Class 10 : Social Science (In Hindi) – Lesson 7. वन एवं वन्य जीव
पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन
🔴 विस्तृत व्याख्या (~900 शब्द)
🟢 परिचय
🌾 वन एवं वन्य जीव संसाधन पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र का मूल आधार हैं; ये जलवायु, मृदा, जल, वायु और जैव विविधता को संतुलित रखते हैं। भारत में विविध स्थलरूप, वर्षा–पैटर्न और ऊँचाई के कारण वनस्पति की बहुलता मिलती है। इस अध्याय में वनों के प्रकार, महत्व, ह्रास के कारण, संरक्षण नीतियाँ, सामुदायिक पहल और सतत विकास की दिशा पर विचार किया गया है।
🟡 वनों का महत्व
🔹 वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं; वे वैश्विक उष्मन को कम करने में सहायक होते हैं।
🔹 वृक्ष छाया, वाष्पोत्सर्जन और हवाओं के प्रवाह से सूक्ष्म जलवायु को नियंत्रित करते हैं।
🔹 वन छत्र से वर्षा–बूंदों का प्रहार घटता है, मृदा–अपरदन रुकता है, नमी संरक्षित रहती है और भू–जल का पुनर्भरण होता है।
🔹 नदियों का प्रवाह नियमित होता है; बाढ़ और सूखा—दोनों जोखिम घटते हैं।
🔹 वन लकड़ी, ईंधन, रेशा, गोंद, रेज़िन, फल, कंद, औषधीय पौधे और शहद जैसे लघु वनोपज देते हैं।
🔹 वे पशुपालन, कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प तथा वन–आधारित आजीविका को सहारा देते हैं।
🔴 भारत में वनों के प्रमुख प्रकार
🔵 उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन — आर्द्र, गर्म क्षेत्रों (पश्चिमी घाट, अंडमान–निकोबार, पूर्वोत्तर) में; बहुस्तरीय छत्र, सदावर्ती पत्तियाँ, ऊँचे वृक्ष।
🟡 उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन — मानसूनी क्षेत्रों में; शुष्क ऋतु में पत्तियाँ झड़ जाती हैं; सागौन, साल, शीशम प्रमुख।
🔴 कांटेदार व झाड़ीदार वन — शुष्क दक्कन, राजस्थान, गुजरात; छोटे पत्ते, कठोर काँटे, गहरी जड़ें; खेजड़ी, बाबूल आदि।
🟢 पर्वतीय वन — हिमालयी पट्टी; ऊँचाई के साथ प्रजाति–विविधता; चीड़, देवदार, फर, ऊपरी भाग में बौनी वनस्पति।
🟣 तटीय व दलदली (मैंग्रोव) वन — नदी–मुख व तटीय डेल्टा (सुंदरबन, गोदावरी, कृष्णा); नमक–सहिष्णु प्रजातियाँ, मछली–प्रजनन के पोषक स्थल।
🟣 जैव विविधता और वन्य जीव
🌿 भारतीय उपमहाद्वीप में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, हाथी, गैंडा, भालू, जंगली कुत्ता, चिंकारा, नीलगाय, मगर, घड़ियाल, नदी डॉल्फ़िन, मोर, सारस, हॉर्नबिल सहित असंख्य प्रजातियाँ मिलती हैं।
🔹 वन्य जीव खाद्य श्रृंखला/खाद्य जाल को स्थिर करते हैं; परागण, बीज–प्रसार, शव–भक्षण, पोषक–चक्र को गति देते हैं।
🔹 जैव विविधता पारिस्थितिक प्रत्यास्थता बढ़ाती है, जिससे आपदा के बाद तंत्र शीघ्र उबरता है।
🟠 वनों व वन्य जीवों पर प्रमुख खतरे
🔸 ऐतिहासिक—औपनिवेशिक काल में लकड़ी–उत्खनन, रेल–स्लीपर, खनन, वृक्षारोपण मोनो–संस्कृति, राजस्व–नीतियाँ।
