Class 10, Science (Hindi)

Class 10 : Science (In Hindi) – Lesson 8. आनुवंशिकता

पाठ का विश्लेषण एवं विवेचन


🔵 प्रस्तावना
➡️ जीवों की प्रत्येक पीढ़ी में माता–पिता के गुण संतानों में स्थानांतरित होते हैं।
➡️ इस गुण–स्थानांतरण को ही अनुवांशिकता कहते हैं।
➡️ अनुवांशिकता के कारण ही संतानें अपने माता–पिता से मिलती–जुलती हैं, किंतु उनमें कुछ विविधताएँ भी होती हैं।
➡️ यह विषय आनुवंशिकी विज्ञान का आधार है।

🟠 अनुवांशिकता की आवश्यकता
🔵 जीवन की निरंतरता बनाए रखना।
🟢 प्रजातियों के मूल लक्षणों को अगली पीढ़ी तक पहुँचाना।
🟡 परिवर्तित परिस्थितियों में विविधता प्रदान करना।

🟣 गुणसूत्र और जीन
🔵 कोशिका के केन्द्रक में गुणसूत्र पाए जाते हैं।
🟢 गुणसूत्र पर स्थित सूक्ष्म संरचनाएँ जीन कहलाती हैं।
🟡 जीन वंशानुगत गुणों की इकाई हैं।
🔴 प्रत्येक गुणसूत्र युग्म में एक जीन पिता से और दूसरा जीन माता से प्राप्त होता है।

🌿 मेंडल के अनुवांशिक नियम
🟡 1. प्रभुत्व का नियम
🔵 जब किसी लक्षण के लिए दो जीन होते हैं, तो उनमें से एक प्रभावी (प्रभुत्वशाली) होता है और दूसरा अप्रभावी।
🟢 उदाहरण: मटर में लंबे पौधे (T) का जीन छोटे पौधे (t) पर प्रभावी है।


🟣 2. गुणों का पृथक्करण नियम
🔵 युग्मनज बनने पर प्रत्येक लक्षण के जीन अलग–अलग हो जाते हैं।
🟢 यानी, गामेट बनते समय T और t अलग–अलग गामेटों में चले जाते हैं।


🟠 3. स्वतंत्र वर्गीकरण का नियम
🔵 विभिन्न लक्षणों के जीन गामेट बनने पर स्वतंत्र रूप से संयोजित होते हैं।
🟢 उदाहरण: बीज का रंग और बीज का आकार अलग–अलग स्वतंत्रता से संयोजित होते हैं।

🟡 मेंडल के प्रयोग
🔵 मेंडल ने मटर के पौधों पर प्रयोग किए।
🟢 चयन के कारण – अल्पजीवी, स्वयं परागण व परपरागण संभव, आसानी से भिन्न लक्षण उपलब्ध।


🟡 चुने गए मुख्य लक्षण:
✔️ ऊँचाई (लंबा–बौना)
✔️ बीज का आकार (गोल–झुर्रीदार)
✔️ बीज का रंग (हरा–पीला)
✔️ फूल का रंग (बैंगनी–सफेद)
🟣 एकल संकर संकरण (Monohybrid cross)
🔵 लंबे पौधे (TT) × छोटे पौधे (tt)
🟢 संतान (F1 पीढ़ी) सभी लंबे (Tt)।


🟡 F2 पीढ़ी का अनुपात – 3 लंबे : 1 छोटा।
🟠 द्विगुणित संकरण (Dihybrid cross)
🔵 पीले गोल (YYRR) × हरे झुर्रीदार (yyrr)
🟢 F1 पीढ़ी – सभी पीले गोल (YyRr)।
🟡 F2 पीढ़ी – 9 पीले गोल : 3 पीले झुर्रीदार : 3 हरे गोल : 1 हरे झुर्रीदार।

🔵 लक्षण, जीन और ऐलिल
🔵 लक्षण – दिखाई देने वाली विशेषता (जैसे फूल का रंग)।
🟢 जीन – लक्षण नियंत्रित करने वाली वंशानुगत इकाई।
🟡 ऐलिल – एक ही लक्षण के लिए जीन के विभिन्न रूप।

🟠 समसूत्री और विषमसूत्री
🔵 समसूत्री (Homozygous) – जब दोनों जीन समान हों (TT या tt)।
🟢 विषमसूत्री (Heterozygous) – जब दोनों जीन भिन्न हों (Tt)।

