Class 11 : हिंदी अनिवार्य – Lesson 15 सबसे खतरनाक
संक्षिप्त लेखक परिचय
📘 लेखक परिचय — अवतार सिंह ‘पाश’
🔵 अवतार सिंह संधू ‘पाश’ का जन्म 9 सितम्बर 1950 को पंजाब के जालंधर जिले के तलवंडी सलेम गाँव में हुआ।
🟢 उनके पिता सोहन सिंह संधू भारतीय सेना में कार्यरत थे।
🟡 प्रारंभिक शिक्षा गाँव के विद्यालय में हुई, तत्पश्चात उन्होंने जालंधर से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
🔴 1970 के दशक में वे पंजाबी कविता में प्रतिरोध और जनचेतना के प्रतीक के रूप में उभरे।
🟢 उनकी पहली काव्य–संग्रह ‘लौहकथा’ (1970) प्रकाशित हुई, इसके पश्चात् ‘उड्डड़े बाजाँ मगर’ (1973), ‘साडे समियां विच’ (1978) आदि कृतियाँ आईं।
🟡 पाश की कविताओं में किसान–मजदूर की आवाज़, सामाजिक अन्याय के विरुद्ध उग्र प्रतिरोध, और साम्यवादी सोच स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
🔴 उनकी रचनाएँ ‘सबसे खतरनाक होता है सपनों का मर जाना’ जैसी मार्मिक पंक्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
🟢 राजनीतिक गतिविधियों और लेखन के कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
🟡 23 मार्च 1988 को उनके समकालीन खालिस्तानी चरमपंथियों ने उनकी हत्या कर दी, पर उनकी कविताएँ आज भी विध्वंस के विरोध और नए भारत की उम्मीद की प्रेरणा बनी हुई हैं।
💠 प्रमुख कृतियाँ:
लौहकथा (1970), उड्डड़े बाजाँ मगर (1973), साडे समियां विच (1978), लड़ेगें साथी (1989)
💠 सम्मान:
पंजाब साहित्य अकादमी फेलोशिप (1970)
💠 विचारधारा:
जन–चेतन, प्रतिरोध, क्रांतिकारी
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पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🎭 कवि परिचय
✍️ अवतार सिंह पाश (मूल नाम: अवतार सिंह संधू) का जन्म 1950 में पंजाब के जालंधर ज़िले के तलवंडी सलेम गांव में हुआ। वे समकालीन पंजाबी साहित्य के क्रांतिकारी कवि थे। उनकी मृत्यु 23 मार्च 1988 को (भगत सिंह के शहीदी दिवस पर) आतंकवादियों की गोलियों से हुई।
📚 उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं — लौह कथा, उड़दें बाजां मगर, लड़ेंगे साथी।
📖 कविता का सारांश
‘सबसे खतरनाक’ मूलतः पंजाबी में रची गई कविता है, जिसका हिंदी अनुवाद चमन लाल ने किया। कवि बताते हैं कि शारीरिक कष्ट, पुलिस की मार, गद्दारी आदि खतरनाक नहीं हैं क्योंकि उनसे लड़ा जा सकता है। सबसे खतरनाक वह स्थिति है जब मनुष्य संवेदनहीन हो जाता है, सपने मर जाते हैं और विरोध करने की क्षमता समाप्त हो जाती है।
🔴 खतरनाक क्या नहीं है?
🟠 मेहनत की लूट और पुलिस की मार
💪 श्रमिक का शोषण और मेहनत पर डाका सबसे खतरनाक नहीं है क्योंकि मेहनत फिर से हासिल की जा सकती है।
👮 पुलिस की मार और शासन की दमनकारी नीतियों का भी विरोध किया जा सकता है।
🤝 गद्दारी और लालच
देशद्रोह और लोभ भी सबसे खतरनाक नहीं, क्योंकि इनसे निपटा जा सकता है।
🟡 अन्य बुरी स्थितियां
🚔 बिना अपराध के गिरफ्तारी, 😨 डर के कारण चुप रहना, 🙊 झूठ के शोर में सच्चाई का दब जाना — सब बुरा है, पर सबसे खतरनाक नहीं।
💡 गरीबी में जुगनू की रोशनी में पढ़ना, 😤 गुस्सा पीकर समय काटना — सब बुरा है, लेकिन सबसे खतरनाक नहीं।
⚫ सबसे खतरनाक क्या है?
