Class 10 : Science (In Hindi) – Lesson 12. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔵 प्रस्तावना
मानव ने जब यह जाना कि विद्युत धारा केवल ऊष्मा और प्रकाश ही नहीं उत्पन्न करती बल्कि उसके आसपास चुंबकीय प्रभाव भी बनता है, तब से विज्ञान और तकनीक की दिशा बदल गई। विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव आज मोटर, जनरेटर, टेलीविज़न, पंखा, स्पीकर, कंप्यूटर हार्डडिस्क, मैगलेव ट्रेन आदि में प्रयोग होता है।
🟠 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
🟢 1820 ई. में डेनमार्क के वैज्ञानिक एरस्टेड (Hans Christian Oersted) ने खोज की कि जब किसी चालक तार में धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके पास रखी चुम्बकीय सुई (कम्पास) अपनी स्थिति बदल लेती है।
🔵 इससे सिद्ध हुआ कि विद्युत धारा से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
🟡 चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field)
परिभाषा
➡️ किसी बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र वह क्षेत्र है जहाँ कोई चुम्बकीय सुई रखने पर उस पर बल अनुभव होता है।
निरूपण
चुंबकीय क्षेत्र को चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं द्वारा दर्शाया जाता है।
रेखाएँ उत्तर ध्रुव से निकलकर दक्षिण ध्रुव तक जाती हैं।
🟣 विद्युत धारा वहन करने वाले सीधे चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र
जब किसी सीधी चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उसके चारों ओर केन्द्रित वृत्ताकार चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ बनती हैं।
दाहिने हाथ का अंगूठा नियम (Right Hand Thumb Rule): यदि दाहिने हाथ के अंगूठे को धारा की दिशा में रखें तो मुड़ी हुई उंगलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा बताएँगी।
✔️ प्रयोग: तार के पास कम्पास रखने पर सुई विचलित होती है।
🔴 विद्युत धारा वहन करने वाली वृत्ताकार कुंडली का चुंबकीय क्षेत्र
जब तार को वृत्ताकार कुंडली के रूप में मोड़ा जाता है तो प्रत्येक तार खण्ड का चुंबकीय क्षेत्र मिलकर केंद्र पर अधिक बलवान चुंबकीय क्षेत्र बनाता है।
कुंडली के घुमाव की संख्या (n), धारा (I) और त्रिज्या (r) पर निर्भर करता है।
🌿 सोलनॉइड (Solenoid)
परिभाषा
➡️ तार को लम्बी सर्पिलाकार कुंडली के रूप में लपेटा जाए और उसमें धारा प्रवाहित की जाए तो यह सोलनॉइड कहलाता है।
गुण
सोलनॉइड के भीतर चुंबकीय क्षेत्र समानांतर रेखाओं के रूप में एकसमान रहता है।
यह क्षेत्र बार चुम्बक के समान होता है।
एक छोर उत्तर ध्रुव तथा दूसरा छोर दक्षिण ध्रुव बनता है।
उपयोग
विद्युत चुम्बक बनाने में
विद्युत घंटी
मोटर व जनरेटर
🟢 विद्युतचुम्बक (Electromagnet)
यदि लोहे की कील पर तार लपेटकर उसमें धारा प्रवाहित करें तो वह अस्थायी चुंबक बन जाती है।
धारा हटाते ही चुंबकीय गुण समाप्त हो जाता है।
यह प्रयोगशालाओं, क्रेनों, विद्युत घंटी में प्रयुक्त होता है।
🟡 मोटर सिद्धांत (Motor Principle)
कथन
➡️ जब कोई धारा वहन करने वाला चालक चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उस पर बल लगता है।
फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम (Fleming’s Left Hand Rule)
बायाँ हाथ फैलाकर अंगूठा, तर्जनी और मध्यमा परस्पर लम्बवत रखें।
तर्जनी → चुंबकीय क्षेत्र की दिशा
मध्यमा → धारा की दिशा
अंगूठा → बल की दिशा
विद्युत मोटर
इस सिद्धांत पर कार्य करती है।
कुंडली, चुंबक, कम्यूटेटर और ब्रश मिलकर यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
🔴 विद्युत धारा पर चुंबकीय बल
सूत्र
F = BIL sin θ
जहाँ F = बल, B = चुंबकीय क्षेत्र, I = धारा, L = चालक की लंबाई
✔️ यदि θ = 90° हो तो बल अधिकतम होगा।
