Class 10 : Social Science (In Hindi) – Lesson 21. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔴 विस्तृत व्याख्या
🟢 परिचय
🌐 वैश्वीकरण का अर्थ है—दुनिया के देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूँजी, तकनीक और सूचनाओं का तीव्र आदान–प्रदान। यह देशों को परस्पर जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाता है। भारत में 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद वैश्वीकरण की गति तेज़ हुई।
🟡 1. वैश्वीकरण की अवधारणा और विकास
🔸 वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की भूमिका महत्वपूर्ण है।
🔸 सूचना व संचार तकनीक, परिवहन क्रांति और व्यापार नीतियों के उदारीकरण ने इसे बढ़ावा दिया।
🔸 WTO (विश्व व्यापार संगठन) जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने व्यापार को मुक्त करने के नियम बनाए।
🟠 2. भारत में वैश्वीकरण के कारण
🌿 1991 में भुगतान संकट और ऋण संकट के कारण भारत ने आर्थिक सुधार अपनाए।
🌸 विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए लाइसेंस प्रणाली हटाई गई।
🌼 आयात शुल्क घटाए गए और व्यापार उदारीकरण को बढ़ावा मिला।
🌐 निजीकरण और बाज़ारोन्मुख नीतियों ने अर्थव्यवस्था को विश्व से जोड़ा।
🟣 3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और उनका प्रभाव
🏭 MNCs सस्ते श्रम और बड़े उपभोक्ता बाज़ारों की तलाश में भारत में निवेश करती हैं।
📦 उन्होंने उत्पादन, विपणन और सेवाओं के क्षेत्र में नई तकनीकें लाईं।
📈 छोटे व्यवसायों पर प्रतिस्पर्धी दबाव पड़ा, किंतु रोज़गार और तकनीकी सुधार भी हुए।
🟤 4. वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव
🌟 उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं के अधिक विकल्प मिले।
🚆 उत्पादन की गुणवत्ता और तकनीक में सुधार हुआ।
🏦 विदेशी निवेश और निर्यात से आर्थिक वृद्धि तेज़ हुई।
🌾 आईटी और सेवा क्षेत्र ने विश्व स्तर पर भारत की स्थिति मज़बूत की।
📊 अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक भारतीय कंपनियों की पहुँच बढ़ी।
🟧 5. वैश्वीकरण की चुनौतियाँ
⚠️ छोटे उत्पादकों और कुटीर उद्योगों को कड़ी प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ी।
🌱 कृषि उत्पादों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर हुए।
📉 मज़दूरों के लिए असुरक्षित रोजगार और असंगठित क्षेत्र में शोषण की समस्या बनी।
🏭 पर्यावरणीय क्षति और संसाधनों का अंधाधुंध दोहन बढ़ा।
🟨 6. भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
🌾 सेवा क्षेत्र (विशेषकर आईटी और BPO) में रोज़गार के अवसर बढ़े।
📦 ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार उद्योगों का विस्तार हुआ।
🌿 कई भारतीय कंपनियाँ बहुराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनीं।
📉 परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में लाभ सीमित रहा और क्षेत्रीय असमानता बनी रही।
🟩 7. सरकार और वैश्वीकरण
📊 सरकार ने विदेशी निवेश नीति सरल बनाई।
🌱 बुनियादी ढाँचे के विकास और कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान दिया।
🏦 व्यापार बाधाएँ कम कीं और निर्यात प्रोत्साहन योजनाएँ शुरू कीं।
💡 श्रमिकों व किसानों के हितों की सुरक्षा हेतु नीतिगत कदम भी आवश्यक हैं।
🟪 8. वैश्वीकरण और उपभोक्ता अधिकार