🔸 स्वतंत्रता–उत्तर—कृषि विस्तार, सिंचाई, नहरें, बाँध, सड़क–रेल, उद्योग, शहरीकरण, बस्तियाँ।
🔸 स्थानीय—झूम खेती के अनियंत्रित चरण, अतिचराई, वन–आग, अवैध कटान, खनिज उत्खनन; आवास खंडन।
🔸 वैश्विक—जलवायु परिवर्तन से तापमान–वृद्धि, अनियमित वर्षा, आंधी–सूखे की आवृत्ति; पुनर्जनन दर प्रभावित।
🔸 अवैध शिकार व तस्करी—बाघ, गैंडा, हाथी आदि पर दबाव, मानव–वन्य जीव संघर्ष में वृद्धि।
🟩 सामाजिक–आर्थिक संदर्भ
🔹 वन–उत्पादों पर निर्भर समुदाय ईंधन, चारा, पत्ती, गोंद, तेंदूपत्ता, औषधीय पौधों से आय अर्जित करते हैं; पर बाजार–दबाव व बिचौलियों का शोषण असुरक्षा बढ़ाता है।
🔹 भूमि–अधिकार अस्पष्ट होने से संघर्ष, विस्थापन और अनिश्चितता; समावेशी नीतियों की आवश्यकता।
🟤 संरक्षण का विधिक–नीतिक ढाँचा
🟠 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 — राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, संरक्षण–आरक्षित क्षेत्रों तथा अनुसूचियों की व्यवस्था; दंडात्मक प्रावधान।
🟠 राष्ट्रीय वन नीति 1988 — पर्यावरणीय स्थिरता, स्थानीय आवश्यकताएँ, जन–भागीदारी; देश में वृक्षावरण 33% के लक्ष्य पर जोर।
🟠 परियोजनाएँ — प्रोजेक्ट टाइगर 1973, प्रोजेक्ट एलीफेंट, मगर व घड़ियाल संरक्षण।
🟠 संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) — ग्राम–समितियाँ संरक्षण, रोपण, चराई–नियमन, आग–रोकथाम में साझेदार; लाभ–साझेदारी से सहभागिता बढ़ी।
🟠 सामाजिक वनीकरण — राजमार्ग/नहर किनारे, ग्राम–भूमि, विद्यालय–परिसर में रोपण; ईंधन–लकड़ी का वैकल्पिक स्रोत।
🟫 सामुदायिक पहल व आंदोलन
🔹 चिपको आंदोलन — उत्तराखंड में पेड़ों की रक्षा हेतु महिलाओं–समुदाय की सक्रिय भागीदारी।
🔹 बीश्नोई समुदाय — जीव/पेड़–संरक्षण की परंपरा; नैतिक–धार्मिक आग्रह।
🔹 पूर्वोत्तर के सामुदायिक वन, पश्चिमी घाट के ग्राम–समूह—स्थानीय ज्ञान व स्त्री–भागीदारी के सशक्त उदाहरण।
🟦 वन, जल और आपदा–जोखिम न्यूनीकरण
🔹 वन–आवरण वर्षा–बूँदों की ऊर्जा घटाकर अवसादन कम करता है; पत्तियों/गिरे कूड़े की परत स्पंज की भाँति पानी सोखती है; धीरे–धीरे जल भू–भंडार में उतरता है; नदियाँ शुष्क ऋतु में भी प्रवाही रहती हैं।
🔹 कटाई से बाढ़–शिखर बढ़ता, भूस्खलन, गाद–जमाव, बाँध–क्षमता क्षीण; नहर–सफाई लागत बढ़ती है।
🟪 जलवायु–संवेदी प्रबंधन
🔹 वन कार्बन–सिंक हैं; संरक्षण–विस्तारण से अवशोषण बढ़ता है।
🔹 नगरीय वानिकी, हरित पट्टियाँ, छत–उद्यान सूक्ष्म जलवायु सुधारते हैं।
🔹 दूरसंवेदी और भू-स्थानिक सूचना तंत्र आधारित मानचित्रण, वन–अपराध निगरानी, प्राकृतिक पुनर्जनन, मिश्रित–रोपण, वन्य गलियारा जोड़—यह सब अनुकूलन की रणनीति है।
🟧 शिक्षा, जन–जागरूकता और उत्तरदायी उपभोग
🔹 विद्यालय–ईको क्लब, प्रकृति–शिविर, स्थानीय भाषा में गाइड–पुस्तिकाएँ, मीडिया–अभियान नागरिक भागीदारी बढ़ाते हैं।
🔹 कागज–बचत, पुनर्चक्रण, प्रमाणित लकड़ी, वैकल्पिक ईंधन, स्थानीय प्रजाति–रोपण—दबाव घटाते हैं।
