Class 11, Poltical Science (Hindi)

Class 11 : Poltical Science (In Hindi) – Lesson 3. चुनाव और प्रतिनिधित्व

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🔶 प्रस्तावना (≈150 शब्द)
🔵 लोकतंत्र की सफलता का आधार चुनाव हैं। चुनाव ही वह माध्यम हैं जिनके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है और शासन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती है।
🟢 भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में चुनाव व्यवस्था लोकतांत्रिक परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है।
🟡 यह अध्याय चुनावों की प्रक्रिया, प्रकार, प्रणाली, प्रतिनिधित्व की अवधारणा, निर्वाचन आयोग की भूमिका और चुनाव सुधारों को समझाने के लिए समर्पित है।
🔴 भारत में प्रत्येक नागरिक को समान मतदान अधिकार प्राप्त हैं, जिससे वह प्रत्यक्ष रूप से शासन के निर्माण में भाग लेता है।
💡 इस अध्याय का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि कैसे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखते हैं।

🏛️ मुख्य व्याख्या (≈1350 शब्द)
🧭 1. चुनाव का अर्थ और महत्व
🔵 चुनाव वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है।
🟢 लोकतंत्र में चुनाव केवल सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि जवाबदेही और वैधता का प्रतीक हैं।
🟡 यदि चुनाव निष्पक्ष न हों तो लोकतंत्र केवल औपचारिक रह जाता है।
💡 इसलिए, चुनाव लोकतांत्रिक शासन का प्राण तत्व माने जाते हैं।


⚖️ 2. भारत में चुनाव प्रणाली
🔵 भारत में संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाते हैं।
🟢 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा होता है।
🟡 पंचायतों और नगरपालिकाओं के लिए स्थानीय निकाय चुनाव राज्यों के अधीन होते हैं।
🔴 लोकसभा में 543 सदस्य प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुने जाते हैं।
💡 प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का है, मतदान का पात्र है।


📘 3. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार
🔵 भारत में “एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य” का सिद्धांत लागू है।
🟢 इसका अर्थ है कि जाति, धर्म, लिंग या संपत्ति के आधार पर किसी को वंचित नहीं किया जा सकता।
🟡 संविधान के अनुच्छेद 326 में वयस्क मताधिकार का प्रावधान है।
💡 यह भारतीय लोकतंत्र की समानता की भावना को सशक्त करता है।


🏛️ 4. निर्वाचन आयोग (Election Commission)
🔵 भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है।
🟢 यह संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है।
🟡 मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्त राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
🔴 आयोग मतदाता सूची तैयार करता है, चुनाव कार्यक्रम घोषित करता है, और आचार संहिता लागू करता है।
💡 आयोग की निष्पक्षता लोकतंत्र की मजबूती की गारंटी है।


✳️ 5. प्रतिनिधित्व की अवधारणा
🔵 प्रतिनिधित्व का अर्थ है कि चुने गए व्यक्ति नागरिकों की ओर से शासन के निर्णय लेते हैं।
🟢 प्रतिनिधि जनता की आवाज़ होते हैं और संसद या विधानसभा में उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
🟡 लोकतंत्र में प्रतिनिधि उत्तरदायी होते हैं — जनता उन्हें पुनः चुन या अस्वीकार कर सकती है।
💡 प्रतिनिधित्व शासन में भागीदारी की भावना को जीवित रखता है।


🎯 6. प्रतिनिधित्व की प्रणालियाँ (Systems of Representation)
(क) एकल सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र प्रणाली (First Past the Post – FPTP)
🔵 भारत में यह प्रणाली लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपनाई गई है।
🟢 देश को छोटे-छोटे निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा जाता है, और प्रत्येक क्षेत्र से एक प्रतिनिधि चुना जाता है।
🟡 जो उम्मीदवार सर्वाधिक मत प्राप्त करता है, वही विजेता होता है।
💡 यह प्रणाली सरल, त्वरित और जनता के सीधे संपर्क को बनाए रखती है।


(ख) आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation)
🔵 इस प्रणाली में प्रत्येक दल को उसके मतों के अनुपात में सीटें दी जाती हैं।
🟢 भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चुनावों में यह प्रणाली प्रयोग होती है।
🟡 यह अल्पसंख्यक समूहों को भी प्रतिनिधित्व का अवसर देती है।
💡 इससे मतों का अनुपातिक मूल्य सुनिश्चित होता है।