🟣 फ्लेमिंग का दायाँ हाथ नियम (Fleming’s Right Hand Rule)
अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा को परस्पर लम्बवत रखें।
तर्जनी → चुंबकीय क्षेत्र
मध्यमा → धारा
अंगूठा → प्रेरित धारा या गति की दिशा
👉 यह विद्युत जनरेटर में प्रयुक्त होता है।
🌿 विद्युत उपकरण
(a) विद्युत घंटी
इसमें लोहे की कोर पर तार लपेटकर विद्युतचुम्बक बनाया जाता है।
स्विच दबाते ही चुंबक आर्मेचर को खींचता है और हथौड़ी घंटी बजाती है।
(b) मोटर
विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है।
(c) जनरेटर
यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है।
🟢 परिपथ संरक्षण
फ्यूज़ – अधिक धारा पर पिघल जाता है।
MCB – स्वचालित परिपथ सुरक्षा।
अर्थिंग – करंट को धरती में प्रवाहित कर सुरक्षा।
🟡 दैनिक जीवन में उपयोग
बिजली की मोटर (पंखा, पम्प, मिक्सर)
विद्युत घंटी
रेल व मेट्रो
मैग्नेटिक क्रेन
MRI स्कैन
🟣 संक्षेप (लगभग 200 शब्द)
विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव 1820 में एरस्टेड ने खोजा। किसी चालक से धारा प्रवाहित होने पर उसके चारों ओर वृत्ताकार चुंबकीय क्षेत्र बनता है, जिसकी दिशा दाहिने हाथ के अंगूठा नियम से पता चलती है। वृत्ताकार कुंडली व सोलनॉइड में चुंबकीय क्षेत्र अधिक बलवान और बार चुम्बक सदृश होता है। विद्युतचुम्बक अस्थायी चुंबक है, जिसका प्रयोग घंटी, मोटर, क्रेन आदि में होता है। धारा वहन करने वाले चालक पर चुंबकीय क्षेत्र में बल लगता है, जिसका नियम F = BIL sinθ है। फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम मोटर में और दायाँ हाथ नियम जनरेटर में प्रयोग होता है। विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव आधुनिक उद्योग व घरेलू उपकरणों का आधार है।
📝 त्वरित दोहरान
🔵 एरस्टेड की खोज – धारा से चुंबकीय प्रभाव
🟢 दाहिने हाथ का अंगूठा नियम
🟡 सोलनॉइड = अस्थायी बार चुंबक
🔴 मोटर सिद्धांत = बायाँ हाथ नियम
🟣 जनरेटर = दायाँ हाथ नियम
🟠 सूत्र: F = BIL sinθ
🟢 उपयोग: घंटी, मोटर, क्रेन, MRI
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन किसी सीधे लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लम्बवत होती हैं।
(b) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समान्तर होती हैं।
(c) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ वृत्ताकार होती हैं जिनका उत्पन्न तार से होता है।
(d) चुंबकीय क्षेत्र की केन्द्रित क्षेत्र रेखाओं का केन्द्र तार होता है।
उत्तर 1.
✔️ चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएँ वृत्ताकार होती हैं और तार के चारों ओर केन्द्रित रहती हैं।
अतः सही उत्तर है: (c)
प्रश्न 2. लघुपुष्पन (short circuit) के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान—
(a) बहुत कम हो जाता है।
(b) परिवर्तित नहीं होता।
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
(d) निरन्तर परिवर्तित होता है।
उत्तर 2.
✔️ लघुपुष्पन में तार का प्रतिरोध नगण्य हो जाता है, अतः धारा बहुत अधिक बढ़ जाती है।
सही उत्तर: (c)
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रकरणों में कौन-सा सही है तथा कौन-सा गलत है? इसे प्रकरण के सामने अंकित कीजिए—
(a) किसी लंबी वृत्ताकार विद्युत धारावाही कुंडली के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र समान्तर सीधी क्षेत्र रेखाओं वाला होता है।
(b) हर विद्युतधारा वाला तार प्रायः चुम्बकमय तार होता है।
उत्तर 3.
(a) ✔️ सही, क्योंकि कुंडली के केन्द्र पर क्षेत्र रेखाएँ समान्तर होती हैं।
(b) ❌ गलत, केवल तब ही तार चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है जब उसमें धारा प्रवाहित हो।
प्रश्न 4. चुंबकीय क्षेत्र का उत्पन्न करने के दो तरीकों की सूची बनाइए।
उत्तर 4.
