Class 10 : Social Science (In Hindi) – Lesson 22. उपभोक्ता अधिकार
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔴 विस्तृत व्याख्या
🟢 1) प्रस्तावना : उपभोक्ता क्यों संरक्षित हो?
🌾 अर्थव्यवस्था में हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है। वस्तु/सेवा खरीदते समय सूचना की कमी, भ्रामक विज्ञापन, मिलावट, गलत तौल-माप, अनुचित संविदा शर्तें और बिक्री के बाद सेवा में ढिलाई जैसे जोखिम बने रहते हैं। इसलिए उपभोक्ता संरक्षण आवश्यक है, ताकि लेन-देन न्यायसंगत, पारदर्शी और सुरक्षित बने।
🟡 2) उपभोक्ता अधिकारों की अवधारणा
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार उपभोक्ता के मूल अधिकार—
1️⃣ सुरक्षा का अधिकार : स्वास्थ्य/जीवन के लिए ख़तरनाक उत्पादों व सेवाओं से सुरक्षा।
2️⃣ जानकारी का अधिकार : वस्तु/सेवा की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), निर्माण/उत्पादन-समाप्ति तिथि, बैच-नंबर, वारंटी-गारंटी का स्पष्ट उल्लेख।
3️⃣ विकल्प का अधिकार : प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अवसर।
4️⃣ सुनवाई का अधिकार : शिकायत को समय पर सुना जाना और निष्पक्ष ढंग से निपटान।
5️⃣ निवारण का अधिकार : धनवापसी/बदलाव/क्षतिपूर्ति/दोष-सुधार आदि का अधिकार।
6️⃣ उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार : अधिकारों-कर्तव्यों व सावधानियों की जानकारी पाना।
🟠 3) मानक-चिह्न व गुणवत्ता आश्वासन
🧪 गुणवत्ता पहचानने के प्रमुख संकेतक—
🔹 ISI (मानक चिह्न, औद्योगिक उत्पाद),
🔹 AGMARK (कृषि/खाद्य उत्पाद),
🔹 FSSAI लाइसेंस संख्या (खाद्य सुरक्षा),
🔹 BIS प्रमाणन,
🔹 ऊर्जा दक्षता स्टार-रेटिंग।
ये चिह्न उपभोक्ता को बता देते हैं कि उत्पाद निर्धारित मानकों पर परखा गया है।
🟣 4) बिल/पैकेजिंग पर किन बातों को जाँचें?
📦 खरीद से पहले/बाद हमेशा—
🟢 वैध कैश मेमो/बीजक लें, जिसमें वस्तु का नाम, मात्रा, दर, कर, कुल मूल्य, विक्रेता का विवरण हो।
🟢 पैकेजिंग पर MRP, निर्माण-तिथि, समाप्ति-तिथि, शुद्ध मात्रा, निर्माता/आयातक का पता देखें।
🟢 विद्युत/इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में वारंटी-गारंटी कार्ड और सेवा-केन्द्र की जानकारी रखें।
🟢 खाद्य पदार्थ में घटक-सूची, शुद्धता, एलर्जेन चेतावनी और FSSAI संख्या जाँचें।
🟤 5) अनुचित व्यापार आचरण व भ्रामक विज्ञापन
⚠️ गलत दावे, छूट का भ्रम, बारीक अक्षरों में प्रतिकूल शर्तें, नकली/मिलावटी उत्पाद, गलत तौल-माप—ये सब अनुचित व्यापार आचरण हैं। अधिनियम, 2019 ने भ्रामक विज्ञापन पर दंड का प्रावधान किया है; निर्माता-आपूर्तिकर्ता व समर्थक-प्रचारक तक उत्तरदायी हो सकते हैं।
🟧 6) उत्पाद दायित्व (Product Liability)
🔧 यदि किसी दोषपूर्ण उत्पाद/सेवा से उपभोक्ता को हानि हो, तो उत्पाद दायित्व के अंतर्गत निर्माता/विक्रेता/सेवा-प्रदाता पर क्षतिपूर्ति का दायित्व बनता है—भले ही अनुबंध में विपरीत शर्तें लिखी हों।