⚖️ 7. निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण (Delimitation)
🔵 देश को निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटने की प्रक्रिया को सीमांकन कहा जाता है।
🟢 निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएँ जनसंख्या के अनुपात में समय-समय पर बदली जाती हैं।
🟡 सीमांकन आयोग (Delimitation Commission) इस कार्य के लिए जिम्मेदार होता है।
💡 इसका उद्देश्य समान जनसंख्या वाले निर्वाचन क्षेत्रों का निर्माण है।


🧠 8. आरक्षण और प्रतिनिधित्व
🔵 संविधान में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए सीट आरक्षित हैं।
🟢 इससे राजनीतिक भागीदारी में सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है।
🟡 पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए भी एक-तिहाई सीट आरक्षित हैं।
💡 यह सकारात्मक भेदभाव (Positive Discrimination) का उदाहरण है जो समानता को सुदृढ़ करता है।


📚 9. चुनावी प्रक्रिया
🔵 (1) निर्वाचन सूची का निर्माण
🟢 (2) चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
🟡 (3) नामांकन पत्रों की प्रस्तुति
🔴 (4) प्रचार अभियान और आचार संहिता
🟣 (5) मतदान और मतगणना
💡 यह प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की निगरानी में पारदर्शी रूप से सम्पन्न होती है।


🏛️ 10. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
🔵 निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर मिलना आवश्यक है।
🟢 निर्वाचन आयोग की “आचार संहिता” इस उद्देश्य को सुनिश्चित करती है।
🟡 मीडिया, सरकारी संसाधनों और धनबल के दुरुपयोग पर नियंत्रण रखा जाता है।
💡 पारदर्शी चुनाव लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं।


⚡ 11. निर्वाचन सुधार (Election Reforms)
🔵 भारत में समय-समय पर कई सुधार किए गए हैं ताकि चुनाव अधिक निष्पक्ष बन सकें।
🟢 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT प्रणाली से मतदान में पारदर्शिता आई है।
🟡 उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा तय की गई है।
🔴 राजनीतिक दलों के लिए आय-व्यय का लेखा प्रकाशित करना अनिवार्य है।
💡 चुनाव सुधार लोकतंत्र के विकास का आवश्यक अंग हैं।


💡 12. प्रतिनिधि लोकतंत्र की चुनौतियाँ
🔵 मतदाताओं की उदासीनता, धनबल, जातिवाद, साम्प्रदायिकता जैसी समस्याएँ चुनाव की पवित्रता को प्रभावित करती हैं।
🟢 इनसे निपटने के लिए नागरिक जागरूकता और कठोर कानून आवश्यक हैं।
🟡 जनसंचार माध्यमों को भी निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए।
💡 लोकतंत्र तभी सफल है जब नागरिक जिम्मेदारीपूर्वक मतदान करें।


🎯 13. चुनाव और लोकतंत्र का संबंध
🔵 चुनाव लोकतंत्र की आत्मा हैं, क्योंकि ये जनता की इच्छा को शासन में परिवर्तित करते हैं।
🟢 प्रतिनिधियों के माध्यम से जनता नीतियों का निर्माण और नियंत्रण दोनों करती है।
🟡 चुनाव नागरिकों और सरकार के बीच संवाद का माध्यम हैं।
💡 यह लोकतंत्र को सशक्त, उत्तरदायी और जनोन्मुख बनाते हैं।

📘 सारांश (≈250 शब्द)
🔵 भारत का लोकतंत्र अपने विशाल चुनाव तंत्र के कारण विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक प्रयोग माना जाता है।
🟢 चुनाव नागरिकों को शासन में भागीदारी का अधिकार देते हैं, जिससे सरकार की वैधता स्थापित होती है।
🟡 सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार ने समानता और नागरिक अधिकारों को मज़बूती दी है।
🔴 निर्वाचन आयोग स्वतंत्र संस्था है जो चुनावों को निष्पक्ष रूप से सम्पन्न करता है।
💡 भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव ‘एकल सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र प्रणाली’ पर आधारित हैं, जबकि राज्यसभा और राष्ट्रपति चुनाव ‘आनुपातिक प्रतिनिधित्व’ प्रणाली से होते हैं।
🟢 आरक्षण व्यवस्था ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को राजनीति में स्थान दिया है।
🟡 समय के साथ EVM, VVPAT, खर्च सीमा और पारदर्शिता जैसे सुधारों ने चुनाव प्रणाली को आधुनिक बनाया है।
🔴 फिर भी धनबल, जातिवाद, और मतदाता उदासीनता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
💡 नागरिक जिम्मेदारी और निर्वाचन आयोग की सख़्ती ही लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है।
🎯 इस प्रकार “चुनाव और प्रतिनिधित्व” भारतीय लोकतंत्र की आत्मा हैं जो जनता को शासन का वास्तविक स्वामी बनाते हैं।