🌟 उपभोक्ता आंदोलन मज़बूत हुआ, गुणवत्ता और कीमतों पर जागरूकता बढ़ी।
🚩 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ने अधिकारों की रक्षा की।
📈 ऑनलाइन व डिजिटल प्लेटफार्म ने व्यापार को सरल और पारदर्शी बनाया।
🟥 9. सतत विकास और वैश्वीकरण
🌿 केवल आर्थिक वृद्धि ही नहीं, पर्यावरणीय संतुलन और सामाजिक न्याय भी ज़रूरी हैं।
🌾 हरित तकनीक और निष्पक्ष व्यापार नीतियाँ वैश्वीकरण को टिकाऊ बना सकती हैं।
🟦 10. निष्कर्ष
🌐 वैश्वीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व से जोड़ा, नए अवसर व चुनौतियाँ दीं। संतुलित नीतियों, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा के साथ ही वैश्वीकरण के लाभ सभी तक पहुँच सकते हैं।
📝 सारांश (~200 शब्द)
🌐 वैश्वीकरण देशों को व्यापार, पूँजी, तकनीक और सूचना के माध्यम से जोड़ता है।
🏦 भारत ने 1991 में आर्थिक सुधार अपनाकर वैश्वीकरण की ओर कदम बढ़ाया।
📈 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने निवेश कर रोज़गार, तकनीक और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया।
🌟 उपभोक्ताओं को विविध विकल्प और बेहतर गुणवत्ता मिली।
📉 लेकिन छोटे उत्पादकों, किसानों और असंगठित श्रमिकों पर दबाव बढ़ा।
🌱 कृषि व पर्यावरणीय चुनौतियाँ तथा आय असमानता जैसे नकारात्मक पहलू सामने आए।
💡 सरकार ने विदेशी निवेश नीति सरल बनाकर और बुनियादी ढाँचा सुधारकर वैश्वीकरण को प्रोत्साहित किया।
🌾 उपभोक्ता अधिकार मज़बूत हुए और डिजिटल व्यापार का विस्तार हुआ।
🌐 सतत विकास हेतु सामाजिक सुरक्षा, हरित तकनीक और निष्पक्ष व्यापार नीतियों पर बल देना आवश्यक है।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🌐 वैश्वीकरण = देशों के बीच तीव्र आर्थिक व तकनीकी आदान-प्रदान।
🏦 भारत: 1991 के सुधारों के बाद गति तेज़।
📈 MNCs निवेश → रोज़गार व तकनीक सुधार।
🌟 उपभोक्ताओं को विविधता व गुणवत्ता लाभ।
📉 छोटे उत्पादक व किसान चुनौतियों से प्रभावित।
🌱 पर्यावरणीय दबाव और आय असमानता बनी।
📊 सरकार की नीतियाँ: निवेश प्रोत्साहन व सुरक्षा उपाय।
💡 सतत विकास = हरित तकनीक + सामाजिक न्याय।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🔵 प्रश्न 1
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
🌐 वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें वस्तुओं, सेवाओं, पूँजी, तकनीक और सूचनाओं का प्रवाह देशों की सीमाओं को पार कर वैश्विक अर्थव्यवस्था को एकीकृत करता है। यह विश्व को आपस में जोड़कर एक साझा बाज़ार और उत्पादन प्रणाली बनाता है।
🔵 प्रश्न 2
भारत सरकार द्वारा विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के कारण स्पष्ट करें।
🟢 उत्तर:
🔸 पूँजी की कमी को दूर कर आर्थिक वृद्धि तेज़ करना।
🔸 नई तकनीक व प्रबंधन कौशल लाना।
🔸 रोज़गार सृजन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी बढ़ाना।
🔸 निर्यात बढ़ाकर विदेशी मुद्रा अर्जित करना।
🔵 प्रश्न 3
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों को कैसे प्रभावित करती हैं?
🟢 उत्तर:
🏭 MNCs सस्ती लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद देती हैं जिससे स्थानीय कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
📊 वे नई तकनीक, विपणन रणनीतियाँ और पूँजी लाती हैं जो बाज़ार में बदलाव लाती हैं।
🔵 प्रश्न 4
व्यापार और निवेश बाधाओं को हटाना किस प्रकार उत्पादन विस्तार में सहायक है?
