान और वर्षा–पैटर्न अस्थिर।
🔸 छोटे व सीमांत किसानों की आय अस्थिर।


🟪 आधुनिक पहलें
🔹 फसल बीमा योजना, ई–NAM (राष्ट्रीय कृषि बाज़ार)।
🔹 ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिस्टम।
🔹 जलवायु–अनुकूल बीज व जैविक खेती।
🔹 ग्रामीण भंडारण व कोल्ड स्टोरेज।


🟦 कृषि का औद्योगिक व वैश्विक महत्व
🔹 वस्त्र उद्योग के लिए कपास व जूट।
🔹 चीनी उद्योग के लिए गन्ना।
🔹 चाय, कॉफी व मसाले भारत के प्रमुख निर्यात।
🔹 कृषि–आधारित उद्योग ग्रामीण विकास को बढ़ावा देते हैं।


🟫 निष्कर्ष
🌾 कृषि केवल अन्न–उत्पादन नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता, रोजगार और पर्यावरणीय संतुलन की कुंजी है। आधुनिक तकनीक, जल प्रबंधन, बाजार सुधार, जैविक पद्धतियाँ और किसानों की सुरक्षा योजनाएँ अपनाकर ही सतत कृषि संभव है।

📝 सारांश (~200 शब्द)
🔵 कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आधी से अधिक आबादी इसकी आजीविका पर निर्भर है। मानसून–आश्रित और छोटे खेतों वाली परंपरागत प्रणाली से लेकर आधुनिक यंत्रीकरण व हरित क्रांति तक कृषि ने लंबा सफर तय किया है। धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा प्रमुख खाद्य फसलें हैं; गन्ना, कपास, चाय, कॉफी, तिलहन व मसाले नकदी फसलें हैं। हरित क्रांति ने उत्पादन व आत्मनिर्भरता बढ़ाई, पर क्षेत्रीय असमानता और पर्यावरणीय दबाव भी लाए। सिंचाई विस्तार, भूमि सुधार, सहकारी समितियाँ व न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के सहारे बने। असमान वर्षा, जलवायु परिवर्तन, मृदा ह्रास और किसानों की आय अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। आधुनिक उपाय—ड्रिप सिंचाई, फसल बीमा, ई–NAM व जैविक खेती—सतत कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🔹 कृषि = भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़।
🔹 प्रमुख खाद्य फसलें = धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा।
🔹 नकदी फसलें = गन्ना, कपास, चाय, कॉफी, तिलहन, मसाले।
🔹 हरित क्रांति = उच्च उत्पादन, क्षेत्रीय असमानता व पर्यावरणीय दबाव।
🔹 सिंचाई, भूमि सुधार, MSP, सहकारी संस्थाएँ = कृषि सुधार।
🔹 चुनौतियाँ = जलवायु परिवर्तन, मृदा ह्रास, आय अस्थिरता।
🔹 आधुनिक उपाय = ड्रिप सिंचाई, जैविक खेती, ई–NAM, बीमा।
🔹 निष्कर्ष = सतत कृषि हेतु तकनीक, जल प्रबंधन व किसानों की सुरक्षा योजनाएँ ज़रूरी।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🟡 प्रश्न 1 — बहुविकल्पीय प्रश्न
🟠 प्रश्न (i): निम्नलिखित में से कौन-सा वह कृषि प्रणाली है जिसमें एक ही फसल लंबे–चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?
🔵 1. स्थानांतरित कृषि
🟢 2. रोपण कृषि
🟡 3. वाणिज्यिक
🔴 4. गहन कृषि
🟣 उत्तर: 2 — रोपण कृषि


🟠 प्रश्न (ii): इनमें से कौन-सी रबी फसल है?
🔵 1. चावल
🟢 2. चना
🟡 3. मोटे अनाज
🔴 4. कपास
🟣 उत्तर: 2 — चना


🟠 प्रश्न (iii): इनमें से कौन-सी एक तिलहन फसल है?
🔵 1. चाय
🟢 2. मोटे अनाज
🟡 3. ज्वार
🔴 4. तिल
🟣 उत्तर: 4 — तिल

