Class 11, History (Hindi)

Class 11 : History (In Hindi) – Lesson 3. घुमंतू साम्राज्य

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🌟 परिचय
🔷 यूरेशिया की विशाल घासभूमियों (स्टेपीज़) में रहने वाले यायावर समुदायों ने इतिहास की दिशा बदल दी।
🔶 इन साम्राज्यों ने चीन, फारस, रूस और यूरोप तक राजनीति, व्यापार, धर्म और संस्कृति को जोड़ने का कार्य किया।

🏺 1. यायावर जीवन की पृष्ठभूमि
⭐ • स्टेपीज़ क्षेत्र — पूर्वी यूरोप से मंगोलिया और मंचूरिया तक फैली घासभूमियाँ।
🍀 • कठोर जलवायु, सीमित कृषि, और मौसमी प्रवास ने उन्हें घुड़सवारी और पशुपालन पर निर्भर बनाया।
💎 • यर्ट (खेमे) आसानी से खोले–बंद किए जा सकते थे, जिससे मौसमी परिवर्तन के अनुसार स्थान परिवर्तन सहज था।
🌸 • पशुधन—घोड़े, भेड़, ऊँट, बकरी—उनकी अर्थव्यवस्था और संस्कृति के केंद्र।

⚔ 2. प्रमुख यायावर साम्राज्य
⭐ • हुन साम्राज्य — 4–5वीं शताब्दी ई., यूरोप पर आक्रमण कर रोमनों को चुनौती।
🍀 • तुर्क और ख़ज़र — सिल्क रोड व्यापार और इस्लामी ख़िलाफ़त के राजनैतिक संतुलन में भूमिका।
💎 • मंगोल साम्राज्य (चंगेज़ ख़ान) — 13वीं शताब्दी, इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य।
🌸 • तैमूरी और ओटोमन — यायावर परम्पराओं और स्थायी प्रशासन का मिश्रण।

🌾 3. मंगोल साम्राज्य का विस्तार
⭐ • चंगेज़ ख़ान (1162–1227) ने मंगोल क़बीलों को एकजुट किया और साम्राज्य–व्यापी सैन्य संरचना बनाई।
🍀 • तेज़ गति वाली घुड़सवार सेना और हिट–एंड–रन रणनीति।
💎 • सिल्क रोड के प्रमुख मार्गों पर नियंत्रण—चीन से यूरोप तक व्यापारिक सुरक्षा।
🌸 • कुबलाई ख़ान ने चीन में युआन वंश की स्थापना कर स्थायी शासन दिया।

🧭 4. समाज और संस्कृति
⭐ • क़बीलाई संगठन: ख़ान सर्वोच्च नेता; परिषदों (कुरुलताई) से निर्णय।
🍀 • बहादुरी, घुड़सवारी, शिकार—सामाजिक सम्मान के मानक।
💎 • मौखिक परम्परा—गाथाएँ, गीत, और लोक–स्मृतियाँ—इतिहास व संस्कृति का स्रोत।
🌸 • धर्म: शामनवाद, पूर्वज–पूजा; बाद में बौद्ध धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म का प्रभाव।

🏛 5. अर्थव्यवस्था और व्यापार
⭐ • घोड़े, ऊन, चमड़ा, और हथियार—मुख्य निर्यात वस्तुएँ।
🍀 • अनाज, धातु, विलास–वस्तुएँ—स्थायी सभ्यताओं से आयात।
💎 • सिल्क रोड का नियंत्रण—व्यापार मार्गों की सुरक्षा और कर–व्यवस्था।
🌸 • यात्रा वृत्तांत (जैसे मार्को पोलो) से ज्ञात है कि मंगोलों ने व्यापारियों को कर–छूट व संरक्षण दिया।

🌸 6. सैन्य शक्ति और रणनीति
⭐ • दशमलव प्रणाली—10, 100, 1000 के दस्तों में विभाजन।
🍀 • हल्की घुड़सवार सेना, तीरंदाज़ी और नकली पीछे हटना (Feign Retreat) तकनीक।
💎 • रसद: मोबाइल रसोई और संचार–व्यवस्था (याम) ने दूर–दराज़ अभियानों को संभव बनाया।
🌸 • कठोर अनुशासन और नेतृत्व के प्रति निष्ठा—सफल अभियानों की कुंजी।