🟢 उत्तर:
🔹 व्यापार बाधाएँ हटाने से देशों को बड़े बाज़ार तक पहुँच मिलती है।
🔹 निवेश को प्रोत्साहन मिलने से उत्पादन क्षमता व रोज़गार बढ़ते हैं।
🔹 कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर लागत कम करके प्रतिस्पर्धी बनती हैं।
🔵 प्रश्न 5
विकसित देश विकासशील देशों से व्यापार और निवेश क्यों चाहते हैं?
🟢 उत्तर:
🌾 विकसित देश सस्ते श्रम और कच्चे माल की तलाश में रहते हैं।
🏭 वे अपने उत्पादों के लिए बड़े उपभोक्ता बाज़ार चाहते हैं।
💡 यह उनके उद्योगों को लागत कम करने और मुनाफ़ा बढ़ाने में मदद करता है।
🔵 प्रश्न 6
वैश्वीकरण का हर क्षेत्र समान लाभ क्यों नहीं उठाता?
🟢 उत्तर:
⚠️ लाभ मुख्यतः संगठित और पूँजीसम्पन्न उद्योगों तक सीमित रहते हैं।
🌱 छोटे किसान, कुटीर उद्योग और असंगठित श्रमिक प्रतिस्पर्धा के दबाव में नुकसान उठाते हैं।
🌐 ग्रामीण क्षेत्रों में अवसरों की कमी रहती है जिससे क्षेत्रीय असमानता बनी रहती है।
🔵 प्रश्न 7
वैश्वीकरण से किन आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है?
🟢 उत्तर:
🌟 सूचना प्रौद्योगिकी, BPO और संचार सेवाएँ।
🚆 ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार उद्योग।
🏭 निर्यातोन्मुख विनिर्माण इकाइयाँ।
🔵 प्रश्न 8
विदेशी व्यापार किस प्रकार बाज़ारों के एकीकरण में मदद करता है?
🟢 उत्तर:
📦 विदेशी व्यापार से वस्तुएँ और तकनीक देशों के बीच आसानी से पहुँचती हैं।
📈 उपभोक्ताओं को सस्ते और विविध विकल्प मिलते हैं।
🌐 स्थानीय बाज़ार वैश्विक बाज़ार से जुड़ जाते हैं जिससे प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता सुधार होता है।
🔵 प्रश्न 9
भविष्य में वैश्वीकरण का असर कैसा हो सकता है?
🟢 उत्तर:
🌿 हरित तकनीक, डिजिटल अर्थव्यवस्था और वैश्विक सहयोग बढ़ सकता है।
⚠️ पर्यावरणीय दबाव और असमानता की चुनौतियाँ भी रह सकती हैं।
🌟 सतत विकास व सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान आवश्यक होगा।
🔵 प्रश्न 10
दो लोगों के तर्क: एक कहता है वैश्वीकरण ने विकासशील देशों को लाभ पहुँचाया, दूसरा कहता है यह स्थानीय उद्योगों को हानि पहुँचाता है—आपका मत।
🟢 उत्तर:
🔸 वैश्वीकरण ने रोज़गार, तकनीक और उपभोक्ता विकल्प दिए—यह लाभ है।
🔸 लेकिन छोटे उत्पादकों, किसानों और असंगठित श्रमिकों पर नकारात्मक असर भी पड़ा।
🔸 संतुलित नीतियों से दोनों पक्षों के हित सुरक्षित किए जा सकते हैं।
🔵 प्रश्न 11
रिक्त स्थान पूर्ति—
🟢 उत्तर:
(क) वैश्वीकरण से पहले भारतीय उपभोक्ताओं के पास कम विकल्प थे।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से उत्पादन और प्रतिस्पर्धा बढ़ी।
(ग) आज का वैश्विक बाज़ार उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प लाया है।
(घ) वैश्वीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व अर्थव्यवस्था से जोड़ा।
🔵 प्रश्न 12
निर्देशानुसार सही युग्म—
🟢 उत्तर:
(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सस्ते दाम पर उत्पाद खरीदती हैं — सही।
(ख) आयात पर कर और कोटा हटाना — व्यापार उदारीकरण।
(ग) विदेशी निवेश लाने वाली भारतीय कंपनी — कोल सेंटर।
(घ) आई.टी. क्षेत्र में सहयोग — टाटा मोटर्स और इंफोसिस।
🔵 प्रश्न 13
सही विकल्प—
🟢 उत्तर:
(अ) वैश्वीकरण के तहत आदान-प्रदान = वस्तुएँ, सेवाएँ और निवेश।
(आ) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे आम कारण = सस्ते श्रम की उपलब्धता और बड़े बाज़ार।