📝 त्वरित पुनरावलोकन (≈100 शब्द)
✔️ सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार — 18 वर्ष से ऊपर सभी को मतदान अधिकार।
✔️ निर्वाचन आयोग — अनुच्छेद 324, स्वतंत्र संस्था।
✔️ लोकसभा प्रणाली — एकल सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र (FPTP)।
✔️ राज्यसभा, राष्ट्रपति — आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली।
✔️ आरक्षण — SC, ST, Women के लिए।
✔️ चुनाव सुधार — EVM, VVPAT, खर्च सीमा, पारदर्शिता।
✔️ लोकतंत्र की आत्मा — निष्पक्ष चुनाव और उत्तरदायी प्रतिनिधित्व।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न



🔵 प्रश्न 1:
निम्नलिखित में कौन प्रत्यक्ष लोकतंत्र के सबसे नज़दीक बैठता है?
(क) परिवार की बैठक में होने वाली चर्चा
(ख) कक्षा-निगरानी (क्लास-मॉनिटर) का चुनाव
(ग) किसी राजनीतिक दल द्वारा अपने उम्मीदवार का चयन
(घ) मीडिया द्वारा कराए गए जनमत-संग्रह
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (ख) कक्षा-निगरानी (क्लास-मॉनिटर) का चुनाव।
यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र के सबसे निकट का उदाहरण है, जहाँ नागरिक (छात्र) सीधे अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।

🔵 प्रश्न 2:
इनमें कौन-सा कार्य चुनाव आयोग नहीं करता है?
(क) मतदाता-सूची तैयार करना
(ख) उम्मीदवारों का नामांकन
(ग) मतदान-केंद्रों की स्थापना
(घ) चुनाव-संबंधी नियम, कार्यक्रम बनाना
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (ख) उम्मीदवारों का नामांकन।
उम्मीदवारों का नामांकन राजनीतिक दल या व्यक्ति स्वयं करते हैं; यह कार्य चुनाव आयोग का नहीं होता।

🔵 प्रश्न 3:
निम्नलिखित में से कौन-सा लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव की प्रणाली में समान है?
(क) 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक मतदान करने के योग्य हैं।
(ख) विभिन्न प्रत्याशियों के बारे में मतदाता अपनी पसंद का क्रम तय कर सकते हैं।
(ग) प्रत्येक मत का समान मूल्य होता है।
(घ) विजयी उम्मीदवार को आधे से अधिक मत प्राप्त होने चाहिए।
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (क) 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक मतदान करने के योग्य हैं।
दोनों सदनों में सदस्य जनता के मताधिकार से चुने जाते हैं, और 18 वर्ष से ऊपर का प्रत्येक नागरिक मतदान कर सकता है।

🔵 प्रश्न 4:
“फर्स्ट पास्ट द पोस्ट” प्रणाली में वही प्रत्याशी विजेता घोषित किया जाता है जो —
(क) कुल सदस्यता में से मत अर्जित करता है।
(ख) सबसे सर्वाधिक मत प्राप्त करता है।
(ग) चुनाव क्षेत्र के अन्य उम्मीदवारों से अधिक मत हासिल करता है।
(घ) 50 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करता है।
🟢 उत्तर:
सही उत्तर है — (ग) चुनाव क्षेत्र के अन्य उम्मीदवारों से अधिक मत हासिल करता है।
“फर्स्ट पास्ट द पोस्ट” प्रणाली में विजेता वह होता है जिसे सबसे अधिक मत मिलते हैं, भले ही वह कुल मतों का आधा न हो।

