Class 10, Social Science (Hindi)

Class 10 : Social Science (In Hindi) – Lesson 3. भूमंडलीकृत विश्व का बनना

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन

🔴 विस्तृत व्याख्या

🟣 प्रस्तावना
🌾 “भूमंडलीकृत विश्व” का अर्थ है—दूर-दराज़ समाजों, अर्थव्यवस्थाओं और संस्कृतियों का ऐसा जुड़ाव, जिससे वस्तुओं, मनुष्यों, पूँजी, विचारों और प्रौद्योगिकी का प्रवाह तेज़ हो।
🧭 यह प्रक्रिया एक झटके से नहीं बनी; प्राचीन व्यापार-पथों से लेकर औद्योगिकीकरण, उपनिवेशवाद, परिवहन-क्रांति, विश्व-युद्धों, महामंदी और उत्तरकालीन आर्थिक नीतियों तक, अनेक चरणों में इसके रूप बदलते रहे।

🔵 प्रारम्भिक वैश्विक संपर्क: मार्ग, माल और संस्कृतियाँ
🟢 रेशम-पथ और मसाला-पथ: एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बीच रेशम, मसाले, चीनी मिट्टी, स्वर्ण–रजत आदि का व्यापार; भारतीय–अरबी–चीनी व्यापारियों की प्रमुख भूमिका।
🟡 सांस्कृतिक आदान–प्रदान: भोजन, वस्त्र, संगीत, कला–शिल्प और वैज्ञानिक ज्ञान का फैलाव; नए स्वाद और तकनीकें समाजों में प्रचलित।
🔴 नई फ़सलों का प्रसार: मक्का, आलू, टमाटर आदि का अलग-अलग महाद्वीपों में पहुँचना; भोजन–अभिरुचि और जनस्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव।

🟣 समुद्री यात्राएँ, उपनिवेश और अटलांटिक पार आदान–प्रदान
🌾 समुद्री मार्गों की खोज से यूरोपीय प्रभाव बढ़ा; उपनिवेश स्थापित हुए; व्यापारिक कंपनियों ने एशिया–अफ्रीका–अमेरिका को नए नेटवर्क में जोड़ा।
🧪 अटलांटिक पार आदान–प्रदान: पौध, पशु, धातु और रोगों का व्यापक आवागमन; वृक्षारोपण कृषि, चीनी–तंबाकू जैसी नक़दी फ़सलों का विस्तार; दास-श्रम की त्रासदी से मानवीय–नैतिक प्रश्न तीव्र।

🔵 उन्नीसवीं शताब्दी: औद्योगिकीकरण और विश्व-बाज़ार का संजाल
🟢 औद्योगिक उत्पादन: कपास-वस्त्र, लोहे–इस्पात, मशीनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन; कच्चे माल और बाज़ार की वैश्विक तलाश।
🟡 परिवहन–संचार क्रांति: भापपोत, रेलमार्ग, टेलीग्राफ, सूएज़ नहर (1869) से समय–लागत घटी; महाद्वीपीय दूरियाँ सिमटीं।
🔴 जन-प्रवास: मज़दूरी, गिरमिट और व्यापारिक अवसरों के कारण लाखों लोगों का एशिया–अफ्रीका–अमेरिका की ओर आवागमन; प्रवासी समुदायों से संस्कृतियों का मिश्रण।
🟣 वाणिज्य–नीतियाँ: कई शक्तियों ने मुक्त-वाणिज्य का आग्रह किया, पर उपनिवेशों में एकाधिकार, कर–नीतियाँ और बलपूर्वक वाणिज्य भी लागू रहे।