(इ) वैश्वीकरण ने जीवन स्तर सुधार में मदद = विकासशील देशों के उपभोक्ताओं को।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔵 प्रश्न 1: वैश्वीकरण का सही अर्थ है—
🔹 1. केवल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन
🔸 2. देशों के भीतर व्यापार
🔶 3. देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं व पूँजी का मुक्त प्रवाह
🔷 4. केवल सीमा शुल्क का बढ़ना
🟢 उत्तर : 3
🔵 प्रश्न 2: भारत में वैश्वीकरण की गति तेज़ हुई—
🔹 1. हरित क्रांति के कारण
🔸 2. 1991 के आर्थिक उदारीकरण के कारण
🔶 3. कर-संग्रह बढ़ने के कारण
🔷 4. केवल आयात पर प्रतिबंध के कारण
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 3: बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश मुख्यतः करती हैं—
🔹 1. ऊँची मजदूरी के लिए
🔸 2. सस्ता श्रम व बड़े बाज़ार के लिए
🔶 3. कर बढ़ाने के लिए
🔷 4. व्यापार रोकने के लिए
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 4: व्यापार उदारीकरण का अर्थ है—
🔹 1. आयात–निर्यात पर कर व कोटा जैसी बाधाओं को घटाना
🔸 2. सभी आयात रोक देना
🔶 3. निर्यात पर भारी कर लगाना
🔷 4. केवल घरेलू व्यापार बढ़ाना
🟢 उत्तर : 1
🔵 प्रশ्न 5: व्यापार बाधा का एक उदाहरण है—
🔹 1. सीमा शुल्क (आयात शुल्क)
🔸 2. घरेलू बाज़ार
🔶 3. गुणवत्ता मानक
🔷 4. उपभोक्ता अधिकार
🟢 उत्तर : 1
🔵 प्रश्न 6: विदेशी व्यापार का प्रमुख प्रभाव है—
🔹 1. स्थानीय बाज़ारों का अलग–थलग होना
🔸 2. बाज़ारों का एकीकरण और प्रतिस्पर्धा
🔶 3. उत्पादन का रुकना
🔷 4. उपभोक्ता विकल्प कम होना
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 7: वैश्वीकरण से उपभोक्ताओं को सामान्यतः—
🔹 1. कम विकल्प और ऊँची कीमतें
🔸 2. अधिक विकल्प और बेहतर गुणवत्ता
🔶 3. केवल घरेलू वस्तुएँ
🔷 4. तकनीक में कमी
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 8: वैश्वीकरण का नकारात्मक प्रभाव अधिक दिखाई देता है—
🔹 1. संगठित उद्योगों पर
🔸 2. कुटीर/लघु उत्पादकों और असंगठित श्रमिकों पर
🔶 3. सेवा क्षेत्र पर
🔷 4. बैंकिंग क्षेत्र पर
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 9: वैश्वीकरण को सबसे अधिक बल मिला—
🔹 1. संचार व परिवहन प्रौद्योगिकी में प्रगति से
🔸 2. कृषि विस्तार से
🔶 3. जनगणना से
🔷 4. केवल कर-वृद्धि से
🟢 उत्तर : 1
🔵 प्रश्न 10: विश्व व्यापार संगठन का कार्य है—
🔹 1. देशों के भीतर कर निर्धारण
🔸 2. अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियम बनाना और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना
🔶 3. केवल ऋण देना
🔷 4. मुद्रा छापना
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 11: विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु भारत ने—
🔹 1. लाइसेंस–पाबंदी बढ़ाई
🔸 2. आयात शुल्क घटाए और नियम सरल किए
🔶 3. निर्यात रोका
🔷 4. कर सभी पर दोगुना किया
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 12: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सही आशय है—
🔹 1. शेयर–प्रतिभूतियाँ खरीदना
🔸 2. विदेशी कंपनी द्वारा कारख़ाना/उत्पादन इकाई स्थापित करना
🔶 3. दान देना
🔷 4. अल्पकालिक ऋण देना
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 13: निष्पक्ष वैश्वीकरण का लक्ष्य है—
🔹 1. केवल कंपनियों का लाभ
🔸 2. श्रमिकों, छोटे उत्पादकों व उपभोक्ताओं—सभी के हित सुरक्षित करना
🔶 3. सभी आयात रोकना
🔷 4. केवल निर्यात बढ़ाना
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 14: वैश्वीकरण से किस समस्या में वृद्धि देखी जाती है?