🟩 निष्कर्ष
🌿 वन एवं वन्य जीव संसाधन जीवन–समर्थन तंत्र के स्तंभ हैं। मजबूत विधिक ढाँचा, सामुदायिक साझेदारी, वैज्ञानिक प्रबंधन और जलवायु–संवेदी रणनीतियों से ही सतत विकास संभव है; तभी जैव विविधता, जल–सुरक्षा, आजीविका और सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहेगी।
📝 सारांश (~200 शब्द)
🔵 वन एवं वन्य जीव संसाधन पारिस्थितिकी–स्थिरता, जल–चक्र, मृदा–संरक्षण, जलवायु–नियमन और आजीविका–सुरक्षा के आधार हैं। भारत के बहुरूपीय स्थलरूप, वर्षा और ऊँचाई ने वनों की विविधता रची—उष्णकटिबंधीय सदाबहार, पर्णपाती, कांटेदार, पर्वतीय तथा मैंग्रोव प्रमुख प्रकार हैं। वन कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, तापमान नियंत्रित करते हैं, अपरदन रोकते हैं और भू–जल का पुनर्भरण करते हैं। वे लकड़ी, ईंधन, रेशा, औषधीय पौधों तथा लघु वनोपज से ग्रामीण–आदिवासी आजीविका का सहारा हैं। वन्य जीव खाद्य श्रृंखला/जाल को स्थिर रखते, परागण–बीज–प्रसार और पोषक–चक्र को गतिशील बनाते हैं; अतः जैव विविधता तंत्र की प्रत्यास्थता बढ़ाती है। खतरे—कटाई, शहरीकरण, खनन, आग, अतिचराई, अवैध शिकार और जलवायु–परिवर्तन—आवास–खंडन व पुनर्जनन–ह्रास लाते हैं। संरक्षण की धुरी—वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, राष्ट्रीय वन नीति 1988, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिज़र्व, प्रोजेक्ट टाइगर 1973, संयुक्त वन प्रबंधन और सामाजिक वनीकरण—है। चिपको व बीश्नोई जैसी सामुदायिक पहलें प्रेरक हैं। पर्यावरण–आधारित उद्यम, वन–आधारित पर्यटन और पारिस्थितिकी सेवाएँ स्थानीय आय व संरक्षण को साथ–साथ बढ़ाती हैं।
⚡ त्वरित पुनरावृत्ति (~100 शब्द)
🔹 महत्व — जलवायु–संतुलन, मृदा–संरक्षण, जल–पुनर्भरण, जैव विविधता, आजीविका।
🔹 प्रकार — सदाबहार, पर्णपाती, कांटेदार, पर्वतीय, मैंग्रोव।
🔹 वन्य जीव — बाघ, शेर, हाथी, गैंडा, हिम तेंदुआ, घड़ियाल, हॉर्नबिल—खाद्य जाल स्थिर।
🔹 खतरे — कटाई, शहरीकरण, खनन, आग, अतिचराई, अवैध शिकार, जलवायु–परिवर्तन।
🔹 संरक्षण — वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिज़र्व, प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट, संयुक्त वन प्रबंधन, सामाजिक वनीकरण।
🔹 समुदाय — चिपको, बीश्नोई, ग्राम–समिति भागीदारी।
🔹 रणनीति — परितंत्र–आधारित प्रबंधन, वन्य गलियारे, मिश्रित रोपण, भू-स्थानिक सूचना तंत्र मानचित्रण, नागरिक–विज्ञान, शिक्षा।
🔹 निष्कर्ष — सतत विकास हेतु वन–संरक्षण अपरिहार्य; उत्तरदायी उपभोग, पुनर्चक्रण, प्रमाणित लकड़ी, पर्यावरण–पर्यटन से दबाव घटे। जागरूक नागरिकता।
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
🟡 प्रश्न 1 — बहुविकल्पीय प्रश्न
🟠 प्रश्न: इनमें से कौन-सा संरक्षण तरीक़ा समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं कराता?
