Class 12 : History (Hindi) – Lesson 10. विद्रोही और राज
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

लखनऊ में 1857 में विद्रोही भारतीय सैनिक
🌟 परिचय
🔷 यह अध्याय 1857 के महान विद्रोह तथा उसके बाद ब्रिटिश शासन द्वारा अपनाई गई नीतियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
🔶 यहाँ हम उन परिस्थितियों का अध्ययन करेंगे जिनसे यह विद्रोह भड़का, इसकी भौगोलिक व्यापकता, भाग लेने वाले समूह, नेतृत्व, विद्रोहियों की रणनीति, और इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश शासन की नीतियों में हुए बदलाव।
⚔ 1. विद्रोह के कारण
⭐ • सैन्य असंतोष: नई बंदूक की कारतूसों में पशु–चरबी के प्रयोग ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई।
🍀 • आर्थिक शोषण: ऊँचे कर, लगान व व्यापारिक नीतियों ने कृषकों और कारीगरों को संकट में डाला।
💎 • सामाजिक–धार्मिक सुधार: सती प्रथा निषेध, विधवा–विवाह प्रोत्साहन जैसे कदमों को कुछ परम्परावादी वर्ग ने हस्तक्षेप माना।
🌸 • राजनीतिक कारण: ‘लैप्स की नीति’ और देसी राजाओं की पद–हानी ने असंतोष बढ़ाया।
🏛 2. विद्रोह की भौगोलिक सीमा और प्रसार
⭐ • मेरठ से 10 मई 1857 को प्रारम्भ होकर दिल्ली, कानपुर, झाँसी, अवध, बिहार, बरेली, लखनऊ और मध्य भारत तक फैला।
🍀 • दक्षिण व पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में अपेक्षाकृत शांति रही।
💎 • प्रमुख केन्द्रों ने स्थानीय नेतृत्व के तहत अलग–अलग समय पर उठान लिया।
🌾 3. प्रमुख नेता और क्षेत्रीय केंद्र
⭐ • दिल्ली – बहादुर शाह ज़फ़र को प्रतीकात्मक सम्राट बनाया गया।
🍀 • कानपुर – नाना साहेब और तात्या टोपे ने नेतृत्व किया।
💎 • झाँसी – रानी लक्ष्मीबाई ने साहसिक प्रतिरोध किया।
🌸 • अवध – बेग़म हज़रत महल ने संगठन किया।
🕊 • बिहार – कुंवर सिंह ने विद्रोह का झंडा बुलंद किया।
🧭 4. विद्रोहियों की रणनीति और दृष्टिकोण
⭐ • पुरानी मुगल सत्ता को पुनर्जीवित करने का प्रयास।
🍀 • स्थानीय असंतोष और परंपरागत वफादारी के आधार पर सहयोग।
💎 • धार्मिक एकता की अपील: हिन्दू–मुस्लिम एकजुटता।
🌟 • ब्रिटिश ठिकानों और संचार मार्गों को निशाना बनाना।
🌸 5. विद्रोह की सीमाएँ और विफलता के कारण
⭐ • नेतृत्व का अभाव – केंद्रीकृत योजना नहीं।
🍀 • आधुनिक हथियार और संसाधनों की कमी।
💎 • कुछ क्षेत्रों और वर्गों की उदासीनता।
🌟 • ब्रिटिश की बेहतर संचार व्यवस्था और सैन्य संसाधन।
🏺 6. ब्रिटिश प्रतिक्रिया और दमन
⭐ • दिल्ली और लखनऊ जैसे केन्द्रों पर कठोर सैन्य दमन।
🍀 • व्यापक फाँसियाँ, गाँवों को जलाना, संपत्तियों की जब्ती।
💎 • विद्रोहियों और सहयोगियों को क्रूर दंड दिया गया।
🌟 • इस दमन से ब्रिटिश सत्ता अस्थायी रूप से मजबूत हुई।
🕊 7. प्रशासनिक नीतियों में बदलाव
⭐ • 1858 का भारत शासन अधिनियम: ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त, ब्रिटिश क्राउन ने प्रत्यक्ष नियंत्रण लिया।
🍀 • देसी रियासतों के अधिकारों की पुनः पुष्टि, परंतु निगरानी बनी रही।