🟡 प्रश्न 2 — लगभग 30 शब्दों में उत्तर दें
🟠 प्रश्न (i): एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसके उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।
🟢 उत्तर: चाय — गर्म और आर्द्र जलवायु, 150–250 सेमी वर्षा, ढलानदार भूमि, छायादार वृक्ष, और अम्लीय मृदा। मुख्य क्षेत्र — असम, दार्जिलिंग, केरल।


🟠 प्रश्न (ii): भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैद की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें।
🟢 उत्तर: धान — अधिक वर्षा (100 सेमी+), गर्म व आर्द्र जलवायु। मुख्य क्षेत्र — पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब।


🟠 प्रश्न (iii): सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ।
🟢 उत्तर:
🔹 जमींदारी उन्मूलन।
🔹 भू–सीमा निर्धारण।
🔹 सहकारी समितियाँ व कृषि ऋण।
🔹 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)।
🔹 फसल बीमा योजना व ई–NAM।

🟡 प्रश्न 3 — लगभग 120 शब्दों में उत्तर दें
🟠 प्रश्न (i): कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए सुधारों का विवरण दें।
🟢 उत्तर: सरकार ने हरित क्रांति (उच्च उत्पादकता बीज, उर्वरक, सिंचाई), भूमि सुधार (जमींदारी उन्मूलन, भू–सीमा निर्धारण), सहकारी समितियाँ व कृषि ऋण योजनाएँ लागू कीं। फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों की आय सुरक्षा बढ़ी। ई–NAM से डिजिटल विपणन व पारदर्शी मूल्य–निर्धारण संभव हुआ। ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीकें और कृषि विस्तार सेवाएँ उत्पादकता में सहायक बनीं।


🟠 प्रश्न (ii): चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।
🟢 उत्तर: धान उगाने हेतु गर्म और आर्द्र जलवायु चाहिए। वर्षा 100–200 सेमी, तापमान 25°–30°C उपयुक्त। ढलानदार भूमि या समतल मैदान उपयुक्त हैं। सिंचाई सुविधाओं वाले क्षेत्र जैसे पंजाब व हरियाणा में कम वर्षा होने पर भी सिंचित धान उगाया जाता है। गादयुक्त दोमट मृदा सर्वोत्तम मानी जाती है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🟡 अनुभाग A — बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक प्रत्येक)
🟠 प्रश्न 1: भारत में किसे “खरीफ फसल” कहा जाता है?
🔵 1. गेहूँ
🟢 2. चावल
🟡 3. चना
🔴 4. जौ
🟣 उत्तर: 2 — चावल


🟠 प्रश्न 2: भारत की मुख्य रबी फसल कौन-सी है?
🔵 1. कपास
🟢 2. गेहूँ
🟡 3. मक्का
🔴 4. चाय
🟣 उत्तर: 2 — गेहूँ


🟠 प्रश्न 3: कपास किस प्रकार की मृदा में उगती है?
🔵 1. काली मृदा
🟢 2. जलोढ़ मृदा
🟡 3. लाल मृदा
🔴 4. बलुई मृदा
🟣 उत्तर: 1 — काली मृदा


🟠 प्रश्न 4: चाय उगाने के लिए आदर्श तापमान कितना है?
🔵 1. 10–15°C
🟢 2. 20–30°C
🟡 3. 5–10°C
🔴 4. 35–40°C
🟣 उत्तर: 2 — 20–30°C


🟠 प्रश्न 5: हरित क्रांति सबसे पहले किस फसल में सफल रही?
🔵 1. चाय
🟢 2. गेहूँ
🟡 3. कपास
🔴 4. मक्का
🟣 उत्तर: 2 — गेहूँ


🟠 प्रश्न 6: कौन-सी फसल को “नकदी फसल” कहा जाता है?
🔵 1. कपास
🟢 2. गेहूँ
🟡 3. मोटे अनाज
🔴 4. धान
🟣 उत्तर: 1 — कपास

🟠 प्रश्न 7: चावल की खेती के लिए न्यूनतम वर्षा कितनी चाहिए?
🔵 1. 25 सेमी
🟢 2. 50 सेमी
🟡 3. 100 सेमी
🔴 4. 10 सेमी
🟣 उत्तर: 3 — 100 सेमी