🟡 प्रमुख पारिभाषिक शब्द
🔵 प्रभावी लक्षण – जो हमेशा व्यक्त होता है (T)।
🟢 अप्रभावी लक्षण – केवल तब व्यक्त होता है जब दोनों जीन समान हों (tt)।
🟡 जननवृत्त (Genotype) – जीन का संयोजन।
🔴 लक्षणवृत्त (Phenotype) – बाह्य स्वरूप में दिखाई देने वाला लक्षण।

🟣 आनुवंशिक विविधता
🔵 संतान में माता–पिता से मिले गुणों का संयोजन।
🟢 कारण – गामेट निर्माण में जीन का पृथक्करण और स्वतंत्र वर्गीकरण।
🟡 महत्व – नई परिस्थितियों के अनुरूप अनुकूलन और विकास की आधारशिला।

🌿 लिंग का निर्धारण
🔵 मनुष्य में 46 गुणसूत्र (23 युग्म)।
🟢 22 युग्म देह गुणसूत्र, 1 युग्म लिंग गुणसूत्र।
🟡 नर – XY, मादा – XX।
🔴 निषेचन के समय यदि शुक्राणु X लेकर अण्डाणु से जुड़ता है तो संतान स्त्री (XX) होगी, और यदि Y लेकर जुड़ता है तो संतान पुरुष (XY) होगी।

🟠 महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग
🔵 संकरण द्वारा उन्नत प्रजातियों का निर्माण।
🟢 कृषि में वांछित गुणों वाले पौधे।
🟡 पशुपालन में उच्च उत्पादन देने वाली नस्लें।

🟢 संक्षेप (~200 शब्द)
अनुवांशिकता = माता–पिता से संतानों में गुणों का स्थानांतरण।
गुणसूत्र और जीन इस प्रक्रिया के वाहक हैं।
मेंडल ने मटर के पौधों पर प्रयोग कर 3 नियम दिए: प्रभुत्व, पृथक्करण और स्वतंत्र वर्गीकरण।
एकल संकर संकरण → F2 में 3:1 अनुपात।
द्विगुणित संकरण → F2 में 9:3:3:1 अनुपात।
प्रभावी व अप्रभावी लक्षण, समसूत्री–विषमसूत्री, जननवृत्त–लक्षणवृत्त मुख्य अवधारणाएँ।
लिंग निर्धारण XY प्रणाली से होता है।
अनुवांशिकता प्रजातियों की निरंतरता और विविधता सुनिश्चित करती है, जो अनुकूलन और विकास के लिए आवश्यक है।

📝 त्वरित दोहरान
🔵 अनुवांशिकता = गुणों का स्थानांतरण
🟢 गुणसूत्र = केन्द्रक में, जीन = गुण नियंत्रक इकाई
🟡 मेंडल = प्रभुत्व, पृथक्करण, स्वतंत्र वर्गीकरण
🔴 एकल संकर संकरण = 3:1 अनुपात
🟣 द्विगुणित संकरण = 9:3:3:1 अनुपात
🟠 लिंग निर्धारण = XY प्रणाली
🟤 महत्व = विविधता, अनुकूलन, प्रजाति की निरंतरता

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न


प्रश्न 1. मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके पुष्प बैंगनी पुष्प थे, का संकरण छोटे पौधों जिनके पुष्प सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इसकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे छोटे थे। इससे कहा जा सकता है कि लंबे एवं बैंगनी पुष्पों की आनुवांशिक रचना निम्नलिखित थी—
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TtWW
(d) TtWw
उत्तर 1.
🔵 सही उत्तर: (d) TtWw
🟢 क्योंकि:
सभी पुष्प बैंगनी (W प्रभुत्वशाली) थे → पुष्प का जीन विषमसूत्री (Ww)।
आधे पौधे छोटे थे → ऊँचाई का जीन विषमसूत्री (Tt)।
🟡 अतः पौधों की आनुवांशिक संरचना TtWw रही।

प्रश्न 2. एक अध्ययन से पता चलता कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता–पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों का हल्का रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर 2.
🔵 हल्के रंग की आँखें केवल तब प्रकट होती हैं जब दोनों जनक में यह लक्षण हो।
🟢 इसका अर्थ है कि हल्के रंग की आँखों का लक्षण अप्रभावी है।
🟡 व्याख्या:
यदि यह प्रभावी होता तो माता–पिता में से किसी एक में उपस्थित होने पर भी संतति में यह प्रकट हो जाता।
चूँकि यह केवल तब प्रकट होता है जब दोनों माता–पिता से जीन मिलता है, इसलिए यह अप्रभावी है।