💎 • धार्मिक–सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप कम करने की नीति अपनाई गई।
🌸 • भारतीयों के प्रति ब्रिटिश दृष्टिकोण और अधिक जातीय–अहंकारी हुआ।
📚 8. सामाजिक–सांस्कृतिक प्रभाव
⭐ • हिन्दू–मुस्लिम एकता का ऐतिहासिक उदाहरण बना।
🍀 • विद्रोह ने राष्ट्रीय चेतना के बीज बोये।
💎 • परंपरागत और आधुनिक प्रवृत्तियों का टकराव स्पष्ट हुआ।
🌾 9. इतिहास–लेखन पर प्रभाव
⭐ • ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे “सिपाही विद्रोह” या “मुटिनी” कहा, इसके महत्व को कम करके आँका।
🍀 • राष्ट्रवादी इतिहासकारों ने इसे “प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” कहा।
💎 • समकालीन इतिहासकार इसे एक जटिल सामाजिक–राजनीतिक आंदोलन के रूप में देखते हैं।
🌸 • स्रोत: आधिकारिक रिपोर्टें, सैनिक अभिलेख, लोकगीत, पत्र–पत्रिकाएँ।
✨ 300 शब्द का सारांश
🔷 1857 का विद्रोह भारतीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक मील का पत्थर है।
🔶 इसके कारण बहुआयामी थे—सैन्य असंतोष, आर्थिक शोषण, राजनीतिक हरण, और सामाजिक–धार्मिक आक्रोश।
🔷 मेरठ से उठकर यह दिल्ली, कानपुर, झाँसी, अवध, बिहार आदि तक फैल गया।
🔶 बहादुर शाह ज़फ़र, नाना साहेब, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, बेग़म हज़रत महल, कुंवर सिंह जैसे नेताओं ने नेतृत्व किया।
🔷 विद्रोहियों ने धार्मिक एकता और स्थानीय असंतोष को संगठित किया, परंतु समन्वित नेतृत्व, आधुनिक हथियार और संसाधन के अभाव ने इसे कमजोर किया।
🔶 ब्रिटिश सेना ने कठोर दमन के बाद दिल्ली, लखनऊ और अन्य केन्द्रों पर नियंत्रण प्राप्त किया।
🔷 1858 के भारत शासन अधिनियम के तहत शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन के हाथों में गया।
🔶 धार्मिक–सामाजिक हस्तक्षेप कम करने और देसी रियासतों के अधिकारों की औपचारिक मान्यता जैसी नीतियाँ अपनाई गईं।
🔷 विद्रोह ने भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना को गहरा किया और आने वाले स्वतंत्रता आंदोलनों की नींव रखी।
🌟 इतिहास–लेखन में इसका मूल्यांकन बदलता रहा—कभी “सिपाही विद्रोह”, कभी “प्रथम स्वतंत्रता संग्राम”, आज इसे जटिल सामाजिक–राजनीतिक आंदोलन माना जाता है।
📝 Quick Recap
✔️ 1857 विद्रोह – बहुआयामी कारण: सैन्य, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक।
✔️ मेरठ से आरम्भ, दिल्ली–कानपुर–झाँसी–अवध–बिहार तक प्रसार।
✔️ प्रमुख नेता: बहादुर शाह ज़फ़र, नाना साहेब, रानी लक्ष्मीबाई, बेग़म हज़रत महल, तात्या टोपे, कुंवर सिंह।
✔️ सीमाएँ: नेतृत्व अभाव, आधुनिक संसाधन की कमी, कुछ क्षेत्रों की उदासीनता।
✔️ ब्रिटिश प्रतिक्रिया: कठोर दमन, भारत शासन अधिनियम 1858।
✔️ प्रभाव: राष्ट्रीय चेतना के बीज, इतिहास–लेखन में विविध दृष्टिकोण।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
📚 उत्तर दीजिए (लगभग 100–150 शब्द)
🔷 प्रश्न 1
बहुत सारे स्थानों पर विद्रोही सिपाहियों ने नेतृत्व सम्भालने के लिए पुराने शासकों से क्या आग्रह किया?
