Class 10 : Hindi – Lesson 17. व्याकरण
रचना के आधार पर वाक्य भेद
✨ रचना के आधार पर वाक्य-भेद ✨
1) परिभाषा
🔹 वाक्य को उसके भीतर प्रयुक्त उपवाक्यों की संख्या और स्वरूप के आधार पर तीन प्रमुख भेदों में बाँटा जाता है।
👉 इन तीन भेदों को कहते हैं –
सरल वाक्य
मिश्र वाक्य
संयुक्त वाक्य
2) सरल वाक्य
💠 परिभाषा –
जिस वाक्य में केवल एक ही कर्ता-क्रिया समूह होता है और वह पूरा भाव व्यक्त करता है, उसे सरल वाक्य कहते हैं। इसमें कोई आश्रित उपवाक्य नहीं होता।
💠 पहचान –
एक ही क्रियापद होगा
कोई संयोजक अव्यय (और, परन्तु, यदि, जो इत्यादि) प्रायः नहीं होता
वाक्य स्वतन्त्र और सीधा होता है
💠 उदाहरण (10)
>राम पुस्तक पढ़ रहा है।
>आज वर्षा हो रही है।
>मैं बाज़ार गया।
>पक्षी गा रहे हैं।
>गाड़ी तेज़ चल रही है।
>सूरज निकल आया।
>यह मेरा घर है।
>शिक्षक समझा रहे हैं।
>मोहन दौड़ रहा है।
>वह सो रहा है।
3) मिश्र वाक्य
💠 परिभाषा –
जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य और उसके साथ एक अथवा अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
💠 पहचान –
एक उपवाक्य मुख्य होता है, बाकी उस पर निर्भर होते हैं
अक्सर शब्द आते हैं— कि, जो, जब, यदि, क्योंकि, ताकि, जहाँ, जिससे, जिसने, जितना–उतना आदि
💠 उदाहरण (10)
>यदि बारिश होगी तो हम घर में रहेंगे।
>मुझे विश्वास है कि वह आएगा।
>जब सूर्य उगा, तब पक्षी गाने लगे।
>जो छात्र मेहनत करता है, वही सफल होता है।
>वह इतना थका कि सो गया।
>क्योंकि वह बीमार था, इसलिए विद्यालय नहीं गया।
>मुझे मालूम है कि तुम सत्य बोल रहे हो।
>जितना परिश्रम करोगे, उतना फल मिलेगा।
>जिसने पुस्तक पढ़ी, वही उत्तर दे पाया।
>जहाँ इच्छा है, वहाँ राह है।
4) संयुक्त वाक्य
💠 परिभाषा –
जिस वाक्य में दो या अधिक स्वतन्त्र उपवाक्य हों और वे समुच्चय-बोधक अव्ययों से जुड़े हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
💠 पहचान –
प्रत्येक उपवाक्य अलग खड़ा होकर पूर्ण वाक्य बन सकता है
बीच में प्रायः आते हैं— और, परन्तु, किन्तु, अथवा, या तो–या, न–न, फिर भी, न केवल–बल्कि भी आदि
💠 उदाहरण (10)
>राम आया और सीता हँसी।
>वह अमीर है परन्तु दानी नहीं है।
>या तो तुम आओ या मैं जाऊँ।
>हमने मेहनत की, फिर भी सफलता नहीं मिली।
>न वह बोला, न उसने मुस्कुराया।
>वह घर आया और उसने भोजन किया।
>सूरज उगा और अंधकार दूर हो गया।
>या तो तुम पढ़ो या परीक्षा में असफल हो।
>मोहन भी आया और सोहन भी आया।
>वह पढ़ाई करता है किन्तु खेलों में भी अच्छा है।
5) रूपान्तरण की विधि
🔸 सरल से संयुक्त –
दो सरल वाक्य लेकर उन्हें और, परन्तु, अथवा आदि से जोड़ दें।
उदाहरण: “राम पुस्तक पढ़ रहा है। श्याम खेल रहा है।” → “राम पुस्तक पढ़ रहा है और श्याम खेल रहा है।”
🔸 सरल से मिश्र –
एक उपवाक्य को “कि, जो, जब, यदि” से जोड़ दें।
उदाहरण: “मुझे आशा है।” → “मुझे आशा है कि वह आएगा।”
🔸 मिश्र से सरल –
आश्रित उपवाक्य को कृदन्त या क्रियाविशेषणीय रूप देकर सरल बनाइए।
उदाहरण: “यदि वह आएगा तो मैं जाऊँगा।” → “उसके आने पर मैं जाऊँगा।”
🔸 संयुक्त से सरल –
समुच्चय-बोधक हटाकर कृदन्त रूप दीजिए।
उदाहरण: “राम आया और वह सो गया।” → “आकर राम सो गया।”
🔸 मिश्र से संयुक्त –
“क्योंकि–इसलिए, जब–तब, यदि–तो” जैसे युग्म हटाकर स्वतन्त्र वाक्य बना दें।
उदाहरण: “क्योंकि वह बीमार था, इसलिए नहीं आया।” → “वह बीमार था, इसलिए नहीं आया।”
6) परीक्षा-युक्तियाँ
🌟 1. उपवाक्य गिनने की आदत डालें।
🌟 2. यदि “कि, जो, जब, यदि, क्योंकि, ताकि” जैसे शब्द मिलें तो मिश्र वाक्य मानें।
🌟 3. यदि “और, परन्तु, अथवा, फिर भी, न केवल–बल्कि” मिलें तो संयुक्त वाक्य मानें।
🌟 4. यदि केवल एक ही क्रिया हो और कोई संयोजक न हो तो सरल वाक्य है।
🌟 5. परीक्षा में अक्सर प्रश्न आते हैं—
वाक्य को एक प्रकार से दूसरे प्रकार में बदलो
वाक्य-भेद पहचानो और कारण लिखो
रिक्त स्थान भरकर सही समुच्चय-बोधक लिखो
✨ अभ्यास सामग्री (भाग 2) ✨
1) बहुविकल्पी प्रश्न (MCQ) – 15 प्रश्न
Q1. “राम बाज़ार गया।” यह वाक्य किस प्रकार का है?