🟨 7) उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र
⚖️ तीन-स्तरीय उपभोक्ता आयोग—
1️⃣ जिला उपभोक्ता आयोग
2️⃣ राज्य उपभोक्ता आयोग
3️⃣ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग
मुद्दे का मूल्य/क्षेत्राधिकार के अनुसार वाद दायर होता है। अधिनियम में ई-दाखिल जैसी सुविधा, मध्यस्थता का प्रावधान, समूह वाद (समान हितों वाले उपभोक्ताओं की संयुक्त याचिका) भी उपलब्ध है।
🟩 8) ई-वाणिज्य में उपभोक्ता संरक्षण
💻 ऑनलाइन खरीद में—
🟢 विक्रेता/बाज़ार-स्थल का पूर्ण पता, वापसी-नीति, वितरण समय, शिकायत तंत्र पढ़ें।
🟢 ऑर्डर-आईडी, भुगतान-रसीद, चैट/ईमेल-स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।
🟢 नकली-समीक्षाओं से सावधान रहें; विश्वसनीय रेटिंग/प्रमाणीकरण देखें।
🟢 व्यक्तिगत आँकड़ों की सुरक्षा हेतु सुरक्षित भुगतान माध्यम अपनाएँ।
🟪 9) शिकायत कैसे करें? (चरणबद्ध मार्गदर्शन)
1️⃣ सबसे पहले विक्रेता/सेवा-प्रदाता को लिखित शिकायत व समय-सीमा दें।
2️⃣ समाधान न मिले तो संबंधित ग्राहक देख-रेख प्रकोष्ठ/क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करें।
3️⃣ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (टोल-फ्री/ऑनलाइन) पर विवरण दर्ज करें।
4️⃣ आवश्यक हो तो कानूनी नोटिस भेजें।
5️⃣ तत्पश्चात उपयुक्त जिला/राज्य/राष्ट्रीय आयोग में वाद दायर करें—शिकायत पत्र, तथ्य-साक्ष्य (बिल, वारंटी, फोटो, रिपोर्ट), अपेक्षित राहत स्पष्ट लिखें।
6️⃣ आयोग प्रारम्भिक सुनवाई, सम्मन, साक्ष्य, बहस के बाद आदेश देता है—धनवापसी, बदल, मरम्मत, क्षतिपूर्ति, दंड/निरोध आदि।
7️⃣ आदेश के अनुपालन न होने पर अनुपालन याचिका/दंड का उपाय है; उच्च स्तर पर अपील का अधिकार भी है।
🟥 10) उपभोक्ता के कर्तव्य
🧭 अधिकारों के साथ कुछ कर्तव्य भी—
🟢 जागरूकता: लेबल/निर्देश पढ़ें, मानक-चिह्न देखें, बिल लें।
🟢 ईमानदारी: गलत दावे/रिटर्न-दुरुपयोग से बचें।
🟢 लोकहित: अनुचित आचरण दिखे तो शिकायत करें, दूसरों को सचेत करें।
🟢 पर्यावरण: टिकाऊ/ऊर्जा-कुशल, पुनर्चक्रण-अनुकूल उत्पाद चुनें।
🟦 11) उदाहरणात्मक केस-झलक
👩🔧 उपभोक्ता ने माइक्रोवेव खरीदा; 3 माह में बार-बार खराबी—कम्पनी ने “उपयोग-त्रुटि” कहकर टाल दिया। उपभोक्ता ने बिल/सेवा-पर्चे की प्रतिलिपि लगाकर जिला आयोग में वाद दायर किया। आयोग ने निरीक्षण-रिपोर्ट के आधार पर निर्माण-दोष माना और निःशुल्क बदल + क्षतिपूर्ति + मुकदमा-खर्च का आदेश दिया—यह निवारण के अधिकार का व्यावहारिक प्रतिफल है।
🟫 12) निष्कर्ष
🌟 उपभोक्ता अधिकार केवल कानूनी धाराएँ नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण बाज़ार-व्यवस्था का आधार हैं। जानकारी, गुणवत्ता-मानक, प्रभावी शिकायत-तंत्र और सतर्क उपभोक्ता—इन चार स्तंभों पर सुरक्षित उपभोग टिकता है। जागरूकता और समयबद्ध शिकायत से ही अधिकार व्यवहार में बदलते हैं।