🔵 भारत और विश्व अर्थव्यवस्था
🟢 औपनिवेशिक ढाँचा: कच्चे माल की आपूर्ति और निर्मित वस्तुओं का बाज़ार—इस दोहरी भूमिका में भारत की अर्थव्यवस्था को ढाला गया।
🟡 नक़दी फ़सलें: नील, जूट, कपास, चाय, कॉफ़ी जैसी फ़सलों का विस्तार; खाद्यान्न–क्षेत्र पर दबाव और ग्रामीण जीवन पर मिश्रित प्रभाव।
🔴 मुद्रा–वित्त: धातु–मुद्रा व्यवस्था, विदेशी प्रेषण और वैश्विक मूल्यों के उतार–चढ़ाव से कृषि–व्यापार प्रभावित; कर–प्रणाली और मूल्य–संकट का ग्रामीण परिवारों पर असर।
🟣 उद्योग–सेवा: एक ओर देसी शिल्पों पर दबाव, दूसरी ओर नए उद्योग–बंदरगाह–रेलमार्ग से शहरी केंद्र उभरे; औद्योगिक श्रमिक और मध्यमवर्ग का विस्तार।

🔵 प्रथम विश्व–युद्ध: बाधाएँ और अवसर
🟢 जहाज़रानी–आपूर्ति बाधित; वस्तुओं की कमी, मूल्य–उछाल और युद्ध–आधारित खरीद बढ़ी।
🟡 स्वदेशी उत्पादन को बढ़त: आयात-अवरोध से देशी मिलों, इस्पात–कारखानों और सहायक उद्योगों में विस्तार; श्रम–संगठन और शहरी रोज़गार में वृद्धि।
🔴 सामाजिक–आर्थिक दबाव: राशनिंग, कर–भार, परिवारों पर निर्वाह–संकट; पर साथ ही तकनीकी कौशल और प्रबंधकीय अनुभव भी बढ़ा।

🔵 महामंदी (1929): विश्व–बाज़ार का ध्वंस और भारतीय गाँव
🟢 अंतरराष्ट्रीय कीमतें ध्वस्त: जूट–कपास–चाय जैसी निर्यात–निर्भर वस्तुओं पर भारी मार; किसानों–मज़दूरों की आय गिरी।
🟡 कर्ज–जाल और कर–दबाव: उत्पाद–मूल्य घटे, पर कई स्थानों पर राजस्व–दबाव बना रहा; ग्रामीण कर्जदारी–बदहाली बढ़ी।
🔴 जीवन–रणनीतियाँ: वैकल्पिक रोज़गार, प्रवास, सामुदायिक सहकार—लोगों ने नए सहारे खोजे; सामाजिक असंतोष भी उभरा।

🔵 द्वितीय विश्व–युद्ध और युद्धोत्तर पुनर्गठन
🟢 युद्ध–उत्पादन: औद्योगिक ऑर्डर बढ़े; कई क्षेत्रों में रोज़गार–विस्तार और तकनीकी उन्नयन।
🟡 युद्धोत्तर चुनौतियाँ: आपूर्ति–पुनर्संगठन, बुनियादी ढाँचा–मरम्मत, खाद्य–संकट; अंतरराष्ट्रीय वित्त–व्यवस्था के नए ढाँचे बने।
🔴 नीति–परिवर्तन: मुद्रा–विनिमय, व्यापार–समझौते, संरक्षण–उदारीकरण के बीच संतुलन खोजते राष्ट्र; विकासशील समाजों में आत्मनिर्भरता की योजना–दृष्टि उभरी।

🟣 आज़ादी के बाद की दिशा और उत्तरकालीन वैश्वीकरण
🌾 नियोजित विकास: बुनियादी ढाँचा, सार्वजनिक उपक्रम, आयात–प्रतिस्थापन पर बल; कृषि–हरित उभार से खाद्य–सुरक्षा पर असर।
🧭 उत्तरकालीन प्रवाह: प्रौद्योगिकी, संचार, सेवा–उत्थान, बहुराष्ट्रीय कंपनी, पूँजी–आवागमन; पर साथ में असमानता, पर्यावरण–दबाव और सांस्कृतिक–संतुलन की चुनौतियाँ।
💡 समकालीन समझ: भूमंडलीकरण के लाभ–हानि दोनों; अवसरों के साथ सामाजिक–आर्थिक सुरक्षा, श्रम–अधिकार और पर्यावरण–संरक्षण की नीतियाँ आवश्यक।