🟣 मुर्दा शांति
💀 “सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना” — जब अन्याय देखकर भी मनुष्य के भीतर कोई तड़प न रहे।
🏠 जब जीवन केवल घर से काम और काम से घर तक सिमट जाए और व्यक्ति मशीन की तरह जीने लगे।
🔴 सपनों का मर जाना
💔 “सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना” — जब बेहतर भविष्य, न्याय और समानता के सपने मर जाएं, तो यह सबसे भयावह स्थिति है।
🟠 समय का ठहर जाना
⏰ घड़ी चलती रहती है, पर व्यक्ति के लिए समय का कोई अर्थ नहीं रहता। जीवन में कोई लक्ष्य नहीं होता।
🟡 पथराई आंखें
👁️ वह आंख जो अन्याय देखकर भी बर्फ बनी रहे, 💔 प्रेम और करुणा से दुनिया को न देख सके, 🌫️ भौतिकता के कोहरे में खो जाए, और 🔄 रोजमर्रा के दुश्चक्र में गुम हो जाए — सबसे खतरनाक है।
🟢 कत्लेआम के बाद चुप चांद
🌙 जो चांद हत्याओं के बाद भी शांत रहे और 🌶️ आंखों में मिर्च की तरह गुस्सा न भर सके — वह सबसे खतरनाक है।
🔵 विलाप को लांघता गीत
🎵 वह गीत जो दुख-दर्द को नज़रअंदाज़ कर जाए और 😠 डरे हुए लोगों के दरवाजों पर गुंडे की तरह हुंकारे — सबसे खतरनाक है।
🟣 अंधेरी रात
🌑 वह रात जब जीवित आत्मा पर अंधेरा छा जाए, 🦉 केवल बुराई और कायरता का बोलबाला रहे, 🚪 और दरवाजों पर सदा के लिए अंधेरा चिपक जाए — सबसे खतरनाक है।
🟠 आत्मा का सूरज डूबना
☀️ वह दिशा जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए और 🌅 उसका कोई अंश भी शरीर में न बचे — सबसे खतरनाक है।
🎯 कविता का संदेश
🟢 जागरूकता और संघर्ष
🔥 मनुष्य को संवेदनशील और जागरूक रहना चाहिए।
⚔️ अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए।
🟠 सपनों को जीवित रखना
💭 बेहतर भविष्य के सपनों को कभी मरने नहीं देना चाहिए।
🟡 मशीन नहीं, मनुष्य बनो
🤖 केवल दिनचर्या में नहीं उलझना चाहिए।
💖 संवेदनशीलता, प्रेम और करुणा बनाए रखनी चाहिए।
🔴 क्रांतिकारी चेतना
✊ पाश की कविता जन-जागरण और क्रांति का आह्वान है।
🚩 यह भगत सिंह के विचारों का काव्यात्मक विस्तार है।
🎨 काव्य सौंदर्य
📜 भाषा शैली: सरल, सहज और बोलचाल की हिंदी (पंजाबी से अनूदित)।
🎭 शैली: विरोधाभास – “जो खतरनाक नहीं” बनाम “जो खतरनाक है”; पुनरुक्ति – “सबसे खतरनाक” की आवृत्ति; बिंब – पथराई आंखें, मुर्दा शांति, रुकी घड़ी।
🏁 निष्कर्ष
‘सबसे खतरनाक’ आज के समय की अत्यंत प्रासंगिक कविता है। यह उस भयावह स्थिति को उजागर करती है जब मनुष्य संवेदनहीन, निष्क्रिय और सपनों से रहित हो जाता है। पाश हमें चेताते हैं कि सपनों का मर जाना ही सबसे खतरनाक है। यह कविता हमें जागरूक रहने, संघर्ष करने और मानवीय मूल्यों को सजीव बनाए रखने की प्रेरणा देती है।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🟠 प्रश्न 1: कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, ग़रीबी-लोभ को सबसे ख़तरनाक नहीं माना।
🔵 उत्तर: कवि के अनुसार मेहनत की लूट, पुलिस की मार या ग़रीबी-लोभ जैसे अत्याचार निश्चित रूप से बुरे हैं, लेकिन सबसे ख़तरनाक नहीं हैं क्योंकि इनका प्रतिकार संभव है। इन अन्यायों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया जा सकता है। परंतु जब मनुष्य के भीतर से सोचने-समझने, सवाल करने और अन्याय का विरोध करने की शक्ति समाप्त हो जाती है, तब वह सबसे ख़तरनाक स्थिति होती है। कवि इस कविता में चेतावनी देते हैं कि सबसे बड़ा ख़तरा बाहरी शोषण नहीं बल्कि मनुष्य के भीतर की संवेदनहीनता और मौन है।
🟠 प्रश्न 2: ‘सबसे ख़तरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?