🟠 प्रश्न 8: भारत में कॉफी का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन-सा है?
🔵 1. उत्तर प्रदेश
🟢 2. कर्नाटक
🟡 3. राजस्थान
🔴 4. बिहार
🟣 उत्तर: 2 — कर्नाटक


🟠 प्रश्न 9: ज्वार को किस प्रकार का अनाज माना जाता है?
🔵 1. मोटा अनाज
🟢 2. दलहन
🟡 3. तिलहन
🔴 4. पेय फसल
🟣 उत्तर: 1 — मोटा अनाज


🟠 प्रश्न 10: रोपण कृषि किसके लिए प्रसिद्ध है?
🔵 1. चाय और कॉफी
🟢 2. गेहूँ और जौ
🟡 3. धान और बाजरा
🔴 4. मक्का और चना
🟣 उत्तर: 1 — चाय और कॉफी


🟠 प्रश्न 11: पवनचक्की से कौन-सा कार्य किया जाता है?
🔵 1. सिंचाई
🟢 2. पवन ऊर्जा उत्पादन
🟡 3. उर्वरक निर्माण
🔴 4. बाढ़ नियंत्रण
🟣 उत्तर: 2 — पवन ऊर्जा उत्पादन


🟠 प्रश्न 12: भारत में दलहन की सर्वाधिक उत्पादकता किस राज्य में है?
🔵 1. मध्य प्रदेश
🟢 2. राजस्थान
🟡 3. तमिलनाडु
🔴 4. असम
🟣 उत्तर: 1 — मध्य प्रदेश


🟠 प्रश्न 13: फसल चक्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🔵 1. मृदा उर्वरता बनाए रखना
🟢 2. उत्पादन घटाना
🟡 3. अधिक श्रम लगाना
🔴 4. सिंचाई घटाना
🟣 उत्तर: 1 — मृदा उर्वरता बनाए रखना


🟠 प्रश्न 14: भारत में गन्ने का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन-सा है?
🔵 1. उत्तर प्रदेश
🟢 2. राजस्थान
🟡 3. गुजरात
🔴 4. केरल
🟣 उत्तर: 1 — उत्तर प्रदेश


🟠 प्रश्न 15: भारत में जूट का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन-सा है?
🔵 1. असम
🟢 2. पश्चिम बंगाल
🟡 3. ओडिशा
🔴 4. बिहार
🟣 उत्तर: 2 — पश्चिम बंगाल


🟠 प्रश्न 16: भारत में “मसालों की भूमि” किसे कहा जाता है?
🔵 1. केरल
🟢 2. तमिलनाडु
🟡 3. कर्नाटक
🔴 4. आंध्र प्रदेश
🟣 उत्तर: 1 — केरल


🟠 प्रश्न 17: बाजरा मुख्यतः किस प्रकार की जलवायु में उगता है?
🔵 1. आर्द्र व ठंडी
🟢 2. शुष्क व गर्म
🟡 3. अत्यधिक वर्षायुक्त
🔴 4. पर्वतीय
🟣 उत्तर: 2 — शुष्क व गर्म


🟠 प्रश्न 18: भारत की कृषि प्रणाली का आधार क्या है?
🟣 उत्तर: मानसून–आश्रित वर्षा और विविध मृदा व स्थलरूप भारतीय कृषि प्रणाली का आधार हैं।

🟡 अनुभाग B — लघु उत्तर (2–3 अंक)
🟠 प्रश्न 19: हरित क्रांति के दो महत्त्वपूर्ण प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 खाद्यान्न उत्पादन में तीव्र वृद्धि।
🔹 उर्वरक, रसायन व सिंचाई पर निर्भरता बढ़ी, जिससे पर्यावरणीय दबाव बढ़ा।


🟠 प्रश्न 20: भारत की दो प्रमुख तिलहन फसलें लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 तिल और सरसों।


🟠 प्रश्न 21: जमींदारी उन्मूलन ने भारतीय कृषि को कैसे प्रभावित किया?
🟢 उत्तर:
🔹 किसानों को भूमि स्वामित्व मिला।
🔹 उत्पादन में स्थिरता और कृषि सुधार के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ।