🕊 7. स्थायी सभ्यताओं से सम्बन्ध
⭐ • संघर्ष: चीन, फारस, भारत और यूरोप के राज्यों पर छापामार और विजय–युद्ध।
🍀 • सहयोग: व्यापार मार्गों का संरक्षण और सांस्कृतिक आदान–प्रदान।
💎 • प्रशासनिक नवाचार: चीन में चीनी नौकरशाही अपनाना; फारसी और तुर्की परम्पराओं का मिश्रण।
🌸 • धार्मिक सहिष्णुता—मंगोल शासकों ने विविध धर्मों को संरक्षण दिया।

⚔ 8. सिल्क रोड का महत्त्व
⭐ • रेशम, मसाले, बारूद, कम्पास, काग़ज़—पूर्व से पश्चिम पहुँचे।
🍀 • विचारों और धर्मों—बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम—का प्रसार।
💎 • वैश्विक सम्पर्क और पुनर्जागरण की नींव।
🌸 • मंगोल सुरक्षा ने व्यापार को स्वर्ण–युग दिया।

🌾 9. यायावर साम्राज्यों का पतन
⭐ • उत्तराधिकार विवाद और क़बीलाई संघर्ष।
🍀 • स्थायी राज्यों की नयी सैन्य तकनीकें (बारूद हथियार)।
💎 • व्यापार–मार्गों का बदलाव (समुद्री मार्गों का उदय)।
🌸 • स्थानीय संस्कृतियों में आत्मसात होकर कई यायावर समूह स्थायी हो गए।

🧭 10. विरासत और आधुनिक प्रभाव
⭐ • डाक–प्रणाली (याम) और घुड़सवारी—आधुनिक संचार और कैवेलरी का पूर्वज।
🍀 • वैश्वीकरण की शुरुआत—एशिया और यूरोप के बीच स्थायी सम्पर्क।
💎 • राजनीतिक–सैन्य नवाचार—केन्द्रीय सत्ता और क़बीलाई लोकतंत्र का संयोजन।
🌸 • सांस्कृतिक मिश्रण—भाषाएँ, कला, तकनीकें और धर्म–सहिष्णुता।

✨ 300 शब्द का सारांश
🔷 यायावर साम्राज्य यूरेशिया के घास के मैदानों में विकसित हुए। कठोर जलवायु और सीमित कृषि ने उन्हें गतिशील जीवन–शैली अपनाने को बाध्य किया।
🔶 चंगेज़ ख़ान ने मंगोल क़बीलों को एकजुट कर 13वीं शताब्दी में इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य बनाया।
🔷 मंगोलों ने सिल्क रोड की सुरक्षा कर व्यापार, तकनीक और विचारों का वैश्विक प्रवाह सुनिश्चित किया।
🔶 उनका समाज साहस, घुड़सवारी और क़बीलाई एकता पर आधारित था। धर्म के प्रति सहिष्णुता और प्रशासनिक नवाचार ने उन्हें विविध क्षेत्रों पर शासन योग्य बनाया।
🔷 तुर्क, हुन और अन्य यायावर समूहों ने भी एशिया–यूरोप राजनीति को प्रभावित किया।
🔶 पतन के कारणों में उत्तराधिकार विवाद, स्थायी साम्राज्यों की नयी तकनीकें और व्यापार–मार्गों का परिवर्तन शामिल था।
🔷 यायावरों ने युद्ध–रणनीति, डाक–प्रणाली, सांस्कृतिक संलयन और वैश्वीकरण की नींव रखी।
🌟 उनकी विरासत आज भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों, राजनीतिक विचारों और सांस्कृतिक विविधता में झलकती है।

📝 Quick Recap
✔️ स्टेपीज़ के यायावर: गतिशील जीवन, पशुपालन, घुड़सवारी।
✔️ प्रमुख साम्राज्य: हुन, तुर्क, मंगोल।
✔️ चंगेज़ ख़ान: मंगोल एकता, सिल्क रोड नियंत्रण।
✔️ सैन्य कौशल: तीरंदाज़ी, नकली पीछे हटना, दशमलव संगठन।
✔️ अर्थव्यवस्था: व्यापार, ऊन, घोड़े, कर–व्यवस्था।
✔️ स्थायी सभ्यताओं पर प्रभाव: प्रशासन, संस्कृति, धार्मिक सहिष्णुता।
✔️ पतन: आन्तरिक विवाद, बारूद हथियारों का उदय, समुद्री व्यापार मार्ग।
✔️ विरासत: डाक–प्रणाली, वैश्वीकरण की शुरुआत, सांस्कृतिक मिश्रण।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