प्रश्न 3. डॉली की क्लोन के बारे में संक्षेप में उसके प्रजनन की प्रक्रिया बताइए।
उत्तर 3.
🔵 डॉली एक भेड़ थी जिसे निषेचन रहित प्रजनन (क्लोनिंग) तकनीक से बनाया गया।
🟢 प्रक्रिया:
एक भेड़ की शरीर कोशिका से केन्द्रक निकाला गया।
दूसरी भेड़ के अण्डाणु से केन्द्रक हटाकर उसमें पहला केन्द्रक डाल दिया गया।
संश्लेषित कोशिका को कृत्रिम रूप से भ्रूण में विकसित किया गया।
भ्रूण को तीसरी भेड़ के गर्भाशय में आरोपित किया गया।
🟡 परिणाम: नई भेड़ (डॉली) बिल्कुल पहली भेड़ जैसी आनुवंशिक संरचना वाली बनी।

प्रश्न 4. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवांशिक योगदान की समानता की किस प्रकार सुनिश्चितता की जाती है?
उत्तर 4.
🔵 प्रत्येक जनक संतति को अपने गुणसूत्रों का आधा–आधा भाग देता है।
🟢 नर के गामेट (शुक्राणु) और मादा के गामेट (अण्डाणु) में गुणसूत्रों की संख्या आधी (अर्द्धसूत्री विभाजन से बनी) होती है।
🟡 निषेचन के समय दोनों गामेट मिलकर पूर्ण गुणसूत्र संख्या पुनः स्थापित करते हैं।
🔴 इस प्रकार संतति को 50% योगदान पिता से और 50% योगदान माता से मिलता है।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न



🔵 खंड A (Q1–Q20, प्रत्येक 1 अंक)
Q1. मटर के पौधे पर मेंडल के प्रयोगों में कौन–सा लक्षण द्विगुणित संकरण का उदाहरण है?
फूल का रंग
बीज का आकार व बीज का रंग
पौधे की ऊँचाई
फूल का स्थान
उत्तर: 2


Q2. किसी जीव की जीन संरचना को कहते हैं—
लक्षणवृत्त
जननवृत्त
ऐलिल
प्रभुत्व
उत्तर: 2


Q3. किसी लक्षण का बाह्य स्वरूप कहलाता है—
लक्षणवृत्त
जननवृत्त
ऐलिल
गुणसूत्र
उत्तर: 1


Q4. गुणसूत्र में वंशानुगत इकाई होती है—
केन्द्रक
जीन
कोशिका द्रव्य
ऐलिल
उत्तर: 2


Q5. मटर में पीले बीज का रंग हरे बीज के रंग पर कैसा है?
अप्रभावी
प्रभुत्वशाली
समसूत्री
विषमसूत्री
उत्तर: 2


Q6. मटर के पौधों में गोल बीज का लक्षण है—
प्रभुत्वशाली
अप्रभावी
समसूत्री
ऐलिल
उत्तर: 1


Q7. एक युग्मज में गुणसूत्रों की संख्या क्या होती है?
आधी
दोगुनी
सामान्य
चौथाई
उत्तर: 3


Q8. मनुष्य में कुल गुणसूत्रों की संख्या होती है—
23
46
44
22
उत्तर: 2


Q9. मनुष्य में नर का लिंग गुणसूत्र संयोजन होता है—
XX
YY
XY
XO
उत्तर: 3


Q10. मनुष्य में मादा का लिंग गुणसूत्र संयोजन होता है—
XX
XY
XO
YY
उत्तर: 1

🟡 कथन–कारण प्रश्न (Q11–Q20)
👉 विकल्प:
दोनों कथन और कारण सही हैं; कारण कथन की सही व्याख्या है
दोनों कथन और कारण सही हैं; कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है
कथन सही है; कारण गलत है
कथन गलत है; कारण सही है
Q11.
कथन: मटर में पीले बीज का लक्षण प्रभुत्वशाली है।
कारण: प्रभुत्वशाली लक्षण हमेशा संतति में प्रकट होता है।
उत्तर: 1


Q12.
कथन: हरे बीज का लक्षण अप्रभावी है।
कारण: अप्रभावी लक्षण केवल तभी प्रकट होता है जब दोनों ऐलिल अप्रभावी हों।
उत्तर: 1