📝 सारांश (~200 शब्द)
🌾 उपभोक्ता संरक्षण का उद्देश्य लेन-देन को सुरक्षित, पारदर्शी और न्यायसंगत बनाना है। उपभोक्ता के मूल अधिकार—सुरक्षा, जानकारी, विकल्प, सुनवाई, निवारण और उपभोक्ता शिक्षा—अधिनियम, 2019 में सुस्पष्ट हैं। गुणवत्ता आश्वासन हेतु ISI, AGMARK, FSSAI जैसे मानक-चिह्न, बिल/लेबल पर MRP, तिथि, मात्रा, वारंटी-गारंटी की जाँच अनिवार्य है। अनुचित व्यापार आचरण व भ्रामक विज्ञापन पर दंड, तथा उत्पाद दायित्व के अंतर्गत क्षतिपूर्ति का प्रावधान उपभोक्ता को वास्तविक सुरक्षा देते हैं। विवाद निवारण के लिए जिला-राज्य-राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग, ई-दाखिल, मध्यस्थता और समूह वाद जैसे उपाय उपलब्ध हैं। ई-वाणिज्य में ऑर्डर-आईडी, भुगतान-रसीद व स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखना और गोपनीयता-सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। उपभोक्ता के कर्तव्य—जागरूक चयन, बिल लेना, मानक-चिह्न देखना और शिकायत दर्ज करना—उतना ही आवश्यक है। निष्कर्षतः सतर्क उपभोक्ता, सुदृढ़ संस्थाएँ और कड़े मानक—तीनों मिलकर उपभोक्ता अधिकार को प्रभावी बनाते हैं।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
✅ अधिकार: 1) सुरक्षा, 2) जानकारी, 3) विकल्प, 4) सुनवाई, 5) निवारण, 6) उपभोक्ता शिक्षा।
🧾 जाँचें: MRP, तिथि, मात्रा, वारंटी-गारंटी, ISI/AGMARK/FSSAI, बिल।
⚠️ सावधानियाँ: भ्रामक विज्ञापन, गलत तौल-माप, मिलावट, अनुचित शर्तें।
⚖️ निवारण: जिला/राज्य/राष्ट्रीय आयोग, ई-दाखिल, मध्यस्थता, समूह वाद, क्षतिपूर्ति/बदल/धनवापसी।
🛒 ई-वाणिज्य: ऑर्डर-आईडी, भुगतान-रसीद, रिटर्न-नीति, सुरक्षित भुगतान।
🧭 कर्तव्य: जागरूक चयन, प्रमाण सुरक्षित, शिकायत दर्ज—लोकहित में साझा करें।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🟢 प्रश्न 1
🧭 प्रश्न: बाज़ार में नियम व नियंत्रण क्यों ज़रूरी हैं? उदाहरण देकर समझाएँ।
✔️ उत्तर:
🔵 उपभोक्ताओं को नकली, घटिया या असुरक्षित वस्तुएँ मिलने से रोकने हेतु नियंत्रण आवश्यक है।
🟡 यह सुनिश्चित करता है कि विक्रेता अनुचित लाभ न लें।
🔴 उदाहरण: खाद्य वस्तुओं पर एफ़एसएसएआई मानक, विद्युत उपकरणों पर आईएसआई मार्क।
🟢 इससे गुणवत्ता, सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापार पक्का होता है।
🟢 प्रश्न 2
🧭 प्रश्न: भारत में उपभोक्ता आंदोलन के प्रारम्भ के कारण व उसका विकास बताइए।
✔️ उत्तर:
🔵 1960–70 के दशक में नकली सामान, माप-तौल में गड़बड़ी व ऊँचे दाम जैसी समस्याएँ बढ़ीं।
🟡 उपभोक्ताओं ने जागरूकता अभियान व संगठन बनाकर विरोध किया।
🔴 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित हुआ, जिससे आंदोलन संस्थागत हुआ।
🟢 आज एनजीओ, उपभोक्ता मंच व हेल्पलाइन इसके विस्तार में मदद कर रहे हैं।
🟢 प्रश्न 3
🧭 प्रश्न: उपभोक्ता को जागरूक क्यों रहना चाहिए?