🟢 मानव–जीवन, भोजन और संस्कृति में परिवर्तन
🟡 नई फ़सलें और भोजन–प्रणालियाँ: आलू–मक्का जैसे खाद्य–पदार्थों ने जन–स्वास्थ्य और भोजन–विविधता को बदला; शहरीकरण से खान–पान और वस्त्र–रुचियों में नए संयोजन।
🔴 प्रवास–संस्कृति: प्रवासी समुदायों ने भाषा–संगीत–उत्सव–खानपान का मेल कराया; मिश्रित पहचानें और बहुसांस्कृतिक नगर विकसित हुए।
🟣 मीडिया–संचार: मुद्रण–टेलीग्राफ–रेडियो से विचार–संचार तेज़; राजनीतिक–सामाजिक चेतना का प्रसार।

🟠 संतुलित निष्कर्ष
🌾 भूमंडलीकरण एक बहुस्तरीय ऐतिहासिक प्रक्रिया है—कभी वाणिज्य–समृद्धि, तकनीकी उन्नति और सांस्कृतिक मेल; तो कभी उपनिवेश–वर्चस्व, मूल्य–संकट, विस्थापन और असमानता।
🧭 समझदारी इसी में है कि नीतियाँ ऐसी हों जो अवसरों का लाभ व्यापक समाज तक पहुँचाएँ—श्रम–अधिकार, सामाजिक–सुरक्षा, पर्यावरण–संरक्षण और आत्मनिर्भर उत्पादन–क्षमता के साथ।

📝 सारांश
🟢 प्राचीन व्यापार–पथों से आरम्भ होकर समुद्री यात्राओं, उपनिवेशवाद और औद्योगिकीकरण ने विश्व–अर्थव्यवस्था को बाँधा।
🟡 उन्नीसवीं शताब्दी में भापपोत, रेलमार्ग, टेलीग्राफ और सूएज़ नहर से दूरी–लागत घटी; जन–प्रवास और नक़दी–फसलों का विस्तार हुआ।
🔴 उपनिवेशित समाजों में कच्चे माल की आपूर्ति और बाज़ार–निर्भरता बढ़ी; कीमत–उतार–चढ़ाव, कर–दबाव और शिल्प–संकट दिखे।
🟣 प्रथम विश्व–युद्ध से आपूर्ति बाधित हुई, पर देसी उद्योगों को अवसर भी मिले।
🟠 महामंदी ने निर्यात–आश्रित क्षेत्रों को गहरी चोट दी; भारतीय गाँवों में आय–संकुचन और कर्ज–दबाव बढ़ा।
💡 द्वितीय विश्व–युद्ध और बाद के पुनर्गठन में नई वित्त–व्यवस्थाएँ बनीं; आज़ादी के बाद नियोजित विकास और फिर उत्तरकाल में नई प्रौद्योगिकी–सेवा–तरंग आई—पर न्यायसंगत नीतिगत संतुलन अनिवार्य रहा।

⚡ त्वरित पुनरावृत्ति
🔹 अर्थ: दूरस्थ समाज–अर्थव्यवस्थाओं का बहुआयामी जुड़ाव।
🔹 प्रेरक: समुद्री मार्ग, औद्योगिकीकरण, परिवहन–संचार, उपनिवेश–वाणिज्य।
🔹 भारत: नक़दी फ़सलें, कच्चा माल–बाज़ार भूमिका, उद्योग–विस्तार व ग्रामीण दबाव।
🔹 संकट: युद्ध–अवरोध, महामंदी, मूल्य–संकट, असमानता।
🔹 दिशा: समावेशी नीतियाँ, श्रम–अधिकार, सामाजिक–सुरक्षा, पर्यावरण–संरक्षण।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