🔵 उत्तर: ‘सबसे ख़तरनाक’ शब्द के बार-बार प्रयोग से कविता में गहराई, तीव्रता और चेतावनी का प्रभाव उत्पन्न होता है। यह पुनरावृत्ति पाठक को बार-बार सोचने के लिए बाध्य करती है कि असली ख़तरा क्या है। इस दोहराव से कविता में एक लय और ज़ोर पैदा होता है, जिससे कवि का संदेश और भी प्रभावशाली हो जाता है। यह पाठक के मन में जागरूकता और सक्रियता का भाव उत्पन्न करता है।
🟠 प्रश्न 3: कवि ने कविता में कई बातों को बुरा तो है कहकर बुरा नहीं कहा है। ‘तो’ के प्रयोग से कथन की भूमिका में क्या बदलाव आया है, स्पष्ट कीजिए।
🔵 उत्तर: ‘तो’ शब्द के प्रयोग से कवि ने सामान्य ‘बुरा’ और ‘सबसे ख़तरनाक’ के बीच एक गहरा अंतर स्पष्ट किया है। इससे कविता का आशय केवल आलोचना तक सीमित नहीं रहता बल्कि चेतावनी के रूप में सामने आता है। कवि बताना चाहते हैं कि समाज में बहुत सी बुरी चीज़ें हैं, लेकिन जब मनुष्य अपनी संवेदनशीलता, विवेक और प्रतिरोध की क्षमता खो देता है, तब वह स्थिति केवल ‘बुरी’ नहीं बल्कि ‘सबसे ख़तरनाक’ हो जाती है।
🟠 प्रश्न 4: मूर्ति शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना – इनको सबसे ख़तरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और ये क्यों सबसे ख़तरनाक हैं?
🔵 उत्तर: “मूर्ति शांति से भर जाना” और “सपनों का मर जाना” दोनों ही मनुष्य की चेतना और जीवन-शक्ति के समाप्त हो जाने के प्रतीक हैं। जब समाज अन्याय को सामान्य मानकर चुप रह जाता है और मनुष्य अपने सपनों, संघर्ष और आकांक्षाओं को छोड़ देता है, तब बदलाव की संभावना समाप्त हो जाती है। यह स्थिति किसी भी अत्याचार से अधिक ख़तरनाक है क्योंकि यह मनुष्य को जीवित रहते हुए भी मृत बना देती है।
🟠 प्रश्न 5: सबसे ख़तरनाक वह घड़ी होती है/आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो/आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में ‘घड़ी’ शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।
🔵 उत्तर: इन पंक्तियों में ‘घड़ी’ केवल समय का यांत्रिक प्रतीक नहीं है, बल्कि जीवन की सक्रियता और परिवर्तनशीलता का प्रतीक है। जब समय चलता रहता है लेकिन मनुष्य की दृष्टि स्थिर और निष्क्रिय बनी रहती है, तब वही सबसे ख़तरनाक घड़ी होती है। यह उस मानसिक स्थिति की ओर संकेत है जब व्यक्ति समय के साथ बदलने, सीखने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता खो देता है। यह जड़ता और संवेदनहीनता का प्रतीक है।
🟠 प्रश्न 6: वह चाँद सबसे ख़तरनाक क्यों होता है, जो हर हत्या-कांड के बाद/आपकी आँखों को मिचमिचाने की तरह नहीं गढ़ता है?
🔵 उत्तर: यहाँ “चाँद” संवेदनशीलता और जागरूकता का प्रतीक है। जब मनुष्य के भीतर की संवेदनाएँ इतनी मर जाती हैं कि भीषण अत्याचारों और हत्याओं के बाद भी उसकी आँखें नहीं खुलतीं, तब वही सबसे ख़तरनाक स्थिति होती है। कवि चेतावनी देते हैं कि जब समाज अन्याय के प्रति संवेदनहीन हो जाता है और अत्याचार सामान्य लगने लगते हैं, तब बदलाव की संभावना समाप्त हो जाती है। ऐसा चाँद अंधकार में उजाला नहीं लाता, बल्कि अंधकार को और गहरा करता है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🔵 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
🟢 प्रश्न 1
कवि के अनुसार सबसे खतरनाक क्या नहीं है?
🟣 1. मेहनत की लूट
🔵 2. पुलिस की मार
🟢 3. गद्दारी और लोभ
🟡 4. उपरोक्त सभी
✅ उत्तर: 4. उपरोक्त सभी
🟢 प्रश्न 2
सबसे खतरनाक वह आँख कैसी होती है?
🟣 1. जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
🔵 2. जो देख नहीं पाती
🟢 3. जो हमेशा रोती रहती है
🟡 4. जो सुंदर होती है
✅ उत्तर: 1. जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
🟢 प्रश्न 3
कवि ने किसे सबसे खतरनाक माना है?