🧭 उत्तर
⭐ • उन्होंने परंपरागत राजाओं और अभिजातों से प्रतीकात्मक नेतृत्व की माँग की।
🍀 • दिल्ली में बहादुर शाह ज़फ़र को सम्राट मानना, कानपुर में नाना साहेब का नेतृत्व इसका उदाहरण है।
💎 • इससे विद्रोह को वैधता और व्यापक समर्थन मिला।
🌸 • पुराने शासक ब्रिटिश के विरुद्ध एकजुटता का प्रतीक बने।
🔷 प्रश्न 2
उन साक्ष्यों के बारे में चर्चा कीजिए जिनसे पता चलता है कि विद्रोही योजनाबद्ध और समन्वित ढंग से काम कर रहे थे।
🧭 उत्तर
⭐ • संदेश ले जाने वाले चिट्ठियों, फ़रमानों और लाल कमल–चूड़ी जैसे प्रतीक।
🍀 • अलग–अलग केन्द्रों के बीच समयबद्ध उठाव।
💎 • दिल्ली, अवध, कानपुर आदि में समन्वय के संकेत।
🌟 • यह दर्शाता है कि विद्रोह आकस्मिक नहीं, योजनाबद्ध था।
🔷 प्रश्न 3
1857 के घटनाक्रम को निर्धारित करने में धार्मिक विश्वासों की किस हद तक भूमिका थी?
🧭 उत्तर
⭐ • कारतूस विवाद ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया।
🍀 • हिन्दू–मुस्लिम एकता के लिए धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग हुआ।
💎 • पर विद्रोह केवल धार्मिक कारणों से नहीं, आर्थिक व राजनीतिक कारक भी महत्वपूर्ण थे।
🔷 प्रश्न 4
विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए क्या तरीके अपनाए गए?
🧭 उत्तर
⭐ • साझा दुश्मन (ब्रिटिश) के विरुद्ध नारे और धर्म–निरपेक्ष अपील।
🍀 • पुराने मुगल सम्राट को प्रतीक बनाना।
💎 • स्थानीय नेताओं के बीच संदेश और फ़रमानों का आदान–प्रदान।
🌟 • हिन्दू–मुस्लिम सहयोग को बल देने वाले धार्मिक–सांस्कृतिक प्रतीक।
🔷 प्रश्न 5
अंग्रेज़ों ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्या कदम उठाए?
🧭 उत्तर
⭐ • सेना का पुनर्गठन और बड़ी संख्या में सैनिकों का भारत भेजना।
🍀 • दिल्ली, कानपुर, लखनऊ आदि केन्द्रों पर कठोर दमन।
💎 • विद्रोहियों को फाँसी, गाँवों को जलाना, संपत्तियों की जब्ती।
🌸 • 1858 का भारत शासन अधिनियम और प्रशासनिक नीतियों में बदलाव।
✍️ निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250–300 शब्द)
🔶 प्रश्न 6
अवध में विद्रोह व्यापक क्यों था? किसान, तालुकेदार और ज़मींदार उसमें क्यों शामिल हुए?
🧭 उत्तर
⭐ • अवध का विलय (1856) और ब्रिटिश नीति ने पारंपरिक सत्ता–संतुलन तोड़ा।
🍀 • किसानों पर लगान का बोझ, तालुकेदारों के अधिकारों की हानि और ज़मींदारों के विशेषाधिकार छिने।
💎 • स्थानीय परंपराओं के अपमान से सामाजिक असंतोष गहरा।
🌸 • इस त्रिस्तरीय वर्ग–भागीदारी ने अवध को विद्रोह का सबसे सक्रिय क्षेत्र बनाया।
🕊 • ब्रिटिश सैनिक दमन के बावजूद यह क्षेत्र लंबे समय तक संघर्षरत रहा।
🔶 प्रश्न 7
विद्रोही क्या चाहते थे? विभिन्न सामाजिक समूहों की दृष्टि में कितना फर्क था?