🔵 प्रश्न 5:
पृथक निर्वाचन-मंडल और आरक्षित निर्वाचन-क्षेत्र के बीच क्या अंतर है? संविधान निर्माताओं ने पृथक निर्वाचन-मंडल को क्यों स्वीकार नहीं किया?
🟢 उत्तर:
🔹 अंतर:
पृथक निर्वाचन-मंडल में केवल एक विशेष समुदाय के लोग अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं।
आरक्षित निर्वाचन-क्षेत्र में सभी मतदाता मतदान करते हैं, परंतु प्रतिनिधि केवल आरक्षित वर्ग (जैसे अनुसूचित जाति/जनजाति) से होता है।
🔹 संविधान निर्माताओं का निर्णय:
संविधान सभा ने पृथक निर्वाचन-मंडल को अस्वीकार किया क्योंकि इससे सामाजिक विभाजन बढ़ता।
आरक्षण ने समान अवसर देते हुए सामाजिक एकता बनाए रखी।

🔵 प्रश्न 6:
निम्नलिखित में कौन-सा कथन गलत है? इसकी पहचान करें और सही रूप में लिखें।
(क) एक फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली का पालन भारत के हर चुनाव में होता है।
(ख) चुनाव आयोग पंचायत और नगरपालिका चुनावों का पर्यवेक्षण नहीं करता।
(ग) भारत का राष्ट्रपति किसी चुनाव आयुक्त को नहीं हटा सकता।
(घ) चुनाव आयोग में एक से अधिक चुनाव आयुक्त नियुक्त किए जा सकते हैं।
🟢 उत्तर:
गलत कथन है — (ग) भारत का राष्ट्रपति किसी चुनाव आयुक्त को नहीं हटा सकता।
✔️ सही रूप: भारत का राष्ट्रपति, मुख्य चुनाव आयुक्त की अनुशंसा पर किसी चुनाव आयुक्त को हटा सकता है।

🔵 प्रश्न 7:
भारत की चुनाव प्रणाली का लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करना है। लेकिन हमारी विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल लगभग 12 प्रतिशत है। इस स्थिति सुधार के लिए कौन-से उपाय सुझाए जा सकते हैं?
🟢 उत्तर:
🔹 महिलाओं के लिए विधानसभाओं और संसद में आरक्षण लागू किया जाए।
🔹 राजनीतिक दल महिलाओं को अधिक टिकट दें।
🔹 स्थानीय निकायों में 33% आरक्षण की तरह उच्च स्तरों पर भी समान नीति अपनाई जाए।
🔹 शिक्षा और नेतृत्व प्रशिक्षण से महिलाओं को सशक्त बनाया जाए।

🔵 प्रश्न 8:
एक नये देश के संविधान-निर्माताओं ने यह तय किया कि वे “फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट” प्रणाली के बजाय समानुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) अपनाएँगे। क्या आप इस निर्णय से सहमत हैं? कारण दें।
🟢 उत्तर:
समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली में दलों को प्राप्त मतों के अनुपात में सीटें मिलती हैं।
🔹 समर्थन में तर्क: यह विविध समाजों में सभी समूहों को प्रतिनिधित्व देता है और मतों की असमानता घटाता है।
🔹 विरोध में तर्क: यह प्रणाली जटिल होती है, गठबंधन सरकारें अस्थिर हो सकती हैं।
इसलिए भारत जैसे बड़े देश में “फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट” प्रणाली अधिक व्यावहारिक है।

🔵 प्रश्न 9:
भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक राजनीतिक दल का सदस्य बनकर चुनाव लड़ा। क्या यह उचित था? क्या भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलनी चाहिए?
🟢 उत्तर:
🔹 विचार:
मुख्य चुनाव आयुक्त को स्वतंत्र और निष्पक्ष रहना चाहिए ताकि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बनी रहे।
🔹 पक्ष में तर्क: नागरिक होने के नाते उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है।
🔹 विपक्ष में तर्क: पद छोड़ने के तुरंत बाद चुनाव लड़ना निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न करता है।
💡 उचित यही होगा कि पद छोड़ने के बाद एक “कूलिंग-ऑफ अवधि” तय की जाए।

🔵 प्रश्न 10:
क्या भारत को “फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट” प्रणाली छोड़कर समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली अपनानी चाहिए? इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दें।
🟢 उत्तर:
🔹 पक्ष में तर्क:
समानुपातिक प्रणाली में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलता है।
मतों और सीटों में समानुपात रहता है।
🔹 विपक्ष में तर्क:
इससे शासन अस्थिर हो सकता है।
गठबंधन सरकारों में निर्णय-निर्माण कठिन होता है।
💡 भारत की विविधता और विशालता को देखते हुए “फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट” प्रणाली अधिक उपयुक्त और व्यवहारिक है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