✔️ उत्तर:
🔵 जागरूक उपभोक्ता ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
🟡 इससे गलत बिलिंग, खराब सेवा व नकली वस्तुओं से बचाव होता है।
🔴 उदाहरण: दवा खरीदते समय एमआरपी, बैच नंबर, एक्सपायरी डेट जाँचना।
🟢 प्रश्न 4
🧭 प्रश्न: उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1986 की आवश्यकता क्यों पड़ी?
✔️ उत्तर:
🔵 उपभोक्ताओं को ठगी व शोषण से बचाने हेतु कानूनी ढांचा चाहिए था।
🟡 इससे विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय आयोग बने।
🔴 कानून ने अधिकार जैसे—सूचना का अधिकार, चयन का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार—सुनिश्चित किए।
🟢 प्रश्न 5
🧭 प्रश्न: अपने क्षेत्र में उपभोक्ता के रूप में अपने अनुभवों को बताएँ।
✔️ उत्तर:
🔵 उदाहरण: मोबाइल फोन की वारंटी क्लेम के दौरान विक्रेता ने टालमटोल की।
🟡 उपभोक्ता मंच में शिकायत कर समाधान मिला।
🔴 अनुभव बताता है कि जागरूकता व कानूनी उपायों का प्रयोग लाभकारी है।
🟢 प्रश्न 6
🧭 प्रश्न: नकली पैकेजिंग या गलत जानकारी से जुड़े अपने या सुने हुए अनुभव का उल्लेख करें।
✔️ उत्तर:
🔵 एक मित्र ने ब्रांडेड जूते खरीदे जो नकली निकले।
🟡 पैकेजिंग पर असली लोगो था पर बिल व वारंटी नहीं।
🔴 शिकायत पर विक्रेता ने वापसी ली। इससे प्रमाणित बिल व असली सील देखना जरूरी है।
🟢 प्रश्न 7
🧭 प्रश्न: ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता सशक्तिकरण के उपाय बताइए।
✔️ उत्तर:
🔵 ग्राम स्तर पर उपभोक्ता क्लब व हेल्पलाइन स्थापित हों।
🟡 पंचायतें जनजागरूकता अभियान चलाएँ।
🔴 सरकारी अधिकारी ग्रामीण बाज़ारों की जाँच करें।
🟢 प्रश्न 8
🧭 प्रश्न: सरकार उपभोक्ताओं के हितों के लिए किन क़दमों को लागू करती है?