🔵 1. संयुक्त वन प्रबंधन
🟢 2. बीज बचाओ आंदोलन
🟡 3. चिपको आंदोलन
🔴 4. वन्य जीव अभयारण्य का परिमार्जन
🟣 उत्तर: 4 — वन्य जीव अभयारण्य का परिमार्जन सीधे समुदायों की भागीदारी नहीं कराता।
🟡 प्रश्न 2 — निम्नलिखित का मेल करें
🟠 प्रश्न: आरक्षित वन, संरक्षित वन और अनवर्गीकृत वन का सही मेल कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔹 आरक्षित वन → वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन।
🔹 संरक्षित वन → सरकार, व्यक्तियों के निजी और सामुदायिक अधीन अन्य वन व बंजर भूमि।
🔹 अनवर्गीकृत वन → वह वन भूमि जो और अधिक संरक्षण से वंचित रहती है।
🟡 प्रश्न 3 — लगभग 30 शब्दों में उत्तर दें
🟠 प्रश्न (i): जैव विविधता क्या है? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
🟢 उत्तर: जैव विविधता वनस्पतियों, जीवों और सूक्ष्मजीवों की कुल विविधता है। यह खाद्य–श्रृंखला, पारिस्थितिकी संतुलन, परागण, औषधीय स्रोत, और जलवायु नियंत्रण के लिए आवश्यक है।
🟠 प्रश्न (ii): वैज्ञानिक दृष्टि से बताइए कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतियों और प्राणिजगत के ह्रास के कारण हैं?
🟢 उत्तर: वनों की कटाई, शहरीकरण, खनन, उद्योग, कृषि विस्तार, प्रदूषण और अवैध शिकार मानव क्रियाएँ हैं, जो आवास नष्ट कर जैव विविधता घटाती हैं।
🟡 प्रश्न 4 — लगभग 120 शब्दों में उत्तर दें
🟠 प्रश्न (i): भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संसाधन के संरक्षण में योगदान दिया है?
🟢 उत्तर: उत्तराखंड के ग्रामीणों और महिलाओं ने चिपको आंदोलन के माध्यम से पेड़ों को कटने से बचाया। राजस्थान का बीश्नोई समुदाय हिरणों और पेड़ों की रक्षा के लिए प्रसिद्ध है। पूर्वोत्तर के नागालैंड, मणिपुर और मेघालय राज्यों में सामुदायिक वन प्रबंधन की परंपरा है। ओडिशा व आंध्र प्रदेश के गाँवों ने सामूहिक वृक्षारोपण, चराई नियंत्रण और आग रोकने से स्थानीय जंगलों को पुनर्जीवित किया। इन पहलों ने वन आवरण और वन्य जीव संरक्षण को मजबूत किया तथा स्थानीय आजीविका को सुरक्षित रखा।
🟠 प्रश्न (ii): वन और वन्य जीव संरक्षण में सहकारी नीति–विधानों पर एक टिप्पणी लिखिए।
🟢 उत्तर: वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और बायोस्फीयर रिज़र्व बनाए गए। राष्ट्रीय वन नीति 1988 ने पारिस्थितिकी स्थिरता और जन भागीदारी पर बल दिया। संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को चराई नियंत्रण, वृक्षारोपण और आग रोकने में भागीदार बनाया। प्रोजेक्ट टाइगर 1973 व प्रोजेक्ट एलीफेंट ने प्रमुख प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। इन नीतियों ने सतत विकास, पारिस्थितिकी संतुलन और सामूहिक जिम्मेदारी को बढ़ावा दिया।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
🟡 अनुभाग A — बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक प्रत्येक)
🟠 प्रश्न 1: भारत में वन क्षेत्र का न्यूनतम कितना प्रतिशत लक्ष्य रखा गया है?