🟣 1. मेहनत की लूट को
🔵 2. मुर्दा शांति से भर जाना
🟢 3. पुलिस की मार को
🟡 4. गद्दारी को
✅ उत्तर: 2. मुर्दा शांति से भर जाना
🟢 प्रश्न 4
‘घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर आना’ किस स्थिति का संकेत है?
🟣 1. मशीनी जीवन
🔵 2. सुखी जीवन
🟢 3. व्यस्त जीवन
🟡 4. आरामदायक जीवन
✅ उत्तर: 1. मशीनी जीवन
🟢 प्रश्न 5
कवि के अनुसार सबसे खतरनाक दिशा कौन-सी है?
🟣 1. जिसमें सूरज नहीं निकलता
🔵 2. जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
🟢 3. जिसमें अंधकार हो
🟡 4. जो गलत हो
✅ उत्तर: 2. जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
🔵 लघु उत्तरीय प्रश्न
🟠 प्रश्न 6
कवि ने मेहनत की लूट को सबसे खतरनाक क्यों नहीं माना?
💠 उत्तर: क्योंकि उसके विरुद्ध संघर्ष और प्रतिरोध संभव है; परिवर्तन की आशा बनी रहती है।
🟠 प्रश्न 7
‘मुर्दा शांति से भर जाना’ का क्या अर्थ है?
💠 उत्तर: संवेदनहीन, निष्क्रिय हो जाना—अन्याय पर भी कोई प्रतिक्रिया न देना।
🟠 प्रश्न 8
सपनों का मर जाना क्यों खतरनाक है?
💠 उत्तर: सपने खत्म हों तो आकांक्षा, प्रतिरोध, और परिवर्तन की ऊर्जा मर जाती है।
🟠 प्रश्न 9
‘जमी बर्फ जैसी आँख’ से क्या तात्पर्य है?
💠 उत्तर: सब देखकर भी न पिघलने वाली, निष्प्रतिक्रिया और तटस्थ दृष्टि।
🟠 प्रश्न 10
कवि ने कलाई पर चलती घड़ी को ‘रुकी’ हुई क्यों कहा?
💠 उत्तर: जीवन की एकरसता में समय का प्रवाह निष्प्रभावी हो जाता है—बदलाव शून्य।
🔵 मध्यम उत्तरीय प्रश्न
🔴 प्रश्न 11
कवि ने किन स्थितियों को ‘सबसे खतरनाक’ माना है?
🔷 उत्तर: मुर्दा शांति, सपनों का मरना, मशीनी दिनचर्या, संवेदनहीन दृष्टि, अन्याय पर चुप्पी, और ‘आत्मा का सूरज’ डूब जाना—जहाँ विवेक/करुणा निष्क्रिय हो जाएँ।
🔴 प्रश्न 12
कविता में ‘सबसे खतरनाक’ पद की पुनरावृत्ति का प्रभाव बताइए।
🔷 उत्तर: यह आवृत्ति लय, जोर और चेतावनी का प्रभाव रचती है; पाठक के भीतर खतरे की क्रमवृद्धि का बोध तीव्र होता है और संदेश स्मृति में ठहर जाता है।
🔴 प्रश्न 13
‘आत्मा का सूरज डूब जाना’ से कवि का आशय क्या है?
🔷 उत्तर: अंतरात्मा/विवेक का निष्प्रभ हो जाना—नैतिक संवेदना का पतन, जिससे व्यक्ति सही-गलत का भेद खो देता है; यही सबसे भीषण खतरा है।
🔵 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
🟣 प्रश्न 14
‘सबसे खतरनाक’ कविता का केंद्रीय भाव (लगभग 110 शब्द)।
🔶 उत्तर: कविता आधुनिक समाज की निष्क्रियता और संवेदनहीनता के विरुद्ध तीखी चेतावनी है। पाश कहते हैं—मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ—गंभीर हैं, पर सबसे खतरनाक नहीं; क्योंकि इनके खिलाफ लड़ाई संभव है। सबसे खतरनाक है व्यक्ति का मुर्दा शांति से भर जाना, सपनों का मर जाना, आंखों का बर्फ-सा जम जाना, और जीवन का मशीनी ढर्रा—जहाँ ‘आत्मा का सूरज’ डूब जाता है। तब अन्याय सामान्य लगता है, विरोध की शक्ति क्षीण पड़ती है, और समाज अंदर से खोखला हो जाता है। कवि जागरूक, संवेदनशील, स्वप्नशील मनुष्य की आवश्यकता पर बल देता है—जो अन्याय देखे, बोले और बदलाव की जिजीविषा बनाए रखे।
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अतिरिक्त ज्ञान
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दृश्य सामग्री
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