✔️ उत्तर:
🔵 मानक चिह्न जैसे ISI, Agmark अनिवार्य।
🟡 मूल्य नियंत्रण व निष्पक्ष व्यापार आयोग।
🔴 उपभोक्ता अदालतें, हेल्पलाइन व जन-जागरूकता कार्यक्रम।
🟢 प्रश्न 9
🧭 प्रश्न: उपभोक्ता अधिकारों की सूची बनाइए।
✔️ उत्तर:
🔵 सुरक्षा का अधिकार
🟡 सूचना का अधिकार
🔴 चयन का अधिकार
🟢 सुने जाने का अधिकार
🔵 निवारण का अधिकार
🟡 उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
🟢 प्रश्न 10
🧭 प्रश्न: उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोगों की संरचना का वर्णन करें।
✔️ उत्तर:
🔵 जिला स्तर – जिला उपभोक्ता मंच (20 लाख तक)
🟡 राज्य स्तर – राज्य आयोग (1 करोड़ तक)
🔴 राष्ट्रीय स्तर – राष्ट्रीय आयोग (1 करोड़ से ऊपर)
🟢 इनसे अपील की प्रक्रिया भी निर्धारित है।
🟢 प्रश्न 11
🧭 प्रश्न: उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों का प्रयोग कैसे करना चाहिए?
✔️ उत्तर:
🔵 ख़रीद का बिल व वारंटी सुरक्षित रखें।
🟡 दोषपूर्ण वस्तु पर विक्रेता से लिखित शिकायत करें।
🔴 समाधान न मिलने पर उपभोक्ता मंच में अपील करें।
🟢 जागरूकता अभियान व सोशल मीडिया का उपयोग करें।
🟢 प्रश्न 12
🧭 प्रश्न: निम्नलिखित को सुसंगत मिलान करें।
✔️ उत्तर:
1️⃣ एक उपभोक्ता घटना विवरण ➡️ (घ) उपभोक्ता मामलों से संबंध
2️⃣ एमआरपी ➡️ (च) वस्तुओं व सेवाओं के मानक
3️⃣ दुर्घटना में ख़राब जूते ➡️ (छ) खाद्य पदार्थ पोषण तत्व
4️⃣ जिला मंच ➡️ (ट) उपभोक्ता कल्याण संस्था
5️⃣ फूड फोर्टिफिकेशन ➡️ (ग) सुरक्षा का अधिकार
6️⃣ उपभोक्ता इंटरनेट ➡️ (ङ) सूचना का अधिकार
7️⃣ भारतीय मानक ब्यूरो ➡️ (क) सुरक्षा का अधिकार
🟢 प्रश्न 13
🧭 प्रश्न: सही–गलत बताइए।
✔️ उत्तर:
🔵 (क) केवल सामानों पर लागू—❌ गलत
🟡 (ख) भारत दुनिया के गिने-चुने देशों में है—✔ सही
🔴 (ग) शिकायत पर ज़िला मंच में जाना अनिवार्य—❌ गलत (पहले विक्रेता से प्रयास)
🟢 (घ) गुणवत्ता व मानक की जाँच आवश्यक—✔ सही
🔵 (ङ) उपभोक्ता अदालत में वकील अनिवार्य—❌ गलत
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
❓ प्रश्न 1: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पहली बार कब लागू हुआ?