🔵 1. 25%
🟢 2. 33%
🟡 3. 20%
🔴 4. 40%
🟣 उत्तर: 2 — 33%
🟠 प्रश्न 2: चिपको आंदोलन किस राज्य से संबंधित है?
🔵 1. राजस्थान
🟢 2. उत्तराखंड
🟡 3. नागालैंड
🔴 4. ओडिशा
🟣 उत्तर: 2 — उत्तराखंड
🟠 प्रश्न 3: बीश्नोई समुदाय मुख्यतः किसके संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है?
🔵 1. हाथी और बाघ
🟢 2. हिरण और खेजड़ी के पेड़
🟡 3. घड़ियाल और मगरमच्छ
🔴 4. मोर और सारस
🟣 उत्तर: 2 — हिरण और खेजड़ी
🟠 प्रश्न 4: प्रोजेक्ट टाइगर कब शुरू किया गया?
🔵 1. 1988
🟢 2. 1973
🟡 3. 1992
🔴 4. 1966
🟣 उत्तर: 2 — 1973
🟠 प्रश्न 5: वन्य जीव संरक्षण अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ?
🔵 1. 1980
🟢 2. 1972
🟡 3. 1990
🔴 4. 1960
🟣 उत्तर: 2 — 1972
🟠 प्रश्न 6: भारत का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन कहाँ है?
🔵 1. गोदावरी डेल्टा
🟢 2. सुंदरबन
🟡 3. कृष्णा डेल्टा
🔴 4. अंडमान द्वीप
🟣 उत्तर: 2 — सुंदरबन
🟠 प्रश्न 7: संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम कब शुरू हुआ?
🔵 1. 1992
🟢 2. 1988
🟡 3. 1975
🔴 4. 2000
🟣 उत्तर: 1 — 1992
🟠 प्रश्न 8: वन्य जीवों के संरक्षण का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
🔵 1. औद्योगिक कच्चा माल
🟢 2. पारिस्थितिकी संतुलन
🟡 3. शहरीकरण
🔴 4. पर्यटन
🟣 उत्तर: 2 — पारिस्थितिकी संतुलन
🟠 प्रश्न 9: कौन-सा वन मुख्यतः शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है?
🔵 1. सदाबहार वन
🟢 2. पर्णपाती वन
🟡 3. कांटेदार व झाड़ीदार वन
🔴 4. पर्वतीय वन
🟣 उत्तर: 3 — कांटेदार व झाड़ीदार वन
🟠 प्रश्न 10: बीज बचाओ आंदोलन किससे संबंधित है?
🔵 1. जैविक खेती और परंपरागत बीजों का संरक्षण
🟢 2. वन्य जीव संरक्षण
🟡 3. जल संरक्षण
🔴 4. सामाजिक वनीकरण
🟣 उत्तर: 1 — जैविक खेती और परंपरागत बीजों का संरक्षण
🟠 प्रश्न 11: राष्ट्रीय वन नीति कब घोषित की गई?
🔵 1. 1952
🟢 2. 1988
🟡 3. 1972
🔴 4. 1996
🟣 उत्तर: 2 — 1988
🟠 प्रश्न 12: कौन-सा राज्य बाघ रिज़र्व के लिए प्रसिद्ध है?
🔵 1. मध्य प्रदेश
🟢 2. हरियाणा
🟡 3. पंजाब
🔴 4. गुजरात
🟣 उत्तर: 1 — मध्य प्रदेश
🟠 प्रश्न 13: जैव विविधता का अर्थ क्या है?