🧭 उत्तर
⭐ • सैनिक: पुराने भत्ते–विशेषाधिकार और धार्मिक सम्मान की बहाली।
🍀 • किसान: लगान कम और अत्याचार समाप्त।
💎 • ज़मींदार–तालुकेदार: छिने अधिकारों की वापसी।
🌸 • शिल्पकार–व्यापारी: बाज़ार की अनिश्चितता और ब्रिटिश शोषण का अंत।
🕊 • लक्ष्य विविध थे, पर ब्रिटिश शासन विरोध से एकता बनी।
🔶 प्रश्न 8
1857 के विद्रोह के बारे में चित्रों से क्या पता चलता है? इतिहासकार इन चित्रों का किस तरह विश्लेषण करते हैं?
🧭 उत्तर
⭐ • समकालीन यूरोपीय चित्र अक्सर विद्रोहियों को क्रूर या बर्बर दिखाते हैं।
🍀 • भारतीय कलाकारों के चित्र वीरता, बलिदान और धर्म–रक्षा पर जोर देते हैं।
💎 • इतिहासकार इन चित्रों की पक्षपात, प्रचार और दृष्टिकोण को पहचानकर उनकी सीमाओं पर चर्चा करते हैं।
🌸 • तुलना से विद्रोह के अलग–अलग सांस्कृतिक अर्थ स्पष्ट होते हैं।
🔶 प्रश्न 9
एक चित्र और एक लिखित पाठ को चुनकर किन–किन दो स्रोतों की तुलना कीजिए और चर्चा कीजिए कि उनसे विद्रोहियों और ब्रिटिशों के दृष्टिकोण के बारे में क्या पता चलता है?
🧭 उत्तर
⭐ • चित्र: अंग्रेज़ी पत्रिका का चित्र — विद्रोहियों को निर्दयी दिखाना; ब्रिटिश दृष्टिकोण: विद्रोह “मुटिनी” और असभ्यता।
🍀 • लिखित पाठ: बहादुर शाह ज़फ़र के फ़रमान — एकता और धर्म–सम्मान की अपील; विद्रोहियों का दृष्टिकोण: स्वतंत्रता और परंपरा की रक्षा।
💎 • तुलना: स्रोतों में निहित पक्षपात को पहचानकर इतिहासकार बहुआयामी चित्र बनाते हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🏺 अनुभाग A – बहुविकल्पी प्रश्न (Q1–Q21, 1 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 1
1857 के विद्रोह का प्रथम केन्द्र कहाँ था?
🔵 1. दिल्ली
🟡 2. झाँसी
🟢 3. मेरठ
🔴 4. लखनऊ
✔️ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 2
बहादुर शाह ज़फ़र ने विद्रोहियों के आग्रह पर क्या भूमिका स्वीकार की?
🟢 1. औपनिवेशिक गवर्नर
🔵 2. प्रतीकात्मक सम्राट
🟡 3. तालुकेदार
🔴 4. विद्रोही सैनिक
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 3
नीचे में से कौन विद्रोह का प्रमुख कारण नहीं था?
🔵 1. आर्थिक शोषण
🟢 2. धार्मिक हस्तक्षेप
🟡 3. आधुनिक शिक्षा का प्रसार
🔴 4. लैप्स की नीति
✔️ उत्तर : 3
🔶 प्रश्न 4 (कथन–कारक)
A: कारतूस प्रकरण ने सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई।
R: सैनिकों को कारतूस पर मोम–पैकेजिंग की समस्या थी।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 5
अवध का विलय कब हुआ था?
🔵 1. 1856 ई.
🟡 2. 1848 ई.
🟢 3. 1857 ई.
🔴 4. 1860 ई.
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 6
संताल विद्रोह के नेता कौन थे?
🟡 1. कुंवर सिंह
🟢 2. सिद्धू और कान्हू
🔵 3. बेग़म हज़रत महल
🔴 4. तात्या टोपे
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 7
तात्या टोपे किस क्षेत्र से सम्बद्ध थे?
🔴 1. अवध
🟡 2. कानपुर–झाँसी क्षेत्र
🟢 3. दिल्ली
🔵 4. बिहार
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 8
विद्रोह के बाद किस अधिनियम से शासन ब्रिटिश क्राउन को मिला?
🔵 1. 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम
🟢 2. 1858 का भारत शासन अधिनियम
🟡 3. 1867 का सुधार अधिनियम
🔴 4. 1872 का संवैधानिक अधिनियम
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 9
बेग़म हज़रत महल किस क्षेत्र से जुड़ी थीं?