🏛️ खंड A – बहुविकल्पीय प्रश्न (Q1–Q12 · 1 अंक प्रत्येक)
🔵 प्रश्न 1: भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission) की स्थापना कब हुई थी?
🟢 1️⃣ 25 जनवरी 1950
🟡 2️⃣ 26 जनवरी 1952
🔴 3️⃣ 15 अगस्त 1947
🟣 4️⃣ 2 अक्टूबर 1950
✔️ उत्तर: 25 जनवरी 1950

🔵 प्रश्न 2: भारत में आम चुनाव कितने वर्षों के अंतराल पर होते हैं?
🟢 1️⃣ 4 वर्ष
🟡 2️⃣ 5 वर्ष
🔴 3️⃣ 6 वर्ष
🟣 4️⃣ 3 वर्ष
✔️ उत्तर: 5 वर्ष

🔵 प्रश्न 3: भारत में चुनाव कराने की जिम्मेदारी किस संस्था की होती है?
🟢 1️⃣ संसद
🟡 2️⃣ सुप्रीम कोर्ट
🔴 3️⃣ निर्वाचन आयोग
🟣 4️⃣ राज्यपाल
✔️ उत्तर: निर्वाचन आयोग

🔵 प्रश्न 4: मतदाता की आयु सीमा संविधान के अनुसार क्या है?
🟢 1️⃣ 18 वर्ष
🟡 2️⃣ 21 वर्ष
🔴 3️⃣ 25 वर्ष
🟣 4️⃣ 16 वर्ष
✔️ उत्तर: 18 वर्ष

🔵 प्रश्न 5: भारत में किस प्रणाली के अंतर्गत चुनाव होते हैं?
🟢 1️⃣ आनुपातिक प्रतिनिधित्व
🟡 2️⃣ प्रत्यक्ष निर्वाचन
🔴 3️⃣ बहुमत आधारित (First-Past-The-Post)
🟣 4️⃣ मिश्रित प्रणाली
✔️ उत्तर: बहुमत आधारित (First-Past-The-Post)

🔵 प्रश्न 6: निर्वाचन आयोग के सदस्य किसके द्वारा नियुक्त किए जाते हैं?
🟢 1️⃣ संसद
🟡 2️⃣ राष्ट्रपति
🔴 3️⃣ प्रधानमंत्री
🟣 4️⃣ सुप्रीम कोर्ट
✔️ उत्तर: राष्ट्रपति

🔵 प्रश्न 7: राज्यसभा के सदस्य कितने वर्षों के लिए चुने जाते हैं?
🟢 1️⃣ 4 वर्ष
🟡 2️⃣ 5 वर्ष
🔴 3️⃣ 6 वर्ष
🟣 4️⃣ 3 वर्ष
✔️ उत्तर: 6 वर्ष

🔵 प्रश्न 8: “एक व्यक्ति, एक मत” का सिद्धांत किससे संबंधित है?
🟢 1️⃣ समानता का अधिकार
🟡 2️⃣ मतदान अधिकार
🔴 3️⃣ मौलिक कर्तव्य
🟣 4️⃣ न्यायपालिका
✔️ उत्तर: मतदान अधिकार

🔵 प्रश्न 9: भारत के पहले आम चुनाव किस वर्ष हुए थे?
🟢 1️⃣ 1949–50
🟡 2️⃣ 1951–52
🔴 3️⃣ 1953–54
🟣 4️⃣ 1955–56
✔️ उत्तर: 1951–52

🔵 प्रश्न 10: ‘मतदान की गोपनीयता’ किसका प्रतीक है?
🟢 1️⃣ राजनीतिक समानता
🟡 2️⃣ सामाजिक न्याय
🔴 3️⃣ मौलिक अधिकार
🟣 4️⃣ स्वतंत्र मताधिकार
✔️ उत्तर: स्वतंत्र मताधिकार

🔵 प्रश्न 11: लोकसभा में सदस्यता प्राप्त करने की न्यूनतम आयु कितनी है?
🟢 1️⃣ 21 वर्ष
🟡 2️⃣ 25 वर्ष
🔴 3️⃣ 30 वर्ष
🟣 4️⃣ 18 वर्ष
✔️ उत्तर: 25 वर्ष