🔵 1. केवल पौधों की विविधता
🟢 2. केवल पशु प्रजातियों की विविधता
🟡 3. सभी जीवों व सूक्ष्मजीवों की कुल विविधता
🔴 4. केवल समुद्री जीवन की विविधता
🟣 उत्तर: 3 — सभी जीवों व सूक्ष्मजीवों की कुल विविधता
🟠 प्रश्न 14: किस आंदोलन ने पेड़ काटने से रोकने के लिए पेड़ों को गले लगाने का प्रतीकात्मक तरीका अपनाया?
🔵 1. बीज बचाओ आंदोलन
🟢 2. नर्मदा बचाओ आंदोलन
🟡 3. चिपको आंदोलन
🔴 4. अप्पिको आंदोलन
🟣 उत्तर: 3 — चिपको आंदोलन
🟠 प्रश्न 15: किसे जैव विविधता हॉटस्पॉट कहा जाता है?
🔵 1. पश्चिमी घाट
🟢 2. सुंदरबन
🟡 3. राजस्थान
🔴 4. दिल्ली
🟣 उत्तर: 1 — पश्चिमी घाट
🟠 प्रश्न 16: कौन-सी प्रजाति भारत का राष्ट्रीय पशु है?
🔵 1. एशियाई शेर
🟢 2. बंगाल टाइगर
🟡 3. हिम तेंदुआ
🔴 4. हाथी
🟣 उत्तर: 2 — बंगाल टाइगर
🟠 प्रश्न 17: मैंग्रोव वनों का मुख्य कार्य क्या है?
🔵 1. मृदा अपरदन बढ़ाना
🟢 2. तटीय कटाव रोकना व जलीय जीवन को सहारा देना
🟡 3. सूखा बढ़ाना
🔴 4. वर्षा घटाना
🟣 उत्तर: 2 — तटीय कटाव रोकना व जलीय जीवन को सहारा देना
🟠 प्रश्न 18: कौन-सा अधिनियम वन्य जीव संरक्षण के लिए बना?
🔵 1. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986
🟢 2. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972
🟡 3. जल अधिनियम 1974
🔴 4. वायु अधिनियम 1981
🟣 उत्तर: 2 — वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972
🟡 अनुभाग B — लघु उत्तर (2–3 अंक)
🟠 प्रश्न 19: जैव विविधता का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
🟢 उत्तर:
🔹 यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखती है।
🔹 औषधीय पौधे, खाद्य व औद्योगिक कच्चा माल उपलब्ध कराती है।
🔹 प्राकृतिक आपदाओं से पारिस्थितिक तंत्र की पुनर्प्राप्ति क्षमता बढ़ती है।
🟠 प्रश्न 20: प्रोजेक्ट टाइगर का उद्देश्य बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 बाघों की घटती संख्या को बढ़ाना।
🔹 उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित करना।
🔹 पारिस्थितिक तंत्र को स्थिर रखना।
🟠 प्रश्न 21: चिपको आंदोलन से क्या संदेश मिलता है?
🟢 उत्तर:
🔹 पेड़ों की रक्षा के लिए सामुदायिक एकजुटता।
🔹 पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका।
🔹 सतत विकास हेतु स्थानीय पहल का महत्व।
🟠 प्रश्न 22: बीश्नोई समुदाय का पर्यावरण संरक्षण में योगदान लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 हिरणों व खेजड़ी वृक्षों की रक्षा।
🔹 वन्य जीव व वनस्पति को धार्मिक आस्था से जोड़ा।
🔹 पर्यावरणीय नैतिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया।
🟠 प्रश्न 23: मैंग्रोव वनों का एक प्रमुख कार्य बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 तटीय कटाव रोकना और जलीय जीवन को सहारा देना।
🟣 अनुभाग C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
🟠 प्रश्न 24: वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के दो महत्त्वपूर्ण प्रावधान लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिज़र्व की स्थापना।
🔹 अवैध शिकार व तस्करी पर दंडात्मक प्रावधान।
🟠 प्रश्न 25: संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम के दो लाभ बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 स्थानीय समुदाय की भागीदारी से वन सुरक्षा बढ़ी।
🔹 चराई नियंत्रण, वृक्षारोपण व आग रोकथाम में सुधार हुआ।
🟠 प्रश्न 26: राष्ट्रीय वन नीति 1988 के प्रमुख लक्ष्य क्या थे?