🟠 प्रश्न 1
🧭 सप्तवीं सदी से पहले होने वाले आदान–प्रदान के दो उदाहरण दीजिए—एक एशिया से और एक अमेरिका महाद्वीप से।
🟢 उत्तर:
🔵 एशिया: रेशम–पथ द्वारा चीन का रेशम मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप तक पहुँचा; इसके साथ बौद्ध धर्म, काग़ज़ बनाने की कला और बारूद जैसी तकनीकें भी फैलीं।
🟡 अमेरिका: मक्का, आलू, टमाटर जैसी फ़सलें अमेरिकी महाद्वीपों से यूरोप और एशिया तक पहुँचीं, जिससे भोजन की विविधता और जनसंख्या वृद्धि पर गहरा प्रभाव पड़ा।

🟠 प्रश्न 2:
🧭 बताइए कि पूर्व–आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरिकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद दी।
🟢 उत्तर:
🔵 यूरोपीय विजेताओं के साथ चेचक, खसरा, टाइफ़स जैसी बीमारियाँ अमेरिकी महाद्वीप पहुँचीं।
🟡 स्थानीय जनजातियों को इन रोगों की प्रतिरक्षा नहीं थी, इसलिए भारी मृत्यु हुई।
🔴 स्थानीय आबादी कमज़ोर होने से यूरोपीय उपनिवेशवादियों को भूमि और संसाधन आसानी से हथियाने में मदद मिली।
🟣 इस जनसंख्या ह्रास ने यूरोपीय प्रभुत्व को स्थापित करने और उपनिवेशों के विस्तार को तेज़ कर दिया।

🟠 प्रश्न 3:
🧭 निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें—
🔴 (क) कॉर्न लॉ समाप्त करने का ब्रिटिश फ़ैसला
🟢 उत्तर:
🔵 कॉर्न लॉ हटाने से ब्रिटेन ने अनाज के आयात पर लगे प्रतिबंध हटा दिए।
🟡 सस्ता अनाज आयात हुआ, मज़दूरों के भोजन पर ख़र्च कम हुआ, जिससे औद्योगिक उत्पादन लागत घटी।
🔴 परंतु ब्रिटिश कृषकों को विदेशी सस्ते अनाज से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी, जिससे ग्रामीण संकट बढ़ा।


🔴 (ख) अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना
🟢 उत्तर:
🔵 रिंडरपेस्ट (पशु–महामारी) से मवेशियों की व्यापक मृत्यु हुई।
🟡 अफ़्रीकी पशुपालक–कृषि समाजों की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हुई।
🔴 इससे यूरोपीय उपनिवेशवादियों के लिए भूमि और श्रम पर नियंत्रण आसान हुआ।


🔴 (ग) विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मृत्यु
🟢 उत्तर:
🔵 लाखों सैनिकों और श्रमिकों की मृत्यु से श्रमबल की भारी कमी हुई।
🟡 उत्पादन घटा, अर्थव्यवस्था अस्थिर हुई और परिवारिक संरचनाएँ प्रभावित हुईं।
🔴 इस कमी ने युद्धोत्तर पुनर्निर्माण और प्रवासी श्रमिकों पर निर्भरता बढ़ाई।


🔴 (घ) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव
🟢 उत्तर:
🔵 जूट, कपास, चाय जैसी निर्यात–आश्रित फ़सलों की कीमतें ध्वस्त हो गईं।
🟡 किसानों की आय घटी, पर राजस्व–कर का बोझ बरकरार रहा।
🔴 कर्ज़दारी, भूमि–गिरवी और ग्रामीण दरिद्रता बढ़ी; स्वदेशी उद्योगों को कुछ प्रोत्साहन भी मिला।