🔹 1. उपभोक्ता अधिकार
🔸 2. असंगठित श्रमिकों की रोजगार–असुरक्षा
🔶 3. गुणवत्ता सुधार
🔷 4. तकनीक हस्तांतरण
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 15: विदेशी व्यापार के कारण अक्सर—
🔹 1. प्रतिस्पर्धा घटती है
🔸 2. प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और कीमतें घट सकती हैं
🔶 3. वस्तुओं की विविधता घटती है
🔷 4. उत्पादन रुकता है
🟢 उत्तर : 2
🔵 प्रश्न 16: वैश्वीकरण से सबसे अधिक लाभान्वित क्षेत्र है—
🔹 1. सूचना प्रौद्योगिकी व सेवाएँ
🔸 2. परंपरागत हस्तशिल्प
🔶 3. वर्षा–आधारित कृषि
🔷 4. खनन–पत्थर शिल्प
🟢 उत्तर : 1
🔵 प्रश्न 17: सरकार निष्पक्ष वैश्वीकरण हेतु क्या कर सकती है?
🔹 1. श्रम–कानूनों का क्रियान्वयन और कौशल–विकास
🔸 2. छोटे उत्पादकों को कोई सहायता न देना
🔶 3. उपभोक्ता अधिकार वापस लेना
🔷 4. शिक्षा–स्वास्थ्य पर व्यय घटाना
🟢 उत्तर : 1
🔵 प्रश्न 18: भारतीय कंपनियाँ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने हेतु प्रमुखतः—
🔹 1. गुणवत्ता व तकनीक उन्नयन, संयुक्त उद्यम और नवाचार अपनाती हैं
🔸 2. उत्पादन बंद कर देती हैं
🔶 3. केवल कीमत बढ़ाती हैं
🔷 4. निर्यात पर रोक लगाती हैं
🟢 उत्तर : 1
🟡 खंड B — लघु उत्तर (2–3 अंक)
❓ प्रश्न 19: वैश्वीकरण की दो प्रमुख आधारशिलाएँ लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 सूचना-संचार तकनीक व तीव्र परिवहन व्यवस्था।
🔵 व्यापार-नीतियों का उदारीकरण (कर/कोटा जैसी बाधाओं में कमी)।
❓ प्रश्न 20: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारत आने के दो प्रमुख कारण लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 कम लागत वाला कुशल श्रम व बड़ा उपभोक्ता बाज़ार।
🔵 निवेश हेतु नीति-सुधार—लाइसेंस व अनुमति-प्रक्रिया का सरलीकरण।
❓ प्रश्न 21: विदेशी व्यापार से बाज़ारों का एकीकरण कैसे होता है?