🟢 1. लखनऊ (अवध)
🔵 2. कानपुर
🟡 3. दिल्ली
🔴 4. झाँसी
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 10
कुंवर सिंह किस विद्रोह के प्रसिद्ध नेता थे?
🟢 1. 1857 का विद्रोह
🔵 2. संताल विद्रोह
🟡 3. चुआर विद्रोह
🔴 4. नील विद्रोह
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 11 (कथन–कारक)
A: विद्रोह में किसानों ने भी भाग लिया।
R: किसानों ने केवल नील की कीमतों के विरोध में विद्रोह किया।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 12
किस ब्रिटिश अधिकारी ने बहादुर शाह ज़फ़र को बंदी बनाया?
🔵 1. हडसन
🟢 2. नेपियर
🟡 3. डलहौज़ी
🔴 4. किंग्सले
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 13
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने ब्रिटिशों के विरुद्ध किस स्थल पर वीरगति पाई?
🟡 1. ग्वालियर
🔵 2. झाँसी
🟢 3. कानपुर
🔴 4. बरेली
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 14
अवध विद्रोह में तालुकेदारों की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण थी?
🧭 उत्तर
⭐ • ब्रिटिश नीतियों से उनके अधिकार छिने।
🍀 • उन्होंने किसानों को संगठित कर विद्रोह को सशक्त किया।
💎 • उनका स्थानीय प्रभाव ग्रामीण संघर्ष को व्यापक बना गया।
🔶 प्रश्न 15 (कथन–कारक)
A: अंग्रेज़ों ने विद्रोह को क्रूरता से कुचला।
R: उन्होंने भारतीयों को शासन में साझेदारी दी।
🔵 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🟢 D. A ग़लत, R सही
✔️ उत्तर : C
🔶 प्रश्न 16
अंग्रेज़ों ने विद्रोह के बाद भारतीय सेना में कौन–सा कदम उठाया?
🟢 1. भारतीय सैनिकों की संख्या घटाई और यूरोपीय सैनिक बढ़ाए।
🔵 2. सैनिकों को ज़मींदारी दी।
🟡 3. धार्मिक सुधार बढ़ाए।
🔴 4. सेना समाप्त कर दी।
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 17
1857 विद्रोह को राष्ट्रवादी इतिहासकार किस रूप में देखते हैं?
🔵 1. सिपाही बग़ावत
🟢 2. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
🟡 3. किसान संघर्ष
🔴 4. धार्मिक विद्रोह
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 18
डलहौज़ी की कौन–सी नीति विद्रोह का कारण बनी?
🟡 1. डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स (लैप्स की नीति)
🔵 2. व्यापार एकाधिकार
🟢 3. शिक्षा नीति
🔴 4. टेलीग्राफ लाइन
✔️ उत्तर : 1
🔶 प्रश्न 19
विद्रोहियों ने किन प्रतीकों का प्रयोग एकता के लिए किया?
🧭 उत्तर
⭐ • लाल कमल और चूड़ियाँ।
🍀 • बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से फ़रमान।
💎 • हिन्दू–मुस्लिम एकता के धार्मिक प्रतीक।
🔶 प्रश्न 20
ब्रिटिश प्रचार में विद्रोहियों को किस रूप में दर्शाया गया?
🔵 1. नायक
🟢 2. बर्बर और क्रूर
🟡 3. सुधारक
🔴 4. राजकुमार
✔️ उत्तर : 2
🔶 प्रश्न 21
विद्रोह के बाद कौन–सा अधिनियम पारित हुआ?
🟢 1. 1858 का भारत शासन अधिनियम
🔵 2. 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम
🟡 3. 1878 का वर्नाक्यूलर प्रेस अधिनियम
🔴 4. 1885 का इंडियन नेशनल कांग्रेस गठन
✔️ उत्तर : 1
🧭 अनुभाग B – लघु उत्तर (Q22–Q25, 3 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 22
विद्रोहियों ने एकता बनाए रखने के लिए कौन–से उपाय अपनाए?