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. आज्ञार्थक
✔ उत्तर: 1
Q2. “यदि तुम मेहनत करोगे तो सफल होगे।” वाक्य का भेद है—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. विशेषण
✔ उत्तर: 2
Q3. “राम खेल रहा है और श्याम पढ़ रहा है।” यह वाक्य है—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. विस्मयादिबोधक
✔ उत्तर: 3
Q4. “जिसने परिश्रम किया, वही सफल हुआ।” किस प्रकार का वाक्य है?
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. अपूर्ण
✔ उत्तर: 2
Q5. “वह थका था, फिर भी काम करता रहा।” यह वाक्य—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. निपात
✔ उत्तर: 3
Q6. “न वह बोला, न उसने सुना।” यह किस प्रकार का वाक्य है?
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. रूढ़
✔ उत्तर: 3
Q7. “मुझे विश्वास है कि वह अवश्य आएगा।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. उद्गार
✔ उत्तर: 2
Q8. “राम विद्यालय गया और सीता घर पर रही।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. वाच्य
✔ उत्तर: 3
Q9. “जब सूरज उगा, तब अंधकार छँट गया।” यह किस प्रकार का है?
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. प्रश्नवाचक
✔ उत्तर: 2
Q10. “या तो तुम आओ या हम चले जाएँ।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. विस्मयादिबोधक
✔ उत्तर: 3
Q11. “क्योंकि वह बीमार था, इसलिए कक्षा में नहीं आया।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. कर्तृवाच्य
✔ उत्तर: 2
Q12. “वह घर आया और उसने भोजन किया।” वाक्य-भेद है—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. प्रश्नवाचक
✔ उत्तर: 3
Q13. “जहाँ इच्छा है, वहाँ राह है।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. उद्गार
✔ उत्तर: 2
Q14. “मौसम बदला और वर्षा होने लगी।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. विशेषण
✔ उत्तर: 3
Q15. “वह इतना पढ़ा कि प्रथम आ गया।” यह—
🔸 1. सरल
🔸 2. मिश्र
🔸 3. संयुक्त
🔸 4. विस्मयादिबोधक
✔ उत्तर: 2
2) लघु-उत्तरीय प्रश्न (Q16–Q30)
Q16. सरल वाक्य की परिभाषा लिखिए।
✔ उत्तर: जिस वाक्य में केवल एक कर्ता-क्रिया समूह हो और पूरा भाव स्पष्ट हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं।
Q17. मिश्र वाक्य की परिभाषा लिखिए।
✔ उत्तर: जिसमें एक मुख्य उपवाक्य तथा एक अथवा अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
Q18. संयुक्त वाक्य की परिभाषा लिखिए।
✔ उत्तर: जिसमें दो या अधिक स्वतन्त्र उपवाक्य हों और वे समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
Q19. “राम विद्यालय जाता है।” – इसे संयुक्त वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “राम विद्यालय जाता है और श्याम घर जाता है।”
Q20. “मुझे आशा है।” – इसे मिश्र वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “मुझे आशा है कि वह सफलता पाएगा।”
Q21. “वह घर आया और चला गया।” – इसे सरल वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “घर आकर वह चला गया।”
Q22. “यदि वर्षा होगी तो हम घर में रहेंगे।” – इसे सरल वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “वर्षा होने पर हम घर में रहेंगे।”
Q23. “न वह बोला, न उसने सुना।” – इसे सरल वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “उसने कुछ नहीं बोला। उसने कुछ नहीं सुना।”
Q24. “मैं गया परन्तु वह घर पर रहा।” – इसे मिश्र वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “जब मैं गया, तब वह घर पर रहा।”
Q25. “जो परिश्रम करता है, वही सफलता पाता है।” – वाक्य-भेद बताइए।
✔ उत्तर: मिश्र वाक्य (क्योंकि इसमें “जो…” आश्रित उपवाक्य है)
।
Q26. दो सरल वाक्य जोड़कर संयुक्त वाक्य बनाइए: “बिजली चमकी। वर्षा होने लगी।”
✔ उत्तर: “बिजली चमकी और वर्षा होने लगी।”
Q27. “वह पढ़ाई करता है किन्तु खेलों में भी अच्छा है।” – वाक्य-भेद लिखिए।
✔ उत्तर: संयुक्त वाक्य।
Q28. “उसने इतना पढ़ा कि प्रथम आ गया।” – वाक्य का भेद लिखिए।
✔ उत्तर: मिश्र वाक्य।
Q29. “या तो तुम आओ या हम जाएँ।” – इसे दो सरल वाक्यों में बदलिए।
✔ उत्तर: “तुम आओ। हम जाएँ।”
Q30. “क्योंकि वह बीमार था, इसलिए विद्यालय नहीं गया।” – इसे संयुक्त वाक्य में बदलिए।
✔ उत्तर: “वह बीमार था, इसलिए विद्यालय नहीं गया।”
4) विशेष अभ्यास (बोर्ड परीक्षा शैली)
निम्न वाक्य को सरल वाक्य में बदलिए –
1.“जो बातें वह कह रहा है, वे सब सत्य हैं।”
✔ उत्तर: “उसकी बातें सत्य हैं।”
2.निम्न वाक्य को मिश्र वाक्य में बदलिए –
“वह घर आया और भोजन किया।”
✔ उत्तर: “जब वह घर आया, तब उसने भोजन किया।”
3.निम्न वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिए –
“मुझे विश्वास है कि वह अवश्य आएगा।”