🔵 किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित करके
🟢 स्थायी चुम्बक द्वारा
प्रश्न 5. किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आकर्षण बल कब अधिकतम होता है?
उत्तर 5.
✔️ जब चालक चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं पर 90° कोण पर हो और उसमें धारा प्रवाहित हो रही हो।
उस स्थिति में बल = BIL (sinθ) → अधिकतम तब जब θ = 90°।
प्रश्न 6. मान लीजिए आप किसी मेले में झूले पर बैठे हैं और झूले को किसी एक दिशा में लगातार बल से खींच रहे हैं, जबकि झूला बराबर दूरी पर आगे–पीछे झूलता है। पास खड़ी आपकी मित्र दीवार की तरफ झूलने वाली दीवार की ओर इंगित करती है: “गमन करते हुए किसी प्रवाहक चुंबकीय क्षेत्र द्वारा आपके पीछे और लौटते समय आपके आगे प्रेरित बल का दिशा बदल जाता है।” चुंबकीय क्षेत्र की दिशा का अनुमान लगाइए।
उत्तर 6.
✔️ यह नियम फ्लेमिंग के दाएँ हाथ नियम से स्पष्ट होता है।
गमन के समय बल एक दिशा में प्रेरित होगा।
लौटते समय धारा की दिशा उलट जाएगी।
इस प्रकार चुंबकीय क्षेत्र लंबवत (ऊपर से नीचे या नीचे से ऊपर) होना चाहिए।
प्रश्न 7. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए—
(i) किसी विद्युत धारावाही सीधे चालक को किस प्रकार और क्यों चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है?
(ii) किसी चुंबकीय क्षेत्र की, क्षेत्र रेखाओं से चित्रित, विद्युत धारावाही सीधे चालक पर आकर्षित बल का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर 7.
(i) चालक में धारा प्रवाहित होने पर उसके चारों ओर वृत्ताकार चुंबकीय क्षेत्र बनता है। यह एरस्टेड के प्रयोग से सिद्ध होता है।
(ii) जब चालक चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उस पर बल लगता है, जिसकी दिशा फ्लेमिंग के बाएँ हाथ नियम से ज्ञात होती है।
प्रश्न 8. किसी विद्युत परिपथ में लघुपुष्पन क्यों होता है?
उत्तर 8.
✔️ जब धारा का मार्ग नगण्य प्रतिरोध वाला बन जाता है तो धारा बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसे लघुपुष्पन कहते हैं।
कारण:
🔵 इन्सुलेशन का टूटना
🟢 तारों का सीधे जुड़ जाना
🔴 उपकरण की खराबी
प्रश्न 9. भू–संपर्क (अर्थिंग) का क्या कार्य है? धातु के आवरण वाले विद्युत साधनों को भू–संपर्क करना क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर 9.
✔️ कार्य:
दुर्घटनावश धारा रिसने पर उसे सीधे पृथ्वी में प्रवाहित कर सुरक्षा करना।
उपयोगकर्ता को बिजली के झटके से बचाना।
👉 धातु के आवरण वाले उपकरणों (फ्रिज, हीटर, पंखा, वॉशिंग मशीन) में अर्थिंग आवश्यक है क्योंकि आवरण पर धारा आने पर करंट सीधे पृथ्वी में चला जाएगा और व्यक्ति सुरक्षित रहेगा।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔵 खण्ड A (बहुविकल्पी प्रश्न, 1 अंक प्रत्येक)
प्रश्न 1. एरस्टेड का प्रयोग किससे सम्बंधित था?
विद्युत धारा से ऊष्मा
विद्युत धारा से रासायनिक प्रभाव
विद्युत धारा से चुंबकीय प्रभाव
विद्युत धारा से प्रकाश
उत्तर 1. 3
प्रश्न 2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ किस दिशा में निकलती हैं?
दक्षिण से उत्तर
उत्तर से दक्षिण
पश्चिम से पूर्व
पृथ्वी के केन्द्र से बाहर
उत्तर 2. 2
प्रश्न 3. दाहिने हाथ का अंगूठा नियम किसके लिए है?
बल की दिशा
धारा की दिशा
चुंबकीय क्षेत्र की दिशा
विभव की दिशा
उत्तर 3. 3
प्रश्न 4. फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम किस उपकरण में प्रयोग होता है?