✏️ संक्षेप में उत्तर दीजिए (लगभग 100–150 शब्द)
🔷 प्रश्न 1
मंगोलों के लिए व्यापार क्यों इतना महत्वपूर्ण था?
🧭 उत्तर
⭐ • यायावर जीवन–शैली में कृषि उत्पादन सीमित था, इसलिए अनाज, धातु, कपड़ा व विलास–वस्तुएँ बाहर से लेनी पड़ती थीं।
🍀 • व्यापार से उन्हें घोड़े, ऊन, चमड़ा जैसी वस्तुएँ देकर आवश्यक वस्तुएँ प्राप्त होती थीं।
💎 • मंगोल शासकों ने रेशम मार्ग की सुरक्षा कर व्यापारियों को प्रोत्साहित किया, जिससे साम्राज्य की आर्थिक शक्ति और राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ी।
🌸 • व्यापार ने विभिन्न क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक सम्पर्क भी बढ़ाया।

🔷 प्रश्न 2
चंगेज़ ख़ान ने यह क्यों अनुभव किया कि मंगोल कबीलों को नयी सामाजिक और सैन्य इकाइयों में विभाजित करने की आवश्यकता है?
🧭 उत्तर
⭐ • पारंपरिक क़बीलाई निष्ठाएँ अक्सर विद्रोह और आपसी संघर्ष का कारण बनती थीं।
🍀 • नई इकाइयों में विभिन्न क़बीलों को मिलाकर उन्होंने व्यक्तिगत निष्ठाओं के बजाय राज्य–निष्ठा विकसित की।
💎 • इससे सेना संगठित, अनुशासित और तेज़ गति से संचालन योग्य बनी।
🌸 • इस नीति ने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में निर्णायक भूमिका निभाई।

🔷 प्रश्न 3
यात्र के बारे में पर्वतीय मंगोलों का जीवन किस तरह संगठनों और स्मृतियों के साथ जुड़ा हुआ था?
🧭 उत्तर
⭐ • यात्र (घुमंतू प्रवास) के दौरान चरागाहों और पानी के स्रोतों की स्मृतियाँ अगली पीढ़ी को सौंपी जाती थीं।
🍀 • तम्बुओं की संख्या, पशुओं के झुंड और पड़ाव के स्थान क़बीलाई पहचान व इतिहास का हिस्सा थे।
💎 • ये यात्र उनकी सांस्कृतिक स्मृति, मौखिक गाथाओं और सामूहिक एकता को मज़बूत करती थीं।

🔷 प्रश्न 4
यदि इतिहास नगरों में बसे लेखकों के साहित्यिक विवरणों पर निर्भर करता है तो यायावर समाजों के बारे में हमारा दृष्टिकोण पक्षपाती क्यों हो सकता है? क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों?
🧭 उत्तर
⭐ • नगर–निवासी लेखक अक्सर यायावरों को असभ्य और विनाशकारी दिखाते थे, क्योंकि उनके मूल्य भिन्न थे।
🍀 • यायावर समाज की मौखिक परंपराएँ लिखित रूप में नहीं आतीं, जिससे उनका योगदान अनदेखा रह सकता है।
💎 • हाँ, यह कथन उचित है—संतुलित दृष्टि हेतु पुरातात्त्विक साक्ष्य, मौखिक गाथाएँ और विभिन्न क्षेत्रों के स्रोतों का तुलनात्मक अध्ययन आवश्यक है।