✔ उत्तर: “मुझे विश्वास है और वह अवश्य आएगा।”
4.वाक्य-भेद बताइए –
“जहाँ धुआँ है, वहाँ आग है।”
✔ उत्तर: मिश्र वाक्य।
5.वाक्य-भेद बताइए –
“राम पढ़ता है, श्याम खेलता है।”
✔ उत्तर: संयुक्त वाक्य।
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वाच्य
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🔶 शीर्षक: वाच्य – कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य (परिभाषाएँ, पहचान-ट्रिक्स, रूपान्तरण, अभ्यास)
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🟦 भाग 1: मूल समझ
🟢 परिभाषा 1: कर्तृवाच्य
➤ जहाँ क्रिया का कार्य करने वाला कर्ता प्रधान हो।
✍️ उदाहरण-वाक्य का रूप: “कर्ता + ने/∅ + कर्म + क्रिया”
🟢 परिभाषा 2: कर्मवाच्य
➤ जहाँ कर्म प्रधान हो जाता है, कर्ता गौण होकर प्रायः “द्वारा/से” से आता है।
✍️ उदाहरण-वाक्य का रूप: “कर्म + कर्ता (द्वारा/से) + क्रिया का कर्मवाच्य रूप (जाया/गया/जाती…)”
🟢 परिभाषा 3: भाववाच्य
➤ जहाँ बल क्रिया के भाव/घटना पर हो; कर्ता स्पष्ट नहीं, या सर्वसामान्य/अनिर्दिष्ट हो।
✍️ रूप: “यहाँ नाचा/पढ़ा/किया जाता है”, “काम हो गया”, “हमसे न हुआ” आदि।
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🟦 भाग 2: उदाहरण
🟣 कर्तृवाच्य के 5 उदाहरण
1.राम ने पत्र लिखा।
2.शिक्षक ने पाठ समझाया।
3.किसान ने खेत जोते।
4.बच्चों ने पेड़ लगाए।
5.सीता ने गीत गाया।
🟣 कर्मवाच्य के 5 उदाहरण
1.पत्र राम द्वारा लिखा गया।
2.पाठ शिक्षक द्वारा समझाया गया।
3.खेत किसान द्वारा जोते गए।
4.पेड़ बच्चों द्वारा लगाए गए।
5.गीत सीता द्वारा गाया गया।
🟣 भाववाच्य के 5 उदाहरण
1.यहाँ नियमों का पालन किया जाता है।
2.इस कमरे में धूम्रपान नहीं किया जाता।
3.आज विद्यालय में खेला गया।
4.मुझसे यह काम न हुआ।
5.रात को बहुत शोर किया गया।
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🟦 भाग 3: तुरन्त पहचान-ट्रिक्स
🔵 ट्रिक 1: “ने” दिखे और कर्ता काम कर रहा हो → कर्तृवाच्य।
🔵 ट्रिक 2: “द्वारा/से” और “गया/जाता/जाई/जाएगा/किया गया” आदि दिखे → कर्मवाच्य।
🔵 ट्रिक 3: कर्ता अनिश्चित/अनुपस्थित हो, “किया जाता है/हुआ/हो गया/न हुआ” जैसे भाव हों → भाववाच्य।
🔵 ट्रिक 4: कर्मवाच्य बनने के लिए क्रिया का सकर्मक होना आवश्यक है (सीधा कर्म चाहिए)।
🔵 ट्रिक 5: “जाना” सहायक रूप में आए और बल कर्म/भाव पर हो → अक्सर कर्मवाच्य/भाववाच्य।
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🟦 भाग 4: रूपान्तरण के पक्के नियम
🟢 कर्तृवाच्य → कर्मवाच्य
1.कर्म को वाक्य का कर्ता बनाइए।
2.“ने” हटाइए; कर्ता को “द्वारा/से” में रखिए।
3.क्रिया में “जाना/गया/जाती/जाते/जाएगा/जा रहा…” का उचित रूप जोड़िए; लिंग-वचन नए “कर्त्ता” (अर्थात् पूर्व कर्म) के अनुसार।
4.कालानुसार रूप:
वर्तमान सरल: “खाता है” → “खाया जाता है”
भूतकाल: “खाया” → “खाया गया”
भविष्यत्: “खाएगा” → “खाया जाएगा”
अपूर्ण वर्तमान: “खा रहा है” → “खाया जा रहा है”
अपूर्ण भूत: “खा रहा था” → “खाया जा रहा था”
आज्ञार्थक: “खा” → “खाया जाए”
संभाव्य: “खाए” → “खाया जाए”
🟢 कर्मवाच्य → कर्तृवाच्य
1.“द्वारा/से” के बाद वाला शब्द कर्ता बनाइए और “ने” दीजिए (उचित हो तो)।
2.“जाना/गया/जाती…” हटाकर मूल क्रिया का रूप काल-पुरुष के अनुसार लगाइए।
“पत्र राम द्वारा लिखा गया” → “राम ने पत्र लिखा।”
🟢 भाववाच्य ↔ कर्तृवाच्य/कर्मवाच्य
1.भाववाच्य से कर्तृवाच्य: उपयुक्त सामान्य कर्ता जोड़ दीजिए।
“यहाँ पढ़ा जाता है” → “लोग यहाँ पढ़ते हैं।”
2.भाववाच्य से कर्मवाच्य: यदि किसी निश्चित कर्म पर बल देना हो तो वही कर्म विषय बनाइए।
“यहाँ सफाई की जाती है” → “सफाई कर्मचारियों द्वारा की जाती है।”
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🟦 भाग 5: रूपान्तरण
1.कर्तृवाच्य: “सीमा ने चित्र बनाया।”
→ कर्मवाच्य: “चित्र सीमा द्वारा बनाया गया।”
2.कर्तृवाच्य: “माली ने बगीचे में पानी दिया।”
→ कर्मवाच्य: “बगीचे में पानी माली द्वारा दिया गया।”
3.भाववाच्य: “यहाँ रोज़ योग किया जाता है।”
→ कर्तृवाच्य: “लोग यहाँ रोज़ योग करते हैं।”
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🟦 भाग 6: अभ्यास-प्रश्नोत्तर
🔴 A. बहुविकल्पीय प्रश्न (10) –
प्रश्न 1: “राम द्वारा घर सजाया गया।” यह वाक्य किस वाच्य का है?
(अ) कर्तृवाच्य
(ब) कर्मवाच्य
(स) भाववाच्य
(द) कोई नहीं
उत्तर: (ब)
प्रश्न 2: “यहाँ त्योहार मनाया जाता है।” वाच्य बताइए।
(अ) कर्तृवाच्य (ब) कर्मवाच्य (स) भाववाच्य (द) मिश्रित
उत्तर: (स)
प्रश्न 3: “छात्रों ने वृक्ष लगाए।” का कर्मवाच्य रूप क्या होगा?
(अ) वृक्ष छात्रों द्वारा लगाए गए।
(ब) वृक्ष लगाए जाते हैं।
(स) वृक्ष लगाए गए थे।
(द) वृक्ष लगाया जाएगा।
उत्तर: (अ)
प्रश्न 4: किस वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक होती है?