मोटर
जनरेटर
ट्रांसफॉर्मर
विद्युत घंटी
उत्तर 4. 1
प्रश्न 5. फ्लेमिंग का दायाँ हाथ नियम किस उपकरण में प्रयुक्त होता है?
मोटर
जनरेटर
पंखा
चुंबक
उत्तर 5. 2
प्रश्न 6. सोलनॉइड का चुंबकीय क्षेत्र किसके समान होता है?
स्थायी चुंबक
बार चुंबक
विद्युत घंटी
मोटर
उत्तर 6. 2
प्रश्न 7. मोटर सिद्धांत कहता है कि—
चालक पर बल लगता है
चालक पर वोल्टेज घटता है
चालक की धारा रुक जाती है
चालक पिघल जाता है
उत्तर 7. 1
प्रश्न 8. विद्युत घंटी में चुंबक किस प्रकार का होता है?
स्थायी
विद्युतचुम्बक
प्राकृतिक
कृत्रिम
उत्तर 8. 2
प्रश्न 9. विद्युत धारा से चुंबकीय क्षेत्र का पहला प्रेक्षण किसने किया?
फैराडे
एरस्टेड
न्यूटन
फ्लेमिंग
उत्तर 9. 2
प्रश्न 10. F = BIL sinθ सूत्र किसके लिए है?
विभव
बल
धारा
शक्ति
उत्तर 10. 2
🟣 कथन–कारण (Q11–20)
प्रश्न 11.
कथन: धारा वहन करने वाले चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र होता है।
कारण: एरस्टेड ने इसका प्रदर्शन किया।
उत्तर 11. 1
प्रश्न 12.
कथन: चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ हमेशा बन्द वक्र बनाती हैं।
कारण: वे उत्तर से दक्षिण जाती हैं और भीतर दक्षिण से उत्तर लौटती हैं।
उत्तर 12. 1
प्रश्न 13.
कथन: मोटर में फ्लेमिंग का दायाँ हाथ नियम प्रयोग होता है।
कारण: यह नियम बल की दिशा बताता है।
उत्तर 13. 3
प्रश्न 14.
कथन: सोलनॉइड का चुंबकीय क्षेत्र बार चुंबक जैसा होता है।
कारण: सोलनॉइड के भीतर क्षेत्र रेखाएँ समानांतर व एकसमान होती हैं।
उत्तर 14. 1
प्रश्न 15.
कथन: फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम बल की दिशा बताता है।
कारण: इसमें अंगूठा धारा को दर्शाता है।
उत्तर 15. 3
प्रश्न 16.
कथन: विद्युत मोटर में धारा विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है।
कारण: मोटर सिद्धांत के अनुसार चालक पर बल लगता है।
उत्तर 16. 1
प्रश्न 17.
कथन: विद्युतचुम्बक अस्थायी चुंबक होता है।
कारण: धारा बन्द होते ही चुंबकीय गुण समाप्त हो जाते हैं।
उत्तर 17. 1
प्रश्न 18.
कथन: जनरेटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
कारण: इसमें फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम प्रयोग होता है।
उत्तर 18. 4
प्रश्न 19.
कथन: कम्पास की सुई धारा प्रवाहित तार के पास विचलित होती है।
कारण: तार के चारों ओर विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है।
उत्तर 19. 3
प्रश्न 20.
कथन: चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता धारा पर निर्भर करती है।
कारण: धारा बढ़ने पर क्षेत्र की तीव्रता घट जाती है।
उत्तर 20. 3
🟠 खण्ड B (2 अंक, Q21–26)
प्रश्न 21. चुंबकीय क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र रेखा में अंतर लिखिए।
उत्तर 21.
क्षेत्र: वह क्षेत्र जहाँ चुंबकीय बल कार्य करता है।
रेखा: क्षेत्र को दर्शाने हेतु काल्पनिक रेखाएँ।
प्रश्न 22. दाहिने हाथ का अंगूठा नियम स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 22.
अंगूठा धारा की दिशा
मुड़ी उंगलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा
प्रश्न 23. विद्युत घंटी में विद्युतचुम्बक की भूमिका लिखिए।
उत्तर 23.
विद्युतचुम्बक आर्मेचर को खींचता है और हथौड़ी घंटी बजाती है।
प्रश्न 24. सोलनॉइड के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर 24.
विद्युतचुम्बक बनाने में
विद्युत मोटर में
प्रश्न 25. मोटर सिद्धांत का कथन लिखिए।
उत्तर 25.