🔷 प्रश्न 5
यात्रा वृत्तांत व्यापार और यायावर राजनीति के इतिहास लेखन में किस तरह उपयोगी हैं? मंगोल अभियानों में मारे गए लोगों की संख्या के बढ़ा–चढ़ाकर बताने का क्या कारण रहा होगा?
🧭 उत्तर
⭐ • यात्रा वृत्तांत समकालीन परिस्थितियों, व्यापार–मार्गों, कर–व्यवस्था और प्रशासन की झलक देते हैं।
🍀 • वे मंगोल नेतृत्व की रणनीति, गठजोड़ और संघर्षों के बारे में प्रत्यक्ष विवरण प्रदान करते हैं।
💎 • मारे गए लोगों की संख्या बढ़ा–चढ़ाकर बताना या तो दुश्मनों के भय को बढ़ाने या शासकों की शक्ति दिखाने की रणनीति थी।
🌸 • कभी–कभी विजेताओं और पराजितों दोनों ने अपनी–अपनी छवि के अनुसार आँकड़ों को तोड़ा–मरोड़ा।

✍️ संक्षेप में निबंध लिखिए (लगभग 250–300 शब्द)
🔶 प्रश्न 6
मंगोल और बेदोइन समाज की यायावर विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, यह बताइए कि आपके विचार में किन तरह उनके ऐतिहासिक अनुभव एक–दूसरे से भिन्न थे? इन भिन्नताओं से जुड़े कारणों को समाजों के लिए क्या महत्त्वपूर्ण बना?
🧭 उत्तर
⭐ • मंगोल स्टेपीज़ (यूरेशियाई घासभूमियाँ) के निवासी थे; बेदोइन अरब के मरुस्थल में रहते थे।
🍀 • मंगोलों के पास घोड़े–आधारित सैन्य शक्ति थी, जबकि बेदोइन ऊँटों पर निर्भर थे।
💎 • मंगोलों ने विशाल स्थलीय साम्राज्य (चंगेज़ ख़ान) स्थापित किया; बेदोइन ने इस्लामी ख़िलाफ़त के प्रारंभिक प्रसार में योगदान दिया।
🌸 • पर्यावरणीय अंतर—स्टेपीज़ की चरागाह बनाम मरुस्थल—ने उनके प्रवास पैटर्न और व्यापारिक मार्ग निर्धारित किए।
🕊 • मंगोलों ने रेशम मार्ग की सुरक्षा कर वैश्विक व्यापार को जोड़ा; बेदोइन ने समुद्री–स्थलीय कारवां व्यापार में मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
💎 • धार्मिक व सांस्कृतिक प्रसार में बेदोइन इस्लाम के वाहक बने, जबकि मंगोलों ने विविध धर्मों के प्रति सहिष्णुता दिखाकर सांस्कृतिक संलयन को प्रोत्साहित किया।
🌟 • इन भिन्नताओं ने यूरेशियाई व अरब जगत की राजनीतिक और आर्थिक संरचनाओं पर गहरा असर डाला।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


🏺 अनुभाग A – बहुविकल्पी प्रश्न (Q1–Q21, 1 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 1
यायावर साम्राज्य का प्राकृतिक आवास किसे कहा गया?
🟢 1. घासभूमि (स्टेपी)
🟡 2. मानसून वन
🔴 3. मरुस्थल
🔵 4. टुण्ड्रा
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 2
मंगोलों के चल–तम्बू का नाम क्या था?
🟢 1. यर्ट
🟡 2. इग्लू
🔴 3. पगोड़ा
🔵 4. ज़िगुरैट
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 3
चंगेज़ ख़ान का जन्म–नाम क्या था?
🟢 1. तेमूजिन
🟡 2. बटू
🔴 3. कुबलाई
🔵 4. तैमूर
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 4 (कथन–कारक)
A: मंगोल सेना का संगठन दशांश–व्यवस्था पर आधारित था।
R: इससे क़बीलाई निष्ठाएँ कमजोर होकर राज्य–निष्ठा मजबूत हुई।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : A


🔶 प्रश्न 5
मंगोल सेना की बड़ी इकाई तूमेन में लगभग कितने योद्धा होते थे?
🟢 1. 1,000
🟡 2. 5,000
🔴 3. 10,000
🔵 4. 20,000
✨ उत्तर : 3


🔶 प्रश्न 6
कुरुलताई का अभिप्राय है—
🟢 1. कर–व्यवस्था
🟡 2. जन–सभा/परिषद
🔴 3. डाक–चौकी
🔵 4. विजय–तोरण
✨ उत्तर : 2