🔵 प्रश्न 12: “मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट” का पालन कौन करता है?
🟢 1️⃣ न्यायपालिका
🟡 2️⃣ राजनीतिक दल
🔴 3️⃣ संसद सदस्य
🟣 4️⃣ गवर्नर
✔️ उत्तर: राजनीतिक दल

⚖️ खंड B – लघु उत्तर प्रश्न (Q13–Q20 · 2 अंक प्रत्येक)
🟢 प्रश्न 13: निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य क्या है?
🟡 उत्तर: निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने, मतदाता सूची तैयार करने, और आचार संहिता लागू करने का कार्य करता है।

🟢 प्रश्न 14: प्रतिनिधित्व का क्या अर्थ है?
🟡 उत्तर: प्रतिनिधित्व का अर्थ है — जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन में भागीदारी करना।

🟢 प्रश्न 15: स्वतंत्र चुनाव क्यों आवश्यक हैं?
🟡 उत्तर: स्वतंत्र चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं, क्योंकि इससे जनता अपनी पसंद के प्रतिनिधि चुनकर सरकार को उत्तरदायी बनाती है।

🟢 प्रश्न 16: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) से क्या तात्पर्य है?
🟡 उत्तर: 18 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार मिलना सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार कहलाता है।

🟢 प्रश्न 17: चुनाव सुधारों की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
🟡 उत्तर: धनबल, बाहुबल और भ्रष्टाचार के बढ़ते प्रभाव को रोकने तथा लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए चुनाव सुधार आवश्यक हैं।

🟢 प्रश्न 18: आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली क्या होती है?
🟡 उत्तर: इसमें दल को उसके कुल मतों के अनुपात में सीटें मिलती हैं, जिससे अल्पसंख्यक दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलता है।

🟢 प्रश्न 19: निर्वाचन आयोग के प्रमुख कौन होते हैं और उनका कार्यकाल क्या है?
🟡 उत्तर: निर्वाचन आयोग के प्रमुख “मुख्य निर्वाचन आयुक्त” होते हैं, जिनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।

🟢 प्रश्न 20: निर्वाचन क्षेत्र (Constituency) क्या होता है?
🟡 उत्तर: यह एक भौगोलिक क्षेत्र होता है जिससे एक प्रतिनिधि जनता द्वारा चुना जाता है, जैसे — लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र।

🏛️ खंड C – मध्यम उत्तर प्रश्न (Q21–Q26 · 4 अंक प्रत्येक)


🔵 प्रश्न 21: भारत में “बहुमत आधारित निर्वाचन प्रणाली” की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ इस प्रणाली में वह प्रत्याशी विजेता होता है जिसे सर्वाधिक मत मिलते हैं।
2️⃣ यह सरल और शीघ्र परिणाम देने वाली प्रणाली है।
3️⃣ प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से एक प्रतिनिधि चुना जाता है।
4️⃣ इससे स्थिर सरकार बनने की संभावना रहती है।

🔵 प्रश्न 22: निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए संविधान में कौन-से प्रावधान किए गए हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है (अनुच्छेद 324)।
2️⃣ इसके सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं।
3️⃣ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को केवल संसद की सहमति से ही हटाया जा सकता है।
4️⃣ आयोग को वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता प्राप्त है।

🔵 प्रश्न 23: भारत में चुनावों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
🟢 उत्तर:
1️⃣ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट प्रणाली लागू की गई।
2️⃣ आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया जाता है।
3️⃣ मतदाता सूची का नियमित अद्यतन किया जाता है।
4️⃣ चुनाव व्यय सीमा तय की गई है।

🔵 प्रश्न 24: भारत में राजनीतिक दलों की भूमिका चुनावों में क्या है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ राजनीतिक दल प्रत्याशियों का चयन करते हैं।
2️⃣ वे चुनावी प्रचार और नीति-निर्धारण में भाग लेते हैं।
3️⃣ जनता को विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं।
4️⃣ विजयी दल शासन बनाता है और विपक्ष निगरानी रखता है।

🔵 प्रश्न 25: मतदान की गोपनीयता का महत्व स्पष्ट कीजिए।
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह मतदाता की स्वतंत्रता का प्रतीक है।
2️⃣ इससे भय या दबाव में निर्णय नहीं लिया जाता।
3️⃣ लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहती है।
4️⃣ गोपनीय मतदान नागरिकों को समान अधिकार देता है।