🔴 (ङ) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फ़ैसला
🟢 उत्तर:
🔵 कम मज़दूरी और ढीले पर्यावरण–नियमों के कारण कंपनियों ने उत्पादन एशिया में स्थानांतरित किया।
🟡 इससे एशियाई देशों में रोज़गार के अवसर बढ़े और निर्यात–आधारित उद्योग फले–फूले।
🔴 परंतु श्रमिक–अधिकार, पर्यावरण–सुरक्षा और आय असमानता की नई चुनौतियाँ भी उभरीं।

🟠 प्रश्न 4:
🧭 खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदाहरण दीजिए।
🟢 उत्तर:
🔵 भापपोत और रेलमार्ग ने उन्नीसवीं शताब्दी में दूरदराज़ क्षेत्रों से सस्ता अनाज वैश्विक बाज़ार तक पहुँचाना आसान किया, जिससे खाद्य आपूर्ति स्थिर हुई।
🟡 हरित क्रांति काल में उच्च उपज वाली किस्में (HYV बीज) और रासायनिक उर्वरक–सिंचाई तकनीक ने भारत सहित कई देशों में खाद्यान्न उत्पादन में भारी वृद्धि की।

🟠 प्रश्न 5:
🧭 ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है?
🟢 उत्तर:
🔵 1944 में ब्रेटन वुड्स (अमेरिका) में 44 देशों ने नई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का ढाँचा तैयार किया।
🟡 इसके अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (विश्व बैंक) की स्थापना हुई।
🔴 इस प्रणाली का उद्देश्य मुद्रा–विनिमय को स्थिर रखना, युद्धोत्तर पुनर्निर्माण में मदद देना और वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन देना था।
🟣 1970 के दशक तक यह व्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण रही।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न



🟡 अनुभाग A — बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक प्रत्येक)
🟠 प्रश्न 1: भूमंडलीकरण का मूल अर्थ क्या है?
🔵 1. केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान
🟢 2. सीमाओं के पार वस्तुओं, पूँजी, लोगों और विचारों का गहन जुड़ाव
🟡 3. केवल उपनिवेशवाद
🔴 4. केवल युद्ध और शांति प्रक्रियाएँ
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 2: रेशम-पथ से कौन सा क्षेत्र जुड़ा नहीं था?
🔵 1. चीन
🟢 2. भारत
🟡 3. यूरोप
🔴 4. ऑस्ट्रेलिया
🟣 उत्तर: 4


🟠 प्रश्न 3: मक्का और आलू किस महाद्वीप से अन्य हिस्सों में पहुँचे?
🔵 1. एशिया
🟢 2. अमेरिका
🟡 3. अफ्रीका
🔴 4. यूरोप
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 4: कॉर्न लॉ हटाने का प्रमुख लाभ किसे हुआ?
🔵 1. ब्रिटिश कृषक
🟢 2. ब्रिटिश औद्योगिक पूँजीपति व उपभोक्ता
🟡 3. अफ्रीकी पशुपालक
🔴 4. अमेरिकी किसान
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 5: रिंडरपेस्ट किस प्रकार की महामारी थी?
🔵 1. मानव रोग
🟢 2. मवेशियों का रोग
🟡 3. पौधों का रोग
🔴 4. मछली रोग
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 6: ब्रेटन वुड्स समझौता कब हुआ था?
🔵 1. 1919
🟢 2. 1929
🟡 3. 1944
🔴 4. 1971
🟣 उत्तर: 3


🟠 प्रश्न 7: अमेरिकी महाद्वीप से आई किस फ़सल ने यूरोप की जनसंख्या वृद्धि में मदद की?
🔵 1. गेहूँ
🟢 2. आलू
🟡 3. चाय
🔴 4. कपास
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 8: समुद्री मार्गों की खोज का एक प्रमुख परिणाम क्या था?
🔵 1. यूरोपीय देशों का एशिया–अफ्रीका में उपनिवेशीकरण
🟢 2. यूरोपीय उद्योगों का पतन
🟡 3. खाद्य–विविधता में कमी
🔴 4. व्यापार में गिरावट
🟣 उत्तर: 1