🔶 प्रश्न 7
मंगोल शासकीय संहिता/कानून का नाम—
🟢 1. यासा
🟡 2. शरिया
🔴 3. धम्म
🔵 4. क़ानून–ए–शाही
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 8
रेशम मार्ग की सुरक्षा हेतु डाक–रिले प्रणाली को क्या कहा गया?
🟢 1. याम
🟡 2. दीवान
🔴 3. सिपह
🔵 4. मनसब
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 9
कुबलाई ख़ान ने चीन में किस राजवंश की स्थापना की?
🟢 1. युआन
🟡 2. हान
🔴 3. मिंग
🔵 4. सोंग
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 10
गोल्डन होर्डे ख़ानत मुख्यतः किस क्षेत्र में स्थापित हुई?
🟢 1. रूस–स्तेपी
🟡 2. ईरान
🔴 3. सीरिया
🔵 4. मिस्र
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 11
ईरान/फ़ारस क्षेत्र का मंगोल ख़ानत कहलाया—
🟢 1. इलखान
🟡 2. चगताई
🔴 3. स्वर्णमंडल
🔵 4. दुर्रानी
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 12
मंगोल शासन–काल में काग़ज़–मुद्रा को व्यापक बढ़ावा किसके समय मिला?
🟢 1. कुबलाई ख़ान
🟡 2. बटू
🔴 3. गैहूक
🔵 4. हुलेगू
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 13
मंगोल धार्मिक नीति की प्रमुख विशेषता—
🟢 1. एक–धर्म अनिवार्य
🟡 2. धार्मिक सहिष्णुता
🔴 3. मूर्ति–भंजन
🔵 4. धर्म–कर
✨ उत्तर : 2


🔶 प्रश्न 14
“मंगोल शान्ति” का एक प्रत्यक्ष प्रभाव था—
🟢 1. समुद्री मार्गों का पतन
🟡 2. रेशम मार्ग पर सुरक्षित व्यापार
🔴 3. कारीगर–संघ समाप्त
🔵 4. कृषि–उत्पादन शून्य
✨ उत्तर : 2


🔶 प्रश्न 15 (कथन–कारक)
A: कुछ स्रोत मंगोल अभियानों में हताहतों की संख्या को बढ़ा–चढ़ाकर बताते हैं।
R: भय पैदा करना और अपने संरक्षक शासक की शक्ति दिखाना लेखकों का उद्देश्य होता था।
🟢 A. दोनों सही, R A को समझाता है
🟡 B. दोनों सही, R A को नहीं समझाता
🔴 C. A सही, R ग़लत
🔵 D. A ग़लत, R सही
✨ उत्तर : A


🔶 प्रश्न 16
दिल्ली सल्तनत पर मंगोल दबाव का सामना कड़े रूप में किस शासक ने किया?
🟢 1. इल्तुतमिश
🟡 2. आलाउद्दीन खिलजी
🔴 3. मुहम्मद तुगलक
🔵 4. इब्राहिम लोदी
✨ उत्तर : 2


🔶 प्रश्न 17
गोल्डन होर्डे का संस्थापक माना जाता है—
🟢 1. बटू
🟡 2. टोलुई
🔴 3. ओगताई
🔵 4. अर्ज़ा
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 18
युआन दरबार का वर्णन करने वाला यूरोपीय यात्री—
🟢 1. मार्को पोलो
🟡 2. इब्न बतूता
🔴 3. मेगस्थनीज़
🔵 4. अल–बेरूनी
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 19
मंगोलों की प्रसिद्ध युद्ध–युक्ति “झूठा पीछे हटना” किस उद्देश्य से?
🟢 1. शत्रु को जाल में फँसाकर घेरना
🟡 2. सीमाएँ छोड़ देना
🔴 3. आत्मसमर्पण
🔵 4. शस्त्र–भंडार नष्ट करना
✨ उत्तर : 1


🔶 प्रश्न 20
मंगोल धनुष की तकनीक सामान्यतः कैसी थी?
🟢 1. एक–लकड़ी धनुष
🟡 2. संयोजित (हड्डी–लकड़ी–सींग) धनुष
🔴 3. धातु धनुष
🔵 4. काग़ज़ धनुष
✨ उत्तर : 2


🔶 प्रश्न 21
निम्न में से कौन मंगोल चार प्रमुख ख़ानतों में शामिल नहीं था?
🟢 1. चगताई
🟡 2. इलखान
🔴 3. गोल्डन होर्डे
🔵 4. ममलूक
✨ उत्तर : 4