🔵 1986
🟢 1991
🟠 2011
🟣 2019
✅ उत्तर : 1
❓ प्रश्न 2: वर्तमान संशोधित उपभोक्ता अधिनियम का नवीनतम रूप—
🔵 1986
🟢 2002
🟠 2019
🟣 2021
✅ उत्तर : 3
❓ प्रश्न 3: निम्न में से उपभोक्ता का मूल अधिकार नहीं है—
🔵 सुरक्षा का अधिकार
🟢 सूचना का अधिकार
🟠 लाभ कमाने का अधिकार
🟣 निवारण का अधिकार
✅ उत्तर : 3
❓ प्रश्न 4: एजीमार्क चिह्न सम्बद्ध है—
🔵 औद्योगिक उत्पाद
🟢 कृषि/खाद्य उत्पाद
🟠 औषधियाँ
🟣 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 5: खाद्य वस्तुओं की सुरक्षा से जुड़ा प्रमुख संकेत—
🔵 आईएसआई मानक चिह्न
🟢 खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण का लाइसेंस/पंजीकरण अंक
🟠 ऊर्जा स्टार रेटिंग
🟣 हॉलमार्क
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 6: उपभोक्ता विवाद निवारण के स्तरों में नहीं आता—
🔵 जिला आयोग
🟢 राज्य आयोग
🟠 राष्ट्रीय आयोग
🟣 संविधान परिषद
✅ उत्तर : 4
❓ प्रश्न 7: एमआरपी का उद्देश्य—
🔵 न्यूनतम मूल्य तय करना
🟢 उच्चतम बिक्री–मूल्य की सीमा बताना
🟠 कर निर्धारण करना
🟣 वारंटी अवधि तय करना
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 8: भ्रामक विज्ञापन का आशय—
🔵 तथ्यपरक जानकारी देना
🟢 गुणवत्ता/लाभ को बढ़ा–चढ़ाकर दिखाना
🟠 मूल्य घटाना
🟣 छूट न देना
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 9: उत्पाद दायित्व के अंतर्गत उत्तरदायी हो सकता है—
🔵 केवल निर्माता
🟢 केवल विक्रेता
🟠 केवल सेवा–प्रदाता
🟣 सभी (निर्माता/विक्रेता/सेवा–प्रदाता)
✅ उत्तर : 4
❓ प्रश्न 10: ई–वाणिज्य में प्रथम सावधानी—
🔵 बिना बिल के खरीदना
🟢 वापसी–नीति व शिकायत–तंत्र पढ़ना
🟠 नक़ली समीक्षाएँ साझा करना
🟣 आदेश–आईडी न रखना
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 11: समूह वाद दायर किया जाता है—
🔵 अलग–अलग हित वालों के लिए
🟢 समान हित वाले अनेक उपभोक्ताओं के लिए
🟠 केवल सरकारी मामलों में
🟣 केवल सेवा–मामलों में
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 12: उपभोक्ता जागरूकता अभियान का उदाहरण—
🔵 “जागो ग्राहक, जागो”
🟢 “बचत खाता खोलो”
🟠 “कर समय पर भरो”
🟣 “हर घर नल”
✅ उत्तर : 1
❓ प्रश्न 13: ऊर्जा दक्षता दिखाने वाला संकेत—
🔵 हॉलमार्क
🟢 स्टार–रेटिंग लेबल
🟠 एजीमार्क
🟣 क्यूआर कोड
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 14: गलत तौल–माप/मिलावट/नक़ली ब्रांड किस श्रेणी में आते हैं—
🔵 निष्पक्ष व्यापार आचरण
🟢 अनुचित व्यापार आचरण
🟠 दान–विक्रय
🟣 स्वैच्छिक विनिमय
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 15: शिकायत दर्ज करते समय सबसे प्रथम आवश्यक साक्ष्य—
🔵 विज्ञापन की कटिंग
🟢 बिल/कैश–मेमो व संबंधित दस्तावेज़
🟠 मित्र का बयान
🟣 मौखिक सूचना
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 16: भारतीय मानक ब्यूरो का प्रमुख कार्य—