🟠 प्रश्न 9: महामंदी (1929) से भारतीय किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
🔵 1. नक़दी फ़सलों की कीमतें बढ़ीं
🟢 2. नक़दी फ़सलों की कीमतें गिरीं
🟡 3. करों में कमी
🔴 4. ग्रामीण समृद्धि
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 10: प्रथम विश्वयुद्ध से कौन-सा आर्थिक प्रभाव उत्पन्न हुआ?
🔵 1. जहाज़रानी और आपूर्ति बाधित हुई
🟢 2. वस्तुओं की प्रचुरता
🟡 3. कीमतों में गिरावट
🔴 4. श्रमबल में वृद्धि
🟣 उत्तर: 1


🟠 प्रश्न 11: भारत को उपनिवेश के रूप में किस रूप में ढाला गया था?
🔵 1. केवल औद्योगिक केंद्र
🟢 2. कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता और बाज़ार
🟡 3. शिक्षा केंद्र
🔴 4. केवल बंदरगाह क्षेत्र
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 12: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किन दो संस्थाओं का गठन हुआ?
🔵 1. संयुक्त राष्ट्र और लीग ऑफ नेशंस
🟢 2. IMF और विश्व बैंक
🟡 3. GATT और WTO
🔴 4. नाटो और यूरोपीय संघ
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 13: हरित क्रांति का वैश्विक खाद्य-सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ा?
🔵 1. उत्पादन क्षमता घटी
🟢 2. उत्पादन क्षमता बढ़ी
🟡 3. नई बीमारियाँ फैलीं
🔴 4. परिवहन रुका
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 14: बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन एशिया में क्यों स्थानांतरित किया?
🔵 1. महँगी मज़दूरी
🟢 2. कम मज़दूरी व ढीले श्रम-नियम
🟡 3. राजनीतिक स्थिरता
🔴 4. बेहतर मौसम
🟣 उत्तर: 2

🟠 प्रश्न 15: यूरोपीय उपनिवेशवाद के विस्तार में दास-व्यापार का क्या योगदान था?
🔵 1. इससे श्रमबल उपलब्ध हुआ
🟢 2. इससे उपनिवेशवाद कमज़ोर हुआ
🟡 3. इससे यूरोप की जनसंख्या घटी
🔴 4. इससे वैश्विक व्यापार रुका
🟣 उत्तर: 1

🟠 प्रश्न 16: रेशम-पथ ने केवल वस्त्र ही नहीं बल्कि क्या फैलाया?
🔵 1. रोग और पशु
🟢 2. धर्म, तकनीक और विचार
🟡 3. केवल युद्ध
🔴 4. केवल कृषि
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 17: कॉर्न लॉ का मूल उद्देश्य क्या था?
🔵 1. अनाज आयात सस्ता करना
🟢 2. घरेलू कृषकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना
🟡 3. औद्योगिक मजदूरी बढ़ाना
🔴 4. उपनिवेशी आयात बढ़ाना
🟣 उत्तर: 2


🟠 प्रश्न 18: महामंदी के समय ग्रामीण परिवारों ने किस रणनीति का सहारा लिया?
🔵 1. उत्पादन बंद करना
🟢 2. वैकल्पिक रोज़गार, प्रवास, सामुदायिक सहकार
🟡 3. विदेशी निवेश
🔴 4. उपभोक्ता खर्च बढ़ाना
🟣 उत्तर: 2

🟡 अनुभाग B — लघु उत्तर (2–3 अंक)
🟠 प्रश्न 19: भूमंडलीकरण के तीन सांस्कृतिक प्रभाव लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) भोजन व परिधान में महाद्वीपीय मिश्रण और नई रुचियों का विकास।
🟡 (2) संगीत, नृत्य व कला रूपों का वैश्विक प्रसार।
🔴 (3) प्रवासी समुदायों से बहुसांस्कृतिक नगरों का निर्माण।