🧭 अनुभाग B – लघु उत्तर (Q22–Q25, 3 अंक प्रत्येक)
🔷 प्रश्न 22
रेशम मार्ग मंगोल शासन में क्यों महत्त्वपूर्ण बना?
🧭 उत्तर
⭐ • याम डाक–रिले, सुरक्षा दल और कर–व्यवस्था से मार्ग सुरक्षित हुआ।
🍀 • एशिया–यूरोप के बीच वस्तुओं (रेशम, मसाले, काग़ज़, बारूद) व विचारों का प्रवाह तीव्र हुआ।
💎 • व्यापार से कर–आय बढ़ी और साम्राज्य की वैधता–प्रतिष्ठा मजबूत हुई।


🔷 प्रश्न 23
चंगेज़ ख़ान के सैन्य–प्रशासनिक पुनर्गठन के दो बिंदु लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • क़बीलों की मिली–जुली इकाइयाँ बनाकर दशांश–व्यवस्था (अरबान–जून–मिंगान–तूमेन) लागू।
🍀 • युद्ध–अनुशासन, नकदी वेतन/लूट का नियम और योग्यता–आधारित पदोन्नति; राज्य–निष्ठा को सर्वोपरि किया।


🔷 प्रश्न 24
यात्रा–वृत्तांतों का यायावर इतिहास में क्या उपयोग और क्या सावधानियाँ हैं?
🧭 उत्तर
⭐ • उपयोग: मार्ग, बाज़ार, कर–व्यवस्था, दरबार, धर्म–नीति के प्रत्यक्ष विवरण।
🍀 • सावधानी: लेखक का पक्षपात/भय–प्रचार; संख्याओं का अतिशयोक्तिपूर्ण प्रयोग।
💎 • समाधान: विभिन्न क्षेत्रों के स्रोत, पुरातात्त्विक साक्ष्य और मौखिक परंपराओं का तुलनात्मक विश्लेषण।


🔷 प्रश्न 25
“मंगोल शान्ति” के दो परिणाम लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • दूर–दूर के नगरों का एकीकरण—व्यापार और सांस्कृतिक आदान–प्रदान में तीव्र वृद्धि।
🍀 • तकनीकी–धार्मिक प्रसार—काग़ज़, कम्पास, बारूद तथा विचार–धर्मों का व्यापक प्रसार।


🏺 अनुभाग B (जारी) – लघु उत्तर
🔷 प्रश्न 26A (विकल्प)
याम (डाक–रिले) व्यवस्था के दो लाभ और एक सीमा लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • लाभ 1: तेज़ संचार से सेना–प्रशासन समन्वय सुदृढ़।
🍀 • लाभ 2: रेशम मार्ग पर सुरक्षा–पहरे और सूचनाओं का द्रुत प्रवाह।
💎 • सीमा: व्यापक चौकियों और घोड़ों का रख–रखाव महँगा, शान्ति घटते ही तंत्र ढीला।


🔷 प्रश्न 26B (विकल्प)
कुरुलताई की भूमिका स्पष्ट कीजिए—दो बिंदु और एक सावधानी।
🧭 उत्तर
⭐ • भूमिका 1: ख़ान का चयन/वैधता और साम्राज्य–नीति निर्धारण।
🍀 • भूमिका 2: युद्ध–अभियान, पद–वितरण और विवाद–निराकरण।
💎 • सावधानी: दीर्घ अंतराल या उत्तराधिकार–विवाद से शक्ति–विखंडन का जोखिम।


🔶 प्रश्न 27
मंगोल धार्मिक नीति की दो विशेषताएँ और एक प्रभाव लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • विशेषता 1: विविध धर्मों के प्रति सहिष्णुता—मंदिर, मस्जिद, मठ को संरक्षण।
🍀 • विशेषता 2: पुरोहितों/विद्वानों को कर–राहत व सुरक्षा।
💎 • प्रभाव: व्यापार–दूतावास को नैतिक सुरक्षा, साम्राज्य की स्वीकृति–वैधता बढ़ी।