🟠 प्रश्न 22: बाजरा की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ क्या हैं?
🟢 उत्तर:
🔹 शुष्क और गर्म जलवायु, 50–75 सेमी वर्षा।
🔹 रेतीली या कम उर्वरता वाली मृदा।


🟠 प्रश्न 23: भारत में कपास उत्पादन का एक प्रमुख क्षेत्र बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 महाराष्ट्र और गुजरात की काली मृदा पट्टी।

🟣 अनुभाग C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
🟠 प्रश्न 24: चाय और कॉफी की खेती के लिए भौगोलिक परिस्थितियों की तुलना कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔹 चाय — गर्म व आर्द्र जलवायु, 150–250 सेमी वर्षा, ढलानदार भूमि।
🔹 कॉफी — छायादार ढलान, मध्यम वर्षा (150–200 सेमी), हल्की अम्लीय मृदा।
🔹 दोनों को पाले से मुक्त और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु चाहिए।


🟠 प्रश्न 25: सहकारी समितियों का कृषि में दो योगदान बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 किसानों को सस्ती ऋण सुविधा व बीज–उर्वरक उपलब्ध कराना।
🔹 विपणन और संग्रहण की सामूहिक व्यवस्था।


🟠 प्रश्न 26: सरकार द्वारा अपनाई गई दो आधुनिक कृषि तकनीकें बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर प्रणाली।
🔹 ई–NAM (राष्ट्रीय कृषि बाज़ार) द्वारा डिजिटल विपणन।


🟠 प्रश्न 27: खाद्य फसलों और नकदी फसलों में अंतर लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 खाद्य फसलें — सीधे भोजन हेतु (उदा. धान, गेहूँ)।
🔹 नकदी फसलें — औद्योगिक कच्चा माल या निर्यात हेतु (उदा. कपास, गन्ना)।


🟠 प्रश्न 28: भारतीय कृषि के दो प्रमुख संकटों का उल्लेख कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔹 मानसून–आश्रितता और असमान वर्षा।
🔹 मृदा उर्वरता में कमी और छोटे भूखंड।

🔶 अनुभाग D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
🟠 प्रश्न 29: हरित क्रांति की उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 उपलब्धियाँ — खाद्यान्न आत्मनिर्भरता, गेहूँ व धान उत्पादन में वृद्धि, सिंचाई विस्तार, आधुनिक तकनीक का प्रसार।
🔹 चुनौतियाँ — क्षेत्रीय असमानता (पंजाब, हरियाणा तक सीमित), रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक का अति–प्रयोग, छोटे किसानों पर ऋण–भार, मृदा–जल प्रदूषण।


🟠 प्रश्न 30: भारत की दो नकदी फसलें और उनका औद्योगिक महत्व लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 कपास — वस्त्र उद्योग का आधार।
🔹 गन्ना — चीनी, गुड़ व एथेनॉल उत्पादन।


🟠 प्रश्न 31: कृषि उत्पादन में सुधार हेतु तीन सरकारी योजनाओं का वर्णन करें।
🟢 उत्तर:
🔹 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना।
🔹 फसल बीमा योजना।
🔹 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना।

🟠 अनुभाग E — केस/स्रोत आधारित प्रश्न (5 अंक)
🟠 प्रश्न 32 (स्थितिजन्य): यदि किसी क्षेत्र में सूखा पड़ता है, तो किसानों को मदद के लिए तीन उपाय सुझाइए।
🟢 उत्तर:
🔹 फसल बीमा व राहत पैकेज प्रदान करना।
🔹 जल संरक्षण तकनीकें (वर्षा जल संचयन, ड्रिप सिंचाई)।
🔹 वैकल्पिक फसलें या पशुपालन प्रोत्साहन।


🟠 प्रश्न 33 (स्रोताधारित): स्रोत के अनुसार, भारत में दलहन उत्पादन बढ़ाना क्यों ज़रूरी है और इसके दो लाभ बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 कारण — दलहन प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है और मृदा में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है।
🔹 लाभ — (1) पोषण सुरक्षा में योगदान। (2) रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता घटती है।

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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति

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स्मृति संकेत

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भ्रांति /वास्तविकता

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मजा भी , ज्ञान भी

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मस्तिष्क मानचित्र

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