🟠 प्रश्न 20: अमेरिकी महाद्वीप से आई दो फ़सलें और उनके प्रभाव बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) मक्का — एशिया-अफ्रीका में खाद्य विविधता व पशु-चारा में सुधार।
🟡 (2) आलू — यूरोप की जनसंख्या वृद्धि व अकाल-संकट कम करने में सहायक।


🟠 प्रश्न 21: ब्रेटन वुड्स व्यवस्था के दो उद्देश्य लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा-विनिमय को स्थिर रखना और व्यापार को प्रोत्साहित करना।
🟡 (2) युद्धोत्तर पुनर्निर्माण हेतु वित्तीय सहायता व विकास परियोजनाएँ देना।


🟠 प्रश्न 22: प्रथम विश्वयुद्ध ने उपनिवेशों की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया?
🟢 उत्तर:
🔵 (1) जहाज़रानी व आयात बाधित होने से स्वदेशी उद्योगों को अवसर मिला।
🟡 (2) कच्चे माल व सैनिकों की भारी माँग ने अर्थव्यवस्था को युद्ध-उत्पादन के अधीन किया।
🔴 (3) युद्धोत्तर काल में मूल्य-वृद्धि व सामाजिक तनाव बढ़ा।

🟣 अनुभाग C — मध्यम उत्तर (3 अंक)
🟠 प्रश्न 23: औद्योगिकीकरण ने उन्नीसवीं शताब्दी के विश्व-बाज़ार को किस प्रकार बदला?
🟢 उत्तर:
🔵 (1) मशीन-निर्मित वस्त्र व उत्पादों के लिए नए बाज़ारों की माँग बढ़ी।
🟡 (2) कच्चे माल की तलाश ने उपनिवेशी विस्तार को तेज़ किया।
🔴 (3) अंतरराष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क गहन हुआ और वैश्विक मूल्य-उतार-चढ़ाव का प्रभाव व्यापक हुआ।


🟠 प्रश्न 24: कॉर्न लॉ हटाने के तीन परिणाम बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) ब्रिटेन में सस्ता अनाज उपलब्ध हुआ, मज़दूरी-लागत घटी।
🟡 (2) ब्रिटिश कृषकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से नुकसान हुआ, ग्रामीण संकट बढ़ा।
🔴 (3) औद्योगिक उत्पादन की लागत कम होने से ब्रिटेन के उद्योग प्रतिस्पर्धी बने।


🟠 प्रश्न 25: रिंडरपेस्ट महामारी के तीन प्रभाव लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) अफ़्रीका के मवेशियों की व्यापक मृत्यु से खाद्य व आर्थिक सुरक्षा टूटी।
🟡 (2) पशुपालक समाजों की आजीविका नष्ट हुई।
🔴 (3) यूरोपीय उपनिवेशवादियों को भूमि व श्रम पर नियंत्रण आसान हुआ।


🟠 प्रश्न 26: महामंदी (1929) के तीन प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) नक़दी फ़सलों की कीमतें ध्वस्त हुईं, किसानों की आय गिरी।
🟡 (2) कर-दबाव बना रहा, जिससे कर्ज़दारी बढ़ी।
🔴 (3) ग्रामीण दरिद्रता ने सामाजिक असंतोष और प्रवास को बढ़ावा दिया।

🟠 प्रश्न 27: ब्रेटन वुड्स संस्थाओं का एक लाभ और दो सीमाएँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) लाभ — वैश्विक वित्तीय स्थिरता और विकास ऋण उपलब्ध कराना।
🟡 (2) सीमा — विकासशील देशों की नीति-स्वायत्तता पर दबाव।
🔴 (3) सीमा — असमान लाभ वितरण और निर्भरता बढ़ना।