🔵 प्रश्न 26: “एक व्यक्ति, एक मत, एक मूल्य” का सिद्धांत लोकतंत्र को कैसे सशक्त बनाता है?
🟢 उत्तर:
1️⃣ यह सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।
2️⃣ इससे सामाजिक और राजनीतिक समानता स्थापित होती है।
3️⃣ कोई व्यक्ति या वर्ग मतदान में अधिक प्रभाव नहीं रखता।
4️⃣ लोकतंत्र में समान प्रतिनिधित्व का आधार बनता है।

⚖️ खंड D – विस्तृत उत्तर प्रश्न (Q27–Q30 · 7 अंक प्रत्येक)
🔴 प्रश्न 27: निर्वाचन आयोग की शक्तियाँ और कार्य विस्तार से समझाइए।
🟢 उत्तर:
निर्वाचन आयोग भारत का एक संवैधानिक निकाय है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है।
1️⃣ यह मतदाता सूची तैयार करने और अद्यतन करने का कार्य करता है।
2️⃣ लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव आयोजित करता है।
3️⃣ आचार संहिता लागू करता है और उसके उल्लंघन पर कार्रवाई करता है।
4️⃣ राजनीतिक दलों को मान्यता और चुनाव चिन्ह प्रदान करता है।
5️⃣ चुनाव परिणामों की घोषणा और विवादों के निस्तारण में भूमिका निभाता है।
6️⃣ आवश्यकतानुसार चुनाव प्रक्रिया में सुधारों का सुझाव देता है।
➡️ इस प्रकार निर्वाचन आयोग लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखता है।

🔴 प्रश्न 28: भारत में चुनाव सुधारों की प्रमुख सिफारिशें और उनके प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
भारत में चुनाव सुधारों के लिए कई आयोगों और समितियों ने सुझाव दिए हैं —
1️⃣ तात्त्विक सुधार: आचार संहिता को सख्ती से लागू करना।
2️⃣ प्रौद्योगिक सुधार: ईवीएम और वीवीपैट प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ी।
3️⃣ वित्तीय सुधार: चुनाव व्यय सीमा और पारदर्शी फंडिंग का प्रावधान।
4️⃣ कानूनी सुधार: दोषी उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक।
5️⃣ सामाजिक सुधार: मतदाता जागरूकता अभियान चलाए गए।
➡️ इन सुधारों से लोकतंत्र की विश्वसनीयता और जनता का विश्वास मजबूत हुआ।

🔴 प्रश्न 29: भारत में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली अपनाने के क्या लाभ और सीमाएँ हैं?
🟢 उत्तर:
लाभ:
1️⃣ छोटे दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलता है।
2️⃣ मतों की समानता बढ़ती है।
3️⃣ विविधता वाले समाज में संतुलित प्रतिनिधित्व संभव होता है।
सीमाएँ:
1️⃣ स्थिर सरकार बनना कठिन होता है।
2️⃣ गठबंधन राजनीति बढ़ती है।
3️⃣ मतदाता और प्रतिनिधि के बीच प्रत्यक्ष संबंध कमजोर पड़ता है।
➡️ इसलिए भारत में बहुमत आधारित प्रणाली को प्राथमिकता दी गई, परंतु राज्यसभा और राष्ट्रपति चुनावों में यह प्रणाली सीमित रूप से लागू है।

🔴 प्रश्न 30: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की आत्मा क्यों माने जाते हैं?
🟢 उत्तर:
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का मूल स्तंभ हैं, क्योंकि —
1️⃣ ये नागरिकों को शासन में भागीदारी का अवसर देते हैं।
2️⃣ इससे जनता सरकार को उत्तरदायी बनाती है।
3️⃣ शासन की वैधता जनता की सहमति से प्राप्त होती है।
4️⃣ यह सत्ता परिवर्तन का शांतिपूर्ण माध्यम है।
5️⃣ चुनावों के माध्यम से जनता अपने अधिकारों का प्रयोग करती है।
6️⃣ पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया लोकतंत्र को स्थायित्व देती है।
➡️ इस प्रकार निष्पक्ष चुनाव ही लोकतांत्रिक प्रणाली की आत्मा और आधारशिला हैं।

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मस्तिष्क मानचित्र

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दृश्य सामग्री

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