✅ उत्तर:
🟢 देश के उत्पाद विदेशों में बिकते हैं और विदेशी वस्तुएँ देश में आती हैं—मूल्य/गुणवत्ता का समान मानक बनता है।
🔵 प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उत्पादन-तकनीक सुधरती है और उपभोक्ताओं को विविध विकल्प मिलते हैं।
❓ प्रश्न 22: उदारीकरण के एक लाभ और एक जोखिम का उल्लेख कीजिए।
✅ उत्तर:
🟢 लाभ: व्यापार व निवेश में वृद्धि, उत्पादन क्षमता का विस्तार।
🔵 जोखिम: छोटे उत्पादकों पर तीव्र प्रतिस्पर्धी दबाव, रोजगार-असुरक्षा।
❓ प्रश्न 23: निष्पक्ष वैश्वीकरण से आपका आशय क्या है?
✅ उत्तर:
🟢 ऐसी प्रक्रिया जिसमें कंपनियाँ, श्रमिक, किसान, कुटीर-उद्योग और उपभोक्ता—सभी के हित सुरक्षित रहें; शोषण-रोधी नियम व सामाजिक सुरक्षा के साथ भागीदारी सुनिश्चित हो।
🟣 खंड C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
❓ प्रश्न 24: भारत में वैश्वीकरण के तीन सकारात्मक प्रभाव लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प व गुणवत्ता-सुधार।
🔵 सेवा-क्षेत्र (सूचना प्रौद्योगिकी, संचार) का तीव्र विस्तार।
🟣 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से नई तकनीक, प्रबन्ध-कौशल व रोजगार-अवसर।
❓ प्रश्न 25: वैश्वीकरण की तीन चुनौतियाँ लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 कुटीर/लघु उद्योगों पर प्रतिस्पर्धी दबाव।
🔵 असंगठित श्रमिकों में अस्थिर रोजगार व कम वेतन।
🟣 कृषि-उत्पादों की कीमतें बाहरी उतार-चढ़ाव पर निर्भर—आय-अनिश्चितता।
❓ प्रश्न 26: विश्व व्यापार संगठन की दो भूमिकाएँ और एक आलोचना लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 भूमिकाएँ—(1) अंतरराष्ट्रीय व्यापार-नियम बनाना, (2) सदस्य देशों में विवाद-निपटान।
🔵 आलोचना—समर्थ संरचनाओं वाले देशों को तुलनात्मक लाभ, कमजोर अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिस्पर्धी दबाव।
❓ प्रश्न 27: सरकार निष्पक्ष वैश्वीकरण हेतु तीन नीति-उपाय बताएँ।
✅ उत्तर:
🟢 श्रम-कानून व सामाजिक सुरक्षा का कड़ाई से क्रियान्वयन।
🔵 कौशल-विकास, ऋण-सुविधा व विपणन-सहायता से लघु-उद्योग सुदृढ़ करना।
🟣 गुणवत्ता-मानक, पर्यावरण-संरक्षण व उपभोक्ता-अधिकारों का प्रभावी प्रवर्तन।
❓ प्रश्न 28: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तीन लाभ स्पष्ट कीजिए।
✅ उत्तर:
🟢 पूँजी-प्रवाह बढ़ना व बुनियादी ढाँचे में सुधार।
🔵 उन्नत तकनीक/उत्पादन-पद्धति का प्रसार।
🟣 निर्यात-क्षमता व रोजगार-अवसरों में वृद्धि।
🔶 खंड D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
❓ प्रश्न 29: “व्यापार-बाधाएँ घटाने से उत्पादन व रोजगार को प्रोत्साहन मिलता है।” तर्क सहित समझाइए।
✅ उत्तर:
🟢 शुल्क/कोटा कम होने से कच्चा-माल और पूंजीगत-सामान सस्ते पड़ते हैं—लागत घटती है।