🔵 खाद्य निरीक्षण
🟢 औद्योगिक उत्पादों के मानक व प्रमाणन
🟠 कर वसूली
🟣 बैंकों का विनियमन
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 17: ई–दाखिल सुविधा का उद्देश्य—
🔵 शुल्क बढ़ाना
🟢 ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर प्रक्रिया सरल बनाना
🟠 केवल अपील दायर करना
🟣 विज्ञापन अनुमोदन
✅ उत्तर : 2
❓ प्रश्न 18: बिना बिल खरीदी वस्तु की सबसे बड़ी हानि—
🔵 रंग का फीका पड़ना
🟢 कानूनी निवारण हेतु प्रमाण का अभाव
🟠 वजन बढ़ जाना
🟣 वारंटी स्वतः बढ़ जाना
✅ उत्तर : 2
🟡 खंड B — लघु उत्तर (2–3 अंक)
❓ प्रश्न 19: उपभोक्ता के दो कर्तव्य लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 बिल/बीजक, वारंटी–गारंटी और पैकेजिंग विवरण सुरक्षित रखना।
🟣 मानक–चिह्न, मात्रा, निर्माण/समाप्ति–तिथि व एमआरपी जाँचकर सचेत निर्णय लेना।
❓ प्रश्न 20: बिल या लेबल पर जाँचने योग्य दो बातें लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 वस्तु का नाम, शुद्ध मात्रा, बैच–नंबर/निर्माता का पता।
🟣 एमआरपी, कर–विवरण, वारंटी–शर्तें/सेवा–केंद्र का उल्लेख।
❓ प्रश्न 21: मानक–चिह्नों का महत्व बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 आईएसआई/बीआईएस (औद्योगिक), एजीमार्क (कृषि/खाद्य), एफ़एसएसएआई संख्या (खाद्य सुरक्षा) भरोसे का संकेत हैं।
🟣 गुणवत्ता–मानक से सुरक्षा, पारदर्शिता और शिकायत पर निवारण सरल होता है।
❓ प्रश्न 22: भ्रामक विज्ञापन से आप क्या समझते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर:
🔵 उत्पाद/सेवा के लाभ–गुणवत्ता को वास्तविकता से अधिक दिखाना।
🟣 उदाहरण: सौंदर्य–क्रीम को “कुछ दिनों में स्थायी परिणाम” बताना जबकि प्रमाण न हों।
❓ प्रश्न 23: उपभोक्ता शिक्षा क्यों आवश्यक है?
🟢 उत्तर:
🔵 अधिकार–कर्तव्य, मानक–चिह्न व शिकायत–प्रक्रिया की जानकारी मिलती है।
🟣 इससे ठगी, मिलावट, गलत तौल–माप और भ्रामक प्रचार से बचाव होता है।
🟣 खंड C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
❓ प्रश्न 24: उपभोक्ता अधिकारों के तीन अधिकार समझाइए।
🟢 उत्तर:
🔵 सुरक्षा का अधिकार—हानिकारक/असुरक्षित वस्तुओं से संरक्षण।
🟣 सूचना का अधिकार—गुणवत्ता, मात्रा, मूल्य, जोखिम व वारंटी की स्पष्ट जानकारी।
🟢 निवारण का अधिकार—धनवापसी/बदल/क्षतिपूर्ति जैसी प्रभावी राहत।
❓ प्रश्न 25: उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र की संरचना लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 तीन स्तर—जिला आयोग, राज्य आयोग, राष्ट्रीय आयोग।
🟣 उपयुक्त आयोग में शिकायत–पत्र, साक्ष्य (बिल/फोटो/रिपोर्ट) और अपेक्षित राहत प्रस्तुत की जाती है।
🟢 आदेश के अनुपालन न होने पर दंड/अपील का प्रावधान है।
❓ प्रश्न 26: खरीद के बाद दोष मिलने पर उपभोक्ता किन क्रमबद्ध कदमों का पालन करे?