(अ) कर्तृवाच्य (ब) कर्मवाच्य (स) भाववाच्य (द) सभी
उत्तर: (ब)
प्रश्न 5: “मुझसे यह न हुआ।” वाच्य बताइए।
(अ) कर्तृवाच्य (ब) कर्मवाच्य (स) भाववाच्य (द) कथन-वाच्य
उत्तर: (स)
प्रश्न 6: “चिट्ठी डाकिए द्वारा बाँटी जा रही है।” काल-रूप पहचानिए।
(अ) वर्तमान अपूर्ण कर्मवाच्य
(ब) भूतकाल कर्मवाच्य
(स) भविष्यत् कर्मवाच्य
(द) आज्ञार्थक कर्मवाच्य
उत्तर: (अ)
प्रश्न 7: “कक्षा में चर्चा की गई।” कर्ता स्पष्ट नहीं है, इसलिए यह—
(अ) कर्तृवाच्य (ब) कर्मवाच्य (स) भाववाच्य (द) कोई नहीं
उत्तर: (स)
प्रश्न 8: “माँ ने भोजन बनाया” का सही कर्मवाच्य रूप चुनिए।
(अ) भोजन माँ से बनाया गया।
(ब) भोजन माँ द्वारा बनाया गया।
(स) भोजन बनाया जा रहा है।
(द) भोजन बनाया जाएगा।
उत्तर: (ब)
प्रश्न 9: “बच्चे खेल रहे थे।” का कर्मवाच्य रूप कब सम्भव होगा?
(अ) सदैव
(ब) जब ‘खेल’ का सीधा कर्म हो
(स) कभी नहीं
(द) केवल आज्ञा में
उत्तर: (ब)
प्रश्न 10: “यह निर्णय लिया जाए।” यह—
(अ) आज्ञार्थक कर्मवाच्य
(ब) आज्ञार्थक कर्तृवाच्य
(स) भूतकाल भाववाच्य
(द) भविष्यत् कर्तृवाच्य
उत्तर: (अ)
🔵 B. लघु उत्तरीय (15) – संक्षिप्त उत्तर
प्रश्न 1: कर्तृवाच्य की संक्षिप्त परिभाषा लिखिए।
उत्तर: जहाँ क्रिया करने वाला कर्ता मुख्य हो और कार्य उसी पर केंद्रित हो, वह कर्तृवाच्य है।
प्रश्न 2: कर्मवाच्य बनने के दो आवश्यक चिन्ह लिखिए।
उत्तर: (1) “द्वारा/से” का प्रयोग, (2) क्रिया में “जाना/गया/जाती/जाएँगे…” का रूप; साथ ही क्रिया सकर्मक हो।
प्रश्न 3: “लोग यहाँ गाना गाते हैं।” को भाववाच्य में बदलिए।
उत्तर: “यहाँ गाना गाया जाता है।”
प्रश्न 4: “उन्होंने समस्या सुलझाई।” को कर्मवाच्य में बदलिए।
उत्तर: “समस्या उनके द्वारा सुलझाई गई।”
प्रश्न 5: “घर साफ़ किया गया।” को कर्तृवाच्य में बदलिए।
उत्तर: “किसी ने/कर्मचारियों ने घर साफ़ किया।”
प्रश्न 6: भाववाच्य में कर्ता क्यों नहीं दिखता?
उत्तर: क्योंकि बल क्रिया के होने/भाव पर होता है; कर्ता अनिर्दिष्ट/अप्रासंगिक माना जाता है।
प्रश्न 7: “बाजार में सब्ज़ियाँ बेची जाती हैं।” वाच्य लिखिए।
उत्तर: भाववाच्य/कर्म-प्रधान सामान्य विधान।
प्रश्न 8: “बालक ने खिलौना तोड़ा।” का कर्मवाच्य रूप।
उत्तर: “खिलौना बालक द्वारा तोड़ा गया।”
प्रश्न 9: “चिट्ठियाँ लिखी जाएँगी।” को कर्तृवाच्य में बदलिए (सर्वसाधारण कर्ता)।
उत्तर: “लोग चिट्ठियाँ लिखेंगे।”
प्रश्न 10: “विद्यालय में वृक्षारोपण किया गया।” को कर्तृवाच्य में।
उत्तर: “विद्यार्थियों/शिक्षकों ने विद्यालय में वृक्षारोपण किया।”
प्रश्न 11: “कविता का पाठ कराया जा रहा है।” वाच्य और काल लिखिए।
उत्तर: कर्मवाच्य, वर्तमान अपूर्ण (जा रहा है)।
प्रश्न 12: “मुझसे यह प्रश्न न हल हुआ।” वाच्य बताइए।
उत्तर: भाववाच्य।
प्रश्न 13: “कुत्ते ने बिल्ली को दौड़ाया।” – क्या इसे कर्मवाच्य बनाया जा सकता है? बनाइए।
उत्तर: हाँ— “बिल्ली को कुत्ते द्वारा दौड़ाया गया।”
प्रश्न 14: “मेज़ पोंछी जा चुकी है।” – वाच्य व काल।
उत्तर: कर्मवाच्य, वर्तमान पूर्ण/समाप्त भाव (“जा चुकी है”)।
प्रश्न 15: “कौन-सा वाच्य परीक्षा-निर्देशों में अधिक पाया जाता है: ‘उत्तर लिखा जाए’ जैसे?”
उत्तर: कर्मवाच्य (आज्ञार्थक/सम्भाव्य रूप)।
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🟦 भाग 7: CBSE वार्षिक बोर्ड परीक्षा पैटर्न मॉडल प्रश्न
प्रश्न 1: “पंत ने प्रकृतिपरक कविताएँ लिखी हैं।” (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: “प्रकृतिपरक कविताएँ पंत द्वारा लिखी गई हैं।”
प्रश्न 2: “मुझसे ऐसा नहीं जाता।” (वाच्य पहचानकर भेद का नाम लिखिए)
उत्तर: भाववाच्य।
प्रश्न 3: “उनके द्वारा मुझे सफ़ाई का अहसास कराया गया।” (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर: “उन्होंने मुझे सफ़ाई का अहसास कराया।”
प्रश्न 4: “वह बच्चों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़े।” (वाच्य पहचानकर भेद लिखिए)
उत्तर: कर्तृवाच्य।
प्रश्न 5: “किस वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक होती है?”