🔵 बड़े वैश्विक बाज़ार तक पहुँच से माँग बढ़ती है—उत्पादन-पैमाना विस्तृत होता है (आकार-लाभ)।
🟣 प्रतिस्पर्धा से तकनीकी-उन्नयन व गुणवत्ता-सुधार—उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनता है।
🟡 व्यापक उत्पादन के लिए श्रम/सेवा-आवश्यकता बढ़ती है—रोजगार-सृजन।
🟩 परन्तु साथ ही लघु-उद्योगों के लिए संरक्षण/सहायता आवश्यक—अन्यथा रोजगार-असुरक्षा बढ़ सकती है।
❓ प्रश्न 30: बहुराष्ट्रीय कंपनियों का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर समेकित प्रभाव (पक्ष एवं विपक्ष) लिखिए।
✅ उत्तर:
🟢 पक्ष: पूँजी-निवेश, तकनीक, प्रबन्ध-कौशल, आपूर्ति-शृंखला, निर्यात-अवसर, कर-आधार।
🔵 विपक्ष: कीमत-दबाव से कुटीर-उद्योग क्षीण, लाभ का बहिर्गमन, श्रम-मानकों का संकट, संसाधन-दबाव।
🟣 संतुलन हेतु: स्थानीय सोर्सिंग, सूक्ष्म/लघु-उद्योग क्लस्टर, कौशल-विकास, प्रतिस्पर्धा-कानून व पर्यावरण-मानक।
❓ प्रश्न 31: “वैश्वीकरण से लाभ सबको समान रूप से नहीं मिलता।” उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए और समावेशी रणनीतियाँ सुझाइए।
✅ उत्तर:
🟢 शहरी सेवा-क्षेत्र को तीव्र लाभ, पर ग्रामीण कुटीर-उद्योग/लघु-किसान पर दुष्प्रभाव—मूल्य-अस्थिरता, विपणन-कठिनाई।
🔵 महिलाओं/असंगठित श्रमिकों को अस्थिर रोजगार—सामाजिक सुरक्षा का अभाव।
🟣 रणनीति: न्यूनतम-मज़दूरी व बीमा, कृषि-संस्करण/भंडारण, सामुदायिक-विपणन, आसान ऋण, तकनीकी-प्रशिक्षण व डिजिटल-बाज़ार पहुँच।
❓ प्रश्न 32 (स्थितिजन्य): एक जूता-निर्माण कुटीर-उद्योग पर आयातित सस्ते उत्पादों से असर पड़ा है। उद्यमी के लिए व्यावहारिक उपाय सुझाइए।
✅ उत्तर:
🟢 उत्पाद-विविधीकरण: विशिष्ट डिज़ाइन/हस्तकला, टिकाऊ कच्चा-माल।
🔵 गुणवत्ता-प्रमाणीकरण व ब्रांड-निर्माण; सामूहिक खरीद/लॉजिस्टिक से लागत-कमी।
🟣 ई-विपणन मंच, मेलों/हाटों में प्रत्यक्ष बिक्री; सरकारी विपणन-सहायता/ऋण योजनाएँ।
🟡 कौशल-उन्नयन व समूह-उद्यम (सहकारी/क्लस्टर) से पैमाना-लाभ।
❓ प्रश्न 33 (स्रोत/केस-आधारित): किसी ज़िले में “निर्यात-उन्मुख परिधान-इकाइयों” के आने के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था में क्या परिवर्तन सम्भव हैं?
✅ उत्तर:
🟢 रोजगार-अवसर, सहायक-उद्योग (धागा, पैकेजिंग, परिवहन) का विकास, आवागमन/गोदाम जैसे ढाँचे में निवेश।
🔵 महिलाओं की श्रम-भागीदारी व आय-अवसर, पर कार्य-घंटों/सुरक्षा-मानकों की निगरानी आवश्यक।
🟣 भूमि-मूल्य व किराया बढ़ने की सम्भावना—कमजोर वर्ग हेतु आवास/आवासीय-सेवा पर नीतिगत ध्यान।
🟡 स्थानीय उद्यमों से आपूर्ति-संधियाँ—जब स्थानीय सोर्सिंग, कौशल-प्रशिक्षण व सामाजिक-सुरक्षा शर्तें जोड़ी जाएँ।
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