🧭 उत्तर
⭐ • धार्मिक प्रतीक व साझा फ़रमान।
🍀 • स्थानीय राजाओं व नेताओं को शामिल करना।
💎 • सामूहिक नारे और संगठन।
🔷 प्रश्न 23
अंग्रेज़ों ने विद्रोह कुचलने के लिए कौन–सी रणनीतियाँ अपनाईं?
🧭 उत्तर
⭐ • सैनिक बल बढ़ाना और यूरोपीय सैनिक तैनात करना।
🍀 • दिल्ली व कानपुर जैसे केन्द्रों पर कठोर दमन।
💎 • संपत्ति जब्ती और विद्रोहियों की सार्वजनिक फाँसी।
🔷 प्रश्न 24
अवध विद्रोह के सामाजिक–आर्थिक कारण बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • उच्च लगान और कर–नीतियों ने किसानों को नाराज़ किया।
🍀 • तालुकेदारों के अधिकार छीने गए।
💎 • पारंपरिक व्यवस्था को नज़रअंदाज करने से असंतोष बढ़ा।
🔷 प्रश्न 25
विद्रोह का एक सांस्कृतिक प्रभाव लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • हिन्दू–मुस्लिम एकता का उदाहरण प्रस्तुत हुआ।
🍀 • राष्ट्रीय चेतना के बीज पड़े।
💎 • कला, लोकगीत और स्मृतियों में वीरता की परंपरा बनी।
🏺 अनुभाग B (जारी) – लघु उत्तर
🔷 प्रश्न 26A (विकल्प)
ब्रिटिश नीतियों ने किस प्रकार 1857 विद्रोह को उकसाया—दो कारण और एक परिणाम बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • कारण: लैप्स की नीति से देसी राजाओं की सत्ता छिनी।
🍀 • कारण: सैनिक कारतूस प्रकरण से धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं।
💎 • परिणाम: विद्रोह व्यापक क्षेत्र तक फैलकर संगठित स्वरूप में उभरा।
🔷 प्रश्न 26B (विकल्प)
विद्रोह में किसानों व तालुकेदारों की भागीदारी के दो कारण और एक प्रभाव लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • कारण: उच्च लगान–दबाव।
🍀 • कारण: तालुकेदारों के पारंपरिक अधिकार छिने।
💎 • प्रभाव: अवध व आस–पास के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्रोह ने मजबूत आधार पाया।
🔷 प्रश्न 27
विद्रोहियों ने एकता बनाए रखने के लिए कौन–से प्रतीक व संदेश अपनाए?
🧭 उत्तर
⭐ • लाल कमल और चूड़ियाँ संदेश वाहक बने।
🍀 • बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से फ़रमान प्रसारित।
💎 • धार्मिक–सांस्कृतिक प्रतीकों का प्रयोग कर हिन्दू–मुस्लिम एकता को बल दिया।
⚔ अनुभाग C – दीर्घ उत्तर
🔶 प्रश्न 28A (विकल्प)
1857 विद्रोह के प्रमुख कारणों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • राजनीतिक: लैप्स की नीति और रियासतों के विलय से राजाओं में असंतोष।
🍀 • आर्थिक: ऊँचे कर, उद्योगों का पतन, साहूकारी दबाव।
💎 • सैन्य: कारतूस प्रकरण और भत्ते–विशेषाधिकार में कटौती।
🌸 • सामाजिक–धार्मिक: सुधार–कदमों को परंपरा पर हमला माना गया।
🕊 • निष्कर्ष: विद्रोह बहु–कारक और गहन असंतोष का परिणाम था।
🔶 प्रश्न 28B (विकल्प)
विद्रोह के दमन के बाद ब्रिटिश प्रशासन ने कौन–से सुधार अपनाए?