उत्तर: कर्मवाच्य।
प्रश्न 6: “माली ने बगीचे में पानी दिया।” (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: “बगीचे में पानी माली द्वारा दिया गया।”
प्रश्न 7: “यहाँ नियमों का पालन किया जाता है।” (वाच्य पहचानकर भेद लिखिए)
उत्तर: भाववाच्य।
प्रश्न 8: “पत्र डाकिए द्वारा बाँटा जा रहा है।” (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर: “डाकिया पत्र बाँट रहा है।”
प्रश्न 9: “छात्रों से गलती हो गई।” (वाच्य पहचानिए)
उत्तर: भाववाच्य।
प्रश्न 10: “शिक्षक ने पुरस्कार बाँटे।” (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: “पुरस्कार शिक्षक द्वारा बाँटे गए।”
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🟦 भाग 8: झटपट रूपान्तरण-सूत्र (एक नज़र में)
🔶 कर्तृवाच्य → कर्मवाच्य
“ने” हटे → पुराना कर्ता “द्वारा/से” में।
कर्म वाक्य का कर्ता बने।
क्रिया में “जाना/गया/जाती/जा रहा/जाएगा…” उचित रूप।
लिंग-वचन अब “नए कर्ता” से मेल खाएँ।
🔶 कर्मवाच्य → कर्तृवाच्य
“द्वारा/से” वाला शब्द असली कर्ता बने → आवश्यकता पर “ने”।
“जाना/गया…” हटे → मूल क्रिया का काल-पुरुषानुसार रूप।
🔶 भाववाच्य की पहचान
कर्ता अस्पष्ट/अनुपस्थित; सामान्य विधान/नियम/भाव व्यक्त।
“किया जाता है/हुआ/न हुआ/हो गया” प्रमुख संकेत।
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🟦 भाग 9: संक्षिप्त पुनरावृत्ति
✅ कर्तृवाच्य = कर्ता प्रधान।
✅ कर्मवाच्य = कर्म प्रधान; क्रिया सदैव सकर्मक; “द्वारा/से” साधारण संकेत।
✅ भाववाच्य = कर्तारहित/अनिर्दिष्ट; नियम/प्रथा/सामान्य-कथन दर्शाता है।
✅ रूपान्तरण में काल, लिंग-वचन और सहायक “जाना” के रूप का विशेष ध्यान रखें।
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पद परिचय
पद परिचय
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🔶 उद्देश्य
परीक्षा में प्रायः “रेखांकित पद का परिचय लिखिए” पूछा जाता है। “पद परिचय” में उस पद का भेद, रूप तथा वाक्य में उसका व्याकरण-सम्बन्ध संक्षेप में लिखा जाता है—जैसे संज्ञा/सर्वनाम/विशेषण/क्रिया/क्रियाविशेषण/अव्यय, लिंग, वचन, पुरुष, कारक-विभक्ति, काल, वाच्य, सकर्मक-अकर्मक आदि।
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🟦 पद परिचय कैसे लिखें? (चरणबद्ध विधि)
🟢 चरण 1: पद का भेद पहचानें
क्या वह संज्ञा है, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण या अव्यय?
🟢 चरण 2: आवश्यक गुण लिखें
संज्ञा के लिए: प्रकार (व्यक्ति/जाति/भाव/समूह), लिंग, वचन, कारक, विभक्ति-चिह्न।
सर्वनाम के लिए: पुरुष, वचन, कारक, विभक्ति-चिह्न।
विशेषण के लिए: प्रकार (गुण/संख्या/परिमाण/संबंध), तथा जिस संज्ञा के साथ सामंजस्य (लिंग-वचन) हो।
क्रिया के लिए: काल, पुरुष, वचन, वाच्य, सकर्मक/अकर्मक।
क्रियाविशेषण के लिए: प्रकार (काल/स्थान/रीति/मात्रा/कारण)।
अव्यय के लिए: समुच्चयबोधक/संबंधबोधक/विस्मयादिबोधक इत्यादि।
🟢 चरण 3: वाक्य से प्रमाण दिखाएँ
कारक के लिए विभक्ति-चिह्न लिखें: ने, को, से, में, पर, तक, का/के/की इत्यादि।
क्रिया के काल-रूप पर ध्यान दें: रहा/रही/रहे, गया/गई, जाता/जाती, जाएगा…
🟢 चरण 4: संक्षेप में क्रमबद्ध लिखें
क्रम का एक सरल ढाँचा:
“भेद – उपभेद – लिंग/पुरुष – वचन – कारक/काल – विभक्ति/वाच्य – अन्य विशेष”
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🟦 त्वरित पहचान-ट्रिक्स
🔵 ट्रिक 1: “ने” ⇒ कर्ता कारक। “को/से/में/पर/तक/का-के-की” ⇒ विभक्ति-चिह्न से कारक पहचानें।
🔵 ट्रिक 2: “वह/ये/मैं/तुम/जो/जिस” जैसे शब्द ⇒ सर्वनाम; पुरुष-वचन लिखें।
🔵 ट्रिक 3: जो शब्द संज्ञा की विशेषता बताए ⇒ विशेषण (गुण/संख्या/परिमाण/संबंध)।
🔵 ट्रिक 4: जो कार्य/स्थिति बताए ⇒ क्रिया; काल-पुरुष-वचन अवश्य लिखें।
🔵 ट्रिक 5: जो क्रिया की रीति/समय/स्थान/मात्रा बताए ⇒ क्रियाविशेषण।
🔵 ट्रिक 6: “और/लेकिन/या/क्योंकि/पर” ⇒ समुच्चयबोधक; “में/पर/से/तक/के” ⇒ संबंधबोधक; “अरे/वाह/हाय” ⇒ विस्मयादिबोधक (सब अव्यय)।
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🟦 5-5 उदाहरण (प्रत्येक का पद परिचय संक्षेप में)
🟣 संज्ञा के 5 उदाहरण
1.“सीता ने पत्र लिखा।”
भेद: संज्ञा-व्यक्तिवाचक • लिंग: स्त्री • वचन: एकवचन • कारक: कर्ता • विभक्ति: ने
2.“लड़के ने गेंद पकड़ी।”
संज्ञा-जातिवाचक • पुल्लिंग • एकवचन • कर्ता • ने
3.“ईमानदारी सबसे बड़ी धन है।”
संज्ञा-भाववाचक • स्त्री • एकवचन • कर्ता • ∅
4.“कक्षा में छात्रों का शोर हुआ।”
संज्ञा-जातिवाचक • पुल्लिंग • बहुवचन • संबंध • का/के
5.“झुंड मैदान में दौड़ा।”
संज्ञा-समूहवाचक • पुल्लिंग • एकवचन • कर्ता • ∅