Q13.
कथन: लक्षणवृत्त जीव का बाहरी रूप है।
कारण: जननवृत्त जीव की आनुवांशिक संरचना है।
उत्तर: 1


Q14.
कथन: गुणसूत्र जीन से बने होते हैं।
कारण: जीन वंशानुगत सूचना को वहन करते हैं।
उत्तर: 2


Q15.
कथन: मेंडल ने मटर पर प्रयोग किए।
कारण: मटर आसानी से उगाई जाने वाली फसल थी।
उत्तर: 1


Q16.
कथन: युग्मनज में गुणसूत्र संख्या आधी होती है।
कारण: गामेट अर्द्धसूत्री विभाजन से बनते हैं।
उत्तर: 4


Q17.
कथन: नर गामेट लिंग निर्धारण में योगदान देता है।
कारण: नर में XY गुणसूत्र पाए जाते हैं।
उत्तर: 1


Q18.
कथन: XX संयोजन नर में पाया जाता है।
कारण: XY संयोजन मादा में होता है।
उत्तर: 4


Q19.
कथन: ऐलिल एक ही लक्षण के लिए विभिन्न रूप होते हैं।
कारण: एक जीन के अलग–अलग स्वरूप को ऐलिल कहते हैं।
उत्तर: 1


Q20.
कथन: मेंडल का द्विगुणित संकरण F2 पीढ़ी में 9:3:3:1 अनुपात देता है।
कारण: विभिन्न लक्षणों के जीन स्वतंत्र रूप से वर्गीकृत होते हैं।
उत्तर: 1

🟢 खंड B (Q21–Q26, 2 अंक प्रत्येक)
Q21. अनुवांशिकता की परिभाषा लिखो।
उत्तर 21.
🔵 माता–पिता से संतानों में गुणों का स्थानांतरण।
🟢 यह जीन और गुणसूत्रों द्वारा नियंत्रित होता है।


Q22. समसूत्री और विषमसूत्री में अंतर बताओ।
उत्तर 22.
🔵 समसूत्री – दोनों जीन समान (TT या tt)।
🟢 विषमसूत्री – दोनों जीन भिन्न (Tt)।


Q23. प्रभुत्वशाली लक्षण और अप्रभावी लक्षण में अंतर लिखो।
उत्तर 23.
🔵 प्रभुत्वशाली – हमेशा प्रकट होता है (T)।
🟢 अप्रभावी – केवल तब प्रकट होता है जब दोनों ऐलिल अप्रभावी हों (tt)।


Q24. जीन क्या है?
उत्तर 24.
🔵 गुणसूत्र पर स्थित वह वंशानुगत इकाई जो किसी लक्षण को नियंत्रित करती है।


Q25. मनुष्य में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर 25.
🔵 मादा – हमेशा X देती है।
🟢 नर – X या Y देता है।
🟡 यदि X के साथ निषेचन हुआ → XX (लड़की), Y के साथ हुआ → XY (लड़का)।


Q26. मेंडल ने मटर पर प्रयोग क्यों किए?
उत्तर 26.
🔵 मटर आसानी से उगने वाली फसल है।
🟢 इसमें भिन्न–भिन्न लक्षण पाए जाते हैं।
🟡 यह जल्दी फल–फूल देती है और स्वयं परागण व परपरागण दोनों संभव हैं।

🟡 खंड C (Q27–Q33, 3 अंक प्रत्येक)
Q27. एकल संकर संकरण का वर्णन करो।
उत्तर 27.
🔵 लंबे पौधे (TT) × छोटे पौधे (tt)।
🟢 F1 पीढ़ी – सभी लंबे (Tt)।
🟡 F2 पीढ़ी – 3 लंबे : 1 छोटा।


Q28. द्विगुणित संकरण का परिणाम लिखो।
उत्तर 28.
🔵 पीले गोल (YYRR) × हरे झुर्रीदार (yyrr)।
🟢 F1 – सभी पीले गोल (YyRr)।
🟡 F2 – 9 पीले गोल : 3 पीले झुर्रीदार : 3 हरे गोल : 1 हरे झुर्रीदार।


Q29. ऐलिल क्या हैं? उदाहरण सहित समझाओ।
उत्तर 29.
🔵 एक ही लक्षण के लिए जीन के विभिन्न रूप ऐलिल कहलाते हैं।
🟢 उदाहरण – T और t (ऊँचाई के लिए)।