चुंबकीय क्षेत्र में धारा वहन करने वाले चालक पर बल लगता है।
प्रश्न 26. फ्लेमिंग के बाएँ हाथ नियम के तीन अंग किसे निरूपित करते हैं?
उत्तर 26.
अंगूठा = बल की दिशा
तर्जनी = चुंबकीय क्षेत्र
मध्यमा = धारा
🟡 खण्ड C (3 अंक, Q27–33)
प्रश्न 27. एरस्टेड का प्रयोग समझाइए।
उत्तर 27.
धारा प्रवाहित तार के पास कम्पास की सुई विचलित होती है।
इससे धारा का चुंबकीय प्रभाव सिद्ध हुआ।
प्रश्न 28. किसी चालक पर चुंबकीय क्षेत्र में बल क्यों लगता है? सूत्र सहित लिखिए।
उत्तर 28.
F = BIL sinθ
अधिकतम बल तब जब θ = 90°
प्रश्न 29. मोटर के मुख्य भाग लिखिए।
उत्तर 29.
कुंडली, चुंबक, ब्रश, कम्यूटेटर
प्रश्न 30. सोलनॉइड के भीतर चुंबकीय क्षेत्र बार चुंबक जैसा क्यों होता है?
उत्तर 30.
क्योंकि क्षेत्र रेखाएँ समानांतर और एकसमान हैं।
प्रश्न 31. जनरेटर और मोटर में अंतर लिखिए।
उत्तर 31.
मोटर: विद्युत ऊर्जा → यांत्रिक ऊर्जा
जनरेटर: यांत्रिक ऊर्जा → विद्युत ऊर्जा
प्रश्न 32. विद्युतचुम्बक और स्थायी चुम्बक में दो अंतर लिखिए।
उत्तर 32.
विद्युतचुम्बक अस्थायी, स्थायी स्थायी
विद्युतचुम्बक में धारा आवश्यक, स्थायी में नहीं
प्रश्न 33. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर 33.
वे हमेशा बन्द वक्र होती हैं
वे आपस में नहीं काटतीं
🔴 खण्ड D (5 अंक, Q34–36)
प्रश्न 34. विद्युत मोटर का कार्य सिद्धांत और कार्यविधि समझाइए।
उत्तर 34.
सिद्धांत: चुंबकीय क्षेत्र में धारा वहन करने वाले चालक पर बल लगता है।
कार्यविधि: कुंडली में धारा, चुंबकीय क्षेत्र में रखी जाती है, बल लगता है और कुंडली घूमने लगती है।
ब्रश व कम्यूटेटर धारा की दिशा बदलते रहते हैं।
प्रश्न 35. सोलनॉइड का चुंबकीय क्षेत्र प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर 35.
तार को सर्पिल लपेटकर उसमें धारा प्रवाहित करें।
भीतर कम्पास रखने पर वह एकसमान क्षेत्र दर्शाता है।
यह बार चुंबक जैसा व्यवहार करता है।
प्रश्न 36. फ्लेमिंग के दाएँ और बाएँ हाथ नियमों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
उत्तर 36.
बायाँ हाथ: बल की दिशा (मोटर)
दायाँ हाथ: प्रेरित धारा की दिशा (जनरेटर)
🟠 खण्ड E (केस आधारित, Q37–39)
प्रश्न 37. एक छात्र ने सीधी तार में धारा प्रवाहित की और पास कम्पास रखा।
(i) सुई क्यों विचलित हुई?
(ii) दिशा कैसे ज्ञात होगी?
उत्तर 37.
(i) धारा से चुंबकीय क्षेत्र बना।
(ii) दाहिने हाथ का अंगूठा नियम प्रयोग करेंगे।
प्रश्न 38. मोटर में कुंडली क्यों घूमती है?
(i) सिद्धांत
(ii) दिशा का निर्धारण कैसे होगा?
उत्तर 38.
(i) चालक पर बल लगता है।
(ii) फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम से।
प्रश्न 39. एक प्रयोग में छात्र ने सोलनॉइड के दोनों सिरों पर कम्पास रखा।
(i) क्या देखा गया?
(ii) इससे क्या निष्कर्ष निकला?
उत्तर 39.
(i) एक सिरा उत्तर ध्रुव, दूसरा दक्षिण ध्रुव बना।
(ii) सोलनॉइड का क्षेत्र बार चुंबक जैसा होता है।
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