🟣 सर्वनाम के 5 उदाहरण
1.“मैं आज आऊँगा।”
सर्वनाम • पुरुष: प्रथम • वचन: एकवचन • कारक: कर्ता
2.“उसने मुझे बुलाया।”
सर्वनाम • तृतीय • एकवचन • कर्ता • विभक्ति: ने
3.“ये किताबें अच्छी हैं।”
सर्वनाम • तृतीय • बहुवचन • कर्ता
4.“जिस बच्चे ने पढ़ा, वह सफल हुआ।”
सम्बन्धवाचक सर्वनाम • तृतीय • एकवचन • कर्ता
5.“हम से गलती हो गई।”
सर्वनाम • प्रथम • बहुवचन • अपादान/करण प्रसंग • विभक्ति: से
🟣 विशेषण के 5 उदाहरण
1.“यह लाल फूल है।” → विशेषण-गुणवाचक; “फूल” का विशेषण।
2.“तीन विद्यार्थी आए।” → विशेषण-संख्यावाचक; “विद्यार्थी” का विशेषण।
3.“अधिक मेहनत करो।” → विशेषण-परिमाणवाचक; “मेहनत” का विशेषण।
4.“विद्यालयी बस आई।” → विशेषण-संबंधवाचक; “बस” का विशेषण।
5.“सुन्दर चित्र बना।” → विशेषण-गुणवाचक; “चित्र” का विशेषण।
🟣 क्रिया के 5 उदाहरण
1.“राम खाना खाता है।” → क्रिया; काल: वर्तमान सरल; पुरुष: तृतीय; वचन: एकवचन; वाच्य: कर्तृवाच्य; सकर्मक।
2.“पत्र लिखा गया।” → क्रिया; काल: भूत; वाच्य: कर्मवाच्य; तृतीय; एकवचन।
3.“वे खेल रहे हैं।” → क्रिया; वर्तमान अपूर्ण; तृतीय; बहुवचन; अकर्मक।
4.“निर्णय लिया जाए।” → क्रिया; आज्ञार्थक/संभाव्य; कर्मवाच्य; तृतीय।
5.“बारिश हो रही है।” → क्रिया; वर्तमान अपूर्ण; तृतीय; एकवचन; अकर्मक।
🟣 क्रियाविशेषण के 5 उदाहरण
1.“वह धीरे-धीरे चला।” → रीति-वाचक।
2.“वे आज मिलेंगे।” → काल-वाचक।
3.“वह यहीं बैठा।” → स्थान-वाचक।
4.“उसने बहुत पढ़ा।” → मात्रा-वाचक।
5.“वह क्यों रोया?” → कारण/प्रश्नवाचक।
🟣 अव्यय के 5 उदाहरण
1.“राम और श्याम आए।” → समुच्चयबोधक अव्यय।
2.“वह घर में है।” → संबंधबोधक अव्यय।
3.“किताब के ऊपर रखो।” → संबंधबोधक अव्यय।
4.“अरे! कितनी ठंड है।” → विस्मयादिबोधक अव्यय।
5.“वह आएगा, पर देर से।” → समुच्चयबोधक अव्यय।
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🟦 बहुविकल्पीय प्रश्न (10) – उत्तर सहित
प्रश्न 1: “ने” किस कारक का सामान्य चिह्न है?
(क) कर्म (ख) कर्ता (ग) अधिकरण (घ) संबंध
उत्तर: (ख)
प्रश्न 2: “यहीं” किस प्रकार का पद है?
(क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) क्रियाविशेषण (घ) विशेषण
उत्तर: (ग)
प्रश्न 3: “विद्यालयी” किस प्रकार का विशेषण है?
(क) गुणवाचक (ख) संख्या (ग) संबंधवाचक (घ) परिमाण
उत्तर: (ग)
प्रश्न 4: “मैं” का पुरुष क्या है?
(क) प्रथम (ख) द्वितीय (ग) तृतीय (घ) निश्चय नहीं
उत्तर: (क)
प्रश्न 5: “हो रही है”—यह क्रिया किस काल-रूप का संकेत है?
(क) वर्तमान अपूर्ण (ख) भूत (ग) भविष्यत् (घ) आज्ञार्थक
उत्तर: (क)
प्रश्न 6: “को” प्रायः किस कारक का चिह्न है?
(क) संप्रदान/कर्म (ख) अपादान (ग) करण (घ) संबोधन
उत्तर: (क)
प्रश्न 7: “वाह!” किस भेद का उदाहरण है?
(क) समुच्चयबोधक (ख) संबंधबोधक (ग) विस्मयादिबोधक (घ) क्रियाविशेषण
उत्तर: (ग)
प्रश्न 8: “अधिक” किस प्रकार का विशेषण है?
(क) गुण (ख) परिमाण (ग) संख्या (घ) संबंध
उत्तर: (ख)
प्रश्न 9: “खेत में हरियाली है।” रेखांकित पद का भेद बताइए।
(क) संबंधबोधक अव्यय (ख) समुच्चयबोधक (ग) विशेषण (घ) सर्वनाम
उत्तर: (क)
प्रश्न 10: “पत्र लिखा गया”—क्रिया का वाच्य क्या है?
(क) कर्तृवाच्य (ख) कर्मवाच्य (ग) भाववाच्य (घ) मिश्रित
उत्तर: (ख)
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🟦 लघु उत्तरीय प्रश्न-उत्तर (कुल 20)
(रेखांकित पद का परिचय)
प्रश्न 1: “सीता ने खाना बनाया।” — रेखांकित पद का परिचय।
उत्तर: संज्ञा-व्यक्तिवाचक; लिंग: स्त्री; वचन: एकवचन; कारक: कर्ता; विभक्ति: ने।
प्रश्न 2: “मुझे यह पुस्तक दो।”
उत्तर: सर्वनाम; पुरुष: प्रथम; वचन: एकवचन; कारक: संप्रदान/कर्म; विभक्ति: को (रूप “मुझे”)।
प्रश्न 3: “यह लाल सेब मीठा है।”
उत्तर: विशेषण-गुणवाचक; “सेब” का विशेषण; सामंजस्य: पुल्लिंग-एकवचन।
प्रश्न 4: “राम धीरे-धीरे चल रहा है।” (क्रिया-पद)
उत्तर: क्रिया; वर्तमान अपूर्ण; पुरुष: तृतीय; वचन: एकवचन; वाच्य: कर्तृवाच्य; अकर्मक।
प्रश्न 5: “कक्षा में शांति थी।”
उत्तर: अव्यय-संबंधबोधक; अधिकरण कारक का चिह्न।
प्रश्न 6: “उन्होंने पुरस्कार बाँटे।”
उत्तर: सर्वनाम; पुरुष: तृतीय; वचन: बहुवचन; कारक: कर्ता; विभक्ति: ने।
प्रश्न 7: “तीन बच्चे आए।”
उत्तर: विशेषण-संख्यावाचक; “बच्चे” का विशेषण; बहुवचन सामंजस्य।
प्रश्न 8: “पत्र डाकिए द्वारा भेजा गया।” (रेखांकित समूचा पद)
उत्तर: अव्यय-संबंधबोधक खंड; करण/कर्ता-सूचक; कर्मवाच्य का चिह्न “द्वारा”。
प्रश्न 9: “वह यहीं रुका।”
उत्तर: क्रियाविशेषण-स्थानवाचक।
प्रश्न 10: “अरे! कितनी बारिश है।”
उत्तर: अव्यय-विस्मयादिबोधक।
प्रश्न 11: “वह क्यों रो रहा है?”