🟢 उत्तर:
🔵 बिल/वारंटी व दोष के साक्ष्य संजोकर विक्रेता/सेवा–प्रदाता को लिखित शिकायत।
🟣 समय–सीमा में समाधान न मिले तो सक्षम प्राधिकारी/आयोग में वाद दायर।
🟢 अपेक्षित राहत—बदल, मरम्मत, धनवापसी, क्षतिपूर्ति।
❓ प्रश्न 27: उत्पाद दायित्व का आशय व लाभ लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 दोषपूर्ण उत्पाद/सेवा से हानि होने पर निर्माता/विक्रेता/सेवा–प्रदाता उत्तरदायी।
🟣 उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति, बदल या अन्य उपयुक्त राहत मिल सकती है।
❓ प्रश्न 28: अनुचित व्यापार आचरण के तीन उदाहरण व रोकथाम उपाय बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 उदाहरण—गलत तौल–माप, मिलावट, नकली–ब्रांड/भ्रामक दावा।
🟣 उपाय—मानक–चिह्नों की जाँच, बिल लेना, शिकायत दर्ज करना; नियामक प्रवर्तन सख्त रखना।
🔶 खंड D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
❓ प्रश्न 29: “जागरूक उपभोक्ता सर्वोत्तम संरक्षण है”—तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔵 जागरूकता से सही चयन—मानक–चिह्न, एमआरपी, तिथि, वारंटी जाँचना।
🟣 दस्तावेज़ सँजोना—बिल/सेवा–पर्चियाँ—शिकायत का आधार बनते हैं।
🟢 समयबद्ध शिकायत—विक्रेता → प्राधिकारी/आयोग—से निवारण सुनिश्चित।
🟣 जागरूक उपभोक्ता अनुचित आचरण पर अंकुश लगाकर न्यायपूर्ण बाज़ार बनाते हैं।
❓ प्रश्न 30: भ्रामक विज्ञापनों के प्रभाव और नियन्त्रण–उपाय लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 प्रभाव—गलत सूचना से अनावश्यक/हानिकारक ख़रीद, संसाधन व स्वास्थ्य–जोखिम।
🟣 उपाय—वैज्ञानिक प्रमाण की अनिवार्यता, प्रचार–दायित्व तय करना, उल्लंघन पर दंड।
🟢 उपभोक्ता स्तर—दावे जाँचना, चिकित्सकीय/तकनीकी परामर्श, शिकायत व जन–जागरूकता।
❓ प्रश्न 31: “समूह वाद” और उपभोक्ता आंदोलन का महत्व स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔵 समान हानि वाले अनेक उपभोक्ता मिलकर सामूहिक वाद दायर करें—खर्च/समय घटता है।
🟣 बड़े–पैमाने पर सुधार—उत्पाद वापस लेना, शर्तें सुधारना, व्यापक क्षतिपूर्ति।
🟢 आंदोलन—कानूनी सुधार, मानक–चिह्न/जाँच सुदृढ़, जन–शिक्षा को गति।
❓ प्रश्न 32 (स्थितिजन्य): किसी उपभोक्ता ने महँगे जूते खरीदे; कुछ दिनों में सिलाई खुली और लेबल संदिग्ध निकला। वह क्या करे?
🟢 उत्तर:
🔵 बिल, पैकेजिंग, लेबल/होलोग्राम व फोटो सुरक्षित करें; दुकान/निर्माता को लिखित शिकायत।
🟣 एमआरपी, बैच–विवरण, खरीद–तिथि का उल्लेख कर बदलाव/धनवापसी माँगे।
🟢 समाधान न मिले तो सक्षम आयोग में वाद दायर; अपेक्षित राहत—बदल/धनवापसी/क्षतिपूर्ति।
❓ प्रश्न 33 (केस–आधारित): एक उपभोक्ता ने रेफ्रिजरेटर खरीदा; बार–बार दोष उभरता है और सेवा–केंद्र टालमटोल करता है। आयोग किस प्रकार निवारण दे सकता है?
🟢 उत्तर:
🔵 दोष/सेवा–रिकॉर्ड के साक्ष्य पर आयोग “निर्माण–दोष/सेवा–त्रुटि” मान सकता है।
🟣 सम्भावित आदेश—निःशुल्क बदल, धनवापसी, क्षतिपूर्ति, मरम्मत/पार्ट–बदल, मुक़दमा–खर्च।
🟢 आदेश का अनुपालन न होने पर दंड/अनुपालन–याचिका; उपभोक्ता के निवारण व सुनवाई अधिकार की पुष्टि।
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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति
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स्मृति संकेत
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भ्रांति /वास्तविकता
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मजा भी , ज्ञान भी
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मस्तिष्क मानचित्र
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