🟢 उत्तर:
🔹 न्यूनतम 33% क्षेत्र में वन आवरण बनाए रखना।
🔹 पर्यावरणीय स्थिरता और जन भागीदारी को बढ़ावा।
🔹 वनों से स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति।
🟠 प्रश्न 27: भारत के दो प्रमुख बायोस्फीयर रिज़र्व और उनकी विशेषताएँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 सुंदरबन – बंगाल टाइगर व मैंग्रोव पारितंत्र।
🔹 नीलगिरि – समृद्ध वनस्पति व विविध वन्य जीव।
🟠 प्रश्न 28: पेड़ों की कटाई के दो हानिकारक प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
🔹 मृदा अपरदन व बाढ़ का खतरा बढ़ना।
🔹 जैव विविधता ह्रास और जलवायु परिवर्तन।
🔶 अनुभाग D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
🟠 प्रश्न 29: वनों के महत्व पर पाँच बिंदु लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔹 कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषण व जलवायु नियंत्रण।
🔹 मृदा संरक्षण व जल पुनर्भरण।
🔹 आजीविका व लघु वनोपज का स्रोत।
🔹 जैव विविधता और वन्य जीवों का आवास।
🔹 बाढ़ व सूखा जोखिम कम करना।
🟠 प्रश्न 30: भारत में वन्य जीव संरक्षण हेतु चलाए गए तीन प्रमुख कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
🟢 उत्तर:
🔹 प्रोजेक्ट टाइगर (1973) – बाघ संरक्षण।
🔹 प्रोजेक्ट एलीफेंट – हाथियों की सुरक्षा।
🔹 मगर व घड़ियाल संरक्षण – जलीय सरीसृपों की रक्षा।
🟠 प्रश्न 31: स्थानीय समुदायों की भागीदारी से वन संरक्षण के तीन उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर:
🔹 चिपको आंदोलन – पेड़ों को गले लगाकर कटाई रोकी।
🔹 बीज बचाओ आंदोलन – परंपरागत बीज संरक्षित।
🔹 ओडिशा–आंध्र गाँवों ने सामुदायिक वृक्षारोपण किया।
🟠 अनुभाग E — केस/स्रोत आधारित प्रश्न (5 अंक)
🟠 प्रश्न 32 (स्थितिजन्य): मान लीजिए किसी क्षेत्र के वन तेजी से कट रहे हैं और वन्य जीवों का आवास नष्ट हो रहा है। आप संरक्षण के लिए कौन-से तीन उपाय सुझाएँगे?
🟢 उत्तर:
🔹 सामुदायिक वनीकरण और वृक्षारोपण।
🔹 आरक्षित वन और अभयारण्य का निर्माण।
🔹 अवैध शिकार रोकने के लिए सख्त कानून और जनजागरूकता।
🟠 प्रश्न 33 (स्रोताधारित): स्रोत के अनुसार, मैंग्रोव वनों में मछली पालन बढ़ने से तटीय लोगों को लाभ हुआ। इससे क्या निष्कर्ष निकलता है?
🟢 उत्तर:
🔹 वन संरक्षण और आजीविका विकास परस्पर जुड़े हैं।
🔹 सतत उपयोग से पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ दोनों संभव हैं।
🔹 स्थानीय समुदाय संरक्षण में सहयोगी बन सकते हैं।
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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति
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स्मृति संकेत
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भ्रांति /वास्तविकता
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मजा भी , ज्ञान भी
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मस्तिष्क मानचित्र
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