उत्तर: क्रियाविशेषण-प्रश्न/कारणवाचक।
प्रश्न 12: “बच्चों के खिलौने टूट गए।”
उत्तर: अव्यय-संबंधबोधक; संबंध कारक का चिह्न “के”।
प्रश्न 13: “हम जीतेंगे।”
उत्तर: सर्वनाम; पुरुष: प्रथम; वचन: बहुवचन; कारक: कर्ता।
प्रश्न 14: “विद्यालयी बस समय पर आई।”
उत्तर: विशेषण-संबंधवाचक; “बस” का विशेषण।
प्रश्न 15: “खेत में पानी दिया गया।”
उत्तर: “में” संबंधबोधक अव्यय; अधिकरण कारक; पूरे वाक्य में क्रिया कर्मवाच्य।
(ख) भिन्न प्रकृति के 5 लघु प्रश्न
प्रश्न 16: “संज्ञा-भाववाचक” का एक उदाहरण लिखिए और उसका लिंग-वचन बताइए।
उत्तर: “ईमानदारी आवश्यक है।” → “ईमानदारी” भाववाचक संज्ञा; लिंग: स्त्री; वचन: एकवचन।
प्रश्न 17: “परिमाणवाचक विशेषण” क्या होता है? एक उदाहरण दें।
उत्तर: जो मात्रा/परिमाण बताए। उदाहरण— “अधिक परिश्रम” में “अधिक” परिमाणवाचक विशेषण।
प्रश्न 18: “समुच्चयबोधक अव्यय” की परिभाषा लिखिए और एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: जो शब्द पदों/वाक्यों को जोड़े— जैसे “और, पर, लेकिन”; उदाहरण— “राम और श्याम आए।”
प्रश्न 19: “सर्वनाम” के पुरुष कितने होते हैं? प्रत्येक का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: 3— प्रथम: “मैं/हम”, द्वितीय: “तुम/आप”, तृतीय: “वह/वे”。
प्रश्न 20: “सकर्मक” और “अकर्मक” क्रिया में अंतर उदाहरण सहित।
उत्तर: जिसमें कर्म आवश्यक हो वह सकर्मक— “सीता ने पत्र लिखा”; जिसमें कर्म आवश्यक न हो वह अकर्मक— “वह हँसा।”
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🟦 एक नज़र में लिखने का मानक प्रारूप
🔶 संज्ञा/सर्वनाम: “भेद – लिंग/पुरुष – वचन – कारक – विभक्ति”
🔶 विशेषण: “प्रकार – किस संज्ञा का – सामंजस्य (लिंग-वचन)”
🔶 क्रिया: “काल – वाच्य – पुरुष – वचन – सकर्मक/अकर्मक”
🔶 क्रियाविशेषण/अव्यय: “भेद – कार्य (स्थान/काल/रीति/मात्रा/समुच्चय/संबंध/विस्मय)”
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🟩 संक्षिप्त पुनरावृत्ति
✅ पहले पद-भेद पहचानें, फिर उससे सम्बद्ध अनिवार्य गुण लिखें।
✅ कारक हमेशा विभक्ति-चिह्न से पकड़ें: ने, को, से, में, पर, तक, का/के/की।
✅ क्रिया में काल-पुरुष-वचन-वाच्य न छोड़ें।
✅ संज्ञा-विशेषण में सामंजस्य अवश्य देखें।
✅ अव्यय अपरिवर्तनीय होते हैं—लिंग-वचन नहीं बदलते।
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अलंकार
✨ अलंकार ✨
🔵 1. उपमा अलंकार
📌 परिभाषा
जब किसी वस्तु (उपमेय) की तुलना किसी दूसरी वस्तु (उपमान) से “सा, सी, जैसा, समान, तुल्य” आदि शब्दों द्वारा की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं।
📌 व्याख्या
इसमें तुलना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है और उपमा सूचक शब्द प्रयोग किए जाते हैं।
📚 उदाहरण (NCERT क्षितिज + अन्य काव्य)
1.“राधा के चरण गुलाब के समान कोमल हैं।”
2.“मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला-सा हुआ।”
3.“नील गगन-सा शांत हृदय था।”
4.“काली घटा-सी केशराशि।”
5.“तुम्हारी मुस्कान चाँदनी-सी निर्मल।”
6.“उसकी चाल मृग-सी चपल।”
7.“वाणी मधु-सी मधुर।”
8.“हृदय हिम-सा पवित्र।”
9.“काया कमल-सी कोमल।”
10.“वीर सपूत पर्वत-से अडिग।”
🔴 2. रूपक अलंकार
📌 परिभाषा
जब उपमेय और उपमान का भेद मिटाकर दोनों को एक ही मान लिया जाता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
📚 उदाहरण (NCERT + क्लासिकल काव्य)
1.“जल में कुंभ, कुंभ में जल।” — कबीर
2.“नैन बाण हैं, हृदय रणभूमि।” — बिहारी
3.“हृदय मंदिर है।”
4.“कर्म ही पूजा है।”
5.“प्रेम अग्नि है।”
6.“बाल रवि उदित हुआ।”
7.“देश नाव है, जनता पतवार।” — मैथिलीशरण गुप्त
8.“जीवन एक यात्रा है।”
9.“साहित्य दीपक है।”
10.“कवि हृदय सागर है।”
🟢 3. अतिशयोक्ति अलंकार
📌 परिभाषा
जब किसी बात को उसकी स्वाभाविक सीमा से बहुत अधिक या बहुत कम करके कहा जाता है, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
📚 उदाहरण (आपके दिए स्क्रीनशॉट + अन्य कवि)
1.“तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान मृतक में भी डाल देगी जान।”
2.“बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो।” — तुलसी
3.“नैनन नीर भरे, बहि गयो सारा सागर।” — सूर
4.“एक बाल से बाँध दी स्यंदन की धुरी।”
5.“धरती फट गई दुख से।”
6.“हँसी कि बिजली चमकी।”
7.“जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानु।” — रामचरितमानस