⚔ अनुभाग C – दीर्घ उत्तर
🔷 प्रश्न 28A (विकल्प)
चंगेज़ ख़ान के सैन्य–प्रशासनिक पुनर्गठन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • संरचना: दशांश–व्यवस्था (10–100–1,000–10,000) से अरबान, ज़ून, मिंगान, तूमेन—क़बीलाई निष्ठा की जगह राज्य–निष्ठा।
🍀 • चयन: योग्यता–आधारित पदोन्नति, लूट–वितरण के नियम; अनुशासन उल्लंघन पर कठोर दंड।
💎 • रणनीति: झूठा पीछे हटना, घेराबंदी–कला का अधिग्रहण, घुड़सवार तीरंदाज़ी का समन्वय।
🌸 • प्रशासन: यासा (आचार–विधि), याम डाक–रिले, रसद–अड्डे; कर–व्यवस्था और मर्यादित स्थानीय स्वायत्तता।
🕊 • आलोचना: तीव्र विजय–गति पर टिकाऊ संस्थागत रूपांतरण हर प्रान्त में समान नहीं; उत्तराधिकार–व्यवस्था पर निर्भरता से बाद में विखंडन।
🌟 • समेकन: नवोन्मेषी सैन्य–प्रशासन ने विस्तार सम्भव किया, पर उत्तराधिकार–राजनीति ने दीर्घकालिक स्थिरता चुनौतीपूर्ण बनाई।


🔷 प्रश्न 28B (विकल्प)
रेशम मार्ग पर मंगोल सुरक्षा का आर्थिक–सांस्कृतिक महत्व चर्चा कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • आर्थिक: सुरक्षा–चौकियाँ, पारगमन–कर की स्पष्टता, भार–माप और सिक्का–मानकीकरण से व्यापारी–विश्वास।
🍀 • तंत्र: कारवाँसराय, याम–चौकियाँ, मार्ग–मरम्मत—वस्तु–विनिमय की लागत घटी।
💎 • सांस्कृतिक: काग़ज़, बारूद, कम्पास, मुद्रण–तकनीक; औषधि, गणित, खगोल–ज्ञान का प्रसार।
🌸 • राजनय: दूत–आदान–प्रदान, विद्वानों–कलाकारों की आवाजाही—अन्तर–संस्कृति संवाद।
🕊 • निष्कर्ष: “मंगोल शान्ति” ने एशिया–यूरोप को जोड़कर दीर्घकालीन आर्थिक–सांस्कृतिक एकीकरण को बल दिया।


🔷 प्रश्न 29A (विकल्प)
स्वर्णमंडल (रूस–स्तेपी) और इलखान (ईरान) ख़ानतों की नीतियों की तुलना कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • भू–परिस्थिति: स्वर्णमंडल—नदी–स्टेपी व फर–व्यापार; इलखान—शुष्क पठार, कृषि–कर व कारीगरी।
🍀 • धर्म–नीति: दोनों में प्रारम्भिक सहिष्णुता; समयानुसार स्थानीय धर्म–समुदायों से सत्ता–समन्वय।
💎 • राजस्व: स्वर्णमंडल—कर–वसूली व मार्ग–कर; इलखान—खिराज, सिंचाई–उन्मुख कर–सुधार के प्रयास।
🌸 • सम्बन्ध: स्वर्णमंडल–रूस नगरों पर प्रभुत्व; इलखान–मध्य–पश्चिमी एशिया राजनीतिक संतुलन में निर्णायक।
🕊 • निष्कर्ष: पर्यावरण और व्यापार–रुझान ने दोनों के प्रशासनिक–वित्तीय ढाँचों को भिन्न रूप दिया।


🔷 प्रश्न 29B (विकल्प)
युआन चीन में मंगोल शासन के प्रमुख आयाम समझाइए।
🧭 उत्तर
⭐ • प्रशासन: चीनी नौकरशाही का उपयोग, पर उच्च सैन्य–पद मंगोल/सहयोगी समूहों को।
🍀 • अर्थव्यवस्था: काग़ज़–मुद्रा, अनाज–परिवहन, नहर–संरचना और बाजार–नियमन।
💎 • समाज: निवासी समूह–वर्गीकरण; शहरी–कला, नाटक, शिल्प का प्रोत्साहन।
🌸 • संस्कृति: बौद्ध–तिब्बती, दाओवादी, कन्फ़्यूशियसी और मुस्लिम विद्वानों का सह–अस्तित्व।
🕊 • सीमा: विद्रोह–प्रतिकार और राजस्व–दबाव से असंतोष; उत्तरवर्ती स्थानीय राजवंश का उभार।