🔶 अनुभाग D — दीर्घ उत्तर (5 अंक)
🟠 प्रश्न 28: भूमंडलीकरण के पाँच आर्थिक प्रभाव समझाइए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) वैश्विक व्यापार व निवेश का विस्तार।
🟡 (2) उत्पादन व आपूर्ति श्रृंखलाओं का अंतरराष्ट्रीय एकीकरण।
🔴 (3) बहुराष्ट्रीय कंपनियों का उदय और श्रम स्थानांतरण।
🟣 (4) विकासशील देशों में निर्यात-आधारित उद्योगों की वृद्धि।
🟢 (5) असमानता और पर्यावरणीय दबाव जैसी चुनौतियाँ।


🟠 प्रश्न 29: भारत को उपनिवेश के रूप में किन दो भूमिकाओं में ढाला गया, और इसके तीन प्रभाव बताएँ।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) भूमिकाएँ — कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता व ब्रिटिश वस्तुओं का बाज़ार।
🟡 (2) प्रभाव —
  🔸 ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर नक़दी फ़सलों का दबाव।
  🔸 देसी शिल्प उद्योगों का पतन।
  🔸 रेलमार्ग व बंदरगाह से शहरी केंद्रों व मजदूर वर्ग का विस्तार।


🟠 प्रश्न 30: हरित क्रांति और आधुनिक तकनीक के पाँच प्रभाव लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 (1) उच्च उपज वाली किस्मों से खाद्यान्न उत्पादन में तेज़ वृद्धि।
🟡 (2) सिंचाई व मशीनरी से उत्पादन क्षमता में स्थिरता।
🔴 (3) खाद्य-सुरक्षा में सुधार।
🟣 (4) क्षेत्रीय असमानता और पर्यावरणीय चुनौतियाँ।
🟢 (5) कृषि-नवाचारों के प्रसार से ग्रामीण रोजगार पैटर्न में बदलाव।

🟠 अनुभाग E — केस/स्रोत आधारित प्रश्न (5 अंक)
🟠 प्रश्न 31 (स्थितिजन्य): मान लीजिए, पर्याप्त डिग्री होने पर भी युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा। कारण व समाधान लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 कारण — कौशल-मीसमैच, स्थानीय उद्योगों की कमी, शिक्षा व बाज़ार आवश्यकताओं का अंतर।
🟡 समाधान — व्यावसायिक शिक्षा, कौशल-विकास, अप्रेंटिसशिप, स्टार्टअप प्रोत्साहन।
🔴 परिणाम — स्थानीय रोज़गार सृजन व पलायन में कमी।


🟠 प्रश्न 32 (स्रोताधारित): किसी ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, बिजली और संचार सुविधाएँ आने के बाद नए रोजगार अवसर बने। निष्कर्ष बताइए।
🟢 उत्तर:
🔵 बुनियादी ढाँचा सुधार से उद्योग, पर्यटन व सेवाओं का विकास हुआ।
🟡 बाज़ार तक पहुँच बढ़ी, जिससे आय व रोजगार बढ़े।
🔴 ग्रामीण अर्थव्यवस्था सक्रिय होकर जनसंख्या संसाधन में बदली।


🟠 प्रश्न 33: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एशिया में उत्पादन स्थानांतरण के तीन लाभ और दो चुनौतियाँ लिखिए।
🟢 उत्तर:
🔵 लाभ —
  🔸 रोज़गार अवसरों में वृद्धि।
  🔸 निर्यात-आधारित उद्योगों का विकास।
  🔸 स्थानीय तकनीकी कौशल का उन्नयन।
🟡 चुनौतियाँ —
  🔸 श्रमिक अधिकारों और पर्यावरण सुरक्षा की समस्याएँ।
  🔸 आय असमानता और विदेशी निर्भरता में वृद्धि।

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एक पृष्ठ में पुनरावृत्ति

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स्मृति संकेत

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भ्रांति /वास्तविकता

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मजा भी , ज्ञान भी

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मस्तिष्क मानचित्र

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