8.“प्यास ऐसी कि पी जाऊँ नदियाँ सारी।”
9.“धरती काँपी उसकी हुंकार से।”
10.“रोम-रोम से बोल रहे स्वर।”
🟡 4. उत्प्रेक्षा अलंकार
📌 परिभाषा
जब उपमेय में उपमान की संभावना (मानो, यदि, ज्यों, जैसे) शब्दों के प्रयोग से दिखाई जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
📚 उदाहरण (NCERT क्षितिज + लोककाव्य)
1.“मानो नभ में छिड़क रही हो दीपों की झड़ी।”
2.“मानो बादल घोड़े हों।”
3.“ज्यों फूलों पर तितली-सा सपना उतर आया।”
4.“जैसे अंबर ने ओढ़ लिया नीलम का पट।”
5.“मानो लहरें चूम रही हों चाँद के पाँव।”
6.“ज्यों सूर्य ने धरती को हँसकर देख लिया।”
7.“मानो बिजली रस्सी हो।”
8.“जैसे नभ ने केसर घोली हो।”
9.“मानो कनक-कुरंग दौड़ पड़े हों।”
10.“ज्यों पवन ने बाँसुरी बन ली हो।”
🟣 5. मानवीकरण अलंकार
📌 परिभाषा
जब जड़, पशु, वस्तु या प्रकृति को मानव के गुण, भाव या व्यवहार दे दिए जाएँ, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।
📚 उदाहरण (क्षितिज + अन्य कविताएँ)
1.“हँसने लगीं नदियाँ।”
2.“सो गया जंगल थक कर।”
3.“बादल गरजे क्रोध में।”
4.“धूप नाची आँगन में।”
5.“रात चल दी पाँव दबा।”
6.“पर्वत गुमसुम बैठे हैं।”
7.“समुद्र माँग रहा तट से बात।”
8.“कुहासा रोया।”
9.“पथ मुस्काया।”
10.“आँगन बोला।”
📝 अभ्यास प्रश्नावली
भाग A: MCQ (10 प्रश्न)
1.“सा/सी/जैसा” किस अलंकार की पहचान है?
(a) रूपक
(b) उपमा
(c) उत्प्रेक्षा
(d) अतिशयोक्ति
✅ उत्तर: (b) उपमा
2.“मानो/ज्यों” का प्रयोग किस अलंकार में होता है?
(a) उपमा
(b) रूपक
(c) उत्प्रेक्षा
(d) मानवीकरण
✅ उत्तर: (c) उत्प्रेक्षा
3.“उपमेय और उपमान का ऐक्य” किसका लक्षण है?
(a) उपमा
(b) रूपक
(c) अतिशयोक्ति
(d) मानवीकरण
✅ उत्तर: (b) रूपक
4.“रोम-रोम से बोले स्वर।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: अतिशयोक्ति
5.“हँसने लगीं नदियाँ।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: मानवीकरण
6.“नैन बाण हैं।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: रूपक
7.“बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: उपमा
8“मानो बादल घोड़े हों।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: उत्प्रेक्षा
9“धूप नाची आँगन में।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: मानवीकरण
10“नैनन नीर भरे, बहि गयो सारा सागर।” — कौन-सा अलंकार?
✅ उत्तर: अतिशयोक्ति
भाग B: लघु उत्तरीय प्रश्न (20)
CBSE मॉडल प्रश्न पत्र पैटर्न (15 प्रश्न)
1“अंग-अंग नग जगमग दीप-सिखा-सी देह।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उपमा
2“मगर उनकी लाई चिड़ियाँ, पेड़-पौधे बाँटते हैं।” — अलंकार?
👉 उत्तर: मानवीकरण
3“सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उत्प्रेक्षा
4“मनुज नील मणि सेत पर, आतप पशुओं प्रभात।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उपमा
5“जल में कुंभ, कुंभ में जल।” — अलंकार?
👉 उत्तर: रूपक
6“धूप नाची आँगन में।” — अलंकार?
👉 उत्तर: मानवीकरण
7“हँसी कि बिजली चमकी।” — अलंकार?
👉 उत्तर: अतिशयोक्ति
8“मानो नभ में छिड़क रही हो दीपों की झड़ी।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उत्प्रेक्षा
9“पर्वत गुमसुम बैठे हैं।” — अलंकार?
👉 उत्तर: मानवीकरण
10“रोम-रोम से बोल रहे स्वर।” — अलंकार?
👉 उत्तर: अतिशयोक्ति
11“केश मेघ-से काले।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उपमा
12“कर्म ही पूजा।” — अलंकार?
👉 उत्तर: रूपक
13“लहरें चूम रहीं हों चाँद के पाँव।” — अलंकार?
👉 उत्तर: उत्प्रेक्षा
14“धरती फट गई दुख से।” — अलंकार?
👉 उत्तर: अतिशयोक्ति
15“पथ मुस्काया।” — अलंकार?
👉 उत्तर: मानवीकरण
अतिरिक्त 5 भिन्न प्रश्न
1.उपमा और रूपक में एक मुख्य अंतर लिखिए।
👉 उत्तर: उपमा में “सा/सी/जैसा” प्रयोग होता है, रूपक में उपमेय-उपमान का ऐक्य हो जाता है।
2.मानवीकरण अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।
👉 उत्तर: “भोर ने द्वार खटखटाया।”
3.अतिशयोक्ति अलंकार का उद्देश्य क्या है?
👉 उत्तर: किसी बात को बढ़ाकर कहकर काव्य को प्रभावशाली बनाना।
4.उत्प्रेक्षा अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।
👉 उत्तर: “मानो तारे दीपक हों।”
5.“उसकी वाणी मधु-सी मीठी है।” वाक्य को रूपक में बदलिए।
👉 उत्तर: “उसकी वाणी मधु है।”
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