🔶 प्रश्न 30
यायावर साम्राज्यों के पतन के आन्तरिक–बाह्य कारणों का समेकित विश्लेषण कीजिए।
🧭 उत्तर
⭐ • आन्तरिक: उत्तराधिकार–संकट, क़बीलाई प्रतिस्पर्धा, प्रान्तीय स्वायत्तता का बढ़ना, कर–संकट।
🍀 • आर्थिक–सामाजिक: द्रुत विस्तार की रख–रखाव लागत, महामारी–अकाल, शहरी–राजस्व में गिरावट।
💎 • बाह्य: बारूद–आधारित सेनाएँ, किलेबन्द तोपख़ाने; समुद्री–मार्गों के उभार से स्थल–व्यापार में कमी।
🌸 • समेकन: नयी तकनीक व व्यापार–परिवर्तन के अनुकूल संस्थागत रूपांतरण न हो पाया; परिणामतः विखंडन/स्थानीय आत्मसातीकरण।

🏛 अनुभाग D – स्रोत/केस आधारित
🔷 प्रश्न 31
स्रोत: “याम चौकियों पर घोड़े तैयार, दस्तावेज़ मुहरबन्द, सड़कें चौकसी में।”
🧭 उत्तर
⭐ (क) आशय: डाक–रिले द्वारा त्वरित संचार और मार्ग–सुरक्षा।
🍀 (ख) साक्ष्य–मूल्य: प्रशासनिक दक्षता, व्यापारी–विश्वास और सैन्य–तैनाती की क्षमता।
💎 (ग) निष्कर्ष: संचार–तंत्र मंगोल शासन की मज़बूती का आधार।


🔷 प्रश्न 32
स्रोत: “यासा के उल्लंघन पर दंड—चाहे सेनापति हो या साधारण सैनिक।”
🧭 उत्तर
⭐ (क) आशय: क़ानून–समानता और अनुशासन–केन्द्रित शासन।
🍀 (ख) परिणाम: सेना की विश्वसनीयता, भ्रष्टाचार–नियंत्रण, त्वरित न्याय।
💎 (ग) सीमाएँ: कठोर दंड से स्थानीय असंतोष सम्भव—स्थायी संस्थागत संतुलन आवश्यक।


🔷 प्रश्न 33
स्रोत: “यात्रा–वृत्तांतों में हताहतों की संख्या आकाश–चुम्बी।”
🧭 उत्तर
⭐ (क) आशय: भय–प्रचार/प्रताप–प्रदर्शन हेतु अतिशयोक्ति।
🍀 (ख) इतिहास–लेखन: बहु–स्रोत तुलना, पुरातात्त्विक जाँच, संख्या–आलोचना अनिवार्य।
💎 (ग) निष्कर्ष: पाठ–समीक्षा से संतुलित, साक्ष्य–आधारित समझ विकसित होती है।

🗺 अनुभाग E – नक्शा–कार्य
🔷 प्रश्न 34.1
कराकोरम/ओनोन–क्षेत्र — आरम्भिक सत्ता–केंद्र चिह्नित करें।


🔷 प्रश्न 34.2
सराय (वोल्गा तट) — स्वर्णमंडल राजधानी/व्यापार–ठिकाना चिह्नित करें।


🔷 प्रश्न 34.3
ख़ानबलीक/दादू (युआन राजधानी) — पूर्वी केन्द्र चिह्नित करें।


🔷 प्रश्न 34.4
दो चिन्हित केन्द्रों का महत्व लिखिए।
🧭 उत्तर
⭐ • कराकोरम — प्रारम्भिक राजकीय–धुरी; कुरुलताई, यासा और याम–तंत्र का संगठित प्रयोग यहीं से विस्तृत।
🍀 • सराय — वोल्गा–मार्ग का वाणिज्यिक–द्वार; फर, अनाज और धातु–व्यापार से स्वर्णमंडल की आय–रीढ़।

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प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न

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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति

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मस्तिष्क मानचित्र

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दृश्य सामग्री

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