Q30. जननवृत्त और लक्षणवृत्त में अंतर लिखो।
उत्तर 30.
🔵 जननवृत्त – जीन संयोजन।
🟢 लक्षणवृत्त – बाह्य स्वरूप।
🟡 उदाहरण – Tt (जननवृत्त), लंबा पौधा (लक्षणवृत्त)।


Q31. गुणसूत्र की भूमिका बताओ।
उत्तर 31.
🔵 यह जीन को वहन करता है।
🟢 वंशानुगत सूचना संतति तक पहुँचाता है।
🟡 यह कोशिका विभाजन के समय समान रूप से वितरित होता है।


Q32. लिंग गुणसूत्र क्या हैं?
उत्तर 32.
🔵 ऐसे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण करते हैं।
🟢 नर – XY, मादा – XX।


Q33. अनुवांशिकता का महत्व लिखो।
उत्तर 33.
🔵 प्रजातियों की निरंतरता।
🟢 गुणों का स्थानांतरण।
🟡 आनुवंशिक विविधता और अनुकूलन।

🔴 खंड D (Q34–Q36, 5 अंक प्रत्येक)
Q34. मेंडल के तीनों नियम विस्तार से लिखो।
उत्तर 34.
🔵 प्रभुत्व का नियम – एक ऐलिल प्रभावी, दूसरा अप्रभावी।
🟢 पृथक्करण का नियम – गामेट निर्माण पर ऐलिल अलग हो जाते हैं।
🟡 स्वतंत्र वर्गीकरण का नियम – विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वर्गीकृत होते हैं।
🔴 प्रत्येक नियम का उदाहरण मटर के पौधों पर आधारित है।


Q35. लिंग निर्धारण की प्रक्रिया विस्तार से समझाओ।
उत्तर 35.
🔵 मनुष्य में 46 गुणसूत्र।
🟢 44 देह गुणसूत्र + 2 लिंग गुणसूत्र।
🟡 मादा – XX, नर – XY।
🔴 निषेचन के समय अण्डाणु हमेशा X देता है।
🟣 शुक्राणु X या Y ला सकता है।
🟤 X मिलने पर संतान स्त्री, Y मिलने पर संतान पुरुष।


Q36. मेंडल के प्रयोगों में मटर का चयन करने के कारण विस्तार से लिखो।
उत्तर 36.
🔵 मटर आसानी से उगता है।
🟢 जीवन चक्र छोटा है।
🟡 इसमें स्पष्ट लक्षण उपलब्ध हैं।
🔴 स्वयं परागण और परपरागण दोनों संभव हैं।
🟣 इससे परिणाम जल्दी और स्पष्ट मिले।

🟣 खंड E (Q37–Q39, 4 अंक प्रत्येक)
Q37.
एक किसान ने मटर के लंबे पौधे (Tt) और छोटे पौधे (tt) का संकरण किया।
(i) F1 संतति का लक्षण बताओ।
(ii) जननवृत्त अनुपात क्या होगा?
(iii) लक्षणवृत्त अनुपात क्या होगा?
उत्तर 37.
🔵 F1 = 2 लंबे : 2 छोटे।
🟢 जननवृत्त अनुपात = 2 Tt : 2 tt।
🟡 लक्षणवृत्त अनुपात = 1 लंबा : 1 छोटा।

Q38.
एक परिवार में दोनों माता–पिता की आँखें भूरी थीं लेकिन बच्चों में से एक की आँखें नीली थीं।
(i) नीली आँख का लक्षण प्रभावी है या अप्रभावी?
(ii) माता–पिता का जननवृत्त कैसा रहा होगा?
(iii) बच्चों में विविधता का कारण क्या है?
उत्तर 38.
🔵 नीली आँख = अप्रभावी लक्षण।
🟢 माता–पिता विषमसूत्री (Bb)।
🟡 विविधता = ऐलिल का पृथक्करण।

Q39.
एक छात्र ने मटर के पौधे पर बीज के रंग और आकार का द्विगुणित संकरण किया।
(i) किस अनुपात में संतति प्राप्त हुई?
(ii) कौन–सा नियम सिद्ध हुआ?
(iii) इसका महत्व क्या है?
उत्तर 39.
🔵 अनुपात = 9:3:3:1।
🟢 नियम = स्वतंत्र वर्गीकरण।
🟡 महत्व = विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से अगली पीढ़ी में जाते हैं।

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स्मृति संकेत

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भ्रांति /वास्तविकता

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मजा भी , ज्ञान भी

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मस्तिष्क मानचित्र

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