🧭 उत्तर
⭐ • 1858 भारत शासन अधिनियम: शासन क्राउन को हस्तांतरित।
🍀 • धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कम करने का आश्वासन।
💎 • देसी रियासतों के अधिकारों की औपचारिक पुष्टि।
🌸 • भारतीय सैनिकों की संख्या घटाकर यूरोपीय सैनिक बढ़ाना।
🕊 • प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के कुछ कदम।
🔷 प्रश्न 29A (विकल्प)
विद्रोह के बाद भारतीय समाज में आए दो सांस्कृतिक और दो राजनीतिक परिवर्तन बताइए।
🧭 उत्तर
⭐ • सांस्कृतिक: हिन्दू–मुस्लिम एकता की स्मृतियाँ सुदृढ़; वीरता–बलिदान के लोकगीत प्रचलित।
🍀 • सांस्कृतिक: राष्ट्रीय चेतना के बीज पनपे।
💎 • राजनीतिक: क्राउन शासन के तहत कठोर निगरानी।
🌸 • राजनीतिक: भारतीयों को शासन–प्रशासन में न्यून भागीदारी मिली।
🔷 प्रश्न 29B (विकल्प)
अवध विद्रोह का स्वरूप और उसकी विशेषताएँ समझाइए।
🧭 उत्तर
⭐ • स्वरूप: व्यापक ग्रामीण–तालुकेदार भागीदारी।
🍀 • विशेषता: बेग़म हज़रत महल का नेतृत्व और लखनऊ केन्द्र।
💎 • विशेषता: ब्रिटिश दमन के बावजूद लंबे समय तक संघर्षरत क्षेत्र।
🌸 • निष्कर्ष: अवध विद्रोह ने विद्रोह की गहराई व ग्रामीण शक्ति को उजागर किया।
🔶 प्रश्न 30
अंग्रेज़ी चित्रों और भारतीय लोक–स्रोतों से विद्रोह की व्याख्या में क्या अंतर झलकता है?
🧭 उत्तर
⭐ • अंग्रेज़ी चित्रों ने विद्रोहियों को क्रूर और बर्बर दिखाया।
🍀 • भारतीय लोक–गीत और कहानियों ने उन्हें नायक और धर्म–रक्षक के रूप में चित्रित किया।
💎 • इतिहासकार इन दोनों को साथ रखकर पक्षपात पहचानते हैं।
🌟 • तुलना से विद्रोह की बहु–आयामी समझ बनती है।
🏛 अनुभाग D – स्रोताधारित/केस अध्ययन
🔷 प्रश्न 31
स्रोत: “लाल कमल और चूड़ियाँ गाँव–गाँव पहुँचाई गईं।”
🧭 उत्तर
⭐ • आशय: गुप्त संदेशों से विद्रोहियों ने संगठित संचार किया।
🍀 • महत्त्व: यह योजनाबद्धता और साझा उद्देश्य का संकेत है।
💎 • निष्कर्ष: विद्रोह केवल आकस्मिक नहीं था।
🔷 प्रश्न 32
स्रोत: “बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से फ़रमान जारी हुए।”
🧭 उत्तर
⭐ • आशय: मुगल सम्राट को प्रतीक बनाकर वैधता प्रदान करना।
🍀 • महत्त्व: विद्रोहियों की रणनीति—पुरानी सत्ता के प्रतीक से एकता।
💎 • निष्कर्ष: परंपरागत राजकीय वैधता का उपयोग विद्रोह को सशक्त करने हेतु।
🔷 प्रश्न 33
स्रोत: “ब्रिटिश प्रचार में विद्रोहियों को बर्बर कहा गया।”
🧭 उत्तर
⭐ • आशय: विद्रोह को कलंकित कर समर्थन घटाना।
🍀 • महत्त्व: प्रचार–युद्ध ने ब्रिटिश प्रशासन की रणनीति दर्शाई।
💎 • निष्कर्ष: इतिहासकार स्रोत–पक्षपात को ध्यान में रखते हैं।
🗺 अनुभाग E – नक्शा कार्य
🔷 प्रश्न 34.1
दिल्ली – विद्रोह का प्रतीकात्मक केन्द्र चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.2
कानपुर – नाना साहेब का मुख्य केन्द्र चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.3
झाँसी – रानी लक्ष्मीबाई का केन्द्र चिह्नित करें।
🔷 प्रश्न 34.4
दो केन्द्रों का महत्व लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • दिल्ली – मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र का प्रतीकात्मक शासन; विद्रोह का वैधता–आधार।
🍀 • झाँसी – रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व ने महिला साहस व स्वतंत्रता की भावना को प्रेरित किया।
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